रक्षाबंधन 2013- राखी बांधने का मुहूर्त

रक्षाबंधन 2013
पंडित हनुमान मिश्रा

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इस साल रक्षाबंधन किस दिन मनाया जाएगा और राखी बांधने का मुहूर्त कितने बजे है? आईए जानते हैं पं हनुमान मिश्रा के साथ।

मित्रों! जैसा कि आप सभी जानते हैं कि रक्षा बंधन का पर्व एक अद्वितीय पर्व है, यह धर्म और वर्ग के भेद से परे है। यह पर्व भाई - बहन के स्नेह की अटूट डोर का प्रतीक है। रक्षा बंधन की पर्व का सबसे खूबसूरत पहलू यह है कि यह पर्व धर्म ओर जाति के बंधनों को नहीं मानता। ऐसे तमाम उदाहरण हैं जब दूसरी जाति और धर्म की बहनों से अन्य जाति और धर्मों के लोगों को राखियां बांधी हैं और उन भाइयों ने भी राखी की लाज रखते हुए आजीवन उन बहनों की रक्षा की है। लेकिन हमारी मान्यता के अनुसार राखी बांधने का एक विशेष मुहूर्त होता है। इस बार रक्षाबंधन का क्या मुहूर्त है यह जानने की इच्छा आप सबके मन में होगी। रक्षा बंधन का पर्व श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा दो दिन है। अत: यह सवाल भी उठना लाजमी है कि रक्षा बंधन है किस दिन इस वर्ष पूर्णिमा 20 अगस्त 2013 दिन मंगलवार को प्रात: 10 बजकर 22 मिनट से आरम्भ हो रही है जो 21 अगस्त 2013 दिन बुधवार को प्रात: 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगी लेकिन व्य्वधान ये है कि 20 अगस्त 2013 भद्रा भी प्रात: 10 बजकर 22 मिनट से ही है जो रात को 8 बजकर 49 मिनट रहेगा। अब क्योंकि मूहूर्त बताने वाले शास्त्रों में कहा गया है कि भद्रा के दौरान रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता अत: 20 अगस्त 2013 को भद्रा रहित प्रदोष काल यानी कि रात को 8 बजकर 49 मिनट के बाद ही राखियां बांधी और बंधवाई जा सकेंगी। लेकिन भारत के कई प्रांतों में प्राचीन काल से ही यह परंपरा रही है कि उदय-व्यापिनी श्रावणी पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन मनाया जाता है अत: 21 अगस्त को प्रात: 07 बजकर 15 मिनट से पहले-पहले राखियां बांधी और बंधवाई जा सकेंगी। परिहार स्वरूप अतिआवश्यक होने की स्थिति में कुछ मुहूर्त इस प्रकार हैं- 20 अगस्त को 15 बजकर 30 मिनट से 16 बजकर 28 मिनट तक भी राखियां बांधी और बंधवाई जा सकेंगी। सारांश यह कि या तो आप 20 अगस्त को रात 8 बजकर 49 मिनट के बाद राखी बांधे या फ़िर 21 अगस्त को प्रात: 07 बजकर 15 मिनट से पहले-पहले। तीसरा विकल्प आपके पास है जो अपेक्षाकृत कम ठीक रहेगा वह है 20 अगस्त को 15 बजकर 30 मिनट से 16 बजकर 28 मिनट के बीच का मुहूर्त।

वैसे तो संध्याकाल में तो रक्षाबंधन का पर्व कई बार रहा है, लेकिन इस बार मुहूर्त ही कुछ ऐसा है कि यह पर्व रात में ही मनाया जाएगा। ऐसा पहली बार होगा। इस साल इस कारण बहनें भाइयों की कलाई पर रात में ही रक्षासूत्र बांध सकेंगी।

शुभ मूहूर्त के अनुसार रक्षाबंधन के त्यौहार को सम्पन्न कर आप सुखी और सुरक्षित रहें यही हमारी कामना है। चलते-चलते एक बात और। असल में रक्षाबंधन की परंपरा ही उन बहनों ने डाली थी जो सगी नहीं थीं। भाई को ही सच्चा रक्षक माना गया है अत: जिन बहनों के भाई नहीं हुआ करते थे उनकी रक्षा कैसे हो यह प्रश्न समाज के सामने खड़ा हुआ और उसका हल था मुंह बोले भाई बनाना। मुंहबोले भाई के रिश्ते को मूहर लगाने का काम किया राखी नें अत: राखी के इस त्यौहार को बृहद रूप से रक्षाबंधन के रूप में मनाया जाता है। भले ही उन बहनों ने अपने संरक्षण के लिए ही इस पर्व की शुरुआत क्यों न की हो लेकिन उसी की बदौलत आज भी इस त्योहार की मान्यता बरकरार है।

वर्तमान में घृणा और भ्रष्टाचार के जल रहे देश की रक्षा के लिए भी हम सब को रक्षाबंधन मनाना चाहिए। आप सबको एस्ट्रोसेज परिवार की ओर से रक्षाबंधन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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