15 अगस्त: भारत का स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त को हर देशवासी मनायेगा भारत का स्वतंत्रता दिवस ! भारत की कुंडली से जानें क्या होगा देश का भविष्य? भारत की आजादी की 73वीं वर्षगांठ के इस पावन अवसर पर हमारा यह लेख बताएगा देश के आने वाले कल की स्थिति और ज्योतिषीय भविष्यवाणी!



15 अगस्त का दिन समस्त भारतवासियों के लिए एक महान दिन है क्योंकि इसी दिन हमारे देश भारत को अंग्रेजों की दासता से मुक्ति मिली थी और इसी वजह से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन हर भारतवासी गर्व से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराता है और स्वयं के भारतवासी होने पर गर्व महसूस करता है। इस बार 15 अगस्त 2019 को भारत की स्वतंत्रता की 73 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर हम यह अनुमान लगाते हैं कि बीते वर्षों में हमने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं और कहां पर हमें अभी और ध्यान देने की आवश्यकता है।

बीते वर्षों में हमने अनेक क्षेत्रों में महान उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें परमाणु शक्ति संपन्न बनने से लेकर chandrayaan-2 तक का सफर भारत को ना केवल समस्त दुनिया में बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में भी सबसे ऊपर लाकर खड़ा करने के लिए तैयार है। सूचना प्रौद्योगिकी के साथ ही साथ, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी काफी हद तक सुधार हुआ है। स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, मनरेगा, सुकन्या और कन्या समृद्धि योजना जैसी अनेक ऐसी योजनाएं वर्तमान में चल रही हैं, जो देशवासियों के हित में कारगर साबित हुई हैं। 

इसके दूसरी ओर देखने पर तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या, स्वच्छ पेयजल की समस्या, भ्रष्टाचार, पर्यावरण असंतुलन, विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, आर्थिक असमानता, सांप्रदायिकता आदि के क्षेत्र में हमें अभी काफी काम करने की आवश्यकता है। हम आशा करते हैं कि शीघ्र ही हमारा देश हर क्षेत्र में अग्रणी बनेगा और समस्त संसार का नेतृत्व करते हुए जगद्गुरु के पद पर आसीन होगा। चुनौतियाँ भी देश के सामने बराबर बनी रहेंगी लेकिन हमारी दृढ़ इच्छशक्ति के सामने सभी टिक नहीं पाएंगी। अनेक विदेशी देश भी भारत की एकता और अखंडता के सामने नतमस्तक होंगे।

15 अगस्त: भारत के स्वतंत्रता दिवस पर क्या कहती है भारत की कुंडली


किसी भी व्यक्ति अथवा देश का भविष्य जानने के लिए उसकी जन्म कुंडली का अध्ययन किया जाता है, क्योंकि मुख्य रूप से ग्रह स्थितियां भविष्य का निर्माण करने की ओर इशारा करती हैं। भारत की आजादी की 73 वीं वर्षगांठ पर हमने स्वतंत्र भारत की कुंडली बनाई और यह जानने का प्रयास किया कि आने वाला वर्ष किस प्रकार का भविष्य देशवासियों के लिए लेकर आया है:

15 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि 12:00 बजे स्वतंत्र भारत की घोषणा हुई, इसलिए उसी समय को हमने देश की कुंडली माना है और उसी तिथि और समय के आधार पर निम्नलिखित कुंडली बन कर तैयार होती है: 


15 अगस्त को मिली स्वतंत्रता के बाद बनी भारत की कुंडली में कुछ मुख्य बातें दिखाई देती हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • भारत की कुंडली वृषभ लग्न की है और लग्नेश शुक्र तृतीय भाव में विराजमान हैं। 
  • कोई भी ग्रह वक्री अवस्था में नहीं है केवल शुक्र और शनि अस्त है। 
  • भारत की राशि कर्क है, जिसका स्वामी चंद्रमा कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र में विराजमान है। 
  • वर्तमान में भारत देश पर चंद्रमा की महादशा और बृहस्पति की अंतर्दशा चल रही है। 
  • चंद्रमा तृतीय भाव का स्वामी होकर तृतीय भाव में विराजमान हैं और शनि के नक्षत्र में है, अर्थात शनि का फल भी देगा और शनि इस कुंडली के लिए योगकारक ग्रह है। ऐसे में कहा जा सकता है कि चंद्रमा की दशा भारत को अनेक ऊँचाइयों पर पहुंचाने का काम करेगी। 
  • बृहस्पति इस कुंडली में अष्टमेश और एकादशेश होकर सप्तम भाव में विराजमान है और अपने ही नक्षत्र विशाखा में स्थित है। साथ ही दशम भाव, द्वादश भाव और द्वितीय भाव पर दृष्टि देता है। 
  • उपरोक्त ग्रह स्थितियों से एक बात तो स्पष्ट है कि भारत को दुनिया में अग्रसर होने से कोई नहीं रोक सकता, हालांकि अनेक चुनौतियाँ आने वाली हैं।
  • इसके अतिरिक्त यदि वर्षफल कुंडली पर नजर डाली जाए, तो उसमें तुला लग्न उदित होता है और मुंथा अष्टम भाव में है। 
  • वर्ष लग्न कुंडली का स्वामी और मुंथा स्वामी दोनों शुक्र ही है, जो कि दशम भाव में स्थित है। 
  • दशम भाव में शत्रु राशि कर्क में सूर्य और बुध के साथ स्थित होकर सत्ता पक्ष के लिए चुनौतियाँ दिखा रहा है। 
  • अष्टम भाव की मुंथा भी अनेक विपरीत परिस्थितियों का निर्माण करती है। 
  • ऐसे में वर्तमान सरकार को अनेक प्रकार की विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ सकता है और कुछ स्थानों पर विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। 


शक्तिशाली बन कर उभरेगा भारत 


शनि अभी धनु राशि में वक्री अवस्था में हैं और चंद्र राशि से छठे भाव में हैं। दूसरी ओर बृहस्पति वृश्चिक राशि में है और चंद्र राशि से पंचम भाव में हैं तथा शनि से बारहवें स्थान पर हैं। यह स्थिति मजबूती से निर्णय लेने की ओर इशारा करती है। वक्री अवस्था में शनि देव चेष्टा बल से युक्त होकर और भी अधिक शक्तिशाली हो गए हैं। ऐसे में भारत अपने ऊपर आने वाली सभी समस्याओं और चुनौतियों का डटकर सामना करेगा और एक शक्तिशाली राष्ट्र बन कर विश्व पटल पर उभर कर सामने आने वाला है। 

युद्ध जैसी स्थिति निर्मित हो सकती है


18 सितंबर तक शनि देव वक्री रहेंगे और वे जहाँ भारत को मजबूती देंगे, वहीं दूसरी ओर भविष्य में युद्ध जैसी स्थिति का निर्माण भी कर सकते हैं, लेकिन विरोधी ताकतों का दमन पूरी ताकत के साथ किया जाएगा और यह स्थिति देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। 

भारत की आर्थिक स्थिति होगी मजबूत 


उपरोक्त ग्रह स्थिति यह इशारा करती है कि देश की सरकार विशेष रूप से कर प्रणाली पर काम करेगी और आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की ओर हर संभव प्रयास किया जाएगा। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों का पूँजी आधार बढ़ाने पर भी अनेक नीतियाँ बनाई जाएंगी। हालाँकि विपक्ष की ओर से इसका पुरजोर विरोध भी किया जाएगा। 

बदले बदले होंगे राजनीतिक समीकरण


इस दौरान राजनीति के क्षेत्र में अधिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिनमें कुछ अपने विरोध करेंगे और कुछ पराये अपने साथ मिलकर सहयोग करने की बात करेंगे। विपक्ष और सत्ताधारी पक्ष की विचारधाराओं में जबरदस्त टकराव होगा। सितंबर तक राष्ट्र हित को प्राथमिकता देने के कार्यों में कुछ विलंब हो सकता है, लेकिन उसके बाद इसमें और तेजी आएगी। राष्ट्र नेताओं का बड़बोलापन अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म देने वाला हो सकता है। 

देश हित में होगी नई योजनाओं की घोषणा


चाहे कितनी भी विकट परिस्थितियां आ जाएँ, इस दौरान सत्ता पक्ष के द्वारा अनेक जन हितैषी योजनाओं की घोषणा की जाएगी और उनका विधिवत पालन कराने का भी प्रयास किया जाएगा। कुछ नई योजनाओं के लिए तैयारी चल रही है, ऐसा प्रतीत हो रहा है लेकिन कुछ कर योजनाएं जटिल भी होंगी जो कुछ समय के लिए परेशानी दे सकती हैं। 

स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रहना होगा सजग 


काफी कुछ अच्छा होने के बाद भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस वर्ष संक्रामक बीमारियों और अनेक रोगों की चपेट में आकर देशवासियों को कष्ट होने की संभावना रहेगी। इस वजह से सरकार का जोर स्वास्थ्य समस्याओं को बेहतर बनाने की ओर रहेगा, लेकिन फिर भी समस्याओं के कारण जनता अशांत रह सकती है। 

प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊंची उड़ान


अगले वर्ष के प्रारंभ में शनि देव जब मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तो वह समय देश को विदेशी व्यापार के लिए काफी अनुकूल साबित होगा और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी देश जमकर तरक्की करेगा। बृहस्पति भी धनु राशि में गोचर कर रहा होगा, जिसकी वजह से देश विरोधी तत्वों का जमकर मुकाबला किया जाएगा और कारगर योजनाओं पर अमल किया जाएगा। 

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ेगा और विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर होगा। देश में युवा शक्ति को नए मौके मिलेंगे और देश में प्रौद्योगिकी का विकास पहले के मुकाबले अधिक होगा। स्वास्थ्य और शिक्षा से संबंधित नई योजनाएं कार्यान्वित होंगी जिनका लाभ समस्त देशवासियों को होगा। 

15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस की 73 वीं वर्षगांठ पर आइए हम सभी यह शपथ लें कि हम अपने देश को एक संपन्न और समृद्ध देश बनाएँगे और इसके लिए अपनी ओर से हर तरह का सकारात्मक प्रयास करेंगे। स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा जहां देश को स्वच्छ बनाएँगे, वहीं कानून व्यवस्था का पालन करेंगे। तभी हमारा देश एक विकसित देश बनेगा। आप सभी को भारत के स्वतंत्रता दिवस की 73 वीं वर्षगांठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं !

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