अहोई अष्टमी आज, जानें पूजा मुहूर्त एवं व्रत विधि

संतान की दीर्घायु के लिए इस विधि से रखें अहोई अष्टमी व्रत। जानें अहोई अष्टमी की पूजा से जुड़े नियम।



अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन अहोई माता की पूजा होती है और चूंकि यह व्रत अष्टमी तिथि को आता है इसलिये इसे अहोई अष्टमी कहा जाता है। इस दिन हिंदू धर्म को मानने वाले लोग अहोई माता की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस दिन यदि पूरी श्रद्धा से माता की पूजा की जाए तो संतान को दीर्घायु और बुद्धि प्राप्त होती है। इस दिन यदि कोई जातक व्रत रखता है तो उसे तारों के दर्शन के बाद ही भोजन करना चाहिये। इस दिन विवाहित महिलाओं द्वारा संतान की प्राप्ति के लिये भी व्रत रखा जाता है। साल 2019 में अहोई अष्टमी का व्रत 21 अक्टूबर को रखा जाएगा। 


अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त


पूजा मुहूर्तसायं 05:46 से 07:02 बजे तक
सायंकालीन तारों का उदय06:10 बजे
चंद्रोदय11:46 बजे


अहोई अष्टमी- व्रत एवं पूजा विधि


इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान करना चाहिये। इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करनी चाहिये। अगर घर में गंगाजल है तो गंगाजल से पूरे घर पर छिड़काव करना चाहिये। इसके बाद शुद्व मन से माता अहोई के व्रत का संकल्प लेना चाहिये। इस दिन माता पार्वती की आराधना की जाती है। माता की पूजा से पहले उनके सामने मूली, सिंघाड़ा, चावल की कटोरी आदि रखने चाहिये और इसके बाद अहोई माता की व्रत कथा का पाठ करना चाहिये। यह कथा घर के सब लोग एक साथ बैठकर सुनें तो शुभ होता है। सुबह की पूजा के दौरान एक लौटे में पानी भरकर उसके ऊपर करवा रखा जाता है। इसमें वही करवा इस्तेमाल होना चाहिये जो करवा चौथ के दिन इस्तेमाल किया जा चुका हो। माता अहोई की पूजा में चांदी की अहोई बनाने की परंपरा भी है, अहोई को स्याहु और साही भी कहा जाता है। शाम माता अहोई की पूजा के बाद आपको अपनी संतान के उज्जवल भविष्य की कामना करनी चाहिये। 


अहोई अष्टमी के दिन क्या न करें


अहोई अष्टमी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसलिए इस दिन जो जातक को व्रत रखता है उसे गलती से भी जीव जंतुओं की हत्या करने से बचना चाहिए। इस दिन मिट्टी को खोदना भी नहीं चाहिए क्योंकि मिट्टी में छोटे छोटे जीव जंतु होते हैं और भूलवश आप किसी की हत्या कर सकते हैं। इसके साथ ही अहोई अष्टमी के दिन घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनाना चाहिए बल्कि अहोई अष्टमी की व्रत से 1 दिन पहले भी तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। अहोई अष्टमी की व्रत को निर्जल रखा जाता है इसलिए इस दिन पानी भी नहीं है। लड़ाई झगड़ा करने से बचें और घर में यदि छोटे बच्चे हैं तो उनको डांटे ना। अहोई अष्टमी की रात को यदि आप तारों को अर्घ्य देते हैं तो आपको तांबे के लोटे से हरगिज़ नहीं देना चाहिए चांदी या पीतल का लोटा इस्तेमाल करना चाहिए।

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