सूर्य के तुला राशि में जाने और शनि से युति करने का राशिफल

 
17 अक्टूबर 2012  को सूर्य देव तुला राशि में आ गए हैं। तुला को सूर्य की नीच राशि माना जाता है। माना जाता है कि इस राशि में स्थित सूर्य अपने शुभ प्रभावों को पूर्ण रूप से देने में अक्षम हो जाता है। ऊपर से सूर्य के शत्रु ग्रह शनि इस राशि में पहले से ही विराजमान हैं। तुला को शनि की उच्च राशि माना गया है। यहां स्थित शनि और बलवान हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रहों का राजा सूर्य पीडित होगा। इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पडेगा आइए जानते हैं।

मेष- सूर्य-शनि की युति के कारण शनि अस्त होगा जो कुछ हद तक मेष राशि वालों के लिए ठीक है लेकिन सूर्य का नीच का हो जाना और इस युति के कारण मेष राशि के लोगों पर सूर्य और शनि सीधा असर डालेंगे। जिससे कई कामों में रुकावटें भी आ सकती हैं। अत: यदि आप किसी महत्त्वपूर्ण काम को अंजाम देने जा रहे हैं तो उसे यथासम्भव कम से कम एक महीने तक टालने का प्रयास करें। घर-परिवार विशेषकर जीवन साथी को अधिक से अधिक वक्त दें।


वृषभ- छठवें भाव में सूर्य का गोचर अच्छा माना गया है अत: यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा। सोच हुए कार्य पूर्ण हो जाएंगे। महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात फलदायी होगी। धन का लाभ होगा। फिर भी अपने घरेलू मामलों को गंभीरता से निपटाएं। माता के स्वास्थ्य का खयाल रखें।

मिथुन- यह योग मिथुन राशि के लोगों के लिए मिलाजुला रहेगा। हांलाकि कि आप अपने कामों को काफी हद तक अंजाम देने में सफल रहेंगे लेकिन कु पारिवारिक मामले आपको तनाव दे सकते हैं। यदि आप तनाव देने वाले मूल स्रोत को जानकर अंकुश लगाने की कोशिश करेंगे तो आपको सफलता भी मिलेगी।

कर्क- यद्यपि इन पर शनि के ढय्या का प्रभाव होने के कारण कुछ समस्याएं रहेंगी लेकिन यदि आप सूर्य उपासना या सूर्य मंत्रों का जप करेंगे तो आपको शुभ फलों की प्राप्ति भी होगी। आर्थिक मामलों में राहत मिलगी। न्यायालय संबंधी मामलों में विजय मिलेगी। कठिन परिश्रम करने से काम पूरे होंगे।

सिंह- तीसरे भाव में गोचर का सूर्य आपमें नई ऊर्जा का संचार करेगा। मित्रों और साथियों का सहयोग मिलेगा। कोई बडा काम पूरा हो सकता है। आमदनी के श्रोतों में इजाफा होगा। किसी बड़े कार्य के होने की संभावना है। अचानक लाभ में वृद्धि के योग बन रहे हैं। फिर भी स्वास्थ्य का खयाल रखना होगा।

कन्या- कन्या राशि वालों के लिए सूर्य द्वादशेश होता है अत: सूर्य का नीच का होना इस राशि वालों के लिए अच्छा रहेगा। रुकावटों के बाद ही सही लेकिन आपके काम पूरे होंगे। समस्याओं से निजात मिलेगी। दांपत्य जीवन में भी बेहतरी आएगी। लेकिन बिस्तर पर लेटने के बाद नींद देर से आ सकती है।

तुला- शनि और सूर्य दोनो की युति का प्रथम भाव में होना तुला राशि वालों के लिए अच्छे परिणाम नहीं देगा। यदि आप पहले से ही किन्हीं परेशानियों से घिरे हुए हैं तो परेशानियां और बढ सकती हैं अथवा नई परेशानियां सामने आ सकती हैं। हांलाकि कठिन परिश्रम के बाद आपको थोडी सफलता मिल जाएगी। अपने स्वास्थ्य का खयाल रखें। कोई भी जोखिम भरा काम न करें।

वृश्चिक- सूर्य का तुला राशि में गमन वृश्चिक राशि वालों के कार्यक्षेत्र में बेहतरी लाएगा लेकिन हर एक काम को पूरी मेहनत और निष्ठा से करना जरूरी होगा। ऐसा करने से विशेष लाभ मिलने की संभावनाएं प्रबल होंगी। जीवन के अन्य पहलुओं में कूछ कठिनाई रह सकती है। व्यर्थ के विवादों और कानूनी मामलों में उलझने से आपको बचना चाहिए।

धनु- लाभ भाव में उपस्थित सूर्य धनु राशि वालों को लाभ देगा। लेकिन आपको किसी गलत माध्यम से मिलने वाले फायदे की लालच से बचना चाहिए अन्या परेशानियों की भी आमद हो सकती है। सफलता और मान-सम्मान मिलने की सम्भावनाएं हैं। लेकिन अपने कार्य किसी अन्य के भरोसे नहीं छोड़े। क्रोध के अधिकता रह सकती है। धन संबंधी मामलों में सावधानी जरूरी।

मकर- सूर्य के कारण इन लोगों को सुख-संपत्ति की प्राप्ति होगी। ऐश्वर्य और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा। परिवार में सुख, शांति रहेगी। किसी निवेश मे द्वारा आपको लाभ प्राप्त होगा। किसी यात्रा के माध्यम से भी काम बनने और लाभ मिलने की सम्भावनाएं हैं। फिर भी स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा।

कुंभ- कुंभ राशि के लोगों को धार्मिक यात्राओं का अवसर मिलेगा साथ ही धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने का मौका मिलेगा। कार्यस्थल पर स्थितियां अनुकूल होगी। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

मीन- शनि की ढैय्या के प्रभाव के कारण मीन राशि वालों का समय बहुत अधिक ठीक नही है लेकिन सूर्य के शनि के साथ जाने और शनि को अस्त कर देने के कारण इन्हें राहत मिल सकती है। मानसिक शांति मिलेगी। परिवार में प्रसन्नता आएगी। भाइयों से सहयोग मिलेगा साथ आर्थिक स्थिति में भी बेहतरी आ सकती है।

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