चैत्र नवरात्री मुहूर्त

क्या आप को किसी शुभ कार्य या नया व्यापार शुरू करने के लिए अच्छे वक़्त का इंतज़ार है? क्या आप भी सौभाग्य और ख़ुशियों से भरे हुए समय की राह ताक रहे हैं? तो लीजिए आपका इंतज़ार आज ख़त्म होता है क्यूंकि आज से चैत्र नवरात्र 2015 की शुरुआत हो रही है। 


हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र नवरात्री से होती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र हिन्दू नव वर्ष का पहला महीना माना जाता है। 


नवरात्री के हर दिन का शुभ मुहूर्त 


निचे दिया गया समय हर दिन का सबसे शुभ मुहूर्त है। आप इस अवधि पूजा एवं अन्य शुभ कार्य कर सकते हैं।


दिन
मुहूर्त (भारतीय समय)
दिन 1 (प्रतिपदा) - मार्च 21
घटस्थापना मुहूर्त: 06:28 से 07:35 तक
अभिजीत मुहूर्त: 12:04 से 12:52
शुभ: 07:55 से 09:26
लाभ: 13:59 से 15:30
अमृत: 15:30 से 17:01
दिन ⅔ (द्वितीय/तृतीया) - मार्च 22/23
अभिजीत मुहूर्त: 12:04 से 12:52
लाभ: 09:25 से  10:56
अमृत: 10:56 से 12:28
शुभ: 13:59 से  15:30
दिन 4 (चतुर्थी) - मार्च 24
अभिजीत मुहूर्त: 12:03 to 12:52
अमृत: 06:21 to 07:53
शुभ: 09:24 to 10:56
लाभ: 15:30 to 17:02
दिन 5 (पँचमी) - मार्च 25
अभिजीत मुहूर्त: 12:03 to 12:52
लाभ: 10:55 to 12:27
अमृत: 12:27 to 13:59
शुभ:  15:30 to 17:02
दिन 6 (षष्टी) - मार्च 26
लाभ: 06:19 to 07:51
अमृत: 07:51 to 09:23
शुभ: 10:55 to 12:27
दिन 7 (सप्तमी) - मार्च 27
अभिजीत मुहूर्त: 12:02 to 12:51
शुभ: 06:18 to 07:50
लाभ:  12:26 to 13:59
अमृत:  13:59 to 15:31
दिन 8 (अष्टमी) - मार्च 28
अभिजीत मुहूर्त: 12:02 to 12:51
लाभ: 07:49 to 09:21
अमृत: 09:21 to 10:54
शुभ: 12:26 to 13:58
दिन 9 (राम नवमी) - मार्च 29
अभिजीत मुहूर्त: 12:01 to 12:51
शुभ: 07:48 to 09:21
लाभ: 13:58 to 15:31
अमृत: 15:31 to 17:04

घटस्थापना करने की विधि 

  1. सबसे पहले मिट्टी में जौ के बीजों को उगाएँ। 
  2. उस पर पानी से भरा हुआ कलश रखिये। 
  3. कलश के मुख पर लाल धागा (रोली) बाँधिए।
  4. कलश के मुख को चावल की कटोरी से ढक दीजिए। 
  5. कलश के ऊपर नारियल के पत्ते रख के उसके ऊपर नारियल रखिए। 
  6. देवी माँ की सच्चे दिल और आत्मा से पूजा करते हुए व्रत रखिए। 
  7. फूलों की माला चढ़ाइए। 
  8. दुर्गा सप्तशती को पढ़िए।
  9. 9 दिनों के चढ़ावे की सूची 
1 माँ शैलपुत्री:
नवरात्री के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग धुमैला होता है। 
माँ शैलपुत्री को शुद्ध घी का प्रसाद चढ़ाने से रोग-मुक्त जीवन प्राप्त होता है।

2 माँ ब्रह्मचारिणी:
नवरात्री के दुसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग नारंगी होता है।
माँ ब्रह्मचारिणी को चीनी का प्रसाद चढ़ाने से लंबी और ख़ुशहाल ज़िन्दगी मिलती है। 

3 माँ चंद्रघंटा:
नवरात्री के तीसरे दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग सफ़ेद होता है। 
दुखों का नाश करने के लिए और खुशियोँ में वृद्धि लाने के लिए माँ चंद्रघंटा को दूध से बनी चीज़ें जैसे खीर और मिठाई चढ़ाई जा सकती है। 

4 माँ कुष्मांडा:
नवरात्री के चौथे दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग लाल होता है। 
माँ कुष्मांडा को मालपुआ चढ़ाने से बुद्धि में वृद्धि होती है। 

5 माँ स्कंदमाता:
नवरात्री के पाँचवे दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग नीला होता है। 
माँ स्कंदमाता को केले चढ़ाने से स्वस्थ और लंबी ज़िन्दगी जीने में मदद मिलती है।

6 माँ कात्यायनी:
नवरात्री के छठे दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग पीला होता है। 
माँ कात्यानी को शहद चढ़ाने से आकर्षक व्यक्तित्व पाने में सहायता मिलती है।

7 माँ कालरात्रि:
नवरात्री के सातवें दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग हरा होता है। 
माँ कालरात्रि को गुड़ का प्रसाद चढ़ाने से आकस्मिक, अप्राकृतिक दर्दों और कष्टों से निवारण मिलता है। 

8 माँ महागौरी:
नवरात्री के आठवें दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग मयूरी हरा होता है। 
माँ महागौरी को नारियल का प्रसाद चढ़ाने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है और बेऔलाद को औलाद की प्राप्ति होती है।

9 माँ सिद्धिदात्री:
नवरात्री के नौवें दिन इनकी पूजा की जाती है। 
इस दिन का रंग बैंगनी होता है। 
माँ सिद्धिदात्री को तिल चढ़ाने से आक्समिक दुर्घटनाओं और मौत का डर दूर होता है।

नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ 


आज से भारत में नव विक्रम संवत 2072 आरम्भ हो रहा है। यह हिन्दुओं का नव वर्ष है। भारत देश का हर प्रदेश इस दिन को अपने ढंग से मनाता है। कोई कहता है गुड़ी पड़वा है, तो कोई युगादी की बधाइयाँ देता है; किसी के लिए चेती चाँद है, तो कोई विशु के नाम से मनाता है। 

हम आशा करते हैं कि माँ दुर्गा आपको आशीर्वाद दें और आप कामयाबी की नई उड़ाने उड़ें। अब हो जाइए तैयार, मनाने के लिए त्यौहार। 

आप सभी को नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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