शरद नवरात्रि सप्तमी तिथि मुहूर्त

आज शरद नवरात्रि का सातवाँ दिन है। यह दिन माँ दूर्गा की सातवीं शक्ति माँ कालरात्रि को समर्पित है। माँ दूर्गा का सबसे भयानक और डरावना रूप कालरात्रि ही है। माँ को शुभंकार नाम से भी जाना जाता है। आइए इस दिन के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Maa Kalratri ki puja se puri hongi manokamna.

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आज शरद नवरात्रि का सातवाँ दिन है जो दूर्गा की रूप माँ कालरात्रि को समर्पित है। आज के दिन पूजा का मुहूर्त सुबह 09:15 से दोपहर 01:31 तक है। माँ की प्रार्थना नीचे लिखे मंत्र द्वारा कर सकते हैं।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

देवी कालरात्रि अहंकार का विनाश करने वाली और भक्तों का कल्याण करने वाली हैं। माँ का यह रूप भक्तों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला है। माँ का वाहन गधा है और वे एक हाथ में कटार और दूसरे हाथ में नरमूण्ड से सुशोभित हैं। देवी के इस रूप की आराधना से ग्रह-नक्षत्र और भूत-प्रेत से किसी प्रकार का भय नहीं रहता है। ऐसा माना जाता है कि माँ कालरात्रि शनि के प्रभाव को भी कम करती हैं। माता के इस रूप को लाल रंग और गुड़ बहुत प्रिय है। इसलिए पूजा में गुड़ और लाल रंग के फूल सहित अन्य लाल रंग की पूजन सामग्री भी शामिल करें।

पूजा विधि विस्तार से जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: शरद नवरात्रि 2015 - पूजा मुहूर्त और विधि

आप सभी को एस्ट्रोसेज की ओर से शरद नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ।

आपका दिन मंगलमय हो!

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