किसी कार्य को प्रारम्भ करने के लिये संभावित अच्छा दिन

आचार्य रमन
हम जब भी कोई काम शुरू करना चाहते हैं तो बहुधा हम कोशिश करते हैं की उसे ऐसे दिन प्रारंभ करें जिस से हमें उसका अधिकतम सकारात्मक फल प्राप्त हो। इसको मुहुर्त भी कहते हैं। मैं आप लोगों से एक नियम साझा करूंगा जिस से आप इस मुहुर्त को खुद ही प्राप्त कर पायेंगे थोड़े से अध्ययन मनन और स्वविवेक से। इसको मैंने स्वयं अपने जीवन में बहुत सफल पाया है इसलिए आप लोगों को भी बता रहा हूँ। इसका सामान्य रूप से प्रचलित मुहूर्त से कोई लेना देना नहीं है और यदि आपने प्रयास करा तो आपको कभी मुहूर्त आदि के लिए किसी पंडित जी की सेवा लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

प्रत्येक गृह को ३ नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है जो की इस प्रकार हैं:

केतु               : अश्विनी, मघा, मूल
शुक्र               : भरिणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा
सूर्य               : कृत्तिका, उत्तर फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा
चन्द्र              : रोहिणी, हस्त, श्रवण
मंगल             : मृगशिरा, चित्र, धनिष्ठा
राहू                :आर्द्रा, स्वाति, सतभिषा
गुरु                : पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद
शनि               : पुष्य, अनुराधा, उत्तरभाद्रपद
बुध                :अश्लेशा, ज्येष्ठा, रेवती

जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में हो वोही हमारा जन्म नक्षत्र होता है। चन्द्र जिस राशी में हो वोही हमारी जन्म राशी होती है। सूर्य जिस राशी में हो वोही हमारी सूर्य राशी होती है।
अब आपके जन्म नक्षत्र से गिनना शुरू कीजिये:

१) जन्म –अर्थात जिस नक्षत्र में जन्म हुआ हो
२) संपत – जन्म नक्षत्र से दूसरा नक्षत्र
३) विपत – जन्म नक्षत्र से तृतीय
४) क्षेम – चतुर्थ
५) प्रत्यारी – पंचम
६) साधक – षष्ठ
७) निधन – सप्तम
८) मित्र – अष्टम
९) परम मित्र – नवम

हिन्दू ज्योतिष पूर्ण रूप से नक्षत्र आधारित ज्योतिष है और नक्षत्र क्रम इसमें पूर्व निश्चित है जो की इस प्रकार है:

१)अश्विनी २)भरिणी ३)कृत्तिका ४)रोहिणी ५)मृगशिरा ६)आर्द्रा ७)पुनर्वसु ८)पुष्य ९)अश्लेषा
१)मघा २)पूर्वाफाल्गुनी ३)उत्तराफाल्गुनी ४)हस्त ५)चित्रा ६)स्वाति ७)विशाखा ८)अनुराधा ९)ज्येष्ठा
१)मूल २)पूर्वाषाढ़ा ३)उत्तराषाढ़ा ४)श्रवण ५)धनिष्ठा ६)सतभिषा ७)पूर्वाभाद्रपद ८)उत्तराभाद्रपद ९)रेवती

आपकी सुविधा के लिए ये तीन विभाजन कर दिए हैं जिस से आपको समझने में असुविधा ना हो।
मान लीजिये आपका जन्म ३१-८-२०१२ को ९:०१ पर हुआ है।

चन्द्रमा इस दिन कुम्भ राशी और सतभिषा नक्षत्र में था। तो आपका जन्म नक्षत्र हुआ सतभिषा। इस से दूसरा हुआ पूर्वाभाद्रपद, तीसरा - उत्तरभाद्रपद, चौथा – रेवती, पांचवा – अश्विनी, छठा – भरिणी, सातवाँ – कृतिका, आठवाँ – रोहिणी, नौवां – मृगशिरा।

जो भी गृह (१)जन्म (२)संपत (४)क्षेम (६)साधक (८)मित्र, इन नक्षत्रों में स्थित होगा यदि वह बलवान हुआ तो मध्यम फलदायी होगा यदि दुर्बल हुआ तो शुभ फल नहीं दे पायेगा। खुद में ही दम नहीं रहेगी तो आपको कैसे संभालेगा?

जो भी गृह (९)परम मित्र नक्षत्र में होते हैं वोह अति शुभ फलदायी होते हैं।
जो भी गृह (३)विपत (५)प्रत्यारी (७)निधन में होते हैं वे अशुभ फलदायी होते हैं।

संपत सबसे शुभ और निधन सबसे अशुभ होता है।

इस सिद्धांत को सावधानी पूर्वक उपयोग में लाने पर आप किसी भी कार्य को ज्योतिषीय हिसाब से सबसे अच्छे दिन शुरू कर सकते हैं। इस सिद्धांत के साथ गृह गोचर को ध्यान में अवश्य रखें।

इसका उपयोग आप किसी नए कार्य की शुरुआत करने में ,नया वाहन खरीदने में, गृह प्रवेश इत्यादि में कर सकते हैं। व्यापार के लिए बहुत उपयोगी सिद्धांत है और बहुत काम करता है।

यदि कोई गृह आपकी जन्म कुंडली में अष्टमेश भी है मगर परम मित्र नक्षत्र में है और थोडा भी शुभ प्रभाव उस पर है तो वोह आपका अहित करने की जगह शुभ फलदायी हो जाता है। और लग्नेश यदि विपत निधन आदि में है तो लग्नेश ही आपका परम शत्रु सिद्ध होता है।

यदि आपको वाहन लेना है या बैंक में किसी क़र्ज़ के लिए आवेदन देना है या नौकरी के लिए साक्षात्कार के लिए जाना है तो आप इस तालिका से आपके लिए सबसे शुभ दिन  ज्ञात कर सकते और उस दिन अपना कार्य शुरू कर सकते हैं ।किसी भी कार्य का होना न होना बहुत सारे विषयों से ताल्लुक रखता है मात्र नक्षत्र से नहीं। और वह थोडा अन्दर का विषय है। लेकिन फिर भी इन दिनों में आप प्रयास करेंगे तो आपका कार्य सफल होने की प्रायकता बहुत बढ़ जाएगी इसमें कोई संदेह नहीं है।

आजकल की अत्यधिक व्यस्त जीवन शैली में पति पत्नी के सम्बन्ध भी बहुत बार बिगड़ जाते हैं, कार्य की अधिकता या अन्य कारणों से। यदि आप दोनों अपनी जन्म पत्रिका के अनुसार शुभ नक्षत्रों में (जो दोनों के लिए सामान रूप से शुभ हों) वार्तालाप या संयोग इत्यादि करने का प्रयास करेंगे तो निश्चित ही आपके संबंधों में भी मधुरता आने की संभावना बढ़ जायेगी।

नक्षत्र के साथ महादशा अंतर, प्रत्यंतर और गृह गोचर का यदि आप सफल समावेश कर लेंगे तो शुभता और बढ़ जायेगी।

कुछ बातें मैंने इसमें से हटा दी हैं जिस से आप स्वयं प्रयास कर सकें और छूटी हुई कड़ी को पकड़ सकें।
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मासिक आर्थिक राशिफल : मार्च 2013

पंडित हनुमान मिश्रा

अर्थ यानी कि धन की जरूरत सबको रहती है। हमेशा रहती है। हर महीने रहती है। यदि आप हर महीने आपना आर्थिक बजट बना कर चलते हैं तो आपको किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या नहीं आती लेकिन यदि आपकी कमाई या खर्चे योजनाबद्ध तरीके से नहीं होंगे तो आर्थिक समस्या का आना स्वाभाविक है। क्या आप अपनी आर्थिक योजना को बनाने में परेशानी का अनुभव करते हैं? तो एस्ट्रोसेज डाट काम लाए हैं आपके लिए मासिक आर्थिक भविष्यफल जो आपके इस महीने के खर्च और आमदनी के बारे में संकेत करेगा। जिसके अनुसार आप अपनी आर्थिक योजना बना कर आर्थिक समस्याओं से बचाव कर पाएंगे।

मेष: आर्थिक भविष्य

आर्थिक मामलों के लिए यह माह मिश्रित फलदायी रहेगा। इस महीने के शुरुआती दिनों में पैसों को लेकर चिंता या परेशानी सम्भव है। लेकिन माह के दूसरे भाग में यदि आप किसी आर्थिक मुद्दे को लेकर कोई यात्रा करने की सोच रहे हैं तो उसके लिए समय उचित है। हालांकि किसी धार्मिक यात्रा या धार्मिक मामले में कुछ खर्चे होने की भी उम्मीद है। किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति के द्वारा आपको आर्थिक मदद मिल सकती है। लेकिन माता पिता के स्वास्थ्य को लेकर कुछ खर्चे भी हो सकते हैं। यदि आप आर्थिक लाभ का कोई नया मार्ग खोज रहे हैं तो आप साख अच्छी रहने के कारण आपको काम मिलेगा और आप उससे कमाई भी कर पाएंगे।

वृषभ: आर्थिक भविष्य

आर्थिक मामलों के लिए यह माह ठीक नहीं है। यदि आपने किसी को पैसे उधार दे रखे हैं तो उनके मिलने में फिलहाल अडचने आ सकती हैं। यदि किसी सम्बंधी से कोई आर्थिक लेन-देन का मामला उलझा है तो फ़िलहाल शांति से काम लें अन्यथा विवाद की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। किसी संक्षिप्त मार्ग से पैसे बनाने का विचार उचित नहीं है। यह आपको किसी परेशानी में डाल सकता है। किसी की बीमारी की वजह से भी आपका धन खर्च हो सकता है। सन्देहास्पद सौदों से बचें। किसी बुरी आदत के चलते भी आर्थिक हानि होने के योग हैं।

मिथुन: आर्थिक भविष्य

यह माह आर्थिक मामलों के लिए मिलाजुला रहेगा। माह मे पहले भाग में आप कई प्रकार के आर्थिक लाभों का आनंद लेंगे। आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ होता रहेगा। यदि आप कर्जदार हैं तो आप अपने कर्जे को चुकता कर पाएंगे। लेकिन माह का दूसरा भाग आर्थिक मामलों के लिए बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। कुछ बेवजह की यात्राएं आपके खर्चें में इजाफ़ा कर सकती हैं। पैसों के लिए की गई यात्राओं के सफल होने में कठिनाई दिख रही है। किसी बीमारी की वजह से भी खर्चे हो सकते हैं। इस समय बेवजह के खर्चों पर अंकुश लगाना जरूरी होगा।

कर्क: आर्थिक भविष्य

यह माह आपके आर्थिक पक्ष को मजबूती देने वाला सिद्ध होगा। यदि आप कर्जदार हैं और उसे चुकाना चाहते हैं तो उसके लिए यह एक अच्छा समय है। कार्य व्यवसाय के माध्यम से भी लाभ का प्रतिशत बढेगा। यदि आपको ऐसा लगता है कि कोई आपको आर्थिक नुकसान पहुंचाना चाह रहा है तो इस महीना आपका यह भय दूर हो जाएगा। आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ जरूर होगा। यदि आप बैंक से कोई लोन लेना चाह रहे हैं तो इस माह उस काम में प्रगति या सफलता की उम्मीद बन रही है। यदि किसी भी आर्थिक मुद्दे को लेकर आपके मन में कोई बेचैनी रही है तो उसके दूर होने का समय आ चुका है।

सिंह: आर्थिक भविष्य

इस माह के शुरुआत में आपकी मेहनत का क्रम जारी रहेगा लेकिन आप हार नहीं मानेंगे। यदि आपके पैसे कहीं फसें हुए हैं तो उन्हें लेकर आप चिंतित या व्याकुल न हों। जल्द ही आपकी मेहनत का फल मिलने वाला है। महीने के दूसरे भाग में आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यदि आपने कहीं से पैसे उधार ले रखे हैं तो इस समय आप उसे चुकता कर पाएंगे। नौकरी और काम धंधे में हुआ सुधार आपको आर्थिक समृद्धि देगा। आपकी तरक्की होना भी आपके आर्थिक सुधार का एक कारण हो सकता है। आपको नुकसान पहुचांने वाले शांत रहेंगे।

कन्या: आर्थिक भविष्य

यह माह आर्थिक मामलों के लिए अधिक ठीक नहीं है। माह के शुरुआती दिनों कुछ घरेलू मामलों में आपको न चाहते हुए भी धन खर्च करना पडेगा। पारिवारिक विवादों को बाहर न निकलने दें अन्यथा उनकों दूर करने के लिए आपको खर्चे करने पड सकते हैं। माह के दूसरे भाग में आपके भीतर उत्साह जागेगा और आप अपने आर्थिक पक्ष को मजबूत करना चाहेंगे लेकिन आपको अपने प्रयास में पूरी सफलता नहीं मिल पाएगी। फ़िर भी चीजें पहले से बेहतर होंगी। आप अपने चाहने वालों, प्रेमी, प्रेमिका या मित्रों के लिए भी कुछ खर्चे कर सकते हैं। अचानक हुए यात्रा भी खर्चें का एक कारण हो सकती है।

तुला: आर्थिक भविष्य

इस माह पहले पखवाडे में आपको तरह-तरह के लाभ मिलेंगे। आर्थिक मामलों को लेकर की गई यात्राएं सफल रहेंगी। आपका आत्मविश्वास और आपकी मेहनत लाभ के कुछ नए रास्ते खोलेगी। लेकिन कुछ मनोरंजक यात्राओं में धन खर्च भी हो सकता है। यदि आपने कहीं निवेश कर रखा है तो वहां से आपको शुभ समाचार मिल सकता है। माह के दूसरे भाग कुछ घरेलू मामले ऐसे आ सकते हैं जिन पर न चाहते हुए आपको धन खर्च करना पडे। इस समय कुछ खर्चे दवाओं पर भी हो सकते हैं।

वृश्चिक: आर्थिक भविष्य

इस महीने का पहला भाग आर्थिक मामलों के लिए ठीक नहीं है। अत: किसी निवेश के पूर्व भलीभांति चिंतन आवश्यक है। किसी उधारी को लेकर आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। इस महीने सूर्य का गोचर आपको आर्थिक हानि के साथ-साथ सम्पत्ति को लेकर परेशानी का भी संकेत कर रहा है। अत: धन संबंधी मामलों में काफी सचेत रहने की आवश्यकता है। घर-परिवार को लेकर कुछ खर्चे करने पड सकते हैं। लेकिन महीने के दूसरे भाग में सारी चीजें धीरे-धीरे करके आपके पक्ष में आने लगेंगी। आर्थिक लाभ के साथ-साथ सम्पत्ति लाभ के योग बनते हुए प्रतीत हो रहे हैं।

धनु: आर्थिक भविष्य

यह महीना आर्थिक मामलों के लिए मिलाजुला रहेगा। इस महीने आपका आर्थिक मामलों के प्रति धनात्मक दृष्टिकोण रहेगा और आप में जरूरत से अधिक आत्मविश्वास रहेगा। जो आपको ऐच्छिक आर्थिक लाभ कराने में सहायक होगा। यदि आप धन प्राप्ति के लिए कोई यात्रा कर रहे हैं तो उसमें आपको मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए। क्योंकि मेहनत के बाद ही धनार्जन कर पाएंगे। यदि किसी सरकारी मामले से आपको लाभ मिलने की उम्मीद दिख रही थी तो उस उम्मीद के साकार होने के दिन आ गए हैं। इस महीने सामाजिक संस्थानों को आप खुलकर दान देंगे। दवाइयों पर भी कुछ खर्चे हो सकते हैं।

मकर: आर्थिक भविष्य

यह माह आर्थिक मामलों के लिए मिला जुला रहेगा। माह के पहले भाग में आमदनी में अच्छी खासी वृद्धि होगी। कई फायदेमंद सौदों से आप जुडेंगे। आवश्यकता पडने पर स्वजनों से भी सहयोग मिलेगा। लेकिन माह के दूसरे भाग में धीरे-धीरे आर्थिक चिंताएं आप पर हावी हो जाएंगी। चाहने के बावजूद भी आप खर्चों पर नियंत्रण पाने में विफल रहेंगे। यथा सम्भव निवेश से बचें यदि बहुत जरूरी हो तो किसी भी निवेश से पहले भली-भांति विचार विमर्श जरूर करें। आर्थिक लेन देन के मामलों में रिश्तेदारों व मित्रों से विवाद न करें। सट्टेबाजी से बचें अन्यथा आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है।

कुम्भ: आर्थिक भविष्य

आर्थिक संतुष्टि के लिए यह एक उत्तम महीना रहेगा। माह के प्रथम भाग में आपने जितना परिश्रम किया है, उसका लाभ आपको जरूर मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का आर्थिक सहयोग भी आपको मिलेगा। वही माह के दूसरे भाग में यदि आपने किसी को पैसे उधार दे रखे हैं तो आपको उसकी प्राप्ति हो जाएगी। आपकी इच्छाएं व महत्वाकांक्षायें पूरी होंगी। यदि आपको किसी भी प्रकार के आर्थिक सहयोग की आवश्यकता होगी तो आपके मित्र और रिश्तेदार इस मामले में आपकी सहायता कर सकते हैं। संतान अथवा प्रेम पात्र पर कुछ खर्चे सम्भव हैं। इस समय के सौदे फायदेमंद सिद्ध होंगे। अनुबन्धों और समझौतों से आपको प्रचुर लाभ मिलेगा।

मीन: आर्थिक भविष्य

आर्थिक मामलों के लिए यह माह अच्छा रहेगा। माह के प्रथम भाग में आप अपनी योग्यता के आधार पर अच्छी कमाई कर पाएंगे। आर्थिक यात्राएं सफल रहेंगी। वहीं माह के दूसरे भाग में बहुत क्रियाशील एवम् व्यस्त रहते हुए आपने उद्यमों को सफल बनाएंगे। फलस्वरूप आप अच्छी कमाई कर पाएंगे। कोई उच्च पद पर आसीन व्यक्ति आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आपकी कर्मठता आपके लाभ के प्रतिशत को बढाने में सहायक सिद्ध होगी। इस समय में आप अपनी सारी आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पा जायेंगे। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आर्थिक मामलों के लिए यह माह आपके लिए यादगार सिद्ध होगा।

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शुक्र ग्रह का कुम्भ में गोचर

आचार्य रमन
आज शुक्र गृह कुम्भ राशि में आये हैं .शुक्र नैसर्गिक सौम्य गृह है तथा गृह सभा में ब्रहस्पति की ही तरह शुक्र तो मंत्री का दर्जा प्राप्त है .शुक्र असुरों का गुरु माना गया है .शुक्र और शनि परम मित्र हैं और इसकी ब्रहस्पति से मित्रता नहीं है .आइये देखें किस लग्न पर क्या असर हो सकता है :

१)मेष : द्वितीयेश और धनेश होकर शुक्र आपके लाभ स्थान में आ गया है .सूर्य मंगल बुध पेहले से ही आपके लाभ स्थान में चल रहे हैं .निश्चित रूप से यह एक लाभ प्रद योग बना रहा है .शुक्र अभी मंगल के ही नक्षत्र में हैं और मंगल की युति भी है .कुटुंब में तनाव की कमी होगी तथा कुछ लोगों को अपना जीवन साथी भी मिल सकता है.नयी साझेदारियां हो सकती हैं .शुक्र पर कोई भी विपरीत दृष्टि नहीं है .निश्चित ही यह गोचर भ्रमण आपके लिए लाभ्प्रद रहेगा.

२)वृषभ :वृषभ लग्न के लिए शुक्र स्वयं ही षष्ठेश बन जाता है और मंगल द्वादशेश और सप्तमेश होता है .पत्नी आपकी जेब की दुश्मन बन सकती है और मित्रों पर भी अधिक व्यय होने की सम्भावना है .किसी मुक़दमे में राहत मिल सकती है मगर कोई ख़ास नहीं .प्रेम सम्बन्ध में आगे बढ़ सकते हैं .मगर खर्चे और अचानक बिमारी से सावधान रहिये .

३)मिथुन : यात्रा में व्यय ,शिक्षा में व्यय ,लम्बी यात्रा तथा मित्रों के साथ घूमने फिरने और मनोरंजन में समय बिताएंगे .पुराने मित्रों से मिलना हो सकता है .प्रेम संबंधों में रुकावट आ सकती है और कोई बुरी खबर भी सुनने को मिल सकती है .धार्मिक यात्रा भी कर सकते हैं .विवाह करने का निर्णय भी ले सकते हैं .लाभ के बहुत अछे योग बने हुए हैं .

४)कर्क :ब्रहस्पति आपके लग्नेश का फल दे रहे हैं और शुक्र आदि गृह अष्टम भाव में आये हुए हैं .जमीन जायदाद के मामले रुक सकते हैं ,सेहत पर भी विपरीत असर पड़  सकता है.बनते हुई बात थम सकती है .किसी गुप्त कार्य की सिद्धि अवश्य कर सकते हैं .बुध अभी आपके लिए विपरीत राजयोग बना रहा है .अचानक अच्छी खबर सुन ने को मिल सकती है .किसी तकलीफ से रहत मिल सकती है .माता की सेहत बिगड़ सकती है .कार्य क्षेत्र में परेशानियां बढ़ सकती हैं .

५)सिंह :पारिवारिक जीवन में तनाव में कुछ हद तक कमी आएगी तथा मित्रों तथा साझेदारियों  से भी आपको अच्छी खबर मिलेगी .धनागमन के योग अच्छे बने हुए हैं .  यात्रा में कष्ट होगा और चोरी भी हो सकती है .शिक्षा के क्षेत्र में भे उन्नति करेंगे .कार्य क्षेत्र में भी धीरे धीरे सामनजस्य आता जाएगा .सप्तम भाव में अधिक गृह अछे नहीं होते मगर फिर भी आपके लिए अधिक दुखदायी नहीं रहेगा .

६)कन्या : लग्नेश वक्री होने वाला है और भाग्येश ६थे घर में आ गया है अतः आपको अवरोध और शत्रुओं से सावधान रहना पड़ेगा .कर्मचारियों से भी परेशान होंगे .गले में कोई तकलीफ आ सकती है .तथा स्नायु तंत्र भी गड़बड़ा सकता है .घर में भी शांति का अभाव रहने की ही संभावना है .शत्रु और विरोधी आपका काफी समय नष्ट करेंगे .
७)तुला : प्रेम सम्बन्ध बनेंगे .अनिर्णय की स्थिति निर्मित होगी .व्यय अधिक हो जायेंगे और आपसे नहीं संभल पायेंगे .लाभ के  अच्छे योग बने हुए हैं .जमीन आदि क्रय करने का भी मन बना सकते हैं .कुछ समय बाद पारिवारिक जीवन में तनाव अचानक से बढ़ जाएगा .सावधान रहिये .बनते हुए काम भी रुकने से लगेंगे .भाग्य में रुकावट सी महसूस होने लगेगी .साझेदारी में सावधान रहिये .
८)वृश्चिक : समय अनुकूल है .परिवार में शांति और प्रसन्नता रहेगी .घर में कुछ नया काम करवा सकते हैं .कार्य स्थान भी अभी आपके लिए अच्छा बना हुआ है .जीवन साथी किसी नौकरी का चयन कर सकती है या नौकरी के लिए बाहर जा सकती हैं .भीड़ ,जनता से जुड़े हुए कामों में उनकी रूचि बढ़ सकती है .कुछ समय बाद जब शुक्र का नक्षत्र बदल जाएगा तो आपको परेशानी होगी मगर क्योंकि शुक्र की गति काफी तेज रहती है ,आपको बहुत फर्क नहीं पड़ने वाला है .

९)धनु :संतानोत्पत्ति के लिए अच्छा समय नहीं है और ना ही आपको कहीं निवेश इत्यादि करना चहिये .यात्रा लाभकारी रहेगी .धनप्राप्ति के लिए समय अच्छा बना हुआ है .किसी मुकदमें के कारन भटकना पड़ सकता है .मामा के मिलना हो सकता है .भाग्य आपके लिए अच्छा बना हुआ है .कार्य क्षेत्र में भी कोई ख़ास दिक्कत नहीं है .

१०) मकर : योगकारक शुक्र धनभाव में अवश्य ही आपके लिए शुभ समाचार और धन वृद्धि में सहायक होगा .नक्षत्रेश मंगल स्वयं लाभेश होकर धन भाव में युति कर रहा है अतः समय अच्छा है जब तक शुक्र राहू के नक्षत्र में नहीं आ जाता .राहू के नक्षत्र में आने के बाद भी शुक्र आपके लिए अच्छा फल दायक ही रहेगा .स्थान परिवर्तन के योग अवश्य बने हुए हैं और बहुत से जातक कर भी सकते हैं .प्रेम सम्बन्ध में भी शुक्र सहायक रहेगा तथा गुरु के नक्षत्र में आने पर प्रेम में सफलता भी देगा क्योंकि उस समय शुक्र पंचम में गोचर कर रहा होगा .

११) कुम्भ :पुराने सम्बन्ध फिर से जीवंत हो सकते हैं .स्त्र्यिओं से निकटता बढ़ेगी .पर स्त्री सम्बन्ध भी बन सकते हैं यदि आप विवाहित हैं तो .मन में रोमांस की प्रवृत्ति बढ़ जायेगी .शारीरिक सम्बन्ध भी बना सकते हैं .आपके लिए शुक्र आने वाले ५-६ महीनो तक शुभ ही रहने वाला है .

१२) मीन : ये शुक्राचार्य जी की उच्च राशी है ,और शुक्र अष्टमेश और त्रितेयेश होकर द्वादश में अच्छा फल देना चाह रहे हैं .द्वादश भाव शुक्र का सबसे पसंदीदा स्थान है .लम्बी यात्रा की बहुत सम्भावना है .समय आपके लिए अच्छा बना हुआ है .लग्नेश स्वयं लाभ को देख रहे हैं मगर कार्य क्षेत्र की और आपका ध्यान केन्द्रित नहीं है .आप मनोरंजन में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और कम मेहनत से अधिक कमाने की युक्तियों  में लगे हुए हैं ये अच्छा नहीं है .कार्य पर ध्यान दीजिये .

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मंगल ग्रह और आप

आचार्य रमन
सदा उर्जावान सदा क्रोधी परस्त्री रत समस्त भोगों को भोगने वाला गृह है मंगल .ग्रहों की संसदं में इसको सेनापति का दर्जा प्राप्त है और सभी शौर्य और वीरता से सम्बंधित गतिविधियों में मंगल ही कहीं न कहीं से काम करता है .

मंगल का जन्म उज्जैयिनी में माना गया है तथा मंगल का मंत्र है “ॐ अं अंगारकाय नमः” और इसको प्रतिदिन यदि संभव हो तो १००८ बार जपना चहिये अन्यथा १०८ बार तो अवश्य ही .

मंगल को २ राशियों का अधिपत्य प्राप्त है –मेष और वृश्चिक .इसका रत्न मूंगा है और इसका रंग लाल है .वैधव्य का हेतु भी मंगल ही है अगर ये जन्म कुंडली में १२,१,४,७,८ भावों में हो और कहीं से इसका परिहार न हो रहा हो तो ये सबसे अमंगल गृह है . मंगल प्रबल मारक होता है .शस्त्र से मृत्यु देने में मंगल अग्रणी है .मगल शौर्य भी है .बेधड़क शत्रु के खेमे में जाकर सबको मटियामेट कर देने का साहस देने वाला गृह मंगल ही है .सर पर चोट देने में भी मंगल को महारत हासिल है .

सड़क छाप गुंडे मवाली भी मंगल का ही रूप होते हैं और सड़क से सदन तक जाने वाले कई लोग मंगल प्रधान होते हैं .मंगल से वाणी भी ख़राब होती है .जिन स्त्रियों का मंगल द्वितीय भाव में हो और स्वराशी तथा शुभ द्रष्ट न हो उनको बहुत दिक्कत होती है .अगर मंगल कुंडली में अच्छा नहीं है तो आम तौर पे दिक्कत ही देता है .और अगर अच्छा है तो व्यक्ति हर परिस्थिति से लड़कर आगे निकल जाता है .

मंगल अहंकार कूट कूट के भर देता है .गीता में श्री कृष्ण ने स्पष्ट कहा है की अहंकार प्रभु प्राप्ति के मार्ग का सबसे बड़ा अवरोध है .मंगल प्रधान लोग बहुत भौतिकतावादी होते हैं .मैंने कर रहा हूँ ,मैंने करा ,मैं ऐसा ,मैं वैसा …आत्मा प्रशंसा सुन ने के भी ये लोग बहुत लालायित रहते हैं ..

ख़राब मंगल को साधने के लिए हनुमानजी से अच्छा कोई नहीं है .जिनका भी मंगल खराब हो मंगलवार को या जिस दिन चन्द्रमा मृगशिरा ,चित्रा ,धनिष्ठा में हो तो १०८ या ५१ बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और २७  बार उसी दिन या नक्षत्र में  पुनरावृत्ति करें .
वाहन से दुर्घटना ,ओपरेशन ,हाथ पैर टूटना ,अंग भंग होना सब मंगल की देन है अधिकतर .सर पर चोट ,टाँके लगना भी मंगल का ही काम है . मंगल चिकित्सक भी बनाता है ,सेना में भी भेजता है ,पोलिस में भी ,भूमि पुत्र है अतः भूमि से भी जुड़े हुई कामों में लगाता है जैसे बिल्डर ,भूमि के दलाल ,मंगल उद्योगपति भी बनाता है ….बड़ी बड़ी मशीनों का जहाँ पर काम होता है …वाहन के काम में भी लगा देता है .

२७-१०-१९६८ //८:०० //७७ पू ४३ -२२ उ ४५ —–यहाँ देखिये शुक्र मंगल और सप्तम भाव .ये जातक पुलिस में है .बहुत बड़े पद पर नहीं है पर अपनी वीरता के कारन बड़े अधिकारी इसको हमेशा साथ में रखा करते थे .जिस जगह जाने से सभी पुलिस वाले डरते है ये वहाँ भी गया और जिंदा वापस भी आ गया ….नक्सल इलाके में ….इसके जीवन में इसने इतनी स्त्रियों का भोग करा की अब गिनती भी नहीं करता .लेकिन पराक्रम में कहीं से पीछे नहीं है .मदिरा सेवन में भी अव्वल रहा .

१२-७-१९४२ //१२:५० //७५ पू ४९ —२६ उ ५५ –ये जातक सेना में ब्रिगेदिएर बना .

२९ -८-१९७४ //१४:५०//८३ पू २४ –२१ उ ५४ –ये सज्जन एक राष्ट्रीय समाचार चैनल पर रोज़ आते हैं.इनका मगल आत्मकारक है .सूर्य के साथ है ,सूर्य की राशि में है .शनि से भी द्रष्ट है गुरु से भी .इनका जीवन भी वोही है ….शाम होते ही मदिरा ….और स्त्रियों की गिनती भी नहीं पता .विवाह भी प्रेम वाला ही करा .अत्यंत महत्वकाशी और मतलबी व्यक्तित्व के धनी हैं .

२-५-१९५२ //पुत्तूर //६:०० –ये एक नामी बदमाश है छोटा राजन की हैसियत की.मेष लग्न ..मंगल लग्न को देखता है .लग्न में सूर्य उच्च का बैठा हुआ है .मंगल दशम भाव को भी देखता है और द्वितीय को भी .

२४-८-१९५७ //१७:००//७६ पू ०८ –२८ उ ४७ ==मंगल दशा प्रारम्भ होते ही ये जमीन की दलाली करने लग गए और सफल भी हो गए .

१३ -१०-१९८१ //१०:०५//७३ पू ४१ –२४ उ ३५ —-मंगल दशम में है .फिर से मंगल शुक्र सप्तम भाव ….मंगल पापकर्तरी में भे है .ये फिल्म क्षेत्र से जुडी हुई महिला हैं इनके जीवन में इतने अधिक प्रसंग रहे हैं की जिसका वर्णन नहीं करा जा सकता .दो विवाह कर चुकी हैं ,तीसरे की तैय्यारी चल रही है .परदे पर आने के लिए हर कीमत चुकाने में हमेशा आगे रहीं.
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बसंत पंचमी और ज्योतिष

पंडित हनुमान मिश्रा
सभी ऋतुओं में वसंत का अपना अलग महत्व है। वसंत का आगमन उल्‍लास और उमंग लाता है। वातावरण में विशेष स्‍फूर्ति दिखने लगती है और मन अपने कोमल और निर्मल स्‍वभाव के साथ हिलोरे लेता रहता है। सूर्य के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही बसंतोत्सव मनाया जाने लगता है। यह पर्व दो कारणों से सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र रहता है। पहला है रति-काम महोत्सव। इस अवधि में पेड़-पौधे तक अपनी पुरानी पत्तियों को त्यागकर नई कोपलों से आच्छादित होने लगते हैं। फूलों की सुगंध और भौंरों की गूंज से सम्पूर्ण वातवरण आम जन को मदहोश करने लगता है। बसंत ऋतु मे प्रकृति के सौन्दर्य मे एक कमनिये निखार आ जाता है, पक्षियों के व्यवहार मे कलरव, पुष्पों पर भौरों  का गुंजार होने लगता है। शायद यही कारण है कि इस माह को मधुमास भी कहा जाता है। बसंत के इस मौसम पर ‘शुक्र’ ग्रह का सर्वाधिक प्रभाव रहता है। शुक्र काम और सौंदर्य का कारक ग्रह माना गया है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें तो बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को कहते हैं। माघ मास को देव मास भी कहते हैं,इस मास मे ही सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और ये भी सर्व विदित है की उत्तरायण देवताओं का दिन होता है और दक्षिणायन रात। बसंत पंचमी ज्योतिष का अबूझ मुहूर्त है ,इस दिन विवाह,नामकरण संस्कार,गृहप्रवेश आदि निःसंकोच किये जा सकते हैं वो भी बिना पंचांग शुद्धी और ज्योतिषिये सलाह के माघ मास मैं जप,तप, ब्रत और गंगा स्नान का अपना महत्व है। इस बार बसंत पंचमी का त्यौहार 14 और 15 फरवरी को है। पंचमी तिथि का उदय 14 फरवरी को सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है और 15 फरवरी को सुबह 9 बजकर 05 मिनट यह तिथि रहेगी। पंचमी तिथि प्रवेश के समय चन्द्रमा मीन राशि में रहेगा। अत: प्रेम प्रसंग के लिए यह बसंत आपके लिए कैसा फलदायी रहेगा इसके लिए आप हमारा लेख "इस वेलेन्टाइन डे क्या करें, क्या न करें" जरूर पढें।

बसंत ऋतु के प्रमुख देवी व देवता कामदेव व रति को भी माना गया है और अधि देवता श्री कृष्ण हैं अतः बसंत पंचमी के दिन काम देव व रति की पूजा का भी विधान है। बसंत ऋतु  मे प्रकृति मे एक आकर्षण उत्पन्न होता है जो की कामदेव का ही एक स्वरुप है। भारतीय दर्शन शास्त्र ने काम को भी देव मानकर पूजा की है क्योंकि काम के वगैर जीवन गतिहीन व नीरस है काम नहीं तो सृष्टि नहीं। लेकिन काम देव हैं शैतान नहीं, काम मर्यादित होना चाहिए, शास्त्र सम्मत होना चाहिए उन्मुक्त और अश्लील नहीं। इसी के नियंतरण और रूपांतरण की व्यवस्था का नाम है गृहस्थाश्रम। मर्यादा और शास्त्र आज्ञा से जीवन जीना ही बसंत पंचमी का उदघोष है।
दूसरा प्रमुख कारण जो इस उत्सव के मनाने के पीछे है वह है मां सरस्वती का जन्मदिन।  आज  के दिन विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की देवी माँ सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था। भारतीय संस्‍कृति में सरस्‍वती पूजन का विशेष महत्व है। माघ शुक्ल पंचमी का दिन ज्ञान, संगीत और कला की देवी माँ सरस्‍वती की वंदना का अवसर देता है। प्राचीन समय में बच्‍चे के पढ़ाई आरंभ करने पर माँ सरस्‍वती का आह्वान किया जाता था। प्राचीन काल से हमारे गुरुकुलों और घरों मे भी ये परंपरा रही है की आज के ही दिन बालकों को प्रथम अक्षर के रूप मे माँ सरस्वती का बीज मन्त्र "ऐं" उनकी जिह्वा पर केसर की स्याही से लिखकर और इसी मन्त्र का पाठ कराकर विद्यारम्भ कराया  जाता  है। आज  भी गुरुकुलों  मे  यह   परंपरा  विद्यमान  है  और  बहुत   धूमधाम  से  ये  त्यौहार  आज  भी  गुरुकुलों  मे  मनाया  जाता  है। ऐसी मान्यता है की आज के दिन विद्यारम्भ  करने से विद्या प्राप्ति मे बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता और माँ सरस्वती की विशेष कृपा उस विद्यार्थी पर बनी रहती है।
जन्मकुण्डली का चौथा और पंचम भाव विद्या के नैसर्गिक भाव हैं। इन्हीं भाव की ग्रह-स्थितियों पर व्यक्ति का अध्ययन निर्भर करता है। ये भाव दूषित या पापाक्रांत हो, तो व्यक्ति की शिक्षा अधूरी रह जाती है। इन भावों से प्रभावित लोग मां सरस्वती के प्राकटच्य पर्व माघ शुक्ल पंचमी (बसंत पंचमी) पर उनकी पूजा-अर्चना कर इच्छित क़ामयाबी हासिल कर सकते हैं। आज के दिन माँ की पूजा करने से बुद्धि तेज होती है, पढाई मे मन एकाग्र होता है। परीक्षाओं मे अच्छे नंबर आने लगते हैं। वाणी मे सरसता व मधुरता आती है। जिन बच्चों के बोलने मे परेशानी होती हो या तुतलाते हों तो वो माँ की कृपा से ठीक होने लगते हैं। आज के दिन माँ सरस्वती की पूजा,जप व व्रत करने से माँ का विशेष अनुग्रह प्राप्त होता है।

आइए अब यह जान लेते हैं कि अपनी राशि के अनुसार विद्यार्थी को किस प्रकार मां सरस्वती का पूजन करना चाहिए।

मेष और वृश्चिक राशि के छात्रों को लाल पुष्प विशेषत: गुड़हल, लाल कनेर, लाल गैंदे आदि से मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए। वृष और तुला राशि वाले छात्रों को श्वेत पुष्पों से मां सरस्वती का पूजन करना चाहिए। मिथुन और कन्या राशि वाले छात्रों को कमल पुष्पों से आराधना करनी चाहिए। कर्क राशि वाले श्वेत कमल या अन्य श्वेत पुष्प से, जबकि सिंह राशि के लोग जवाकुसुम (लाल गुड़हल) से आराधना करके लाभ पा सकते हैं। धनु और मीन के लोग पीले पुष्प से मां सरस्वती की आराधना करें। मकर और कुंभ राशि के छात्रों को नीले पुष्पों से मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए।

आपके लिए कुछ ख़ास मन्त्र दिए जा रहे हैं जिनके जाप से आप सभी अत्यधिक लाभान्वित होंगे. इन्हें जपने  की बिधि वही माँ सरस्वती के चित्र के सामने जहाँ तक संभव हो पीले वस्त्र पहन कर बैठें ,उन्हें पीले चन्दन का तिलक लगायें और निम्न मे से किसी भी मन्त्र का जाप अपनी श्रद्धा के अनुसार 1,3,5,1,7 अथवा 11 माला  का जाप करें

मन्त्र 1:    ऐं
मन्त्र  2:   नील सरस्वती स्तोत्र का पाठ करें
मन्त्र 3:   ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा
मन्त्र  4:   सरस्वती  चालीसा का रोज प्रातः पाठ करें
मन्त्र  5:   विद्या प्राप्ति के लिए गणेश जी के बीज मन्त्र ॐ गं गणपतये  नमः का भी जाप किया सकता है।

बसंत पंचमी के दिन वाग्देवी सरस्वती जी को पीला भोग लगाया जाता है और घरों में भोजन भी पीला ही बनाया जाता है। इस दिन विशेषकर मीठा चावल बनाया जाता है। जिसमें बादाम, किसमिस, काजू आदि डालकर खीर आदि विशेष व्यंजन बनाये जाते हैं। इसे दोपहर में परोसा जाता है। घर के सदस्यों व आगंतुकों में पीली बर्फी बांटी जाती है। केसरयुक्त खीर सभी को प्रिय लगती है। गायन आदि के विशेष कार्यक्रमों से इस त्यौहार का आनन्द और व्यापक हो जाता है। बसंत पंचमी पर हर साधक ना सिर्फ देवी की आराधना करता है बल्कि यह दिन कई मायनों में हर कलाकार के लिए खास होता है। कहीं पर कलाकार अपने वाद्य यंत्रों की पूजा-अर्चना करते हैं तो कहीं साधकों द्वारा पहले से ज्यादा अभ्यास और समर्पण के प्रण लिए जाते हैं। मां सरस्वती की कृपा से ही विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की प्राप्ति होती है। देवी कृपा से ही कवि कालिदास ने यश और ख्याति अर्जित की थी। वाल्मीकि, वसिष्ठ, विश्वामित्र, शौनक और व्यास जैसे महान ऋषि देवी-साधना से ही कृतार्थ हुए थे। अत: हमें भी मां सरस्वती की कृपा प्राप्ति का प्रयास करना चाहिए।

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भ्रष्ट लोगो सावधान !! शनिदेव हो रहे हैं वक्री!

पंडित हनुमान मिश्रा
18 फ़रवरी 2013 को शनि ग्रह वक्री हो रहा है। ऐसे में यदि आप भ्रष्टाचारी नहीं हैं तो आपको घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। ये बात मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आमतौर पर यह धारणा बन चुकी है कि वक्री शनि अत्यधिक अशुभ परिणाम देता है। जबकि ये धारणा मेरे अनुभव में बिल्कुल गलत साबित हुई है। पाश्चात्य ज्योतिष के विद्वानों ने भी वक्री शनि को शनि पीड़ित लोगों के लिए शुभ मानते हैं। वक्री शनि व्यक्ति के जीवन को सुखमय भविष्य की ओर ले जाता है। शनि के वक्रत्व काल में ही व्यक्ति आत्म विश्लेषण के दौर से गुजरता है या यह भी कहा जा सकता है कि शनि के वक्री होने पर व्यक्ति को आत्म विश्लेषण कर के अपने बिगडे हुए कर्मों को सुधारना चाहिए अन्यथा शनि आपको आत्म विश्लेषण के लिए विवश कर सकता है। वक्री शनि निरुत्साहित लोगों में उत्साह का संचार करता है। शनि के वक्री होने पर संबद्ध लोगों को अपनी अपेक्षाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए, अन्यथा वह आईना भी दिखा सकता है।

8 अक्टूबर 2012 से 11 नवम्बर 2012 के मध्य जब शनि अस्त थे उस अवधि भी मैनें अपने टेलीविजन कार्यक्रमों और पत्र-पत्रिकाओं में छपने वाले आलेखों में इस बात का जिक्र किया था कि इस समय शनि के अस्त होने के कारण कुछ भ्रष्ट नेताओं की पोल खुल सकती है लेकिन उन्हें होगा कुछ नहीं बल्कि उनसे शीर्षस्थ लोग उनकी बुराई को प्रशंसा के रूप में लेंगे और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद भी उनको फायदा हो सकता है। हुआ भी वही भारत सरकार के एक मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, एक समाचार चैनल ने इसका बकायदे खुलाशा किया, सबूत दिखाए, लेकिन उस मंत्री को कोई नुकसान नहीं हुआ बल्कि उन्हें और भी बडे दायित्व वाला मंत्री बना दिया गया। ये सम्पूर्ण घटनाक्रम 8 अक्टूबर 2012 से 11 नवम्बर 2012 के आसपास ही हुआ, जिस समय कि शनि अस्त थे। मैंने उसी समय यह भी कहा था कि इन नेताओं को इनके कर्मों की सजा तब मिलेगी जब शनि ग्रह वक्री होंगे। अब वह समय आ गया है जब भष्टाचारियों को सजा मिलनी चाहिए।

शनि देव 18 फ़रवरी 2013 से 8 जुलाई 2013 तक वक्री रहेंगे। यही वो समय है जब कई लोग न केवल देश-दुनिया के सामने बेनकाब होंगे बल्कि उनके किए की सजा भी उन्हें मिलेगी। एक बात यहां पर स्पष्ट कर देनी जरूरी है ज्योतिष में ये हिदायत दी गई है कि कोई भी भविष्यवाणी देश का और परिस्थिति के अनुसार करना चाहिए। अत: ऐसे में जब सबको पता है कि कोई भी भ्रष्ट नेता जिस पार्टी का है वह पार्टी तो उसके खिलाफ़ कुछ नहीं करती साथ ही जो दूसरी पार्टी के नेता भी केवल जनता को दिखाने के लिए थोडा सा हो हल्ला कर देते हैं। क्योंकि चोर-चोर मौसेरे भाई होते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी भ्रष्ट नेता को बहुत बडी सजा मिलना बहुत कठिन है। लेकिन दंडाधिकारी शनि फिर भी इनके कर्मों का फल इन्हें जरूर देंगे। आपके मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या केवल नेता ही भ्रष्ट होते है, अन्य कोई नहीं? आपको बता दें भ्रष्ट कोई भी हो सकता है लेकिन ज्यादातर भ्रष्ट लोगों का सम्बंध राजसत्ता से जरूर होता है। कोई उद्योग पति है तो उसका सम्बंध किसी न किसी पार्टी या किसी न किसी नेता से जरूर होगा। राजनेताओं और राजनेत्रियों के भाई या कोई न कोई रिश्तेदार यूं ही उद्योग पति नहीं हो जाते। इनके पीछे राजसत्ता से जुडे लोगों का बडा हाथ होता है। कोई ऐसा अधिकारी जो निडर होकर घूसखोरी या भ्रष्टाचार में लिप्त है तो उसको किसी बडे अफसर या नेता का वरदहस्त जरूर प्राप्त होगा। इसीलिए इस मुद्दे पर मेरा केन्द्र विंदु नेता हैं। यह मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अगर सारे नेता या राजनेता ईमानदार हो जाएं तो भ्रष्टाचार बहुत हद तक कम हो जाएगा।


अभी कुछ दिनों पहले जयपुर साहित्य सम्मेलन में भ्रष्टाचार पर टिप्पणी कर फंसे साहित्यकार आशीष नंदी ने यदि नेक नीयती से यह बात कही होगी तो उनको इस मामले में बहुत जल्द राहत मिल जाएगी। विशेषकर 18 फ़रवरी 2013 के बाद उन्हें बडी राहत जरूर मिलेगी लेकिन यदि उन्होंने व्यक्तिगत द्वेष के चलते ऐसा कहा होगा तो शनि के वक्री होते ही उनका संकट और गहरा जाएगा। उन्होंने जिस वर्ग विशेष पर टिप्पणी की है उनका संकेतक ग्रह शनि माना गया है और वह वक्रत्त्व की ओर बढ रहा है इसलिए आशीष नंदी को परेशान होना पड रहा है। क्योंकि वास्तविकता यह है कि शनि के वक्री होने की अवस्था में शनि का शुभत्त्व और बढ जाता है। ऐसे में वह न्यायप्रिय बात करने वालों के मददगार हो जाते हैं और झूठे और षडयंत्रकारियों को ही षडयंत्र में फंसा देते हैं। इसलिए आशीष नंदी का फैसला भी शनि देव जल्द ही कर देंगे। यदि उन्होंने नेक नीयती से ऐसा कहा है, यानी शब्द भले ही गलत रहे हों लेकिन नीयति सही रही होगी तो उन्हें जल्द ही राहत मिल रही है लेकिन जानबूझ कर गलत कहने की अवस्था में उन्हें शनि के दंड के लिए तैयार रहना चाहिए।

ऐसे लोग जो हमेशा ईमानदारी से काम करते रहे हैं और उनकी कुंडली में शनि शुभ प्रभाव में है और वर्तमान मेम शनि की दशाएं या गोचर अनुकूल है तो उनकी मेहनत का फल वक्री शनि जरूर देंगे। इस बात को प्रमाणित करने के लिए मैं फलदीपिका का उल्लेख करना चाहूंगा। फलदीपिका के अनुसार वक्री ग्रह नीच या शत्रु राशिस्थ हो तो भी उच्च ग्रह के अनुसार ही फल करता है। शनि ग्रह के मामले में कहा गया है कि शनि वर्गोत्तम या नवमांश में हो तो स्वक्षेत्री स्थिति के अनुसार ही फल करता है। फलदीपिका के 20वें अध्याय में कहा गया है कि विंशोत्तरी दशा- अंतर्दशा के शुभ फल तभी प्राप्त होते हैं जब दशा या अंतर्दशा का स्वामी ग्रह शुभ भावेश होकर स्व या उच्च राशि में विद्यमान हो अथवा वक्री हो। यानी कि शनि के वक्री रहने की स्थिति में जातक को वही फल प्राप्त होते हैं जिनका वह अधिकारी होता है। सत्याचार्य ने भी उच्च स्वराशिस्थ या वक्री ग्रह को ही श्रेष्ठ माना है। अत: ईमानदार और सदाचारी लोगों को शनि के वक्रत्त्व को लेकर भयभीत नहीं होना चाहिए। जिन लोगों ने अज्ञानता वश कोई गलत कार्य किया है उन्हें इस अवधि में संतोष, विवेक व धैर्य का सहारा लेना चाहिए, ताकि किसी विपरीत परिस्थिति का सामना न करना पडे। यदि इस अवधि में आप अपने आचरण को पवित्र रखेंगे तो आपको शनि के शुभ प्रभावों की ही प्राप्ति होगी। इस अवधि में केवल उन्हें भयभीत होना चाहिए जिन्होंने गरीबों, जनता, समाज, देश या दुनिया वालों के साथ छल किया है।

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इस वेलेन्टाइन डे क्या करें, क्या न करें !

पंडित हनुमान मिश्रा
यद्यपि हम भारतवासियों के लिए हर दिन प्रेम का दिन होता है। हर अपने हर एक रिश्ते हो हर रोज ऐसे निभाते हैं या निभाना चाहते हैं मानों हर रोज वेलेन्टाइन डे हो। लेकिन दिन ब दिन व्यस्तता इस कदर हावी होती जा रही है कि हम अब अपने प्रेम पात्र को उतना समय नहीं दे पाते जितना आवश्यक है। विदेशों में इसी समस्या को दूर करने का दिन हुआ करता है वेलेन्टाइन डे। अब क्योंकि हमारे देश में भी विदेशों के जैसी व्यस्तता हावी होती जा रही हैं अत: यहां भी वेलेन्टाइन डे का महत्त बढता जा रहा है। यह परम्परा किसी को अच्छी तो किसी को बुरी भी लग रही है। लेकिन हमें तो सभी कि चिंता है चाहे वो वेलेन्टाइन डे के पक्षधर हो या फिर विरोधी। सभी प्रसन्न रहें, प्रेम से रहें यही हमारी कामना है।

इस वेलेन्टाइन डे यानी कि 14 फरवरी 2013 को आप किसी नए व्यक्ति को प्रपोज करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि इस दिन का चयन या प्रपोजल आपके दिलो दिमाग के लिए कैसा रहेगा और इस दिन आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दिन अगर आपने सही निर्णय नहीं लिया तो आप शायद आप श्रीराम सेना और बजरंग दल वालों के डंडों से बच जाएं लेकिन पूरे साल आपके दिलों दिमाग पर जो तनाव या कहर बरपेगा उससे आप नहीं बच पाएंगे। और यदि आपने सही निर्णय लिया तो आप अपने प्रेम पात्र के साथ प्रसन्न रहेंगे।

मेष: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा आपके बारहवें भाव में है। यह एक अच्छी स्थिति नहीं है। यदि आप पहले से ही किसी से प्यार करते हैं और वह भी आपसे प्रेम करता है और आप मौज मस्ती के इरादे से एक नया रिश्ता जोडने जा रहे हैं तो यह इरादा बदल दें। क्योंकि इस वेलेन्टाइन डे जुडने वाला नया रिश्ता आपको दिली शुकून नहीं दे पाएगा। अगर आप का पुराना प्यार किसी कारण से नाराज है तो उसे मनाने का यह एक अच्छा मौका है। यदि सम्भव हो तो नए सम्बंध से बचें। अन्य उपहारों के साथ लाल रंग व पीले रंग के फूल जरूर दें।

वृषभ: यह वेलेन्टाइन डे आपके लिए यादगार रहेगा। यदि आपके प्रेम का आंगन अभी तक सूना है और आप किसी को प्रपोज करने जा रहे हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा निर्णय साबित होगा। आप जिसे पाने के लिए बहुत भावुक हैं उसकी भावनाएं भी आपके लिए कुछ ऐसी हैं। आपका वेलेन्टाइन आपके लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा। लेकिन ध्यान रहे यदि आपका वेलेन्टाइन जहां आप करते हैं उस स्थान से सम्बंध रखता है तो इसे लेकर कभी कोई विवाद भी सम्भव है। अन्य उपहारों के साथ हरे रंग की बोतल में बंद हो इत्र जरूर भेंट करें।

मिथुन: इस वेलेन्टाइन डे, चंद्रमा आपके दशम भाव में है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को प्रपोज करने का रहे हैं जिसका सम्बंध आपके कार्यक्षेत्र से हैं तो यह एक अच्छा निर्णय होगा। लेकिन फिर भी एक से अधिक प्रेम संबंधों को चुपचाप निभाने का इरादा यदि आपके मन में है तो यह अच्छा नहीं होगा। ऐसे में आप एक सच्चे प्रेम को खो देंगे और गलत व्यक्ति का चयन कर बैठेंगे। यदि आप किसी लालचवश कोई रिश्ता जोड रहे हैं तो यह भी आपके लिए ठीक नहीं रहेगा। अन्य उपहारों के साथ नीले रंग की बोतल में बंद हो इत्र जरूर भेंट करें।

कर्क: चंद्रमा आपके भाग्य स्थान पर है। यदि अपने वेलेन्टाइन से मिलने के लिए कोई यात्रा करने वाले हैं तो यह आपके लिए अच्छा रहेगा। कोई नया प्रस्ताव आपके लिए भाग्योदय कारी सिद्ध होगा। लेकिन यदि आपका कोई पुराना प्रेम प्रसंग रहा है तो उसकी तरफ से कुछ अडचने रह सकती हैं। बेहतर होगा कि आप अपने पुराने प्रेम सम्बंध को या तो पूरी तरह से अपना लें या फिर हमेशा के लिए उसे छोड दें। आज के दिन चयनित वेलेन्टाइन न केवल आपके लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा बल्कि एक अच्छा जीवन साथी भी हो सकता है। अन्य उपहारों के साथ लाल वस्त्र का उपहार जरूर दें।

सिंह: यदि आपका इरादा किसी ऐसे प्रेम पात्र को तलाश करने का है जिसे आप अपना जीवन साथी भी बनाना चाह रहे हैं तो इस प्रयास में आप काफी हद तक सफल हो सकते हैं लेकिन चंद्रमा के अष्टम में होने की वजह से मन में कुछ भय या असुरक्षा की भावना व्याप्त रह सकती है। अगर किसी कारणवश आपका अपने वेलेन्टाइन से विवाद चल रहा है तो उसे प्यार से दूर करने की कोशिश कामयाब हो सकती है। अपने वेलेन्टाइन की भावनाओं का खयाल रखना जरूरी होगा। इस वेलेन्टाइन डे पर अपने वेलेन्टाइन को पीले रंग का कपडा जरूर गिफ्ट करें।

कन्या: इस वेलेन्टाइन डे पर आपको प्रसन्नता मिलेगी। आपके वेलेन्टाइन का व्यक्तित्त्व बडा आकर्षक होगा। भाग्य स्थान का स्वामी पंचम में होने के कारण आपका वेलेन्टाइन आपके लिए बहुत भाग्यशाली सिद्ध होगा। पिछले दिनों से अपने प्रेम पात्र से जो मनमुटाव चला आ रहा था वह दूर होने वाला है। लेकिन इस समय आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना जरूरी होगा। ये भी हो सकता है कि आपके घर परिवार वालों को आपका वेलेन्टाइन पसंद न आए। इस तमाम बातों को मद्देनजर रखते हुए आपको कोई कदम उठाना चाहिए। नीले रंग का कोई चमकदार पहनावा भेंट करें।

तुला: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा छठे भाव में है। चंद्रमा का इस भाव में गोचर अच्छा माना गया है अत: आपको अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। आपको मनोनुकूल साथी की प्राप्ति होगी। उसे आपकी भावनाओं का बडा खयाल रहेगा। लेकिन उसके आचरण पर संदेह करना, प्रेम में कमी ला सकता है। एक से अधिक लोगों के साथ प्रेम की पींगे बढाना भी अहितकर रहेगा। बहुत सम्भावना है कि आपका नया जुडने वाला प्रेम प्रंसंग अंतर्जातीय हो। यदि आप नीले रंग की बोतल वाला कोई इत्र अपने वेलेन्टाइन को भेंट करेंगे तो यह कार्य आपके प्रेम को और मजबूत करने वाला सिद्ध होगा।

वृश्चिक: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा पांचवें भाव में है। जो इस बात का इशारा कर रहा है कि या तो आपके मन में अपने वेलेन्टाइन को लेकर एक से अधिक विकल्प हैं अथवा आपको एक से अधिक प्रपोजल मिल सकते हैं। बेहतर होगा कि आप एक सही निर्णय लें। अगर आपने सहीं निर्णय लिया तो इस वेलेन्टाइन डे आपके साथ जो वेलेन्टाइन होगा वह आपका लम्बे समय तक साथ निभा सकता है। यदि आप अपने वेलेन्टाइन के साथ कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है। इस वेलेन्टाइन डे पर लाल और पीले रंग का गुलदस्ता भेंट करना अच्छा रहेगा।

धनु:  मिथुन: इस वेलेन्टाइन डे, चंद्रमा आपके चतुर्थ भाव में है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को प्रपोज करने का रहे हैं जिससे आपके घरेलू सम्बंध हैं तो यह एक अच्छा निर्णय होगा। लेकिन आपका राशीश छठे भाव में है अत: यह सुनिश्चित करलें कि आपके निर्णय से कोई विवाद तो नहीं पनपेगा। आपका पंचमेश तीसरे भाव में अस्त है अत: प्रपोज करने को लेकर आपका आत्मविश्वास कमजोर बना रहेगा। पीले और लाल रंग का रुमाल साथ रखने से आत्मविश्वास मजबूत होगा। अन्य उपहारों के साथ लाल रंग का कोई कपडा पीले रंग के पैकेट में बंद कर जरूर भेंट करें।

मकर: चंद्रमा आपके तीसरे भाव में है। आप अपने वेलेन्टाइन से मिलने के लिए बडे उत्साहित रहेंगे। प्रथम भाव में स्थित शुक्र आपके व्यक्तित्व में वह आकर्षण दे रहा है जिससे आपका वेलेन्टाइन ढूढने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पडेगी। आज के दिन चयनित वेलेन्टाइन एक अच्छा जीवन साथी भी हो सकता है। ये वेलेन्टाइन आपको आपके कार्यक्षेत्र में भी मदद करेगा। लेकिन राहु-केतु की स्थिति कुछ मानसिक तनाव भी दे सकती है। प्रपोज करते समय अपनी वाणी पर संयम रखना भी जरूरी होगा, मजाक में भी कोई ऐसी बात न करें जिससे सामने वाले को ठेस पहुंचे। नीले रंग की बोतल वाला इत्र जरूर गिफ्ट करें।

कुम्भ: यदि आपका इरादा किसी ऐसे प्रेम पात्र को तलाश करने का है जिसे आप अपना जीवन साथी भी बनाना चाह रहे हैं तो इस प्रयास में आप काफी हद तक सफल हो सकते हैं। चंद्रमा का दूसरे भाव में होना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप अपने वेलेन्टाइन को कोई मंहगा उपहार देने की सोच रहे हैं। पंचमेश बुध राहू के नक्षत्र में है अत: प्रेम के मामले में किसी भी प्रकार आडम्बर करना उचित नहीं होगा। प्रेम पात्र से क्रोधित होकर बात करना भी उचित नहीं होगा। अन्य उपहारों के साथ हरे रंग की बोतल में बंद हो इत्र जरूर भेंट करें।

मीन: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा आपके प्रथम भाव में है अत: आपको प्रसन्नता मिलेगी। पंचमेश का लग्न पर होना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप वेलेन्टाइन आपके जीवन साथी बनने के लायक है। पंचम भाव को देखने वाला शुक्र अष्टमेश और तृतीयेश है जो प्रेम के साथ-साथ छोटी-मोटी तकरार का भी संकेत कर रहा है। पंचम भाव पर शनि की दृष्टि होने के कारण किसी भी मामले को जरूरत से ज्यादा तूल देना प्रेम प्रसंग को तोडने जैसा काम होगा। अत: संयम से काम लें तो सब शुभ होगा। अन्य उपहारों के साथ लाल पीले का कोई कपडा सफेद रंग के पैकेट में बंद कर जरूर भेंट करें।

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मासिक आर्थिक भविष्य: फ़रवरी 2013

पंडित हनुमान मिश्रा


मेष: आर्थिक भविष्य

आर्थिक मामलों के लिए यह माह अच्छा रहेगा। माह के प्रथम भाग में आप अपनी योग्यता के आधार पर अच्छी कमाई कर पाएंगे। आर्थिक यात्राएं सफल रहेंगी। वहीं माह के दूसरे भाग में बहुत क्रियाशील एवम् व्यस्त रहते हुए आपने उद्यमों को सफल बनाएंगे। फलस्वरूप आप अच्छी कमाई कर पाएंगे। कोई उच्च पद पर आसीन व्यक्ति आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आपकी कर्मठता आपके लाभ के प्रतिशत को बढाने में सहायक सिद्ध होगी। इस समय में आप अपनी सारी आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पा जायेंगे। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आर्थिक मामलों के लिए यह माह आपके लिए यादगार सिद्ध होगा।

वृषभ: आर्थिक भविष्य

आर्थिक मामलों के लिए यह माह मिला जुला रहेगा। माह के शुरुआती दिनों में पैसों को लेकर चिंता या परेशानी सम्भव है। लेकिन माह के दूसरे भाग में यदि आप किसी आर्थिक मुद्दे को लेकर कोई यात्रा करने की सोच रहे हैं तो उसके लिए समय उचित है। हालांकि किसी धार्मिक यात्रा या धार्मिक मामले में कुछ खर्चे होने की भी उम्मीद है। किसी उच्च पद पर आसीन व्यक्ति के द्वारा आपको आर्थिक मदद मिल सकती है। लेकिन माता पिता के स्वास्थ्य को लेकर कुछ खर्चे भी हो सकते हैं। यदि आप आर्थिक लाभ का कोई नया मार्ग खोज रहे हैं तो आप साख अच्छी रहने के कारण आपको काम मिलेगा और आप उससे कमाई भी कर पाएंगे।

मिथुन: आर्थिक भविष्य

आर्थिक मामलों के लिए यह माह ठीक नहीं है। यदि आपने किसी को पैसे उधार दे रखे हैं तो उनके मिलने में फिलहाल अडचने आ सकती हैं। यदि किसी सम्बंधी से कोई आर्थिक लेन-देन का मामला उलझा है तो फ़िलहाल शांति से काम लें अन्यथा विवाद की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। किसी संक्षिप्त मार्ग से पैसे बनाने का विचार उचित नहीं है। यह आपको किसी परेशानी में डाल सकता है। किसी की बीमारी की वजह से भी आपका धन खर्च हो सकता है। सन्देहास्पद सौदों से बचें। किसी बुरी आदत के चलते भी आर्थिक हानि होने के योग हैं।

कर्क: आर्थिक भविष्य

यह माह आर्थिक मामलों के लिए मिलाजुला रहेगा। माह मे पहले भाग में आप कई प्रकार के आर्थिक लाभों का आनंद लेंगे। आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ होता रहेगा। यदि आप कर्जदार हैं तो आप अपने कर्जे को चुकता कर पाएंगे। लेकिन माह का दूसरा भाग आर्थिक मामलों के लिए बहुत अनुकूल नहीं रहेगा। कुछ बेवजह की यात्राएं आपके खर्चें में इजाफ़ा कर सकती हैं। पैसों के लिए की गई यात्राओं के सफल होने में कठिनाई दिख रही है। किसी बीमारी की वजह से भी खर्चे हो सकते हैं। इस समय बेवजह के खर्चों पर अंकुश लगाना जरूरी होगा।

सिंह: आर्थिक भविष्य

यह माह आपके आर्थिक पक्ष को मजबूती देने वाला सिद्ध होगा। यदि आप कर्जदार हैं और उसे चुकाना चाहते हैं तो उसके लिए यह एक अच्छा समय है। कार्य व्यवसाय के माध्यम से भी लाभ का प्रतिशत बढेगा। यदि आपको ऐसा लगता है कि कोई आपको आर्थिक नुकसान पहुंचाना चाह रहा है तो इस महीना आपका यह भय दूर हो जाएगा। आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ जरूर होगा। यदि आप बैंक से कोई लोन लेना चाह रहे हैं तो इस माह उस काम में प्रगति या सफलता की उम्मीद बन रही है। यदि किसी भी आर्थिक मुद्दे को लेकर आपके मन में कोई बेचैनी रही है तो उसके दूर होने का समय आ चुका है।

कन्या: आर्थिक भविष्य

इस माह के शुरुआत में आपकी मेहनत का क्रम जारी रहेगा लेकिन आप हार नहीं मानेंगे। यदि आपके पैसे कहीं फसें हुए हैं तो उन्हें लेकर आप चिंतित या व्याकुल न हों। जल्द ही आपकी मेहनत का फल मिलने वाला है। महीने के दूसरे भाग में आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यदि आपने कहीं से पैसे उधार ले रखे हैं तो इस समय आप उसे चुकता कर पाएंगे। नौकरी और काम धंधे में हुआ सुधार आपको आर्थिक समृद्धि देगा। आपकी तरक्की होना भी आपके आर्थिक सुधार का एक कारण हो सकता है। आपको नुकसान पहुचांने वाले शांत रहेंगे।

तुला: आर्थिक भविष्य

यह माह आर्थिक मामलों के लिए अधिक ठीक नहीं है। माह के शुरुआती दिनों कुछ घरेलू मामलों में आपको न चाहते हुए भी धन खर्च करना पडेगा। पारिवारिक विवादों को बाहर न निकलने दें अन्यथा उनकों दूर करने के लिए आपको खर्चे करने पड सकते हैं। माह के दूसरे भाग में आपके भीतर उत्साह जागेगा और आप अपने आर्थिक पक्ष को मजबूत करना चाहेंगे लेकिन आपको अपने प्रयास में पूरी सफलता नहीं मिल पाएगी। फ़िर भी चीजें पहले से बेहतर होंगी। आप अपने चाहने वालों, प्रेमी, प्रेमिका या मित्रों के लिए भी कुछ खर्चे कर सकते हैं। अचानक हुए यात्रा भी खर्चें का एक कारण हो सकती है।

वृश्चिक: आर्थिक भविष्य

इस माह पहले पखवाडे में आपको तरह-तरह के लाभ मिलेंगे। आर्थिक मामलों को लेकर की गई यात्राएं सफल रहेंगी। आपका आत्मविश्वास और आपकी मेहनत लाभ के कुछ नए रास्ते खोलेगी। लेकिन कुछ मनोरंजक यात्राओं में धन खर्च भी हो सकता है। यदि आपने कहीं निवेश कर रखा है तो वहां से आपको शुभ समाचार मिल सकता है। माह के दूसरे भाग कुछ घरेलू मामले ऐसे आ सकते हैं जिन पर न चाहते हुए आपको धन खर्च करना पडे। इस समय कुछ खर्चे दवाओं पर भी हो सकते हैं।

धनु: आर्थिक भविष्य

इस महीने का पहला भाग आर्थिक मामलों के लिए ठीक नहीं है। अत: किसी निवेश के पूर्व भलीभांति चिंतन आवश्यक है। किसी उधारी को लेकर आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। इस महीने सूर्य का गोचर आपको आर्थिक हानि के साथ-साथ सम्पत्ति को लेकर परेशानी का भी संकेत कर रहा है। अत: धन संबंधी मामलों में काफी सचेत रहने की आवश्यकता है। घर-परिवार को लेकर कुछ खर्चे करने पड सकते हैं। लेकिन महीने के दूसरे भाग में सारी चीजें धीरे-धीरे करके आपके पक्ष में आने लगेंगी। आर्थिक लाभ के साथ-साथ सम्पत्ति लाभ के योग बनते हुए प्रतीत हो रहे हैं।

मकर: आर्थिक भविष्य

यह महीना आर्थिक मामलों के लिए मिलाजुला रहेगा। इस महीने आपका आर्थिक मामलों के प्रति धनात्मक दृष्टिकोण रहेगा और आप में जरूरत से अधिक आत्मविश्वास रहेगा। जो आपको ऐच्छिक आर्थिक लाभ कराने में सहायक होगा। यदि आप धन प्राप्ति के लिए कोई यात्रा कर रहे हैं तो उसमें आपको मेहनत करने के लिए तैयार रहना चाहिए। क्योंकि मेहनत के बाद ही धनार्जन कर पाएंगे। यदि किसी सरकारी मामले से आपको लाभ मिलने की उम्मीद दिख रही थी तो उस उम्मीद के साकार होने के दिन आ गए हैं। इस महीने सामाजिक संस्थानों को आप खुलकर दान देंगे। दवाइयों पर भी कुछ खर्चे हो सकते हैं।

कुम्भ: आर्थिक भविष्य

यह माह आर्थिक मामलों के लिए मिला जुला रहेगा। माह के पहले भाग में आमदनी में अच्छी खासी वृद्धि होगी। कई फायदेमंद सौदों से आप जुडेंगे। आवश्यकता पडने पर स्वजनों से भी सहयोग मिलेगा। लेकिन माह के दूसरे भाग में धीरे-धीरे आर्थिक चिंताएं आप पर हावी हो जाएंगी। चाहने के बावजूद भी आप खर्चों पर नियंत्रण पाने में विफल रहेंगे। यथा सम्भव निवेश से बचें यदि बहुत जरूरी हो तो किसी भी निवेश से पहले भली-भांति विचार विमर्श जरूर करें। आर्थिक लेन देन के मामलों में रिश्तेदारों व मित्रों से विवाद न करें। सट्टेबाजी से बचें अन्यथा आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है।

मीन: आर्थिक भविष्य

आर्थिक संतुष्टि के लिए यह एक उत्तम महीना रहेगा। माह के प्रथम भाग में आपने जितना परिश्रम किया है, उसका लाभ आपको जरूर मिलेगा। वरिष्ठ व्यक्तियों का आर्थिक सहयोग भी आपको मिलेगा। वही माह के दूसरे भाग में यदि आपने किसी को पैसे उधार दे रखे हैं तो आपको उसकी प्राप्ति हो जाएगी। आपकी इच्छाएं व महत्वाकांक्षायें पूरी होंगी। यदि आपको किसी भी प्रकार के आर्थिक सहयोग की आवश्यकता होगी तो आपके मित्र और रिश्तेदार इस मामले में आपकी सहायता कर सकते हैं। संतान अथवा प्रेम पात्र पर कुछ खर्चे सम्भव हैं। इस समय के सौदे फायदेमंद सिद्ध होंगे। अनुबन्धों और समझौतों से आपको प्रचुर लाभ मिलेगा।

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मंगल ग्रह का कुंम्भ राशि में गोचर, क्या होगा देश-दुनिया और आप पर असर?

पंडित हनुमान मिश्रा
भचक्र का तीसरा ग्रह, मंगल शुक्रवार, 25 जनवरी 2013 की शाम 6:32 पर मकर राशि से कुम्भ राशि में प्रवेश कर चुका है। इससे पहले तक शनि मकर राशि में था। यद्यपि मकर और कुम्भ दोनो राशियां शनि की ही है लेकिन दोनों के परिणामों में अंतर रहेगा। क्योंकि मकर राशि में मंगल उच्च का होता है इसलिए अभी तक उसके सकारात्मक परिणाम अधिक थे। ऊपर से अभी तक मंगल ग्रह बृहस्पति से देखा जा रहा था। इस कारण से उसके नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिल रहे थे लेकिन अब वह शनि की मूलत्रिकोण राशि कुम्भ में जा रहा है अत: कई अप्रिय वारदातों से लोगों को दो-चार होना पड सकता है। इस परिवर्तन का राष्ट्र पर कुछ इस प्रकार से प्रभाव पड सकता है। मंगल का गोचर इस समय भारतवर्ष की कुण्डली के दशम भाव में है। अत: नेताओं में वाद-विवाद तेज होगा। सरकार के कुछ कारनामों का विरोध करने के लिए जनता के क्रोध में वृद्धि होगी। मंहगाई भी बढऩे के आसार हैं। अन्य देशों से भारत के संबंधों में भी कुछ परेशानियां आ सकती हैं। सोने एवं चांदी के दामों में अचानक उछाल आ सकता है। दुनिया के पूर्वी भूभाग में भूकंप की छोटी-मोटी घटनाएण हो सकती हैं। यदि दौरान कोई चुनाव या उपचुनाव होता है तो सत्ताधारी दल को नुकसान हो सकता है। लेकिन देश को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के प्रति सरकार का रवैया सख्त हो सकता है। आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को कडी सजा के प्रति सरकार जागेगी।

मंगल के इस परिवर्तन का आपकी राशि पर क्या असर होगा, आइए जानते हैं।


मेष- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में ग्यारहवें भाव में रहेगा। इस ग्रह स्थिति से मेष राशि के लोगों को लाभ होने की संभावनाएं हैं। मित्रों और सहयोगियों से आपको लाभ मिलेगा। अटके कार्य पूर्ण होंगे। स्थाई संपत्ति की प्राप्ति होगी। बहु प्रतीक्षित इच्छाओं और आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और लम्बी यात्राएं सफलदायक रहेंगी। नए वाहनों की प्राप्ति संभव है। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा।

वृषभ- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दसवें भाव में रहेगा। अत: आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति होगी। व्यापार का विस्तार होगा। इन्हें जमीन एवं कोर्ट संबंधी मामलों में सफलता मिलेगी। नवीन व्यापार प्रारंभ होने के योग बन रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों को कुशलता से झेलने के लिये आपमें प्रचुर आत्मविश्वास रहेगा। शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे।

मिथुन- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में नौवें भाव में रहेगा। अत: आमदनी बढे़गी और आय के नये स्त्रोत प्राप्त होंगे। आर्थिक परेशानियों का हल मिलेगा होगा। जमीन-जायदाद के मामलों में विशेष सफलता मिलेगी। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएं सफलदायक सिद्ध होंगी।

कर्क- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में आठवें भाव में रहेगा। मंगल की यह ग्रह स्थिति आपकी संपत्ति से संबंधित समस्याओं का हल करवाएगी। लेकिन इस आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। परिवार के सदस्यों से संबंधों में बिगाड़ होने की संभावना है। लेकिन यदि कोई काम बहुत दिनों से पूरा नहीं हो पा रहा था तो वह अब पूरा हो जाएगा।

सिंह- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में सातवें भाव में रहेगा। मंगल की यह स्थिति आपको कुछ अच्छे तो कुछ बुरे परिणाम भी दे सकती है। न्यायालय से संबंधित समस्याओं को निराकरण होने के योग हैं। लेकिन सहयोगियों तथा भागीदारों से विवाद होने की संभावना है। यात्राओं से निराशा मिलेगी। साथी के स्वास्थ्य के कारण चिन्तित रहेंगे। लेकिन किसी निवेश से लाभ हो सकता है और रुका हुआ धन मिल सकता है।

कन्या- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में छठवें भाव में रहेगा। इस अवधि में आप काफी सुखी रहेंगे। नौकरी के हालात सुधरेंगे। प्रचुर लाभ होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण भी सुखद रहेगा। आप अपनी अड़चनें और बाधाएं दूर करने और शत्रुओं का दमन करने के लिये चेष्टारत रहेंगे। लेकिन इस समय किसी भी व्यक्ति से वाद-विवाद न करें। निवेश के मामले में विशेष सावधानी रखें। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।

तुला- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में पांचवें भाव में रहेगा। शुक्र के स्वामित्व वाली तुला के लिए कुंभ राशि का मंगल लाभदायक रहेगा। इन लोगों की कुंडली में मंगल पंचम भाव में रहेगा जो कि इनके लिए हितकारी होगा। यह समय आपकी उलझनों को सुलझाने के लिए श्रेष्ठ है। मंगल के कारण आर्थिक परेशानियों का निपटारा होने की संभावनाएं हैं। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। लेकिन स्वास्थ्य एवम् पारिवारिक सदस्यों के कारण परेशानी पैदा हो सकती है।

वृश्चिक- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में चौथे भाव में रहेगा। यह ग्रह परिवर्तन आपके लिए शुभ समाचार दिलाने वाला रहेगा। किसी बड़े कार्य को बनाने में सफल हो जाएंगे। नए निर्माण कार्य होने के योग बन रहे हैं। घर-परिवार तथा मित्रों का सहयोग मिलेगा। लेकिन कुछ हद तक आप तनावग्रस्त रह सकते हैं। खर्चे भी अधिक रह सकते हैं। साथ ही कुछ गुप्त गतिविधियों के लिये भी खर्च करना पड़ सकता है।

धनु- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में तीसरे भाव में रहेगा। यहां स्थित मंगल आपको लाभ प्रदान करेगा। इन लोगों को नया कारोबार मिलने की संभावनाएं हैं। मंगल के कारण आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलेगी। नई योजनाएं प्राप्त होने की संभावनाएं हैं। यात्राएं सफलदायक रहेंगी। संचार माध्यमों के शुभ समाचार प्राप्त करेंगे। विरोधी आपका सामना भी नहीं कर पायेंगे। प्रयत्नों में सफलता सुनिश्चित रहेगी।

मकर- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में दूसरे भाव में रहेगा। आर्थिक लाभ के लिये यह समय अच्छा नहीं है। परिवार के सदस्यों के कारण तनाव पैदा हो सकते हैं। अन्य मामलों में जैसा समय चल रहा है वैसा ही चलने की संभावनाएं हैं। मंगल के कारण कोई बड़ा बदलाव होने की संभावनाएं काफी कम हैं। छोटी छोटी बातों से बडे विवाद हो सकते हैं अत: वाणी पर नियंत्रण रखें। शांति और धैर्य के साथ कार्य करते रहें।

कुंभ- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में प्रथम भाव में रहेगा। मंगल और आपकी राशि के स्वामी शनि दोनों एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। अत: यह समय आपके लिए सावधान रहने का है। कुछ उलझनें सामने आ सकती हैं। जोखिम उठाने या सट्टेबाजी के लिये यह समय ठीक नहीं है। दूसरों के कार्यों में दखल देने से भी बचना जरूरी होगा। किसी नए काम से जुडने या कार्य विस्तार के लिए यह बहुत उचित समय नहीं है।

मीन- मंगल का गोचर आपकी कुंडली में बारहवें भाव में रहेगा। अत: इस अवधि में हमेशा सावधान रहना जरूरी होगा। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। इस समय बेकार के खर्चे आपको परेशान कर सकते हैं। आमदनी के श्रोत कमजोर रह सकते हैं। संतान की ओर से भी कुछ समस्या भी हो सकती है। आपकी मानसिक शांति भंग रह सकती है।

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