पंडित हनुमान मिश्रा
हमने हमेशा एक बात पर जोर दिया है कि जो ग्रह दर्द देते हैं वहीं दवा भी देते हैं और जो ग्रह दवा देते हैं वहीं दर्द भी देते हैं। सहारा श्री के मामले में यह सूत्र अक्षरस: सत्य होता नजर आ रहा है। दशम भाव में स्थित शनि के बारे में कहा गया है कि यह व्यक्ति को बहुत बड़े पैमाने पर ख्याति देता है। व्यक्ति छोटी जगह या गरीब घर में पैदा होकर भी बड़ी उन्नति और बड़ा पद प्राप्त करता है। लाल किताब के अनुसार इस भाव में शनि जीवन के हर क्षेत्र में हमेशाअच्छे परिणाम देता है।लेकिन यदि जातक सूर्य और मंगल से संबंधित काम करने लगता है तो उसे बुरे परिणाम मिलते हैं। लाल किताब की कठोर भाषा में तो यहां तक कहा गया है कि मंगल या सूर्य से सम्बंधित काम करने पर जातक के दुर्दिन आते हैं।
लालकिताब के इस सिद्धांत को माने तो रिअल स्टेट और खेल जगत से कमाई करने की पहल सहारा ग्रुप के लिए ठीक नहीं कही जाएगी। हालांकि सहारा श्री के सम्पर्क में कई विद्वान ज्योतिषी हैं, ऐसे में इन कामों में उन्होंने हाथ क्यों डाला यह प्रश्न दिमाग में आना स्वाभाविक है। सहारा श्री सुब्रत राय जी की कुण्डली में मंगल ग्रह मारकेश है। यद्यपि वह लाभप्रद स्थिति में है अत: उसके कई सकारात्मक परिणाम मिलेंगें। लेकिन मंगल मारकेश है हमे यह बात नहीं भूलनी चाहिए। इस बात को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि हमारा कोई खानदानी विरोधी परिवार रहा हो, जिस परिवार की हएशा से यही मंशा रही हो कि उसे कब मौका मिले और वह हमारे परिवार को बर्बाद कर दे। उसी विरोधी खानदान में एक बहुत दबंग और शक्तिशाली व्यक्ति पैदा हो और उसकी हमारे खानदान के किसी व्यक्ति से गहरी मित्रता हो जाय। कई मौकों पर वह हमारे खानदान की मदद भी करे। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं होना चाहिए कि हम हमारे घर का स्वामित्त्व विरोधी खानदान उस दबंग और शक्तिशाली व्यक्ति के हाथों मे दे दें।
लेकिन सहारा श्री सुब्रत राय जी ने यह गलती कर डाली है मंगल और सूर्य से संबंधित काम करके। शायद उन्हें लगा कि मंगल तो उनकी कुंडली में राजयोग कारी है अत: उसी के माध्यम से बड़ा लाभ कमाया जा सकता है, और ये सोचकर उन्होंने क्षद्म वेशधारी दबंग दुश्मन के हाथों में अपने घर की चाबी दे दी। सहारा श्री के व्यक्तिगत जीवन को मैं व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानता लेकिन उनकी कुण्डली के आधार पर कह सकता हूं कि जब कभी भी मंगल ग्रह के कारकत्त्व को आधार बना कर उन्होंने कोई बड़ा काम साधाना चाहा होगा, मामला उल्टा ही हुआ होगा। जब भी जोश और दबंगई दिखाते हुए किसी बड़े स्तर के व्यक्ति या समूह से उन्होंने काम निकालना चाहा होगा, परिणाम नकारात्मक मिले होंगे।
क्योंकि जोश और दबंगई मंगल के काम हैं और मंगल के सहयोग के सहारे या मंगल पर निर्भर होकर काम निकालना सहारा श्री सुब्रत राय जी के लिए हितकारी नहीं है। सूर्य और मंगल दोनो ही शक्ति और दंभ के कारक माने जाते हैं। दसम में शनि और मारकेश मंगल वाले व्यक्ति को सूर्य और मंगल से पंगा नहीं लेना चाहिए न ही इनसे सम्बंधित काम करने चाहिए। शायद यह गलती सुब्रतो राय जी से हो चुकी है। सूर्य अर्थात सत्ता पक्ष, सत्ताधारी व्यक्ति, बड़े पदो पर बैठे सरकारी कर्मचारी से उलझना सुब्रतो राय जी के लिए ठीन नहीं था, न है और न होगा। मंगल अर्थात खेल कूद से जुड़ा काम जो कि क्रिकेट टीम खरीद कर सुब्रतो राय जी ने मंगल से जुड़ा काम किया। आपके मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि सहारा ने भारतीय टीम को अपने नाम के कपड़े पहले भी पहनाए है तो आपको बता दूं वो मंगल का सहयोग हुआ, मंगल से सम्बंधि काम नहीं। लेकिन क्रिकेट टीम खरीद कर उससे लाभ की लालसा मंगल से सम्बंधि काम हो गया जो कि गलत निर्णय था। रिअल स्टेट का काम सूर्य और मंगल से जुड़ा हुआ है साथ ही इसमें शनि का सहयोग भी कहा जाएगा।
इस फलादेश में मैंने केवल शनि और मंगल को आधार बनाया है क्योंकि सामान्य ज्योतिषियों में सुब्रतो राय जी की जो कुंडली उपलब्ध है जरूरी नहीं कि वह सही हो लेकिन शनि कि स्थित तो लगभव वहीं रहेगी साथ ही उनकी लग्न में मारकेश भी मंगल ही रहेगा। अत: मैंने केवल शनि और मंगल को आधार बनाया है। सूर्य, शनि और राहु के गोचर के आधार पर कहना चाहूंगा कि मई से जुलाई तक का समय इनके लिए ठीक नहीं है। यदि सम्बंधित ग्रहों का उपाय उचित समय पर न करवाया गया तो इन्हें बारहवें भाव का फल मिल सकता है। बारहवें भाव से विदेश, हास्पिटल या फ़िर जेल का विचार करते हैं। यानी इनमें से किसी एक से सम्बंधित फल सहारा श्री सुब्रत राय जी को मिल सकता है।
लालकिताब के इस सिद्धांत को माने तो रिअल स्टेट और खेल जगत से कमाई करने की पहल सहारा ग्रुप के लिए ठीक नहीं कही जाएगी। हालांकि सहारा श्री के सम्पर्क में कई विद्वान ज्योतिषी हैं, ऐसे में इन कामों में उन्होंने हाथ क्यों डाला यह प्रश्न दिमाग में आना स्वाभाविक है। सहारा श्री सुब्रत राय जी की कुण्डली में मंगल ग्रह मारकेश है। यद्यपि वह लाभप्रद स्थिति में है अत: उसके कई सकारात्मक परिणाम मिलेंगें। लेकिन मंगल मारकेश है हमे यह बात नहीं भूलनी चाहिए। इस बात को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि हमारा कोई खानदानी विरोधी परिवार रहा हो, जिस परिवार की हएशा से यही मंशा रही हो कि उसे कब मौका मिले और वह हमारे परिवार को बर्बाद कर दे। उसी विरोधी खानदान में एक बहुत दबंग और शक्तिशाली व्यक्ति पैदा हो और उसकी हमारे खानदान के किसी व्यक्ति से गहरी मित्रता हो जाय। कई मौकों पर वह हमारे खानदान की मदद भी करे। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं होना चाहिए कि हम हमारे घर का स्वामित्त्व विरोधी खानदान उस दबंग और शक्तिशाली व्यक्ति के हाथों मे दे दें।
लेकिन सहारा श्री सुब्रत राय जी ने यह गलती कर डाली है मंगल और सूर्य से संबंधित काम करके। शायद उन्हें लगा कि मंगल तो उनकी कुंडली में राजयोग कारी है अत: उसी के माध्यम से बड़ा लाभ कमाया जा सकता है, और ये सोचकर उन्होंने क्षद्म वेशधारी दबंग दुश्मन के हाथों में अपने घर की चाबी दे दी। सहारा श्री के व्यक्तिगत जीवन को मैं व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानता लेकिन उनकी कुण्डली के आधार पर कह सकता हूं कि जब कभी भी मंगल ग्रह के कारकत्त्व को आधार बना कर उन्होंने कोई बड़ा काम साधाना चाहा होगा, मामला उल्टा ही हुआ होगा। जब भी जोश और दबंगई दिखाते हुए किसी बड़े स्तर के व्यक्ति या समूह से उन्होंने काम निकालना चाहा होगा, परिणाम नकारात्मक मिले होंगे।
क्योंकि जोश और दबंगई मंगल के काम हैं और मंगल के सहयोग के सहारे या मंगल पर निर्भर होकर काम निकालना सहारा श्री सुब्रत राय जी के लिए हितकारी नहीं है। सूर्य और मंगल दोनो ही शक्ति और दंभ के कारक माने जाते हैं। दसम में शनि और मारकेश मंगल वाले व्यक्ति को सूर्य और मंगल से पंगा नहीं लेना चाहिए न ही इनसे सम्बंधित काम करने चाहिए। शायद यह गलती सुब्रतो राय जी से हो चुकी है। सूर्य अर्थात सत्ता पक्ष, सत्ताधारी व्यक्ति, बड़े पदो पर बैठे सरकारी कर्मचारी से उलझना सुब्रतो राय जी के लिए ठीन नहीं था, न है और न होगा। मंगल अर्थात खेल कूद से जुड़ा काम जो कि क्रिकेट टीम खरीद कर सुब्रतो राय जी ने मंगल से जुड़ा काम किया। आपके मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि सहारा ने भारतीय टीम को अपने नाम के कपड़े पहले भी पहनाए है तो आपको बता दूं वो मंगल का सहयोग हुआ, मंगल से सम्बंधि काम नहीं। लेकिन क्रिकेट टीम खरीद कर उससे लाभ की लालसा मंगल से सम्बंधि काम हो गया जो कि गलत निर्णय था। रिअल स्टेट का काम सूर्य और मंगल से जुड़ा हुआ है साथ ही इसमें शनि का सहयोग भी कहा जाएगा।
इस फलादेश में मैंने केवल शनि और मंगल को आधार बनाया है क्योंकि सामान्य ज्योतिषियों में सुब्रतो राय जी की जो कुंडली उपलब्ध है जरूरी नहीं कि वह सही हो लेकिन शनि कि स्थित तो लगभव वहीं रहेगी साथ ही उनकी लग्न में मारकेश भी मंगल ही रहेगा। अत: मैंने केवल शनि और मंगल को आधार बनाया है। सूर्य, शनि और राहु के गोचर के आधार पर कहना चाहूंगा कि मई से जुलाई तक का समय इनके लिए ठीक नहीं है। यदि सम्बंधित ग्रहों का उपाय उचित समय पर न करवाया गया तो इन्हें बारहवें भाव का फल मिल सकता है। बारहवें भाव से विदेश, हास्पिटल या फ़िर जेल का विचार करते हैं। यानी इनमें से किसी एक से सम्बंधित फल सहारा श्री सुब्रत राय जी को मिल सकता है।
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