जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरु, जानें यात्रा का महत्व और परंपरा

तो इसलिए हर वर्ष निकाली जाती है जगन्नाथ रथ यात्रा! जानें 4 जुलाई को शुरु होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा की क्या हैं प्रमुख बातें। 


जगन्नाथ रथ यात्रा का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है। ओडिशा राज्य के पुरी शहर में हर साल इस यात्रा का आयोजन आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को किया जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, कहते हैं इस दिन रथ यात्रा के द्वारा भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ प्रसिद्ध गुंडीचा माता के मंदिर में जाते हैं। इसलिए इस यात्रा से एक दिन पूर्व गुंडीचा मार्जन नामक परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा के तहत श्रद्धालुओं गुंडीचा मंदिर की साफ-सफाई और उसकी धुलाई करते हैं। जगन्नाथ रथ यात्रा विश्वभर में चर्चित हैं। देश के कई राज्यों में भी पुरी की तरह ही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है।

Click here to read in English

जगन्नाथ रथ यात्रा की तिथि की अवधि


प्रारंभ
जुलाई 3, 2019 को 22:05:58 बजे से
समापन
जुलाई 4, 2019 को 19:11:00 बजे तक


रथ यात्रा के दौरान निभाई जाने वाली कुछ प्रमुख परंपराएँ


  • पहांडी: जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान पहांडी की परंपरा मुख्य रूप से मनायी जाती है। इसमें भक्तों के द्वारा बलभद्र, सुभद्रा एवं भगवान श्रीकृष्ण को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की रथ यात्रा कराई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि माता गुंडिचा भगवान श्रीकृष्ण की सच्ची भक्त थीं, और उनकी इसी भक्ति का सम्मान करते हुए ये तीनों भाई-बहन उनसे हर वर्ष मिलने जाते हैं।
  • छेरा पहरा: रथ यात्रा के पहले दिन छेरा पहरा की रस्म निभाई जाती है, जिसके अंतर्गत पुरी के गजपति महाराज के द्वारा यात्रा मार्ग एवं रथों को सोने की झाड़ू से स्वच्छ किया जाता है। दरअसल, प्रभु के सामने हर व्यक्ति समान है। इसलिए एक राजा साफ़-सफ़ाई वाले का भी कार्य करता है। 
  • हेरा पंचमी: यात्रा के पाँचवें दिन हेरा पंचमी का महत्व है। इस दिन माँ लक्ष्मी भगवान जगन्नाथ को खोजने आती हैं, जो अपना मंदिर छोड़कर यात्रा में निकल गए हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व


जगन्नाथ रथ यात्रा का संबंध भगवान जगन्नाथ से सीधे तौर पर होता है। उनकी आराधना में यह यात्रा हर साल आषाढ़ मास में निकाली जाती है। वैदिक शास्त्रों में जगन्नाथ भगवान, विष्णु जी के अवतार माने जाते हैं। चूंकि पुरी हिन्दू धर्म के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र हमेशा से ही रहा है। इसलिए इस यात्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो कोई भक्त सच्चे मन से और पूरी श्रद्धा के साथ इस यात्रा में शामिल होते हैं तो उन्हें मरणोपरान्त मोक्ष मिलता है। इसलिए इस यात्रा में लाखों-लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।

हम आशा करते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा से संबंधित हमारा यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। अगर आप इस ब्लॉग को लेकर अपने विचार प्रकट करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स का विकल्प आपके लिए सदैव खुला है। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आपका साधूवाद !

Related Articles:

No comments:

Post a Comment