शुक्र ग्रह का कुम्भ में गोचर

आचार्य रमन
आज शुक्र गृह कुम्भ राशि में आये हैं .शुक्र नैसर्गिक सौम्य गृह है तथा गृह सभा में ब्रहस्पति की ही तरह शुक्र तो मंत्री का दर्जा प्राप्त है .शुक्र असुरों का गुरु माना गया है .शुक्र और शनि परम मित्र हैं और इसकी ब्रहस्पति से मित्रता नहीं है .आइये देखें किस लग्न पर क्या असर हो सकता है :

१)मेष : द्वितीयेश और धनेश होकर शुक्र आपके लाभ स्थान में आ गया है .सूर्य मंगल बुध पेहले से ही आपके लाभ स्थान में चल रहे हैं .निश्चित रूप से यह एक लाभ प्रद योग बना रहा है .शुक्र अभी मंगल के ही नक्षत्र में हैं और मंगल की युति भी है .कुटुंब में तनाव की कमी होगी तथा कुछ लोगों को अपना जीवन साथी भी मिल सकता है.नयी साझेदारियां हो सकती हैं .शुक्र पर कोई भी विपरीत दृष्टि नहीं है .निश्चित ही यह गोचर भ्रमण आपके लिए लाभ्प्रद रहेगा.

२)वृषभ :वृषभ लग्न के लिए शुक्र स्वयं ही षष्ठेश बन जाता है और मंगल द्वादशेश और सप्तमेश होता है .पत्नी आपकी जेब की दुश्मन बन सकती है और मित्रों पर भी अधिक व्यय होने की सम्भावना है .किसी मुक़दमे में राहत मिल सकती है मगर कोई ख़ास नहीं .प्रेम सम्बन्ध में आगे बढ़ सकते हैं .मगर खर्चे और अचानक बिमारी से सावधान रहिये .

३)मिथुन : यात्रा में व्यय ,शिक्षा में व्यय ,लम्बी यात्रा तथा मित्रों के साथ घूमने फिरने और मनोरंजन में समय बिताएंगे .पुराने मित्रों से मिलना हो सकता है .प्रेम संबंधों में रुकावट आ सकती है और कोई बुरी खबर भी सुनने को मिल सकती है .धार्मिक यात्रा भी कर सकते हैं .विवाह करने का निर्णय भी ले सकते हैं .लाभ के बहुत अछे योग बने हुए हैं .

४)कर्क :ब्रहस्पति आपके लग्नेश का फल दे रहे हैं और शुक्र आदि गृह अष्टम भाव में आये हुए हैं .जमीन जायदाद के मामले रुक सकते हैं ,सेहत पर भी विपरीत असर पड़  सकता है.बनते हुई बात थम सकती है .किसी गुप्त कार्य की सिद्धि अवश्य कर सकते हैं .बुध अभी आपके लिए विपरीत राजयोग बना रहा है .अचानक अच्छी खबर सुन ने को मिल सकती है .किसी तकलीफ से रहत मिल सकती है .माता की सेहत बिगड़ सकती है .कार्य क्षेत्र में परेशानियां बढ़ सकती हैं .

५)सिंह :पारिवारिक जीवन में तनाव में कुछ हद तक कमी आएगी तथा मित्रों तथा साझेदारियों  से भी आपको अच्छी खबर मिलेगी .धनागमन के योग अच्छे बने हुए हैं .  यात्रा में कष्ट होगा और चोरी भी हो सकती है .शिक्षा के क्षेत्र में भे उन्नति करेंगे .कार्य क्षेत्र में भी धीरे धीरे सामनजस्य आता जाएगा .सप्तम भाव में अधिक गृह अछे नहीं होते मगर फिर भी आपके लिए अधिक दुखदायी नहीं रहेगा .

६)कन्या : लग्नेश वक्री होने वाला है और भाग्येश ६थे घर में आ गया है अतः आपको अवरोध और शत्रुओं से सावधान रहना पड़ेगा .कर्मचारियों से भी परेशान होंगे .गले में कोई तकलीफ आ सकती है .तथा स्नायु तंत्र भी गड़बड़ा सकता है .घर में भी शांति का अभाव रहने की ही संभावना है .शत्रु और विरोधी आपका काफी समय नष्ट करेंगे .
७)तुला : प्रेम सम्बन्ध बनेंगे .अनिर्णय की स्थिति निर्मित होगी .व्यय अधिक हो जायेंगे और आपसे नहीं संभल पायेंगे .लाभ के  अच्छे योग बने हुए हैं .जमीन आदि क्रय करने का भी मन बना सकते हैं .कुछ समय बाद पारिवारिक जीवन में तनाव अचानक से बढ़ जाएगा .सावधान रहिये .बनते हुए काम भी रुकने से लगेंगे .भाग्य में रुकावट सी महसूस होने लगेगी .साझेदारी में सावधान रहिये .
८)वृश्चिक : समय अनुकूल है .परिवार में शांति और प्रसन्नता रहेगी .घर में कुछ नया काम करवा सकते हैं .कार्य स्थान भी अभी आपके लिए अच्छा बना हुआ है .जीवन साथी किसी नौकरी का चयन कर सकती है या नौकरी के लिए बाहर जा सकती हैं .भीड़ ,जनता से जुड़े हुए कामों में उनकी रूचि बढ़ सकती है .कुछ समय बाद जब शुक्र का नक्षत्र बदल जाएगा तो आपको परेशानी होगी मगर क्योंकि शुक्र की गति काफी तेज रहती है ,आपको बहुत फर्क नहीं पड़ने वाला है .

९)धनु :संतानोत्पत्ति के लिए अच्छा समय नहीं है और ना ही आपको कहीं निवेश इत्यादि करना चहिये .यात्रा लाभकारी रहेगी .धनप्राप्ति के लिए समय अच्छा बना हुआ है .किसी मुकदमें के कारन भटकना पड़ सकता है .मामा के मिलना हो सकता है .भाग्य आपके लिए अच्छा बना हुआ है .कार्य क्षेत्र में भी कोई ख़ास दिक्कत नहीं है .

१०) मकर : योगकारक शुक्र धनभाव में अवश्य ही आपके लिए शुभ समाचार और धन वृद्धि में सहायक होगा .नक्षत्रेश मंगल स्वयं लाभेश होकर धन भाव में युति कर रहा है अतः समय अच्छा है जब तक शुक्र राहू के नक्षत्र में नहीं आ जाता .राहू के नक्षत्र में आने के बाद भी शुक्र आपके लिए अच्छा फल दायक ही रहेगा .स्थान परिवर्तन के योग अवश्य बने हुए हैं और बहुत से जातक कर भी सकते हैं .प्रेम सम्बन्ध में भी शुक्र सहायक रहेगा तथा गुरु के नक्षत्र में आने पर प्रेम में सफलता भी देगा क्योंकि उस समय शुक्र पंचम में गोचर कर रहा होगा .

११) कुम्भ :पुराने सम्बन्ध फिर से जीवंत हो सकते हैं .स्त्र्यिओं से निकटता बढ़ेगी .पर स्त्री सम्बन्ध भी बन सकते हैं यदि आप विवाहित हैं तो .मन में रोमांस की प्रवृत्ति बढ़ जायेगी .शारीरिक सम्बन्ध भी बना सकते हैं .आपके लिए शुक्र आने वाले ५-६ महीनो तक शुभ ही रहने वाला है .

१२) मीन : ये शुक्राचार्य जी की उच्च राशी है ,और शुक्र अष्टमेश और त्रितेयेश होकर द्वादश में अच्छा फल देना चाह रहे हैं .द्वादश भाव शुक्र का सबसे पसंदीदा स्थान है .लम्बी यात्रा की बहुत सम्भावना है .समय आपके लिए अच्छा बना हुआ है .लग्नेश स्वयं लाभ को देख रहे हैं मगर कार्य क्षेत्र की और आपका ध्यान केन्द्रित नहीं है .आप मनोरंजन में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और कम मेहनत से अधिक कमाने की युक्तियों  में लगे हुए हैं ये अच्छा नहीं है .कार्य पर ध्यान दीजिये .

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