गुरू बृहस्पति का धनु में गोचर- 28 मार्च 2019 !

देवगुरू बृहस्पति का आज होगा विशेष राशि परिवर्तन, जिससे खुलेगी जातकों की बंद किस्मत ! जानिये आपकी राशि पर कैसा होगा गोचर का प्रभाव। 


देवगुरु जिन्हें वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह के नाम से संबोधित किया गया है, सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। यह ज्ञान के साथ-साथ, संतान तथा धन प्रदाता ग्रह भी हैं। यह धर्म के प्रणेता हैं तथा वृद्धि कारक ग्रह हैं और व्यक्ति को ख़ुशियाँ देते हैं। ये आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और सात्विक गुण इनकी विशेषता है। इन्हें धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। कर्क राशि में ये 5 डिग्री पर पूर्णतः उच्च अवस्था में रहते हैं तथा मकर राशि में 5 डिग्री पर पूर्णतः नीच अवस्था में देखें जाते हैं। इनकी मूल त्रिकोण राशि भी धनु है। 

कुंडली में बृहस्पति की स्थिति का प्रभाव 


यदि कुंडली में बृहस्पति मजबूत हो तो व्यक्ति एक अच्छा मंत्री सलाहकार बन सकता है। उसे धन, संतान और वैभव की कोई कमी नहीं रहती। बृहस्पति हमारे शरीर में वसा को नियंत्रित करते हैं और जातक के आमाशय (पेट) पर अपना अधिकार रखते हैं। इसी लिए इनकी अशुभ स्थिति होने पर व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है और उसका विवाह में विलंब भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त कैंसर, मधुमेह तथा लीवर से संबंधित रोग हो सकता है। बृहस्पति देव महिलाओं के लिए विवाह के कारक माने जाते हैं। जो ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व दिशा के स्वामी हैं और सूर्य, चंद्र तथा मंगल इनके मित्र हैं। बुध और शुक्र इनके शत्रु और शनि के साथ सम सम्बन्ध रखते हैं। बृहस्पति को कुंडली में मजबूत स्थिति देने के लिए और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए पुखराज रत्न पहनने अथवा बृहस्पति यंत्र धारण करने की सलाह दी जाती है। 

बृहस्पति गोचर का समय 


देव गुरु बृहस्पति 28 मार्च दिन बृहस्पतिवार को रात्रि 7:42 बजे वृश्चिक राशि से निकलकर अपनी स्वराशि धनु में प्रवेश करेंगे। जो यहाँ पर 10 अप्रैल से वक्री हो जाएंगे तथा 24 अप्रैल के दिन बुधवार को 02:41 बजे इसी वक्री अवस्था में एक बार पुनः वृश्चिक राशि में वापिस लौट जायेंगे। वृश्चिक राशि में रहते हुए 11 अगस्त को मार्गी हो जाएंगे और 5 नवंबर दिन मंगलवार को 00:03 बजे पुनः धनु राशि में आ जाएंगे। 17 दिसंबर 2019 से 11 जनवरी 2020 के बीच गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। इस प्रकार आने वाले इस पूरे ही वर्ष बृहस्पति की गति में लगातार उतार-चढ़ाव आएंगे और इसका प्रभाव प्रत्येक जन मानस पर भी पड़ेगा। 

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गुरु के दिशा परिवर्तन से बदलेगा देश का मिज़ाज 


यहाँ यह जानना भी आवश्यक है कि गुरु जिस राशि (धनु) में जा रहे हैं। वहाँ कर्म फल दाता शनि अप्रैल से 17 सितंबर तक धनु राशि में ही प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में धनु राशि में शनि और गुरु की युति अशुभ फलकारी है, इसलिए:-
  • गुरु गोचर के प्रभाव से देश (भारत) में कई जगह उपभोग करने की वस्तुओं का अभाव हो सकता है। 
  • इसके साथ ही आवश्यक वस्तुओं के मूल्य में भी तेज़ी से वृद्धि होने की उम्मीद है। 
  • इस दौरान लोगों में अशांति का वातावरण भी छा सकता है जिससे उनके क्रोध में भी वृद्धि होने की संभावना है। 
  • इस स्थिति में हिंसक, उपद्रव घटनाएँ भी घट सकती हैं। 
  • इसके अलावा कई राज्य में सत्ता परिवर्तन के भी योग हैं। 
“एस्ट्रोसेज के द्वारा आईपीएल 2019 का विशेष कवरेज

IPL और लोकसभा चुनावों पर गुरु गोचर का असर 

ज्योतिषी विशेषज्ञों की मानें तो गुरु गोचर के दौरान देश में दो बड़ी घटनाएँ भी घटेंगी। इनमें पहला आईपीएल सीज़न 12 और दूसरा लोकसभा चुनाव हैं। लाज़मी है कि इन दोनों घटनाओं में गुरु के गोचर का प्रभाव भी पड़ेगा। आईपीएल 2019 का संबंध मुख्य रूप से खेल के साथ-साथ मनोरंजन, चकाचौंध और आर्थिक पक्ष से जुड़ा है। वहीं गुरु वृद्धि और धन-संपत्ति का कारक है। जिसके चलते लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार अपने चुनावी क्षेत्र में चुनाव जीतने के लिए अधिक धन बल का प्रयोग कर सकते हैं। कई उम्मीदवार गोचर के कारण आचार संहिता का भी उल्लंघन करते हुए नज़र आ सकते हैं। 

आइए अब जानते हैं कि आपकी राशि के लिए क्या विशेष फल लेकर आएँगे देव गुरु बृहस्पति:-


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि।

मेष


देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेंगे। बृहस्पति देव के इस गोचर के प्रभाव से आपकी प्रोफेशनल लाइफ में तरक्की होगी। इस दौरान आपका प्रभाव और छवि दोनों में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरुप आप...आगे पढ़ें

वृषभ


बृहस्पति देव आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेंगे। इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। परिणामस्वरुप स्वास्थ्य संबंधी से विकार उत्पन्न होने की संभावना होगी। इनमें पेट से जुड़ी बीमारी हो सकती है। इसके अतिरिक्त...आगे पढ़ें

मिथुन


बृहस्पति देव आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरुप इस अवधि में आप जीवनसाथी के संग आनंद के पल व्यतीत करेंगे। यदि पहले से कोई मतभेद हैं तो वे दूर हो जाएंगे और आप वैवाहिक सुख का परम आनंद लेंगे। गुरु के शुभ प्रभाव से...आगे पढ़ें

कर्क


देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि से षष्ठम भाव में प्रवेश करेंगे। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दौरान आप मानसिक तनाव से परेशान रह सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि विषम परिस्थितियों में धैर्य के साथ काम लें और...आगे पढ़ें

सिंह


बृहस्पति देव आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि में आपके नए-नए संपर्क बनेंगे और इनसे लाभ की प्राप्ति होगी। आप विभिन्न तरह के सेवा व परोपकारी कार्यों में शामिल रहेंगे। इस दौरान हो सकता है कि आप...आगे पढ़ें

कन्या


धर्म और दर्शन के कारक बृहस्पति देव का आपके चतुर्थ भाव में स्थित होना आपके लिए शुभ संकेत नहीं दे रहा है। क्योंकि इस अवधि में आपके निजी जीवन में उथल-पुथल रह सकती है, साथ ही जीवनसाथी या परिजनों के साथ...आगे पढ़ें

तुला


आपकी राशि में गुरु का तृतीय भाव में स्थित होना थोड़ा कष्टकारी हो सकता है। इस अवधि में निवास स्थान में परिवर्तन की संभावना है। काम के सिलसिले में या किसी और कारण से आप किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट हो सकते हैं। आपके अंदर...आगे पढ़ें

वृश्चिक


बृहस्पति देव आपकी राशि से द्वितीय भाव में संचरण करेंगे। चूँकि यह भाव सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसी लिए आपकी राशि में गुरु का द्वितीय भाव में स्थित होना एक शुभ संकेत दे रहा है। इसके फलस्वरुप आपकेआगे पढ़ें

धनु


गुरु का गोचर आपकी राशि में ही होगा और गुरु आपके प्रथम भाव में स्थित होगा। इसके फलस्वरुप यह समय शिक्षा, वैवाहिक जीवन, संतान और लव लाइफ के लिए अच्छा रहेगा। खास बात है कि आपको हर कदम पर...आगे पढ़ें

मकर


बृहस्पति देव आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। इस भाव में गुरु के स्थित होने से आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। इस अवधि में आप लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। ये यात्रा निजी व कामकाज के सिलसिले में हो सकती है...आगे पढ़ें

कुंभ


बृहस्पति देव आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर करेंगे। आपकी राशि में गुरु का एकादश भाव में स्थित होना एक शुभ संकेत है। इस अवधि में आपकी सेहत अच्छी रहेगी। अगर लंबे समय से बीमार चल रहे हैं तो अब...आगे पढ़ें 

मीन


बृहस्पति देव आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे। वैदिक ज्योतिष में दशम भाव मुख्य रूप से कर्म स्थान है। इस भाव में गुरु का स्थित होना एक अच्छा संकेत है। इस अवधि में आपके निवास स्थान में परिवर्तन हो सकता है। नौकरी के सिलसिले में या...आगे पढ़ें

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