जानें दिवाली और नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त और पाएँ मां लक्ष्मी व श्री गणेश का आशीर्वाद।
साल 2019 में दीपावली का त्यौहार 27 अक्टूबर को मनाया जायेगा। दिवाली का त्योहार पूरे भारत में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का इंतजार हर किसी को रहता है। दिवाली की रात को चारों तरफ रोशनी बिखरी रहती है इसलिये इसे प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है। इस त्यौहार को भगवान राम के अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर में और घरों के बाहर घी के दीये जलाते हैं। दीपावली के त्योहार को सकारात्मकता का त्योहार भी माना जाता है क्योंकि इस दिन पूजा इत्यादि करके लोग अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर करने की कोशिश करते हैं।
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दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
नोट: यह मुहूर्त नयी दिल्ली, भारत के लिये प्रभावी है।
हिंदू पंचांग के अनुसार कब मनायी जाती है दीपावली
दिवाली के त्योहार को अमावस्या के दिन मनाया जाता है यानि इस दिन चाँद आकाश में उदित नहीं होता। कार्तिक मासे की अमावस्या को प्रदोष काल के दौरान दीपावली का पर्व मनाया जाता है और इसी समय महालक्ष्मी पूजन भी किया जाता है। यदि दो दिनों तक अमावस्या की तिथि प्रदोष काल को स्पर्श नहीं करती है तो दिवाली दूसरे दिन मनायी जाती है। दिवाली मनाने को लेकर इसके अलावा और मत भी हैं लेकिन इस मत को सबसे ज्यादा माना जाता है।
दिवाली के दिन कैसे करें लक्ष्मी जी का पूजन
हिंदू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही भगवान गणेश और माता सरस्वती को भी इस दिन पूजा जाता है। इस दिन लोगों के द्वारा अपने घर और पूजा स्थल की सफाई की जाती है क्योंकि मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं। लक्ष्मी पूजा के समय आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिये जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
- जैसा कि हर महत्वपूर्ण त्योहार के दिन स्नान ध्यान का अलग महत्व है उसी तरह दिवाली वाले दिन भी आपको सुबह उठकर स्नान ध्यान करना चाहिये।
- खुद की सफाई के बाद आपको अपने घर और पूजा स्थल को भी साफ करना चाहिये।
- इस दिन घर में गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव करें और घर को शुद्ध करें।
- सुबह के समय आप गायत्री मंत्र या ऊं नम: शिवाय का जाप करके मन को शुद्ध करें।
- इस दिन घर के द्वार पर रंगोली बनायें और वहां दीये रखें।
- पूजा स्थल की सफाई के बाद एक लाल कपड़ा बिछाकर वहां माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद दीपक जलाएं और दीप, मौली, जल, चावल, गुड़ इत्यादि भगवान को अर्पित करें।
- इस दिन पूजा के समय घर के सभी सदस्या अगर साथ रहें तो शुभ माना जाता है।
- पूजा की समाप्ति के बाद प्रसाद बांटें और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें।
साल 2019 में दिवाली के दिन ही नरक चतुर्दशी का त्योहार भी मनाया जाएगा। यानि नरक चतुर्दशी भी इस साल 27 अक्टूबर को ही मनायी जाएगी। हिंदू धर्म को मानने वालों द्वारा इस दिन यमलोक के राजा यमराज की पूजा की जाती है। इस दिन यमराज की पूजा करने से मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु भी नहीं होती।
नरक चतुर्दशी के दिन पूजा
- इस दिन की शुरुआत आपको तन और मन को स्वच्छ करने के साथ करनी चाहिये।
- स्नान-ध्यान करने के बाद शरीर पर तिल के तेल की मालिश करना भी इस दिन शुभ माना जाता है।
- इस दिन यमराज की पूजा की जाती है इसलिये दक्षिण दिशा की और मुख करके इस दिन पूजा की जानी चाहिये।
- यमराज को प्रसन्न करने के लिये इस रोज घर के मुख्य द्वार से बाहर दीया जलाया जाना चाहिये।
- यमराज के साथ-साथ भगवान कृष्ण को पूजने से इस दिन इंसान में अच्छे गुण आते हैं।
नरक चतुर्दशी के की अर्धरात्रि में यानि की निशीथ काल के दौरान अपने घर को साफ करना चाहिये। इस दौरान घर में पड़े गैर जरुरी सामान को दूर कर देना चाहिये।
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