सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर, जानें प्रभाव

सूर्य का राशि परिवर्तन ऐसे बदलेगा आपका जीवन! पढ़ें सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर होने का ज्योतिषीय प्रभाव।



सूर्य ग्रह सभी नौ ग्रहों में प्रधान है। इसलिए इसे ग्रहों का राजा कहा जाता है। ज्योतिष में सूर्य ग्रह नेतृत्व, सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में उच्च पद, सरकारी नौकरी, मान-सम्मान, आत्मा, राजसी जीवन आदि का कारक होता है। ज्योतिषीय रूप के इतर सूर्य ग्रह का धार्मिक और आध्यात्मिक रूप में भी बड़ा महत्व है। हिन्दू धर्म में वैदिक युग से ही सूर्य की उपासना की जाती रही है। लोग प्रातः उठकर सूर्य नमस्कार करते हैं। सप्ताह में रविवार का दिन सूर्य ग्रह को समर्पित है।

ज्योतिष में सूर्य ग्रह को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। यह मेष राशि में उच्च का, जबकि तुला राशि में नीच का होता है। जब कोई भी अपनी उच्च राशि में होता है तो वह बली होता है और बली ग्रह का प्रभाव सकारात्मक होता है। जबकि नीच राशि में ग्रह पीड़ित या कमज़ोर हो जाते हैं और नकारात्मक फल देते हैं।

सूर्य का गोचर की अवधि लगभग एक माह की होती है। सूर्य के गोचर को संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है और जब सूर्य ग्रह धनु से मकर राशि में गोचर करता है, तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इस संक्रांति का धार्मिक दृष्टि से बड़ा महत्व है। 

यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो तो जातक का जीवन एक राजा के समान होता है। समाज में ऐसे जातकों को बड़ा मान-सम्मान मिलता है। सूर्य के शुभ प्रभाव से जातक को निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त होता है। ऐसे जातक समाज का नेतृत्व करते हैं। 

वहीं यदि कुंडली में सूर्य किसी ग्रह से पीड़ित हो अथवा कमज़ोर हो तो ऐसे जातकों को जीवन में कई प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं। सूर्य के नकारात्मक प्रभाव से जातक अंहकारी, अविश्वासी, ईर्ष्यालु, क्रोधी और आत्म केन्द्रित हो जाते हैं। इसलिए अच्छे परिणाम पाने के लिए कुंडली में सूर्य ग्रह को मजबूत करना चाहिए। इसके लिए आप सूर्य ग्रह की शांति के उपाय कर सकते हैं।

सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय


  • रविवार के दिन सूर्य देव की उपासना करें।
  • सूर्य की मजबूती के लिए बेल मूल धारण करें।
  • माणिक्य रत्न धारण करें।
  • एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है।
  • विधि अनुसार, सूर्य यंत्र को स्थापित कर उसकी विधिवत पूजा करें।
  • रविवार के दिन केसरिया रंग का वस्त्र धारण करें।
  • सूर्य ग्रह के बीज मंत्र का जाप करें - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।

गोचर की समयावधि


17 नवंबर 2019, रविवार 00:30 बजे सूर्य का गोचर वृश्चिक राशि में होगा और 16 दिसंबर 2019, सोमवार दोपहर 15:10 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा। 

सूर्य के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर निम्न प्रकार से पड़ेगा।। 

मेष


सूर्य ग्रह का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में होगा। अष्टम भाव में सूर्य के गोचर से आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं। आपको इस दौरान सर्दी जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियाँ हो सकती हैं। सामाजिक स्तर पर आपको….आगे पढ़ें


वृषभ


सूर्य देव का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा। इस भाव को विवाह भाव भी कहा जाता है और इससे जीवन में होने वाली साझेदारियों के बारे में पता चलता है। इस भाव में सूर्य के गोचर के दौरान आपको वैवाहिक जीवन में संभलकर चलना होगा, इस गोचर के असर से….आगे पढ़ें

मिथुन


सूर्य देव आपकी राशि से षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। इस भाव से हम आपके शत्रु पक्ष के बारे में विचार करते हैं। सूर्य का यह गोचर आपके लिए शुभ फलदायी रहेगा। आपने अपने अतीत में जो कड़ी मेहनत की है उसका अच्छा फल इस समय आपको मिल….आगे पढ़ें

कर्क


सूर्य का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है। इस भाव को संतान भाव भी कहते हैं और इससे आपकी विद्या, ज्ञान और संतान के बारे में विचार किया जाता है। आपके आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह गोचर अच्छा रहेगा। अगर आपने किसी को उधार दिया….आगे पढ़ें

सिंह


सूर्य देव आपकी राशि से चतुर्थ भाव में संचरण करेंगे। इस भाव को सुख भाव भी कहा जाता है। सूर्य का यह गोचर आपके लिए अच्छा रहने वाला है। सरकारी जॉब करने वाले लोगों को इस दौरान कार्यक्षेत्र में प्रमोशन के साथ-साथ घर गाड़ी जैसी सुविधाएँ….आगे पढ़ें

कन्या


जगत की आत्मा कहे जाने वाले सूर्य देव का गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में होगा। इस भाव से आपके साहस, पराक्रम आदि के बारे में विचार किया जाता है। इस भाव में सूर्य के गोचर के दौरान आपके साहस में कुछ कमी आ सकती है। जिन कामों को आप बड़ी आसानी….आगे पढ़ें

तुला


सूर्य ग्रह आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। कुंडली के दूसरे भाव से हम आपकी वाणी और धन के बारे में विचार करते हैं। सूर्य के इस गोचर के दौरान आपकी वाणी में कठोरता देखने को मिल सकती है, जिस वजह से परिवार में भी वाद-विवाद हो….आगे पढ़ें

वृश्चिक


सूर्य ग्रह का गोचर आपकी ही राशि यानि आपके प्रथम भाव में होगा। कुंडली के पहले भाव से हम आपके स्वास्थ्य, स्वभाव और आत्मा के बारे में विचार करते हैं। इस गोचर के दौरान आपकी एकाग्रता प्रबल रहेगी। आप जिस काम को हाथ में ले लेंगे उसे पूरा करने….आगे पढ़ें

धनु


सूर्य ग्रह आपकी राशि से द्वादश भाव में संचरण करेगा। इस भाव को व्यय भाव भी कहा जाता है। इस गोचर के दौरान आपको अपनी सेहत पर दोगुना ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि बुख़ार, अनिद्रा और पेट दर्द जैसी समस्याएं इस समय आपको परेशान कर सकती हैं। इनसे….आगे पढ़ें

मकर


सूर्य देव आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर करेंगे। कुंडली के एकादश भाव को लाभ भाव भी कहा जाता है। इस भाव में सूर्य देव के गोचर के दौरान आपको अप्रत्याशित लाभ मिलने की पूरी संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपके काम को इस समय सराहा….आगे पढ़ें

कुंभ


सूर्य का यह गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। इस भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है। इस भाव में सूर्य के गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलेगी और इसके कारण आपके काम में और भी निखार आएगा। सरकारी नौकरी करने वाले….आगे पढ़ें

मीन


सूर्य ग्रह का गोचर आपकी राशि से नवम भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव धनु राशि का होता है और इससे धर्म, भाग्य आदि के बारे में विचार किया जाता है। इस भाव में सूर्य के गोचर के दौरान आपको जीवन में संघर्ष करना पड़ेगा। इस दौरान आप जो भी काम….आगे पढ़ें

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3 comments:

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