बुध का वृश्चिक में गोचर आज, जानें प्रभाव

बुध के राशि परिवर्तन से इन 4 राशियों को होगा फायदा! पढ़ें आज को होने वाले बुध के वृश्चिक राशि में गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव।



आकाश मंडल में बुध ग्रह आकार में सबसे छोटा है। लेकिन इसकी चाल सभी ग्रहों की चाल से तेज है। इसलिए बुध ग्रह के गोचर की समयावधि भी सबसे कम है। यह एक राशि में लगभग 14 दिनों तक रहता है। बुध ग्रह को नवग्रहों में युवराज का दर्जा प्राप्त है। 

यह बुद्धि, तार्किक क्षमता, गणित, वाणी एवं हरे वर्ण का कारक है। 12 राशियों में से इसे मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व प्राप्त है। बुध कन्या में उच्च का और मीन में नीच का होता है। वहीं नक्षत्रों में अश्लेषा, रेवती और ज्येष्ठा नक्षत्रों का अधिपति है। 

बुध एक तटस्थ ग्रह है और अपनी तटस्था के कारण न तो यह ग्रह सौम्य और न ही क्रूर। बुध ग्रहों की संगति के अनुसार ही फल देता है। कहने का तात्पर्य ये है कि यह शुभ ग्रहों के साथ अच्छे और क्रूर ग्रहों के साथ समस्याकारक फल देता है।

यदि किसी जातक की कुंडली में जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में हो तो यह जातक को अच्छा वक्ता, गणितज्ञ, तेज-तर्रार, चालाक बनाता है। जबकि बुध के कमजोर या अस्त होने से जातक की कम्यूनिकेशन स्किल्स और गणित कमज़ोर होती है। जातक मंद बुद्धि का होता है। इसलिए बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए जातकों को बुध ग्रह की शांति के उपाय करने चाहिए।

बुध के वृश्चिक में गोचर की समयावधि

बुध देव 23 अक्टूबर 2019, बुधवार रात्रि 22:47 बजे वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 31 अक्टूबर 2019, बृहस्पतिवार को रात्रि 20:33 बजे वक्री हो जाएंगे। इस स्थिति में ये 7 नवंबर 2019, बृहस्पतिवार की शाम 16:04 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। ऐसे में आइये जानते हैं बुध के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा।

मेष


बुध आपकी राशि से अष्टम भाव में स्थित होंगे। कुंडली के अष्टम भाव को आयुर्भाव कहा जाता है। इस भाव से जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव, अचानक से होने वाली घटनाएँ, आयु, रहस्य, शोध आदि को देखा जाता है। गोचर के प्रभाव से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।……..आगे पढ़ें


वृषभ


बुध आपकी राशि से सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में कुंडली के सातवें भाव से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, जीवनसाथी एवं जीवन के अन्य क्षेत्रों में बनने वाले पार्टनर्स का विचार किया जाता है। इस समय विवाहित जातकों के वैवाहिक जीवन में ख़ुशियाँ आएँगी।……..आगे पढ़ें

मिथुन


बुध आपकी राशि से षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। ज्योतिष में इस भाव को शत्रु भाव कहा जाता है। इस भाव से विरोधियों, रोग, पीड़ा, जॉब, कम्पीटीशन, रोग प्रतिरोधक क्षमता, शादी-विवाह में अलगाव एवं क़ानूनी विवादों को देखा जाता है। बुध का यह गोचर आपके लिए बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है।……..आगे पढ़ें

कर्क


बुध आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में इस भाव को संतान भाव के नाम से भी जाना जाता है। इस भाव से रोमांस, संतान, रचनात्मकता, बौद्धिक क्षमता, शिक्षा एवं नए अवसरों को देखा जाता है। इस दौरान संतान की सेहत पर ध्यान देना होगा।……..आगे पढ़ें

सिंह


बुध आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंडली के चौथे भाव को सुख भाव कहा जाता है। इस भाव से माता, जीवन में मिलने वाले सभी प्रकार के सुख, चल-अचल संपत्ति, लोकप्रियता एवं भावनाओं को देखा जाता है। गोचर के प्रभाव से आपके जीवन में खुशहाली व समृद्धि आएगी।……..आगे पढ़ें

कन्या


बुध आपकी राशि से तृतीय भाव में जाएंगे। कुंडली में तीसरे घर को सहज भाव कहा जाता है। इस भाव से व्यक्ति के साहस, इच्छा शक्ति, छोटे भाई-बहनों, जिज्ञासा, जुनून, ऊर्जा, जोश और उत्साह को देखा जाता है। गोचर के दौरान आपके साहस और आत्म-विश्वास में वृद्धि होगी।……..आगे पढ़ें

तुला


बुध आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में दूसरे भाव से व्यक्ति के परिवार, उसकी वाणी, प्रारंभिक शिक्षा एवं धन आदि का विचार किया जाता है। बुध का गोचर आपके आर्थिक पक्ष के लिए सकारात्मक रहने वाला है। इस दौरान आपको आर्थिक लाभ मिलने की प्रबल संभावना है।……..आगे पढ़ें

वृश्चिक


बुध ग्रह आपकी ही राशि में गोचर करेगा जो आपके प्रथम भाव अर्थात लग्न भाव में स्थित होगा। ज्योतिष में लग्न भाव को तनु भाव कहा जाता है। बुध का गोचर आपके स्वभाव पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस दौरान आपको मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।……..आगे पढ़ें

धनु


बुध आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष में यह भाव व्यय भाव कहलाता है। इस भाव से ख़र्चे, हानि, मोक्ष, विदेश यात्रा आदि को देखा जाता है। बुध का गोचर आपके आर्थिक पक्ष को सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है। इस अवधि में आपके ख़र्चें बहुत बढ़ जाएंगे।……..आगे पढ़ें

मकर


बुध आपकी राशि से एकादश भाव में स्थित होगा। कुंडली में एकादश भाव को आमदनी का भाव कहा जाता है। इस भाव से आय, जीवन में प्राप्त होने वाली सभी प्रकार की उपलब्धियाँ, मित्र, बड़े भाई-बहनों आदि को देखा जाता है। बुध का गोचर आपके लिए विभिन्न क्षेत्रों में लाभकारी होगा।……..आगे पढ़ें

कुंभ


बुध आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में दशम भाव करियर एवं प्रोफेशनल, पिता की स्थिति, रुतबा, राजनीति एवं जीवन के लक्ष्यों की व्याख्या करता है। इसे कर्म भाव भी कहा जाता है।……..आगे पढ़ें

मीन


बुध आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। ज्योतिष में नवम भाव को भाग्य भाव कहते हैं। इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, गुरु, धर्म, यात्रा, तीर्थ स्थल, सिद्धांतों का विचार किया जाता है। गोचर के दौरान आपका भाग्य चमक सकता है।……..आगे पढ़ें

Related Articles:

No comments:

Post a Comment