शुक्र का कन्या राशि में गोचर कल, जानें प्रभाव

इन 9 राशि वालों के लिए शुभ है यह गोचर! पढ़ें 1 अगस्त 2018 को शुक्र के कन्या राशि में होने वाले गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव और जानें आपके जीवन पर क्या होगा इसका असर।


प्रेम, कला, सौंदर्य और जीवनसाथी का कारक कहा जाने वाला शुक्र ग्रह 1 अगस्त 2018 को दोपहर 12:41 बजे कन्या राशि में गोचर करेगा और 1 सितंबर 2018, शनिवार रात्रि 11:46 तक इसी राशि में स्थित रहेगा। शुक्र का गोचर 9 राशि वाले जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। क्योंकि इस गोचरीय अवधि में इन राशि के जातकों को करियर, व्यवसाय, पारिवारिक-वैवाहिक जीवन में सुख और धन लाभ की प्राप्ति के प्रबल योग बनेंगे। वहीं बाकी 3 राशि मेष, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर अधिक लाभकारी नहीं रहेगा। आइये अब विस्तार से जानते हैं सभी 12 राशियों पर शुक्र के इस गोचर का होने वाला असर-


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


आपको विविध क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके विरोधियों की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए उनसे सावधान रहें...आगे पढ़ें

वृषभ


बच्चे आपसे स्नेह और आपका सम्मान करेंगे। आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। धन में वृद्धि संभव है और लॉटरी लगने के भी योग हैं...आगे पढ़ें

मिथुन


आपकी लंबे समय से रुकी हुई इच्छा के पूर्ण होने की प्रबल संभावना है। आपको आर्थिक लाभ होने के योग हैं...आगे पढ़ें


कर्क


आपकी किस्मत का सितारा बुलंद रहेगा। निजी जीवन में मित्रों की संख्या में वृद्धि होगी, जबकि शत्रुओं पर आपका भय बना रहेगा...आगे पढ़ें

सिंह


आपको विभिन्न स्रोतों से लाभ प्राप्त होने के योग हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी आपको इस गोचर का लाभ मिलेगा और आप एक दम दुरुस्त रहेंगे...आगे पढ़ें

कन्या


आपके जीवन में धन एवं ख़ुशियों का आगमन होगा। शत्रु भी आपका सामना करने से घबराएंगे। ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे आपके मान-सम्मान में कमी आए...आगे पढ़ें


तुला


धन लाभ के योग हैं। मित्रों की ओर से भी आपको किसी प्रकार का लाभ मिल सकता है। इस अवधि में आप भौतिक सुख-सुविधाओं का आनंद लेंगे...आगे पढ़ें

वृश्चिक


आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। आपके खान-पान और रहन-सहन में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा...आगे पढ़ें

धनु


आपकी सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है इसलिए अपना ख़्याल रखें। वहीं पैसों की लेनदेन में सावधानी बरतें वरना धन हानि का भय है...आगे पढ़ें


मकर


विविध क्षेत्रों में लाभ मिलने के योग हैं। आप कपड़े, ज्वैलरी अथवा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स आदि ख़रीद सकते हैं...आगे पढ़ें

कुंभ


आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत रहेगी और आप धन एकत्रित करने में सफल रहेंगे। जीवन में ख़ुशियों के रंग-बिरंगे पल आएंगे...आगे पढ़ें

मीन


ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे आपके मान-सम्मान में कमी आए। प्रोफ़ेशनल क्षेत्र में आपको सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा...आगे पढ़ें

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साप्ताहिक राशिफल- 30 जुलाई से 5 अगस्त 2018

जानें इस सप्ताह की 6 भाग्यशाली राशियां! पढ़ें साप्ताहिक राशिफल और जानें नौकरी, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रेम और पारिवारिक जीवन के लिए कैसा रहेगा यह सप्ताह।


यह सप्ताह मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या और कुंभ राशि वाले जातकों के लिए खास रहने वाला है। इस दौरान इन राशि के जातकों को धन लाभ, पारिवारिक जीवन में आनंद, आर्थिक संपन्नता और लंबी दूरी या विदेश यात्रा के अवसर मिलेंगे। वहीं अन्य 6 राशि वालों के लिए यह सप्ताह चुनौतियों के बीच धीरे-धीरे सफलता देने वाला सिद्ध होगा।

1 अगस्त को शुक्र ग्रह कन्या राशि में गोचर करेगा और शनि की विशेष दृष्टि में रहेगा। इसके प्रभाव से चांदी, गेहूं, गुड़, रेशमी वस्त्र और आईटी सेक्टर के शेयरों में विशेष तेजी के योग बनेंगे। वहीं 1 अगस्त को वक्री बुध के अस्त होने से चांदी के भाव जोरदार तेजी देखने को मिल सकती है।

आज इस सप्ताह की शुरुआत सावन माह के पहले सोमवार से हो रही है। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए शिव भक्तों के लिए सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। 



यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


इस सप्ताह आपके लिए धन लाभ के मार्ग खुलेंगे और आप उन अवसरों का लाभ उठा कर अच्छा धन लाभ अर्जित करेंगे...आगे पढ़ें

वृषभ


इस सप्ताह आप प्रसन्नचित रहेंगे और मानसिक रूप से खुद को सशक्त महसूस करेंगे। आपकी ऊर्जा में वृद्धि होगी...आगे पढ़ें

मिथुन


इस सप्ताह आप किसी सुदूर यात्रा पर जा सकते हैं। यह यात्रा सफल सिद्ध होगी और विशेष रूप से किसी मनोरंजन के अवसर के रूप में भी यात्रा हो सकती है...आगे पढ़ें



कर्क


इस सप्ताह आप मानसिक रुप से कुछ परेशान रह सकते हैं। एक से अधिक समस्याएं आपके सामने खड़ी हो सकती हैं...आगे पढ़ें

सिंह


इस सप्ताह आप कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे और उसके बलबूते आप कार्य क्षेत्र में तरक्की प्राप्त करेंगे...आगे पढ़ें

कन्या


इस सप्ताह आपकी आमदनी में जबरदस्त इजाफा होने के योग बनेंगे। हालांकि दूसरी और खर्चे भी बराबर बने रहेंगे...आगे पढ़ें


तुला


इस सप्ताह आप कुछ नया करने का प्रयास करेंगे। आपके अंदर किसी कलात्मक अभिरुचि का विकास होगा और आप दिल से खुश रहेंगे...आगे पढ़ें


वृश्चिक


इस सप्ताह आप अधिकांश समय अपने परिवार को देंगे और अपने परिजनों के साथ आनंद का अनुभव करेंगे...आगे पढ़ें

धनु


इस सप्ताह आप को अपने वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा और आपके सहकर्मी भी आपको पूरा समर्थन देंगे...आगे पढ़ें


मकर


इस सप्ताह आप को स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर सजग रहना होगा क्योंकि जरा सी भूल आपको कोई बड़ी बीमारी दे सकती है...आगे पढ़ें

कुंभ


इस सप्ताह आप किसी विदेश यात्रा अथवा सुदूर यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं। आपके पारिवारिक जीवन में संतुष्टि रहेगी...आगे पढ़ें

मीन


इस सप्ताह आप अकेले रहना पसंद करेंगे और एकांत में बैठकर अपने जीवन के बारे में सोचेंगे। इससे आपको आंतरिक बल मिलेगा...आगे पढ़ें

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मानसून सेल 2018- आज से शुरू

80% तक डिस्काउंट, ₹199, ₹299 वाली शानदार डील्स! मानसून सेल में 28 से 30 जुलाई तक ज्योतिषीय सेवाओं और उत्पादों पर उठाएँ बेहतरीन ऑफर्स का लाभ। ये मौका हाथ से जाने न दें!

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कल से शुरू होंगे सावन, जानें शिव पूजन विधि

भगवान शिव को करें प्रसन्न और पाएँ वरदान! 28 जुलाई 2018 से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है। जानें भगवान शिव को प्रिय इस माह की महिमा और महत्व!


श्रावण मास 



हिन्दू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है, विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए। क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का पांचवां महीना श्रावण मास है। इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना जुलाई या अगस्त माह में आता है। श्रावण मास का आगमन वर्षा ऋतु के समय में होता है। यह वह समय होता है जब धरती पर चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है। सावन में स्नान और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का बड़ा महत्व है।

सावन के सोमवार की तारीख


सावन के सोमवारदिनांक
सावन माह प्रारंभ28 जुलाई 2018
सावन का पहला सोमवार30 जुलाई 2018
सावन का दूसरा सोमवार6 अगस्त 2018
सावन का तीसरा सोमवार13 अगस्त 2018
सावन का चौथा सोमवार20 अगस्त 2018
सावन माह का अंतिम दिन26 अगस्त 2018

सावन सोमवार व्रत व पूजा विधि 


सावन का पूरा महीना भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता है। सावन के महीने में आने वाले प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। देश के तमाम ज्योतिर्लिंग और शिवालयों में भगवान भोलेनाथ के भक्तों का तांता लगा रहता है। आइये जानते हैं शिव पूजन और सावन सोमवार की व्रत विधि।
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। 
  • तत्पश्चात भगवान शिव का जल व दूध से अभिषेक करें।
  • इसके बाद चंदन का तिलक लगाएं और बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि चढ़ाएँ। 
  • घी या तेल का दीया जलाएं।
  • सावन सोमवार व्रत कथा व शिव चालीसा का पाठ करके मंगल आरती गाएं।
  • व्रत के दिन सुबह और शाम भगवान शिव की आराधना करें। 
  • शाम को पूजा समाप्ति के बाद व्रत खोलें और भोजन करें।

भगवान भोलेनाथ को क्यों प्रिय है श्रावण मास?


सावन मास में किए जाने वाले सोमवार के व्रत भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस संदर्भ में कई कथाएं हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन मास में निराहार रहकर कठोर व्रत किया। इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनसे विवाह किया। 

वहीं दूसरी कथा के अनुसार ऐसा भी माना जाता है कि इसी माह में भगवान शिव पृथ्वी पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत जलाभिषेक आदि से किया गया था। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव हर वर्ष सावन मास में अपनी ससुराल आते हैं और पृथ्वी पर रहने वाले वासियों के लिए कृपा प्राप्त करने का यह सबसे उत्तम समय होता है।

सावन सोमवार व्रत का महत्व


सावन के महीने में जो भक्त भगवान शिव की श्रद्धाभाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें भगवान शिव की कृपा ज़रूर प्राप्त होती है। ऐसा भी माना जाता है कि विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय व अविवाहित महिलाएं अच्छे वर की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं। वहीं सावन में भगवान शिव के पूजन व व्रत से लंबी आयु का वरदान भी प्राप्त होता है। 

हम आशा करते हैं कि सावन के इस पवित्र माह में भगवान भोलेनाथ की कृपा आप पर बनी रहे। एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को अनंत शुभकामनाएँ!
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चंद्रग्रहण आज, पढ़ें राशिफल

3 राशि वालों के लिए लाभकारी, 9 राशि वालों पर भारी! पढ़ें आज मध्य रात्रि में होने वाले चंद्रग्रहण का समय, सूतक और राशिफल।
साल 2018 का दूसरा चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई (शुक्रवार) की मध्य रात्रि में घटित होने जा रहा है। सबसे खास बात है कि यह सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण है। यह दुर्लभ संयोग है कि यह चंद्रग्रहण 104 साल बाद घटित हो रहा है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो कि भारत समेत संपूर्ण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, हिन्द तथा अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। 

चंद्र ग्रहण- 27-28 जुलाई 2018
समयप्रकारदृश्यता
23:56:26 से 03:48:59 बजे तक (भारतीय समयानुसार)पूर्ण चंद्रग्रहणभारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, यूरोप के देशों में

विशेष: ग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 12:27 बजे से प्रारंभ हो जाएगा और ग्रहण समाप्ति पर खत्म होगा।

आज गुरु पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जा रहा है। हालांकि चंद्रग्रहण के सूतक की वजह से गुरु पूर्णिमा पर होने वाला पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान दोपहर 12.27 बजे से पहले करना सही होगा। क्योंकि ग्रहण का सूतक लगने के बाद मूर्ति पूजा और मूर्ति स्पर्श वर्जित माना जाता है।

ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव


इस चंद्रग्रहण का देश-दुनिया और मानव जीवन पर गहरा असर देखने को मिलेगा। ग्रहण के आषाढ़ मास में घटित होने से नदी और तालाबों का जल स्तर कम हो जाएगा और कुछ हिस्सों में सूखा व अकाल पड़ने की संभावना बनेगी। अफगानिस्तान के कांधार, भारत में कश्मीर और चीन समेत कई देश और प्रदेशों में राजनीतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक प्रकोप से जन व धन हानि हो सकती है। 

यह चंद्रग्रहण मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम चरण में प्रारंभ होकर श्रवण नक्षत्र में समाप्त होगा। जिस राशि या नक्षत्र में ग्रहण घटित होता है उस राशि व नक्षत्र से संबंधित लोगों को कष्ट होने की संभावना रहती है। इससे बचने के लिए हिन्दू धर्म में हवन, शांति, दान और मंत्र जप आदि उपाय बताये गये हैं। अतः इस चंद्रग्रहण में प्रभावित होने वाली राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से चंद्र-राहु तथा राशि स्वामी शनि का जप और दान करना कल्याणकारी होगा।

शुक्रवार को चंद्रग्रहण


चंद्रग्रहण शुक्रवार को घटित होने से चांदी, मोती के भाव में तेजी आएगी। वहीं सफेद वस्त्र, चीनी, घी, चने और रुई के भाव भी बढ़ेंगे। 

ग्रहण का नक्षत्रफल


यह ग्रहण उत्तराषाढ़ा और श्रवण नक्षत्र में घटित हो रहा है, इसलिए वैदिक कर्म करने वाले ब्राह्मण, ईश्वर भक्त और कुश्ती व मल्ल करने वालों को कष्ट पहुंचा सकता है।

ग्रहण योग फल


इस चंद्रग्रहण के ‘प्रीति’ योग में घटित होने से दोस्तों-रिश्तेदारों में मनमुटाव, मंत्रिमंडल में तालमेल का अभाव देखने को मिल सकता है।


पढ़ें चंद्र ग्रहण का राशिफल-

मेष: पारिवारिक सुखों में कमी आएगी और परेशानियां उत्पन्न होंगी...आगे पढ़ें

वृषभ: किसी बात को लेकर चिंता बढ़ सकती है...आगे पढ़ें

मिथुन: विरोधियों से सावधान रहने की आवश्यकता है...आगे पढ़ें

कर्क: वैवाहिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

सिंह: धन हानि होने की संभावना है। शारीरिक कष्ट होने से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

कन्या: आय की तुलना में खर्चों में अधिक बढ़ोत्तरी होगी...आगे पढ़ें

तुला: हर काम में निपुणता आएगी और लाभ प्राप्त होगा...आगे पढ़ें

वृश्चिक: नौकरी व व्यवसाय में प्रगति होगी और धन लाभ होने से आर्थिक स्थिरता आएगी...आगे पढ़ें

धनु: धन हानि होने की संभावना है। कुछ कारणों से यात्राएं करनी पड़ेगी...आगे पढ़ें

मकर: वाहन सावधानी से चलाएं, क्योंकि चोट लगने की संभावना है...आगे पढ़ें

कुंभ: धन हानि होने की संभावना है। व्यर्थ की चिंता से मानसिक तनाव बढ़ेगा...आगे पढ़ें

मीन: छोटी दूरी की यात्राएं होंगी। भाई-बहनों के लिए समय अच्छा रहेगा...आगे पढ़ें

ग्रहण का सूतक


चूंकि यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक और धार्मिक महत्व माना जाएगा। चंद्रग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 12:27 बजे से प्रारंभ होगा और 28 जुलाई को रात्रि 03:48 पर ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म हो जाएगा। चूंकि 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है इसलिए पूजा संबंधी सभी धार्मिक कार्य 12:27 बजे से पहले कर लें। 

  • सूतक और ग्रहण काल के दौरान मूर्ति पूजा, मूर्ति स्पर्श और खाना-पीना आदि वर्जित माना गया है। 
  • सूतक और ग्रहण काल के समय मंत्र जप विशेष लाभकारी माना गया है। 
  • ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन करें इससे आपको लाभ और लंबे रोग से छुटकारा मिलेगा। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा निर्बल है तो “ॐ चन्द्राय: नमः” मन्त्र का जप करें |
  • सूतक के नियम असहाय,गर्भवती महिलाएं, बुज़ुर्ग , बच्चे और बीमार व्यक्ति पर यह लागू नहीं होते है।
  • सूतक में भोजन ना करे | बहुत ही आवश्यक होने पर दूध , फल, जूस या सात्विक भोजन ले सकते है | सूतक में भोजन ना बनाये | 

ग्रहण के समय क्या करें, क्या न करें


मान्यता है कि ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक शक्तियां प्रबल हो जाती हैं। जिनका मानव समुदाय पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कुछ कार्य अवश्य रूप से करना चाहिए और कुछ कार्य बिल्कुल नहीं करने चाहिए।

  • चंद्र ग्रहण के घटित होने से पहले दूध-दही और बने हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डाल दें। ऐसा करने से इन पदार्थों पर ग्रहण का असर नहीं होता है।
  • ग्रहण से पहले भोजन कर लें और ग्रहण के दौरान कुछ न खाएं।
  • ग्रहण के समय पूजन, भगवान की मूर्ति और तुलसी व शमी के पौधे का स्पर्श न करें।
  • गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान काटने, छीलने और सिलने का कार्य करने से बचें।
  • चाकू, कैंची और सुई का उपयोग भूलकर भी न करें।
  • ग्रहण के समय जितना अधिक से अधिक हो सके चंद्र मंत्र और ईश्वर का ध्यान करें।

ग्रहण समाप्ति के बाद करें ये काम


  • ग्रहण समाप्ति पर स्वयं स्नान करे और भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं।
  • तुलसी व शमी के पौधे में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • ग्रहण के बाद गरीबों को दान और दक्षिणा दें। 

ग्रहण का असर हर राशि पर पड़ता है लेकिन गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बच्चे के लिए चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिला को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। माना जाता है कि जो गर्भवती महिलाएं ग्रहण को देख लेती हैं उनके शिशु को शारीरिक या मानसिक हानि हो सकती है। हालांकि आधुनिक विज्ञान में इस बात का कोई आधार नहीं है। लेकिन जो चंद्रमा समुद्र में ज्वार भाटा लाने में सक्षम होता है, उसके ग्रहण का प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य ही पड़ता है। क्योंकि मनुष्य के शरीर में 70% भाग में पानी होता है। 

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गुरु पूर्णिमा कल, चंद्रग्रहण का साया!

ग्रहण सूतक लगने से पहले करें पूजन, जानें समय। 27 जुलाई 2018 को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। पढ़ें इस पर्व का धार्मिक महत्व।


गुरु पूर्णिमा पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। इस दिन गुरु व इष्ट देव की आराधना का विशेष महत्व है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह पर्व जुलाई या अगस्त महीने में आता है। इस साल गुरु पूर्णिमा उत्सव 27 जुलाई को मनाया जाएगा। इसी दिन साल का दूसरा चंद्रग्रहण भी घटित होगा, इसलिए गुरु पूर्णिमा पर होने वाली पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठान ग्रहण के सूतक लगने से पूर्व करने होंगे। 

विशेष: 27 जुलाई को चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 12:27 बजे से लग जाएगा, इसलिए गुरु पूर्णिमा पर होने वाली पूजा इस समय से पहले करना सही होगा।

हिंदू धर्म में गुरु का स्थान सर्वोच्च माना गया है, इस वजह से इस दिन गुरूदेव के पूजन का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचियता ऋषि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन व्यास जी की पूजा की जाती है और उनकी स्मृति में सभी लोग अपने गुरु, इष्ट और आराध्य देव की पूजा करते हैं।


पूजन विधि


आइये जानते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु देव को प्रसन्न करने के लिए कैसे करें उनका पूजन।

  • गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें।
  • इसके बाद नए अथवा साफ कपड़े पहनकर गुरु के पास जाएं।
  • गुरु को ऊँचे सुसज्जित आसन पर बिठाकर पुष्प माला पहनाएं और फल आदि अर्पित करें। 
  • श्रद्धानुसार दक्षिणा देकर पूर्ण आस्था के साथ गुरु की पूजा करें तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। 
  • इस दिन गुरु(शिक्षक) के साथ-साथ जीवन का पाठ सिखाने वाले अन्य गुरु समान अग्रज लोग जैसे- माता-पिता, भाई-बंधु आदि का भी आदर-सम्मान करना चाहिए।
  •  इस दिन गुरु से गुरु मंत्र लेना चाहिए। साथ ही अपने इष्ट देव को भी गुरु के रूप में पूजना चाहिए।


गुरु पूर्णिमा का महत्व 


हमारे वेदों में गुरु को त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश से ऊपर बताया गया है क्योंकि वो गुरु ही है जो अपने शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य करता है, प्राचीन काल में गुरुकुल में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र, इसी दिन श्रद्धा व भक्ति के साथ अपने गुरु की पूजा-अर्चना किया करते थे। गुरु पूर्णिमा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा का बहुत महत्व है। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है, मंदिरों में पूजा-अर्चना होती है और जगह-जगह पर भंडारे व मेले लगते हैं। विद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा गुरु को सम्मानित किया जाता है।

हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य की परंपरा सदियों से चली आ रही है। गुरु के प्रति आदर के इसी भाव को व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व।

एस्ट्रोसेज की ओर सभी पाठकों को गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाएँ!

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बुध कल कर्क राशि में होगा वक्री, पढ़ें राशिफल

जानें राशि के अनुसार होने वाले लाभ और हानियां ! पढ़ें 26 जुलाई 2018 को बुध के कर्क राशि में वक्री होने का राशिफल और जानें आपके जीवन पर क्या होगा इसका असर!


वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क शक्ति, गणित, अनुसंधान, सांख्यिकी और यात्रा का कारक कहा जाता है। सामान्यतः किसी ग्रह का वक्री होना शुभ नहीं माना जाता है लेकिन यह भी जरूरी नहीं है कि वक्री ग्रह हमेशा अशुभ परिणाम दें। क्योंकि कभी-कभी ग्रहों का वक्री होना अत्यंत लाभकारी भी होता है।

बुध ग्रह 26 जुलाई 2018, गुरुवार सुबह 10:32 बजे कर्क राशि में वक्री हो जाएगा और 19 अगस्त 2018, रविवार सुबह 9:55 तक वक्री अवस्था में रहेगा। बुध ग्रह वक्री होकर सभी 12 राशि के जातकों को मिश्रित फल प्रदान करेगा। बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध का कुंडली में वक्री होना कई तरह की शक्तियां प्रदान कर सकता है। 

आइये जानते हैं बुध के कर्क राशि में वक्री होने पर विभिन्न राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव-


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


बुध के वक्री होने से आपको घरेलू जीवन में शांति और सद्भाव बनाये रखने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। वहीं कार्यक्षेत्र में भी इच्छानुसार परिणाम पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। नये घर या भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत करने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बुध की इस गोचरीय अवधि में बिना सोचे-समझे कोई भी निर्णय न लें अन्यथा बाद में आपको पछताना पड़ सकता है।

उपायः बुधवार के दिन ब्राह्मणों को फल दान में दें

वृषभ


गोचर के दौरान आपकी संवाद शैली में कुछ कमी देखने को मिल सकती है, इसलिए जो भी बोलें सोच-समझकर बोलें। अच्छी आय अर्जित करने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे। कम दूरी की यात्राओं के योग बनेंगे। आप अपने प्रयासों से अधिक से अधिक धन लाभ अर्जित करेंगे। दार्शनिक और आध्यात्मिक विषयों में आपकी रूचि बढ़ेगी। छात्रों को परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी।

उपायः गौ माता की सेवा करें

मिथुन


आपकी भाषा और व्यवहार में विनम्रता की कमी देखने को मिल सकती है। अपनी वाणी से दूसरों का दिल जीतने के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं। बुध की इस वक्री अवस्था में आपका साहस बढ़ेगा लेकिन किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आपको अत्याधिक परिश्रम करना होगा। पड़ोसियों से विवाद होने की संभावना भी बन सकती है इसलिए सभी से मधुर व्यवहार बनाये रखने की कोशिश करें।

उपायः भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें चंदन चढ़ाएँ।


कर्क


आपकी ही राशि में बुध वक्री गति कर रहा है, इसलिए यह समय आपके लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि आप स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं तो परेशानी और बढ़ सकती है, इसलिए सेहत का विशेष ख्याल रखें। निजी जीवन और प्रोफेशनल लाइफ में कुछ उतार-चढ़ाव होने की संभावना है। विदेशी संबंधों से मिलने वाले लाभ में कुछ अड़चनें आ सकती हैं। इस अवधि में आपको सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी।

उपायः बुधवार के दिन कपूर दान करें

सिंह


बुध के वक्री होने से आपके ख़र्चों में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। घर के किसी सदस्य के विदेश यात्रा पर जाने के प्रबल योग बनेंगे। इस अवधि में किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति बन सकती है इसलिए बेवजह के विवादों से बचने की कोशिश करें। यदि विवाहित हैं तो संतान से सहयोग मिलेगा। धन और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। कामकाज के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है।

उपायः शुद्ध घी एवं कपूर से विष्णु जी की पूजा करें

कन्या


आपके स्वभाव में निराशा और हताशा बढ़ सकती है, इसलिए धैर्य और संयम बनाये रखें। समाज से जुड़े कार्यों में अधिक सक्रिय रहेंगे। प्रियतम और दोस्तों के साथ छोटी-मोटी तकरार हो सकती है। छात्रों के लिए बुध की यह गोचरीय अवधि सामान्य रहने की संभावना है। इस दौरान छात्रों को सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। इस समय में धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे। 

उपायः प्रतिदिन ‘श्री विष्णु सहस्रनाम’ का जप करें


तुला


वैवाहिक जीवन में सुख और सहयोग बढ़ेगा। इस अवधि में आप अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में सुकून का अनुभव करेंगे। विदेश संबंधों से मिलने वाले लाभ में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। आपको अपनी संवाद शैली में कुछ कमी देखने को मिल सकती है। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा, हालांकि आपको मिलने वाली कोई सफलता में थोड़ी देरी हो सकती है।

उपायः अपनी बहन अथवा चाची को कोई उपहार भेंट करें।

वृश्चिक


इस अवधि में वृश्चिक राशि के जातकों को लॉटरी के माध्यम से धन प्राप्ति होने की संभावना है। आप अपने परिश्रम से कार्यक्षेत्र में ख्याति प्राप्त करेंगे। रहस्यमयी विद्या को सीखने में रूचि दिखाएंगे। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों को कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। आमदनी के स्त्रोत में वृद्धि होगी। इस अवधि में जीवन में थोड़ा संघर्ष भी करना पड़ सकता है।

उपायः बुधवार के दिन हरी सब्जियां दान में दें

धनु


वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ने की संभावना बनेगी, इसलिए धैर्य से काम लें। बेहतर होगा कि जीवनसाथी के साथ अच्छा व्यवहार करें। ज्योतिष या अन्य रहस्यमयी विद्या को जानने में आपकी रूचि बढ़ सकती है। किसी भी परिस्थिति में बोलते समय शब्दों का चयन सोच-समझकर करें। इस अवधि में आपको अप्रत्याशित लाभ होने की प्रबल संभावना है। वहीं आपके पिता जी को धन हानि हो सकती है।

उपायः गाय को हरा चारा एवं गुड़ खिलाएँ।


मकर


जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में आगे न बढ़ें वरना विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से बुध का वक्रीय होना आपकी परेशानी बढ़ा सकता है, इसलिए सेहत का विशेष ध्यान रखें। नौकरी पेशा जातकों को मिलने वाली सफलता में थोड़ी देरी हो सकती है। इस दौरान किसी के साथ बहसबाजी या विवाद करने से बचें वरना आपकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दाम्पत्य जीवन में भी जीवनसाथी से किसी बात को लेकर विवाद करने से बचें।

उपायः किन्नरों का आशीर्वाद लें।

कुंभ


धन संबंधी मामले तनाव का कारण बन सकते हैं। आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। अगर अदालत में कोई मुकदमा चल रहा है तो, उसका फैसला आने में देरी हो सकती है। आपकी सेहत और ज्यादा खराब हो सकती है इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। इस अवधि में अपने गुस्से पर काबू रखने की कोशिश करें।

उपायः बुधवार को शुद्ध घी का दान करें।

मीन


धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। आप विरोधियों पर हावी रहेंगे और उन्हें परास्त कर देंगे। आप ध्यान मंत्र, वाणिज्य और गणित जैसे विषयों को सीखने में अधिक रूचि दिखाएंगे। वहीं छात्रों को अध्ययन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। जीवन साथी को कोई उपलब्धि हासिल हो सकती है। 

उपायः गणपति महाराज की पूजा करें और उन्हें मोदक एवं दूर्वा (घास) चढ़ाएँ।

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साप्ताहिक राशिफल- 23 से 29 जुलाई 2018

नौकरी-बिजनेस से जुड़ी भविष्यवाणियाँ! पढ़ें साप्ताहिक राशिफल और जानें नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा और प्रेम व पारिवारिक जीवन से संबंधित फलादेश।


जुलाई महीने का यह अंतिम सप्ताह ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहने वाला है। क्योंकि 23 से 29 जुलाई के मध्य साल का दूसरा चंद्र ग्रहण घटित होगा और बुध ग्रह वक्री होगा। वहीं इस सप्ताह आषाढ़ी एकादशी और गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी, साथ ही 28 जुलाई से सावन माह की शुरुआत होगी। ज्योतिषीय नजरिये से 27 जुलाई को होने वाले चंद्र ग्रहण और 26 जुलाई को बुध के वक्री होने का असर सभी राशियों पर होगा। इसके अलावा इस सप्ताह क्रमशः 23, 27 और 28 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। इस योग को बहुत शुभ माना गया है। क्योंकि इसके प्रभाव से हर कार्य में मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

आज सप्ताह की शुरुआत देवशयनी एकादशी व्रत से हो रही है, इसलिए पढ़ें इस व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त और धार्मिक महत्व।

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यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


मेष राशि वालों के लिए यह सप्ताह सोच समझ कर आगे बढ़ने का है। कार्य क्षेत्र में अच्छा काम करके आपको अपना प्रदर्शन सिद्ध करना होगा...आगे पढ़ें

वृषभ


इस सप्ताह आपके पारिवारिक जीवन में सुख शांति की बयार बहेगी और सब लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर रहेंगे। इससे आपके मन में प्रसन्नता का भाव रहेगा...आगे पढ़ें

मिथुन


मिथुन राशि के लोग इस सप्ताह मानसिक रूप से थोड़े कमजोर रह सकते हैं। आपको अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा...आगे पढ़ें

कर्क


इस सप्ताह आपका मन किसी बात को लेकर चिंतित हो सकता है और संभवतः उस बात का असर आपके स्वास्थ्य और रिश्ते पर हो सकता है...आगे पढ़ें

सिंह


इस सप्ताह आप अपने परिवार और संतान के प्रति समर्पित रहेंगे और आप का ध्यान उन्हीं पर रहेगा। आप का पारिवारिक जीवन खुशहाल होगा...आगे पढ़ें

कन्या


इस सप्ताह आप को अपने मित्रों, रिश्तेदारों, भाई-बहनों और सगे-संबंधियों से मिलने का मौका मिलेगा और आप उनके साथ अच्छा समय बिताएंगे...आगे पढ़ें



तुला


इस सप्ताह आप का अधिकांश समय परिवार और कुटुंब के प्रति कर्तव्यों का निर्वाह करने में व्यतीत होगा...आगे पढ़ें

वृश्चिक


इस सप्ताह आप अपने काम को एंजॉय करेंगे और यदि आप साझेदारी से व्यवसाय करते हैं तो उसमें भी आप को अच्छी सफलता हाथ लगेगी...आगे पढ़ें


धनु


इस सप्ताह आप का मन व्याकुल रह सकता है और आपको मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

मकर


मकर राशि के लोगों के लिए यह सप्ताह उम्मीदों से भरा रहेगा और आपको अनेक प्रकार के धन लाभ होने की संभावना है...आगे पढ़ें

कुंभ


इस सप्ताह आपको कार्य क्षेत्र में अधिक व्यस्त रहना पड़ सकता है और किसी आवश्यक कार्य के कारण विदेश अथवा सुदूर यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

मीन


इस सप्ताह आप अधिक कार्य करेंगे और इस कारण आपको शारीरिक रूप से थकान का अनुभव होगा। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों से विवाद होने की संभावना है...आगे पढ़ें


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देवशयनी एकादशी कल, जानें पूजा मुहूर्त और विधि

चातुर्मास होंगे प्रारंभ, भूलकर भी न करें ये काम! पढ़ें देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त।




हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इसे आषाढ़ी, पद्मनाभा और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह एकादशी प्रतिवर्ष जून या जुलाई के महीने में आती है, इस साल 2018 में देवशयनी एकादशी 23 जुलाई, सोमवार को मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन से भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में शयन करते हैं और लगभग चार माह की अवधि के बाद, जब सूर्य, तुला राशि में प्रवेश करता है, तो उन्हें उठाया जाता है। इस दिन को देवउठनी एकादशी कहते हैं। भगवान श्री विष्णु के 4 माह तक चलने वाले इस निंद्रा काल को हिन्दू धर्म में चातुर्मास कहा जाता है। पद्मपुराण में कहा गया है कि, जो मनुष्य मोक्ष की कामना रखता है उसे देवशयनी और देवउठनी एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।



देवशयनी एकादशी व्रत मुहूर्त
पारणा मुहूर्त05:37:42 से 08:21:37 तक, 24 जुलाई को
अवधि2 घंटे 43 मिनट


विशेष: उपरोक्त मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में देवशयनी एकादशी व्रत का मुहूर्त


कल से प्रारंभ होंगे चातुर्मास


आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी से भगवान विष्णु शयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी पर निंद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु के शयन के इन 4 महीनों को हिन्दू धर्म में चातुर्मास कहा गया है। मान्यता है कि इस अवधि में जब भगवान सो जाते हैं तो अनेक शुभ कार्य जैसे- विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन संस्कार आदि नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन कार्यों में भगवान का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है। वहीं इन महीनों में बारिश और बादलों के कारण सूर्य-चंद्रमा का तेज कम हो जाता है।



देवशयनी एकादशी व्रत का महत्व


ब्रह्मवैवर्त पुराण में इस एकादशी का विशेष महत्व मिलता है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से प्राणी की समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और सभी पाप नष्ट होते है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व और विधान है। 


चातुर्मास में क्या करें, क्या न करें


हिन्दू धर्म में चातुर्मास की अवधि में शुभ कार्यों के अतिरिक्त कुछ अन्य काम भी वर्जित माने गये हैं। 

  • अच्छी वाणी और मधुर स्वर के लिए गुड़ नहीं खायें।
  • लंबी आयु व पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति के लिए तेल का त्याग करें।
  • वंश की वृद्धि के लिए नियमित रूप से दूध का सेवन करें।
  • पलंग पर शयन ना करें, नीचे जमीन पर सोयें।
  • शहद, मूली, परवल और बैंगन नहीं खायें।

हम आशा करते हैं कि देवशयनी एकादशी पर आधारित यह लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ!
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साप्ताहिक राशिफल- 16 से 22 जुलाई 2018

5 राशि वालों को विशेष लाभ के योग! पढ़ें साप्ताहिक राशिफल और जानें नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन से जुड़ी अहम भविष्यवाणियाँ।



यह सप्ताह वृषभ, मिथुन, सिंह, वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से अच्छा रहने वाला है। क्योंकि इस अवधि में इन राशि के लोगों को कार्य में सफलता, लंबी दूरी की यात्रा और पारिवारिक जीवन में आनंद की प्राप्ति होगी। वहीं अन्य राशि के जातकों को सामान्य रूप से लाभ और उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। 

आज सूर्य कर्क राशि में गोचर की वजह से व्यावसायिक क्षेत्र में कुछ परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। दरअसल सूर्य कर्क राशि में आकर बुधराहु के साथ मेल करेगा। इन पर मंगल की विशेष सप्तम दृष्टि भी रहेगी। इस वजह से सोना और चांदी में तेजी देखने को मिल सकती है। वहीं गेहूं, चना, अरहर और चावल में मंदी के बाद अचानक से तेजी बनेगी। 

इसके अतिरिक्त इस सप्ताह 18 और 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग पड़ रहा है। यह एक एक शुभ योग है और इसमें संपन्न होने वाले हर कार्य निर्विघ्न रूप से सिद्ध होते हैं।


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


इस सप्ताह मेष राशि के जातकों को अपने कार्य क्षेत्र पर विशेष रुप से ध्यान केंद्रित करना होगा। इस दौरान उन्हें उनकी मेहनत का बहुत अच्छा परिणाम प्राप्त होगा...आगे पढ़ें

वृषभ


वृषभ राशि के जातक इस सप्ताह आनंद का अनुभव करेंगे और पारिवारिक जीवन का भरपूर मजा लेंगे...आगे पढ़ें

मिथुन


मिथुन राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह कुछ नए अवसर लेकर आएगा। आप अपनी वाणी के प्रभाव से अपने काम बनाएंगे...आगे पढ़ें


कर्क


कर्क राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। कार्य को लेकर आपको अपनी प्राथमिकता तय करनी होगी...आगे पढ़ें

सिंह


सिंह राशि वालों के लिए यह सप्ताह सुखद रहने वाला है। हर काम में सफलता की प्राप्ति होगी...आगे पढ़ें

कन्या


कन्या राशि के जातकों को इस सप्ताह खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि यह खर्चे आपकी सुख सुविधाओं से ही संबंधित होंगे...आगे पढ़ें



तुला


तुला राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह मिश्रित परिणाम लेकर आया है। इस सप्ताह आप अत्यधिक व्यस्त रहेंगे और अपने काम में मन से लगे रहेंगे...आगे पढ़ें


वृश्चिक


इस सप्ताह कार्य क्षेत्र में जबरदस्त सफलता के योग बनेंगे। आप की मन की इच्छाएं पूरी होंगी...आगे पढ़ें

धनु


धनु राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह सुदूर यात्रा पर जाने के लिए काफी सफल सिद्ध होगा...आगे पढ़ें

मकर


यह सप्ताह मकर राशि के जातकों के लिए मिला-जुला रहने की संभावना है। आप सुदूर यात्रा पर भी जा सकते हैं...आगे पढ़ें

कुंभ


इस सप्ताह कुंभ राशि के जातक प्रसन्नचित रहेंगे और हर काम को पूरी निष्ठा से और ईमानदारी से करने का प्रयास करेंगे...आगे पढ़ें

मीन


मीन राशि के जातकों को इस सप्ताह अधिक मेहनत करनी होगी। वहीं दूसरी ओर धन लाभ के योग भी बनेंगे...आगे पढ़ें

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सूर्य का कर्क राशि में गोचर कल, जानें ज्योतिषीय प्रभाव

इन 6 राशि वालों पर होगी दया दृष्टि! पढ़ें कल यानि 16 जुलाई 2018 को सूर्य के कर्क राशि में होने वाले गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव।


वैदिक ज्योतिष में सफलता, सम्मान और सरकारी सेवा आदि का कारक कहा जाने वाला सूर्य ग्रह 16 जुलाई 2018, सोमवार को रात्रि 10:42 पर कर्क राशि में गोचर करेगा। सूर्य 17 अगस्त 2018, शुक्रवार प्रातः 7:02 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा। इस एक माह की गोचरीय अवधि में सूर्य विभिन्न राशि के जातकों के जीवन को प्रभावित करेगा। 

वृषभ, कन्या, तुला, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। चूंकि सूर्य को उच्च सरकारी सेवा का कारक माना जाता है इसलिए सरकारी नौकरी पेशा जातकों के जीवन पर इसका विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। 


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


पारिवारिक समस्या को लेकर आप थोड़े तनाव में रह सकते हैं। माता-पिता जी की सेहत भी कुछ कमज़ोर रह सकती है...आगे पढ़ें

वृषभ


इस गोचरीय स्थिति के कारण आपके साहस एवं संकल्प शक्ति में वृद्धि होगी। आप अपने शत्रुओं पर हावी रह सकते हैं...आगे पढ़ें

मिथुन


आपकी भाषा में कड़वाहट देखने को मिल सकती है। कठोर वाणी के चलते लोग आपसे नाराज़ अथवा दुखी हो सकते हैं...आगे पढ़ें


कर्क


आपके स्वभाव में अहंकार एवं भाषा में कड़वापन देखा जा सकता है। सिरदर्द, बुखार, सीने में किसी प्रकार का संक्रमण, सूजन जैसी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आपको हो सकती हैं...आगे पढ़ें

सिंह


इस गोचर के दौरान आपकी सेहत में गिरावट दर्ज होने की संभावना है इसलिए समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जाँच कराते रहें। आप विदेश में बसने का मन बना सकते हैं...आगे पढ़ें

कन्या


आपको विदेश संबंधों अथवा विदेशी कंपनियों से आर्थिक लाभ होने की संभावना है। गोचर के दौरान आपकी संकल्प शक्ति में वृद्धि हो सकती है...आगे पढ़ें




तुला


यह स्थिति आपके लिए शुभ संकेत दे रही है। इस अवधि में आप अपनी क्षमता से अधिक कार्य करेंगे, जिसका आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकता है...आगे पढ़ें

वृश्चिक


यह आपके लिए अच्छा समय साबित हो सकता है। गोचर की अवधि में आप किसी लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। यह यात्रा आपके लिए लाभकारी हो सकती है...आगे पढ़ें

धनु


इस दौरान आपका स्वास्थ्य कुछ कमज़ोर रह सकता है। इसके अलावा अचानक ही आपको धन हानि हो सकती है, इसलिए धन का निवेश पूरी सावधानी के साथ करें...आगे पढ़ें

मकर


इस दौरान घर में अशांति का वातावरण रह सकता है। आपके व्यवहार में अहंकार एवं भाषा में कड़वापन देखने को मिल सकता है...आगे पढ़ें

कुंभ


इस दौरान आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे। प्रतियोगी परीक्षा में आपको सफलता मिलने की संभावना है...आगे पढ़ें

मीन


इस स्थिति में नौकरी में ट्रांसफ़र होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में सीनियर्स के साथ विवाद होने की भी संभावना है...आगे पढ़ें

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पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा आज

पढ़ें रथयात्रा से जुड़े अद्भुत तथ्य! पुरी में आज से होगी जगन्नाथ रथयात्रा की शुरुआत। जानें इस महोत्सव का महत्व और इतिहास।



जगन्नाथ रथयात्रा मुहूर्त
14 जुलाई 201804:34:14 से द्वितीया आरम्भ
15 जुलाई 201800:56:51 पर द्वितीया समाप्त

विशेष: उपरोक्त मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में रथयात्रा का मुहूर्त


भारत समेत विश्व भर में प्रसिद्ध पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा आज निकाली जाएगी। हर साल भगवान जगन्नाथ को एक बार उनके गर्भ गृह से निकालकर यात्रा कराई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान अपने गर्भ गृह से निकलकर प्रजा के सुख-दुःख को स्वयं देखते हैं। हिन्दू धर्म में बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम, इन चार धामों का विशेष महत्व है। पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है। मान्यता है कि पुरी में भगवान विष्णु ने पुरुषोत्तम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था। इस अवतार में भगवान विष्णु सबर जनजाति के पूजनीय देवता बन गए। सबर जनजाति के देवता होने से पुरी में भगवान जगन्नाथ का रूप कबीलाई देवताओं की तरह है। होली, दीवाली, दशहरा और रक्षा बंधन आदि की तरह पुरी की रथयात्रा भी एक बड़ा पर्व है। पुरी के अतिरिक्त रथयात्रा का आयोजन भारत के विभिन्न शहरों में किया जाता है। वे लोग जो पुरी की रथयात्रा में शामिल नहीं हो पाते हैं। वे अपने नगर में निकलने वाली रथयात्रा में अवश्य सम्मिलित होकर पुण्य के भागी बनते हैं। 


कब निकाली जाती है जगन्नाथ रथयात्रा 


ओडिशा राज्य के पुरी शहर में हर साल जगन्नाथ रथ यात्रा आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को निकाली जाती है। इस वर्ष रथ यात्रा 14 जुलाई को निकाली जा रही है। रथ यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के लिए तीन अलग-अलग रथ निर्मित किये जाते हैं। रथ यात्रा में सबसे आगे बलराम जी का रथ होता है। उसके पीछे में बहन सुभद्रा का रथ और सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ होता है। हालांकि इनमें सबसे ऊंचा रथ भगवान जगन्नाथ का होता है।

ऐसी मान्यता है कि जो लोग रथ खींचने में सहयोग करते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुरी में 9 दिनों तक चलने वाली यह रथयात्रा गुंडिचा मंदिर पहुँचकर संपन्न होती है। इस स्थान को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है। इसके अतिरिक्त गुंडिचा मंदिर वह स्थान है जहां देव विश्वकर्मा ने तीनों देव प्रतिमाओं का निर्माण किया था। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ एक सप्ताह तक ठहरते हैं। वहीं आषाढ़ शुक्ल दशमी के दिन फिर से वापसी यात्रा शुरू होती है, जो मुख्य मंदिर तक पहुँचती है, यह बहुड़ा यात्रा कहलाती है।

कैसे बनता है भगवान जगन्नाथ का रथ


पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा का दृश्य बेहद अदभुत होता है। लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रथ यात्रा प्रारंभ होती है। 3 भव्य रथों में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की सवारी निकलती है। इन तीनों रथों में भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे बड़ा होता है। इन तीनों रथों की निर्माण की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है। क्योंकि रथों के निर्माण में लोहे के औजारों का प्रयोग नहीं किया जाता है। 

रथ यात्रा से 5 महीने पहले सरस्वती पूजा से रथ यात्रा के निर्माण का कार्य शुरू हो जाता है। इस यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ का रथ 65 फुट लंबा और 45 फुट ऊंचा होता है। रथ में कुल 7 फुट व्यास के 16 पहिये लगे होते हैं। इन रथों का निर्माण एक विशेष समिति की निगरानी में होता है। रथ बनाने के लिए नारियल, साल या सखुआ की लकड़ी के 1,072 टुकड़े जंगल से लाये जाते हैं। रथ निर्माण अनुभवी और पुश्तैनी शिल्पकारों की देखरेख में संपन्न होता है। इसके अतिरिक्त अन्य मजदूर भी रथ निर्माण के कार्य में अपना योगदान देते हैं। तीनों रथ पर विभिन्न प्रकार प्रतिमाएँ और चिन्ह उकेरे जाते हैं। 

जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी बातें


  • भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते हैं। क्योंकि ये लकड़ी हल्की होती हैं। 
  • भगवान जगन्नाथ का रथ लाल रंग का होता है और यह अन्य रथों की तुलना में बड़ा होता है। 
  • भगवान जगन्नाथ का रथ बलभद्र और सुभद्रा के रथ के पीछे होता है।
  • भगवान जगन्नाथ के रथ के कई नाम हैं जैसे- गरुड़ध्वज, कपिध्वज, नंदीघोष आदि।
  • भगवान जगन्नाथ के रथ के घोड़ों का नाम शंख, बलाहक, श्वेत और हरिदाश्व है। इनका रंग सफेद होता है। रथ के रक्षक पक्षी राज गरुड़ हैं।
  • धार्मिक मान्यता है कि पुरी की रथयात्रा के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। 
  • स्कन्दपुराण के अनुसार आषाढ़ मास में पुरी तीर्थ में स्नान करने से सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है।

जगन्नाथ मंदिर का ‘महाप्रसाद’


जगन्नाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जहां का प्रसाद ‘महाप्रसाद’ कहलाता है, अन्यथा विश्व के सारे हिन्दू मंदिरों का प्रसाद केवल प्रसाद है। महाप्रसाद जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह सर्वोच्च प्रसाद है। जिसे बिना किसी भेदभाव हर प्राणी मात्र में वितरित किया जाता है। कहते हैं कि जगन्नाथ मंदिर की रसोई विश्व की सबसे बड़ी रसोई कही जाती है।



जगन्नाथ मंदिर से जुड़े हैरान करने वाले तथ्य


  • जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा सदैव हवा की विपरीत दिशा में लहराता है।
  • मंदिर परिसर में 752 चूल्हे हैं, जिनमें महाप्रसाद बनता है। यह जलने वाली अग्नि कभी नहीं बुझती है।
  • जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर कोई पक्षी नहीं बैठता है। इसके अतिरिक्त कोई विमान भी मंदिर के ऊपर से नहीं निकलता है।
  • दोपहर में किसी भी समय मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती है।
  • मंदिर में बनने वाला महाप्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता है और मंदिर के पट बंद होते ही महाप्रसाद खत्म हो जाता है।
अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से पुरी की रथ यात्रा भारत समेत पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ओडिशा राज्य के पुरी में होने वाले यह आयोजन एक बड़ा महोत्सव है, जिसमें शामिल होने के लिए देश और दुनिया के लाखों श्रद्धालु यहां पहुचते हैं। 

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएँ!

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