हरतालिका तीज २०१४ - अपनी ज़िंदगी में खुशियों का विस्तार करें!

आइये जानते हैं हरतालिका तीज और इसके व्रत के बारे में जिसके रखने से विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लम्बी आयु और अच्छी सेहत की कामना कर सकती हैं। अविवाहित कन्याएँ भी इस व्रत को रख कर भगवान शिव के समान पति पाने की कामना करती हैं। 

हरतालिका तीज को माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन का प्रतीक माना जाता है।


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हरतालिका तीज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में तृतीया तिथि को मनाई जाती है। हरतालिका तीज विशेष रूप से एक उत्तर भारतीय त्यौहार है जो उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोगों द्वारा मनाया जाता है। 

हरतालिका तीज का त्यौहार स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन स्त्रियाँ देवी पार्वती की पूजा करती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। आशीर्वाद के रूप में वह अपने पति की लम्बी उम्र और अच्छी सेहत की कामना करती हैं। वहीं अविवाहित कन्याएँ व्रत रख कर भगवान शिव के स्वरुप पति पाने की कामना करती हैं। 

माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। आइए अब इस व्रत से जुड़ी कथा पर नज़र डालते हैं। 

हरतालिका तीज व्रत कथा 


माता पार्वती भगवान शिव से बहुत प्रेम करती थीं और उनको अपने पति के रूप में पाना चाहती थीं। लेकिन भगवान शिव एक तपस्वी होने के कारण उनकी भावनाओं से अनभिज्ञ थे। तब माता पार्वती ने उनको प्रसन्न कर पति रूप में वरण करने के लिए हिमालय पर्वत पर जाकर कई वर्षों तक तप किया। अंततः भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने माता पार्वती के प्रेम और भक्ति को समझा व पत्नी के रूप में स्वीकार किया। उस समय से ही देवी पार्वती को ‘हरतालिका’ और ’तीज माता’ के रूप में पूजा जाता है।

हरतालिका तीज व्रत की पूजा विधि 


हरतालिका तीज व्रत के उपलक्ष्य में स्त्रियाँ एक दूसरे के हाथों में मेहंदी लगाती हैं और सोलह श्रृंगार कर नाचती गाती हैं। घरों में कई तरह के पकवान बनाएँ जाते हैं। आइए अब जानते हैं हरतालिका तीज पूजा विधि:
  • प्रातः जल्दी उठ कर सिर धो कर नहाएँ 
  • नहाने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें
  • पूरे दिन का निर्जला व्रत रखें 
  • शाम को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें 
  • माता पार्वती को श्रृंगार का समान चढ़ाएँ जैसे कि साड़ी, काजल, कुमकुम, हल्दी और फ़ूल आदि 
  • भगवान शिव को धोती और अंगोछा चढ़ाएँ
  • पूजा के बाद श्रृंगार का समान किसी ब्रह्मिन को और धोती और अंगोछा किसी ब्राह्मण को दे दें 
  • तेरह प्रकार की मिठाइयाँ अपनी सास को दें और उनका आशीर्वाद लें
  • तीज व्रत की कथा सुनें और सूर्यास्त के बाद अपना व्रत खोलें
कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से स्त्रियों की सारी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।


आज का पर्व


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आज गौरी तृतीया है। यह व्रत विवाहित स्त्रियों द्वारा उनके पति की लम्बी आयु के लिए रखा जाता है। 

आज वराह जयंती है। इस दिन भगवान विष्णु ने दुष्टों का संहार करने के लिए वराह के रूप में अवतार लिया था। 

आपका दिन मंगलमय हो!

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