देश का सबसे धनी और चर्चाओं में रहने वाला परिवार है अंबानी परिवार। मुकेश और अनिल, ये दो ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके नाम के आगे धीरूभाई अंबानी नाम जुड़ा है। भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार ये दोनों सगे भाई हैं। इनमें मुकेश अंबानी बड़े तथा अनिल अंबानी छोटे भाई हैं। फ़ोर्ब्स द्वारा जारी की गयी एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे अमीर अरबपति लोगों में मुकेश अंबानी 13वें पायदान पर पहुँच गए हैं तो दूसरी ओर उनके छोटे भाई अनिल 1349वें नंबर पर हैं। हालांकि दोनों की संपत्ति को मिलाकर देखा जाए तो अंबानी परिवार जल्द ही दुनिया का सबसे अमीर परिवार बन जाएगा। आज हम दोनों भाइयों की कुंडलियों का अध्ययन करके जानने की कोशिश करेंगे इनकी कुंडलियों में क्या विशेषताएँ हैं और क्या ख़ामियाँ।
मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में क्यों है इतना अंतर
अगर दुनिया भर के अमीर लोगों की लिस्ट पर नज़र डालें तो दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में आज मुकेश अंबानी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चूका है। वहीं अगर उनके भाई अनिल अंबानी की बात करें तो दुनिया की छोड़िये उनका नाम भारत के 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में भी शामिल नहीं नज़र आता। वर्ष 2004 में हुई संपत्ति के बँटवारे के बाद दोनों भाइयों ने एक दूसरे से अलग होकर अपना-अपना भाग्य आज़माया। दोनों के हिस्से में लगभग एक बराबर संपत्ति आई लेकिन आज अनिल अंबानी, मुकेश अंबानी से काफी पीछे हैं। इसकी वजह बेशक इन दोनों के सोचने या काम करने का तरीका हो सकता है, लेकिन इसके साथ ही एक बड़ी वजह इनके सितारों की स्थिति भी है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि इन दोनों की कुंडलियाँ क्या कहती हैं।
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मुकेश अंबानी की जन्म कुंडली
जन्म विवरण
जन्म तिथि: 19 अप्रैल 1957
जन्म समय: 19:53:00
जन्म स्थान: अदेन यमन
जन्म लग्न: वृश्चिक
जन्म राशि (चंद्र): धनु
जन्म कुंडली
नवमांश कुंडली
मुकेश अंबानी का जन्म 19 अप्रैल, 1957 को रात्रि 7 बजकर 53 मिनट पर अदेन बेरेक नामक स्थान पर हुआ। जिसके अनुसार उनकी कुंडली वृश्चिक लग्न की है। इनकी चंद्र राशि धनु है। धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है जो इंसान को ज्ञानी और समझदार बनाता है। धनु राशि के लोग अक्सर अच्छे सलाहकार होते हैं यही गुण मुकेश अंबानी में भी देखा जाता है। इस राशि के लोगों में नेतृत्व की क्षमता बहुत अधिक होती है। यही बात मुकेश अंबानी के व्यवहार में भी देखी जा सकती है। मुकेश अंबानी का जन्म वृश्चिक लग्न में हुआ है और इस लग्न में जन्में लोगों की विशेषता होती है कि ये किसी भी अच्छे अवसर को तुरंत भाँप जाते हैं और उसके अनुसार कदम भी उठा लेते हैं। यही बात मुकेश अंबानी पर भी लागू होती है उन्होंने मार्केट और लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई बार सही फैसले लिए हैं। लग्न का स्वामी ग्रह मंगल सप्तम भाव में बैठकर लग्न को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। इस कारण इनका लग्न काफी बलवान है और लग्न का बलवान होना व्यक्ति के व्यक्तित्व को मजबूत बनाता है।
मुकेश अंबानी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण
वृश्चिक लग्न होने से ये अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित होते हैं और उसको पाने के लिए किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। साथ ही काल पुरुष की कुंडली में वृश्चिक अष्टम भाव की राशि होने से ये गुप्त तरीकों से किसी को अपने मन की बात बताए बिना एकाग्रचित्त होकर अपने काम में लगे रहते हैं। एक कहावत है कि ऐसा काम करो की सफलता खुद शोर मचाए। यह कहावत मुकेश अंबानी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। रिलायंस जियो को लांच करने का उनका फायदा उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ और आज इससे उनको करोड़ों का मुनाफा हो रहा है। चंद्रमा मुकेश अंबानी की कुंडली में द्वितीय भाव में बैठा हुआ है इसलिए इनकी वाणी में सौम्यता भी दिखेगी और समझदारी भी क्योंकि इस भाव पर धनु राशि का आधिपत्य है जोकि गुरु बृहस्पति की राशि है। वाणी की सौम्यता इन्हें कारोबार में बड़ी सफलताएँ दिलाने में कारगार साबित होगी। मुकेश अंबानी की राशि धनु होने से इनकी ख़ासियत यह है कि ये किसी भी चीज में डूब जाने को प्रेरित रहते हैं और अपने जीवन के उद्देश्यों को निश्चित आंककर उन्हें पाने के लिए पूरा दम-खम लगा देते हैं। ऐसे लोग जो भी काम करते हैं उसे पूरी एकाग्रता और संयम के साथ करते हैं।
स्वामी ग्रह के रूप में, बृहस्पति आपको उन अवसरों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हैं, जो हमारे जीवन में आते हैं। एक साहसिक रूप में यह हमे विश्वास दिलाता हैं कि कुछ है जो आपसे भी बड़ा है। इनकी कुंडली में धन भाव द्वितीय तथा पंचम भाव के स्वामी बृहस्पति की दशम भाव से दृष्टि द्वितीय भाव पर, नवमेश चंद्रमा पर होने से अच्छे धन योग बनते हैं तथा दशमेश सूर्य पर दृष्टि होने से इन्हे सरकारी क्षेत्रों से भी अच्छा लाभ मिलता है जो इन्हे सत्ताधारी लोगों के निकट रहने में मदद करता है। इसके इलावा एकादशेश बुध पर भी गुरु की दृष्टि होने से अच्छा धन योग बनाता है।
अनिल अंबानी की जन्म कुंडली
जन्म विवरण
जन्म तिथि: 04 जून 1959
जन्म समय: 22:30:00
जन्म स्थान: मुंबई
जन्म लग्न: मकर
जन्म राशि (चंद्र): वृषभ
जन्म कुंडली
नवमांश कुंडली
अनिल अंबानी का जन्म 4 जून, 1959 को रात्रि के 10 बजकर 30 मिनट पर मुंबई में हुआ था। इस हिसाब से उनकी कुंडली मकर लग्न की है जबकि उनकी चंद्र राशि वृषभ है। वृषभ राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है जो इंसान को भौतिकता वादी और कलात्मक बनाता है लेकिन इसके साथ ही इन लोगों में आलस्य भी देखा जाता है।
अनिल अंबानी की कुंडली का ज्योतिषीय विश्लेषण
अनिल अंबानी की कुंडली मकर लग्न की है जिसका स्वामी शनि है। शनि को कर्मफल दाता भी कहा जाता है। मकर लग्न के लोग दूसरों से पहले अपने बारे में सोचना पसंद करते हैं। इन लोगों का भाग्योदय भी बहुत बाद में होता है। मंगल और बृहस्पति इस राशि के लोगों के लिए क्रमशः बाधक और अकारक होते हैं और जब इन ग्रहों की महादशा या अंतर्दशा चलती है तो इन लोगों को कष्ट उठाना पड़ता है। इस लग्न में पैदा हुए लोगों का झुकाव आध्यात्म की ओर बहुत ज्यादा होता है, इसलिए ये लोग सांसारिक जीवन में कई बार आगे बढ़ने के बाद भी बहुत समय तक टिक नहीं पाते। इन बातों को में ध्यान में रखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अनिल अंबानी के सितारे बहुत अच्छे नहीं हैं खासकर व्यापार की गतिविधियों को लेकर। अगर अनिल अध्यात्म के क्षेत्र में आगे बढ़ते तो शायद उन्हें बहुत अच्छे फल मिल सकते थे।
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मुकेश अंबानी के इस ख़ास योग से धन-समृद्धि में होगी बढ़ोतरी
मुकेश अंबानी की कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी ग्रह बुध और द्वादश भाव का स्वामी ग्रह शुक्र षष्ठम भाव में बैठकर विपरीत राज योग का निर्माण कर रहे हैं, जो व्यक्ति को कठिनाइयों से निकालकर सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचा देता है। दशमेश उच्च का होकर छठे भाव में बैठ कर इनको मार्किट के सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ने में पूरी मदद करता है और अष्टमेश बुध गुप्त तरीके से योजनाएं बनाकर विरोधियों को पछाड़ता है। इनकी राशि से मंगल का छठे भाव में बैठना इनको सदैव प्रतिद्वंदियों से दो कदम आगे ही रखता है।
वर्तमान समय में इनकी राहु की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा चल रही है जो अगस्त 2019 तक चलेगी और उसके बाद गुरु बृहस्पति की दशा इनको प्राप्त होगी। गुरु बृहस्पति एक वृद्धि कारक ग्रह है और इनकी कुंडली में काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले समय में इनकी प्रतिष्ठा और धन दौलत और बढ़ेगी और ये अपने चरम पर पहुँचेंगे।
शनि ने जिओ को बनाया सफल?
अगर मुकेश अंबानी के सुनहरे दौर की बात करें तो जिस वक़्त वर्ष 2007 में जिओ की स्थापना की गयी थी उस समय इनकी राहु की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही थी। शनि जो कि तीसरे भाव का स्वामी होकर लग्न में विराजमान है और कर्म भाव पर पूर्ण दृष्टि दे रहा है तथा सेवा प्रदाता क्षेत्र का मुख्य ग्रह है। इसी लिए जिओ प्रोजेक्ट मुकेश अंबानी के लिए सोच से भीज्यादा फायदेमंद साबित हुआ।
शनि की महादशा अभी और देगी अनिल अम्बानी को कष्ट
दूसरी ओर यदि अनिल अंबानी की कुंडली पर नज़र दौड़ाई जाए तो हम देखते हैं कि लग्न का स्वामी शनि बारहवें भाव में स्थित है और लगन पर नीच के मंगल की पूरी दृष्टि है। ऐसे में लग्न कमजोर है जो इनके प्रयासों को आगे बढ़ाने में एक बड़ा रोड़ा साबित होता है। हालांकि दशम भाव का स्वामी शुक्र सप्तम भाव में बैठा है लेकिन शत्रु चंद्रमा की राशि में नीच के मंगल के साथ बैठने से भी काफी पीड़ित और कमजोर हो गया है। चंद्रमा से अष्टम भाव में शनि स्थित भी है और उस पर वर्तमान में शनि का ही गोचर चल रहा है जिसकी वजह से कंटक शनि की ढैया चल रही है। यह समय मानसिक रुप से तनाव को बढ़ाने वाला और आर्थिक रुप से कुछ कमजोर करने वाला दिखाई देता है। वर्तमान में इन पर वक्री शनि की महादशा चल रही है जिस में बुध की अंतर्दशा है जो मई 2020 तक चलेगी। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आने वाला 1 साल अनिल अंबानी के लिए अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। इसके अलावा वर्तमान में राहु का गोचर भी सप्तम भाव में मंगल और शुक्र के ऊपर से गुज़र रहा है जो कि अनुकूल नहीं कहा जा सकता। दिसंबर 2002 में अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के अंतर्गत आरकॉम की स्थापना की गयी उस समय वक्री बृहस्पति की महादशा में वक्री शनि की अंतर्दशा और राहु का अंतर चल रहा था। ऐसे में ये नतीजा पहले से तय था।
निष्कर्ष: संपत्ति बँटवारे के बाद यूँ तो अनिल और मुकेश को एक समान संपदा और संसाधन मिले लेकिन अगर ये कहा जाए कि अनिल अंबानी की कुंडली के ग्रह-सितारे उसे मुकेश अंबानी जितनी सफलता नहीं दिला पाए तो शायद गलत नहीं होगा। दोनों की कुंडली ये बताती है कि जहाँ आने वाले साल मुकेश अंबानी के लिए बेहद अच्छे साबित हो सकते हैं वहीं अनिल अंबानी को आने वाले वक़्त में कई मुश्किलों भरे दौर से गुजरना पड़ सकता है।
उम्मीद है हमारे यह लेख आपको पसंद आया होगा। हम आपके मंगल भविष्य की कामना करते हैं।