अंबानी भाइयों की कुंडली में छुपा है उनकी सफलता-असफलता का राज!

मुकेश अंबानी का लगातार बढ़ता गया साम्राज्य लेकिन अनिल अंबानी का खजाना होता रहा खाली, जानिए वजह!


देश का सबसे धनी और चर्चाओं में रहने वाला परिवार है अंबानी परिवार। मुकेश और अनिल, ये दो ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके नाम के आगे धीरूभाई अंबानी नाम जुड़ा है। भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार ये दोनों सगे भाई हैं। इनमें मुकेश अंबानी बड़े तथा अनिल अंबानी छोटे भाई हैं। फ़ोर्ब्स द्वारा जारी की गयी एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे अमीर अरबपति लोगों में मुकेश अंबानी 13वें पायदान पर पहुँच गए हैं तो दूसरी ओर उनके छोटे भाई अनिल 1349वें नंबर पर हैं। हालांकि दोनों की संपत्ति को मिलाकर देखा जाए तो अंबानी परिवार जल्द ही दुनिया का सबसे अमीर परिवार बन जाएगा। आज हम दोनों भाइयों की कुंडलियों का अध्ययन करके जानने की कोशिश करेंगे इनकी कुंडलियों में क्या विशेषताएँ हैं और क्या ख़ामियाँ। 

मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में क्यों है इतना अंतर 


अगर दुनिया भर के अमीर लोगों की लिस्ट पर नज़र डालें तो दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में आज मुकेश अंबानी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चूका है। वहीं अगर उनके भाई अनिल अंबानी की बात करें तो दुनिया की छोड़िये उनका नाम भारत के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में भी शामिल नहीं नज़र आता। वर्ष 2004 में हुई संपत्ति के बँटवारे के बाद दोनों भाइयों ने एक दूसरे से अलग होकर अपना-अपना भाग्य आज़माया। दोनों के हिस्से में लगभग एक बराबर संपत्ति आई लेकिन आज अनिल अंबानी, मुकेश अंबानी से काफी पीछे हैं। इसकी वजह बेशक इन दोनों के सोचने या काम करने का तरीका हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही एक बड़ी वजह इनके सितारों की स्थिति भी है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि इन दोनों की कुंडलियाँ क्या कहती हैं।

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मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली 


जन्म विवरण 

जन्म तिथि: 19 अप्रैल 1957

जन्म समय: 19:53:00

जन्म स्थान: अदेन यमन

जन्म लग्न: वृश्चिक

जन्म राशि (चंद्र): धनु

जन्म नक्षत्र: मूल

यहाँ देखें: मुकेश अंबानी का सम्पूर्ण लग्न चार्ट!



जन्म कुंडली



नवमांश कुंडली

मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल, 1957 को रात्रि 7 बजकर 53 मिनट पर अदेन बेरेक नामक स्थान पर हुआ। जिसके अनुसार उनकी कुंडली वृश्चिक लग्न की है। इनकी चंद्र राशि धनु है। धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है जो इंसान को ज्ञानी और समझदार बनाता है। धनु राशि के लोग अक्सर अच्छे सलाहकार होते हैं यही गुण मुकेश अंबानी में भी देखा जाता है। इस राशि के लोगों में नेतृत्व की क्षमता बहुत अधिक होती है। यही बात मुकेश अंबानी के व्यवहार में भी देखी जा सकती है। मुकेश अंबानी का जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है और इस लग्न में जन्में लोगों की विशेषता होती है कि ये किसी भी अच्छे अवसर को तुरंत भाँप जाते हैं और उसके अनुसार कदम भी उठा लेते हैं। यही बात मुकेश अंबानी पर भी लागू होती है उन्होंने मार्केट और लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई बार सही फैसले लिए हैं। लग्न का स्वामी ग्रह मंगल सप्तम भाव में बैठकर लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। इस कारण इनका लग्न काफी बलवान है और लग्न का बलवान होना व्यक्ति के व्यक्तित्व को मजबूत बनाता है। 

मुकेश अंबानी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण


वृश्चिक लग्न होने से ये अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित होते हैं और उसको पाने के लिए किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। साथ ही काल पुरुष की कुंडली में वृश्चिक अष्टम भाव की राशि होने से ये गुप्त तरीकों से किसी को अपने मन की बात बताए बिना एकाग्रचित्त होकर अपने काम में लगे रहते हैं। एक कहावत है कि ऐसा काम करो की सफलता खुद शोर मचाए। यह कहावत मुकेश अंबानी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। रिलायंस जियो को लांच करने का उनका फायदा उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ और आज इससे उनको करोड़ों का मुनाफा हो रहा है। चंद्रमा मुकेश अंबानी की कुंडली में द्वितीय भाव में बैठा हुआ है इसलिए इनकी वाणी में सौम्यता भी दिखेगी और समझदारी भी क्योंकि इस भाव पर धनु राशि का आधिपत्य है जोकि गुरु बृहस्पति की राशि है। वाणी की सौम्यता इन्हें कारोबार में बड़ी सफलताएँ दिलाने में कारगार साबित होगी। मुकेश अंबानी की राशि धनु होने से इनकी ख़ासियत यह है कि ये किसी भी चीज में डूब जाने को प्रेरित रहते हैं और अपने जीवन के उद्देश्यों को निश्चित आंककर उन्हें पाने के लिए पूरा दम-खम लगा देते हैं। ऐसे लोग जो भी काम करते हैं उसे पूरी एकाग्रता और संयम के साथ करते हैं। 

स्वामी ग्रह के रूप में, बृहस्पति आपको उन अवसरों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हैं, जो हमारे जीवन में आते हैं। एक साहसिक रूप में यह हमे विश्वास दिलाता हैं कि कुछ है जो आपसे भी बड़ा है। इनकी कुंडली में धन भाव द्वितीय तथा पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति की दशम भाव से दृष्टि द्वितीय भाव पर, नवमेश चंद्रमा पर होने से अच्छे धन योग बनते हैं तथा दशमेश सूर्य पर दृष्टि होने से इन्हे सरकारी क्षेत्रों से भी अच्छा लाभ मिलता है जो इन्हे सत्ताधारी लोगों के निकट रहने में मदद करता है। इसके इलावा एकादशेश बुध पर भी गुरु की दृष्टि होने से अच्छा धन योग बनाता है। 

अनिल अंबानी की जन्म कुंडली 


जन्म विवरण

जन्म तिथि: 04 जून 1959

जन्म समय: 22:30:00

जन्म स्थान: मुंबई

जन्म लग्न: मकर

जन्म राशि (चंद्र): वृषभ

जन्म नक्षत्र: कृत्तिका

यहाँ देखें: अनिल अंबानी का सम्पूर्ण लग्न चार्ट!


जन्म कुंडली


नवमांश कुंडली

अनिल अंबानी का जन्म 4 जून, 1959 को रात्रि के 10 बजकर 30 मिनट पर मुंबई में हुआ था। इस हिसाब से उनकी कुंडली मकर लग्न की है जबकि उनकी चंद्र राशि वृषभ है। वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है जो इंसान को भौतिकता वादी और कलात्मक बनाता है लेकिन इसके साथ ही इन लोगों में आलस्य भी देखा जाता है। 

अनिल अंबानी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण


अनिल अंबानी की कुंडली मकर लग्न की है जिसका स्वामी शनि है। शनि को कर्मफल दाता भी कहा जाता है। मकर लग्न के लोग दूसरों से पहले अपने बारे में सोचना पसंद करते हैं। इन लोगों का भाग्योदय भी बहुत बाद में होता है। मंगल और बृहस्पति इस राशि के लोगों के लिए क्रमशः बाधक और अकारक होते हैं और जब इन ग्रहों की महादशा या अंतर्दशा चलती है तो इन लोगों को कष्ट उठाना पड़ता है। इस लग्न में पैदा हुए लोगों का झुकाव आध्यात्म की ओर बहुत ज्यादा होता है, इसलिए ये लोग सांसारिक जीवन में कई बार आगे बढ़ने के बाद भी बहुत समय तक टिक नहीं पाते। इन बातों को में ध्यान में रखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अनिल अंबानी के सितारे बहुत अच्छे नहीं हैं खासकर व्यापार की गतिविधियों को लेकर। अगर अनिल अध्यात्म के क्षेत्र में आगे बढ़ते तो शायद उन्हें बहुत अच्छे फल मिल सकते थे।

वीडियो देखें:

मुकेश अंबानी के इस ख़ास योग से धन-समृद्धि में होगी बढ़ोतरी 


मुकेश अंबानी की कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी ग्रह बुध और द्वादश भाव का स्वामी ग्रह शुक्र षष्ठम भाव में बैठकर विपरीत राज योग का निर्माण कर रहे हैं, जो व्यक्ति को कठिनाइयों से निकालकर सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचा देता है। दशमेश उच्च का होकर छठे भाव में बैठ कर इनको मार्किट के सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ने में पूरी मदद करता है और अष्टमेश बुध गुप्त तरीके से योजनाएं बनाकर विरोधियों को पछाड़ता है। इनकी राशि से मंगल का छठे भाव में बैठना इनको सदैव प्रतिद्वंदियों से दो कदम आगे ही रखता है।

वर्तमान समय में इनकी राहु की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा चल रही है जो अगस्त 2019 तक चलेगी और उसके बाद गुरु बृहस्पति की दशा इनको प्राप्त होगी। गुरु बृहस्पति एक वृद्धि कारक ग्रह है और इनकी कुंडली में काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले समय में इनकी प्रतिष्ठा और धन दौलत और बढ़ेगी और ये अपने चरम पर पहुँचेंगे। 

शनि ने जिओ को बनाया सफल? 


अगर मुकेश अंबानी के सुनहरे दौर की बात करें तो जिस वक़्त वर्ष 2007 में जिओ की स्थापना की गयी थी उस समय इनकी राहु की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही थी। शनि जो कि तीसरे भाव का स्वामी होकर लग्न में विराजमान है और कर्म भाव पर पूर्ण दृष्टि दे रहा है तथा सेवा प्रदाता क्षेत्र का मुख्य ग्रह है। इसी लिए जिओ प्रोजेक्ट मुकेश अंबानी के लिए सोच से भीज्यादा फायदेमंद साबित हुआ। 

शनि की महादशा अभी और देगी अनिल अम्बानी को कष्ट 


दूसरी ओर यदि अनिल अंबानी की कुंडली पर नज़र दौड़ाई जाए तो हम देखते हैं कि लग्न का स्वामी शनि बारहवें भाव में स्थित है और लगन पर नीच के मंगल की पूरी दृष्टि है। ऐसे में लग्न कमजोर है जो इनके प्रयासों को आगे बढ़ाने में एक बड़ा रोड़ा साबित होता है। हालांकि दशम भाव का स्वामी शुक्र सप्तम भाव में बैठा है लेकिन शत्रु चंद्रमा की राशि में नीच के मंगल के साथ बैठने से भी काफी पीड़ित और कमजोर हो गया है। चंद्रमा से अष्टम भाव में शनि स्थित भी है और उस पर वर्तमान में शनि का ही गोचर चल रहा है जिसकी वजह से कंटक शनि की ढैया चल रही है। यह समय मानसिक रुप से तनाव को बढ़ाने वाला और आर्थिक रुप से कुछ कमजोर करने वाला दिखाई देता है। वर्तमान में इन पर वक्री शनि की महादशा चल रही है जिस में बुध की अंतर्दशा है जो मई 2020 तक चलेगी। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आने वाला 1 साल अनिल अंबानी के लिए अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। इसके अलावा वर्तमान में राहु का गोचर भी सप्तम भाव में मंगल और शुक्र के ऊपर से गुज़र रहा है जो कि अनुकूल नहीं कहा जा सकता। दिसंबर 2002 में अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के अंतर्गत आरकॉम की स्थापना की गयी उस समय वक्री बृहस्पति की महादशा में वक्री शनि की अंतर्दशा और राहु का अंतर चल रहा था। ऐसे में ये नतीजा पहले से तय था। 

निष्कर्ष: संपत्ति बँटवारे के बाद यूँ तो अनिल और मुकेश को एक समान संपदा और संसाधन मिले लेकिन अगर ये कहा जाए कि अनिल अंबानी की कुंडली के ग्रह-सितारे उसे मुकेश अंबानी जितनी सफलता नहीं दिला पाए तो शायद गलत नहीं होगा। दोनों की कुंडली ये बताती है कि जहाँ आने वाले साल मुकेश अंबानी के लिए बेहद अच्छे साबित हो सकते हैं वहीं अनिल अंबानी को आने वाले वक़्त में कई मुश्किलों भरे दौर से गुजरना पड़ सकता है।

उम्मीद है हमारे यह लेख आपको पसंद आया होगा। हम आपके मंगल भविष्य की कामना करते हैं।

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गुरू बृहस्पति का धनु में गोचर- 28 मार्च 2019 !

देवगुरू बृहस्पति का आज होगा विशेष राशि परिवर्तन, जिससे खुलेगी जातकों की बंद किस्मत ! जानिये आपकी राशि पर कैसा होगा गोचर का प्रभाव। 


देवगुरु जिन्हें वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह के नाम से संबोधित किया गया है, सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। यह ज्ञान के साथ-साथ, संतान तथा धन प्रदाता ग्रह भी हैं। यह धर्म के प्रणेता हैं तथा वृद्धि कारक ग्रह हैं और व्यक्ति को ख़ुशियाँ देते हैं। ये आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और सात्विक गुण इनकी विशेषता है। इन्हें धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। कर्क राशि में ये 5 डिग्री पर पूर्णतः उच्च अवस्था में रहते हैं तथा मकर राशि में 5 डिग्री पर पूर्णतः नीच अवस्था में देखें जाते हैं। इनकी मूल त्रिकोण राशि भी धनु है। 

कुंडली में बृहस्पति की स्थिति का प्रभाव 


यदि कुंडली में बृहस्पति मजबूत हो तो व्यक्ति एक अच्छा मंत्री सलाहकार बन सकता है। उसे धन, संतान और वैभव की कोई कमी नहीं रहती। बृहस्पति हमारे शरीर में वसा को नियंत्रित करते हैं और जातक के आमाशय (पेट) पर अपना अधिकार रखते हैं। इसी लिए इनकी अशुभ स्थिति होने पर व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है और उसका विवाह में विलंब भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त कैंसर, मधुमेह तथा लीवर से संबंधित रोग हो सकता है। बृहस्पति देव महिलाओं के लिए विवाह के कारक माने जाते हैं। जो ईशान कोण अर्थात उत्तर पूर्व दिशा के स्वामी हैं और सूर्य, चंद्र तथा मंगल इनके मित्र हैं। बुध और शुक्र इनके शत्रु और शनि के साथ सम सम्बन्ध रखते हैं। बृहस्पति को कुंडली में मजबूत स्थिति देने के लिए और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए पुखराज रत्न पहनने अथवा बृहस्पति यंत्र धारण करने की सलाह दी जाती है। 

बृहस्पति गोचर का समय 


देव गुरु बृहस्पति 28 मार्च दिन बृहस्पतिवार को रात्रि 7:42 बजे वृश्चिक राशि से निकलकर अपनी स्वराशि धनु में प्रवेश करेंगे। जो यहाँ पर 10 अप्रैल से वक्री हो जाएंगे तथा 24 अप्रैल के दिन बुधवार को 02:41 बजे इसी वक्री अवस्था में एक बार पुनः वृश्चिक राशि में वापिस लौट जायेंगे। वृश्चिक राशि में रहते हुए 11 अगस्त को मार्गी हो जाएंगे और 5 नवंबर दिन मंगलवार को 00:03 बजे पुनः धनु राशि में आ जाएंगे। 17 दिसंबर 2019 से 11 जनवरी 2020 के बीच गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। इस प्रकार आने वाले इस पूरे ही वर्ष बृहस्पति की गति में लगातार उतार-चढ़ाव आएंगे और इसका प्रभाव प्रत्येक जन मानस पर भी पड़ेगा। 

"गुरु के ज्योतिषीय उपाय" से करें हर समस्या का समाधान! 

गुरु के दिशा परिवर्तन से बदलेगा देश का मिज़ाज 


यहाँ यह जानना भी आवश्यक है कि गुरु जिस राशि (धनु) में जा रहे हैं। वहाँ कर्म फल दाता शनि अप्रैल से 17 सितंबर तक धनु राशि में ही प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में धनु राशि में शनि और गुरु की युति अशुभ फलकारी है, इसलिए:-
  • गुरु गोचर के प्रभाव से देश (भारत) में कई जगह उपभोग करने की वस्तुओं का अभाव हो सकता है। 
  • इसके साथ ही आवश्यक वस्तुओं के मूल्य में भी तेज़ी से वृद्धि होने की उम्मीद है। 
  • इस दौरान लोगों में अशांति का वातावरण भी छा सकता है जिससे उनके क्रोध में भी वृद्धि होने की संभावना है। 
  • इस स्थिति में हिंसक, उपद्रव घटनाएँ भी घट सकती हैं। 
  • इसके अलावा कई राज्य में सत्ता परिवर्तन के भी योग हैं। 
“एस्ट्रोसेज के द्वारा आईपीएल 2019 का विशेष कवरेज

IPL और लोकसभा चुनावों पर गुरु गोचर का असर 

ज्योतिषी विशेषज्ञों की मानें तो गुरु गोचर के दौरान देश में दो बड़ी घटनाएँ भी घटेंगी। इनमें पहला आईपीएल सीज़न 12 और दूसरा लोकसभा चुनाव हैं। लाज़मी है कि इन दोनों घटनाओं में गुरु के गोचर का प्रभाव भी पड़ेगा। आईपीएल 2019 का संबंध मुख्य रूप से खेल के साथ-साथ मनोरंजन, चकाचौंध और आर्थिक पक्ष से जुड़ा है। वहीं गुरु वृद्धि और धन-संपत्ति का कारक है। जिसके चलते लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार अपने चुनावी क्षेत्र में चुनाव जीतने के लिए अधिक धन बल का प्रयोग कर सकते हैं। कई उम्मीदवार गोचर के कारण आचार संहिता का भी उल्लंघन करते हुए नज़र आ सकते हैं। 

आइए अब जानते हैं कि आपकी राशि के लिए क्या विशेष फल लेकर आएँगे देव गुरु बृहस्पति:-


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि।

मेष


देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेंगे। बृहस्पति देव के इस गोचर के प्रभाव से आपकी प्रोफेशनल लाइफ में तरक्की होगी। इस दौरान आपका प्रभाव और छवि दोनों में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरुप आप...आगे पढ़ें

वृषभ


बृहस्पति देव आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेंगे। इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। परिणामस्वरुप स्वास्थ्य संबंधी से विकार उत्पन्न होने की संभावना होगी। इनमें पेट से जुड़ी बीमारी हो सकती है। इसके अतिरिक्त...आगे पढ़ें

मिथुन


बृहस्पति देव आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरुप इस अवधि में आप जीवनसाथी के संग आनंद के पल व्यतीत करेंगे। यदि पहले से कोई मतभेद हैं तो वे दूर हो जाएंगे और आप वैवाहिक सुख का परम आनंद लेंगे। गुरु के शुभ प्रभाव से...आगे पढ़ें

कर्क


देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि से षष्ठम भाव में प्रवेश करेंगे। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस दौरान आप मानसिक तनाव से परेशान रह सकते हैं इसलिए बेहतर होगा कि विषम परिस्थितियों में धैर्य के साथ काम लें और...आगे पढ़ें

सिंह


बृहस्पति देव आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि में आपके नए-नए संपर्क बनेंगे और इनसे लाभ की प्राप्ति होगी। आप विभिन्न तरह के सेवा व परोपकारी कार्यों में शामिल रहेंगे। इस दौरान हो सकता है कि आप...आगे पढ़ें

कन्या


धर्म और दर्शन के कारक बृहस्पति देव का आपके चतुर्थ भाव में स्थित होना आपके लिए शुभ संकेत नहीं दे रहा है। क्योंकि इस अवधि में आपके निजी जीवन में उथल-पुथल रह सकती है, साथ ही जीवनसाथी या परिजनों के साथ...आगे पढ़ें

तुला


आपकी राशि में गुरु का तृतीय भाव में स्थित होना थोड़ा कष्टकारी हो सकता है। इस अवधि में निवास स्थान में परिवर्तन की संभावना है। काम के सिलसिले में या किसी और कारण से आप किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट हो सकते हैं। आपके अंदर...आगे पढ़ें

वृश्चिक


बृहस्पति देव आपकी राशि से द्वितीय भाव में संचरण करेंगे। चूँकि यह भाव सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसी लिए आपकी राशि में गुरु का द्वितीय भाव में स्थित होना एक शुभ संकेत दे रहा है। इसके फलस्वरुप आपकेआगे पढ़ें

धनु


गुरु का गोचर आपकी राशि में ही होगा और गुरु आपके प्रथम भाव में स्थित होगा। इसके फलस्वरुप यह समय शिक्षा, वैवाहिक जीवन, संतान और लव लाइफ के लिए अच्छा रहेगा। खास बात है कि आपको हर कदम पर...आगे पढ़ें

मकर


बृहस्पति देव आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। इस भाव में गुरु के स्थित होने से आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। इस अवधि में आप लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। ये यात्रा निजी व कामकाज के सिलसिले में हो सकती है...आगे पढ़ें

कुंभ


बृहस्पति देव आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर करेंगे। आपकी राशि में गुरु का एकादश भाव में स्थित होना एक शुभ संकेत है। इस अवधि में आपकी सेहत अच्छी रहेगी। अगर लंबे समय से बीमार चल रहे हैं तो अब...आगे पढ़ें 

मीन


बृहस्पति देव आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे। वैदिक ज्योतिष में दशम भाव मुख्य रूप से कर्म स्थान है। इस भाव में गुरु का स्थित होना एक अच्छा संकेत है। इस अवधि में आपके निवास स्थान में परिवर्तन हो सकता है। नौकरी के सिलसिले में या...आगे पढ़ें

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साप्ताहिक राशिफल 25 से 31 मार्च 2019

बृहस्पति देव का स्व राशि धनु में गोचर से सभी बारह राशियों पर होगा बड़ा प्रभाव, इस साप्ताहिक राशिफल में जानिए विस्तार से।



साप्ताहिक राशिफल की मदद से जानिए कैसा रहेगा आपके लिए मार्च 2019 का आख़िरी सप्ताह। इस राशिफल की सहायता से आप जान सकते हैं कि इस सप्ताह आपको प्रेम जीवन में कैसे फल मिलेंगे। इसके अलावा अपने जीवन के विभिन्न पक्षों जैसे कि करियर, परिवार, स्वास्थ्य को लेकर भी आप जान सकते हैं जरुरी बातें और इन बातों को जानकर आप अपने जीवन में ला सकते हैं उचित बदलाव। इस राशिफल में हम आपको आपकी राशि के अनुसार कुछ ऐसे उपाय भी बताएंगे जिन्हे करने से आपके जीवन में आने वाली परेशानियां हो सकती हैं दूर।

इस सप्ताह का हिन्दू पंचाग एवं ज्योतिषीय तथ्य 


मार्च के अंतिम सप्ताह की शुरुआत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से होगी और इस सप्ताह के साथ-साथ इस माह का अंत चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को होगा। इस सप्ताह चंद्र देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक, धनु व मकर राशियों में गोचर करेंगे। चंद्रमा के इन राशियों में गोचर के कारण विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण तथा धनिष्ठा नक्षत्रों में भी अपना प्रभाव डालेंगे। 

बृहस्पति देव से पाएं लाभकारी फल


चंद्रमा के राशियों में गोचर के साथ ही इस सप्ताह एक बड़ा गोचर भी होने जा रहा है यह गोचर है बृहस्पति देव का, जिसमें बृहस्पति देव 28 मार्च को वृश्चिक राशि से निकलकर अपनी स्व राशि धनु में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषी शास्त्र अनुसार जिस जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत स्थिति में होता है तो वो जातक अपने जीवन में प्रगति प्राप्त करता हैं। हालाँकि जातकों को मोटापा गुरु बृहस्पति से ही मिलता है जिसे जातक गुरु यंत्र के रूप में उनका आशीर्वाद पाकर दूर कर सकते हैं। जातक पुखराज और पाँच मुखी रुद्राक्ष धारण करके भी गुरु बृहस्पति को खुश कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ वक्त से वक्री चल रहे बुध देव भी अब मार्गी हो जाएंगे और सभी राशियों पर अपना प्रभाव डालेंगे। 

इस सप्ताह चुनावी क्षेत्र में रहेगा गहमागहमी का दौर


ये सप्ताह चुनावी दौर के लिए भी ख़ासा विशेष रहने वाला है, क्योंकि देशभर में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जिसके चलते इस सप्ताह देशभर में गरमा-गर्मी का माहौल रहेगा। और इसीलिए राजनीतिक पार्टियाँ अपनी-अपनी रणनीतियाँ बना रहीं हैं। ऐसी ही रणनीति के तहत बीजेपी ने हाल ही में फैसला किया है कि वो लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में सभी 11 सांसदों के टिकट काटेगी और नए चेहरों को इस बार अपनी किस्मत आज़माने का मौका देगी। चूंकि बीजेपी ने यह फैसला भी लिया है कि मौजूदा सांसदों के परिवार वालों को भी टिकट नहीं दी जाएगी इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे की दावेदारी पर भी तलवार लटक रही है क्योंकि वो यूँ तो वर्तमान में सांसद हैं, लेकिन खबर हैं कि बीजेपी उनका टिकट काट रही है। खैर राजनीतिक पार्टियाँ कोई भी फैसला क्यों न लें लेकिन इस सप्ताह गुरु का स्व राशि में गोचर कई राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। 


बॉलीवुड विशेष में क्या है ख़ास?


इस हफ्ते बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग से धूम मचाने वाले दक्षिण भारतीय अभिनेता प्रकाश राज का 26 मार्च को जन्मदिन है। इसके बाद 28 मार्च को अपने एक्टिंग के हुनर का लोहा मनवाने वाले विनोद खन्ना के बेटे अक्षय खन्ना का जन्मदिन है। लिहाजा इनके प्रशंसक दिल से इन सितारों का जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगे। तो चलिए अब हम आपको बताते हैं राशि अनुसार इस सप्ताह का राशिफल। 


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि

मेष


इस सप्ताह चंद्र देव आपके अष्टम, नवम और दशम भाव में रहेंगे। जिस कारण इस सप्ताह आपके ख़र्चे काफी अधिक रहने वाले हैं इसलिए आपको थोड़ा ध्यान रखना होगा कि कहीं आपके हाथ से पैसा पूरी तरह से निकल ना जाए इसी बात को ध्यान में रखते हुए अपने...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- शुक्र और बुध की दृष्टि पंचम भाव को पुष्पित और पल्लवित करेगी जिससे आपके प्यार में रोमांस भी बढ़ेगा और आपसी बातचीत भी। आप खुलकर एक दूसरे से मन की बातें करेंगे तथा...आगे पढ़ें

वृषभ


इस सप्ताह देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपके अष्टम भाव में होगा। जिसकी वजह से आप को मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी। अनुकूल प्रभाव की बात करें तो आपका मन धर्म, अध्यात्म, साधना तथा गूढ़ रहस्यमई विद्याओं को जानने के लिए आकर्षित होगा और इन क्षेत्रों में आपको...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- इस सप्ताह सूर्य का प्रभाव रिश्ते में गर्मी बढ़ा सकता है। विवाहित जातकों के लिए समय काफी अनुकूल रहेगा और आपको अपने जीवनसाथी से सभी प्रकार के सुख की प्राप्ति होगी। आपको ऐसा लगेगा कि...आगे पढ़ें

मिथुन


इस सप्ताह लग्न में राहु की उपस्थिति आपको हवाई स्तर पर रखेगी इसलिए अपनी जिम्मेदारियों के मूल को समझने में आपको परेशानी हो सकती है। इसके लिए आपको अपने परिवार के किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेने की आवश्यकता पड़ेगी। सप्ताह के मध्य में अपने बिजनेस पार्टनर से...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- प्रेम संबंधित मामलों के लिए सप्ताह अनुकूल रहने की संभावना है। इस दौरान आपके बीच प्यार में बढ़ोतरी होगी और आपको घूमने फिरने के मौके मिलेंगे। साथ में कुछ चटपटा खाने भी जा सकते हैं। इस दौरान आप...आगे पढ़ें

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कर्क


इस सप्ताह चन्द्रमा आपकी राशि से पंचम, षष्टम और सप्तम भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपकी मानसिक चिंताएं बढ़ेगी और साथ ही साथ खर्चे भी बढ़ेंगे। आपको अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा क्योंकि अत्यधिक सोचने और चिंताओं के कारण आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। पेट से...आगे पढ़ें


प्रेम जीवन :- प्रेम संबंधित मामलों के लिए सप्ताह की शुरुआत अनुकूल रहेगी और सब कुछ अच्छा चलेगा लेकिन जैसे-जैसे वक्त आगे बढ़ेगा आप खुद की चिंताओं से घिरे रहेंगे जिसकी वजह से...आगे पढ़ें

सिंह


चंद्र देव के गोचर के परिणामस्वरुप पारिवारिक जीवन में सुख और शांति का आगमन होगा और आप अपने परिवार के बीच अच्छा समय बिता पाएंगे। पुराने समय से चली आ रही पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। परिवार में कोई शुभ कार्य होगा या फिर किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है, जिससे घर में...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- पंचम भाव में शनि और केतु की युति आपके प्रेम संबंध में दरार डालने का काम कर रही है। ऐसे में आपको बहुत ही शांति से और धैर्य के साथ इस समय को बिताना चाहिए। यदि...आगे पढ़ें

कन्या


इस सप्ताह आपको भाई बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा और वह अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करेंगे। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी और यदि आप अपने आलस्य का त्याग करते हैं तो उत्तम आमदनी के मार्ग खुलेंगे। सप्ताह के मध्य में परिवार में कोई बड़ी हलचल हो सकती है।...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- शादीशुदा जातकों के जीवन में सूर्य की प्रथम भाव में उपस्थिति गृह कलेश का कारण बन सकती है। ऐसे में कोशिश करें स्वयं को अन्य कार्यों में अधिक व्यस्त रखें ताकि किसी भी बात पर बहस ना हो, अन्यथा...आगे पढ़ें

तुला


इस सप्ताह चन्द्रमा आपके द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। परिवार में कोई शुभ कार्य संपन्न हो सकता है। ऐसी भी संभावना है कि आपके परिवार में किसी का विवाह अथवा संतान जन्म की खुशख़बरी आपको प्राप्त हो। सप्ताह के मध्य में आप किसी यात्रा पर जा सकते हैं लेकिन...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- इस सप्ताह आपका प्रेम जीवन परवान चढ़ेगा और आप एक दूसरे के साथ समय बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। साथ ही आप अपने प्रियतम के साथ शॉपिंग पर भी जा सकते हैं और...आगे पढ़ें

वृश्चिक


इस सप्ताह शनि की साढ़ेसाती आपको समय-समय पर तनाव देती रहेगी। लेकिन आप वृश्चिक राशि के स्वामित्व में आते हैं इसलिए मंगल का स्वभाविक बल आपको आत्म बल प्रदान करेगा और आप हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार दिखेंगे। आपके कुटुंब में कोई झगड़ा हो सकता है और ऐसे में...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- प्रेम संबंधित मामलों में इस सप्ताह आपको ध्यान से रहना होगा। पंचम भाव पर बृहस्पति की दृष्टि प्रेम जीवन को संभालेगी लेकिन वहां उपस्थित सूर्य अलगाव पैदा करने का कार्य करेगा। ऐसे में...आगे पढ़ें

धनु


चंद्रमा के इस गोचर के परिणाम स्वरूप इस सप्ताह आपके खर्चे काफी बड़े-चढ़े रहेंगे और स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी आपके सामने आ सकती हैं। अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना आपकी सबसे बड़ी आवश्यकता होगी क्योंकि शरीर स्वस्थ रहेगा तभी आप जीवन में किसी भी सुख का अनुभव कर पाएंगे। आप स्वभाव से थोड़े खिन्न हो सकते हैं अथवा...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- यदि आप किसी प्रेम संबंध में है तो इस सप्ताह आपको खट्टे मीठे परिणाम मिलेंगे। सप्ताह की शुरुआत काफी धीमी रहेगी और इस दौरान अपने जीवन की अन्य गतिविधियों में अधिक व्यस्त रहेंगे हालांकि...आगे पढ़ें


मकर


इस सप्ताह जहां एक ओर आपको खुशी मिलेगी वहीं दूसरी ओर आमदनी भी बढ़ेगी। किसी वृद्ध व्यक्ति जो समाज में अच्छा स्थान रखता हो उससे आपको मार्गदर्शन मिल सकता है। नई-नई चीजें सीखने और ज्ञान प्राप्त करने के लिए आप का मन लालायित रहेगा। सप्ताह के मध्य में...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- प्रेम संबंधित मामलों के लिए सप्ताह पंचम भाव में मंगल की उपस्थिति के कारण थोड़ा रूखा रह सकता है। लेकिन बृहस्पति की दृष्टि 28 मार्च तक आपके प्रेम जीवन को पुष्पित और पल्लवित करेगी। इसलिए...आगे पढ़ें

कुंभ


इस सप्ताह कुम्भ राशि के जातकों को कार्यक्षेत्र से संबंधित अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी और आपके अधिकारों की वृद्धि होगी। इसके बाद जैसे ही चंद्रमा एकादश भाव में जाएगा आपको आमदनी के मार्ग प्राप्त होंगे। लेकिन यहां उपस्थित शनि और केतु की युति के कारण आप के वरिष्ठ अधिकारी किसी बात को लेकर आप से नाराज हो सकते हैं। परिवार में...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- शुक्र और बुध की आपकी राशि में उपस्थिति आपको अंदर से खुश रखेगी और आप दिल की गहराइयों से अपने प्रियतम को चाहेंगे। लेकिन पंचम भाव पर शनि का प्रभाव आपके प्यार की...आगे पढ़ें

मीन


इसी हफ्ते देव गुरु बृहस्पति का गोचर आपके दशम भाव में होगा। आपकी राशि के स्वामी भी बृहस्पति देव हैं और दशम भाव के स्वामी भी। ऐसे में देव गुरु बृहस्पति का दशम भाव में गोचर करना आपके करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला साबित होगा और यहां से आप अपने...आगे पढ़ें

प्रेम जीवन :- यदि आप के प्रेम संबंधित मामलों की बात की जाए तो ग्रहों की स्थिति आपको अपने प्रियतम के साथ कहीं घूमने जाने की ओर इशारा कर रही है इसलिए संभव है कि आप दोनों कहीं लॉन्ग ड्राइव पर जाएं या...आगे पढ़ें

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मंगल का वृषभ में गोचर ला रहा है ये बड़े बदलाव!

कल मंगल का हुआ राशि परिवर्तन जिससे कुछ राशियों पर मंडराया मंगल दोष का खतरा ! देखिये कही आपकी भी राशि तो नहीं हुई प्रभावित?



मंगल ग्रह को व्यापक रूप से लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है, जो साहस, ऊर्जा, नेतृत्व और छोटे भाई-बहनों से रिश्ते का कारक होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल को मेष और वृश्चिक राशियों के साथ ही साथ चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी भी माना जाता है। चूँकि मंगल ग्रह प्रकृति से गर्म होता है, इसलिए इसके प्रभाव में आने वाले जातक आमतौर पर आक्रामक, मजबूत और उग्र स्वभाव के होते हैं। हिन्दू धर्म में इस ग्रह को भगवान कार्तिकेय से जोड़कर देखा जाता है, जो कि युद्ध के देवता है। मंगल मकर राशि में उच्च का तो वहीं कर्क राशि में नीच का होता है। 

मंगल के प्रभाव


किसी भी जातक की कुंडली में लाभकारी स्थिति में होने पर मंगल जातक को स्वतंत्र विचारों वाला व बेहद प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला बनने में मदद करता है। ऐसे लोग दूसरों के बीच साहसी और ऊर्जावान व्यक्तित्व विकसित करते हैं, जो दूसरों को आकर्षित करता है। वहीं दूसरी ओर, यदि मंगल कुंडली में कमजोर या पीड़ित हो तो जातक रक्त से संबंधित समस्याओं, मांसपेशियों में दर्द, वैवाहिक जीवन में परेशानी, अधीर और आवेग से पीड़ित रहता है। 

मंगल दोष


किसी जातक की कुंडली में यदि मंगल लग्न, चतुर्थ या फिर सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में स्थित हो तो यह स्थिति मंगल दोष बनाती है। जिससे जातक को जीवन में काफी उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। इसके हानिकारक प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषी विशेषज्ञ जातक को मंगल उपचार और अनुष्ठानों का पालन करने की सलाह देते हैं। इसी लिए जातक मंगल यंत्र की स्थापना कर मंगल के हर दुष्प्रभावों से खुद का बचाव करता है। इसके साथ ही वैदिक ज्योतिष के अनुसार भी ग्रह कुंडली में मंगल के स्थान को मजबूत करने के लिए मूंगा रत्न पहनना लाभदायक साबित होता है। अनंतमूल और तीन मुखी रुद्राक्ष से भी मंगल के नकारात्मक प्रभावों को दूर कर लाभकारी परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।

गोचर काल 


मंगल दोष देने वाले इस लाल ग्रह ने 22 मार्च 2019 को 15:20:15 बजे, मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर किया किया है। ये यहाँ अगले लगभग 45दिनों तक इसी राशि में रहेगा। जिसके बाद 7 मई, 2019 को यह वृषभ राशि से 07:02:30 बजे चलेगा और मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए इस गोचर से सभी राशि के जातकों का जीवन प्रभावित होगा जो कई बड़े बदलाव की तरफ इशारा कर रहा है। 

मनोहर पर्रिकर की मृत्य से बीजेपी को होगा नुक्सान ?


बीते रविवार 17 मार्च 2019 को बीजेपी के एक प्रमुख चेहरे मनोहर पर्रिकर की मृत्यु ने चुनावों से ठीक पहले भाजपा को झटका दिया। गोवा के सीएम व केंद्र में मोदी मंत्रालय के ख़ास मंत्री रहे मनोहर पर्रिकर भाजपा के एक बुद्धिमान और योग्य नेता माने जाते थे। उन्होंने गोवा में भारतीय जनता पार्टी के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। ऐसे में 17 मार्च को कैंसर की लम्बी लड़ाई लड़ते हुए वो ज़िंदगी की जंग हार गए। इसके बाद, 18 मार्च (सोमवार) को बीजेपी ने प्रमोद सावंत को गोवा के सफल मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया और उन्हें गोवा में आगामी सुधार और विकास की ज़िम्मेदारी सौंपी। ऐसे में इस बात में कोई दोराय नहीं है कि अब चुनावी युद्ध में बीजेपी के लिए मनोहर पर्रिकर की ये दुखद मौत नकारात्मक प्रभाव डालेगी और ये नुकसान राज्य के लिए भी काफी नुकसान दायक साबित होगा। 


सहानुभूति वोट से होगी बीजेपी की जीत ?


बीजेपी के ग्रहों को समझें तो, बीजेपी ने सीएम के लिए एक नए नाम की घोषणा तो कर दी जिसका फायदा चुनावों में उठाने के लिए भाजपाई खूब तैयारी कर रहे हैं, लेकिन मनोहर पर्रिकर के रूप में पार्टी को हुआ नुकसान आने वाली गिरावट को ढँक नहीं सकता है। सरल व ज्योतिषीय तथ्यों के अनुसार समझें तो बीजेपी को सत्ता में नुकसान हो सकता है। हालाँकि, इससे कुछ सहानुभूति वोट हासिल करने में पार्टी सफल ज़रूर होगी। कुल मिलाकर देखा जाए, तो सितारे भी इसी तरफ इशारा करते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की गोवा में एक बार फिर से धमाकेदार वापसी हो सकती है। 


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। चंद्र राशि कैल्कुलेटर से जानें अपनी चंद्र राशि।


चलिए अब देखते हैं कि मंगल का गोचर किन राशियों के लिए होगा मंगल और किन जातकों के लिए देगा अमंगल परिणाम:-

मेष 


आपकी राशि से मंगल का गोचर दूसरे भाव में होगा। इसलिए इस अवधि में आपकी माता जी की सेहत कुछ कमज़ोर रह सकती है। उन्हें जोड़ों में दर्द की शिकायत रह सकती है या फिर पेट संबंधी विकार हो सकता है। लिहाज़ा उनकी सेहत का ख्याल रखें और उन्हें घर की बनी हुई चीज़ों को खिलाएं। इस दौरान उन्हें वजनी चीज़ को उठाने न दें। क्योंकि...आगे पढ़ें

वृषभ 


मंगल आपके लग्न या प्रथम भाव में गोचर करेगा। यह गोचर आपके जीवन में विलासिता और सुख-सुविधाओं के उदय का संकेत दे रहा है। आप अपने भौतिक सुखों को अधिक प्राथमिकता देंगे लेकिन आप कोशिश करें कि इन भौतिकवादी चीज़ों पर पानी की तरह अपना पैसा बर्बाद न करें, और अपने खर्चों पर लगाम लगाएँ। ज़मीन-जायदाद से जुड़े मामलों में...आगे पढ़ें

मिथुन


मंगल का ये गोचर आपके करियर को गति दे सकता है। इस दौरान से आपको कंपनी में उच्च पद प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र में आपका अधिकार और प्रभुत्व बढ़ेगा। इससे जिम्मेदारियों और कर्तव्यों में वृद्धि होगी, जो आपकी प्रतिष्ठा और व्यक्तित्व को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। इस दौरान, आपकी आय में वृद्धि होगी, और कई स्रोतों से वित्तीय लाभ प्राप्ति की संभावना है। यदि आप...आगे पढ़ें

कर्क 


मंगल का गोचर आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में होगा। इस दौरान गोचर व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ावा देगा। इस अवधि में आपको किसी अच्छी नौकरी का प्रस्ताव या प्रमुख व्यावसायिक परियोजनाएँ मिल सकती हैं। इसलिए कड़ी मेहनत करें, चुनौतियों से लड़ें और फिर अपने प्रयासों पर आत्म अवलोकन करें। अपने कार्यक्षेत्र के प्रति एक विश्लेषणात्मक रवैया बनाए रखें, अन्यथा...आगे पढ़ें

सिंह 


वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल आपके नौवें और चौथे भाव का स्वामी है। इसीलिए सिंह राशि वालों के लिए मंगल का गोचर अनुकूल प्रतीत हो रहा है, क्योंकि आप इस अवधि में अधिक आत्मविश्वास और साहसी बनेंगे। आप जोखिम लेने में संकोच नहीं करेंगे। हालाँकि, मन में अति आत्म-विश्वास का भाव न आए इसका ध्यान रखें...आगे पढ़ें

कन्या 


मंगल आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के परिणाम स्वरूप, आपका वैवाहिक जीवन प्रभावित हो सकता है। जीवनसाथी के साथ मतभेद होने की संभावनाएँ या फिर किसी बात को लेकर उनके साथ बहस कर सकते हैं। ऐसे स्थिति में, शांत रहें और आक्रामक या आवेगपूर्ण तरीके से प्रतिक्रिया न दें। इस समय, आप अपना और अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और...आगे पढ़ें

तुला


मंगल का गोचर आपके पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में कई चुनौतियों और उतार-चढ़ाव को लेकर आएगा, इसलिए तैयार रहें। इस समय यदि आप ऋण लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह आपके पक्ष में होगा। इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति को लेकर कोई अच्छी ख़बर मिल सकती है। लेकिन आप अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे बुखार, पेट में दर्द या शरीर में...आगे पढ़ें

वृश्चिक 


मंगल आपकी राशि से सप्तम भाव यानि विवाह भाव में गोचर करेगा। इसके प्रभाव से वृश्चिक राशि के जातकों का वैवाहिक जीवन प्रमुख रूप से प्रभावित होगा। जो लोग अविवाहित हैं वे इस अवधि में अपना बेहतर पार्टनर पा सकते हैं, और शादी कर सकते हैं। इसके अलावा, इस बात की भी संभावना है कि तलाकशुदा जातकों को प्यार करने और शादी के खूबसूरत बंधन में...आगे पढ़ें

धनु


मंगल आपके पांचवें भाव (बच्चों और ज्ञान) और बारहवें भाव (खर्च और नुकसान) का स्वामी है। परिणाम स्वरूप, मंगल के इस गोचर से आपकी कार्यक्षेत्र में किसी के साथ बहसबाज़ी हो सकती है। साथ ही, कुछ कानूनी मामलों में शामिल होने की संभावना है। इसलिए, दोनों मामलों में, सतर्क रहें और किसी को भी अपशब्द बोलने से बचें। अपने स्वभाव को ठंडा रखें और...आगे पढ़ें

मकर


मंगल गोचर के प्रभाव से आप अपने बच्चों के माध्यम से लाभ प्राप्त करेंगे। वे स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करेंगे और अच्छे ग्रेड प्राप्त करेंगे। यदि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो उनमें सफल होने की संभावना अधिक है। आप अपने पेशेवर जीवन में नए अवसरों को प्राप्त करेंगे। आपको एक नई टीम का नेतृत्व करने या कार्यक्षेत्र का प्रबंधन करने का...आगे पढ़ें

कुंभ


मंगल ग्रह आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपकी माँ के प्रति आपकी अपेक्षाएँ पूरी हो सकती हैं। यह भावनात्मक या आर्थिक दोनों ही रूपों में हो सकता है। इस समय आप वाहन या जमीन / संपत्ति खरीद सकते हैं। समाज में आपकी प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ेगा। साथ ही व्यावसायिक दायरा भी बढ़ सकता है। इस दौरान...आगे पढ़ें

मीन


मंगल की गोचर अवधि में छोटे भाई-बहनों के साथ किसी प्रकार के मतभेद हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में, आवेगपूर्ण या आक्रामक रूप से बोलने से बचें और स्थिति को संभालने की कोशिश करें। नए कार्यालय या स्थान पर आपके स्थानांतरण के कारण आपकी स्थानीय यात्रा बढ़ जाएगी। इस प्रकार, अपने समय का प्रबंधन करें और उसी के अनुसार अपनी गतिविधियों को निर्धारित करें...आगे पढ़ें

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शुक्र का कुंभ राशि में गोचर कल, जानें प्रभाव

शुक्र का राशि परिवर्तन करेगा जातकों को मालामाल, साथ ही बढ़ाएगा ऐश्वर्य और प्यार! पढ़ें आपकी राशि पर क्या होगा गोचर का प्रभाव !


वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुंदरता, संगीत, नृत्य व अन्य प्रकार की कलात्मक प्रतिभा, काम-वासना एवं सभी प्रकार के भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। यह वृषभ और तुला राशि का स्वामी है। जो मीन राशि में उच्च का जबकि कन्या राशि में यह नीच का होता है। बुध और शनि ग्रह शुक्र राशि के मित्र ग्रह माने जाते हैं। जबकि सूर्य ग्रह और चंद्र ग्रह इसके शत्रु ग्रह हैं। कोई भी ग्रह अपने शत्रु ग्रह के साथ कमज़ोर अवस्था में होता है। जबकि मित्र ग्रहों के साथ युति करने पर बली होता है। वहीं नक्षत्रों में शुक्र ग्रह को भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। 

जब किसी जातक की कुंडली में शुक्र उसके दूसरे, तीसरे, सातवें और बारहवें भाव में होता है तो यह बली होकर अच्छे परिणाम देता है। वहीं इसके विपरीत अगर यह छठे या फिर आठवें भाव में हो तो यह कमज़ोर होता है और इसके नकारात्मक प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ते हैं। अन्य भावों पर इसके प्रभाव सामान्य रूप से पड़ते हैं। शुक्र के अच्छे प्रभाव के कारण जातक को जीवन में सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। व्यक्ति जीवन में प्रसिद्धि को प्राप्त करता है। उसके अंदर कलात्मक प्रतिभा का विकास होता है और उसके व्यक्तित्व में गजब का आकर्षण होता है जो विपरीत लिंग के व्यक्ति को अपनी तरफ़ खींचता है। शुक्र के अच्छे प्रभाव से व्यक्ति की सेक्स लाइफ़ अच्छी होती है। लेकिन अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर या फिर पीड़ित हो तो इसके दुष्प्रभाव जातक के जीवन पर पड़ते हैं। इसके फलस्वरुप कील मुहांसों की समस्या, नपुंसकता, अपच, भूख ना लगना तथा त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

शुक्र के दुष्प्रभावों से ऐसे करें बचाव 


जातक ज्योतिष उपायों के द्वारा न केवल शुक्र ग्रह के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं, बल्कि इन महा उपायों से शुक्र ग्रह को मजबूत भी बनाया जा सकता है। शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुक्र यंत्र को पूर्ण विधि विधान से स्थापित कर उसकी आराधना करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। इसके साथ ही रत्नों में अमेरिकन डायमंड शुक्र ग्रह की मजबूती के लिए धारण किया जाता है। इसके अलावा शुभ फल पाने के लिए छः मुखी रुद्राक्ष, तेरह मुखी रुद्राक्ष या फिर अरंड मूल की जड़ी भी धारण कर जातक हर समस्या का निवारण कर सकते हैं। 

गोचर का समय


22 मार्च 2019, शुक्रवार को शुक्र ग्रह प्रातः 03:34 बजे कुंभ राशि में गोचर करेगा और 16 अप्रैल 2019, मंगलवार सुबह 00:55 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा, जिसके चलते शुक्र के कुंभ राशि में होने वाले गोचर का सभी राशियों पर असर होगा। 

लोकसभा चुनाव और आईपीएल 2019 में शुक्र के गोचर का प्रभाव 


शुक्र के गोचर का प्रभाव इस अवधि में मनुष्य जीवन में होने वाली घटनाओं पर पड़ेगा। चूँकि इस दौरान भारत में आईपीएल 2019 और लोकसभा चुनाव 2019 का आयोजन होगा और निश्चित रूप से शुक्र ग्रह के इस गोचर का प्रभाव भी इन दोनों महत्वपूर्ण घटनाओं पर भी दिखाई देगा। स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार देश की लग्न राशि वृषभ है। शुक्र का गोचर वृषभ राशि से दशम भाव में हो रहा है। ऐसे में शुक्र ग्रह के प्रभाव से सत्ताधारी पार्टी को बल मिलेगा और राजनितिक पार्टियों में महिलावादी विचार रखने वाले उम्मीदवारों को फायदा होगा। जहाँ तक आईपीएल 2019 का सवाल है तो शुक्र के प्रभाव से आईपीएल 2019 पहले के मुकाबले ज्यादा हिट रहने वाला है। क्योंकि शुक्र का गोचर कुंभ राशि में हो रहा है जो कि काल पुरुष कुंडली के अनुसार ग्यारहवें भाव की राशि है। ये योग गैजेट, मनोरंजन, सुख-सुविधाओं जैसी चीज़ों में वृद्धि को दर्शाता है।


यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें

मेष


शुक्र देव आपकी राशि के लिए द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं और आपके 11वें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान आपकी लव लाइफ भी बेहद खुशनुमा रहेगी। आपके रिश्ते में प्यार और रोमांस की वृद्धि होगी तथा आपका प्रेम परवान चढ़ेगा। समाज में आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी और आपकी तरक्की होगी तथा घर पर...आगे पढ़ें


वृषभ 


गोचर काल के दौरान आपके पारिवारिक जीवन में ख़ुशियों की बरसात होगी और परिवार का वातावरण काफी सुख और शांति से भरा हुआ रहेगा। बीच-बीच में परिवार के लोगों में कुछ तनाव बढ़ सकता है लेकिन आप अपनी सूझबूझ से काम लेंगे और सभी समस्याएं आसानी से दूर कर पाने में सफल होंगे। हालांकि...आगे पढ़ें

मिथुन


गोचर का प्रभाव आपके जीवन पर ऐसा असर करेगा कि आपका भाग्य आपका पूरा साथ देगा और जीवन में जो कार्य अटके पड़े थे, वे अब बनने लगेंगे। आपको किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है जिसके बाद आपकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा। आपका मन धार्मिक गतिविधियों में लगेगा और आप...आगे पढ़ें


कर्क 


यह अवधि आपके लिए चुनौतीपूर्ण रह सकती है। इस दौरान आप थकान और साथ ही थोड़ा मानसिक तनाव महसूस करेंगे। गोचर काल के समय आप परिजनों के साथ किसी तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। आपको अपनी काबिलियत को पहचानने की आवश्यकता होगी। कोई भी ऐसा कार्य नहीं जो आपकी पहुंच से बाहर हो, इसलिए...आगे पढ़ें

सिंह 


यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। क्योंकि यदि आप किसी को पसंद करते हैं तो इस गोचर के दौरान उन्हें प्रपोज कर सकते हैं, सफलता मिलने की पूरी संभावना है। वहीं अगर आप सिंगल हैं तो इस दौरान आपका विवाह होने की संभावना काफी बढ़ जाएगी और कुंडली में विवाह के योग बनेंगे। यदि आप...आगे पढ़ें

कन्या 


शुक्र ग्रह आपकी राशि से नवम और द्वितीय भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के समय आपके छठे घर में संचरण कर रहे हैं। इसीलिए आपको जो कुछ भी प्राप्त होगा वह कड़े परिश्रम के बाद ही प्राप्त होगा। इस गोचर के दौरान आप एक ऊर्जा अपने अंदर महसूस करेंगे जिसके चलते परिवार में अपनी उम्र और अन्य लोगों के साथ उस ऊर्जा के कारण टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है...आगे पढ़ें

जॉब-बिजनेस के लिए कैसा रहेगा आने वाला साल, जानने के लिए प्राप्त करें: करियर और व्यवसाय रिपोर्ट

तुला 


शुक्र का यह गोचर आपके लिए लाभकारी रह सकता है। आप जो भी काम शुरू करेंगे या जो काम पहले से आपने अपने हाथ में लिया हुआ है उसमें आपको सफलता मिलेगी और इससे आपकी खुशी और ज्यादा बढ़ जाएगी। जिस चीज की भी आपने कल्पना की थी वह चीज आपको प्राप्त होगी इससे आपकी...आगे पढ़ें

वृश्चिक


शुक्र का यह गोचर सामान्यतः आपके लिए शुभ संकेत दे रहा है। लंबे समय से जीवन में जो तनाव चला रहा था अब आपको उससे राहत मिलेगी और आप अपने परिवार के लोगों के साथ सुकून भरा जीवन बिताएंगे। इस गोचर के कारण ही आपको अपनी इनकम बढ़ाने के अच्छे अवसर मिलेंगे और इस दौरान आप कुछ...आगे पढ़ें

धनु 


इस दौरान आपको तमाम क्षेत्रों में मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। इसी लिए शुक्र के इस गोचर के दौरान आप अपने प्रयासों को बढ़ाएंगे और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करेंगे। आपके जीवन में किसी नए रिश्ते की शुरुआत हो सकती है लेकिन आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी रिश्ते में आगे बढ़ने से पहले...आगे पढ़ें

मकर 


शुक्र के इस गोचर के कारण आप धन संचय कर पाने में सफल होंगे और जो भी काम करेंगे उसमें सफलता अर्जित करेंगे। आपके परिवार में कोई शादी विवाह या किसी बड़े मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। इस दौरान परिवार में ख़ुशियाँ आएँगी और आपको तरह तरह के...आगे पढ़ें

शनि की साढ़े साती से हैं परेशान, समाधान के लिए प्राप्त करें: शनि साढ़े साती निवारण रिपोर्ट

कुंभ 


शुक्र का यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा। शुक्र का गोचर आपकी राशि में होने से आपके मन में प्यार और स्नेह बढ़ेगा तथा दूसरों के प्रति लगाव की भावना अधिक रहेगी। आपके शारीरिक सौंदर्य में वृद्धि होगी और आप अपने आपको और बेहतर दिखाने के लिए प्रयास करेंगे तथा खर्च भी करेंगे। आपके प्रेम संबंधों के लिए यह समय...आगे पढ़ें

मीन


इस दौरान आपको मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी। आपके खर्चों में अत्यधिक वृद्धि होगी और आप अपनी सुख सुविधा और विलासिता से जुड़े कार्यों पर अधिक ख़र्चा करेंगे। जीवन के सुखों को भोगने की लालसा बढ़ेगी और इसी कारण आपके खर्चे भी बढ़ जाएंगे, जिससे...आगे पढ़ें

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Holi special- अपनी राशि अनुसार चुने रंग और बनाए अपनी होली को ख़ास

इस होली अपनी राशि अनुसार करें रंगों का इस्तेमाल और खोलें अपनी बंद किस्मत!


आज रंगों का त्यौहार होली पूरे भारत में बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जायेगा। होली के बारे में कहा जाता है कि यह एक ऐसा त्योहार है जिसमें लोग सभी गिले-शिकवों को भुलाकर फिर से दोस्त बन जाते हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि बुराई की धुल होली के रंगों से मिट जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार होली के त्यौहार को चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। कई बार जब प्रतिपदा दो दिन पड़ जाती है तो पहले दिन ही धुलण्डी (होली या वसंतोत्सव) मनायी जाती है। वसंत ऋतु के स्वागत के रूप में इस त्यौहार को मनाया जाता है। चूंकि वसंत ऋतु के दौरान प्रकृति में चारों ओर रंगों की छटा बिखरी होती है इसीलिए होली के त्योहार के दौरान उन रंगों की खुशीन को व्यक्त करने के लिए होली पर्व मनाया जाता है। भारत के उत्तरी राज्य हरियाणा में इसे धुलंडी भी कहते हैं।


क्यों मनायी जाती है होली ? 


पृथ्वी पर देव तत्व को प्रकट करने के लिए पंचतत्वों की आवश्यकता होती है और यह पंच तत्व हैं आकाश, पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु और इन पांचों तत्वों को यज्ञ के माध्यम से एक किया जाता है। मान्यताओं अनुसार जब पृथ्वी पर कोई स्पंदन नहीं था तब पहले त्रेतायुग के दौरान देवतत्व विष्णु के प्रकट होने का वक्त आया। उस वक्त परमेश्वर के जरिये सात मुनियों को सपने में यज्ञ के महत्व के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ। इन ऋषि-मुनियों ने यज्ञ की तैयारियां प्रारंभ कीं और नारद मुनि के मार्गदर्शन में यज्ञ की शुरुआत हुई। मन्त्रों के उच्चारण के साथ यज्ञ की ज्वालाओं के साथ विष्णुतत्व प्रकट होने लगा और इससे धरती पर मौजूद बुरी शक्तियाँ नष्ट होने लगीं। बुरी शक्तियों में हलचल मच गई और उन्हें अपने कष्ट का कारण समझ नहीं आया। धीरे-धीरे श्री विष्णु पूर्ण रूप से प्रकट हो गए जिसके बाद ऋषि-मुनियों के साथ बाकी लोगों को भी श्री विष्णु के दर्शन मिले। जिस दिन श्री विष्णु प्रकट हुए थे उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा थी। इसलिए होली को मनाने के पीछे मान्यता यह है कि त्रेतायुग के पहले यज्ञ को याद करते हुए यह त्यौहार मनाया जाता है। हालांकि होली के पर्व को लेकर हिंदू धर्म शास्त्रों में कई कथाएं मौजूद हैं। 

इतिहास के पन्नों में होली


होली के त्यौहार को प्राचीन काल से मनाया जा रहा है इसके संकेत हमें कई ऐतिहासिक जगहों से मिलते हैं। होली की महत्ता केवल कलयुग में ही विशेष नहीं है बल्कि भारत के प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी के एक चित्र के मिलने के बाद इसकी महत्ता का वर्णन पौराणिक काल के एक ख़ास सबूत के रूप में नज़र आया। जिसे देखकर पता चलता है कि उस समय भी होली का महत्व बहुत था और आम से लेकर ख़ास लोग तक इस पर्व को मनाते थे, क्योंकि विजयनगर में मिले इस चित्र में होली के पर्व को बहुत ही खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। ठीक इसी तरह विंध्य पर्वतों के समीप स्थित रामगढ़ में पाए गए एक अभिलेख में भी होली का जिक्र मिलता है। आपको बता दें कि यह अभिलेख लगभग ईसा से 300 वर्ष पुराना है।


होली का महत्व


रंगों के उत्सव होली का भारतीय समाज में बड़ा महत्व है। होली के दौरान लोग अपने सामाजिक दायरे को भी बढ़ाते हैं और अपने व्यक्तिगत गुणों से लोगों को प्रभावित भी करते हैं और खुद दूसरों के गुणों से प्रभावित भी होते हैं। होली के दौरान लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियों को पहचानने का भी प्रयास करते हैं। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। जिस तरह होली के आते ही मौसम में बहार आने लगती है उसी तरह लोग भी अपनी बुराइयों को दूर कर अच्छाइयों को अपने अंदर जगाने की कोशिश इस त्यौहार के दौरान करते हैं। जो लोग आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होना चाहते हैं उनके लिए भी यह समय बहुत उपयोगी होता है। इस त्योहार के दौरान अग्निदेव को भी पूजा जाता है क्योंकि धरती पर अग्निदेव ऊर्जा का प्रतीक हैं। इसी लिए होली पर रंगों की भी अपनी बेहद ख़ास अहमियत होती है। 

चलिए अब हम आपको बताते हैं कि होली में राशि अनुसार आपके लिए कौन-सा रंग रहेगा सबसे लाभदायक। 

1. मेष राशि वालों के लिए लकी कलर


मेष राशि के जातकों को होली के दिन सबसे पहले लाल रंग से अपने ईष्ट देव को टिका लगाना चाहिए और फिर लाल रंग से ही होली खेलनी चाहिए। रंगों से खेलने के बाद जब आप नहाने के बाद भी यदि लाल रंग के ही कपड़े पहनते हैं तो इससे आपको अच्छे फल मिलेंगे। 

2. वृषभ राशि वालों के लिए लकी कलर


वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि के लोगों को होली के दिन गुलाबी रंग या चटकीले रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। यानि होली की शुरुआत इसी रंग से करनी चाहिए और इसी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। 

3. मिथुन राशि वालों के लिए लकी कलर


बुध ग्रह मिथुन राशि का स्वामी है और यह राशि जल तत्व प्रधान है। ज्योतिष के अनुसार इस राशि के लोगों को होली के दिन हरे रंग का इस्तेमाल करना चाहिए और इसी रंग के कपड़े भी पहनने चाहिए।

4. कर्क राशि वालों के लिए लकी कलर 


कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्र है। यह जल तत्व की राशि है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार कर्क राशि वालों को होली वाले दिन सफ़ेद वस्त्र के कपड़े पहनने चाहिए और हल्के रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। 

5. सिंह राशि वालों के लिए लकी कलर 


इस राशि के जातकों को होली के अवसर पर केसरिया या नारंगी रंग का इस्तेमाल करना चाहिए चूँकि सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और वैदिक ज्योतिष के अनुसार उनका रंग केसरिया है। अतः सिंह राशि वालों को होली के दिन केसरिया या नारंगी रंग के ही कपड़े पहनने चाहिए। 

6. कन्या राशि वालों के लिए लकी कलर 


कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह है और यह पृथ्वी तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों को होली के अवसर पर हरे रंगों से खेलना चाहिए और इसी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। 

7. तुला राशि वालों के लिए लकी कलर


तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और यह राशि वायु तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों के लिए होली के अवसर पर गुलाबी या हल्के सफ़ेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए और इन्हीं रंगों से होली की शुरुआत करनी चाहिए। 

8. वृश्चिक राशि वालों के लिए लकी कलर 


वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है और यह जल तत्व की राशि है। इस राशि के जातकों को होली के अवसर पर लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए और इसी रंग से होली की शुरुआत भी करनी चाहिए। 

9. धनु राशि वालों के लिए लकी कलर 


धनु राशि का स्वामी गुरु बृहस्पति है। हिंदू ज्योतिष के अनुसार इसे अग्नि तत्व की राशि माना जाता है। इस राशि के लोगों को होली के अवसर पर पीले रंग के कपड़े पहनने से फायदा होगा और इस राशि वालों को होली की शुरुआत भी इसी रंग का टिका खुद पर लगाने से करनी चाहिए। 

10. मकर राशि वालों के लिए लकी कलर 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर पृथ्वी तत्व की राशि है और इसका स्वामी ग्रह शनि है। अतः इस राशि के लोगों को होली वाले दिन नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और होली की शुरुआत अपने ईष्ट देव पर नीले रंग का टीका लगाने से करनी चाहिए। 

11. कुंभ राशि वालों के लिए लकी कलर 


कुंभ राशि का स्वामी ग्रह शनि है और यह जल तत्व की राशि है। इसलिए इस राशि के जातकों को होली वाले दिन आसमानी नीले रंग के कपड़े पहनने से अच्छे फल मिलते हैं और इनको होली की शुरुआत अपने ईष्ट देव पर आसमानी नीले रंग का टीका लगाने से करनी चाहिए। 

12. मीन राशि वालों के लिए लकी कलर 


मीन जल तत्व की राशि है और इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। इस राशि के लोगों के लिए हल्के पीले रंग बहुत भाग्यशाली होता है इसलिए इस राशि वालों को होली वाले दिन हल्के पीले वस्त्र पहनने चाहिए और होली खेलने की शुरुआत हल्के पीले रंग का टीका लगाने से करनी चाहिए। 

आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। उम्मीद है कि होली का त्योहार आपके लिए खुशियाँ लेकर आए।
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होलिका दहन परिक्रमा से दूर करें शनि दोष !

होलिका दहन पर शुभ मुहूर्त के अनुसार आज रात इन महाउपायों से करें सभी दोष दूर! 

होलिका दहन यानी होली त्यौहार का पहला व विशेष दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को देशभर में मनाया जाता है। इसी के अगले दिन रंग खेला यानी रंगों से खेलने की परंपरा निभाई जाती है जिसे अलग-अलग राज्यों में धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की विजय के उपलक्ष्य में महत्व दिया जाता है। इसी लिए होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त में करना अनिवार्य होता है। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में आने वाली हर समस्या और बुराइयों का नाश होता है व घर परिवार में सुख-समृद्धि आती है। चलिए अब होलिका दहन के महत्व और पूजा विधि पर चर्चा करने से पहले एक नज़र होलिका दहन 2019 के शुभ मुहूर्त पर भी डाल लेते हैं…



होलिका दहन मुहूर्त 2019
होलिका दहन मुहूर्त:
20:58:38 से 24:23:45 तक
अवधि:
3 घंटे 25 मिनट
भद्रा पुँछा:
17:34:15 से 18:35:34 तक
भद्रा मुखा:
18:35:34 से 20:17:45 तक

विशेष: यह मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होलाष्टक


होलिका उत्सव की शुरुआत होली के आठ दिन पहले यानी “होलाष्टक” से होती है और होलाष्टक के आखिरी दिन ही होलिका दहन किया जाता है। ज्योतिषी होलाष्टक के दौरान सभी शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन और अन्य मांगलिक कार्य का शुभारंभ न करने की सलाह देते है। और ये अशुभ अवधि होलिका दहन के बाद ही समाप्त होती है। 

फाल्गुन पूर्णिमा


होलाष्टक की समाप्ति के साथ ही फाल्गुन पूर्णिमा मनाई जाती है, जो फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है। हिन्दू धर्म में होली की तरह ही फाल्गुन पूर्णिमा का धार्मिक, और सामाजिक के साथ साथ सांस्कृतिक महत्व भी है। इसी महत्व को देखते हुए लोग इस ख़ास दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास करते है। क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा व्रत करने से मनुष्य के दुखों का नाश तो होता ही है साथ ही उन पर भगवान विष्णु भी अपनी विशेष कृपा दिखाते हैं। इसी लिए इस शुभ तिथि पर होली का त्यौहार और इससे एक दिन पूर्व रात्रि को होलिका दहन मनाया जाता है।

होलिका दहन का महत्व


हिंदू धर्म की मानें तो हर त्यौहार का अपना धार्मिक और पौराणिक महत्व होता है। क्योंकि हर एक त्यौहार हमें एक अच्छा संदेश, सीख और शिक्षा प्रदान करता है। इसी क्रम में होलिका दहन पर्व भी हमें एक अच्छी सीख देता है।
  1. होलिका दहन के द्वारा हम समाज के अंदर फैली बुराइयों को जलाते हुए उससे सीख लेते हैं। माना जाता है कि इस दिन हर एक व्यक्ति को संकल्प लेते हुए अपनी असुरी प्रवृत्ति का होलिका की अग्नि में दहन कर देना चाहिए।
  2. मान्यता अनुसार जो भी कोई व्यक्ति पूरे विधि विधान से होलिका दहन की पूजा कर उसकी परिक्रमा करता है उसे स्वस्थ जीवन और सुख-समृद्ध की प्राप्ति होती है। 
  3. वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करते हुए इस उत्सव के माध्यम से हम अग्नि देवता के प्रति अपना कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। 

होलिका दहन के अगले दिन धुलेंडी यानि होली आती है। तो तैयार हो जाइये रंग-बिरंगी होली के लिए - होली 2019

इस होलिका दहन शनि दोष से मिलेगी मुक्ति 


  • वैदिक शास्त्रों अनुसार होलिका की रात्रि के समय पूजा करने से जिस भी जातक की कुंडली में व्याप्त दोष होते हैं उन्हें कम किया जा सकता है। 
  • इसके साथ ही होलिका की पूजा कर व्यक्ति शनि दोष और पितृ दोष को भी दूर कर सकता है। 
  • होलिका दहन पर गन्ना भूनने और अग्नि की परिक्रमा करने से दोष दूर होते हैं।
  • होलिका की परिक्रमा से जातक की ग्रह बाधा भी दूर होती है। 

होलिका दहन पर करें ये महाउपाय


  • होलिका दहन के समय परिवार के लोगों द्वारा एक साथ होलिका की परिक्रमा करना शुभ होता है। परिक्रमा लेते वक़्त होलिका में चना, मटर, गेहूं, अलसी अवश्य डालें। इसे धन लाभ का अचूक उपाय माना गया है।
  • मान्यता अनुसार होली वाली रात पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर, पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा लगाएँ। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता हैं।
  • होलिका दहन के अगले दिन सबसे पहले मंदिर जाकर देवी-देवताओं को गुलाल चढ़ाना चाहिए, उसके बाद ही होली खेलनी चाहिए। 
  • होलिका के जलने के दौरान उसमें कपूर डालने से हमारे आसपास मौजूद हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
  • होलिका दहन के समय सरसों के कुछ दानें होलिका को अर्पित कर माँ लक्ष्मी को याद करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी घर पर कृपा करती हैं। 
ज्योतिषियों के अनुसार होलिका दहन से जुड़े इन महा उपायों को करने से व्यक्ति के दुःख, दर्द व रोग आदि का नाश होता है और उसके जीवन में ऐश्वर्य का आरम्भ होता है।


होलिका दहन के आवश्यक नियम और पूजा विधि


हिंदू शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद शुरू होने वाला समय) में पूर्णिमा तिथि के प्रबल होने पर ही किया जाना चाहिए। घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए दहन से पहले होलिका पूजा का विशेष महत्व होता है। आईये अब जानते हैं कि कैसे करें होलिका पूजन की शुरुआत और इस दौरान किन बातों का रखें ध्यान...
  • होलिका पूजन करते समय अपना मुँह पूर्व या उत्तर की ओर करके बैठे।
  • पूजन की थाली में पूजा समाग्री जैसे: रोली, पुष्प, माला, नारियल, कच्चा सूत, साबूत हल्दी, मूंग, गुलाल और पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां व एक लोटा जल होना चाहिए।
  • होलिका के चारों ओर सहपरिवार सात परिक्रमा करके कच्चा सूत लपेटना शुभ होता है। 
  • इसके पश्चात विधिवत तरीके से पूजन के बाद होलिका को जल का अर्घ्य दें और सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका का दहन करें।
  • होलिका दहन की राख बेहद पवित्र मानी जाती है। इसलिए होलिका दहन के अगले दिन सुबह के समय इस राख को शरीर पर मलने से समस्त रोग और दुखों का नाश किया जा सकता है।

हम आशा करते हैं कि होलिका दहन व फाल्गुन पूर्णिमा व्रत पर हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज की ओर से आप सभी को होलिका दहन की ढेर सारी शुभकामनाएं !

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