अपनी राशि अनुसार जानें हनुमान जयंती के महाउपाय जिसे करने से बजरंगबली दिलाएंगे आपको हर दुःख से निजात ।
हनुमान जी की आराधना के लिए हनुमान जयंती यानी आज का दिन बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि शास्त्रों अनुसार आज के दिन ही पवन पुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था। सनातन धर्म में राम भक्त हनुमान को भगवान शिव का 11वाँ रुद्र अवतार बताया गया है। जिनका अवतार रामभक्ति और भगवान श्री राम के कार्यों को सिद्ध करने के लिए हुआ था। वैदिक ज्योतिष की मानें तो भगवान हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे, जिन्होंने बचपन से लेकर अपना संपूर्ण जीवन राम भक्ति और भगवान श्री राम के चरणों में समर्पित कर दिया था। इसी लिए जो भी भक्त सच्चे दिन से बजरंगबली की आराधना करता है न केवन अंजनी पुत्र बल्कि स्वयं भगवान राम भी उन सभी भक्तों के समस्त दुःख-दर्द पलभर में दूर कर देते हैं।
हनुमान जयंती का महत्व
समस्त भारत हनुमान जयंती को एक विशेष पर्व के रूप में मनाता है। हालांकि ये अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तिथि पर मनाया जाता है। जैसे उत्तर भारत में हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। तो वहीं दक्षिण भारत में हनुमान जयंती कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनानी शुभ मानी जाती है। पौराणिक ग्रंथों में इन दोनों ही तिथियों का उल्लेख आपको मिल जाएगा। गौरतलब है कि एक तिथि को हनुमान जी के जन्मदिवस के रुप में तो दूसरी तिथि को उनके विजय अभिनंदन महोत्सव के रुप में मनाया जाता है।
भगवान हनुमान की अपार कृपा पाने के लिए स्थापित करें: हनुमान यंत्र
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समय
प्रारंभ
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समापन
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अप्रैल 18, 2019 को 19:27:43 से पूर्णिमा प्रारंभ
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अप्रैल 19, 2019 को 16:43:31 पर पूर्णिमा समाप्त
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नोट: उपरोक्त समय नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। अपने शहर के अनुसार पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: हनुमान जयंती 2019
व्रत एवं पूजा विधि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
हिन्दू धर्म के अनुसार महावीर हनुमान की भक्ति करने से व्यक्ति के जीवन में न केवल सुख और समृद्धि का वास होता है बल्कि उसके समस्त दुःखों का नाश भी होता है। लेकिन शास्त्रों में हनुमान जी की पूजा के कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गया हैं, जिनका पालन हर व्यक्ति को अवश्य करना चाहिए। आइये जानते हैं उन नियमों के बारे में:-
हनुमान जयंती के दिन बजरंग बली को चोला चढ़ाना और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
जो भी भक्त हनुमान जयंती पर व्रत रखते हैं उन्हें विशेषतौर पर इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस दिन हनुमान जी का स्मरण करते हुए पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने से लाभ मिलता है।
इस दिन हनुमान जी की पूजा करते वक़्त काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। अगर मुमकिन हो तो इस दिन लाल रंग या पीले रंग के कपड़े पहनकर ही पूजा करें।
विस्तार से जानें: हनुमान जयंती पर पूजा की विधि और नियम
हनुमान चालीसा के महाउपाय
समस्त देवों में से हनुमान जी एक ऐसे देवता माने गए हैं जो अपने भक्तों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। चूंकि भगवान विष्णु के अवतार श्री राम भक्त हनुमान स्वं भगवान शिव के अंश हैं। जो त्रेतायुग में पृथ्वी पर भगवान राम धर्म की स्थापना करने के बाद बैकुंठ चले गये थे, लेकिन जाने से पहले ही हनुमान जी अमर होने का वरदान प्राप्त कर चुके थे। इसलिए ही माना जाता है कि आज भी हनुमान जी जीवित हैं और वो आज भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। इसलिए हनुमान चालीसा की एक चौपाई में कहा गया है कि….
“और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई”
आज अपने इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे है हनुमान जंयती के मौके पर केसरी नंदन को प्रसन्न करने के राशि अनुसार महाउपाय और टोटके। जिन्हे करने से आपको अपने जीवन में हर तरह की मुसीबत से छुटकारा मिलेगा और अपार धन व समृद्धि आएगी…
मेष
मंगल देव इस राशि के स्वामी होते है। इसीलिए यदि जातक मंगल से संबंधित केसरी सिंदूर यदि हनुमान जी को अर्पित करते हैं तो उन्हें मनोवांछित मनोकामना की प्राप्ति होती है।
वृषभ
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं। इसीलिए मनोकामना पूर्ति के लिए नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना आपके लिए शुभ रहेगा।
मिथुन
इस राशि के स्वामी बुध देव हैं। इस हनुमान जयंती बजरंगबली की आराधना करते हुए गाय को चना और गुड़ खिलाना लाभदायक रहेगा।
कर्क
चंद्रमा इस राशि के स्वामी हैं और चंद्रमा का संबंध सीधा भगवान शिव से भी है। इसलिए इस हनुमान जयंती रुद्रावतार श्री हनुमान जी को शिवपुराण व लाल चोला अर्पित करें।
सिंह
सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामित्व प्राप्त है। साथ ही सूर्य को श्री हनुमान जी के गुरु की भी उपाधि मिली हुई है। इसलिए इस दिन श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ कर गरीबों को भोजन खिलाना आपके लिए शुभ रहेगा।
कन्या
इस राशि के स्वामी है बुध देव। 108 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना लिए शुभ सिद्ध होगा।
समस्त संकटों से मुक्ति के लिए हनुमान जयंती पर धारण करें: हनुमान कवच
तुला
इस राशि के स्वामी शुक्र देव हैं। शुभ परिणाम पाने के लिए माता-पिता की सेवा करें और रामचरित मानस के बाल काण्ड का पाठ करें।
वृश्चिक
मंगल को इस राशि का स्वामी माना जाता है। “ऊँ हनुमन्ते नमः” इस मंत्र का 108 बार जाप करना आपके लिए विशेष फलदायक होगा।
धनु
इस राशि का स्वामी गुरु बृहस्पति होते हैं। “श्री सीता राम” के नाम की पाँच माला का जाप करें और मंदिर में श्री रामचरितमानस का दान करें।
मकर
शनि देव इस राशि के स्वामी होते हैं। शनि के प्रकोप से बचने के लिए पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएँ व श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुंभ
इस राशि का स्वामी भी शनि देव को माना जाता है। इस राशि के लोग यदि राम नाम की माला हनुमान जी को पहनाएँ व रामचरितमानस के अरण्यकांड का पाठ करें, तो लाभ मिलता है।
मीन
इस राशि के स्वामी होते हैं गुरु बृहस्पति। हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को चोला चढ़ाएं व “ऊँ हनुमन्ते नमः” मंत्र की एक माला का जाप करें।
एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएँ!
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