साप्ताहिक राशिफल (03 फरवरी से 09 फरवरी 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh, Saptahik Rashifal of Vrishabha;
मेष:सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा आपके बारहवें भाव में है, अत: सप्ताह के शुरुआती दिनों में आप अपने-आपको शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस कर सकते हैं या फिर आपको भाग-दौड़ अधिक करनी पड़ सकती है। लेकिन जल्द ही आप इन सब पर अंकुश लगाने में समर्थ हो जाएंगे । सुख-सुविधाओं का लाभ मिलेगा। हालाँकि क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा, फिर भी लगभग अधिकांश सप्ताह अनुकूलता लिए हुए है। मित्रों और स्वजनों का सहयोग मिलेगा लेकिन कुछ ख़र्चे बेवजह हो सकते हैं, अत: उनपर नियंत्रण पाएँ।

वृषभ:सप्ताह की शुरुआत चन्द्रमा के लाभ भाव में स्थिति होने से हो रही है अत: आवश्यकताओं की आपूर्ति के योग मज़बूत हो रहे हैं लेकिन इस आमदनी का सदुपयोग बहुत ज़रूरी होगा। क्योंकि आगे आने वाले दिन कुछ बेवजह ख़र्चे लिए हुए रह सकते हैं। सप्ताह के मध्य में कुछ चिंताएँ भी रह सकती है लेकिन जल्द ही आप इनसे उबर जाएंगे। कुछ शुभ समाचार भी सुनने को मिलेंगे। सप्ताहांत में धन की स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर होगी। हालांकि शुक्र के अष्टम भाव में होने के कारण संयमित दिनचर्या बहुत ज़रूरी होगी।

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मिथुन: सप्ताह के शुरुआत में आपकी मेहनत का फल मिलने वाला है। अधूरे पड़े काम पूरे हो सकते हैं। वरिष्ठ व्यक्तियों का सहयोग व आशीर्वाद मिलने के योग हैं। मान-सम्मान में इज़ाफ़ा होगा लेकिन किसी भी लालच में न आयें अन्यथा आपकी योग्यताओं का दुरुपयोग हो सकता है। कार्य योजनाओं पर शीघ्र निर्णय लेना भी उचित नहीं होगा। सप्ताह मध्य में लाभ की स्थितियाँ मज़बूत होंगी। फिर भी किसी भी यात्रा को करने से पहले उससे होने वाले फ़ायदे और नुकसान के बारे में जाँच ज़रूर कर लें। सप्ताहांत में धैर्य व सावधानी की आवश्यकता रहेगी।

कर्क
:सप्ताह की शुरूआत में चंद्रमा भाग्य स्थान पर है और भाग्येश गुरु व्यय भाव में है, अत:मिले-जुले फल मिलने की उम्मीद अधिक है। हालांकि भाग्येश गुरु सूर्य के उपनक्षत्र में है, अत: आर्थिक मामलों के लिए समय अनुकूल है। बहुत संभव है कि आप धर्म या समाज से जुड़ा कोई कार्य कर सकते हैं अथवा उसमें दान दे सकते हैं। सप्ताह के मध्य भाग में आपके किए कार्य फल देने का संकेत कर रहे हैं। लाभ की प्रबल संभावनाएं हैं। यह सप्ताह प्रेम-प्रसंग और निजी जीवन के लिए भी अनुकूल है। लेकिन लापरवाही या अहंकार से बचना होगा।

सिंह:सप्ताह की शुरुआत में चन्द्रमा अष्टम भाव में है अत: शुरूआती दिन कुछ कम ठीक रह सकते हैं। हालांकि लग्नेश की बेहतर गोचरीय स्थिति आप में बेहतर ऊर्जा दे रही है; अत: आप चीज़ों को बिगड़ने से बचा ले जाएंगे। फिर भी खान-पान पर संयम रखते हुए स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। सप्ताह के मध्य भाग में अनुकूलता का आगमन होना शुरु हो जाएगा। इस समय आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। संतान या प्रेम संबंधों को लेकर सुखद समाचार मिल सकते हैं। वहीं सप्ताहांत आपके कामों को सफलता देने वाला रहेगा।

कन्या: यह सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। किसी पुरानी बात को लेकर सहयोगियों से बहस हो सकती है । बेहतर यही रहेगा कि अपनी भाषा-शैली को अधिक से अधिक मधुर बनाने की कोशिश करते रहें। यदि आप ऐसा करने में क़ामयाब रहते हैं, तो न केवल आपके सहकर्मी बल्कि मित्र और जीवनसाथी से भी आपको ढेर सारा प्यार और सहयोग मिलेगा। जहाँ तक हो सके अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। वाहन की गति पर नियंत्रण बनाये रखें। सप्ताहांत बेहतर परिणाम देने वाला रहेगा। काम बनेंगे और लाभ के अवसर मज़बूत होंगे।

तुला
: सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। यदि पिछले दिनों से किसी परेशानी से घिरे हुए थे तो कुछ सहूलिअत मिलने की उम्मीद है। आपके द्वारा कुछ ऐसे कार्य होंगे जिसकी वजह से लोग आपकी प्रशंसा करेंगे। सप्ताह के मध्य में साझेदारी या महिलाओं को लेकर थोड़ी-सी सावधानी ज़रूरी होगी। जीवन-साथी के स्वभाव में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। विरोधी अहित करने का प्रयास कर सकते हैं, फिर भी चीज़ें नियंत्रण में ही रहेंगी। लेकिन स्वास्थ्य का ख़याल रखना होगा। जहां तक संभव हो, स्वभाव में मृदुता का भाव लाएँ।

वृश्चिक:इस सप्ताह की शुरुआत में आपकी योजनाएँ सफल होंगी। मंगल के बारहवें भाव में जाने से प्रेम प्रसंग में चल रहा मनमुटाव दूर होगा या संतान से संबंधी परेशानी से छुटकारा मिलेगा लेकिन स्वास्थ्य नरम गरम हो सकता है। बदलते मौसम का प्रभाव भी इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकता है। हालांकि प्रतीक्षारत कार्यो में प्रगति होगी । आपकी सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी। घरेलू जीवन भी सुखी रहेगा। लेकिन निजी जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। अनजाने लोगों पर अधिक विश्वास करना हितकर नहीं होगा।

धनु: सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में घरेलू जीवन को लेकर कुछ चिंताएँ सम्भव हैं। लेकिन यदि इस समय आपने घरेलू समस्याओं को निपटाने का सार्थक प्रयास किया तो इस मामले में आपको बेहतर सफलता मिल सकती है। वैसे तो प्रेम-प्रसंग के लिए समय अनुकूल रहेगा। लेकिन पंचम भाव में शनि, मंगल और राहु का प्रभाव इशारा कर रहा है कि प्रेम-प्रसंग में संयम और साफ़गोई की ज़रुरत रहेगी। आपकी मेहनत रंग लाएगी। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय ठीक रहेगा।

मकर:सप्ताह के शुरुआती दिन आपके लिए स्फूर्ति भरे रहेंगे। आपका उत्साह और आत्मविश्वास बहुत बेहतर रहेगा। फलस्वरूप आप काम में औरों से आगे निकलते नज़र आएँगे। लेकिन सप्ताह के मध्य भाग में आप कुछ मामलों को लेकर चिंतित रह सकते हैं। बेहतर होगा इस समय घरेलू मामलों को लेकर क्रोधित न हों बल्कि संयम से काम लें। ऐसा कोई काम न करें जिससे आपकी प्रतिष्ठा पर आँच आए। सप्ताह का अंतिम भाग आपके लिए बेहतर रहेगा। कामों में सफलता मिलेगी। कठिनाइयों पर आप आसानी से विजय प्राप्त कर पाएंगे।

कुम्भ: इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं, लेकिन किसी महत्वपूर्ण योजना पर धन का व्यय हो सकता है। मंगल के अष्टम भाव से नवम भाव में प्रस्थान कर जाने से आपकी भाषा-शैली बेहतर होने वाली है। लेकिन पिता या शिक्षक के साथ मतभेद पनपने के भी योग हैं। बेहतर होगा शालीनता से काम लेकर मुद्दों को सुलझाएँ। सप्ताह के मध्य में छोटी दूरी की यात्राएँ सम्भव हैं, लेकिन अधीनस्थ लोगों या छोटे भाई-बहनों से विवाद करने से बचना होगा। सप्ताहांत में कुछ घरेलू चिंताएँ रह सकती हैं अथवा आप माता-पिता को लेकर कुछ चिंतन कर सकते हैं।

मीन:यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। शुरुआती दिन प्रसन्नता भरे रहेंगे। आप मनोरंजन को वरीयता देना चाहेंगे। लेकिन मंगल के अष्टम भाव में चले जाने से कोई विवाद उपजने की भी सम्भावना है। सप्ताह के मध्य में आप किसी मित्र की आर्थिक मदद कर सकते हैं। ख़रीददारी के लिए समय शुभ है। वाणी पर संयम रखना भी बहुत ज़रूरी है। सप्ताह का अंतिम भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा, किसी के प्रति वफ़ादारी करने से मानसिक ऊर्जा में वृद्धि सम्भव है। पूरे सप्ताह वाहन चालन में सावधानी ज़रूरी होगी।

पं. हनुमान मिश्रा
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फ़रवरी 2014 राशिफल

हम हाज़िर हैं आपके फ़रवरी 2014 के मासिक राशिफल के साथ। जिसके माध्यम से आप जान पाएंगे कि फ़रवरी का महीना आपके लिए कैसा रहेगा। इसे जानकर आप अनुकूल समय का लाभ उठा पाएंगे और जो समय आपके लिए प्रतिकूल है उस समय सावधानी से काम लेकर परेशानियों से बच पाएंगे। तो आइए बात करते हैं इस माह के राशिफल की...

फ़रवरी 2014 का मासिक राशिफल


मेष:ये पूरा महीना ही आपके लिए अनुकूल रहेगा। आप अपने कार्य व्यापार में बहुत अच्छा करेंगे। आपको वरिष्ठ जनों का सहयोग मिलेगा। लेकिन शनि मंगल और राहु की सप्तम भाव में उपस्थिति को देखते हुए हर काम में सावधानी बरतने की सलाह मैं आपको देना चाहूंगा। निजी जीवन और साझेदारी के कामों में विशेष सावधानी से काम लेना होगा। हालाँकि आर्थिक मामलों में सुधार और कुछ व्यापारिक यात्राओं के योग बन रहे हैं। वहीं महीने के दूसरे भाग में लाभ की स्थितियाँ सुदृढ़ बनी रहेंगी। जीवन साथी या प्रेम पात्र के साथ आनंददायी समय बीतेगा। उपाय के रूप में किसी ग़रीब को काले उड़द की दाल का दान करें।

वृषभ:इस महीने की शुरुआत आपके लिए मिली जुली रहेगी। कुछ दूर की यात्राएँ हो सकती हैं। छठे भाव में तीन-तीन पाप ग्रहों की उपस्थिति यह दर्शा रही है कि आप कड़ी मेहनत से घबराएंगे नहीं। लिहाज़ा आपके काम बनेंगे। लग्नेश की आठवें भाव में स्थिति इस बात का संकेत कर रही हैं कि स्वास्थ्य का ख़याल रखना बहुत ज़रूरी होगा। महीने का दूसरा भाग कार्य व्यापार के लिए बहुत अच्छा रहेगा। आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा। हालाँकि धन स्थान के स्वामी बुध की कर्म भाव में उपस्थिति के कारण आप काम धंधे में कोई निवेश करने की सोच सकते हैं। उपाय के रूप में पिता या पिता तुल्य व्यक्ति की सेवा करें।

मिथुन:महीने के प्रथम पक्ष वाले दिन आपके लिए ज्यादा अनुकूलता लिए हुए नहीं हैं। इस समय बहुत सारी मेहनत बेकार जा सकती है। कम्प्यूटर सिस्टम या वाहन में भी कुछ ख़राबी आ सकती है। यदि कुछ नया करने जा रहे हैं तो बहुत विचार-विमर्श करके ही कोई निर्णय लें। संतान या शिक्षा को लेकर किसी भी तरह का रिस्क ठीक नहीं होगा। प्रेम प्रसंगों के लिर भी समय अधिक अनुकूल नहीं है। लेकिन महीने के दूसरे पक्ष में आपकी समस्याएं काफ़ी कम होंगी। कामों में सफ़लताएँ मिलेंगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। किसी अच्छी पुस्तक को पढ़ने का मौका मिलेगा। उपाय के रूप में सूर्य भगवान को जल देना शुभ रहेगा।

कर्क:इस पूरे महीने आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बहुत सूझ बूझ के साथ ही कोई व्यापारिक निर्णय लें। जीवन साथी या साझेदार को लेकर कुछ परेशानी रह सकती है। चतुर्थ भाव में शनि, मंगल और राहु की युति कुछ घरेलू परेशानियाँ दे सकती है जिससे आप कुछ हद तक व्यथित रह सकते हैं। यानी कि यह समय बहुत अनुकूल नहीं है, अत: उचित आचरण करते हुए अपना ख़याल रखें। इस समय कोल्ड्रिंक या जंक फ़ूड का सेवन करने से बचें। महीने का दूसरा भाग भी अनुकूल नहीं है। अत: इस समय भी संयम से काम लेने की आवश्यकता है। परेशानी की स्थिति में सिंदूर मिले जल से सूर्य को अर्घ दें।

सिंह
:महीने की शुरुआत आपके लिए बहुत अनुकूलता लिए हुए है। पुरानी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। आपका आत्मविश्वास देखने लायक रहेगा। विरोधियों को परास्त करने में आप सफ़ल रहेंगे। कामों में सफलता मिलेगी। नौकरी करने के हालातों में सुधार भी होगा। मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। लेकिन भाई बन्धुओं से या मित्रों से मनमुटाव या विवाद करने से आपको बचना होगा। महीने के दूसरे भाग में आपको कुछ सावधानी से काम लेने की ज़रूरत रहेगी। इतनी ख़रीददारी न कर डालें कि बैंक बैलेंस बिगड़ जाय। साथ ही कार्य-व्यापार के साथ-साथ अपने घर पारिवार और स्वास्थ्य का ख़याल भी रखना होगा। उपाय के रूप में बजरंग बाण का पाठ करना शुभ रहेगा।

कन्या:वैसे तो आपके लिए लगभग यह पूरा महीना ही शुभकर रहेगा। लेकिन वाणी तथा धन स्थान पर तीन-तीन पाप ग्रहों की उपस्थिति के कारण आपको अप्रिय सम्भाषण से बचना होगा साथ ही धन को फ़िजूल में ख़र्च करने से भी बचना होगा। हालाँकि अन्य ग्रहों की अनुकूलता के कारण आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत करेंगे। आप अचानक किसी यात्रा पर भी जा सकते हैं। संतान या प्रेम संबंध को लेकर चली आ रही समस्या दूर हो सकती हैं। महीने का दूसरा भाग आपकी सारी समस्याओं का समाधान करने वाला रहेगा। काम धंधे या नौकरी में सुधार होगा। उपाय के रूप में विष्णु भगवाने के मंदिर में संतरे दान करना शुभ रहेगा।

तुला
:इस महीने आपको अधिक अनुकूल परिणाम पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। साथ ही अपने आपको कन्ट्रोल में रखना पड़ेगा। शनि, मंगल और राहु की युति न केवल आपको गुस्सैल बना सकती है बल्कि आपके भीतर धैर्य की कमी भी दे सकती है। इस समय अपने स्वास्थ्य का ख़याल भी रखना ज़रूरी होगा। इस समय आप अपनी पुरानी गाड़ी बेचने के बारे में भी सोच सकते हैं। हालाँकि महीने के दूसरे भाग में स्थितियाँ कुछ बेहतर होंगी फ़िर भी सावधानी की आवश्यकता बनी रहेगी। संतान या प्रिय जन को लेकर चिंता रह सकती है। इस समय जल्दबाज़ी में निर्णय न लें और वाहन सावधानी से चलाएं। परेशानी होने की स्थिति में हनुमान जी को चोला चढ़ाएँ।

वृश्चिक:महीने के पहले भाग में आपको कई अनुकूल परिणाम मिलेंगे। लेकिन ख़र्चों पर इस समय अंकुश लगाने का पूरा प्रयास करना होगा। बिजली से चलने वाले उपकरण या मोबाइल आदि में ख़राबी आ सकती है। इस समय वाहन चलाने में सावधानी रखनी होगी। विशेषकर अपने पैरों का खास ख़याल रखना होगा। चोट लगने का भय रहेगा। कोई ऐसा काम न करें जिससे नींद में व्यवधान आए। इस समय कोई यात्रा भी सम्भव है। महीने का दूसरा भाग आपसे अधिक मेहनत करवा सकता है। इस समय आपकी एनर्जी कम होती नज़र आएगी। इस समय हर मसले में सही गलत का फ़ैसला बहुत सोच समझ कर करें। कष्ट या परेशानी होने की स्थिति में कन्याओं को भोजन करवाएं।

धनु:हालाँकि इस समय आप हर काम को बहुत ही सावधानी से निबटाने का प्रयास करेंगे फिर भी महीने की शुरुआत अपेक्षाकृत कम अनुकूल रहेगी। इस समय आपकी वाणी में कुछ कठोरता का भाव जाग सकता है। बेहतर होगा संयमित भाषा का सहारा लें। यद्यपि इस समय आमदनी बढ़ने की अच्छी उम्मीदें हैं लेकिन ख़र्चों पर नियंत्रण भी ज़रूरी होगा। कुछ पारिवारिक परेशानियां भी रह सकती हैं। लेकिन महीने का दूसरा पक्ष आपकी समस्याओं को दूर करने वाला रहेगा। किसी यात्रा के माध्यम से आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक मामलों में भी अनुकूलता आएगी। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा। परेशानी की स्थिति में हनुमान जी के मंदिर लाल रंग का फ़ल या सब्जी दान करें।

मकर:काम धंधे के लिए यह महीना काफ़ी अनुकूल लग रहा है। कर्म स्थान पर बैठे तीन-तीन ग्रह आपकी पहुंच को बड़ा बना सकते हैं। बड़े लोगों से संबंध बेहतर होने के कारण आप कुछ बड़ा करने की योजना बना सकते हैं। हालाँकि सूर्य के गोचर की वजह से कुछ कामों में कुछ बाधाएँ रह सकती हैं फ़िर भी इस समय आप आत्मविश्वास से ओत प्रोत रहेंगे। आपको सरकार या किसी संगठन के द्वारा सम्मानित किया जा सकता है। महीने के दूसरे भाग में भी घरेलू और आर्थिक मामलों के सावधानी से काम करने की जरूरत रहेगी। स्वास्थ्य संबंधित कुछ समस्याएं इस स्माय भी रह सकती हैं। उपाय के रूप में शिवलिंग पर शहद चढ़ाना शुभ रहेगा।

कुम्भ:महीने की शुरुआत में लगभग सभी कामों में सावधानी बरतने की सलाह मैं आप को देना चाहूंगा। इस समय कोई भी काम उन्मादी होकर न करें। यथा संभव यात्राओं और ट्रैफ़िक से बचें। किसी धर्म स्थान या धार्मिक व्यक्ति से उलझना ठीक नहीं रहेगा। बेवजह की यात्राओं से भी बचना होगा। कार्य व्यापार में संयमित व्यवहार करें। व्यर्थ के खर्चों से बचें। वहीं महीने के दूसरे भाग में आपकी समस्याएं काफ़ी हद तक कम होंगी। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। किसी लाभदायक यात्रा पर जाना हो सकता है। लेकिन इस समय भी अपना तथा घर परिवार के स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। उपाय के रूप में नित्य 11 बार गायत्री मंत्र का जप करें।

मीन:यद्यपि अष्टम भाव में तीन-तीन पाप ग्रहों की उपस्थिति आपके लिए कठिनाइयों का कारण हो सकती है फ़िर भी महीने का पहला भाग आपके लिए काफ़ी अनुकूलता लिए हुए है। लाभ भाव में स्थिति सूर्य के कारण इस समय आप कुछ ऐसे अनुबंध कर सकते हैं जो आपके लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित होंगे। प्रेम प्रसंगों के लिए भी समय बेहतर रहेगा। लेकिन किसी भी तरह का बखेड़ा या विवाद करना उचित नहीं रहेगा। यात्राओं के माध्यम से भी लाभ होगा। लेकिन महीने का दूसरा भाग ख़र्चों से भरा रह सकता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का भी ख़याल रखना ज़रूरी होगा। वाणी पर संयम रखना बहुत जरूरी होगा। उपाय के रूप में गाय को हरा चारा खिलाएं।
आशा है, इस राशिफल के माध्यम से आप अपने अच्छे और बुरे समय को जानकर उस समय उचित व्यवहार कर अपने फ़रवरी माह को शुभ बनाएंगें। नमस्कार!

पं. हनुमान मिश्रा
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मंगल का तुला राशि में प्रवेश और आप (फ़रवरी 4, 2014)

4 फ़रवरी 2014 को मंगल तुला राशि में जा रहा है। इसके पहले मंगल कन्या राशि में गया था और अब ये तुला राशि में प्रवेश कर रहा है। हमारी राशियों पर बुध के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं। 

मंगल का तुला राशि में प्रवेश

भचक्र का तीसरा ग्रह मंगल, 4 फ़रवरी 2014 की शाम 14:25 पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करने जा रहा है। यहाँ पर मंगल की युति राहु और शनि से होने जा रही है। 25 मार्च तक मंगल की यही स्थिति रहने वाली है तत्पश्चात यह वक्री होकर पुन: कन्या राशि में चला जाएगा। तब तक देश दुनिया का क्या हाल रहेगा, आइए जानते हैं।

कई मामलों के लिए यह समय बहुत ही विध्वंसक रह सकता है। देश में कोई दंगा फ़साद फिर से सिर उठा सकता है। विशेषकर दक्षिण या पश्चिमी राज्य इससे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। यही हाल दक्षिण या पश्चिमी देशों का भी रह सकता है। स्त्रियों पर होने वाले अत्याचार की ख़बरें फिर से ज़ोर पकड़ सकती हैं। खाद्यानों में तेज़ी भी देखने को मिल सकती है। ज़बरदस्त राजनीतिक उठा पटक देखने को मिलने वाली है। राजनेता न केवल मौखिक आग उगलने वाले हैं बल्कि कई जगह कार्यकर्ताओं या नेताओं के मारपीट की भी ख़बरें आने वाली हैं। कई नेताओं को दल बदलते हुए भी देखा या सुना जाएगा, जिनमें कई बड़े चेहरे भी होंगे। कुछ अपराधी किस्म के नेताओं का भी राजनीति में पदार्पण हो सकता है। वहीं कई गठबंधनों में भी फ़ेरबदल देखने को मिल सकता है। यह समय किसी वरिष्ठ राजनेता के स्वास्थ्य को बिगाड़ने वाला भी साबित हो सकता है, लेकिन मंगल के इस परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर होगा, आइए जानते हैं।


मेष:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में सातवें भाव में रहेगा। अत: यात्राओं के लिए समय अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य के कारण आप चिन्तित रह सकते हैं। सहयोगियों तथा भागीदारों से विवाद होने की संभावना है। लेकिन न्यायालय से संबंधित समस्याओं को निराकरण होने के योग हैं। किसी निवेश से लाभ हो सकता है और रुका हुआ धन मिल सकता है।

वृषभ:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में छठवें भाव में रहेगा। शत्रु स्वयमेव परेशान रहेंगे। इस अवधि में आप काफ़ी सुखी रहेंगे। प्रचुर लाभ होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण भी सुखद रहेगा। नौकरी के हालात सुधरेंगे। अड़चनें और बाधाएँ दूर होंगी। लेकिन वाद-विवाद न करें। अदालती मामलों में फँसने से बचें साथ ही निवेश के मामले में विशेष सावधानी रखें।

मिथुन:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में पाँचवे भाव में रहेगा। अत: मंगल के कारण आर्थिक परेशानियों का निपटारा होने की संभावनाएं हैं। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। यह समय आपकी उलझनों को सुलझाने के लिए श्रेष्ठ है। लेकिन स्वास्थ्य एवम् पारिवारिक सदस्यों के कारण परेशानी पैदा हो सकती है। प्रेम प्रसंगों में किसी भी प्रकार की ज़िद ठीक नहीं रहेगी।

कर्क:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में चौथे भाव में रहेगा। अत: घर-परिवार तथा मित्रों का सहयोग तो मिलेगा लेकिन इन्हीं मामलों को लेकर चिंताएँ भी रहेंगी। इन मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। एहसान करने पर आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। ख़र्चे भी अधिक रह सकते हैं। फिर भी किसी बड़े कार्य को करने में आप सफ़ल हो सकते हैं।

सिंह:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में तीसरे भाव में रहेगा। अत: यात्राएँ सफ़लतादायक रहेंगी। संचार माध्यमों के शुभ समाचार प्राप्त होंगे। नया कारोबार मिलने की संभावनाएं हैं। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलेगी। नई योजनाएँ प्राप्त होने की संभावनाएं हैं। विरोधी आपका सामना भी नहीं कर पायेंगे। प्रयत्नों में सफ़लता सुनिश्चित रहेगी। आपका जोश व आत्मविश्वास बेहतर रहेगा।

कन्या:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दूसरे भाव में रहेगा। अत: आर्थिक लाभ के लिये यह समय अच्छा नहीं है। परिवार के सदस्यों के कारण तनाव पैदा हो सकते हैं। कोई बड़ा बदलाव होने की संभावनाएं काफ़ी कम हैं। छोटी-छोटी बातों से बड़े विवाद हो सकते हैं अत: वाणी पर नियंत्रण रखें। शांति और धैर्य के साथ कार्य करते रहें। अष्टम में मंगल के प्रभाव के कारण वाहन आदि सावधानी से चलाना होगा।

तुला:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में प्रथम भाव में रहेगा। अत: यह समय आपके लिए सावधान रहने का है। कुछ उलझनें सामने आ सकती हैं। स्वास्थ्य भी कमज़ोर रह सकता है। चोट लगने का भय रहेगा। जोखिम उठाने या सट्टेबाज़ी के लिये यह समय ठीक नहीं है। दूसरों के कार्यों में दख़ल देने से भी बचना ज़रूरी होगा। किसी नए काम से जुड़ने या कार्य विस्तार के लिए यह बहुत उचित समय नहीं है।

वृश्चिक:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में बारहवें भाव में रहेगा। अत: इस अवधि में हमेशा सावधान रहना ज़रूरी होगा। दूर की यात्राओं से बचें। विवादों और मुक़दमेबाज़ी से भी बचना होगा। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। इस समय बेकार के ख़र्चे आपको परेशान कर सकते हैं। आमदनी के स्रोत कमज़ोर रह सकते हैं। संतान की ओर से कुछ समस्या भी हो सकती है।

धनु:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में ग्यारहवें भाव में रहेगा। अत: मित्रों और सहयोगियों से आपको लाभ मिलेगा। रुके काम बनेंगे और स्थाई संपत्ति की प्राप्ति होगी। बहु प्रतीक्षित इच्छाओं और आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और लम्बी यात्राएं सफ़लतादायक रहेंगी। नए वाहनों की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। लेकिन वाणी पर संयम रखते हुए प्रियजनों से विवाद से बचना होगा।

मकर:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दसवें भाव में रहेगा। अत: आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। ज़मीन एवं कोर्ट संबंधी मामलों में सफ़लता मिलेगी। व्यापार का विस्तार होगा। नवीन व्यापार प्रारंभ होने के योग बन रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों को कुशलता से झेलने के लिये आपमें प्रचुर आत्मविश्वास रहेगा। लेकिन क्रोध व वरिष्ठों से बेवजह उलझने से स्वयं को बचाना होगा।

कुम्भ:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में नौवें भाव में रहेगा। अत: आमदनी बढ़ेगी और आय के नये स्रोत प्राप्त होंगे। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएँ सफ़लतादायक सिद्ध होंगी। आर्थिक परेशानियों का हल मिलेगा। ज़मीन-जायदाद के मामलों में विशेष सफ़लता मिलेगी। लेकिन पिता व गुरुजनों से मतभेद करने से स्वयं को बचाना होगा। साथ ही इनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतन जरूरी होगा।

मीन:

मंगल का गोचर आपकी कुंडली में आठवें भाव में रहेगा। मंगल की यह ग्रह स्थिति आपकी संपत्ति से संबंधित समस्याओं का हल करवाएगी। लेकिन परिवार के सदस्यों से संबंध बिगड़ने की संभावना है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। आपकी भाषा शैली में कठोरता आ सकती है। इस समय वाहन आदि भी सावधानी से चलाना होगा।

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शुक्र का मकर राशि में गोचर

शुक्र 26 फरवरी 2014 को मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। शुक्र के इस गोचर से हमारी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए जानते हैं।


http://astrology.astrosage.com/2014/01/transit-of-venus-in-capricorn-26.html

विलासिता का कारक ग्रह शुक्र 26 फरवरी 2014 को मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। क्योंकि यह अग्नि तत्त्व राशि से पृथ्वी तत्त्व की राशि में प्रवेश करने जा रहा है, अत: महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों में अपेक्षाकृत कमी आएगी। लेकिन शुक्र के इस गोचर से फसलों को नुकसान हो सकता है और खाद्यान्न महंगा हो सकता है। फ़िल्म उद्योग और कास्मेटिक्स उत्पादकों को भी फ़ायदा होगा लेकिन इसका आपकी राशि पर क्या असर होगा आइए जानते हैं।

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मेष:इस अवधि में अपने कार्यक्षेत्र में आप महत्वपूर्ण सफ़लता प्राप्त करेंगे। व्यापारी सहयोगियों या व्यवसायकि लोगों व ग्राहकों के साथ आपके संबंध सुधरेंगे। व्यापारिक यात्राओं की भी संभावना है। आपकी प्रतिष्ठा और सम्मान में प्रचुर वृद्धि होगी। परिवारजनों का बर्ताव बहुत अच्छा रहेगा।

वृषभ:इस अवधि में अगर आपकी पदोन्नति होने ही वाली है तो यह आपकी इच्छा के अनुरूप हो सकती है। पारिवारिक जीवन आपके लिये सुखद एवम् अनुकूल रहेगा। माता पिता और गुरूजनों से संबंध मधुर रहेंगे। आपका दिमाग़ धार्मिक क्रियाकलापों एवम् जीवन संबंधी उच्च दर्शन की ओर भी आकृष्ट हो सकता है।
मिथुन:इस अवधि में वासनात्मक विचारों को अपने पर हावी न होने दें। कोई ऐसा काम न करें जिससे आपकी प्रतिष्ठा पर आँच आए। हालाँकि इस समय अचानक धन प्राप्ति की संभावना बन रही है, फिर भी ख़र्चों पर नियंत्रण रखना होगा। व्यर्थ की यात्राओं से बचने का प्रयास करें। स्वास्थ्य का ख़याल रखें।

कर्क:इस अवधि में आप अपने व्यवसाय और व्यापार में बहुत अच्छा करेंगे। आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी। आनन्द दायक यात्रा भी हो सकती है। आपका मिलनसार स्वभाव आपको बहुत सारे लोगों से जोड़ने में मददगार सिद्ध होगा। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। लेकिन छोटी मोटी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ संभव हैं।

सिंह:इस अवधि में नौकरी के हालात अच्छे रहेंगे, लेकिन काम का बोझ थकाने वाला रह सकता है। ख़र्चों पर नियंत्रण रखें। स्त्री वर्ग से संबंध बिगड़ने न दें। वासनात्मक विचारों से बचें। इस समय विरोधी प्रबल हो सकते हैं अत: अपने बचाव को लेकर चिंतन करते रहें। अपने स्वास्थ्य का भी ख़याल रखें।

कन्या:इस अवधि में आप विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षित हो सकते हैं। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। बहुप्रतीक्षित अभिलाषाओं की सम्पूर्ति होगी। संचार के माध्यम से भी आपको कोई अच्छी ख़बर मिल सकती है। कला व संगीत इत्यादि में भी रुचि जागेगी। सामाजिक क्षेत्र बढ़ेगा।

तुला:इस अवधि में कोई फ़ायदे का सौदा हाथ लग सकता है। आमदनी भी बढ़ेगी। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। प्रयत्नों में सफ़लता मिलेगी। आपके पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विरोधी नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे। यात्राओं से भी लाभ मिलेगा। यानी कि यह समय हर लिहाज़ से अच्छा है।

वृश्चिक:इस अवधि में सौभाग्यशाली समय होने के कारण मनचाहा काम होता रहेगा। नौकरी के हालात में भी बेहतरी आएगी। आप अत्यधिक उत्साही और स्फूर्तिवान बने रहेंगे। लोगों से आपके सम्पर्क बढेंगे। छोटी यात्राओं एवं पारिवारिक जीवन में सब सुखद होगा।

धनु:इस अवधि में आय में वृद्धि होगी। किसी संक्षिप्त मार्ग से भी आपके पास पैसा आ सकता है। लेकिन घरेलू चीज़ों के लिये कुछ ख़र्चे हो सकते हैं। स्त्री वर्ग का साथ आपको रूचिकर लगेगा। परिवार में किसी शुभ कृत्य का आयोजन होगा। आप परिस्थितियों का बड़ी चतुरता से सामना करेंगे।

मकर:इस अवधि में अगर थोड़ी मेहनत करें तो अपनी आय को आप काफ़ी बढ़ा सकते हैं। संगीत व साहित्य में आपकी रूचि रहेगी। आपके चारों ओर का वातावरण सुखद होगा। आप सुखी व सानन्द रहेंगे। विपरीत लिंगी की ओर आपका झुकाव रहेगा। वैवाहिक या प्रणय सुख के लिए भी समय अनुकूल रहेगा।

कुम्भ:इस अवधि में आप सुविधा और विलास के साधनों पर ख़र्च करेंगे। वैवाहिक या प्रणय सुख की प्राप्ति होगी। लेकिन निरंकुश भोग वृत्ति पर अंकुश लगायें अन्यथा इस वजह से कुछ परेशानियाँ भी हो सकती हैं। आर्थिक रूप से समय सामान्य रहेगा। विरोधियों और प्रतिद्वन्दीयों से सावधान रहने की ज़रुरत है।

मीन:इस अवधि में हर प्रयास में सफ़लता मिलेगी। परिवार में सदस्यों की बढो़त्तरी होने की संभावना है।

बहुप्रतीक्षित अभिलाषाओं और इच्छाओं की पूर्ति होगी। मित्र और सहयोगी आपको पूरा सहयोग देंगे। यात्राओं से लाभ होगा। यद्यपि ख़र्चे अधिक होंगे लेकिन आमदनी भी होती रहेगी।

पं. हनुमान मिश्रा

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वक्री बुध का मकर राशि में प्रवेश (18 फ़रवरी, 2014)

18 फ़रवरी 2014 को बुध मकर राशि में जा रहा है। इसके पहले बुध कुम्भ राशि में गया था परन्तु वक्री होने के कारण यह पुन: मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। हमारी राशियों पर बुध के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं। 


8 जनवरी 2014 से लेकर 26 जनवरी 2014 तक बुध मकर राशि में ही था लेकिन 26 जनवरी 2014 को बुध कुम्भ राशि में गया था, परन्तु वक्री होने के कारण यह पुन: मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। अत: यह समय अनाजों के भाव को सामान्य रखेगा। बच्चों को होने वाले परेशानियों में कमी आएगी। नेतागण भाषणबाज़ी के साथ कुछ कारगर योजनाओं पर भी अमल कर सकते हैं। लेकिन हमारी राशियों पर बुध के इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं।

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मेष:घर में किसी शुभ कृत्य का आयोजन होगा। व्यापार का विस्तार भी हो सकता है। इस अवधि के दौरान आप पूरी तरह कर्मठ रहेंगे। पारिवारिक माहौल संतोषप्रद रहेगा। आपको वाहन भी प्राप्त हो सकता है।

वृषभ:भाग्यवर्धन होगा। आप हर काम बेहतर ढंग से करेंगे। प्रभावशाली वाणी होने के कारण लोगों से आप अपनी बात मनवा सकेंगे। आप अपने व्यवसाय में अच्छा कर पाएंगे और प्रचुर लाभ कमा पायेंगे। यात्रा से भी लाभ मिलेगा।

मिथुन
:आपको बहुत मेहनत करनी पड़ेगी क्योंकि काम का बोझ बहुत रहेगा। छोटी छोटी बातों को लेकर विवाद बढ़ने की संभावना है। पारिवारिक जीवन में भी आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। बेकार की यात्राओं से बचें।

कर्क:समय व्यापार-व्यवसाय को बढ़ाने वाला सिद्ध हो सकता है। भागीदार व सहयोगी आपको अपना बेहतर सहयोग देंगे। लाभप्रद सौदे हाथ लग सकते हैं। स्त्री वर्ग से आपके कार्यक्षेत्र में सहायता मिलेगी। सुखद यात्रा की भी संभावना है।

सिंह:स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ रह सकती हैं। विरोधी प्रतिष्ठा बिगाड़ने की चेष्टा करेंगे। नौकरी के हालात में सुधार होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें और कटु न बोलें। जहां तक संभव हो यात्रा से बचें।

कन्या:इस अवधि में नये उद्यम में सफ़लता मिलेगी। यह समय प्रणय और रोमान्स के लिये भी अच्छा है। पारिवारिक सुख बढ़ा चढ़ा रहेगा। आप अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण प्रचुर सम्मान प्राप्त करेंगे। मित्रों से भी सहयोग मिलेगा।

तुला
:इस अवधि में आपकी व्यावसायिक योग्यता विकसित होगी। आप बहुत सलीके से काम करेंगे। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। माता पिता से संबंध मधुर रहेंगे। आप विलास सामग्री पर व्यय कर सकते हैं।

वृश्चिक
:अपने भाई बहनों से सहायता मिलेगी। पुराने मित्रों से मुलाकात हो सकती है। कलात्मक क्षमता में विकास होगा। छोटी यात्राओं से अच्छा फल मिलेगा। यदि आप ऐजेंसी के काम से संबंधित हैं तो भी शुभ परिणाम मिलेंगे।

धनु:इस अवधि में आप काफ़ी प्रसिद्ध रहेंगे। परिवार के सदस्यों का आपके प्रति बहुत अच्छा बर्ताव रहेगा। आर्थिक रूप से भी समय अच्छा रहेगा। गूढ़ विज्ञान में भी आपकी रूचि बढ़ेगी।

मकर:इस अवधि में आप सुखी रहेंगे। आपका सम्मान होगा तथा ख्याति बढ़ेगी। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। आप अपनी महत्वकांक्षाएँ पूर्ण करने के लिये आप कड़ा प्रयत्न करेंगे।

कुम्भ:स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण आप परेशान रह सकते हैं। समस्याओं परेशानियों का प्रतिरोध करने की कोशिश करें। पारिवारिक माहौल सौमनस्यपूर्ण नहीं रहेगा। आपका मन अध्यात्म की ओर झुकेगा।

मीन:आपके मित्र व सहयोगी आपकी सहायता करेंगे। भाई या घनिष्ठ मित्र के बारे में कोई शुभ समाचार मिल सकता है। आपके कई लोगों से मित्रतापूर्ण संबंध बनेंगे। इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति होगी।
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सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर


सूर्य 12 फरवरी 2014 को कुम्भ राशि में प्रवेश कर रहा है और 14 मार्च तक इसी राशि में रहेगा। ग्रहों के राजा ‘सूर्य’ के इस गोचर से हमारी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

12 फरवरी को सूर्य कुम्भ राशि में गमन कर रहा है और 14 मार्च तक इसी राशि में रहेगा। कुम्भ राशि शनि की राशि है। सूर्य को ग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है तो शनि को नौकर कहा गया है। यानी कि एक राजा, नौकर के घर जा रहा है। निश्चित तौर पर यह स्थिति राजनीतिक उथल पुथल का संकेत तो कर ही रही है साथ ही यह संक्रांति बुधवार के दिन हो रही है तो निश्चित तौर पर राजनेताओं की असंसदीय टिप्पणियों में बढ़ोत्तरी के योग बन रहे हैं। राजनीति में विस्फोटक स्थितियां देखने को मिल सकती हैं। साथ ही समाचार-मीडिया आदि के द्वारा या इन्हें लेकर कोई बखेड़ा भी खड़ा हो सकता है। मंहगाई, सत्तारूढ़ दलों में टकराव और अशांति के प्रबल योग हैं। रोगों के फैलने की भी सम्भावनाएं हैं। लेकिन सूर्य के इस गोचर का हमारी राशियों पर क्या असर होगा, आइए जानते हैं…..


मेष:सूर्य आपके लाभ भाव में है अत: आपकी इच्छाएँ व महत्वकांक्षाएँ पूरी होंगी। अनुबन्धों और समझौतों से भी आपको प्रचुर लाभ मिलेगा। वेतन में बढ़ोत्तरी भी सम्भव है। इस समय आप अपने प्रेमी या प्रेमिका के साथ आनंददायी समय बिताएंगे।


वृषभ: सूर्य का गोचर आपके दसम भाव में है अत: आप व्यापार या नौकरी में सफलता प्राप्त करेंगे। पदोन्नति के लिए भी समय अच्छा है। इस अवधि में और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के कृपाभाजन रहेंगे। व्यापार के कारण सफलदायक यात्राएँ हो सकती हैं। आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।


मिथुन:सूर्य आपके नवम भाव में है अत: इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। उच्च पद प्रतिष्ठा प्राप्त लोगों से भेंट होगी और उनकी कृपा रहेगी। आप धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। लेकिन माता पिता के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। आर्थिक मामलों के लिए भी यह समय अच्छा है।


कर्क:सूर्य आपके अष्टम भाव में है, अत: कुछ समस्यायें अचानक खड़ी हो सकतीं हैं। इस समय अनैतिक कार्यों तथा सन्देहास्पद सौदों से बचें। इस अवधि में कई बार आपको ट्रैफ़िक का सामना तो करना ही पड़ेगा साथ ही वाहन को क्षतिग्रस्त होने से भी बचाना होगा।


सिंह:सूर्य आपके सप्तम भाव में है, अत: व्यवसायिक या व्यापार के साथी नुकसान या समस्यायें पैदा करने की कोशिश कर सकते हैं। घरेलू मामले विशेषकर जीवन साथी के साथ विवाद करने से बचें। आप मानसिक रूप से तनावग्रस्त या बीमार भी हो सकते हैं। अत: स्वास्थ्य का खयाल रखें।


कन्या:सूर्य का गोचर आपके छठे भाव में है अत: नौकरी करने के हालातों में सुधार भी होगा। समस्याएं दूर होंगी। प्रतिष्ठा एवम् पद में वृद्धि होगी। विवादों में विजय मिलेगी।


तुला:सूर्य का गोचर आपके पंचम भाव में है, कन्फ्यूजन और बहुत अधिक सोच विचार से बचें। अत: आपका उत्साह और उल्लास तो बढ़ेगा लेकिन प्रेम संबंधों के लिये यह समय कम ठीक है। अचानक यात्रा भी हो सकती है।


वृश्चिक:सूर्य का गोचर इस समय आपके चौथे भाव में है अत: काम का बोझ अधिक होने के कारण आप अपने आपको थका महसूस कर सकते हैं। माता पिता के स्वास्थ्य को लेकर आप चिंतित रह सकते हैं। कोई घरेलू मशीनरी खराब हो सकती है।


धनु:सूर्य का गोचर आपके तीसरे भाव में रहेगा अत: घरेलू जीवन में सुखद रहेगा। मित्रों और रिश्तेदारों से संबंध और अच्छे होंगे। इस समय आप कोई महँगा फोन खरीदने के बारे में सोच सकते हैं। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। छोटी यात्राएँ भाग्यशाली सिद्ध होंगी और सुखद रहेंगी।


मकर:सूर्य आपके दूसरे भाव में रहेगा अत: यह समय आर्थिक मामलों में सावधानी से काम लेने का है। पारिवारिक जीवन प्रभावित रह सकता है। आपके कम्प्यूटर-लैपटाप या मोबाइल में कुछ तकनीकी खराबी आ सकती है। आँखों और मुंह की कोई बीमारी आपको कष्ट दे सकती है।


कुम्भ: सूर्य आपके प्रथम भाव में रहेगा अत: आपमें क्रोध की अधिकता रह सकती है। आप आँखों के चिकित्सक के पास जा सकते हैं। छोटी यात्राएँ हो सकती हैं। सार्वजनिक क्षेत्र या सरकार के द्वारा आपको लाभ मिल सकता है।


मीन:सूर्य आपके द्वादस भाव में है अत: आप क्षणिक उन्माद में कोई काम न करें। मित्रों और रिश्तेदारों से संबंध मधुर रखें। इस समय यात्रा के दौरान आपको कई बार ट्रैफ़िक की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। खर्चे बढ़े रहेंगे। निवेश के मामले में सावधानी रखें।

पं. हनुमान मिश्रा
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गणतंत्र दिवस 2014: भारत की किस्मत

गणतंत्र दिवस हमारे देश में लोकतंत्र की स्वतंत्रता हेतु भारत में मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 में, भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया. भारत में 2014 गणतंत्र दिवस के ज्योतिषीय पहलुओं के बारे में अधिक जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
Republic Day, the Ganatantra Diwas, 26 January 2014, astrology prediction of India.
जनवरी 26, 1950 को हमारे देश का गणतंत्र यानी भारत का संविधान, अस्तित्व में आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया, यही कारण है कि भारतीय इतिहास में यह दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। वर्तमान में गणतंत्र दिवस पूरे भारत देश में बहुत उत्साह से मनाया जाता है। विशेषकर देश की राजधानी दिल्ली में यह इतने विशिष्ट रूप में मनाया जाता है कि महीनों पहले से ही इसकी तैयारियां होने लगती हैं। शायद यही परम्परा है कि गणतंत्र दिवस मनाना ही गणतंत्र की रक्षा के लिए पर्याप्त है। क्योंकि गणतंत्र बनने से पहले देश में समाज का जो हाल था उसमें जो बदलाव आया है, हमे तो वह स्वाभाविक बदलाव ही नजर आता है। क्योंकि समय कुछ मामलों में स्वयं बदलाव कर लेता है और कुछ बदलाव किए जाते हैं। हमारे देश के की आत्मा समाज है और समाज में गणतंत्र के कारण जो बदलाव आने चाहिए वो आये तो नहीं।

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पहले राजतंत्र था अब गणतंत्र है, यानी बदला है तो “राज” और “गण” समाज और तंत्र तो वही नजर आ रहे हैं। देश का गणतंत्र ऐसा है कि नौकरी के लिए योग्यता की परख नहीं की जाती बल्कि धर्म, जाति और मजहब ही सर्वोपरि होता है। हर व्यक्ति के लिए उसकी जाति और धर्म के अलग-अलग कानून हैं। कानून को बकरी के कान की तरह, नेतागण अपने स्वार्थ की आपूर्ति के लिए मरोड़ देते हैं। कुछ सीटों के लिए तुष्टीकरण के खेल में देश की व्यवस्था की बलि चढ़ा दी जाती है।

आज भी देश की नारी को किसी गैर जाति से प्रेम करने पर सजा दी जाती है। गणतंत्र के रखवाले नेताओं के द्वारा जन शोषण का कार्य प्रगति पर है। करोड़ों नवजात शिशु और गर्भवती माताएं कुपोषण की शिकार है। नकली दवा के साथ साथ मानव अंग का भी व्यापार निरंतर पुष्पपल्लवित हो रहा है। एक तो आतंकवादी पकड़े नहीं जाते लेकिन यदि किसी तरह पकड़े भी गए तो उन्हें मेहमानों की तरह वर्षों पालते पोसते हैं। पड़ोसी मुल्क के लोग फ़ौजियों का सिर काट के ले जा रहे हैं और हम उनके नेताओं का स्वागत कर रहे हैं। इतना ही नहीं, अनेकों अपराध करने के बाद यहाँ का “गण” जाति-पाति और धर्म के नाम पर किसी अपराधी को भी “तंत्र” से जोड़ देते हैं और गणतंत्र का रक्षक नियुक्त कर देते हैं। ज्योतिष की मानें तो ये सब जल्दी बदलने वाला नहीं है। क्योंकि गणतंत्र की कुण्डली में लग्नेश और कर्मेश बृहस्पति नीच का है। जब हम नीच प्रवृत्ति के व्यक्ति से किसी अच्छे काम की आशा नहीं करते तो फ़िर किसी नीच ग्रह से हम कोई विशेष आशा क्यों करें। बृहस्पति अस्त भी है, साथ ही षष्ठेश सूर्य और अष्टमेश शुक्र के प्रभाव में है। चन्द्रमा मूल संज्ञक नक्षत्र यानी कि अश्वनी नक्षत्र में है। लग्न पर राहु, केतु और मंगल का प्रभाव है। यानी कि कहीं से भी कोई शुभ संकेत नहीं है। तो ऐसे में हम देश के कर्णधारों से कोई विशेष आशा न रखें तो ही ठीक है। जो भी इस देश या प्रदेश की कुर्सी पर बैठेगा उसके ज्ञान को ग्रहण लगेगा ही लगेगा। अत: आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी होगी साथ ही समय समय पर जनजागरण करके देश के कर्णधारों को यह एहसास दिलाते रहना होगा कि वे निरंकुश नहीं है, वे हमसे हैं हम उनसे नहीं हैं। आइए अब आज के प्रमुख मुद्दे की बात कर लें।

26 जनवरी 2014 को गणतंत्र की आयु 64 की पूरी हो जाएगी यानी देश का गण्तंत्र 65वें वर्ष में प्रवेश कर जाएगा। पिछले साल देश की कुण्डली में लग्नेश शुक्र आठवें भाव में था और दशमेश शनि छठे भाव में था अत: कई कानूनों के बनने के बावजूद भी देश की कानून व्यवस्था चरमराई ही रही। इस साल यानी देश की 64 साल वाली कुण्डली में लग्नेश सूर्य छठे भाव में है और दशमेश शुक्र पंचम भाव में है अत: हालात में कुछ सुधार होने की उम्मीद हम कर सकते हैं।


इस वर्ष का वर्षेश चंद्रमा है अत: जनभावनाओं के आधार पर अगला चुनाव होना है। जिसने भी जनता की भावनाओं को छू लिया या भावुक कर लिया वही चुनावी जीत का बिगुल बजाएगा। चंद्रमा के वर्षेश होने के कारण विदेशों में हुई भारत की किरकिरी काफ़ी हद तक धुलेगी। भारत में आंतरिक शांति की स्थिति में सुधार होगा। डालर के मुकाबले रुपए की कीमत भी बेहतर होगी। लेकिन महंगाई कम करने का वादा कर सरकार बनाने वाले दलों की परेशानी में कमी आती नजर नहीं आ रही क्योंकि हाल फ़िलहाल महंगाई पर नियंत्रण होता तो नजर नहीं आ रहा। हालांकि देश में कई बेहतर नीतियों के लागू होने के योग हैं। विदेशों के साथ कुछ समझौतों के कारण भी देश की स्थिति में सुधार होगा।

कुल मिलाकर इस वर्ष की गणतंत्र कुण्डली, देश में बेहतरी का संकेत तो कर रही है, लेकिन कई तरह की परेशानियां भी दर्शा रही है। वर्ष का प्रथम भाग अपेक्षाकृत अधिक उठापटक वाला रहेगा। इसके बाद थोड़ी सी शांति की उम्मीद हम कर सकते हैं। जैसा कि लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि चुनाव बाद देश में कोई बड़ा चमत्कार होने वाला है तो ऐसा संकेत तो गणतंत्र कुण्डली नहीं दर्शा रही है लेकिन 4 जुलाई 2014 के पहले देश की प्रमुख कुर्सी पर किसी और के आसीन होने तथा उसके बाद स्थितियों में बेहतरी का संकेत जरूर कर रही है।

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साप्ताहिक राशिफल (27 जनवरी से 02 फरवरी 2014)

Saptahik Rashifal of Aries; etc.
मेष: सप्ताह की शुरुआत आपके लिए कुछ कमजोर रह सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आप अपने-आपको शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस करेंगे। खान पान पर संयम रखकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। इस समय आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। कामों में सफ़लता मिलेगी। सप्ताहांत में लाभ के अवसर मज़बूत होंगे।

वृषभ: यह सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। किसी पुरानी बात को लेकर सहयोगियों से बहस हो सकती है । अत: सावधानी से काम लेकर विवादों को टालें। निजी जीवन में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। सप्ताह मध्य में जहाँ तक हो सके अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। वाहन की गति पर नियन्त्रण बनाये रखें। सप्ताहांत बेहतर परिणाम देने वाला रहेगा। काम बनेंगे और लाभ के अवसर मज़बूत होंगे।

मिथुन: सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। आपके द्वारा कुछ ऐसे कार्य होंगे जिसकी वजह से लोग आपकी प्रशंसा करेंगे। सप्ताह के मध्य में साझेदारी या महिलाओं को लेकर थोड़ी सी सावधानी जरूरी होगी। विरोधी अहित करने का प्रयास कर सकते हैं फ़िर भी चीज़ें नियंत्रण में ही रहेंगी। लेकिन स्वास्थ्य का ख़याल रखना होगा। सप्ताह के अंतिम दिनों में धार्मिकता का भाव जागेगा और समय बेहतर होगा।

कर्क: इस सप्ताह की शुरुआत में आपकी योजनाएं सफ़ल होंगी। प्रतीक्षारत कार्यो में प्रगति होगी । आपकी सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी। सप्ताह के मध्य में आप उत्साह से भरे रहेंगे। घरेलू जीवन भी सुखी रहेगा। लेकिन निजी जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। नवयुवक जो भी करें उसका निरीक्षण व परीक्षण अवश्य कर लें। सप्ताहांत में वाहन आदि सावधानी से चलाना होगा। अनजाने लोगों पर अधिक विश्वास करना हितकर नहीं होगा।

सिंह: सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में घरेलू जीवन को लेकर कुछ चिंताएँ सम्भव हैं। लेकिन प्रेम प्रसंग के लिए समय अनुकूल रहेगा। इस समय आप मौज मस्ती के लिए भी समय निकाल पाएंगे। हालांकि सप्ताह मध्य में आपकी मेहनत रंग लाएगी। सप्ताह के अंत में आप जीवन साथी या प्रेम पात्र के साथ आनंददायी समय बीतेगा तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय ठीक रहेगा।

कन्या: सप्ताह का प्रथम दिन आपके लिए स्फूर्ति भरा रहेगा। आप अपनी योग्यता और क्षमता के कारण चीजों को बेहतर कर पाएंगे। लेकिन अगले दो दिन कुछ चिंताएं देने वाले रह सकते हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश चिंताएं व्यर्थ ही रहेंगी। फिर भी ऐसा कोई काम न करें जिससे आपकी प्रतिष्ठा पर आँच आए। सप्ताह का मध्य और अंतिम भाग आपके लिए बेहतर रहेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। कठिनाइयों पर आप आसानी से विजय प्राप्त कर पाएंगे।


तुला: इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं लेकिन किसी महत्वपूर्ण योजना पर धन का व्यय हो सकता है। छोटी दूरी की यात्राएँ भी इस अवधि में आप कर सकते हैं। लेकिन अधीनस्थ लोगों या छोटे भाई बहनों से विवाद करने से बचना होगा। सप्ताह के मध्य भाग में आपको कुछ घरेलू चिंताएँ रह सकती हैं। अथवा आप माता पिता को लेकर कुछ चिंतन कर सकते हैं। धन का व्यय बढ़ सकता है। लेकिन सप्ताहांत आपके लिए बेहतर परिणाम लिए हुए है।


वृश्चिक: यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। शुरुआती दिन प्रसन्नता भरा रहेगा लेकिन अगले दो दिनों में आप बचत को लेकर चिंतित रह सकते हैं। सप्ताह के मध्य में आप किसी मित्र की आर्थिक मदद कर सकते हैं। ख़रीददारी के लिए समय शुभ है। सप्ताह का अंतिम भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा, किसी के प्रति वफ़ादारी करने से मानसिक उर्जा में वृद्धि होगी लेकिन मन में कुछ चिंताएं रह सकती हैं। लाभदायक यात्राएँ हो सकती हैं।


धनु: यह सप्ताह आपके लिए सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा लेकिन शुरुआती दिन भाग दौड़ भरा या परेशानियों वाला रह सकता है। लेकिन शीघ्र ही आप सुख सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे। कामों सफलता मिलेगी। मनोरंजन करने के अवसर प्राप्त होंगे लेकिन क्रोध पर संयम रखना जरूरी होगा। सप्ताह मे मध्य भाग में अप्रिय सम्भाषण से आपको बचना होगा। सप्ताह के अंतिम दिनों सब प्रकार से अनुकूल परिणाम मिलेंगे।


मकर: सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा। इस सप्ताह आप-अपनी आवश्यकताओं पर लगाम लगायें तभी जीवन की गाड़ी चल पायेगी। कुछ ख़र्चे बेवजह हो सकते हैं जिससे मानसिक खिन्नता रह सकती है। इस समय नींद में भी कुछ व्यवधान रह सकता है। सप्ताह के मध्य में शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे। आपको मनोरंजन का मौका मिलेगा। सप्ताहांत में धन की स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर होगी।


कुम्भ: सप्ताह के शुरुआत में आपकी मेहनत का फल मिलने वाला है लेकिन फ़िर भी किसी के लालच में न आयें अन्यथा आपकी योग्यताओं का दुरुपयोग हो सकता है। कार्य योजनाओं पर शीघ्र निर्णय लेना भी उचित नहीं होगा। सप्ताह मध्य में लाभ की स्थितियाँ मज़बूत होंगी। लेकिन किसी भी यात्रा को करने से पहले उससे होने वाले फ़ायदे और नुकसान के बारे में जाँच ज़रूर कर लें। सप्ताहांत में परिस्थतियाँ आपके पक्ष में होंगी।


मीन: सप्ताह की शुरूआत में आप धर्म या समाज से जुड़ा कोई कार्य कर सकते हैं। रूके हुये कार्यो में प्रगति होगी। आर्थिक मामलों के लिहाज से भी सप्ताह शुभ हैं। सप्ताह के मध्य भाग में आपके किए कार्य फल देने का संकेत कर रहे हैं। लाभ की प्रबल सम्भावनाएँ हैं। यह सप्ताह प्रेम प्रसंग और निजी जीवन के लिए अनुकूल है। लेकिन लापरवाही या अहंकार की वजह से संबंधों में दरार भी आ सकती है अत: संबंधों को गंभीरता से निभाएँ।

पं. हनुमान मिश्रा

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सुनंदा की मौत, हत्या या आत्महत्या?

सुनंदा पुष्कर इस दुनिया को छोड़ चुकी हैं। राजनीतिज्ञ हों या फ़िल्मी दुनिया के लोग, सभी स्तब्ध हैं। पता नहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट क्या आती है, लेकिन आइए इस प्रकरण का पोस्टमॉर्टम ज्योतिष के नज़रिए से किया जाए।


The mystery of Sunanda Pushkar’s death.

सुनंदा पुष्कर केवल केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर की पत्नी होने के कारण या आइपीएल मामले से जुड़े होने के करण ही चर्चा में नहीं रहती थीं। वो अपने सौंदर्य और रहन सहन के कारण भी चर्चाओं का केन्द्र हुआ करती थीं। आमतौर पर लोग सौंदर्य की तुलना चन्द्रमा से करते हैं और ज्योतिष तो इस बात को मानता ही है। नि:शंदेह सुनंदा पुष्कर को कवियों के नज़रिए से चन्द्र की प्रतिकृति कहा जा सकता है, लेकिन अब सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है। दक्षिणी दिल्ली के होटल 'लीला' के कमरा नंबर 345 में 17 जनवरी 2014 को उनका शव मिला है। पुलिस की ओर से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है। वैसे भी हमारे देश की पुलिस का जाँच कार्य अक्सर संदेह के घेरे में रहता है ऊपर से जब मामला केन्द्रीय मंत्री का हो तो लोगों के मन में ये शंका होना स्वाभाविक है कि सही जाँच सामने आएगी।

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ग़ौरतलब है कि मरने से पहले सुनंदा पुष्कर ने शशि थरूर पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उनके संबंध पाकिस्तानी महिला पत्रकार से हैं, जो कि आइ एस आइ की एजेन्ट भी है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के दौरान शशि थरूर के अपराधों को उन्होंने खुद पर ले लिया था। ऐसे में लोगों के मन में सवालों का उठना लाज़मी है कि कहीं उनकी मौत के पीछे आइ एस आइ का हाथ तो नहीं है या आइपीएल के काले कारनामों को छुपाने के लिए उन्हें मौत दे दी गई हो? ख़ैर फ़िलहाल पुलिस इसे आत्महत्या मानकर चल रही है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। आईए देखते हैं कि ज्योतिश क्या कहता है।

चन्द्र की प्रतिकृति और चन्द्र की दशा

The mystery of Sunanda Pushkar’s death.

प्राप्त जानकारियों के अनुसार सुनंदा पुष्कर का जन्म 1 जनवरी 1962 को सायं 5 बजे मिथुन लग्न और तुला राशि में हुआ। सुनंदा की पहली शादी कश्मीर के रहने वाले संजय रैना से गुरु की महादशा और शुक्र की अंतरदशा में हुई। इनकी कुण्डली में गुरु सप्तमेश है जबकि शुक्र पंचमेश होकर सप्तम भाव में स्थित है। 1991 में इन्होंने शनि में बुध की दशा में दूसरा विवाह किया। बुध लग्नेश है और चतुर्थेश होकर विवाह के भाव सप्तम में स्थित है। 1997 में शनि की महादशा और चन्द्रमा की अंतरदशा में इनके दूसरे पति का एक दुर्घटना में निधन हो गया। चन्द्रमा द्वितीयेश है जो सुनंदा के लिए तो मारक है ही साथ ही, पति के भाव से अष्टम भाव भी है जहाँ राहु भी स्थित है और इनकी कुण्डली में चन्द्रमा स्वयं राहु के नक्षत्र स्वाति में स्थित है अत: चन्द्रमा ने इनके परिवार को बिखेर दिया। इसके बाद की दशाएँ यानी शनि की महादशा के साथ आयीं मंगल, राहु व गुरु की अंतरदशाएँ इन्हें अन्य सुविधाएं तो देती रहीं लेकिन इनके वैवाहिक जीवन में वीराने का एहसास कराती रहीं।

नवम्बर 2005 से इन पर इनके लग्नेश बुध की महादशा का प्रभाव शुरू हुआ जो इनके लिए शनि की तुलना में कुछ बेहतरी लाता गया। बुध की महादशा में शुक्र की अंतरदशा का प्रभाव इन पर अप्रैल 2009 से शुरू हुआ और फरवरी 2012 तक चला। इसी दशा ने न केवल इनका थरूर से प्रेम करवाया बल्कि इनका विवाह भी करवाया। फरवरी 2012 से दिसम्बर 2012 तक इन पर बुध की महादशा में सूर्य की अंतरदशा का प्रभाव रहा। यह दशा भी इनके लिए ठीक थी लेकिन वर्तमान में इन पर बुध की महादशा में चन्द्रमा की अंतरदशा का प्रभाव था जो दिसम्बर 2012 से शुरू हुआ था।

जैसा कि हमने पहले भी कहा कि चन्द्रमा इनका द्वितीयेश है जो न केवल सुनंदा के लिए मारक है बल्कि पति के भाव से अष्टम भाव है जहाँ राहु भी स्थित है और इनकी कुण्डली में चन्द्रमा स्वयं राहु के नक्षत्र स्वाती में स्थित है अत: चन्द्रमा की दशा इनके लिए बहुत विपरीत परिणाम देने वाली रही। पिछली बार जब शनि की महादशा में चन्द्रमा की अंतरदशा का प्रभाव आया तो इन्होंने अपने दूसरे पति को खोया था और लम्बे समय तक निराशा में रहीं और एकाकी जीवन जिया। इस बार बुध की महादशा में चन्द्रमा की अंतरदशा ने इनके जीवन में फिर से निराशा और हताशा का बीज बोया। इनके और इनके पति के बीच कुछ न कुछ बड़ा पंगा तो जरूर चल रहा था इस बात का इशारा दशाएँ भी कर रही थीं। चन्द्रमा राहु के नक्षत्र में है अत: पति का किसी विदेशी महिला से लगाव स्वाभाविक है। इनका बीमार होना स्वाभाविक है।

क्योंकि इनकी कुण्डली में चन्द्रमा शनि से दृष्ट है और राहु के नक्षत्र में है। ध्यान देने वाली बात यह है कि चन्द्रमा पर शनि की दृष्टि वैसे भी हताशा और निराशा देने वाली कही गई है ऊपर से जब शनि अष्टम में है तो यह हताशा ज़रूरत से ज्यादा हो जाती है और व्यक्ति आत्महत्या के बारे में सोचने लगता है। कहा गया है कि जब गोचर वश चन्द्रमा और सूर्य आमने सामने होते हैं तो उस समय आत्महत्या की घटनाएँ अधिक होती हैं। सुनंदा की मृत्यु के समय यह गोचर हमें देखने को मिल रहा है। 17 जनवरी 2014 को चन्द्रमा शायं 4 बजकर 08 मिनट तक शनि के नक्षत्र (पुष्य) में था। ध्यान रहे इनके जन्म के समय भी चन्द्रमा पर शनि और राहु का प्रभाव था और मृत्यु के समय भी। अत: इस समय आत्महत्या के योग पूरी तरह नज़र आ रहे हैं। 17 जनवरी 2014 को चन्द्रमा शायं 4 बजकर 08 मिनट तक उनके मन में घोर हताशा और निराशा बरकरार रही। शायं 4 बजकर 08 मिनट के बाद चन्द्रमा बुध के नक्षत्र (आश्लेषा) में गया। बुध को औषधियों से सम्बंधित ग्रह माना गया है साथ ही सुनंदा की कुण्डली में बुध लग्नेश और चतुर्थेश भी है। यानी शुभ ग्रहों के प्रभाव व दशाओं में बुध शरीर के लिए फायदेमंद लेकिन अशुभता की स्थिति में शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है। उनकी मृत्यु के समय दशाएं थीं बुध-चंद्रमा-केतु-बुध-गुरु। बाकी अन्य ग्रहों की दशाओं और पहलुओं की चर्चा हम कर चुके हैं जिससे लगभग यह सिद्ध हो रहा है कि बहुत सम्भव है कि यह आत्महत्या का मामला था। अब जानना यह है कि उन्होंने किस माध्यम से आत्महत्या की।

The mystery of Sunanda Pushkar’s death.


दशाओं और गोचर से शनि, राहु, बुध और गुरु का प्रभाव उनके लग्न और अष्टम पर नजर आ रहा है। शनि, राहु जहर और दवाओं के दुष्प्रभाव दोनों को दर्शाते हैं जबकि गुरु दशमेश है। उत्तरकालामृत में दशम से दवाओं और चिकित्सक का विचार किया जाता है। स्वाभाविक है दवाओं के दुष्प्रभाव का विचार दशम से विरुद्ध भाव यानी कि चतुर्थ से किया जाना चाहिए। साथ ही हम छठे भाव को भी सामिल कर सकते हैं। मृत्यु के समय क्योंकि बुध का प्रभाव भी है, और गोचर में चतुर्थेश बुध अष्टम में व षष्ठेश मंगल चतुर्थ में है अत: बहुत सम्भव कि दवाओं को ही आत्महत्या का माध्यम बनाया गया। हां मंगल की गोचरीय स्थिति चतुर्थ में व चतुर्थेश के अष्टम भाव में होने के कारण घरेलू विवाद बड़ा भयानक रहा होगा। सप्तम में शनि-मंगल दोनों की दृष्टि है अत: बहुत सम्भव है कि इन पति पत्नी में मारपीट तक हुई होगी लेकिन मौत की वजह आत्महत्या होनी चाहिए।

अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कुछ भी आए, क्योंकि कई बार रिपोर्ट सही नहीं आती लेकिन ज्योतिष शास्त्र तो यही संकेत कर रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की है और इसके लिए उन्होंने दवाओं को माध्यम बनाया। यही अनुमान सामने आ रहा है बाकी तो सच्चाई क्या है, यह तो ईश्वर को ही पता है।
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क्या आपके दामाद आपके लिए मददगार होंगे ?

आजकल शादियों में कुंडली मिलान की एक नयी प्रथा चल पड़ी है, लोग सिर्फ यह नहीं देखते की पति पत्नी का आपस में सम्बन्ध कैसा होगा , बल्कि बाकी परिवार के साथ भी उनका व्यवहार भी देखा जाता है। इस लेख में हमने सास ससुर और दामाद की कुंडली की तुलना की है।


आजकल शादियों में कुंडली मिलान में नयी प्रथा चल पड़ी है, लोग सिर्फ यह नहीं देखते की होने वाली बहू की पटरी पति के साथ बैठेगी या नहीं बल्कि बाकी परिवार के साथ कैसा सम्बन्ध रहेगा यह भी देखा जाता है। साथ ही आजकल तलाक की खबरें भी जेब कटने जैसी आम हो चली हैं। या तो वर्तमान कुंडली मिलान में कोई बड़ी गड़बड़ है या ज्योतिषियों में अब उतनी अंतर्दृष्टि नहीं रह गयी है।या फिर इश्वर ने समस्त पापियों को इसी शताब्दी में धरती पर भेज दिया है जिससे वे अपने पूर्व जन्मों के कर्मों का फल भोग सकें। दुखी वैवाहिक जीवन से बड़ी सजा आज के समय में कुछ नहीं होती है।

फिर भी लगभग हर हिन्दू घर में और अन्य धर्मों में भी आजकल बिना कुंडली मिलाये शादी नहीं करी जाती। इसका एक कारण बढ़ते हुई तलाक के मामले भी हैं जो सभी धर्मों में बढ़ रहे हैं। आज के समय में पति के अपने ससुराल वालों से पत्नी के अपने ससुराल वालों से सम्बन्ध भी तलाक का एक कारण बनते जा रहे हैं। आमतौर पर पुरुष अपने ससुराल पक्ष को अधिक तवज्जो नहीं देते और स्त्रियाँ भी यही कर रही हैं। हमारी पर्दा या घूंघट की प्रथा लुप्त ही हो गयी है और बड़ो की इच्छा और आज्ञा मज़ाक का विषय बन गयी है। पारिवारिक मूल्यों की इस अवनति का कारण हमारी संस्कृति का पश्चिमीकरण और आधुनिकीकरण है जिसका ख़ामियाज़ा कई परिवार अदालत में भुगत रहे हैं। बिना सर पैर के पारिवारिक धारावाहिक इनकी बड़ी वजह है। टेलीविज़न और मोबाइल फोंस ने हमारी संस्कृति का इतना बेड़ा गर्क करा है की सोचा भी नहीं जा सकता। 

हमारे गाँव और छोटे शहरों में आज भी हमारी संस्कृति जीवित है, वहां जीवन खुशहाल है और लोगों को एक दूसरे से सामाजिक और मानसिक सरोकार भी है। यही कारण है की गाँव की अपेक्षा शहरों में तलाक के मसले अत्यधिक दिखाई देते हैं। जीवन प्यार सहचार और मिलकर जीने का नाम है न की अहंकार और दिखावे के साथ। ऐसा नहीं है की स्त्री वर्ग एकदम से कामकाजी हो गया है बल्कि आजादी से पूर्व भी स्त्री नौकरी करा करती थी मगर तब वह अपनी और दोनों परिवारों की मर्यादा को साथ लेकर चलती थी। आज दृष्टिकोण में परिवर्तन हो गया है और परिणाम हम रोज़ ही अखबारों में पढ़ते हैं। 

इस विषय पर गुरूजी श्री कृष्णामूर्ति जी ने अपना मत दिया है किन्तु उन्होंने सास ससुर की कुंडली और दामाद की कुंडली की तुलना की है। आज के समय में कोई भी व्यक्ति सारे परिवार की कुंडली लेके ज्योतिषी के पास नहीं जाता। अतः कुछ तो ऐसा स्त्री की पत्रिका में होना चहिये जिससे की यह निर्धारण हो सके की उसके पति का उसके माता पिता से कैसा सम्बन्ध रहेगा। 

सप्तम भाव पति का भाव होता है और नवम पिता का। चतुर्थ भाव माता का है। नवम भाव भाग्य स्थान भी है और पंचम नवम का नवम होने से पूर्व पुण्य का भाव है। अंततः भाग्य और पूर्व पुण्य ही व्यक्ति के वर्तमान जीवन का करक होते हैं। भाग्य को नहीं बदला जा सकता। इन्हीं भावों के बीच के सम्बन्ध में ही कहीं इस प्रश्न का हल छुपा है। 

ग्रहों की दशा के अनुसार व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आते जाते हैं और उसका व्यवहार भी इन्हीं के वश में होता है। यही कारण है की अच्छे मित्र भी कटु शत्रु बन जाते हैं और शत्रुओं से भी मित्रता हो जाती है। परिवार में भी ऐसा ही होता है, लोगों के अंतरसंबंध बदलते रहते हैं।

पंचम भाव नवम का नवम है और सप्तम नवम का ग्यारहवाँ, लग्न नवम का पंचम स्थान है। कुछ कुंडलियों का अध्ययन करके देखते हैं की ये क्या दर्शा रही हैं, इनमें से दो कुण्डलियाँ दो सगी बहनों की हैं जिनके पति का व्यवहार ठीक विपरीत है उनके परिवार के प्रति :

1) 13-11-1974, 6:15 (अशोकनगर, म.प्र.)


2) 7 -2 - 1973, 9:15 (अटर्रा, उ.प्र.)


3) 25-11-1954, 4:30 (हैदराबाद, आन्ध्र प्रदेश)


4) 4 -1- 1975, 9:05 (इटारसी, म.प्र.)


1) प्रथम पत्रिका के पति का शुरू से उसके घर वालों से वैमनस्य रहा और दोनों अब अलग भी हो चुके हैं।तलाक होना बाकी है।सप्तम और नवम का उपनक्षत्र स्वामी शनि है जो की बुध के उपनक्षत्र में है।बुध द्व्दाश भाव में है जो की पंचम का अष्टम भाव है और नवम का चतुर्थ भाव। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है की इस स्त्री के पति के उसके ससुराल पक्ष से सम्बन्ध ठीक नहीं रहेंगे। दोनों की महादशा भी शनि की चल रही है। पंचम का उपनक्षत्र स्वामी शुक्र है जो की अत्यधिक पीड़ित है।

2) दूसरी पत्रिका में पंचम का उपनक्षत्र स्वामी शनि है जो की केतु के उपनक्षत्र में है और केतु चतुर्थ भाव में है। तृतीय भाव पंचम का ग्यारहवाँ भाव होता है। नवम का उपनक्षत्र स्वामी गुरु है जो की शनि के उपनक्षत्र में है और तृतीय भाव में है। इस स्त्री का पति ससुराल पक्ष की हर बात को शिरोधार्य करता है। शनि साथ में तृतीय का उपनक्षत्र स्वामी भी है।

3) तीसरी पत्रिका में पंचम का उपनक्ष्त्र स्वामी बुध है जो शनि के उपनक्षत्र में है और लग्न में विराजमान है। लग्न नवम का पंचम भाव है। इस जातक के अपने ससुराल पक्ष से बहुत मित्रवत सम्बन्ध हैं जो की शादी के शुरू से चले आ रहे हैं। नवम का उपनक्षत्र स्वामी शनि है जो की गुरु के उपनक्षत्र में नवम भाव में ही विराजमान है। जातक के पति की दशा भी शनि की चल रही है। शनि नवम भाव का बहुत अच्छा कार्येष ग्रह है।

4) चतुर्थ कुंडली में पंचम का उपनक्षत्र स्वामी शनि है अपने ही उपनक्षत्र में पंचम भाव में है। इस स्त्री का पति अत्यधिक आज्ञाकारी तथा मित्रवत है अपने ससुराल पक्ष से। इसके पति की अभी गुरु की महादशा चल रही है जो प्रथम भाव में है जो कि नवम का पंचम भाव होता है।

अतः हमने देखा की पंचम भाव का कार्य इस सम्बन्ध में बहुत अधिक होता है। पाठक गण अपने ऊपर भी इसका प्रयोग करके देख सकते और आप अवश्य ही २,५,९,११, भावों को कार्य करते हुई पायेंगे यदि आपके पति का आपके घरवालों से मीठा समबन्ध है और बुरा होने पर ६,८,१२ भावों को आप कार्यरत देखेंगे।

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साप्ताहिक राशिफल (20 जनवरी से 26 जनवरी 2014)

मेष:

इस सप्ताह की शुरुआत में आपकी योजनाएं सफ़ल होंगी। प्रतीक्षारत कार्यो में प्रगति होगी। आपकी सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी। आप उत्साह से भरे रहेंगे। कहीं घूमने या कोई पार्टी करने का मौका मिलेगा। घरेलू जीवन भी सुखी रहेगा। लेकिन निजी जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। नवयुवक जो भी करें उसका निरीक्षण व परीक्षण अवश्य कर लें। वाहन आदि सावधानी से चलाना होगा। अनजाने लोगों पर अधिक विश्वास करना हितकर नहीं होगा। 

वृषभ:

सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में प्रेम प्रसंग के लिए समय अनुकूल रहेगा। इस समय आप मौज मस्ती के लिए भी समय निकाल पाएंगे। लेकिन वाणी पर संयम रखना बहुत जरूरी होगा। हालांकि सप्ताह मध्य में आपकी मेहनत रंग लाएगी। सप्ताह के मध्य में आप जीवन साथी या प्रेम पात्र के साथ आनंददायी समय बिताएंगे लेकिन सप्ताहांत में कुछ विवादास्पद घटनाक्रम सामने आ सकते हैं। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय ठीक रहेगा।

मिथुन: 

सप्ताह का प्रथम भाग आपके लिए कुछ चिंताएँ देने वाला रह सकता है। लेकिन इनमें से अधिकांश चिंताएँ व्यर्थ ही रहेंगी। फिर भी ऐसा कोई काम न करें जिससे आपकी प्रतिष्ठा पर आँच आए। स्वयं की प्रशंसा करने से भी बचें। सप्ताह का मध्य और अंतिम भाग आपके लिए बेहतर रहेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। कठिनाइयों पर आप आसानी से विजय प्राप्त कर पाएंगे। अनावश्यक ख़र्चों पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी होगा अन्यथा बजट बिगड़ सकता है।

कर्क: 

इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। किसी महत्वपूर्ण योजना पर धन का व्यय हो सकता है। कलात्मक कार्यों के प्रति विशेष रूचि बनी रहेगी। छोटी दूरी की यात्राएँ भी इस अवधि में आप कर सकते हैं। लेकिन अधीनस्थ लोगों या छोटे भाई बहनों से विवाद करने से बचना होगा। सहयोगियों का आभार प्रकट करने से उनके मनोबल में इज़ाफा होगा। सप्ताह के मध्य भाग में आपको कुछ घरेलू चिंताएँ रह सकती हैं। अथवा आप माता पिता को लेकर कुछ चिंतन कर सकते हैं। धन का व्यय बढ़ सकता है। लेकिन सप्ताहांत आपके लिए बेहतर परिणाम लिए हुए है। 

सिंह:

यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। इस समय आप बचत करने को लेकर चिंतित रह सकते हैं। आपको-अपने निकटतम प्रतिद्वंदियों से सावधनी बनाए रखनी होगी। इस समय आप किसी मित्र की आर्थिक मदद कर सकते हैं। प्रेम प्रसंग और निजी जीवन के लिए समय अच्छा है। ख़रीददारी के लिए समय शुभ है। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा, किसी के प्रति वफ़ादारी करने से मानसिक उर्जा में वृद्धि होगी लेकिन मन में कुछ चिंताएं रह सकती हैं। सप्ताहांत में लाभदायक यात्राएँ हो सकती हैं। 

कन्या: 

यह सप्ताह आपके लिए सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा लेकिन कोर्इ ऐसा कार्य न करें जिससे आपके परिवार की प्रतिष्ठा को आँच आए। आप सुख सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे। कामों सफलता मिलेगी। मनोरंजन करने के अवसर प्राप्त होंगे लेकिन क्रोध पर संयम रखना जरूरी होगा। सप्ताह मे मध्य भाग में सब प्रकार से अनुकूल परिणाम मिलेंगे लेकिन अप्रिय सम्भाषण से आपको बचना होगा। सप्ताह के अंतिम दिनों में आप फ़िल्म देखने जा सकते हैं लेकिन आप खुलकर फ़िल्म का आनंद नहीं ले पायेंगे।

तुला:

सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा। इस सप्ताह आप-अपनी आवश्यकताओं पर लगाम लगाएँ तभी जीवन की गाड़ी चल पाएगी। कुछ ख़र्चे बेवजह हो सकते हैं जिससे मानसिक खिन्नता रह सकती है। इस समय नींद में भी कुछ व्यवधान रह सकता है। सप्ताह के मध्य में शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे। धन की स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर होगी। जीवन साथी से तारतम्य अच्छा बना रहेगा। सप्ताहांत में आपको मनोरंजन का मौका मिलेगा व सामाजिक संबंधों में बढ़ोत्तरी होगी।

वृश्चिक: 

सप्ताह के शुरुआत में आपकी मेहनत का फ़ल मिलने वाला है लेकिन इस समय किसी के लालच में न आएँ अन्यथा आपकी योग्यताओं का दुरुपयोग हो सकता है। अगर किसी ने आपके कामों में सहयोग किया है तो उसे धन्यवाद करना न भूलें। कार्य योजनाओं पर शीघ्र निर्णय लेना भी उचित नहीं होगा। सप्ताह मध्य में किसी भी यात्रा को करने से पहले उससे होने वाले फ़ायदे और नुकसान के बारे में जाँच ज़रूर कर लें। महिलओं की मानसिक उर्जा में वृद्धि होगी। परिस्थितियां आपके पक्ष में होंगी। लेकिन सप्ताहांत में सावधानी अपेक्षित होगी।

धनु:

सप्ताह की शुरूआत आपके लिए शुभ है। रुके हुये कार्यो में प्रगति होगी। आशावादी विचार उत्पन्न होंगे। आर्थिक मामलों के लिहाज से भी सप्ताह शुभ हैं। इस समय आप धर्म या समाज से जुड़ा कोई कार्य कर सकते हैं। सप्ताह के मध्य भाग में आपके कार्यों को प्रशंसा मिलेगी। आपके काम सफ़ल होंगे लेकिन नये संबंधों में जल्दबाज़ी न करें। सप्ताहांत में लाभ की प्रबल संभावनाएँ हैं। यह सप्ताह प्रेम प्रसंग और निजी जीवन के लिए भी बहुत अनुकूल है। लेकिन लापरवाही की स्थिति में कुछ लोगों के निजी संबंधों में दरार की स्थिति उत्पन्न होने के आसार नजर आ रहें है।

मकर:

सप्ताह की शुरुआत आपके लिए कुछ खराब रह सकती है। आप अपने-आपको शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस करेंगे। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। खान पान पर संयम रखकर आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख सकते हैं। सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। आए हुये धन का आगे बढ़कर सत्कार करें अन्यथा अवसरों का इंतज़ार ही करना पड़ेगा। इस समय आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। कामों में सफ़लता मिलेगी। सप्ताहांत में लाभ के अवसर मजबूत होंगे। लेकिन पूरे सप्ताह वाणी पर नियंत्रण जरूरी होगा। मित्रों की भावनाओं का भी खयाल रखें। 

कुम्भ:

यह सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। किसी पुरानी बात को लेकर सहयोगियों से बहस हो सकती है । किसी नज़दीकी व्यक्ति से पीड़ा मिल सकती है। अत: सावधानी से काम लेकर विवादों को टालें। नये संबंधों के प्रति सकारात्मक सोच रखना लाभकारी रहेगा। निजी जीवन में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। कभी आप निजी संबंधों को लेकर बहुत भावुक हो जाएंगे तो कभी बहुत कठोर। सप्ताह मध्य में जहां तक हो सके अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। वाहन की गति पर नियंत्रण बनाये रखें खान पान पर भी संयम रखें। सप्ताहांत बेहतर परिणाम देने वाला रहेगा। 

मीन: 

सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। आपके द्वारा कुछ ऐसे कार्य होंगे जिसकी वजह से लोग आपकी प्रशंसा करेंगे लेकिन परिवार में किसी बुज़ुर्ग को शारीरिक कष्ट हो सकता है। सप्ताह के मध्य में साझेदारी या महिलाओं को लेकर थोड़ी सी सावधानी जरूरी होगी। महिलायें अपने कार्यो के प्रति विशेष सावधनी बरतें अन्यथा विरोधी अहित करने का प्रयास कर सकते हैं फ़िर भी चीज़ें नियंत्रण में ही रहेंगी। लेकिन सप्ताह के अंतिम दिनों में न केवल स्वास्थ्य का खयाल रखना होगा बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में बड़े ही संयम से काम लेना होगा।

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क्या वाकई अपने मुद्दों से भटक रही है “आप”?

आम आदमी पार्टी ने कुछ ही समय पहले राजनीति में कदम रखा और देखते ही देखते राजधानी में अपनी सरकार बनाई। परन्तु आम आदमी पार्टी के ऊपर ड्रामेबाजी करने के आरोप लग रहे हैं। आइए, ज्योतिष के माध्यम से देखते हैं कि कैसा रहेगा लोकसभा चुनाव में इनका प्रदर्शन…

Arvind Kejriwal

शायद दुनिया के इतिहास में ऐसा पहले कभी हुआ हो कि कुछ महीने पहले एक पार्टी का गठन होता है। वह पार्टी न केवल किसी प्रदेश वह भी देश की राजधानी में, अपनी सरकार बना लेती है बल्कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लगभग पूरे देश में पार्टी के कार्यालय खुल जाते हैं। यानी जिस तरह कांग्रेस भारत देश की सबसे बड़ी पार्टी है ठीक उतनी ही पहुंच आम आदमी पार्टी की बनती जा रही है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।



ज्योतिष की माने तो चमत्कार करने में शनि और राहु के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। ये ग्रह न केवल बहुत बड़ा बनाते है बल्कि बहुत बुरा भी बनाते हैं। ज्योतिष में कहा गया है कि जब शनि ग्रह उच्चावस्था में होता है तो विद्रोह या बगावत की आग जरूर फैलती है। जिस समय आम आदमी पार्टी का गठन हुआ उस समय मकर लग्न और मेष राशि थी। यानी चर राशियों का पूर्ण प्रभाव था। इतना ही नहीं कर्म स्थान पर तुला (चर) राशि में शनि बुध और शुक्र स्थित हैं। अत: पार्टी की गति में तीव्रता आनी स्वाभाविक है, जो कि आई भी। पार्टी ने बड़ी तीव्र गति से तरक्की भी है।

पार्टी के ऊपर ड्रामेबाजी करने के आरोप लग रहे हैं। लोग कहते हैं कि दिल्ली में काबिज पार्टी के मंत्री किसी भी मिशन पर निकलने से पहले मीडिया को बुलाना नहीं भूलते। हर ऐसा काम करने से नहीं चूकते जिसमें पब्लिसिटी मिलती हो। ये आरोप सही हैं या गलत आइए इसे “आप” की कुण्डली के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं।

फ़िल्म इंडस्ट्री और ड्रामा कम्पनियों में काम करने वाले लोगों की कुण्डलियों में दो ग्रहों का प्रभाव अवश्य देखा गया है, पहला बुध ग्रह का और दूसरा शुक्र का। यह प्रभाव या तो लग्न पर देखा गया है या फ़िर दशम भाव पर। पंचम भाव पर भी इन ग्रहों का प्रभाव देखा गया है। आइए देखते हैं कि क्या “आप” की कुण्डली में यह योग है?

मकर लग्न की कुण्डली में दशम भाव में बुध और शुक्र की युति है। यह युति लग्नेश शनि के साथ भी हो रही है। इतना ही नहीं इस युति में पंचमेश शुक्र भी शामिल है। यानी बुध और शुक्र का प्रभाव न केवल कर्म स्थान पर है बल्कि लग्न, पंचम और चतुर्थ भाव पर है। तो भाई कुण्डली तो यही इशारा कर रही है कि लोगों के आरोप सही है।

जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि उच्चावस्था का शनि विद्रोह उत्पन्न करवाता है और जनवरी 2013 से शनि को राहु का साथ भी मिल गया। यही वो समय था जब से जनता उस पार्टी का समर्थन करने लगी जो परम्बरा तोड़ने की बात कर रही थी। चाहे वह भष्टाचार परम्परा को तोड़ने की बात रही हो या कोई अन्य सरकारी नियम तोड़ने की परम्परा रही हो जैसे कि बिजली-पानी के बिल न चुकाने आदि का मामला रहा हो। शनि और राहु की यह युति जुलाई 2014 तक तो बनी ही हुई है। यानी यह युति परम्परा तोड़ने में सहायक है। जैसा कि आरोप लग रहे हैं कि “आप” और “कांग्रेस” में सांट-गांठ हो गई है, यदि यह आरोप है तो इसका मतलब ये कि “आप” भी परंपरावादी हो गई है। यदि यह सच है तो जिस गति से पार्टी का उदय हुआ है उसी गति से पार्टी अधोगति को प्राप्त हो सकती है लेकिन यदि यह आरोप गलत है तो पार्टी इसी अवधि यानी जुलाई या नवम्बर से पहले पहले बड़ी संख्या में अपनी विजय पताका लहराएगी।

यह फलादेश मैं किसी पार्टी से आत्मीयता वश नहीं कर रहा हूं बल्कि साफ़-साफ़ बता रहा हूं कि यदि आम आदमी पार्टी परम्परा से हट कर काम कर रही है तो जनता के कारक ग्रह शनि और संचार के कारक ग्रह राहु की युति इन्हें बहुत बड़ी सफलता देने वाली है ये लोकसभा चुनावों में एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं लेकिन इसके विपरीत यदि परम्परावादी हो जाते हैं या भ्रष्ट लोगों के साथ हो जाते हैं तो जनता इन्हें पूरी तरह नकार देगी।


आइए अब इनके शपथग्रहण के समय की कुण्डली पर बात कर लें अरविंद केजरीवाल जी के शपथ ग्रहण करते समय मीन लग्न, तुला राशि और कन्या का नवांश था। द्विस्वभाव लग्न, चर राशि और द्विस्वभाव नवांश, यानी कहीं से भी स्थिरता दृष्टिगोचर नहीं हो रही है। लग्नेश वक्री होने के साथ ही द्विस्वभाव राशि में है यानी यहां से भी स्थिरता नजर नहीं आ रही है।

यहां लग्न, चतुर्थ और दशम भाव पर विशेष विचार करना जरूरी है। लग्नेश वक्री है यानी पार्टी कमजोर है, लग्नेश चतुर्थ भाव में अपने अतिशत्रु बुध की राशि में है, यानी पार्टी ने अपने शत्रु से सांठ-गांठ या समर्थन लिया। यानी सरकार में बुध की बड़ी अहमियत होगी। तीसरा भाव भी सपोर्ट का भाव है वहां का स्वामी शुक्र लाभ भाव में है यानी यानी सरकार में शुक्र की भी बड़ी अहमियत होगी। 

वर्तमान में इन्हीं दो ग्रहों का गोचर बदल गया है। शपथ के समय जो बुध लग्नेश गुरु और बाह्य या जन समर्थन के भाव (चतुर्थ) पर प्रभाव डाल रहा था वह अब बदल गया है यानी चतुर्थ से उसकी दृष्टि हट गई है। साथ ही चतुर्थेश अपने से अष्टम भाव में चला गया है अत: सरकार अपने मुद्दों और लक्ष्य से भटक रही है। इन्हीं गोचर के कारण बहुत सम्भव है कि कई कांग्रेसी समर्थक अब उन्हें समर्थन देते रहने के मूड में नहीं हैं। तृतीय भाव भी सपोर्ट का भाव है जो विशेषकर अपनो के समर्थन का इशारा करता है। वहां का स्वामी शुक्र वक्री होकर दशम भाव में वापस आ गया है यानी अपने से अष्टम भाव में आ गया है। यानी अब अपने सगे सपोर्टर भी साथ छोड़ सकते हैं। पूरे जनवरी के महीने शुक्र वक्री है तब तक इनकी आंतरिक कलह जोरों पर रहेंगी। इसके बाद चीजे व्यवस्थित होना शुरु हो जाएंगी। लेकिन कुछ सपोर्टर फरवरी के अंत तक या फ़िर मार्च के महीने तक विपक्षियों से मिल सकते हैं। इनके लिए राहत देने वाली बात यह रहेगी कि मार्च के महीने में कुछ ऐसी रिपोर्ट्स आ सकती है जिससे “आप” काअ पक्ष थोड़ा सा मजबूत होगा। यानी बुध और शुक्र ग्रह जो इनके अंदर लोगों को मोहने की क्षमता देते हैं उन्हें यदि प्रसन्न नहीं रखते तो आने वाले समय में इन्हें बड़ा नुकसान हो सकता साथ ही अपनी वही बात फ़िर से दोहराना चाहूंगा कि यदि ये सच्चाई, ईमानदारी और पारदशिता का साथ देते हुए परम्परा से हट कर काम करते रहेंगे तो शनि और राहु की कृपा इन पर बनी रहेगी और ये एक बड़ा इतिहास रच सकते हैं अन्यथा जिन ग्रहों ने इन्हें बनाया है वो अपना आशिर्वाद वापस ले सकते हैं। कुल मिलाकर यह लोकसभा चुनाव बड़ा ही अप्रत्यासित परिणाम देने वाला रह सकता है।


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आम आदमी पार्टी का भविष्य

आम आदमी पार्टी का भविष्य कैसा होगा, यह कोई नहीं जानता। लेकिन सब जानना ज़रूर चाहते हैं। हमारे ज्योतिषी आचार्य रमन ने इस विषय पर प्रकाश डालने की कोशिश की है। आईए देखते हैं क्या है आम आदमी पार्टी का भविष्य।

Arvind Kejriwal

वर्तमान समय में जनांदोलन से पैदा हुई आम आदमी पार्टी रोज़ सुर्ख़ियों में आ रही है - कभी अच्छे तो कभी बुरे प्रकरणों को लेकर। यह दल एक झटका है सभी बड़े दलों के लिए। कई राज्यों की सरकारें भयभीत हो रही हैं आने वाले भविष्य से। लोगों को भी इनसे बहुत आशा और अपेक्षाएँ हैं। मुख्य विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कांग्रेस अपनी नयी छवि बनाने में लगी हुई है।

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कुछ लोगों का आरोप यह भी है कि कांग्रेस की बुराई कर सत्ता में आने वाली यही आम आदमी पार्टी कांग्रेस के समर्थन से सरकार चला रही है। विरोधियों का तो यहां तक कहना है कि इस दल ने इनके गुरु अन्ना हजारे की सीख को भी दरकिनार कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था की अभी दिल्ली पर ही ध्यान रखो लोक सभा पर नहीं। यदि विरोधियों की बात न करें तब भी कभी-कभी आम आदमी पार्टी के नेता अपने बयान के कारण कठिनाई में पड़ जाते हैं जैसे कि प्रशांत भूषण के कश्मीर के मसले पर विवादित बयान। इन स्थितियों को मद्देनज़र रखते हुए कई लोग पूछते हैं की इस पार्टी का क्या भविष्य है और कब तक यह कार्य ठीक से कर सकेगी।

अष्टम भाव आयुष्य का मुख्य भाव है। लग्न का उपनक्षत्र व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी देता है। स्थिर लग्न के लिए नवम भाव बाधक होता है और नवमेश बाधकाधिपति। द्वितीय और सप्तम मारक स्थान होते हैं।

Arvind Kejriwal

इस कुंडली में लग्न का उपनक्षत्र स्वामी सप्तम भाव में है और षष्ठेश चंद्रमा के नक्षत्र में है। चन्द्रमा पाप प्रभाव में है जो ठीक नहीं है। गुरु और सूर्य मारकेश हैं और शुक्र बधाकेश। सूर्य और शुक्र लाभ में बैठे हैं और गुरु पंचम में है। सूर्य शुक्र के नक्षत्र में है और शुक्र सूर्य के नक्षत्र में। शनि और गुरु दोनों ही गुरु के नक्षत्र मैं हैं और बुध सूर्य के नक्षत्र में। राहु और शनि अष्टम भाव में है और शुक्र की राशी में हैं। अतः राहु भी बाधकेश का कार्य करेगा।

केतु की महादशा ३१-१२-२०१५ तक है, उसके बाद शुक्र और फिर सूर्य की महादशा शुरू होगी। अतः इस दल को केतु के बाद बाधक और मारक ग्रहों की दशा मिलेगी। राहु अपने ही नक्षत्र में है और बुध के नक्षत्र में कोई गृह नहीं है। लग्न पर गुरु की दृष्टि तो है मगर गुरु वक्री है। शुक्र भी वक्री है। अत: यह कुंडली अल्पायु से मध्यायु का संकेत देती है। कोई दल एक व्यक्ति नहीं होता जिसकी मृत्यु की तारीख़ देखी जा सके, किन्तु हम यह अवश्य देख सकते हैं की किस समय से यह दल निष्क्रिय हो सकता है; वहीं एक तरह से दल का अवसान होता है।

लग्न के उपनक्षत्र स्वामी का सप्तम भाव में होना और छठे भाव के स्वामी के नक्षत्र में होना कहीं न कहीं संकट तो दर्शाता है। अत: आगे चलकर इस दल की राहें कठिन होने वाली हैं।

केतु की महादशा भी बड़ी कठिनाइयों का संकेत कर रही है। उसके बाद शुक्र की महादशा आएगी जो कि बाधकाधिपति है और लाभ स्थान में स्थित है। राहु का अंतर १-३-२०२६ में समाप्त होगा और उसका प्रत्यंतर १३-८-२०२३ तक रहेगा। २०२३ से २०२६ के बीच का समय इस दल के लिए अनुकूल नहीं रहेगा। उस अवधि में दल विलोपन की स्थिति में जा सकता है।

इस वर्ष भारत में लोकसभा के चुनाव हैं और इस दल का अभी केतु की महादशा में शनि का अंतर चल रहा है जो ३-१-२०१५ तक रहेगा। शनि पंचम और अष्टम भाव को बहुत स्पष्ट रूप से दर्शाता है। अतः ये दशाएं इन्हें उम्मीद के अनुरूप परिणाम देने में समर्थ नहीं होंगी। शनि लग्नेश होने के साथ द्वादश भाव का भी प्रदर्शक है। अतः कुछ अंदरूनी मतभेदों के कारण पार्टी अधिक लाभ पाने से वंचित रह सकती है।

आचार्य रमन

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2 मिनट ज्योतिष कोर्स: कुण्‍डली (भाग ६)

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आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं I आज का विषय है ‘कुण्‍डली’I

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं- 



ग्रहों के बारे में जान लिया और राशि के बारे में जान लिया। अब जानते हैं कुण्‍डली के बारे में। कुण्‍डली का खाका इस प्रकार है।

थोड़ी देर इस खाके में लिखे हुए नम्‍बरों को भूल जाते हैं। यह जो उपर का बड़ा चौकौर हिस्‍सा है, इसे लग्‍न कहते हैं। लग्‍न को पहला भाव भी कहते हैं और यहीं से भाव की गणना की जाती है। समझने के लिए ग्राफिक्‍स में देखें यानि कि यह पहला भाव, यह दूसरा भाव, यह तीसरा भाव और यह बारहवां भाव। कुण्‍डली में भाव कि जगह निश्चित है चाहे नम्‍बर वहां कोई भी लिखा हो। इस कुण्‍डली में शुक्र और राहु पांचवे घर में बैठे हैं। घर को भाव या खाना भी कह देते हैं। चंद्र और मंगल छठे घर में बैठै हैं, शनि, सूर्य और बुध सातवें भाव में बैठे हैं और गुरु और केतु ग्‍यारहवे भाव में बैठे हैं।

नम्‍बर बताता हैं राशि को और राशि से पता चलता है उस भाव का स्‍वामी। इस कुण्‍डली में हम कह सकते हैं कि लग्‍न में ग्‍यारहवीं राशि यानि कि कुंभ राशि है। इसे इस तरह भी कहते हैं कि इस व्‍यक्ति का कुंभ लग्‍न है। याद है न कि ग्‍यारहवीं राशि कुंभ राशि है।

इस नम्‍बर से भावेश यानि भाव के स्‍वामी का पता चलता है। इस कुण्‍डली में लग्‍न में 11 लिखा है। हम जानते हैं कि 11वीं राशि कुंभ होती है। हम यह भी जानते हैं कि 11वीं राशि का स्‍वामी शनि होता है। इसलिए हम यह कहेंगे कि लग्‍न यानि कि पहले भाव का स्‍वामी शनि है। इसी तरह दूसरे भाव में 12 लिखे होने की वजह से दूसरे भाव का स्‍वामी गुरु है।

राशियों के स्‍वामी निश्चित हैं और भाव के स्‍वामी हर कुण्‍डली के हिसाब से बदलते रहते हैं।

इस वीडियो में इतना ही। नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे

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साप्ताहिक राशिफल (13 जनवरी से 19 जनवरी 2014)

मेष: यह सप्ताह आपके लिए मिला जुला रहेगा, लेकिन इस समय आपको एक बात का खास खयाल रखना होगा कि आप जो भी बोलें बहुत सोच समझ कर बोलें। यद्यपि आमदनी निरंतर बनी हुई है लेकिन ख़र्चों पर नियंत्रण कर सकें तो आपके लिए अच्छा रहेगा। इस समय आप कोई ख़रीददारी कर सकते हैं। बहुत संभव है कि यह ख़रीददारी आप ऑनलाइन करें। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा, लेकिन मन में कुछ चिंताएं रह सकती हैं। सप्ताहांत में लाभदायक यात्राएँ हो सकती हैं।

वृषभ: यह सप्ताह आपके लिए सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। कामों में सफलता मिलेगी। आप सुख सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे। इस समय अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर ही आप खान पान करना उचित होगा। सप्ताह के मध्य भाग सब प्रकार से अनुकूल परिणाम मिलेंगे। सप्ताह के अंतिम दिनों में आप कहीं मनोरंजन करने जा सकते हैं।

मिथुन: सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा लेकिन सप्ताह के शुरुआती दिनों में आप जज़बाती होकर कोई ख़र्चा न करें अन्यथा मानसिक खिन्नता रह सकती है। लेकिन सप्ताह के मध्य में आपको कुछ शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे। वहीं सप्ताहांत में आप आत्मविश्वास से भरे रहेंगे और आप एक मनोरंजक फ़िल्म या नाटक देखने जा सकते हैं।

कर्क: सप्ताह के शुरुआत में लाभ की सम्भावनाएँ मज़बूत रहेंगी। आपकी मेहनत का फल मिलेगा। आप अपने किसी अज़ीज़ को कोई उपहार देना चाहेंगे। लेकिन सप्ताह के मध्य में बेवजह के ख़र्चों और यात्राओं से बचें। सप्ताहांत में परिस्थितियां आपके पक्ष में होगी फ़िर भी संयम से काम लेने की आवश्यकता रहेगी।

सिंह: सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। आपको अधिकांश कार्यों में आपको सफ़लता मिलेगी। लोग आपके कामों की प्रशंसा करेंगे। वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। सप्ताह के मध्य में हर मामले में थोड़ी सी सावधानी जरूरी होगी। हालांकि सप्ताहांत आते आते परिस्थितियां नियंत्रण में होंगी।

कन्या: सप्ताह की शुरूआत आपके लिए शुभ है। इस समय आप धर्म या समाज के लिए समय निकालेंगे। रुपए पैसों के लिहाज से भी समय शुभ हैं। सप्ताह के मध्य भाग में लोग आपका फ़ेवर करेंगे और आपके काम सफ़ल होंगे। लेकिन सप्ताहांत में कुछ अनावश्यक ख़र्चे सामने आ सकते हैं। अत: सावधानी रखें।

तुला: सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं रहेगी। इस समय आपके कम्प्यूटर या लैपटॉप में कुछ ख़राबी आ सकती है। उचित खान पान करें अन्यथा स्वास्थ्य खराब हो सकता है। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए काफ़ी अनुकूल रहेगा। आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। कामों में सफ़लता मिलेगी। सप्ताहांत में लाभ के अवसर मजबूत होंगे।

वृश्चिक: यह सप्ताह आपको मिले जुले फल देने वाला रहेगा। इस समय आपकी लव लाइफ़ या फ़िर मैरिड लाइफ़ में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। यदि अपने प्रेम पात्र के साथ कहीं घूमने फिरने का मौका मिले तो ज़रूर जाएं। सप्ताह का मध्य भाग अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा। मामलों में सुधार होगा जबकि सप्ताहांत बहुत अच्छे परिणाम देने वाला रहेगा।

धनु: इस सप्ताह की शुरुआत में आप उत्साह से भरे रहेंगे। सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी। आपकी योजनाएं सफल होंगी। जीवन साथी या मित्रों के साथ आनंददायी समय बिताने के अवसर मिलेंगे। सप्ताह मध्य में घरेलू मामलों में सावधानी से काम लें। सप्ताहांत में मूड सही करने के लिए फ़िल्म देखना या फ़िर कोई किताब पढ़ना ठीक रहेगा।

मकर: सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा लेकिन सप्ताह की शुरुआत में आप अपनी या संतान की शिक्षा को लेकर चिंतित रह सकते हैं। हालांकि सप्ताह मध्य में आपकी मेहनत रंग लाएगी। आप जीवन साथी या प्रेम पात्र के साथ आनंददायी समय बिताएंगे। लेकिन सप्ताहांत में कुछ विवादास्पद घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।

कुम्भ: सप्ताह का प्रथम भाग आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। इस समय आप कुछ घरेलू सामान खरीदने को लेकर परेशान रह सकते हैं। आप दूसरों की मदद करने की सोच सकते हैं। सप्ताह का मध्य भाग आपके लिए काफ़ी अच्छा रहेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। वहीं सप्ताहांत भी अच्छा रहेगा। पार्टनर के साथ आनंददायी समय बीतेगा।

मीन: इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। इस समय आप अपने स्वास्थ को बेहतर बनाने को लेकर चिंतन करेंगे। वहीं सप्ताह के मध्य भाग में आप घर गृहस्थी को लेकर चिंतित रह सकते हैं। लेकिन सप्ताहांत आपके लिए बेहतर परिणाम लेकर आ रहा है। अपने मित्र या प्रेम पात्र के साथ बेहतर समय बिताने का मौका मिल सकता है।

पं. हनुमान मिश्रा
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2 मिनट ज्योतिष कोर्स: राशि चक्र (भाग ५)

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आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं I आज का विषय है ‘राशि चक्र’I 

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ज्‍योतिष के 2 मिनट कोर्स में फिर से आपका स्‍वागत है। जन्‍म समय पर जन्‍म स्‍थान से अगर आकाश को देखें तो उस समय की ग्रह स्थिति को कुण्‍डली कहते हैं। पृथ्‍वी से देखने से ग्रह एक गोले में घूमते हुए से प्रतीत होते हैं इस गोले को राशिचक्र कहते हैं। इस राशिचक्र को अगर बारह बराबर भागों में बांटा जाये, तो हर एक भाग को एक राशि कहते हैं। इन बारह राशियों के नाम हैं- 1 मेष, 2 वृषभ, 3 मिथुन, 4 कर्क, 5 सिंह, 6 कन्‍या, 7 तुला, 8 वृश्चिक, 9 धनु, 10 मकर, 11 कुंभ और 12 मीन। राशियों का क्रम याद रखना बहुत जरूरी है क्‍योंकि कुण्‍डली में राशियों नम्‍बर ही लिखे जाते हैं।

एक गोले को गणित में 360 अंश यानि कि डिग्री में नापा जाता है। इसलिए एक राशि, जो राशिचक्र का बारहवाँ भाग है 360 भागित 12 यानि ि‍क 30 अंश की हुई। फ़िलहाल ज़्यादा गणित में जाने की बजाय बस इतना जानना काफी होगा कि हर राशि 30 अंशों की होती है।

हर राशि का मालिक निश्चित है और उसे याद रखना जरूरी है। राशि के मालिक या स्‍वामियों को जान लेते हैं।

पहली राशि मेष का स्‍वामी है मंगल। वृषभ का शुक्र, मिथुन का बुध, कर्क का चंद्र, सिंह का सूर्य, कन्‍या का फिर से बुध यानि मिथुन और कन्‍या दो राशियों का मालिक बुध, तुला का फिर से शुक्र, वृश्चिक का फिर से मंगल, धनु का गुरु, मकर और कुंभ शनि और मीन का गुरु।

सूर्य और चंद्र एक एक राशि के ही स्‍वामी होते हैं। राहु केतु किसी भी राशि के स्‍वामी नहीं हैं। बाकि के ग्रह यानि मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि दो दो राशियों के स्‍वामी होते हैं।

इस वीडियो में इतना ही। नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे
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