चैत्र नवरात्रि कल से प्रारंभ, जानें घटस्थापना का मुहूर्त

जानें कैसे करें मां शैलपुत्री का आह्वान, साथ ही पढ़ें कल से शुरू हो रहे हिन्दू नववर्ष पर मनाये जाने वाले विभिन्न पर्वों का महत्व!
नवरात्रि मां दुर्गा की आराधना का महापर्व है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष में 5 नवरात्रि आती हैं। इनमें चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि प्रमुख है। इसके अलावा 3 गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती हैं, जो क्रमशः पौष, आषाढ़ और माघ गुप्तरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।


चैत्र नवरात्रि कल यानि 18 मार्च 2018 रविवार से शुरू हो रही है और 25 मार्च 2018 को समाप्त होगी। दरअसल इस वर्ष अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन 25 मार्च को होने की वजह से नवरात्रि 8 दिन की होगी। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का विशेष महत्व है। शुभ मुहूर्त में विधि पूर्वक घटस्थापना करने के बाद माँ शैलपुत्री की उपासना की जाती है। आईये इस लेख के माध्यम से जानते हैं घटस्थापना का शुभ मुहूर्त एवं माँ शैलपुत्री के पूजन की विधि।


घटस्थापना मुहूर्त

दिनाँकसमय
18 मार्च 2018, रविवार06:28:12 से 07:46:57 तक

नोट- उपरोक्त मुहूर्त नई दिल्ली (भारत) के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

नवरात्रि का पहला दिन और घटस्थापना का महत्व


हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि प्रारंभ होती है और इस दिन घटस्थापना अथवा कलश स्थापना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार घटस्थापना पूजा का शुभ मुहूर्त पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न किया जाना चाहिए, इसलिए नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व है। 


नवरात्रि के प्रथम दिन करें माँ शैलपुत्री की आराधना


माँ दुर्गा का पहला स्वरूप है शैलपुत्री। पर्वत राज हिमालय की पुत्री होने के कारण ही इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए माँ शैलपुत्री को वृषारूढ़ा नाम से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित है। माँ के इस प्रथम रूप को सती नाम से भी पुकारा जाता है।


चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष प्रारंभ होता है। भारत के विभिन्न राज्यों में हिन्दू नववर्ष पर त्यौहार मनाये जाते हैं। महाराष्ट्र और मध्य भारत में इस मौके पर गुड़ी पड़वा पर्व मनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारत में उगादि पर्व की धूम रहती है। 

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आईये जानते हैं हिन्दू नववर्ष के प्रारंभ होने पर मनाये जाने वाले कुछ प्रमुख पर्व:

गुड़ी पड़वा


भारत में गुड़ी पड़वा का पर्व मुख्यतः महाराष्ट्र और मध्य भारत में हिन्दू नववर्ष के प्रारंभ होने की ख़ुशी में मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नए साल की शुरुआत होती है और इसी दिन यह त्योहार मनाया जाता है।

जानें अपने शहर के अनुसार गुड़ी पड़वा का पंचांग एवं मुहूर्त: गुड़ी पड़वा 2018

उगादी


भारत सांस्कृतिक विधिताओं से भरा एक देश है। जहाँ कई प्रकार की परंपराएँ, रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार प्रचलित हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष प्रारंभ होता है। इसी ख़ुशी में दक्षिण भारत में उगादी पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे तेलुगु नव वर्ष भी कहा जाता है।

जानें अपने शहर के अनुसार उगादी का पंचांग एवं मुहूर्त: उगादी 2018

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ! इस पावन अवसर पर हम आशा करते हैं कि आपके जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।

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