देखें नरेन्द्र मोदी की असली कुंडली और जन्म से लेकर अब तक सभी ग्रहों की चाल, जिससे हम जानेगें मोदी की परेशानियों का कारण व उत्थान का राज़… संभवतः पहली बार…
मोदी की कुंडली के अनुसार अधिकां ज्योतिषियों की भविष्यवाणी धरी-की-धरी रह गयी, उसमे से एक मैं भी था। मेरे अनुसार भी जो कुंडली मेरे पास थी और जो प्रचलित है उसके अनुसार राजयोग नहीं बन रहा था, और यदि होता भी तो किसी के समर्थन से ही बन पाता। परन्तु जब परिणाम आये तो मेरी नींद उड़ गयी, नींद इसलिए नहीं उड़ी की मोदी क्यों जीते, बल्कि इसलिए उड़ी की प्रेडिक्शन गलत कैसे हुआ। दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल के शपथ से पूर्व भविष्यवाणी हो या दिल्ली भाजपा की सीटें, सभी प्रेडिक्शन १०० प्रतिशत सच हुए तो यह इतना गलत क्यों हुआ। कहाँ गलती हुई, फिर सोचा की मोदी की कुंडली और उनका जन्म समय स्वयं मोदी ने तो बताई नहीं, हो सकता है तारीख और वर्ष उनका स्कूल का हो जो पहले अक्सर एक या दो साल आगे या पीछे कर दिया जाता था। इस आधार पर मैंने मोदी की कुंडली तलाशनी शुरू की और सफलता भी मिली, देखें मोदी की असली कुंडली और जन्म से लेकर अब तक का सभी ग्रहों की चाल जिससे हम जानेगें मोदी की परेशानियों का कारण व उत्थान का राज …… संभवतः पहली बार …
मोदी की प्रचलित जन्म की तारीख है, सितम्बर 17, 1950, जन्म समय ११ बजे, मेहसाणा-गुजरात, जिसके अनुसार उनका जन्म लग्न वृश्चिक है और जन्म कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को विष्कुम्भ योग में हुआ है। विष्कुम्भ में जन्मा हुआ जातक कभी इतना उत्थान नहीं कर सकता इसके अलावा जो पहले की कुंडली में संदेह जनक पक्ष है वे हैं -
१. वृश्चिक लग्न में मंगल तो है परन्तु शुन्य अंश का है साथ में नीच का चन्द्रमा है, जिसके चलते रूचक और विष्णु लक्ष्मी योग तो बनते हैं परन्तु बहुत ही कमजोर , कम से कम इतने शक्तिशाली तो नहीं जितने मोदी हैं।
२. वृश्चिक लग्न में दसम भाव का मालिक सूर्य है जो स्वयं एकादश भाव में केतु के साथ ग्रहण योग में बैठा है और दसम भाव में शत्रु के स्थान पर शनि विराजमान है जो कभी भी इतना तगड़ा राजयोग नहीं दे सकता बल्कि हमेशा अवरोध उत्पन्न करेगा। जबकि मोदी का पिछला जीवन देखा जाये तो मोदी निरंतर आगे बढे हैं और कभी भी उनके लिए कोई बड़ी समस्या नहीं खड़ा कर पाया। साथ ही यह भी इतना प्रबल राजयोग नहीं बना सकता जितना मोदी का है।
३. गुरु भी केंद्र में है परन्तु शत्रु स्थान पर है और वक्री भी है, अतः यहाँ गुरु से भी किसी प्रकार का राजयोग नहीं बन पा रहा है।
४. बुध एकादश भाव में कन्या राशि में है परन्तु वक्री है, अतः बुधादित्य योग उतना प्रभावकारी नहीं हो सकता।
५. पंचम में राहु विद्या में बाधक है और उस पर सूर्य - बुध - केतु की दृष्टि से व्यक्ति बहुत नकारात्मक बुद्धि वाला या विध्वंसक विचार का हो जायेगा, अतः यहाँ यह योग भी समझ से परे है।
६. सन १९८५ से लेकर २००५ तक मोदी की शुक्र की महादशा रही है और जब अक्टूबर २००१ में मोदी मुख्यमंत्री बने तो शुक्र में शनि का अंतर था, वृश्चिक लग्न में शुक्र मारकेश है और बुध एवं शनि सहायक, तो उस समय मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं मोदी?
७. और सबसे बड़ी बात वर्तमान महादशा जो इस समय उनके भाग्येश चन्द्रमा की चल रही है, परन्तु राहु का अंतर है जो भाग्य में ग्रहण योग बना रहा है और शायद इसीलिए सभी विद्वानो ने मोदी की जीत में संदेह व्यक्त किया था जो मैंने भी किया लेकिन खोज किसी ने नहीं की।
इन सभी कारणों को देखते हुए मैंने मोदी से सम्बंधित संभावित समय पर खोज शुरू की और जो मैंने प्राप्त किया उसके अनुसार मोदी के जन्म की तारीख सितम्बर १७, १९४९ है और समय १०.५० मिनट है, अर्थात सबकुछ सही है परन्तु वर्ष एक वर्ष पूर्व है, इस समय के अनुसार जो लग्न है वह तुला है और उसका चार्ट है।
आइये अब देखिये इस चार्ट के अनुसार विश्लेषण :
१. लग्न तुला है और तुला में ही शुक्र बैठा है - यह अपने आपमें जबरदस्त रोजयोग कारक है और व्यक्ति को कीचड में पैदा होने के बावजूद राजसिंहासन तक पहुँचाने की क्षमता रखता है और शायद यह बात जो भी ज्योतिष जानते हैं उन्हें बताने की आवश्यकता नहीं कि लग्न में तुला के शुक्र का क्या मतलब होता है।
२. दशम भाव में नीच का मंगल - जिसके कारण पिता के सुख में कमी परन्तु उच्च दृष्टि माँ के स्थान पर अतः माँ की आयु लम्बी और भरपूर आशीर्वाद, साथ ही शत्रुओं को परास्त करने की अद्भुत क्षमता।
३. पराक्रम भाव अर्थात तृतीय भाव में अपनी ही राशि पर बैठा वक्री गुरु - यह भाई - बहनों के सुख को कमजोर करता है परन्तु अदभुत पराक्रम देता है, मोदी के बारे में ये दोनों ही बाते सर्वविदित हैं।
४. राज्येश चन्द्रमा का भाग्य स्थान अर्थात नवम भाव में बैठना - यह एक अद्भुत राजयोग है। साथ ही गुरु और चन्द्रमा का दृष्टि योग जबरदस्त पराक्रम, राज क्षमता, सृजनात्मक विचार इन सबसे व्यक्ति को ओतप्रोत बनता है, और ये सभी गन मोदी में विद्यमान हैं।
५. एकादश भाव में शनि - यहाँ बैठकर शनि लग्न, पंचम, और अष्टम भाव को सीधे देख रहे हैं, अतः देर से विद्या की प्राप्ति, लग्न पर उच्च दृष्टि के कारण निरोगी एवं आध्यात्मिक विचारधारा, दुखी लोगो के प्रति सेवा का भाव ये सभी गुण प्रदान कर रहा है, साथ ही जीवन में अत्यधिक यात्रा और यात्रा के और सेवा के द्वारा लाभ को दर्शाता है, और इन सभी बातों को मोदी के सन्दर्भ में बताने की आवश्यकता नहीं।
६. छठवें भाव में राहु - कम से कम किसी ज्योतिष के विद्वान को इसका अर्थ बताने की आवश्यकता नहीं, शत्रुओं पर जबरदस्त प्रभाव, जिसने भी शत्रुता की वो गया और यही मैंने पहले भी लिखा था की संजय जोशी, केशुभाई पटेल, और शंकर सिंह बाघेला आज नेपथ्य में चले गए हैं और पूरी तरह से मोदी पर आश्रित हैं। वर्तमान में आडवाणी और सुषमा स्वराज को झुकना पड़ा और नितीश, मायावती, मुलायम, अरविन्द केजरीवाल, मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद जैसे न जाने कितने अधिक मोदी का विरोध करने की वजह से राजनैतिक मौत मारे गए।
७. द्वादश भाव में केतु, सूर्य, और बुध - जो स्वयं कन्या यानी कि बुध की अपनी राशि में हैं एक साथ युति कर रहे हैं। ऐसा किसी भी व्यक्ति को जबरदस्त योजनाकार, भ्रमणशील, प्रखर वक्ता, धर्म रक्षक, तथा परोपकारी बनाता है। साथ ही यह योग पुनः किसी भी शत्रु के लिए अत्यंत घातक है। सूर्य शुन्य अंश का और पिता का कारक और ग्रहण योग में होने के कारण पिता के सुख में कमी और पैतृक सम्पत्ति तथा पैतृक स्थान के सुख में भारी कमी को दर्शाता है।
अब करते हैं दशाओं की बात :
मोदी का जन्म इस वर्ष के अनुसार गुरु की महादशा में हुआ, तुला लग्न में गुरु तीसरे और छठे भाव का स्वामी है , मोदी को जन्म से कितना दुःख झेलना पड़ा यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है।
1965 से - 1984 तक: यह शनि की दशा का समय था, शनि तुला लग्न में योगकारक तो हैं परन्तु राजयोगकारक नहीं। साथ ही सुख भाव(चतुर्थ ) से छठे भाव में बैठे हैं, अतः अत्यंत दुःख, खूब भ्रमण, आध्यात्मिक और नैतिक ज्ञान के साथ जीवन जीने को बाध्य किये, इस दौरान जैसा शनि का गुण है मोदी साधु संतों की सेवा में रहे और लगभग सन्यासी का जीवन यापन किये।
1984 से जुलाई 2001 तक: यह समय जहाँ से मोदी के राजनैतिक जीवन और अच्छे दिन की शुरुवात होती है, बुध इनकी कुंडली में भाग्येश है और अपनी उच्च राशि कन्या में द्वादश में बैठकर राजयोग भी बना रहा है और यही से मोदी के राजयोग की शरुवात हो जाती है।
30 जुलाई 2001 से 30 जुलाई - 2008 तक: केतु की महादशा का प्रारम्भ और मोदी राजयोग शुरू, केतु की महादशा शुरू होने के तुरंत बाद अक्टूबर में मोदी को मुख्यमंत्री की कुर्सी, २००२ में चुनाव और पुनः विजय जब केतु में शुक्र का अंतर आया।
30 जुलाई 2008 से शुक्र की महादशा प्रारम्भ: पुनः मुख्यमंत्री और मजबूती के साथ, दिसंबर २०१२ से शुक्र में राज्येश चन्द्रमा की अंतर दशा जो अभी जुलाई रहेगी , बताने की आवश्यकता नहीं की २०१३ से लेकर अभी तक मोदी कहा पहुंच चुके हैं, क्योंकि मेरे हिसाब से अभी लग्नेश शुक्र और राज्येश चन्द्रमा का समय चल रहा है।
विशेष :
१. वर्तमान में भी तुला पर ही शनि हैं जो उच्च के हैं और जबरदस्त राजयोग बना हैं, मीन में उच्च के शुक्र भी है।
२. मेरे दिए हुए जन्म तारीख अर्थात सितम्बर 17,1949, सुबह 10.50 के अनुसार मोदी का जन्म दिन शनिवार, वरियन योग, कृष्ण पक्ष दशमी तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र है, दशमी तिथि जाया तिथि होती है और इन सारे योग में पैदा हुआ व्यक्ति राजा नहीं बनेगा तो कौन बनेगा?
३. सबसे ध्यान देने योग्य बात ये है कि मोदी ने गुजरात और वाराणसी दो जगह से अपना नामांकन दसमी तिथि को ही किया था। १७ और २६ दोनों का हे योग ८ है जो शनि का अंक है, मोदी १७ को शनिवार के दिन ही पैदा हुए हैं।
यह मेरा प्रयास था तथ्यों का, पाठकों और ज्योतिषविदों से अनुरोध है कि अपना विचार रखें और हो सके तो उसे व्यक्त करें।
पं दीपक दूबे
मोदी की कुंडली के अनुसार अधिकां ज्योतिषियों की भविष्यवाणी धरी-की-धरी रह गयी, उसमे से एक मैं भी था। मेरे अनुसार भी जो कुंडली मेरे पास थी और जो प्रचलित है उसके अनुसार राजयोग नहीं बन रहा था, और यदि होता भी तो किसी के समर्थन से ही बन पाता। परन्तु जब परिणाम आये तो मेरी नींद उड़ गयी, नींद इसलिए नहीं उड़ी की मोदी क्यों जीते, बल्कि इसलिए उड़ी की प्रेडिक्शन गलत कैसे हुआ। दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल के शपथ से पूर्व भविष्यवाणी हो या दिल्ली भाजपा की सीटें, सभी प्रेडिक्शन १०० प्रतिशत सच हुए तो यह इतना गलत क्यों हुआ। कहाँ गलती हुई, फिर सोचा की मोदी की कुंडली और उनका जन्म समय स्वयं मोदी ने तो बताई नहीं, हो सकता है तारीख और वर्ष उनका स्कूल का हो जो पहले अक्सर एक या दो साल आगे या पीछे कर दिया जाता था। इस आधार पर मैंने मोदी की कुंडली तलाशनी शुरू की और सफलता भी मिली, देखें मोदी की असली कुंडली और जन्म से लेकर अब तक का सभी ग्रहों की चाल जिससे हम जानेगें मोदी की परेशानियों का कारण व उत्थान का राज …… संभवतः पहली बार …
मोदी की प्रचलित जन्म की तारीख है, सितम्बर 17, 1950, जन्म समय ११ बजे, मेहसाणा-गुजरात, जिसके अनुसार उनका जन्म लग्न वृश्चिक है और जन्म कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को विष्कुम्भ योग में हुआ है। विष्कुम्भ में जन्मा हुआ जातक कभी इतना उत्थान नहीं कर सकता इसके अलावा जो पहले की कुंडली में संदेह जनक पक्ष है वे हैं -
१. वृश्चिक लग्न में मंगल तो है परन्तु शुन्य अंश का है साथ में नीच का चन्द्रमा है, जिसके चलते रूचक और विष्णु लक्ष्मी योग तो बनते हैं परन्तु बहुत ही कमजोर , कम से कम इतने शक्तिशाली तो नहीं जितने मोदी हैं।
२. वृश्चिक लग्न में दसम भाव का मालिक सूर्य है जो स्वयं एकादश भाव में केतु के साथ ग्रहण योग में बैठा है और दसम भाव में शत्रु के स्थान पर शनि विराजमान है जो कभी भी इतना तगड़ा राजयोग नहीं दे सकता बल्कि हमेशा अवरोध उत्पन्न करेगा। जबकि मोदी का पिछला जीवन देखा जाये तो मोदी निरंतर आगे बढे हैं और कभी भी उनके लिए कोई बड़ी समस्या नहीं खड़ा कर पाया। साथ ही यह भी इतना प्रबल राजयोग नहीं बना सकता जितना मोदी का है।
३. गुरु भी केंद्र में है परन्तु शत्रु स्थान पर है और वक्री भी है, अतः यहाँ गुरु से भी किसी प्रकार का राजयोग नहीं बन पा रहा है।
४. बुध एकादश भाव में कन्या राशि में है परन्तु वक्री है, अतः बुधादित्य योग उतना प्रभावकारी नहीं हो सकता।
५. पंचम में राहु विद्या में बाधक है और उस पर सूर्य - बुध - केतु की दृष्टि से व्यक्ति बहुत नकारात्मक बुद्धि वाला या विध्वंसक विचार का हो जायेगा, अतः यहाँ यह योग भी समझ से परे है।
६. सन १९८५ से लेकर २००५ तक मोदी की शुक्र की महादशा रही है और जब अक्टूबर २००१ में मोदी मुख्यमंत्री बने तो शुक्र में शनि का अंतर था, वृश्चिक लग्न में शुक्र मारकेश है और बुध एवं शनि सहायक, तो उस समय मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं मोदी?
७. और सबसे बड़ी बात वर्तमान महादशा जो इस समय उनके भाग्येश चन्द्रमा की चल रही है, परन्तु राहु का अंतर है जो भाग्य में ग्रहण योग बना रहा है और शायद इसीलिए सभी विद्वानो ने मोदी की जीत में संदेह व्यक्त किया था जो मैंने भी किया लेकिन खोज किसी ने नहीं की।
इन सभी कारणों को देखते हुए मैंने मोदी से सम्बंधित संभावित समय पर खोज शुरू की और जो मैंने प्राप्त किया उसके अनुसार मोदी के जन्म की तारीख सितम्बर १७, १९४९ है और समय १०.५० मिनट है, अर्थात सबकुछ सही है परन्तु वर्ष एक वर्ष पूर्व है, इस समय के अनुसार जो लग्न है वह तुला है और उसका चार्ट है।
१. लग्न तुला है और तुला में ही शुक्र बैठा है - यह अपने आपमें जबरदस्त रोजयोग कारक है और व्यक्ति को कीचड में पैदा होने के बावजूद राजसिंहासन तक पहुँचाने की क्षमता रखता है और शायद यह बात जो भी ज्योतिष जानते हैं उन्हें बताने की आवश्यकता नहीं कि लग्न में तुला के शुक्र का क्या मतलब होता है।
२. दशम भाव में नीच का मंगल - जिसके कारण पिता के सुख में कमी परन्तु उच्च दृष्टि माँ के स्थान पर अतः माँ की आयु लम्बी और भरपूर आशीर्वाद, साथ ही शत्रुओं को परास्त करने की अद्भुत क्षमता।
३. पराक्रम भाव अर्थात तृतीय भाव में अपनी ही राशि पर बैठा वक्री गुरु - यह भाई - बहनों के सुख को कमजोर करता है परन्तु अदभुत पराक्रम देता है, मोदी के बारे में ये दोनों ही बाते सर्वविदित हैं।
४. राज्येश चन्द्रमा का भाग्य स्थान अर्थात नवम भाव में बैठना - यह एक अद्भुत राजयोग है। साथ ही गुरु और चन्द्रमा का दृष्टि योग जबरदस्त पराक्रम, राज क्षमता, सृजनात्मक विचार इन सबसे व्यक्ति को ओतप्रोत बनता है, और ये सभी गन मोदी में विद्यमान हैं।
५. एकादश भाव में शनि - यहाँ बैठकर शनि लग्न, पंचम, और अष्टम भाव को सीधे देख रहे हैं, अतः देर से विद्या की प्राप्ति, लग्न पर उच्च दृष्टि के कारण निरोगी एवं आध्यात्मिक विचारधारा, दुखी लोगो के प्रति सेवा का भाव ये सभी गुण प्रदान कर रहा है, साथ ही जीवन में अत्यधिक यात्रा और यात्रा के और सेवा के द्वारा लाभ को दर्शाता है, और इन सभी बातों को मोदी के सन्दर्भ में बताने की आवश्यकता नहीं।
६. छठवें भाव में राहु - कम से कम किसी ज्योतिष के विद्वान को इसका अर्थ बताने की आवश्यकता नहीं, शत्रुओं पर जबरदस्त प्रभाव, जिसने भी शत्रुता की वो गया और यही मैंने पहले भी लिखा था की संजय जोशी, केशुभाई पटेल, और शंकर सिंह बाघेला आज नेपथ्य में चले गए हैं और पूरी तरह से मोदी पर आश्रित हैं। वर्तमान में आडवाणी और सुषमा स्वराज को झुकना पड़ा और नितीश, मायावती, मुलायम, अरविन्द केजरीवाल, मणिशंकर अय्यर, सलमान खुर्शीद जैसे न जाने कितने अधिक मोदी का विरोध करने की वजह से राजनैतिक मौत मारे गए।
७. द्वादश भाव में केतु, सूर्य, और बुध - जो स्वयं कन्या यानी कि बुध की अपनी राशि में हैं एक साथ युति कर रहे हैं। ऐसा किसी भी व्यक्ति को जबरदस्त योजनाकार, भ्रमणशील, प्रखर वक्ता, धर्म रक्षक, तथा परोपकारी बनाता है। साथ ही यह योग पुनः किसी भी शत्रु के लिए अत्यंत घातक है। सूर्य शुन्य अंश का और पिता का कारक और ग्रहण योग में होने के कारण पिता के सुख में कमी और पैतृक सम्पत्ति तथा पैतृक स्थान के सुख में भारी कमी को दर्शाता है।
अब करते हैं दशाओं की बात :
मोदी का जन्म इस वर्ष के अनुसार गुरु की महादशा में हुआ, तुला लग्न में गुरु तीसरे और छठे भाव का स्वामी है , मोदी को जन्म से कितना दुःख झेलना पड़ा यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है।
1965 से - 1984 तक: यह शनि की दशा का समय था, शनि तुला लग्न में योगकारक तो हैं परन्तु राजयोगकारक नहीं। साथ ही सुख भाव(चतुर्थ ) से छठे भाव में बैठे हैं, अतः अत्यंत दुःख, खूब भ्रमण, आध्यात्मिक और नैतिक ज्ञान के साथ जीवन जीने को बाध्य किये, इस दौरान जैसा शनि का गुण है मोदी साधु संतों की सेवा में रहे और लगभग सन्यासी का जीवन यापन किये।
1984 से जुलाई 2001 तक: यह समय जहाँ से मोदी के राजनैतिक जीवन और अच्छे दिन की शुरुवात होती है, बुध इनकी कुंडली में भाग्येश है और अपनी उच्च राशि कन्या में द्वादश में बैठकर राजयोग भी बना रहा है और यही से मोदी के राजयोग की शरुवात हो जाती है।
30 जुलाई 2001 से 30 जुलाई - 2008 तक: केतु की महादशा का प्रारम्भ और मोदी राजयोग शुरू, केतु की महादशा शुरू होने के तुरंत बाद अक्टूबर में मोदी को मुख्यमंत्री की कुर्सी, २००२ में चुनाव और पुनः विजय जब केतु में शुक्र का अंतर आया।
30 जुलाई 2008 से शुक्र की महादशा प्रारम्भ: पुनः मुख्यमंत्री और मजबूती के साथ, दिसंबर २०१२ से शुक्र में राज्येश चन्द्रमा की अंतर दशा जो अभी जुलाई रहेगी , बताने की आवश्यकता नहीं की २०१३ से लेकर अभी तक मोदी कहा पहुंच चुके हैं, क्योंकि मेरे हिसाब से अभी लग्नेश शुक्र और राज्येश चन्द्रमा का समय चल रहा है।
विशेष :
१. वर्तमान में भी तुला पर ही शनि हैं जो उच्च के हैं और जबरदस्त राजयोग बना हैं, मीन में उच्च के शुक्र भी है।
२. मेरे दिए हुए जन्म तारीख अर्थात सितम्बर 17,1949, सुबह 10.50 के अनुसार मोदी का जन्म दिन शनिवार, वरियन योग, कृष्ण पक्ष दशमी तिथि, पुनर्वसु नक्षत्र है, दशमी तिथि जाया तिथि होती है और इन सारे योग में पैदा हुआ व्यक्ति राजा नहीं बनेगा तो कौन बनेगा?
३. सबसे ध्यान देने योग्य बात ये है कि मोदी ने गुजरात और वाराणसी दो जगह से अपना नामांकन दसमी तिथि को ही किया था। १७ और २६ दोनों का हे योग ८ है जो शनि का अंक है, मोदी १७ को शनिवार के दिन ही पैदा हुए हैं।
यह मेरा प्रयास था तथ्यों का, पाठकों और ज्योतिषविदों से अनुरोध है कि अपना विचार रखें और हो सके तो उसे व्यक्त करें।
पं दीपक दूबे
चरन परणाम, You acted splendid Sir with this. It's beyond imagination. On the search kundi of Honourable Prime Minister Sh. Modi ji you create a history in Astrology World. You are such a great & very intellectual Astrologer. Hat's off to you Sir. May you live long & God bless you Sir. With warm regards :- Sarabjit
ReplyDeleteSir mera janm tidi 10-10-1991 h or time 2:30pm h karpya mere bare me btaye
ReplyDeleteकुण्डली का अध्ययन कर आनन्द महसूस हुआ। पर दुःख इस बात का हें कि विद्वान ज्योतिषयो को मोदी जी कि जन्म डिटेल पूरी नही मिलने के कारण जो भविष्य वाणी करने में शरू में जो पेरेशानी हुई हें । बेहत ही चिंतनीय रही हें।
ReplyDeleteVery correct...
ReplyDeleteChahey jo bhi ho janab humein modi sath apni maa bharti ko vishab ki un unchaiyon tak leke jana hai jahan se hamara bharat aur modi ji ek aamit misal baneinnnn....
ReplyDeleteJai hind Jai bharat....
Namo Namo
Pandit ji pranam. You are absolutely correct lekin mera prashna ye hai ki jab vo Gujarat ke CM bane tab bhi kisi bhi jyotishi ne unki correct kundly nahi banai. Kyon...
ReplyDeleteBahut hi sunder visleshan
ReplyDeleteMazaa aa gaya
Pandit jee aapke gyan ko pranam
पंडित जी प्रणाम
ReplyDeleteमेरी जन्मतिथि 5/11/1980
समय 9:30 am
स्थान जालौन
कृपया यह समय कैसा चल रहा है बताने का कष्ट करें
धन्यवाद्
अपने लेख में बीकानेर के जिज्ञासु ज्योतिषी श्री जोशी जी काफी पहले मोदी जी को तुला लग्न में संभावित मान चुके थे.अतः जो डाटा ज्योतिषियों को उपलब्ध था वो गलत था ,किन्तु उस हिसाब से भविष्यवाणी सही थी.वृश्चिक लग्न में चन्द्र में राहु ऐसे परिणाम प्रस्तुत नहीं कर सकता.ये मालव्य योग व उच्च के शनि का ही प्रताप है.क्योंकि राहुल गांधी का डाटा सही था तो हममे से अधिकांश ज्योतिषियों ने राहुल गाँधी को ख़ारिज किया ही था.शेष आपका निर्णय भी मान्य है
ReplyDeletePundit Ji apne bahut much bataya par saptam bhav aur saptmesh ka jikr nahi kiya jabki sukr lagnesh hokar mul trikon me baitha hai phir kyon unhe vabhaik Sukh nahi mila
ReplyDeleteमोदी के कुंडली नुसार तो मंगल नीच्च का है?
ReplyDeleteऔर हस्तरेका अंनुसार मंगल की स्थीती मजबुत है. मोदी के हाव भाव से भी मंगल मजबुत है. पर कर्म स्थान का मंगल उच्च प्रथीभा दीखा ती है., परतु कुंडली सही है तो मोदी को हवाई और जल प्रवास से धोका बना रह सकता है. आने वाले दीनो मै.
Shriman agar aap ki khoji kundali sahi maan li jaye to modi ji ko bhog priya hona chaihey kyon ki lagan mein shukr aur is parmagal ki dristi, but the man is a yogi. thus reality does not concide with the fact. more over energy he posses for his work and the precise timing to hit his opponents can be given by mars in the lagana.Acording to parasri an planet sitting in trikona and aspected by dasmesh also confers raj yoga . PT RAVI JAITLEY
ReplyDeleteतुला लग्न पर मंगल दृष्टि तो ठीक है परंतु शनि को जो दृष्टि पड़ रही है, उसका क्या?
DeleteI think you will get the answer 😊
Kanya lagan ho sakta hai. Budh aur guru bhadra aur hans yoga banata hai. Sath mai surkra 2 house mai bhasan ki sakti detai hai. Sun aur rahu vivahik jevan mai problem. 4 mai guru Acha ghar, 10 sai 10th ,7th rahu rajnitikarak, kindly confirm
ReplyDeletePandit ji mera janam 25/08/1979 ko puthankot punjab main huaa time 6-5 baje kai bhich kaa hai main kayi salo sai setal nahin ho paya hun kya hoga kuch gyaan hain aapko to batao ji main manta hun ki maine bahut mehnat ki hai Modi ji ko Pm banane main karib2 4 saal mera no hai 09815763782
ReplyDeletePundit ji mera janam 10-10-1991 ko 2:30pm par huwa h Karpya muje bataye ki Got. Job mile GI kiy no.09992788750
ReplyDeleteआप सभी का विचार एवं प्रश्न पाकर प्रसन्नता हुई , अधिकतर लोगो ने सराहना की है जिसके लिए आभार , परन्तु एक - दो प्रश्न भी पूछे गए हैं जिनका उत्तर देना चाहता हूँ -
ReplyDelete१. केतु में मुख्यमंत्री इसलिए बने क्योंकि तुला लग्न में राहु और केतु दोनों ही योगकारक हैं , साथ ही अक्टूबर २००१ में केतु अपनी धनु राशि जो उसकी उच्च राशि कही जाती है में मंगल के साथ विराजमान था और राहु अपनी उच्च राशि मिथुन। साथ ही केतु ध्वजा कारक है यह बात सर्व विदित है।
२. वैवाहिक जीवन में सुख की कमी सप्तमेश मंगल का नीच गत होना और गुरु की वक्र दृष्टि का होना है , मई अपने कई लेख और टीवी के कर्करामो में यह बात बता चूका हूँ कि यदि सप्तमेश नीच गत हो या वक्री हो तो वैवाहिक सुख में कमी आती है
३. किसी पाठक ने तुला के शुक्र को लग्न में होने कारण भोगी स्वभाव (स्त्रियों से सम्बंधित )होना बताया है , मै इस बात पर कोई टिप्पड़ी इसलिए करना पसंद नहीं करुगा क्योंकि यह बहुत ही निजी बातें होती हैं अतः इसपर कोई टिप्पड़ी करना मई उचित नहीं समझता।
३. तुला लग्न पर शनि की दृष्टि , भोगी स्वभाव से दूर रखती है और अगर शुक्र पर मंगल की दृष्टि ८वें और १२वें ७वें ६वे घर पर होती तो माँ सकते थे.
Deleteइसलिए आपका मूल्याँकन सही प्रतीत होता है
TC Ravi, Mumbai
पराक्रम सामान्यतया तीसरे और लग्न से देखा जाता है , मोदी में पराक्रम भाव में गुरु है चण्द्रमा से दृष्टि योग कर रहा है , व्यक्ति कितना पराक्रमी होगा बताने की आवश्यकता नहीं , साथ ही मोदी के लग्न में स्वराशि में बैठा शुक्र , शनि की उच्च दृष्टि , और मंगल की भी चतुर्थ दृष्टि ये सभी ज्ञान , पराक्रम और अध्यात्म तीनो को ही दर्शाता है
ReplyDeleteCheck karein aap ki ye kundli galat hai
DeleteGuruji astro sage par janam vivran dalne par kuch aur kundli please check karein aapke di hui kundli kahi galat to nahi please check karein
ReplyDeleteYe kundli galat hai 17sep1949 time10.50am se kuch aur kundli banti hai
ReplyDeleteKundli ka anylysis dekhkar accha laga me b modiji ki kundli ke anusar sanchay me tha
ReplyDelete8.30 am, 17-09-1949 , kanya lagan per aapka kya analysis hai, I think modiji ki kundli kanya lagan ki hai
ReplyDeleteमैै सहमत नही कयकि वृसचिक मै ही तीनो कैंनदर व दौनौ कौण का पृबल समबनघ ब नता है वमगल कै लगन हौनै सै कमठ वयकति
ReplyDeleteलग्नेश नवमेश : पंचमेश चतुथेृश : पंचमेश सप्तमेश का सम्बन्ध होना| लग्नेश पंचमेश का व चतुथेश नवमेश वसप्तमेश नवमेश का परस्पर केंन्दिय सम्बन्ध केन्द़ मे ही होना | रही बात चन्द़ में राहु की तो राहु पंचम ळिकोण में केंन्द़ेश सुयृ से सम्बन्ध बनाकर राजयोगकारक हो जाता है | एक और पृश्न शुक़ मे शनि में cm बनने का तो उत्तरकालामृत के अनुसार शुक़ और शनि अगर ३/६/८/१२ के स्वामि हौकर शळु राशि में हो तो परस्पर दशान्तदशा में योगफल देते है|
ReplyDeletePandit ji mera DOB 20/11/79 hai. Time 5:15, place panipat. Sir tell me about my job... My no. is 8989092997.
ReplyDeletePandit ji pranam !! Mera nam mrityunjay kumar dubey hai ! Mai aap ke kai sare sujhao se bahut khush hu !!! Pr guru ji mai aap se apne bare me janna chahta hun !! Plese btadiji !!
ReplyDeleteNAME-MRITYUNJAY KUMAR DUBEY
DATE- 15-8-1988 RAT KE 12:20 am
PLACE - DEORIA U.P
Problem - mai actor bnna chahta hun magar koi shi rasta nhi mil pa rha hai ese lekar mai bahut peresan hun ! Maine kai sare astrologers se pucha magar wo shi nhi btate !! guru ji aap upay aur shi marg darshan diji .! Aap se meri bahut hi aasha hai !!! Dhanywad guru ji -8882626340
पंडित जी चरणस्पर्श
ReplyDeleteमेरा जन्म 11 09 1974 को 5:30 आमला म प्र में हुआ
कृपया कुछ मुख्य बिंदु स्पस्ट करे
मुझे किस देव की पुजा करनी चाहिए
और अपने आप को कैसे रखु
कृपया बताने का कष्ट करें
आभार
नाम अनिल कुमार झरबड़े
ReplyDeleteनाम अनिल कुमार झरबड़े
ReplyDeleteपंडित जी चरणस्पर्श
ReplyDeleteमेरा जन्म 11 09 1974 को 5:30 आमला म प्र में हुआ
कृपया कुछ मुख्य बिंदु स्पस्ट करे
मुझे किस देव की पुजा करनी चाहिए
और अपने आप को कैसे रखु
कृपया बताने का कष्ट करें
आभार
https://www.facebook.com/AstroShivam2/
ReplyDeleteMost of the time astrologers derive their prediction on celebrities after they have achieved new heights and they give reasons that this happened due the planetary conjunction or aspects or being malefic or benific but the least are able to predict the future happenings.
ReplyDeleteMost of the time astrologers derive their prediction on celebrities after they have achieved new heights and they give reasons that this happened due the planetary conjunction or aspects or being malefic or benific but the least are able to predict the future happenings.
ReplyDeleteसर अब आगे क्या होगा ये बताइये। अभी विरोधी भारी पड़ रहे हे ऐसा लग रहा हे।
ReplyDeleteDekho sir baat esi hai ki modi ji ne kisi ko bhi Apna place time ni btya hai
ReplyDeleteArticle is good. But is it true that, Jupiter Mahadasha gives all around sucess in life beacuse this planets not givesstrong results only even it balance your chart as well.
ReplyDeletesee more - https://bit.ly/2HwafL1
बहुत ही सुंदर एवं उत्तम संयोग से आपने यह समझाया है। बहुत ही उत्तम मान्यवर आपसे यह पूछना चाहता हूं की क्या आप मेरे बारे मैं कुछ बता सकते है। 13.2.1985 समय का मेरे को अनुमान नहीं है डेट निश्चित है। यह में आपको निश्चित कह सकता हूं। 9718838094
ReplyDeleteGuru ji pranaam.. Aapka analysis bilkul sahi laga.. Chuki is संदर्भ में बहूत confusion था..
ReplyDeleteMain apni कुण्डली के baare mein jaanana चाहता हूं.. मेरा dob 02.02.1975 time 23.50 place of birth bhagalpur bihar है.. कृपया मेरी कुण्डली के baare में बताए.. मेरा मोबाइल no. 8877887783 है..
Guru ji pranaam.. Aapka analysis bilkul sahi laga.. Chuki is संदर्भ में बहूत confusion था..
ReplyDeleteMain apni कुण्डली के baare mein jaanana चाहता हूं.. मेरा dob 02.02.1975 time 23.50 place of birth bhagalpur bihar है.. कृपया मेरी कुण्डली के baare में बताए.. मेरा मोबाइल no. 8877887783 है..
मेरी जानकारी में लग्न का स्वामी लग्न में होने पर वो अत्यन्त प्रबल शक्ति प्रदान करता है। और बहुत सारे दोषों को दूर कर देता है।
ReplyDeleteAsk our astrologer and get solutions for all your problems!
ReplyDeleteAstrologer