गणेश चतुर्थी कल - जानें मुहूर्त व पूजा विधि

आज हरतालिका तीज की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ! अगर आपने हरतालिका तीज के बारे में अभी तक नही पढ़ा है तो हमारा पिछला ब्लॉग देखें। यहाँ हम गणेश चतुर्थी के त्यौहार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जो कि कल आरम्भ हो रहा है। पर कुछ सावधानियाँ आज के लिए भी हैं। आईये सब कुछ जानते हैं इस पोस्ट के ज़रिए। 

Manayein Ganesh Chaturthi ka tyohaar sahi muhurat ke saath.



हरतालिका तीज आज - जानें मुहूर्त एवं पूजा विधि


गणेश चतुर्थी मुहूर्त


गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। चंद्र दर्शन न करने की सटीक अवधि नीचे दी गई है:

  • सितंबर 4, 2016 - 18:38 (सूर्यास्त) से 20:31 (चंद्रोदय) IST
  • सितंबर 5, 2016 - 18:37 (सूर्यास्त) से 21:05 (चंद्रोदय) IST

मध्याह्न काल पूजा मुहूर्त: 11:03 से 13:35 IST

नोट: ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली, भारत के लिए है। अपने शहर का मुहूर्त जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: आपके शहर का पंचाँग

गणेश चतुर्थी का ज्योतिषीय पहलू


केतु की शांति के लिए भगवान गणेश की आराधना का विशेष महत्त्व है। यदि आपकी केतु की महादशा या अंतर दशा चल रही है, या केतु के प्रभाव के कारण नौकरी, व्यापार या स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या आ रही है तो इस दिन आप भगवान गणेश के “ॐ गं गणपतये नमः’’ मंत्र का 21000 जप अनुष्ठान, संकल्पित होकर करें। गणेश भगवान को दूब(घास) जिसे दूर्वा भी कहा जाता है, अर्पित करें और प्रसाद में मोतीचूर के लड्डू अवश्य चढ़ाएँ। मन्त्र जप पूरा होने पर उसके दशांश (जप संख्या का दसवां भाग) से हवन करें, तथा यथा सामर्थ्य ब्राह्मणों को भोजन तथा दान दें। केतु सम्बंधित समस्या से अवश्य छुटकारा मिलेगा।


गणेश मंत्र


वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्यसमप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

गणेश चतुर्थी का त्यौहार


गणेश चतुर्थी की इस भव्य पूजा को “गणेश उत्सव” भी कहते हैं जिसकी शुरुआत भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना से होती है। बड़े बड़े पंडाल लगाए जाते हैं जिसमें गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करा जाता है और सजाया जाता है। पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भक्त गणपति बप्पा की पूजा आराधना करते हैं। गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में गणेशजी को भोग लगाने के लिए तरह-तरह के मिष्ठान तैयार किये जाते हैं। लोग दूर-दूर से भगवान गणेश के दर्शन करने आते हैं और नाचते गाते हैं। लोग घरों में सच्चे मन से गणेश मंत्र का जाप कर पूजा करते हैं और उन्हें मोदक, नारियल और अन्य मिष्ठान चढ़ाते हैं। 

इन दस दिनों की सच्ची भक्ति के बाद वक्त आता है भगवान गणेश विदा को करने का, जिसे हम अनंत चतुर्दशी कहते हैं। और इस दिन गणेशजी का समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है।

गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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