हनुमान जन्मोत्सव आज, जानें पूजा विधि-मुहूर्त

पढ़ें हनुमान जी को प्रसन्न करने के महाउपाय! आज 31 मार्च 2018 को चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हनुमान जन्मोत्सव मनाई जा रहा है। इस लेख में पढ़ें महावीर हनुमान की पूजा विधि और नियम।



हनुमान जी की आराधना के लिए आज का दिन बेहद शुभ है। क्योंकि आज पवन पुत्र हनुमान जी का जन्मोत्सव है। राम भक्त हनुमान भगवान शिव के रुद्र अवतार हैं। इनकी कृपा मात्र से भक्तों के समस्त दुःख-दर्द पलभर में दूर हो जाते हैं। विशेषकर उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया है। वहीं दक्षिण भारत में हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। पौराणिक ग्रंथों में भी दोनों तिथियों का उल्लेख मिलता है लेकिन एक तिथि को जन्मदिवस के रुप में तो दूसरी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रुप में मनाया जाता है।

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समय



पूर्णिमा तिथि प्रारंभपूर्णिमा तिथि समापन
30 मार्च 2018 को 19:36:3831 मार्च 2018 को 18:08:29

नोट: उपरोक्त समय नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में पूर्णिमा तिथि का समय: हनुमान जन्मोत्सव 2018

महावीर हनुमान की भक्ति से जीवन में सुख और समृद्धि आती है व समस्त दुःखों का नाश होता है। हनुमान जी की पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिनका पालन अवश्य करना चाहिए।

  • हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंग बली को चोला अवश्य चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • यदि आप हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखते हैं तो इस दिन नमक का सेवन न करें। 
  • इस दिन हनुमान जी का स्मरण करें और ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करें। 
  • हनुमान जी की पूजा में काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। बल्कि लाल रंग या पीले रंग के कपड़े पहनकर करनी चाहिए। 


इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष ज्योतिषीय संयोग भी बन रहा है। क्योंकि शनि और मंगल दोनों धनु राशि में स्थित हैं। इस वजह से शनि और मंगल का खास द्विग्रही योग भी बना है और इसी दिन चन्द्रमा का हस्त नक्षत्र भी है। ऐसे में यह ज्योतिषीय योग कल्याणकारी सिद्ध हो सकता है।

मंगल और शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए स्थापित करें: हनुमान यंत्र

अब जानें अपनी राशि के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव पर केसरी नंदन को प्रसन्न करने के उपाय…

मेष


मंगल ही इस राशि का स्वामी है। मंगल से संबंधित सिंदूर यदि श्री हनुमान जी को लगाया जाए तो इस राशि के लोगों की मनोवांछित मनोकामना की पूर्ति होती है।

वृष


इस राशि का स्वामी है शुक्र। हनुमान मंदिर में सुगंधित अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं।

मिथुन


इस राशि का स्वामी है बुध। लाल पुष्प के साथ अपराजिता का पुष्प हनुमान जो को चढ़ाएं और उनको वस्त्र अर्पित करें।

कर्क


इस राशि का स्वामी है चंद्रमा। चंद्रमा का संबंध भगवान शिव से भी है। इसलिए रुद्रावतार श्री हनुमान जी को शिवपुराण अर्पित करें तथा उसका पाठ करें।

सिंह


इस राशि का स्वामी है सूर्य। सूर्य श्री हनुमान जी के गुरु भी हैं। श्री सुन्दरकाण्ड के साथ-साथ श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का भी पाठ करें।

कन्या


इस राशि का स्वामी है बुध। श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। श्री रामरक्षा स्तोत्र का भी पाठ करें।


तुला


इस राशि का स्वामी है शुक्र। सुगंधित अगरबत्ती जलाकर घी का दीपक प्रज्जवलित करें और लाल पुष्प और सिंदूर बजरंगबली को चढ़ाएं।

वृश्चिक


इस राशि का स्वामी है मंगल। शनि के प्रकोप से बचने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं और श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करने के पश्चात मंदिर में प्रसाद बांटें।

धनु


इस राशि का स्वामी है बृहस्पति। श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। श्री हनुमान जी को श्री राम कथा का कोई प्रिय प्रसंग सुनाएं और मंदिर में श्री रामचरितमानस का दान करें।

समस्त संकटों से मुक्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव पर धारण करें: हनुमान कवच

मकर


इस राशि का स्वामी है शनि। शनि की साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी का सम्मुख तिल के तेल का दीपक जलाके श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।

कुंभ


इस राशि का स्वामी है शनि। इस राशि के लोग राम नाम की माला हनुमान जी को पहनाएं। श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें।

मीन


इस राशि का स्वामी है बृहस्पति। हनुमान जयंती के दिन सुन्दरकाण्ड के साथ साथ श्री रामचरितमानस के अरण्यकांड का पाठ भी करें।

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ!
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एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका – आने वाले 12 महीनों का कुंडली-आधारित सटीक फलादेश

अगले 12 महीनों को बनाएँ सफल, समृद्ध और भाग्यशाली। कुंडली आधारित वर्ष पत्रिका में पाएँ आने वाले कल की तस्वीर!

समय तेजी से गुजर रहा है और वक्त के साथ-साथ जीवन में कई चुनौतियाँ आ रही हैं। भागदौड़ से भरी इस ज़िंदगी में हम इतने व्यस्त हो चुके हैं कि आने वाले कल को लेकर हमारे पास कोई साफ तस्वीर नहीं है। सपने बहुत हैं लेकिन ये सब कैसे पूरे होंगे इसका कोई अंदाजा नहीं है। घर, गाड़ी, नौकरी, बिज़नेस, शादी और परिवार से जुड़े सपने और ज़रूरतों को कैसे पूरा किया जाये, यह हम सबके सामने एक बड़ा सवाल है। ज़िंदगी से जुड़ी इस कशमकश को दूर करने के लिए हमने हमेशा ज्योतिष विद्या की मदद से आपको कुछ बेहतर देना चाहा है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए हम खासतौर पर आपके लिए लेकर आये हैं “एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका” आपके आने वाले कल को संवारने का एक जरिया।




एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका क्यों खास है


वैसे तो एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका की कई विशेषताएँ हैं और यह एक ऐसा गुलदस्ता है, जो आपके आने वाले कल को खुशियों से भर देगा। लेकिन अगर बात करें इसकी सबसे बड़ी खूबी की तो, सबसे खास बात है कि यह पत्रिका वर्ष विशेष पर आधारित नहीं है यानि आप जब इसे प्राप्त करेंगे उसी माह से आपको अगले 12 महीनों का अपना कुंडली आधारित भविष्यफल मिलेगा। 

12 महीने और भाग्यशाली बिन्दु


जीवन में परिश्रम के साथ-साथ भाग्य भी व्यक्ति को ऊंचाइयों पर लेकर जाता है। हालांकि किस की किस्मत में क्या है यह किसी को पता नहीं होता है लेकिन कुछ चीजें हैं जो मनुष्य का भाग्य बदल सकती है। एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका में इन्हीं बातों के बारे में स्पष्टता के साथ बताया गया है। मसलन शुभ रंग, शुभ दिन, शुभ दिशा, शुभ अंक, भाग्यशाली ग्रह, भाग्यशाली रत्न और शुभ धातु आदि। ये छोटी-छोटी बातें आपके लिए बड़ी सफलता का कारण बन सकती है।

नौकरी, बिज़नेस, पैसा, विवाह और प्यार


जॉब, बिजनेस, पैसा, शादी और प्यार इन सभी मामलों में हालात हमेशा एक जैसे नहीं होते हैं। जिंदगी के हर मोड़ पर इनमें उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। आगे क्या होने वाला है किसी को इस बात की खबर नहीं है। अगर आपके मन में भी नौकरी, व्यवसाय, विवाह और धन आदि से जुड़े सवाल हैं कि, आने वाले 12 महीनों में नौकरी में मेरी तरक्की होगी? बिजनेस में मुनाफा होगा? क्या शादी के योग बनेंगे? इन सभी सवालों का जवाब आपको एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका में मिलेगा। 

उपाय जो बदल देंगे आपकी ज़िंदगी


वैदिक ज्योतिष में हर समस्या से छुटकारा और सफलता पाने के कई उपाय बताये गये हैं। जिन्हें अगर ध्यानपूर्वक किया जाये तो ये ज्योतिषीय उपाय और टोटके हर व्यक्ति की किस्मत बदल सकते हैं। वैदिक ज्योतिष की प्राचीन पद्धतियों के विभिन्न तकनीकों का अध्ययन कर एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका में सटीक और प्रभावी उपाय व टोटके दिये गये हैं। जिनके प्रभाव से मनुष्य का भाग्य चमक सकता है।

विशेष योग और सफलता का मूलमंत्र


हर ग्रह में अपार शक्ति होती है और उनके प्रभाव का असर सीधे धरती और मनुष्यों पर पड़ता है। ग्रहों के शुभ प्रभाव से व्यक्ति दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करता है। इसका सबसे बड़ा कारण है ग्रहों की स्थिति में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरुप बनने वाले विशेष योग। ग्रहों की गति हमेशा बदलती रहती है। इसी प्रकार हर पल मनुष्य की कुंडली में विशेष योगों का निर्माण होता है। इनके प्रभाव से व्यक्ति अपार सफलता प्राप्त करता है। एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका में आने वाले 12 महीनों में आपकी कुंडली में होने वाले विशेष योगों का उल्लेख है, जो कि आपको बेहतर भविष्य का बोध कराएगा।

एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका और 2018 त्रिकाल संहिता में सबसे बड़ा फर्क यह है कि त्रिकाल संहिता वर्ष 2018 का कुंडली आधारित फलादेश है जबकि एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका आने वाले 12 महीनों का कुंडली आधारित फलादेश है यानि अगर आप वर्ष पत्रिका को जिस माह में प्राप्त करेंगे उससे अगले 12 महीनों का फलादेश आपको मिलेगा।

एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका आपके आने वाले 12 महीनों की झलक है। जिसकी मदद से आप अपने लिए एक बेहतर भविष्य चुन सकते हैं। विशिष्ट उपाय, ज्योतिषीय विश्लेषण, वर्ष शक्ति समेत कई सारी विशेषताओं को समेटे हुए एस्ट्रोसेज वर्ष पत्रिका आपके भविष्य को एक सही दिशा देने में मददगार साबित होगी।
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आखिरी मौका, आखिरी डील, जल्दी करें! “एस्ट्रोसेज नवरात्रि सेल”!

राज योग रिपोर्ट, महाकुंडली, रुद्राक्ष और रत्न समेत अन्य उत्पादों व सेवाओं पर 80% तक की छूट!

“एस्ट्रोसेज नवरात्रि उत्सव” के आखिरी दिन आज समस्त ज्योतिषीय उत्पादों और परामर्श पर भारी डिस्काउंट पाने का अंतिम मौका। महाकुंडली, राज योग रिपोर्ट, 2018 त्रिकाल संहिता समेत अन्य ज्योतिषीय सेवाओं पर 80% तक की छूट, साथ ही रत्न, रुद्राक्ष, माला और जड़ी समेत दूसरे उत्पादों पर 50% तक का डिस्काउंट। तो जल्दी करें यह मौका हाथ से जाने न दें!

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साप्ताहिक राशिफल (26 मार्च से 1 अप्रैल 2018)

जानें इस सप्ताह को सफल बनाने के उपाय! पढ़ें साप्ताहिक राशिफल और जानें नौकरी, व्यवसाय, शिक्षा, पारिवारिक और प्रेम जीवन के लिए कैसा रहेगा यह सप्ताह।


मार्च का अंतिम सप्ताह कुछ राशि वालों के लिए अच्छी सौगात लेकर आ रहा है। इस दौरान उन्हें नौकरी-बिजनेस में तरक्की, विदेश यात्रा का अवसर, परिवार में मांगलिक कार्यक्रम, प्रेम और वैवाहिक जीवन में ढेर सारी खुशियां मिलने वाली हैं। इस बीच कुछ चुनौतियां भी सामने आएंगी। इसके अलावा अन्य सभी भविष्यवाणियां जानने के लिए पढ़ें साप्ताहिक राशिफल और चुनौतियों से निपटने के लिए करें जरूरी उपाय! 


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


इस सप्ताह घर में परिजनों के साथ किसी बात को लेकर तनातनी हो सकती है, इसलिए धैर्य से काम लें। माता जी का स्वास्थ्य कमजोर रहने की संभावना है। व्यस्त दिनचर्या और काम के दबाव की वजह से तनाव महसूस कर सकते हैं। वहीं नौकरी पेशा जातकों का तबादला होने की संभावना है। इस अवधि में विदेशों में संपर्क बनेंगे और विदेश यात्रा के योग भी बनेंगे। इस सप्ताह खर्च अधिक होगा इसलिए स्वयं पर नियंत्रण रखें। आपके बच्चे विदेश जा सकते हैं। उच्च शिक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए अच्छा समय है।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए यह सप्ताह सामान्य रहेगा। आप सुख-सुविधाओं पर ज्यादा खर्च करेंगे। छोटी-मोटी नोक-झोंक के साथ प्यार चलता रहेगा। विवाहित जातकों को जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। इस अवधि में उनके साथ कहीं घूमने फिरने की योजना बना सकते हैं।

उपाय: केसर का तिलक लगाएँ

भाग्य स्टार: 3.5


वृषभ 


इस सप्ताह आपके उत्साह और साहस में वृद्धि होगी। छोटी दूरी की यात्राओं के योग बनेंगे। आपके भाई-बहनों को कुछ समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस सप्ताह चोट आदि लगने का भय रहेगा, इसलिए थोड़ा संभलकर रहें। आमदनी में वृद्धि होगी और अच्छी बात है कि खर्च अधिक नहीं होगा। ससुराल पक्ष से मनमुटाव की स्थिति बन सकती है। पिताजी का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। कार्य क्षेत्र में सफलता के लिए अधिक प्रयत्न करने होंगे। संतान पक्ष आनंदित रहेगी। विद्यार्थियों को मेहनत का फल मिलेगा।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए यह सप्ताह बेहतरीन रहने वाला है। इस दौरान आपके बीच प्यार बढ़ेगा और आप घूमने-फिरने के लिए मनोरंजक स्थलों पर जाएंगे। वहीं वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। रिश्तों में कुछ तनाव भी उत्पन्न हो सकता है।

उपाय: पक्षियों का जोड़ा आजाद करें

भाग्य स्टार: 3/5


मिथुन 


इस सप्ताह मिथुन राशि के जातकों का कुटुंब परिवार के साथ मनमुटाव हो सकता है। नौकरी और व्यवसाय में तरक्की होगी, हालांकि छोटे-मोटे विवाद भी हो सकते हैं। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। संतान आज्ञाकारी होगी, वहीं विद्यार्थियों के लिए समय बेहतर रहेगा और वे मन लगाकर अध्ययन करेंगे। छोटी दूरी की यात्रा के योग बनेंगे। इस सप्ताह भाई-बहनों का सहयोग भी मिलेगा।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए सप्ताह अच्छा रहेगा। हालांकि कार्य में व्यस्तता होने की वजह से एक-दूसरे से दूर रहना पड़ सकता है। दाम्पत्य जीवन में जीवनसाथी के साथ रिश्ते में कड़वाहट बढ़ सकती है। इस दौरान विवाद होने की संभावना भी रहेगी, इसलिए धैर्य से काम ले। जीवनसाथी को कार्य क्षेत्र में तरक्की मिलने से खुशी होगी।

उपाय: मां दुर्गा की उपासना करें और उन्हें सिंदूर अर्पित करें 

भाग्य स्टार: 3.5/5


साल 2018 में क्या कहते हैं आपके सितारे? जानने के लिए पढ़ें: राशिफल 2018

कर्क 


कर्क राशि वाले जातक इस सप्ताह मानसिक स्थिति में उतार-चढ़ाव को महसूस करेंगे। इस वजह से निर्णय लेने में असमर्थ रहेंगे। पारिवारिक जीवन अच्छे से व्यतीत होगा। लंबी दूरी की यात्राओं के योग बनेंगे। पिता जी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी और आपके धार्मिक आचरण को लोग पसंद करेंगे। इस दौरान तीर्थ स्थल की सैर के योग बनेंगे। इस अवधि में आप घर बनाने के बारे में सोच सकते हैं या वाहन खरीद सकते हैं। कंप्यूटर साइंस से जुड़े विषयों में सफलता के योग हैं। कार्य क्षेत्र में मन लगाकर काम करने की आवश्यकता होगी।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए यह सप्ताह मिला-जुला रह सकता है। प्रियतम और आपके बीच थोड़ा बहुत प्यार रहेगा लेकिन छोटे-मोटे विवाद भी हो सकते हैं, इसलिए धैर्य से काम लें। विवाहित जातकों के लिए यह सप्ताह थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है।

उपाय: हनुमान जी की आराधना करें और चमेली के तेल का दीपक जलाएँ। 

भाग्य स्टार: 3.5/5

सिंह 


इस सप्ताह सिंह राशि के जातकों को सर्दी-जुकाम से संबंधित स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। कार्य में सफलता पाने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन संतान को शारीरिक कष्ट हो सकता है। छात्र जातकों को इस अवधि में एकाग्रता की कमी से जूझना पड़ सकता है। नौकरी-व्यवसाय में परिवर्तन या ट्रांसफर होने की संभावना है। आपका कोई पुराना राज़ सामने आ सकता है। इस सप्ताह खर्च अधिक होंगे, इसलिए फिजूलखर्ची से बचें।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। इस दौरान ज्यादा मिलने की कोशिश न करें केवल फोन या अन्य माध्यम से संपर्क बनाये रखें। विवाहित जातकों के जीवनसाथी की तरक्की होगी, साथ ही आपके वैवाहिक संबंध पहले के मुकाबले बेहतर होंगे।

उपाय: सूर्य देव को जल अर्पित करें 

भाग्य स्टार: 3/5


कन्या 


इस सप्ताह कन्या राशि के जातकों का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा। आमदनी में वृद्धि होने की प्रबल संभावना है। आपके बड़े भाई-बहनों को कुछ कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। मित्रों से मतभेद या समस्या हो सकती है। पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण रहेगा, हालांकि माता जी के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। परिवार में किसी मांगलिक कार्यक्रम की संभावना बन रही है या किसी मेहमान के आगमन से प्रसन्नता होगी। विद्यार्थी वर्ग के लिए चुनौतीपूर्ण समय है। नौकरी और व्यवसाय में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए सप्ताह ज्यादा अनुकूल नहीं है। किसी भी गलतफहमी को बढ़ने न दें और बातचीत से हर समस्या का समाधान करें। ऐसा करने से आपके रिश्ते बेहतर होंगे। विवाहित जातकों के लिए यह अच्छा समय है। इस सप्ताह आपके दाम्पत्य जीवन में प्यार बढ़ेगा और आप एक-दूसरे से अपनी बातें साझा करेंगे।

उपाय: गणेश जी की उपासना करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें 

भाग्य स्टार: 4/5


तुला 


कार्य क्षेत्र में इस सप्ताह कोई समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए थोड़ा ध्यान से काम लें। सफलता पाने के लिए कोई शॉर्टकट तरीका न अपनाएँ। पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव देखने को मिल सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि परिजनों को पर्याप्त समय दें। इससे आपके उत्साह में वृद्धि होगी। आपको कान से संबंधित परेशानी हो सकती है। छोटे भाई-बहनों को भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने के योग हैं। विद्यार्थियों के लिए अच्छा समय है, क्योंकि इस सप्ताह उनकी मेहनत रंग लाएगी। वहीं आपकी संतान के लिए भी यह सप्ताह बेहतर रहने वाला है। अपने सही निर्णय से आप आगे बढ़ेंगे। इस सप्ताह धन लाभ होगा लेकिन खर्चों में भी बढ़ोत्तरी होगी।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए सप्ताह अनुकूल बना रहेगा। हालांकि इसके लिए आप अपनी ओर से पूर्ण प्रयास करते रहें। इससे आपके प्यार का रिश्ता मजबूत होगा। वहीं विवाहित जातकों के रिश्ते में प्रेम बढ़ेगा और उनके रिश्ते में नई ऊर्जा का संचार होगा।

उपाय: पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाएं और श्री शनि देव की आराधना करें। 

भाग्य स्टार: 3/5


2018 में किस राशि पर होगी देवगुरु बृहस्पति की कृपा, पढ़ें: गुरु गोचर 2018

वृश्चिक 


इस सप्ताह आप किसी तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। पिताजी को शारीरिक कष्ट होने की संभावना रहेगी या उनके साथ आपके संबंधों में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। आप कार्यक्षेत्र में बदलाव कर सकते हैं। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा, प्रॉपर्टी से लाभ होगा। धार्मिक कामों में धन खर्च होगा और स्वयं के प्रयासों से पैसों की वृद्धि होगी। परिवार में चहल-पहल रहेगी और संतान पक्ष को विदेश जाने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थियों के लिए यह अच्छा समय है। 

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिहाज से यह सप्ताह सामान्य रहेगा। आप एक-दूसरे के बारे में सोचेंगे और समझेंगे। प्रेम जीवन से जुड़े हर मसले पर धैर्य के साथ काम लें। विवाहित जातकों को अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा और उनके प्रति सम्मान का भाव बनाये रखना होगा।

उपाय: श्री विष्णु जी की उपासना करें और उन्हें चंदन अर्पित करें

भाग्य स्टार: 3.5/5



धनु 


इस सप्ताह धनु राशि के जातकों के स्वभाव में बेचैनी और क्रोध बढ़ सकता है। इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर होगा, इसलिए अधिक तनाव न लें। पारिवारिक जीवन में परिजनों के साथ आपसी मेल-जोल और प्रेम बढ़ेगा। इस सप्ताह आपकी आमदनी में वृद्धि होगी। खान-पान पर विशेष ध्यान दें और वाहन सावधानी पूर्वक चलाएँ। संतान आपकी बातों को मानेगी और उसका समर्थन करेगी। वहीं विद्यार्थी वर्ग को मेहनत के साथ आगे बढ़ना होगा। कार्यक्षेत्र में तरक्की के अवसर प्राप्त होंगे।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए यह सप्ताह सबसे अच्छा रहेगा। आप में से कुछ लोग अपने रिश्ते को विवाह के बंधन में बांधने का प्रयास करेंगे। वहीं प्रियतम भी आपके प्रति समर्पित रहेगा। दाम्पत्य जीवन में जीवनसाथी परिवार में अपना योगदान देगा। अहंकार की वजह से आपके रिश्ते में दरार आ सकती है इसलिए ऐसा करने से बचें।

उपाय: हल्दी का तिलक लगाएँ

भाग्य स्टार: 3/5


मकर 


इस सप्ताह मकर राशि के जातकों को स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। नेत्र विकार, पैर में चोट, दर्द या अनिद्रा की समस्या परेशान कर सकती है। इस अवधि में विदेश यात्रा की संभावना बन रही है। कार्य क्षेत्र में लोग आपके ज्ञान का लोहा मानेंगे। पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण रहेगा और भाई-बहनों से पूर्ण सहयोग मिलेगा। वहीं कार्यस्थल पर भी सहकर्मी आपके मदद करने के लिए तैयार रहेंगे। आपकी संतान आनंदित रहेगी। छात्र जातक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इस सप्ताह खर्च बढ़ने के साथ-साथ आमदनी भी बढ़ेगी।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए अच्छा समय है। यदि स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे तो प्रेमी के साथ घूमने-फिरने और मनोरंजक स्थलों की सैर करने का अवसर मिलेगा। यदि विवाहित हैं तो जीवन साथी का ध्यान रखें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। किसी भी तरह के विवाद से बचें।

उपाय: श्री गणेश जी की उपासना करें और उन्हें दूर्वा अर्पित करें

भाग्य स्टार: 3/5


कुम्भ 


इस सप्ताह कुंभ राशि वालों को अचानक धन लाभ होगा। परिवार में या कुटुंब में मेहमानों का आना-जाना लगा रहेगा। धार्मिक कार्यों के प्रति रूचि बढ़ेगी और तीर्थयात्रा पर जाने का अवसर मिलेगा। मानसिक तनाव होने से थोड़ी बेचैनी रह सकती है। पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। प्रॉपर्टी से लाभ होगा और आप अपनी वाणी से लोगों को प्रभावित करेंगे। कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध बिगड़ सकते हैं इसलिए इस बात का ध्यान रखें। संतान तरक्की करेगी और विद्यार्थी वर्ग को अच्छे परिणाम मिलेंगे।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए समय थोड़ा चिंताजनक है। विवाद की स्थिति बन सकती है। बेहतर होगा कि कम से कम मिले और जितना संभव हो बात भी कम करें। वे लोग जो विवाहित हैं जीवन साथी उनके प्रति समर्पण का भाव रखेगा। आपके रिश्ते में प्रेम की भावना बढ़ेगी। 

उपाय: राधा जी की उपासना करें और उन्हें चूड़ियां चढ़ाएँ

भाग्य स्टार: 4/5


मीन 


इस सप्ताह मीन राशि वालों को माता जी का पूरा सहयोग मिलेगा। आपका स्वास्थ्य कुछ कमजोर रहने की संभावना है। नौकरी और व्यवसाय से जुड़े मामलों में विवादों से बचें अन्यथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। धार्मिक कार्यों में आप बढ़-चढ़कर शामिल होंगे। किसी कलात्मक कार्य में भी दिलचस्पी बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। अपने अधीनस्थों से अच्छा व्यवहार बनाये रखें। विद्यार्थी वर्ग को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं संतान को शारीरिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है इसलिए उनका ध्यान रखें।

प्रेमफल: प्रेम संबंधों के लिए यह सप्ताह चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। अपने विचारों को अपने प्रियतम के सामने जाहिर करने से पहले सोच लें कि कहीं उसका कोई विपरीत परिणाम ना हो जाए। बेहतर होगा कि सोच समझकर काम लें। दाम्पत्य जीवन में जीवनसाथी से आपको समर्पण मिलेगा और इस दौरान आपके रिश्ते में प्रेम और बढ़ेगा।

उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और तिल के तेल का दीपक जलाएं। 

भाग्य स्टार: 3/5


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शुक्र का मेष में गोचर कल, बदलेंगे आपके सितारे!

इन 7 राशियों पर होगी शुक्र की अपार कृपा! पढ़ें 26 मार्च 2018 को शुक्र ग्रह के मेष राशि में होने वाले गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव!


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कला, सौंदर्य और विवाह का कारक शुक्र ग्रह 26 मार्च 2018 को दोपहर 3:59 बजे मेष राशि में गोचर कर रहा है और 20 अप्रैल तक इसी राशि में स्थित रहेगा। आईये जानते हैं शुक्र के इस संचरण का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा-

मेष


इस गोचर के प्रभाव से आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आप दूसरों को अपनी छवि से प्रभावित करेंगे… आगे पढ़ें

वृषभ


शुक्र ग्रह आपकी राशि से बारहवे भाव में गोचर करेगा। इसके परिणामस्वरूप आपको शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है… आगे पढ़ें

मिथुन


आमदनी में वृद्धि की संभावना है। वहीं करियर की दिशा में अग्रसर होने के भी पर्याप्त मौक़े मिलेंगे… आगे पढ़ें

कर्क 


शुक्र आपकी राशि से दसवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप कार्य क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेंगे… आगे पढ़ें


सिंह


शुक्र आपकी राशि से नौंवे भाव में स्थित होगा, जिसके परिणाम स्वरूप आप अपनी जॉब को बदलने का मन बना सकते हैं… आगे पढ़ें

कन्या


शुक्र आपकी राशि से आठवे भाव में गोचर करेगा। इस कारण आपको अचानक धन हानि हो सकती है, इसलिए सोच समझकर पैसों का निवेश करें… आगे पढ़ें

तुला


शुक्र आपकी राशि से सातवे भाव में संचरण करेगा। इस दौरान आपके जीवन में रोमांस का स्वाद घुलेगा… आगे पढ़ें

वृश्चिक


शुक्र आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा, जिसके प्रभाव से वैवाहिक जीवन में आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है… आगे पढ़ें


धनु


शुक्र आपकी राशि से पाँचवे भाव में स्थित होगा। इसके परिणाम स्वरूप प्रेम संबंध के लिए यह समय बहुत ही बढ़िया रहेगा… आगे पढ़ें

मकर


शुक्र आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेगा। इस गोचरीय प्रभाव के कारण आपको आंतरिक ख़ुशी महसूस करेंगे… आगे पढ़ें

कुम्भ


शुक्र आपकी राशि से तीसरे भाव में प्रवेश करेगा। जिसके प्रभाव से आप इस दौरान किसी छोटी यात्रा पर जा सकते हैं, जो आपके लिए फलदायी रहेगी… आगे पढ़ें

मीन


आपकी संवाद शैली में निखार आएगा। परिवार में कोई मांगलिक समारोह का आयोजन हो सकता है… आगे पढ़ें
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“महाकुंडली” पर महाऑफर, मौका छूट न जाये!

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चैत्र नवरात्रि अष्टमी-नवमी पूजन कल

जानें चैत्र नवरात्रि 2018 पारणा मुहूर्त और अष्टमी व नवमी पर होने वाले कन्या पूजन का महत्व, साथ ही पढ़ें रामनवमी पर होने वाले धार्मिक कर्म और पूजा विधि!


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चैत्र नवरात्रि में कल यानि 25 मार्च 2018 को अष्टमी और नवमी पूजन एक ही दिन किया जाएगा। दरअसल इस वर्ष नवमी तिथि का क्षय होने से 25 मार्च को ही अष्टमी और नवमी पर होने वाले धार्मिक कर्म किये जाएंगे। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी पर क्रमशः माता महागौरी और मॉं सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है। माता महागौरी दयालु हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं। वहीं मॉं सिद्धिदात्री अपने भक्तों को आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करती हैं और बुराइयों का नाश करके सदगुण प्रदान करती हैं। 

पढ़ें- माता महागौरी और मॉं सिद्धिदात्री की महिमा व मंत्र

नवरात्रि अष्टमी और नवमी पूजन 


नवरात्रि में अष्टमी और नवमी के पूजन का बड़ा महत्व है। इस दिन होने वाली पूजा के साथ नवरात्रि का समापन होता है। अष्टमी और नवमी के पूजन का विधान कुल परंपरा के अनुसार किया जाता है इसलिए अष्टमी-नवमी की पूजा हर परिवार में अलग-अलग प्रकार से होती है। अतः इस दिन हमें अपनी कुल परंपरा के अनुसार मॉं की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। 

कन्या पूजन का महत्व


नवरात्रि में कन्या पूजा का विशेष महत्व है और अष्टमी व नवमी पर विशेष रूप से कन्याओं की पूजा की जाती है। इस दिन 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की आयु वाली कन्याओं को बुलाकर उनका पूजन और उन्हें भोजन व दक्षिणा देना चाहिए। कन्या के रूप में मॉं दुर्गा के नौ रूपों के पूजन से मॉं प्रसन्न होती हैं और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

  • कुमारी- वे बालिकाएँ जिनकी आयु दो वर्ष की होती हैं। उनका पूजन करने से दुःख और दरिद्रता का नाश होता है।
  • त्रिमूर्ति- वे बालिकाएँ जिनकी उम्र 3 वर्ष होती है। इनकी पूजा करने से पुत्र और पौत्र की प्राप्ति होती है।
  • कल्याणी- वे बेटियां जिनकी आयु 4 वर्ष तक होती है, उनका पूजन करने से विद्या और सुख-समृद्धि मिलती है।
  • रोहिणी- वे बालिकाएँ जिनकी उम्र 5 तक होती है। इनकी पूजा से रोगों का नाश होता है।
  • कालिका- वे कन्याएं जिनकी आयु 6 वर्ष होती है, उनकी पूजा से शत्रुओं का नाश होता है। 
  • चण्डिका- वे बालिकाएँ जिनकी आयु 7 वर्ष होती है। इनके पूजन से धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
  • शाम्भवी- वे कन्याएँ जिनकी आयु 8 वर्ष होती है, उनके पूजन से हर क्षेत्र में विजय और सफलता मिलती है।
  • दुर्गा- 9 वर्ष की उम्र की कन्याओं का पूजन दुर्गा के रूप में किया जाता है। इनकी पूजा के प्रभाव से परलौकिक सुखों की प्राप्ति होती है।
  • सुभद्रा- 10 वर्ष की आयु वाली कन्याओं को सुभद्रा के रूप में पूजा जाता है। इनके पूजन से हर मनोकामना पूर्ण होती है।


रामनवमी


कल भगवान राम के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रामनवमी भी मनाई जाएगी। प्रत्येक साल हिन्दू कैंलेडर के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को श्रीराम नवमी के रूप मनाया जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम भगवान विष्णु के 7वें अवतार थे। रामनवमी के दिन भक्तगण रामायण का पाठ करते हैं।


नवरात्रि पारणा 


चैत्र नवरात्रि की पारणा चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर की जाती है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के बाद अगले दिन पारणा के उपरांत व्रत का समापन किया जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विसर्जन, पूजन और दान-दक्षिणा के बाद भोजन ग्रहण करना चाहिए।


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नवरात्रि पर्व है मॉं दुर्गा की आराधना, वंदना और स्तुति का। कहते हैं कि नवरात्र के नौ दिनों में मॉं के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा करने से हर इच्छा और मनोकामना पूर्ण होती है। यही वजह है कि भक्ति और उल्लास के इस महापर्व में श्रद्धालु सच्चे मन से आदि शक्ति की उपासना कर रहे हैं। नवरात्रि के इस पावन अवसर को और खुशनुमा बनाने के लिए पेश है “एस्ट्रोसेज नवरात्रि उत्सव”। हमारी इस पेशकश में आप वह सब कुछ पाएंगे जो नवरात्रि की खुशियों को दोगुना कर देगी। तो आईये हमारे साथ मिलकर बनाएँ नवरात्रि!

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चैत्र नवरात्रि सप्तमी तिथि कल, मॉं कालरात्रि की आराधना का दिन

पढ़ें मॉं कालरात्रि की पूजा के नियम! चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मॉं कालरात्रि की पूजा का विधान है। इस लेख के माध्यम से जानें कल होने वाले पूजन का महत्व।


चैत्र नवरात्रि देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाई जा रही है। कल सप्तमी तिथि है और नवरात्रि में इस दिन मॉं कालरात्रि की उपासना की जाती है। माँ कालरात्रि को शुभंकरी देवी भी कहा जाता है।

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मॉं कालरात्रि का स्वरूप


माँ दुर्गा का सातवाँ रूप कालरात्रि के नाम से जाना जाता है, जो पापियों का नाश करने वाली हैं। माँ का यह अवतार बेहद ही आक्रामक माना जाता है और गदर्भ (गदहा) उनकी सवारी है। उनका स्वरूप बेहद ही भयभीत करने वाला है। उनका वर्ण घने अंधकार की तरह काला है और सिर पर बिखरे बाल हैं। इनकी लाल तीन आँखें बेहद ही डरावनी है। इनकी साँस से अग्नि उत्पन्न होती है। देवी की चार भुजाएँ हैं, दोनों दाहिने हाथ क्रमशः अभय और वर मुद्रा हैं, जबकि बाएँ दोनों हाथ में क्रमशः तलवार और खड़ग हैं। जिनसे वे असुरों का संहार कर अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। भक्तों के द्वारा उनका नाम जपने मात्र से सारी बुरी शक्तियाँ दूर हो जाती हैं। 


मॉं कालरात्रि की पूजा के नियम


नवरात्रि के सातवें दिन मॉं कालरात्रि के पूजन का विधान है। मॉं कालरात्रि की पूजा दो प्रकार से होती है। इनमें एक सामान्य पूजा और दूसरी तंत्र पूजा है। उनकी पूजा से जुड़े नियम इस प्रकार हैं-

  • मॉं कालरात्रि की सामान्य पूजा नवरात्रि के पूर्व के दिनों की तरह कोई भी कर सकता है लेकिन तंत्र पूजा विद्वान पंडितों के दिशा-निर्देश में की जानी चाहिए।
  • मॉं काली की उपासना का सबसे उपयुक्त समय मध्य रात्रि में होता है।
  • शत्रु और विरोधियों को परास्त करने के लिए मॉं कालरात्रि की पूजा विशेष महत्व होता है। 
  • मॉं कालरात्रि की पूजा में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व है। 

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नवरात्रि में सातवें दिन का महत्व


नवरात्र का सातवाँ दिन माँ कालरात्रि को प्रसन्न करने का शुभ अवसर होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, सप्तमी तिथि को पूर्ण विधि-विधान के साथ इस देवी की आराधना की जाती है। योगी और साधकों की सिद्धि के लिए भी यह दिन का अति महत्व है। इस दिन भक्त अपने पापों का प्रायश्चित कर सहस्रार चक्र को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। कहते हैं इस दिन की जाने वाली हरेक पूजा सिद्ध होती है। माँ का इतना भयावह रूप होने के बावजूद भी वह अपने भक्तों के लिए बहुत दयालु है। वह अपने भक्तों को हर बुराई से बचाती है। यदि भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ माँ की आराधना करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

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चैत्र नवरात्रि की षष्टी तिथि आज, जानें पूजा विधि

मॉं कात्यायनी को करें नमन! चैत्र नवरात्रि के छठवे दिन आज देवी दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा की जा रही है। जानें मां के इस रूप का वर्णन और महत्व।




मां कात्यायनी


चैत्र नवरात्रि के छठवे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। यह माँ दुर्गा का छठा रूप है। पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण माँ दुर्गा का नाम कात्यायनी पड़ा था। यदि माँ की आराधना सच्चे मन पूर्ण विधि-विधान के साथ की जाए तो भक्तों के सभी रोग-दोष दूर हो जाते हैं।


पूजा विधि


मां कात्यायनी के पूजन से आत्मिक शांति और आध्यात्मिक बल की प्राप्ति होती है। माता कात्यायनी की पंचोपचार विधि से पूजा करने के बाद साधक को अपने प्रयासों में सफलता मिलती है। नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा का विधान इस प्रकार है...

  • मां कात्यायनी की पूजा से पहले कलश और उसमें विराजमान देवी-देवता, तीर्थों, नवग्रहों, ग्राम और नगर देवता आदि का पूजन करें।
  • इसके बाद मां कात्यायनी का पूजन शुरू करें। सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मॉं कात्यायनी का ध्यान करें।
  • इसके बाद मां कात्यायनी का पंचोपचार पूजन करें और उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित करें।
  • घी अथवा कपूर जलाकर मां कात्यायनी की आरती करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।

समस्त नवग्रहों की शांति के लिए पढ़ें: विशेष ज्योतिषीय उपाय


ज्योतिषीय महत्व


ज्योतिषीय महत्व के संदर्भ में ऐसा कहा जाता है कि मां कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। इनकी भक्ति के प्रभाव से बृहस्पति से संबंधित दोष दूर होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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बुध कल मीन राशि में होगा वक्री

पढ़ें सभी 12 राशियों पर होने वाला प्रभाव! बुध ग्रह कल यानि 23 मार्च 2018 को मीन राशि में वक्री हो जाएगा। आईये जानते हैं इसका आपके जीवन पर क्या असर होगा।


बुध ग्रह 23 मार्च 2018 को सुबह 5:49 बजे मीन राशि में वक्री हो रहा है और 15 अप्रैल 2018 को दोपहर 2:50 बजे पुनः मार्गी होगा। इस अवधि में बुध वक्री गति करते हुए सभी राशियों को प्रभावित करेगा और इसका असर आपके जीवन पर देखने को मिलेगा। जानें बुध की वक्री गति का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा-


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


बुध की इस वक्री अवधि में आपको तरक्की के कई अवसर मिलेंगे लेकिन सफलता पाने के लिए आपको अधिक प्रयास करने होंगे...आगे पढ़ें

वृषभ


आय में बढ़ोत्तरी करने के लिए प्रयत्न करने होंगे। नौकरी और व्यवसाय में कड़ी मेहनत से अच्छे अवसर प्राप्त होंगे...आगे पढ़ें

मिथुन


बुध की इस वक्री अवस्था में किसी के साथ विवाद की स्थिति बन सकती है, विशेषकर कार्यस्थल पर...आगे पढ़ें

बुध के अशुभ प्रभाव और वक्री होने से हैं परेशान पाएं: बुध वक्री रिपोर्ट

कर्क


यह अवधि आपके लिए लाभकारी रहेगी लेकिन लाभ अर्जित करने के लिए आपको ज्यादा पसीना बहाना होगा...आगे पढ़ें

सिंह


इस अवधि में आपको कुछ कड़वे अनुभवों का सामना करना पड़ सकता है। धन लाभ की अपेक्षा धन हानि की संभावना अधिक होगी...आगे पढ़ें

कन्या


इस अवधि में वैवाहिक और प्रेम संबंधों में मधुरता बनाये रखने के लिए आपको जीवनसाथी व प्रियतम को अधिक समय देना होगा...आगे पढ़ें

तुला


बुध का मीन राशि में वक्री होना तुला राशि वालों के लिए हानिकारक प्रतीत हो रहा है...आगे पढ़ें

वृश्चिक


प्रेम विवाह के योग बनेंगे लेकिन इनमें कुछ अड़चनें भी आएंगी। छात्रों को अच्छे परिणामों के लिए मन लगाकर अध्ययन करना होगा...आगे पढ़ें

धनु


इस अवधि में अगर घर या वाहन खरीदने की योजना में थोड़ी देरी होने की संभावना बन रही है...आगे पढ़ें

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मकर


नौकरी और व्यवसाय से जुड़े कामों में सफलता पाने के लिए अधिक परिश्रम के साथ काम करना होगा...आगे पढ़ें

कुंभ


बुध के वक्री होने से आपकी वाणी में कड़वाहट बढ़ सकती है। इसका परिणाम यह होगा कि आपका किसी के साथ विवाद हो सकता है...आगे पढ़ें

मीन


बुध मीन राशि में स्थित रहकर वक्री रहेगा। इस दौरान मीन राशि के जातकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है...आगे पढ़ें

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चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन आज- स्कंदमाता को करें नमन!

जानें स्कंदमाता को प्रसन्न करने की पूजा विधि! चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन आज स्कंदमाता की पूजा का विधान है। जानें स्कंदमाता की महिमा और मंत्र।


चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन आज स्कंदमाता की पूजा का विधान है। देवी के इस रूप के नाम का अर्थ, स्कंद मतलब भगवान कार्तिकेय/मुरुगन और माता यानि मां है, अतः इनके नाम का मतलब स्कंद की माता है।


स्कंदमाता का स्वरूप


नवरात्रि की पंचमी तिथि को देवी दुर्गा के पाँचवे रूप यानि स्कंदमाता पूजा की जाती है। स्कंद अर्थात कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। कहते हैं कि यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा के साथ माँ की उपासना करता है तो मां उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करती हैं। 

पूजा विधि


स्कंदमाता के पूजन से भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। नवरात्रि के चौथे दिन की पूजा का विधान इस प्रकार है-
  • स्कंदमाता की पूजा से पहले कलश और उसमें विराजमान देवी-देवता, तीर्थों, नवग्रहों, ग्राम और नगर देवता आदि का पूजन करें।
  • इसके बाद स्कंदमाता का पूजन शुरू करें। सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर स्कंदमाता का ध्यान करें।
  • इसके बाद स्कंदमाता का पंचोपचार पूजन करें और उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित करें।
  • घी अथवा कपूर जलाकर स्कंदमाता की आरती करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।


ज्योतिषीय महत्व


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं, इसलिए स्कंदमाता की पूजा पूरे विधि विधान से करने पर बुध ग्रह के सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं।

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चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन आज- मां कूष्माण्डा की करें आराधना

पढ़ें मां कूष्माण्डा की महिमा और मंत्र! जानें चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा के पूजन का महत्व और पूजा विधि।


चैत्र नवरात्रि पूरे उत्साह के साथ देशभर में मनाई जा रही है। आज नवरात्रि का चौथा दिन और इस दिन मां कूष्माण्डा की पूजा का विधान है। कूष्माण्डा तीन शब्दों से मिलाकर बना है, जिसमें 'कू' का अर्थ है लघु, 'ऊष्मा' का अर्थ है ऊर्जा एवं 'अण्डा' का अर्थ यहाँ अंडाकार से है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा ने अण्डाकार रूप में ब्रह्माण्ड की उत्पति की थी, इसलिए इन्हें कूष्माण्डा देवी कहा जाता है। 

मां कूष्माण्डा का स्वरूप


देवी दुर्गा के नौ रूपों में चौथा रूप मां कूष्माण्डा का है। इन्हें देवी पार्वती का ही स्वरूप माना जाता है। मां कूष्माण्डा की 8 भुजाएँ हैं जो चक्र, गदा, धनुष, तीर, अमृत कलश, कमण्डल और कमल से सुशोभित हैं। माता शेर की सवारी करती हैं। 


पूजा विधि


मां कूष्माण्डा के पूजन से भक्तों को धन-वैभव और सुख-शांति मिलती है। नवरात्रि के चौथे दिन पूजा का विधान इस प्रकार है-

  • मां कूष्माण्डा की पूजा से पहले कलश और उसमें विराजमान देवी-देवता, तीर्थों, नवग्रहों, ग्राम और नगर देवता आदि का पूजन करें।
  • इसके बाद मां कूष्माण्डा का पूजन शुरू करें। सबसे पहले अपने हाथ में एक फूल लेकर मां कूष्माण्डा का ध्यान करें।
  • इसके बाद मां कूष्माण्डा का पंचोपचार पूजन करें और उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित करें।
  • घी अथवा कपूर जलाकर मां कूष्माण्डा की आरती करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।


ज्योतिषीय महत्व


वैदिक ज्योतिष के अनुसार कूष्माण्डा देवी सूर्य देव का मार्गदर्शन करती हैं, इसलिए इनकी आराधना करने से कुंडली में सूर्य दोष का निवारण होता है।

नवरात्रि में धारण करें: नवदुर्गा कवच

एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! देवी दुर्गा की कृपा आप पर बनी रहे।
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