सावधान! सूर्य ग्रहण से बचने के लिए करें ये उपाय। सूर्य ग्रहण आज रात में होने जा रहा है। इसलिए इसे लेकर सावधानी बरतनी आवश्यक है।
सूर्य ग्रहण का वैदिक ज्योतिष में बड़ा महत्व होता है और धार्मिक रूप से भी यह प्रमुख घटना होती है। साल 2019 का दूसरा सूर्य ग्रहण 2-3 जुलाई की मध्यरात्रि को घट रहा है। इसलिए इसे लेकर सावधानी बरतनी आवश्यक है। हालाँकि भारत में इसकी दृश्यता शून्य है। इसलिए यहाँ ग्रहण का प्रभाव अथवा सूतक काल भी प्रभावी नहीं माना जाएगा। लेकिन जहाँ यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा वहाँ पर लोगों को ज़रुर सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता है।
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सूर्य ग्रहण का समय और दृश्यता
दिनाँक
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समय
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दृश्य क्षेत्र
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2-3 जुलाई, 2019
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रात 23:31:08 से 02:14:46 बजे तक
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चिली, ब्राजील, अर्जेंटीना, पैसिफिक और दक्षिणी अमेरिका के कुछ अन्य हिस्सों में
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ज्योतिष दृष्टि से सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण मिथुन राशि और आर्द्रा नक्षत्र में लग रहा है। ऐसे में मिथुन राशि और आर्द्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के लिए ग्रहण परेशानियाँ उत्पन्न कर सकता है। मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है जबकि आर्द्रा राहु का नक्षत्र है। इसलिए इस राशि और नक्षत्र के जातकों को सूर्य ग्रहण के दोषों से बचने के लिए उनके ग्रह स्वामियों की शांति के लिए उपाय करने होंगे। ऐसा करने पर आपके ऊपर ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं होगा। इस समय "ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ” मंत्र का जाप करना अति शुभ माना जाता है। ग्रहण के दौरान आप इस मंत्र को 108 या 1008 बार जप सकते हैं।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा है। इसलिए यहाँ पर सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। सूतक या सूतक काल एक ऐसा अशुभ समय होता है, जिसमें कुछ विशेष कार्यों को करने की मनाही होती है। सामान्यत: ग्रहण लगने से कुछ घंटों पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के समाप्त होने पर स्नान के बाद सूतक काल समाप्त होता है। बुजुर्ग, बच्चों और रोगियों पर ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होता है।
ग्रहण के सूतक काल इन कार्यों को न करें
- किसी नये कार्य का श्रीगणेश न करें।
- इस समय भोजन बनाना और खाना दोनों ही वर्जित कार्य हैं।
- शौच, मल मूत्र, दाँतो की साफ-सफाई या फिर बालों में कंघी न करें।
- अपने देवी-देवताओं की मूर्ति और तुलसी के पौधे का स्पर्श न करें।
ग्रहण के दौरान करें ये कारगर उपाय
- ईश्वर का ध्यान करना चाहिए और योग-प्राणायाम भी किया जा सकता है।
- सूर्य ग्रहण से संबंधित मंत्र का जाप करने से ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
- जैसे ही ग्रहण समाप्त हो जाए उस समय घर का शुद्धिकरण करना आवश्यक है।
- घर में गंगा जल का छिड़काव करें।
- ग्रहण समाप्ति पश्चात् स्नान करें और फिर देवी-देवताओं की मूर्ति में गंगा जल छिड़कें।
- अपने इष्ट देवी देवता का स्मरण करें और उनकी आराधना करें।
- सूतक काल के समाप्त हो जाने पर ताज़ा भोजन करें।
- गर्भवती महिलाएं अवश्य बरतें ये सावधानियाँ
ग्रहण का समय किसी भी गर्भवती महिला के लिए बड़ा ही संवेदनशील समय होता है। इस दौरान उन्हें बड़ा ही संभलकर चलना चाहिए। ख़ासकर ग्रहण के समय उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही उन्हें सिलाई, कढ़ाई, बुनाई या फिर सब्जी छीलने या काटने जैसा कार्य करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करना उनके गर्भ में पल रहे शिशु के हानिकारक होता है। बच्चे के शरीर को इससे क्षति पहुँचती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
हम आशा करते हैं कि सूर्य ग्रहण से संबंधित यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज से जुड़े रहने के लिए आपका साधूवाद !
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