इस होली अपनी राशि अनुसार करें रंगों का इस्तेमाल और खोलें अपनी बंद किस्मत!
आज रंगों का त्यौहार होली पूरे भारत में बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जायेगा। होली के बारे में कहा जाता है कि यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग सभी गिले-शिकवों को भुलाकर फिर से दोस्त बन जाते हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि बुराई की धुल होली के रंगों से मिट जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली के त्यौहार को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। कई बार जब प्रतिपदा दो दिन पड़ जाती है तो पहले दिन ही धुलण्डी (होली या वसंतोत्सव) मनायी जाती है। वसंत ऋतु के स्वागत के रूप में इस त्यौहार को मनाया जाता है। चूंकि वसंत ऋतु के दौरान प्रकृति में चारों ओर रंगों की छटा बिखरी होती है इसीलिए होली के त्योहार के दौरान उन रंगों की खुशीन को व्यक्त करने के लिए होली पर्व मनाया जाता है। भारत के उत्तरी राज्य हरियाणा में इसे धुलंडी भी कहते हैं।
क्यों मनायी जाती है होली ?
पृथ्वी पर देव तत्व को प्रकट करने के लिए पंचतत्वों की आवश्यकता होती है और यह पंच तत्व हैं आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु और इन पांचों तत्वों को यज्ञ के माध्यम से एक किया जाता है। मान्यताओं अनुसार जब पृथ्वी पर कोई स्पंदन नहीं था तब पहले त्रेतायुग के दौरान देवतत्व विष्णु के प्रकट होने का वक्त आया। उस वक्त परमेश्वर के जरिये सात मुनियों को सपने में यज्ञ के महत्व के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ। इन ऋषि-मुनियों ने यज्ञ की तैयारियां प्रारंभ कीं और नारद मुनि के मार्गदर्शन में यज्ञ की शुरुआत हुई। मन्त्रों के उच्चारण के साथ यज्ञ की ज्वालाओं के साथ विष्णुतत्व प्रकट होने लगा और इससे धरती पर मौजूद बुरी शक्तियाँ नष्ट होने लगीं। बुरी शक्तियों में हलचल मच गई और उन्हें अपने कष्ट का कारण समझ नहीं आया। धीरे-धीरे श्री विष्णु पूर्ण रूप से प्रकट हो गए जिसके बाद ऋषि-मुनियों के साथ बाकी लोगों को भी श्री विष्णु के दर्शन मिले। जिस दिन श्री विष्णु प्रकट हुए थे उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा थी। इसलिए होली को मनाने के पीछे मान्यता यह है कि त्रेतायुग के पहले यज्ञ को याद करते हुए यह त्यौहार मनाया जाता है। हालांकि होली के पर्व को लेकर हिंदू धर्म शास्त्रों में कई कथाएं मौजूद हैं।
इतिहास के पन्नों में होली
होली के त्यौहार को प्राचीन काल से मनाया जा रहा है इसके संकेत हमें कई ऐतिहासिक जगहों से मिलते हैं। होली की महत्ता केवल कलयुग में ही विशेष नहीं है बल्कि भारत के प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी के एक चित्र के मिलने के बाद इसकी महत्ता का वर्णन पौराणिक काल के एक ख़ास सबूत के रूप में नज़र आया। जिसे देखकर पता चलता है कि उस समय भी होली का महत्व बहुत था और आम से लेकर ख़ास लोग तक इस पर्व को मनाते थे, क्योंकि विजयनगर में मिले इस चित्र में होली के पर्व को बहुत ही खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। ठीक इसी तरह विंध्य पर्वतों के समीप स्थित रामगढ़ में पाए गए एक अभिलेख में भी होली का जिक्र मिलता है। आपको बता दें कि यह अभिलेख लगभग ईसा से 300 वर्ष पुराना है।
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होली का महत्व
रंगों के उत्सव होली का भारतीय समाज में बड़ा महत्व है। होली के दौरान लोग अपने सामाजिक दायरे को भी बढ़ाते हैं और अपने व्यक्तिगत गुणों से लोगों को प्रभावित भी करते हैं और खुद दूसरों के गुणों से प्रभावित भी होते हैं। होली के दौरान लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियों को पहचानने का भी प्रयास करते हैं। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। जिस तरह होली के आते ही मौसम में बहार आने लगती है उसी तरह लोग भी अपनी बुराइयों को दूर कर अच्छाइयों को अपने अंदर जगाने की कोशिश इस त्यौहार के दौरान करते हैं। जो लोग आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होना चाहते हैं उनके लिए भी यह समय बहुत उपयोगी होता है। इस त्योहार के दौरान अग्निदेव को भी पूजा जाता है क्योंकि धरती पर अग्निदेव ऊर्जा का प्रतीक हैं। इसी लिए होली पर रंगों की भी अपनी बेहद ख़ास अहमियत होती है।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि होली में राशि अनुसार आपके लिए कौन-सा रंग रहेगा सबसे लाभदायक।
1. मेष राशि वालों के लिए लकी कलर
मेष राशि के जातकों को होली के दिन सबसे पहले लाल रंग से अपने ईष्ट देव को टिका लगाना चाहिए और फिर लाल रंग से ही होली खेलनी चाहिए। रंगों से खेलने के बाद जब आप नहाने के बाद भी यदि लाल रंग के ही कपड़े पहनते हैं तो इससे आपको अच्छे फल मिलेंगे।
2. वृषभ राशि वालों के लिए लकी कलर
वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि के लोगों को होली के दिन गुलाबी रंग या चटकीले रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। यानि होली की शुरुआत इसी रंग से करनी चाहिए और इसी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
3. मिथुन राशि वालों के लिए लकी कलर
बुध ग्रह मिथुन राशि का स्वामी है और यह राशि जल तत्व प्रधान है। ज्योतिष के अनुसार इस राशि के लोगों को होली के दिन हरे रंग का इस्तेमाल करना चाहिए और इसी रंग के कपड़े भी पहनने चाहिए।
4. कर्क राशि वालों के लिए लकी कलर
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्र है। यह जल तत्व की राशि है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि वालों को होली वाले दिन सफ़ेद वस्त्र के कपड़े पहनने चाहिए और हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए।
5. सिंह राशि वालों के लिए लकी कलर
इस राशि के जातकों को होली के अवसर पर केसरिया या नारंगी रंग का इस्तेमाल करना चाहिए चूँकि सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और वैदिक ज्योतिष के अनुसार उनका रंग केसरिया है। अतः सिंह राशि वालों को होली के दिन केसरिया या नारंगी रंग के ही कपड़े पहनने चाहिए।
6. कन्या राशि वालों के लिए लकी कलर
कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह है और यह पृथ्वी तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों को होली के अवसर पर हरे रंगों से खेलना चाहिए और इसी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
7. तुला राशि वालों के लिए लकी कलर
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और यह राशि वायु तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों के लिए होली के अवसर पर गुलाबी या हल्के सफ़ेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए और इन्हीं रंगों से होली की शुरुआत करनी चाहिए।
8. वृश्चिक राशि वालों के लिए लकी कलर
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और यह जल तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों को होली के अवसर पर लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए और इसी रंग से होली की शुरुआत भी करनी चाहिए।
9. धनु राशि वालों के लिए लकी कलर
धनु राशि का स्वामी गुरु बृहस्पति है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार इसे अग्नि तत्व की राशि माना जाता है। इस राशि के लोगों को होली के अवसर पर पीले रंग के कपड़े पहनने से फायदा होगा और इस राशि वालों को होली की शुरुआत भी इसी रंग का टिका खुद पर लगाने से करनी चाहिए।
10. मकर राशि वालों के लिए लकी कलर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर पृथ्वी तत्व की राशि है और इसका स्वामी ग्रह शनि है। अतः इस राशि के लोगों को होली वाले दिन नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और होली की शुरुआत अपने ईष्ट देव पर नीले रंग का टीका लगाने से करनी चाहिए।
11. कुंभ राशि वालों के लिए लकी कलर
कुंभ राशि का स्वामी ग्रह शनि है और यह जल तत्व की राशि है। इसलिए इस राशि के जातकों को होली वाले दिन आसमानी नीले रंग के कपड़े पहनने से अच्छे फल मिलते हैं और इनको होली की शुरुआत अपने ईष्ट देव पर आसमानी नीले रंग का टीका लगाने से करनी चाहिए।
12. मीन राशि वालों के लिए लकी कलर
मीन जल तत्व की राशि है और इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। इस राशि के लोगों के लिए हल्के पीले रंग बहुत भाग्यशाली होता है इसलिए इस राशि वालों को होली वाले दिन हल्के पीले वस्त्र पहनने चाहिए और होली खेलने की शुरुआत हल्के पीले रंग का टीका लगाने से करनी चाहिए।
आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। उम्मीद है कि होली का त्योहार आपके लिए खुशियाँ लेकर आए।
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