2013 में भारतवर्ष

पंडित हनुमान मिश्रा
वृषभ लग्न, कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र वाले भारत पर साल 2013 की शुरुआत के समय सूर्य में शनि का प्रभाव रहेगा। सूर्य इस कुण्डली में चतुर्थेश होकर तीसरे भाव में ज्येष्ठा नक्षत्र में स्थित है। जो कि बुध का नक्षत्र अत: सू्र्य का सम्बंध जनता, आंतरिक सुख शांति और पराक्रम से होने के साथ ही धन और सिनेमा, शिक्षा आदि से भी है। जबकि शनि भाग्येश और धर्मेश होकर तीसरे भाव में ज्येष्ठा नक्षत्र में ही स्थित है। अत: शनि कर्म और भाग्य के साथ-साथ आर्थिक, शिक्षा व मनोरंजन से सम्बंध रखने वाला ग्रह है। इन दोनो ग्रहों की दशा का प्रभाव जून 2013 तक भारतवर्ष पर रहेगा। इन दोनो ग्रहों अर्थात सूर्य और शनि का आपसी सम्बंध शत्रुवत माना गया है अत: इस दशा में भारत की अर्थव्यवस्था चरमराई रहेगी। शिक्षा के स्तर में गिरावट जारी रहेगी। शिक्षक, शिक्षार्थी, शिक्षा व संस्कार का स्तर सुधरने की बजाय बिगडता जाएगा। बाल मृत्युदर बढ सकती है। आपसी कलह या धार्मिक असंतोष होने की सम्भावनाएं बन रही हैं। धर्म को राजनीति से जोडकर साम्प्रदायिक भावनाओं को हवा दी जा सकती है। लेकिन भारत की न्यायपालिका कुछ ऐतिहासिक फैसले ले सकती है जो दूरगामी होंगे।

बेरोजगारी दूर करने के लिए या सरकार की ओर से प्रयास नहीं किया जाएगा या फिर सरकार अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाएगी। जमीन-जायदाद के मामलों में तेजी आएगी। लोहा, कोयला, लकडी पत्थर और अनाज महगे हो सकते हैं। सिनेमा या मनोरंजन जगत के माध्यम से काले धन को सफेद करने का सिलसिला जारी रहेगा। मनोरंजन के नाम पर कुंठाग्रस्त करने वाली सामग्री दर्शकों तक पहुंचाई जाएगी।


जून के बाद सुर्य और बुध की दशा का प्रभाव भारतवर्ष कर शुरू होगा। उस समय पिछडी जातियों के उत्थान के लिए कोई अच्छा कानून बन सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। किसी अच्छे देश से व्यापारिक और व्यवहारिक सुधरेंगे। अन्य देशों से सहयोग मिलने की उम्मीद है। सिनेमा, मनोरंजन, मीडिया, सोसल मीडिया या चिकित्सा उद्योग में सरकार या सरकारी कानून का दखल हो सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा, विशेषकर तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बाल विकास कार्यक्रमों में विकास होगा। लोगों को नौकरी के अवसर मिलेंगे। राजनीतिज्ञों के स्तर में सुधार होगा। प्रशिक्षित और कुशल लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार सम्मान मिलेगा। धर्म और धार्मिक लोगों की उन्नति होगी।

यदि गोचर की बात की जाय तो केतु द्वादश भाव में है। शनि और राहू छठे भाव में स्थित हैं। जो देश के भीतर, पेट्रोलियम उत्पादों, सोना और तांबा के मूल्यों में बृद्धि का संकेत कर रहे हैं। बृहस्पति लग्न में वक्री है जो कि मई के बाद से दूसरे भाव में रहेगा। अत: पडोसी राज्यों से संधि वार्ता की पहल हो सकती है। शनि की दृष्टि तीसरे भाव पर रहेगी अत: यातायात और दूर संचार के क्षेत्र में प्रगति होगी। लेकिन यातायात दुर्घटनाओं में इस वर्ष जबरदस्त इजाफ़ा देखने को मिलेगा। अत: सरकार को चाहिए कि इन दुर्घटनाओं से बचने के संसाधन पहले से जुटा ले। लेकिन ऐसा होगा नहीं। शनि की तीसरे भाव में दृष्टि पडोसी राष्ट्रों से खतरे की भी संकेतक है। पडोसी राष्ट्र कोई बडा उपद्रव मचा सकते हैं। यह कोई बडी आतंकवादी घटना भी हो सकती है।

छठे भाव में राहु और शनि की युति के कारण कहीं अतिवृष्टि तो कहीं अनावृष्टि होगी। आंधी-तूफान, बाढ, वायु वेग का प्रकोप, भूकम्प के साथ-साथ भारत के पूर्वी भू-भाग में मलेरिया, चेचक, निमोनिया, हैजा सामूहिक रूप से हो सकता है। पश्चिम के क्षेत्रों में सूखा होने से बुखार का अधिक प्रसार होगा। आगजनी, अनाज मंहगा, जनता को कष्ट, जनता में व्याकुलता, चोर डाकुओं का भय होने के साथ ही अन्न की उपज कम हो सकती है।

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क्या मोदी राज कायम रह पाएगा?

पंडित हनुमान मिश्रा

मोदी चौथी बार मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं। क्या उनकी यह मनोकामना पूर्ण हो पाएगी? आइए जानते हैं उनकी कुण्डली के माध्यम से। उपलब्ध जानकारियों के अनुसार नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 की दोपहर 11:00 बजे वादनगर गुजरात में हुआ।

कुण्डली में कई राजयोग उपस्थित हैं। उन योगों में कुछ योगों के नाम इस प्रकार हैं:- मुसल योग, केदार योग, रूचक योग, गजकेसरी योग, वरिष्ठ योग, वोशि योग, पर्वत योग, कालह योग, शंख योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीचभंग राजयोग, अमर योग, केन्द्र त्रिकोण राज योग, अखण्ड सम्राज्य योग आदि। नि:संदेह इन योगों की उपस्थिति नरेन्द्र मोदी को छोटे से बहुत बडा बनने का संकेत कर रही है।
वर्तमान में जब गुजरात में भाजपा के पुराने लोग ही भाजपा से अलग होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव में हैं, ऐसे में भाजपा का प्रभावित होना स्वाभाविक है। पूरे देश की नजर इस वक्त गुजरात के विधान सभा चुनाव पर टिकी है। देश के कई बड़े दिग्गज विश्लेषक इस चुनाव को लोकसभा चुनाव का रिहर्सल मान रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि यह चुनाव देश की राजनीतिक दिशा भी तय करेगा। आइए नरेन्द्र मोदी की दशाओं की मदद ली जाय और उनसे जाना जाय कि उनका इशारा क्या है। वर्तमान में मोदी पर चन्द्रमा की महादशा, मंगल की अंतरदशा और बृहस्पति की प्रत्यंतर दशा का प्रभाव है। यहां महादशा नाथ चंद्रमा भाग्येश होकर लग्न पर अपनी नीच राशि में स्थित है साथ ही वह लग्नेश मंगल के साथ है। चंद्रमा चतुर्थ भाव का कारक है, मंगल चतुर्थ भाव को देख रहा है और बृहस्पति चतुर्थ भाव में स्थित है। क्योंकि चतुर्थ भाव जनता का है अत: यह इस बात का संकेत है कि कुछ तो ऐसा है जिससे जनता मोदी से कुछ हद तक असंतुष्ट है। चतुर्थ भाव घर या पार्टी का भी है जो यह दर्शा रहा है कि मोदी की पार्टी यानी की भाजपा के लोगों में भी मोदी को लेकर कुछ असंतोष है। चतुर्थ भाव मनोभावों का भी माना गया है अत: यह कहा जा सकता है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठो के मनभेद का सामना मोदी को करना पड रहा है। वर्तमान में साढे साती का प्रभाव भी है अत: गुजरात के पश्चिमी और दक्षणी इलाकों में संघर्ष की स्थितियां बनने के भी संकेत हैं। हांलाकि जो ग्रह चतुर्थ भाव को पीडा पहुंचा रहे हैं वो मोदी के लिए लाभकारी ग्रह हैं। अत: इन विसंगतियों के वावजूद भी जनता का इतना प्यार और वोट मोदी को जरूर मिल जाएगा कि वह एक बार पुन: मुख्यमंत्री बन जाएं। यदि इनके जन्म का विवरण पूर्णरूपेण सही हुआ तो इन्हें इस बार 128 तक सीटें मिल सकती हैं।

ऐसे में शक्तिमान नामक धारावाहिक के एक किरदार तमराजकिलविष का एक डायलाग याद आ रहा है। शायद आपको भी याद हो, "अंधेरा कायम रहे"। ठीक उसी तर्ज पर मोदी की कुण्डली में चल रही मंगल की अंतरदशा उनके साम्राज्य को कायम रहने का संकेत कर रही है। ऐसा लगता है मानो कह रही हो "मोदी राज कायम रहे"।
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बॉलीवुड अभिनेत्री श्रेया नारायण ने देश के पहले ज्योतिषीय यूट्यूब चैनल को लॉन्च किया


आगरा, 12 दिसंबर

सदी की ऐतिहासिक तारीख 12.12.12 को देश का पहला बहुभाषी ज्योतिषीय यूट्यूब चैनल एस्ट्रोसेजइंडिया लॉन्च हो गया। दोपहर के 12 बजकर 12 मिनट पर साहब, बीवी और गैंगस्टर व रॉकस्टार जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का जौहर दिखा चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री श्रेया नारायण ने कंप्यूटर पर एक क्लिक के साथ इस चैनल को लॉन्च किया। श्रेया ने इस अवसर पर कहा, एस्ट्रोसेजइंडिया नाम का यह यूट्यूब चैनल अपने आप में अनूठा प्रयोग है। इस चैनल के जरिए न केवल दुनियाभर के लोगों को बेहतरीन कंटेंट मिलेगा बल्कि ज्योतिष के महत्वपूर्ण सिद्दांतों को आसान शब्दों में लोगों को समझने में मदद मिलेगी। श्रेया नारायण को इस कार्यक्रम के लिए आगरा पहुंचना था, लेकिन वह पहुंच नहीं सकीं, लिहाजा उन्होंने इंटरनेट पर वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस चैनल को लॉन्च किया। दूसरी तरफ, आगरा के गोवर्धन होटल में एस्ट्रोसेजइंडिया को लॉन्च करने का काम एक्सफैक्टर शो से लोकप्रिय हुए करतार सिंह ने अपने करकमलों से किया। करतार सिंह ने इस मौके पर कहा, मेरा ज्योतिष में विश्वास है और मुझे उम्मीद है कि नयी तकनीक का इस्तेमाल अब ज्योतिष में पैठे अंधविश्वास को दूर करने में किया जाएगा। इस मौके पर उनके साथ एस्ट्रोसेज के संस्थापक पुनीत पांडे, सीए अशोक जैन, केंद्रीय हिन्दी संस्थान के चंद्र कांत त्रिपाठी, सुरेन्द्र शर्मा और रक्षित टंडन मौजूद थे। इस दौरान सबसे दिलचस्प बात यह रही कि अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ के बजाय जन्मपत्री भेट कर किया गया।

देश की सबसे बड़ी ज्योतिषीय वेबसाइट एस्ट्रोसेज के इस विशेष प्रयास पर रोशनी डालने हुए एस्ट्रोसेज के संस्थापक पुनीत पांडे ने कहा कि यूट्यूब चैनल एस्ट्रोसेजइंडिया के जरिए हम ज्योतिष से जुड़ी भ्रांतियां और अंधविश्वास दूर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, एस्ट्रोसेज देश की सबसे बड़ी ज्योतिष वेबसाइट है। एस्ट्रोसेज का एस्ट्रोसेजकुंडली सॉफ्टवेयर एड्रॉयड का सबसे चर्चित सॉफ्टवेयर है और उम्मीद है कि दुनियाभर के लोग एस्ट्रोसेजइंडिया से लाभ उठा पाएंगे।

एस्ट्रोसेज को लॉन्च करने के लिए चुनी गई विशेष तारीख के बारे में ज्योतिषी हनुमान मिश्रा ने कहा कि इस तारीख का ऐतिहासिक महत्व है और सदी में सिर्फ एक बार आती है। ज्योतिष में 12 का अपना महत्व है,क्योंकि ज्योतिष में 12 राशियां होती हैं, 12 भाव होते हैं। 12 ज्योतिर्लिंग हैं। उन्होंने कहा कि इस बहुभाषी यूट्यूब चैनल के जरिए दुनिया के अलग अलग कोने में बैठे लोग इसका फायदा उठा पाएंगे।

इस अवसर पर आईटी विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने कहा कि यूट्यूब की लोकप्रियता और उपयोगिता अब किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, ज्योतिष का यूट्यूब चैनल अपने आप में अनूठा प्रयोग है लेकिन इसकी लोकप्रियता को किसी दूसरे माध्यम के चैनल की लोकप्रियता से नहीं मापा जा सकता। इस मौके पर केंद्रीय हिन्दी संस्थान के चंद्रकांत त्रिपाठी ने कहा, आईटी के क्षेत्र में इस तरह के नए प्रयोगों की आवश्यकता है और इस यूट्यूब चैनल का खासा महत्व है।

एस्ट्रोसेज इंडिया के लॉन्चिंग कार्यक्रम की एक खास बात यह भी रही कि गूगल की हैंगआउट सेवा क जरिए अलग अलग शहरों के कई लोगों ने भी इसमें हिस्सेदारी की। इस मौके पर श्रवण कुमार, प्रतीक पांडे, विजय पाठक, अविनाश जादौन, हुकुम सिंह, अश्विनी पालीवाल, गौरव पालीवाल और प्रकाश मोहन पांडे जैसे कई लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन पीयूष पांडे ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन ब्रज खंडेलवाल ने दिया।

आप यूट्यूब चैनल एस्ट्रोसेजइंडिया पर सीधे जाने के लिए - यहां क्लिक करें  

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कायम रहेगी सलमान की दबंगई?

पंडित हनुमान मिश्रा
सलमान खान की 'दबंग 2' 21 दिसंबर 2012 को रिलीज होने वाली है। वैसे तो इस फ़िल्म में लगभग दबंग यानी कि 'दबंग १' की टीम ही काम कर रही है लेकिन डायरेक्टर अभिनव कश्यप की जगह अरबाज खान हो गए है और मलाइका के साथ-साथ करीना भी आइटम सांग लेकर आ रही हैं। उस दबंग में झंडू बाम का प्रचार-प्रसार किया गया था जबकि 'दबंग 2' में फ़ेवीकोल का किया जा रहा है। चुलबुल और रज्जो के किरदार दोहराए जा रहे हैं। और भी बहुत सारे चेहरों को ज्यों का त्यों दोहराया जा रहा है। यानी प्रथम दृष्टया तो यही लगता है कि फ़िल्म में कुछ ज्यादा नया नहीं होगा। लेकिन इस फ़िल्म के ब्राण्ड एम्बेस्डर यानी कि सलमान खान के सितारे बिअगत कुछ सालों से बहुत अच्छे चलते प्रतीत हो रहे हैं। क्या इस बार भी सलमान के सितारे फ़िल्म को कामयाबी दिला पाएंगे? आइए जानते हैं उनकी कुण्डली के माध्यम से।

मेष लग्न और कुम्भ राशि में जन्में सलमान खान पर वर्तमान में शनि में सूर्य की दशा चल रही है। यद्यपि सूर्य में शनि की दशा को अच्छा नहीं माना जाता लेकिन सलमान की कुण्डली में शनि कर्म और लाभ भाव का स्वामी है और लाभ भाव में ही बैठा है जो लाभ दिलाने का संकेत दे रहा है। अंतर्दशानाथ सूर्य पंचम भाव यानी कि कला के स्थान का स्वामी है और वह भाग्य स्थान में बैठा हुआ है। दोनो ग्रह एक दूसरे से ग्यारहवें और तीसरे भाव में बैठे हैं। यह भी एक अच्छी बात है।

प्रत्यन्तर दशा बृहस्पति की है जो इनका भाग्येश है और तीसरे भाव में बैठकर भाग्य स्थान के साथ-साथ लाभ स्थान को भी देख रहा है। जो इनको अच्छा लाभ करवाता नजर आ रहा है। वर्तमान में बृहस्पति का गोचर भी इनके दूसरे भाव में है जो कि शुभफल देने का संकेतक है। अत: कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सलमान की वतर्मान में दशाएं लगभग शुभ हैं अत: इनकों शुभ परिणाम मिलने चाहिए। इसलिए 'दबंग 2' की सफलता की राहें आसान होती प्रतीत हो रही हैं। पंचमेश सूर्य इनके अभिनय को प्रसंशा दिलाएगा। बृहस्पति का प्रभाव इन्हें लाभ दिलाता लग रहा है अत: फ़िल्म अच्छी कमाई भी करती प्रतीत हो रही है। ज्योतिष के नजरिए से फ़िल्म को रिलीज होने से पहले पांच में से साढे तीन अंक दिए जा सकते हैं।

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महाप्रलय का दिन करीब आ रहा है!

पंडित हनुमान मिश्रा
जी हां वह दिन अब दूर नहीं जिसे तथाकथित जानकारों ने प्रलय का दिन घोषित कर रखा है। साथ ही माया सभ्यता केलेण्डर के अनुसार तो 21 दिसंबर 2012 को सृष्टि के अंतिम दिन की तारीख भी तय कर दी है। कुछ समाचार चैनल्स ने इसे महाप्रलय का नाम दे डाला है। हालांकि प्रलय शब्द ही अपने आपमें पर्याप्त है फिर महाप्रलय कहने की आवश्यकता नहीं थी। प्रलय संस्कृत का शब्द है। ‘लय’ में ‘प्र’ उपसर्ग लगाकर इस शब्द की व्युत्पत्ति हुई है। प्रलय का अर्थ होता है संसार का अपनेमूल कारण प्रकृति में सर्वथा लीन हो जाना, सृष्टि का सर्वनाश, सृष्टि का जलमग्नहो जाना। हिन्दू दर्शन तथा आध्यात्मिक चिन्तन के अनुसार जब चार युग पूरे होते हैं तब प्रलय होती है। अर्थात हर चार युग पूरे होने के बाद प्रलय की घटना निरन्तर होती रहती है। हिंदू मान्ताओं के अनुसार इस समय ब्रह्मा सो जाते हैं और जब जागते हैं तो संसार का पुनः निर्माण करते हैं और युग का आरम्भ होता है। कलियुग उन चारों युगों मे से अंतिम युग है अत: हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस युग के बाद प्रलय होनी है लेकिन धर्मग्रन्थ भविष्योक्त पुराण के अनुसार कलियुग 4,32,000 वर्षों का है लेकिन कलियुग की शुरुआत हुए अभी 6000 वर्ष भी नहीं हुए है और ऐसे में प्रलय का आ जाना धर्म सम्मत तो कदापि नहीं है। लेकिन जिस तरह से यह विषय पिछले कुछ वर्षों से लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है उसे देखते हुए इसे शिरे से खारिज नहीं किया जा सकता। जहां धुंआ उठ रहा हो वहां आग तो होती है, हां आग कितनी मात्रा में है यह जानना जरूरी है।


एक विदेशी वैज्ञानिक के अनुसार तो प्रत्येक 11 वर्षों में एक बार मौत का मौसम आता है। सूर्य पर हर 11 साल में सोलर गतिविधिया तेज होने लगाती हैं। जिसके कारण उसके बाहरी आवरण में, आतंरिक विस्फोटो के कारण बदलाव होने लगता हैं। सूर्य पर होने वाले विस्फोट इतने विशाल होते हैं की उनका परिणाम हमारे पृथ्वी पर भी देखने को मिलते हैं। सन 1859 में भी इसी प्रकार के "सोलर तूफ़ान" धरती पर आए थे। उस समय अमेरिका ओर यूरोप में आग लगने की घटनाये हुई थी। वहां टेलीग्राफ की तारे जल गयी थीं। 11 वर्ष पहले 2001 में कई मौते हुई थी। 2012 में भी मौत का मौसम आयेगा। चलिए इन वैज्ञानिक महोदय की बात मान भी ली जाय तो इस तथ्य में ध्यान देने वाली बात यह हैं की ऐसा हमारे भारत में कही भी देखने को नहीं मिला है।

क्या इस बार ऐसा हो सकता है? यह सवाल हम सबसे मन में आना स्वाभाविक है। आइए जानते हैं इस बारे में ज्योतिष का क्या नजरिया है? 21 दिसंबर 2012 के दिन महाप्रलय होने की बात कही जा रही है। आइए सबसे पहले हम वर्ष या सम्वत्सर के फल के बारे में जानते हैं। इस समय विश्वावसु नामक सम्वत्सर रहेगा। इसके फल कुछ इस प्रकार कहे गए है कि इस सम्वत्सर में भूमि पर बहुत रोग फैलता है और मनुष्य अपने कार्यों को करने में समर्थ नहीं होते। 21 दिसंबर 2012 को हिन्दी महीना मार्गशीर्ष रहेगा। जिसका नामकरण मृगशिरा नक्षत्र के आधार पर रखा गया है। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। विनाश या जनहानि में मंगल की अहं भूमिका रहती है। 21 दिसंबर 2012 के दिन मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि होगी। इस तिथि की देवी दुर्गा जी मानी गई हैं। जो दुष्टो की संहारिका मानी गई हैं लेकिन सदाचरियों की रक्षा करती हैं।

आइए उस दिन के ग्रह गोचर पर विचार कर लिया जाय- 21 दिसंबर 2012 के दिन सूर्योदय सुबह ७:१४ पर हो रहा है। उस समय धनु लग्न उदित है। लग्नेश बृहस्पति छठे भाव में केतू के साथ है, सूर्य लग्न पर, मंगल दूसरे, चन्द्रमा चौथे, शनि ग्यारहवें और बुध, शुक्र, राहू बारहवें भाव में स्थित हैं। चन्द्रमा शनि नक्षत्र में है और शनि राहू के नक्षत्र में होकर उस दिन चन्द्रमा से अष्टम हैं। यानी यह दिन लोगों में भय व्याप्त करने वाला रहेगा। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि जिस तरह इतने दिनों से इस बात को इस प्रकार से प्रस्तुत किया जा रहा है उस कारण से लोग उस दिन भयभीत रहें। इस समय गुरु-शुक्र का सम सप्तक योग रहेगा जो राजनीति के स्तर में गिरावट, इस समय होने वाले चुनावों में सत्ता पक्ष को लाभ लेकिन किसी बडे राजनेता को कष्ट का संकेतक है।

दिसंबर 2012 में 5 शनिवार, 5 रविवार और 5 सोमवार एक साथ पड़ रहे हैं। शनिवार शनि ग्रह का दिन है, वहीं रविवार सूर्य का दिन है जबकि सोमवार चन्द्रमा का दिन माना गया है। इस प्रकार सूर्य और चन्द्रमा पर शनि का प्रभाव रहेगा। शनि और सूर्य स्वभाव से उग्र ग्रह हैं। शनि पर सूर्य का प्रभाव धरती के लिए अच्छा नहीं माना गया है वहीं सूर्य पर शनि के प्रभाव के कारण राजनैतिक उठापटक तेज हो सकती है जबकि चन्द्रमा के पीडित होने की अवस्था में समुद्री या जलीय माध्यमों से हानि सम्भव है। इनके आपसी प्रभाव के कारण जनता को कष्ट और महंगाई सम्भव है। इस महीन एक पंचग्रही दुर्योग भी बन रहा है। यह पंचग्रही योग 11 दिसंबर की शाम से बनेगा और 13 दिसंबर की शाम तक रहेगा। इसके बाद चतुर्ग्रही योग रहेगा जो 15 दिसम्बर की रात तक रहेगा। फलस्वरूप ठंड बढेगी और फसलों को कुछ हद तक नुकसान हो सकता है। हांलाकि इन योगों योगों पर बृहस्पति की दृष्टि रहेगी जो इस बात का संकेत कर रही है कि दुराचारियों, अत्याचारियों, दूसरों को परेशान करने वाले, दूसरों का हक मारने वाले एवं आतंकवादियों के लिए समय कष्टकारी हो सकता है वहीं धार्मिक लोगों, गुरुओं, ज्ञानियों व कलाकारों के लिए समय अच्छा रहेगा। लेकिन 23 दिसम्बर को शनि और राहू की युति होने जा रही है जो किसी उत्पात की ओर संकेत कर रही है।

यदि अंक ज्योतिष के अनुसार देखें तो 21-12-12 अर्थात 3-3-3 यानी कि तीन बृहस्पति के अंक मिल रहे हैं इनका योग 9 आ रहा है जो बुद्धिजीवी वर्ग में आक्रोश का संकेत तो कर रहा है लेकिन किसी भी अप्रिय घटना का संकेत नहीं दे रहा है। यदि हम 21-12-2012 को लेकर विचार करते हैं तो 3-3-5 आता है जिसका योग 11 यानी 2 होता है यह भी किसी अप्रिय घटना का संकेत नहीं दे रहा है।

कुल मिलाकर परिणाम यही निकलता है कि 21 दिसम्बर 2012 को अथवा उसके आसपास के दिनों में कुछ अप्रिय होने के संकेत तो मिल रहे हैं लेकिन प्रलय या महाप्रलय जैसी घटना नहीं होगी।

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