नवरात्रि प्रतिपदा आज - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

नवरात्रि का पहला दिन है आज, यानि सितम्बर 25, 2014। क्या आप अपने जीवन में आने वाली सभी दुविधाओं से मुक्त होना चाहेंगे? क्या आप भौतिकवादी सुख से अपने जीवन में छुटकारा पाना चाहेंगे? सम्पूर्ण भक्ति से शैलपुत्री माता को पूजें और आगे एक आनंदमय जीवन के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें। 


बहुप्रतीक्षित नवरात्री का अंततः आगमन हो चूका है। आज शरद नवरात्री का पहला दिन हैं। जैसे की हम जानते हैं कि नवरात्री की नौं रातें देवो दुर्गा की नौं अवतारों को अर्पित किया जाता हैं । यहां हम देवी शैलपुत्री के बारे में बात करेंगे। 


विशेष

इसबार माँ का आगमन झूले पर हो रहा है जो प्रजा के लिए हितकर नहीं है, प्राकृतिक आपदा, तथा आपसी तनाव बढ़ सकता है। परन्तु माँ का प्रस्थान हाथी पर हो रहा है, अतः नवरात्री के बाद आने वाला समय सबके लिए सुखद स्थिति बनेगी। विषम परिस्थितियों में भी अपनी पूजा - अर्चना जारी रखें, माँ कल्याण करेगी। - पं दीपक दूबे
माता शैलपुत्री देवी दुर्गा की पहली अवतार है। ‘शैलपुत्री’ संस्कृत भाषा से उत्पन्न एक नाम जिसका अर्थ है ‘पहाड़ों की बेटी’। ऐसा माना जाता हैं की देवी शैलपुत्री हिमालय देव की पुत्री थी, जिन्हें पहाड़ों का राजा कहा जाता हैं। 

शैलपुत्री माता की सवारी वृष है। वो अपने दाहिने हाथ में त्रिशूल धारण करती है, जो की सुरक्षा का प्रतीक हैं एवं उनके बाएं हाथ में कमल फूल रहता है। मूलाधार चक्र जुड़ा हुआ हैं; मूलाधार चक्र एक व्यक्ति की आध्यात्मिक जागृति तक पहुँचने की यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। जब तक यह चक्र सक्रिय न हो, एक व्यक्ति अपने जीवन में सार्थक कार्य करने में सफल नहीं हो पाता। 

नवरात्री का पहला दिन: पंचांग


(निचे दिया गया पंचांग दिल्ली क्षेत्र के आधार पर है।)
  • आज सूर्योदय का समय है 06:14 IST और सूर्यास्त होगा 18:10 IST पर। 
  • चंद्रोदय का समय है 06:55 IST और चन्द्रास्त होगा 18:50 IST पर। 
  • द्वितीय तिथि प्रारम्भ होगी (13:22 IST), अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं हस्त नक्षत्र है। 
  • राहुकाल शुरू हो रहा है 13:41 IST पर और खत्म हो रहा है 15:11 IST पर। 
  • अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:48 IST से 12:36 IST। 
  • अमृत काल शुरू होगा 13:07 IST पर और खत्म होगा 14:51 IST पर।
  • कलश स्थापन :स्थिर लग्न प्रातः १०:२० से लेकर मध्यान्ह १२:३० तक है 

देवी शैलपुत्री का जप मंत्र 


वंदे वाद्द्रिछतलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम |
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम्‌ |

नवरात्री पहले दिन की पूजा 


देवी शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए नवरात्री के पहले दिन से जुड़ी सारी रस्में पूरी करें। इस दिन नीचे दी गई रस्मों का पालन करें-
  • किसी भी अनुष्ठान के शुरू से पहले, आपको प्रातः काल स्नान लेना चाहिए।
  • शैलपुत्री माता की मूर्तियों को स्वच्छ करके पूजा स्थान में रखा जाता हैं। 
  • इसके पश्चात, शैलपुत्री माता की आरती उतारी जाती है। 
  • इसके अलावा शैलपुत्री देवी को फूल और पान के पत्तें चढ़ाया जाता हैं। 
  • सभी रश्मों के ख़त्म होने पर भक्तों में प्रसाद बांटा जाता हैं। 
आशा है की अभी आप इस बात से परिचित है की किस तरह देवी शैलपुत्री को प्रसन्न करना है। शैलपुत्री माता को सम्पूर्ण भक्ति से पूजें और आगे एक आनंदमय जीवन के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें।


आज का पर्व!


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