सूर्य के गोचर से इन 5 राशियों के जातक रहें सावधान! पढ़ें 18 अक्टूबर को होने वाले तुला राशि में सूर्य ग्रह के गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रह
सूर्य का नाम लेते ही मन में ऊर्जा, प्रकाश, और तेज का भाव आने लगता है। सूर्य के इन्हीं गुणों के कारण ज्योतिष में इसे सभी ग्रहों से श्रेष्ठ माना गया है। सूर्य ग्रह नवग्रहों में प्रधान है। यदि जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत या बली हो तो यह व्यक्ति को राजसी गुणों से भर देता है। यह व्यक्ति के अंदर नेतृत्व एवं प्रशासनिक क्षमता को विकसित करता है।
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सूर्य प्रबल जातकों का लोग समाज में अनुसरण करते हैं। एक राजा की तरह समाज में उसे मान-सम्मान और अधिकार प्राप्त होते हैं। वैदिक ज्योतिष सूर्य को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। इसलिए सिंह राशि के जातकों पर सूर्य का प्रभाव स्पष्ट रूप में देखने को मिलता है।
सूर्य एक राशि में एक माह तक रहता है। यानि दूसरे शब्दों में हम इसे ये कह सकते हैं कि सूर्य के गोचर की अवधि तकरीबन एक माह की होती है। सूर्य की उच्च राशि मेष है और तुला इसकी नीच राशि है। यानि इस गोचर के दौरान सूर्य अपनी नीच राशि में प्रवेश करेगा। यहाँ ध्यान देने वाली ये बात है कि कोई भी ग्रह अपनी नीच राशि में पीड़ित अवस्था में होता है।
गोचर की समयावधि
सूर्य देव अब 18 अक्टूबर 2019, शुक्रवार 00:41 बजे कन्या से तुला राशि में गोचर करेगा और 17 नवंबर 2019, रविवार 00:30 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर होगा। आईये इस राशिफल के माध्यम से डालते हैं उन प्रभावों पर एक नज़र..
मेष
सूर्य देव का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होने जा रहा है। इस भाव को विवाह भाव भी कहा जाता है। इस भाव में सूर्य के गोचर के चलते आपके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। इसके साथ ही पारिवारिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती अपने भाई-बहनों के साथ किसी बात को लेकर आपकी कहासुनी हो सकती है।……..आगे पढ़ें
वृषभ
सूर्य देव का गोचर आपकी राशि से षष्ठम भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव कन्या राशि का होता है और इससे आपके शत्रुओं, आपको होने वाली बीमारियों, कानूनी लड़ाई आदि के बारे में विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान आपको अच्छे फल मिलने की पूरी उम्मीद है……..आगे पढ़ें
मिथुन
सूर्य का गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होगा। यह भाव संतान भाव भी कहलाता है और इससे विद्या और ज्ञान के बारे में भी विचार किया जाता है। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों के लिए यह गोचर शुभ रहेगा। यदि आप लंबे समय से किसी संस्था से जुड़े हैं तो इस समय आपकी पदोन्नति हो सकती है।……..आगे पढ़ें
कर्क
सूर्य के तुला राशि में गोचर के दौरान आपका चतुर्थ भाव सक्रिय अवस्था में रहेगा। इस भाव को सुख भाव भी कहा जाता है और इससे हम आपकी चल-अचल संपत्ति, माता, और समाज में आपकी स्थिति के बारे में विचार करते हैं।……..आगे पढ़ें
सिंह
सूर्य देव आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर करेंगे। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव मिथुन राशि का होता है और इससे आपके साहस, पराक्रम, छोटे भाई-बहनों और आपके सामर्थ्य के बारे में विचार किया जाता है। इस दौरान आप खुद को ऊर्जावन महसूस करेंगे और हर काम को पूरी रचनात्मकता के साथ पूरा करने की कोशिश करेंगे।……..आगे पढ़ें
कन्या
सूर्य ग्रह का गोचर आपकी राशि से द्वितीय भाव में होने से आपकी वाणी में इस दौरान कर्कशता आ सकती है। आपके बात करने का तरीका आपके कुछ करीबियों को आपसे दूर कर सकता है इसलिए आपको इस गोचर के दौरान सोच-समझकर बात करने की सलाह दी जाती है।……..आगे पढ़ें
तुला
सूर्य देव का संचरण आपकी राशि से प्रथम भाव या आपके लग्न भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह स्थान मेष राशि का होता है और इससे आपके स्वभाव, स्वास्थ्य और आत्मज्ञान के बारे में विचार किया जाता है। यह गोचर आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां दे सकता है।……..आगे पढ़ें
वृश्चिक
सूर्य का गोचर आपकी राशि से द्वादश भाव में होगा। इस भाव से हम आपके खर्च, हानि और मोक्ष के बारे में विचार करते हैं। इस राशि के कारोबारियों को इस गोचर के दौरान काम के संबंध में विदेश यात्रा या कोई लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है।…..आगे पढ़ें
धनु
सूर्य का आपकी राशि से एकादश भाव में संचरण होगा। एकादश भाव को लाभ भाव भी कहा जाता है और इससे हम जीवन में मिलने वाली उपलब्धियों, बड़े भाई बहनों आदि के बारे में विचार करते हैं। इस भाव में सूर्य के गोचर के दौरान आपको अच्छे फल मिलने की पूरी उम्मीद है।……..आगे पढ़ें
मकर
सूर्य देव का गोचर आपकी राशि से दशम भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव मकर राशि का होता है। इस भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है और इससे आपके कर्म, आपके पिता और समाज में आपकी स्थिति के बारे में विचार किया जाता है।……..आगे पढ़ें
कुंभ
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर उनकी राशि से नवम भाव में होगा। काल पुरुष की कुंडली में यह भाव धनु राशि का होता है और इससे आपके भाग्य, लंबी दूरी की यात्राओं और गुरु या गुरुतुल्य लोगों के बारे में विचार किया जाता है। सूर्य के इस गोचर के दौरान आपके पिता के स्वास्थ्य में गिरावट आने की संभावना है।……..आगे पढ़ें
मीन
सूर्य का गोचर आपकी राशि से अष्टम भाव में हो रहा है। इस भाव को आयु भाव भी कहा जाता है और इससे हम जीवन में आने वाले उतार-चढ़ावों और अचानक होने वाली घटनाओं के बारे में विचार करते हैं। इस गोचरीय काल में आप अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं और लक्ष्य को हासिल करने में आपको परेशानियां भी आ सकती हैं।……..आगे पढ़ें
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