केजरीवाल की शपथ : अग्निपथ

भारतीय राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने आज दिल्ली के मुख्यमन्त्री के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है। क्या केजरीवाल अपने वादों पर खरे उतर पाएंगे? क्या आम आदमी पार्टी जनता की उम्मीदों को पूरा कर पाएगी? आइए, ज्योतिष के माध्यम से देखते हैं कि कैसा रहेगा आम आदमी पार्टी की इस सरकार का भविष्य...

केजरीवाल की शपथ

जिस प्रकार किसी जातक के पैदाइश के समयानुसार जो कुण्डली बनती है वही उसके भविष्य का आइना होती है, ठीक उसी प्रकार किसी कार्य का शुरुआती समय भी उस कार्य कि सिद्धि व भविष्य का निर्धारण करता है। अरविंद केजरीवाल जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ 28 दिसम्बर 2013 को दोपहर के समय ठीक 12:00 बजे ली है। आइए उस समय की कुण्डली बनाकर विश्लेषण किया जाए।


अरविंद केजरीवाल जी के शपथ ग्रहण करते समय मीन लग्न, तुला राशि और कन्या का नवांश था। द्विस्वभाव लग्न, चर राशि और द्विस्वभाव नवांश, यानी कहीं से भी स्थिरता दृष्टिगोचर नहीं हो रही है। लग्नेश वक्री होने के साथ ही द्विस्वभाव राशि में है यानी यहां से भी स्थिरता नजर नहीं आ रही है। हां एक बात यहां अच्छी है कि लग्नेश और दशमेश बृहस्पति अपने ही नक्षत्र में है जो कि सकारात्मक संकेत दे रहा है। जो सरकार बनाने में बाधाएं तो दर्शा रहा है लेकिन बनने की उम्मीद भी बंधा रहा है। यानी कि सरकार तो ये किसी तरह बना ले जाएंगे। आइए अब देखते हैं कि सरकार चलाना इनके लिए कितना आसान या मुश्किल रहेगा।

इसके लिए हम लग्न, दशम और चंद्रमा पर विचार करते हैं। लग्नेश और दशमेश बृहस्पति चतुर्थ में बुध की राशि में है और बुध इस कुण्डली में अतिशत्रु है। इतना ही नहीं वह कर्म स्थान पर षष्ठेश सूर्य के साथ है। यानी चारो ओर से दुश्मनी ही दुश्मनी। इनके शत्रु या यूं कहें कि विपक्षी दल जो कि कांग्रेस और बीजेपी ही हैं इन्हें काम करने नहीं देंगें। इनके कर्म स्थान पर दो ग्रह है, एक बुध दूसरा सूर्य। मेरे विचार से यहां पर बुध की भूमिका कांग्रेस निभा रही है। क्योंकि बुध न केवल यहां बाधक है बल्कि इस कुण्डली के लग्नेश और दशमेश का अति शत्रु होने के साथ-साथ द्विकेन्द्राधिपति दोष का सृजनकर्ता भी है। जिस तरह कांग्रेस कहने को तो समर्थन दे रही है लेकिन वास्तव में वह इन्हें आजमाना चाह रही है और इनके कामों में अड़चन डालने की भरसक कोशिश भी करेगी ठीक उसी तरह के संकेत बुध से मिल रहे हैं अत: इस कुण्डली के लिए कांग्रेस को बुध से विचारणीय माना जाना चाहिए। यही पार्टी “आप” को “आपा” खोने के लिए मजबूर कर सकती है। क्योंकि बुध बुद्धि का कारक ग्रह है और वहीं कामों में अड़चने डालकर बुद्धि खराब करने की कोशिश करेगा तो स्वाभाविक है AAP के लोग आपा खोने को मजबूर हो उठेंगे।

सूर्य यहां बीजेपी के जैसे भूमिका निभाने वाली दिख रही है। सूर्य इस कुण्डली में षष्ठेश है यानी विपक्ष है और कर्म स्थान में स्थित है। इसके साथ ही कर्म स्थान पर कई ग्रहों का प्रभाव है। सूर्य, बुध दशम में स्थित हैं, मंगल शनि और गुरु वहां देख रहे हैं। राहु शनि के साथ होने के कारण पूरी तरह शनिवत काम करेगा यानी उसके भी दशम भाव में प्रभाव को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते। यानी “बहुते जोगी मंदिर नाशा” की कहावत यहां चरितार्थ होती दिख रही है।

चंद्रमा भी विषयोग और ग्रहण योग में फसा हुआ है। अष्टम में वैसे भी चन्द्रमा की स्थिति को सही नहीं माना गया है। यानी विपक्षी भाजपा और तथा कथित समर्थक कांग्रेस, टीम केजरीवाल को काम करने नहीं देगीं। इस बात का संकेत प्रत्यक्ष मिल रहा है कि टीम केजरीवाल पूरी निष्ठा के साथ काम करना चाहेगी लेकिन कर नहीं पाएगी। कर्मेश की कर्म स्थान पर दृष्टि के कारण ये कई बार अच्छी योजनाएं बना सकते हैं लेकिन उनके क्रियान्वित होने में बाधाएं डाली जा सकती हैं। बहुत सम्भावना है कि कुछ कदमों को लेकर इनकी छीछालेदर भी हो सकती है। मन में ग्लानि हो सकती है। 15 जून 2014 से 20 नवम्बर 2014 के बीच का समय केजरीवाल सरकार के लिए ठीक नहीं है। इस बीच में इन्हें सरकार चलाना बहुत मुश्किल लगेगा। बहुत सम्भावना है कि कहीं ऐसा न हो कि इस अवधि में सरकार गिर जाय और टीम केजरीवाल को ये लगे कि बड़े बेआबरू होके तेरे कूचे से हम निकले।

पं. हनुमान मिश्रा

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4 comments:

  1. What a sarcastic analysis. Seems you are modi supporter in your analysis. I am also palm reader and i had predicted about arvind year back and its true now . U prediceted based on current political condition less than on ur chart analysis

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  2. Dear

    There is no doubt that this govt will not last long. As there are three planets moon saturn and rahu in 8th house. But saturn in 8th gouse give long life and its exalted. So it wont go that soon too. There will be plannings and sceaming against app , public itself will say to step down and go for new elections.

    One major point what I feel u missed is , exchange between mercury and jupiter.so it will be like jupiter is in 10th house and mercury in 4th house. So lagnesh will be in own house. Which will show they will work according to wha they want to work

    Regards
    Anil

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  3. I Noticed the Kundali is made while using time 12.00 noon, but arvindji already took owth by 11.58 AM.though it wont change lagn kundali to a big extend but it will definitely change degrees and other charts which are very usefull for doing micro analysis.Also if you do Analysis by KP system sub sub lords changes if if there is differences of 30 seconds. I would request you learned people to kindly do an analysis using 11.58 as the time of owth.

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