जगन्नाथपुरी मंदिर के 8 रहस्य जिन्हें जानना है बेहद ज़रूरी

जगन्नाथ यात्रा की भव्य शुरूआत आज से हो रही है, जो कि पूरे 9 दिनों के बाद बड़े हर्षोल्लास के साथ 26 जुलाई को पूर्ण होगी। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े 8 ऐसे रहस्यों के बारे में जिनसे थे आप अब तक अनजान।

Jaane Jagannath Puri mandir ke 8 rahasyon ke bare mein.

जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्मस्थलों में से एक है और चार धामों में से एक धाम जगन्नाथ धाम भी है। हिंदू धर्मों में ऐसी मान्यता है कि जीवन में एक बार जगन्नाथ मंदिर की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए। जगन्नाथपुरी यात्रा आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि से शुरू होती है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बलराम, और देवी सुभद्रा को रथ पर बिठाकर यात्रा निकाली जाती है। लगभग पूरी दुनिया के श्रद्धालू इस जुलूस में शामिल होते हैं और इस पवित्र रथ यात्रा के साक्षी बनते हैं।

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जगन्नाथपुरी मंदिर के 8 रहस्य

  1. कलिंग के शासक अनंतवर्मन ने बारहवीं सदी में जगन्नाथपुरी मंदिर का निर्माण करवाया था।
  2. इस मंदिर में चार मुख्य मंदिर और भी हैं- विमान, जगमोहन, नाता मंडप और भोग मंडप।
  3. मंदिर की ऊंचाई 214 फीट है और इसका प्रांगण 181 फीट के विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है।
  4. भगवान की मूर्ती बनाने के लिए नीम की लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।
  5. मंदिर में चार द्वार हैं- सिंह द्वार, अश्व द्वार, हस्ति द्वार और ब्याघ्र द्वार।
  6. लगभग प्रत्येक 12 से 19 साल मेें भगवान की मूर्ती बदल दी जाती है।
  7. भगवान को कुल 36 प्रकार के परिधानों से सजाया जाता है जो कि भगवान कृष्ण के अवतारों को दर्शाता है।
  8. भगवान के रथ का निर्माण प्रत्येक वर्ष किया जाता है।
इन जानकारियों के साथ हम आशा करते हैं कि आपका यह त्यौहार आपको ढ़ेर सारी ख़ुशियाँ देने वाला होगा और भगवान जगन्नाथ आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे।

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