अक्टूबर 2014 राशिफल

दीवाली, नवरात्रि, हैलोवीन डे, या दुर्गा पूजा; नाम अनेक पर मकसद एक - हर्षोल्लास और भगवान की कृपा। यदि आप जानना चाहते हैं कि यह उत्साहजनक माह आपके जीवन में क्या रंग लाएगा, ध्यान से पढ़ें पं. हनुमान मिश्रा के द्वारा रचित अक्टूबर 2014 का राशिफल।

October horoscope 2014 Hindi mein aa gaya hai; ab aap is shubh maah ko aur bhi utsaahit bana paayenge.

नोट: यह फलादेश आपकी चन्द्र राशि पर आधारित है। 




FREE matrimony & marriage website

मेष: अक्टूबर राशिफल 2014 


सूर्य की स्थिति को देखते हुए भले ये लगता है कि महीने कि शुरुआत पूरी तरह अनुकूल है लेकिन अन्य ग्रहों की स्थिति कुछ कठिनाइयाँ या परेशानियाँ दे सकती है। मंगल की स्थिति को देखते हुए लगभग पूरे महीने आपको वाहन आदि सावधानी से चलाना होगा। किसी से बेवजह न उलझें। वाणी पर संयम रखें। हालांकि अधिकांश कामों के बनने की उम्मीद है लेकिन साझेदारी के कामों को सावधानी से निबटाना होगा। यानी कि कार्य-व्यापार के साथ-साथ अपने घर पारिवार का और साथ में अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना होगा।

उपाय: हनुमान जी की सेवा करें और बजरंग बाण का पाठ करें।

वृषभ: अक्टूबर राशिफल 2014 


वृषभ राशि वालों इस पूरे महीने आपको सावधानी से काम लेना होगा। मंगल सप्तम में है अत: जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ख़याल रखें और उससे बेवजह नाराज़ न हों। साझेदारी के कामों में किसी तरह की परेशानी सम्भव है। महीने के पहले भाग में संतान या शिक्षा को लेकर कुछ परेशानी रह सकती है हालांकि महीने के दूसरे भाग में यह परेशानी दूर हो जाएगी। धार्मिक कार्यों में भाग लेने व आमदनी के लिए महीना सामान्यत: अनुकूल रहेगा।

उपाय: हनुमान मंदिर में गाजर का दान करें।

मिथुन: अक्टूबर राशिफल 2014 


यह महीना आपके लिए मिला जुला रहेगा। लेकिन इतना तो निश्चित है कि यदि आपने मेहनत की तो आपको परिणाम ज़रूर मिलेंगे। इस समय आप हर कठिनाई पर विजय पा लेना चाहेंगे। हालांकि ये समय घरेलू मामलों में अधिक ध्यान देने का है। इस समय आप किसी दूर की यात्रा पर भी जा सकते हैं या फिर कोई दूर रहने वाला व्यक्ति घर आ सकता है। महीने के दूसरे भाग में आपको अपने भाई और संतान को लेकिन किसी तरह से असंतुष्ट होने से बचना होगा।

उपाय: परेशानी होने की स्थिति में सूर्य भगवान को जल चढ़ाएँ।

कर्क: अक्टूबर राशिफल 2014 


महीने के पहले भाग में आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे क्योंकि इस समय सूर्य का गोचर अनुकूल है। यदि आप बड़े दिनों से कोई फ़ोन खरीदनी की प्लानिंग कर रहे हैं तो महीने के पहले भाग में ही खरीद लेना ठीक रहेगा। कम दूरी की यात्राओं के लिए भी समय अनुकूल है। यदि आप किराए के घर में रहते हैं और घर बदलने के मूड में हैं तो भी समय अनुकूल है। लेकिन दूसरे भाग में कुछ घरेलू समस्याएँ उभरकर सामने आ सकती हैं। इस समय हर मसले में सही गलत का फ़ैसला बहुत सोच समझ कर करें।

उपाय: कष्ट या परेशानी होने की स्थिति में शनि मंदिर में गुलाब जामुन बांटें।

सिंह: अक्टूबर राशिफल 2014 


इस महीने आपको हर काम को बड़ी सावधानी से निबटाना होगा। इस समय अधिकांश ग्रह अनुकूल फल देने में असमर्थ रहेंगे अत: आपको अपने भाग्य के भरोसे बिल्कुल नहीं रहना है बल्कि कर्म को ही पूरी प्रमुखता देनी है। इस समय वाहन सावधानी से चलाएँ। वाणी में अधिक से अधिक मिठास लाने का प्रयास करें। आर्थिक मामलों में भी संयम से निर्णय लेने होंगे। हालांकि महीने के दूसरे भाग में कुछ राहत रहेगी लेकिन इस समय भी पिता और भाई के स्वास्थ्य का ख़याल रखना होगा।

उपाय: परेशानी की स्थिति में हनुमान जी के मंदिर में लाल रंग का फल या सब्ज़ी दान करें।

कन्या: अक्टूबर राशिफल 2014 


इस महीने कुछ कठिनाइयाँ रह सकती हैं लेकिन कठिनाइयों के बाद ही सही काम बनते रहेंगे। महीने के पहले भाग में स्वास्थ्य का खयाल रखें। विशेषकर ज्वर आदि का भय रहेगा। हालांकि आप आत्मविश्वास से ओत प्रोत रहेंगे। आपको सरकार या किसी संगठन के द्वारा सम्मानित किया जा सकता है। लेकिन महीने के दूसरे भाग आर्थिक मामलों के सावधानी रखनी होगी। भाषा में समाहित कटुता को भी दूर करने का प्रयास करना होगा।

उपाय: शिवलिंग पर शहद चढ़ाना शुभ रहेगा।

तुला: अक्टूबर राशिफल 2014 


यह महीना आपको इस बात का संकेत कर रहा है कि आपको आर्थिक मामलों को बड़ी ही समझदारी से सुलझाना होगा। व्यर्थ के खर्चों से बचना होगा। साथ ही साथ आपको अपने स्वास्थ का भी ख़याल रखना होगा। विशेषकर महीने के दूसरे भाव में आपको आपने स्वास्थ को लेकर सचेत रहना है। हालांकि अचानक कहीं से मोटी कमाई हो सकती है लेकिन इसके लिए आप जो प्लानिंग कर रहे हैं उसे लोगों से शेअर न करें तो ही अच्छा है। साथ ही कार्य व्यापार में संयमित व्यवहार करें।

उपाय: नित्य 11 बार गायत्री मंत्र का जप करें।

वृश्चिक: अक्टूबर राशिफल 2014 


महीने का पहला भाग आपके लिए अपेक्षाकृत अनुकूल रहेगा। आपका राशि स्वामी स्वयं आपकी राशि पर ही स्थित रहेगा अत: कामयाबी का मिलना स्वाभाविक है। आमदनी में इजाफ़ा भी होगा। हालांकि मेहनत करते समय इस बात का ख़याल रखना ज़रूरी होगा कि आपकी सेहन न बिगड़ने पाए। यात्राओं के माध्यम से भी लाभ होगा। लेकिन महीने का दूसरा भाग अधिक अनुकूल नहीं है। इस समय खर्चे अधिक हो सकते हैं साथ ही स्वास्थ कमजोर रह सकता है।

उपाय: काले उड़द का दान करना शुभ रहेगा।

धनु: अक्टूबर राशिफल 2014 


सामान्यत: यह पूरा महीना आपके लिए अनुकूल रहेगा। महीने के पहले भाग में सूर्य आपके कर्म स्थान पर है अत: आप अपने कार्य व्यापार में अच्छा करेंगे। इस कामों में आपके वरिष्ठ आपका सहयोग करेंगे। अधिकारी वर्ग आपसे खुश रहेंगे। वहीं महीने के दूसरे पक्ष में लाभ की स्थितियाँ बेहतर होंगी। आर्थिक मामलों में सुधार सम्भव है। कुछ व्यापारिक यात्राओं के योग भी निर्मित हो रहे हैं। लेकिन वाहन सावधानी से चलाएँ। जीवन साथी अथवा प्रेम पात्र के साथ बेहतर समय बिताने का मौका मिलेगा।

उपाय: किसी गरीब को काले कपड़े का दान करें।

मकर: अक्टूबर राशिफल 2014 


इस महीने की शुरुआत आपके लिए औसत रहेगी। यदि आप वाकई मेहनत से नहीं घबराते तो आपके काम ज़रूर बनेंगे। आपको पिता या पिता तुल्य व्यक्ति से सहयोग और आशिर्वाद मिलेगा। किन इस समय माता पिता के स्वास्थ का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। दूर की यात्राओं का योग बनेगा। अधिक कोशिश करने पर इनमें सफलता भी मिलेगी। वहीं महीने के दूसरे भाग में काम को लेकर मिलने वाले प्रस्तावों में हड़बड़ी न दिखाएँ। इस समय वरिष्ठों से उलझना या उनका अपमान करना ठीक नहीं रहेगा।

उपाय: पिता अथवा पिता तुल्य व्यक्ति की सेवा करें।

कुम्भ: अक्टूबर राशिफल 2014 


इस पूरे महीने आपको सावधानी से काम करना होगा। विशेषकर महीने के पहले भाग में सूर्य आपके आठवें भाव में है। अत: बहुत सारा परिश्रम व्यर्थ जा सकता है। इस समय वाहन में खराबी आने के भी योग बन रहे हैं। वाहन सावधानी व धीमी गति से चलाना भी एक उचित निर्णय होगा। यदि कुछ नया करने जा रहे हैं तो भली भांति विचार-विमर्श की आवश्यकता रहेगी। हालांकि महीने के दूसरे पक्ष में आपकी समस्याएँ कम होंगी। आर्थिक स्थिति में भी बेहतरी आने के योग हैं लेकिन माता पिता के स्वास्थ का ख़याल रखना ज़रूरी होगा।

उपाय: सूर्य भगवान को सिंदूर मिला जल चढ़ाएँ।

मीन: अक्टूबर राशिफल 2014 


इस पूरे महीने आप तनाव में रह सकते हैं। कुछ घरेलू चिंताएँ तो कुछ बाहर की चिंताएँ आपको तनाव देने का काम कर सकती हैं। अत: आपको सावधानी बरतने की ज़रूरत तो रहेगी ही रहेगी। इस समय कोई नया व्यापारिक निर्णय न लें। जीवन साथी को लेकर या फ़िर कुछ घरेलू परेशानियों के कारण भी आप व्यथित रह सकते हैं। महीने का दूसरा भाग भी अनुकूल नहीं है। इस समय यात्राओं से परहेज करें। वाहन सावधानी से चलाएँ व किसी भी तरह के विवाद से दूर रहें।

उपाय: परेशानी की स्थिति में सूर्य को सिंदूर मिला चढ़ाएँ और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

आशा है आप इस फलादेश का सही उपयोग कर अपने जीवन को और भी सुखमय बना पाएंगे। 

Read More »

नवरात्रि छठा दिन आज - दुर्गा पूजा दूसरा दिन - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

आज 30 सितम्बर है, यानि नवरात्रि का छठा दिन। आज के ही दिन दुर्गा पूजा का दूसरा दिन भी मनाया जाता है । इस दिन के बारे में और अधिक जानने के लिए यह लेख पढ़ें।


छठे दिन के आगमन के साथ नवरात्रि अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। माँ दुर्गा ने इस दिन कात्यायनी के रूप में अवतार लिया था। आज यानि नवरात्रि के छठे दिन को माँ कात्यायनी देवी की आराधना तथा पूजा करके मनाया जाता है। आइये वह दिव्य नज़ारा देखते हैं जब भक्त अपनी भक्ति और समर्पण से देवी कात्यायनी को सुरक्षित और बेहतर भविष्य के लिए प्रसन्न करेंगे। 


FREE matrimony & marriage website

नवरात्रि छठा दिन - पंचांग 


(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज सूर्योदय का समय है 06:16 am और सूर्यास्त होगा 06:04 pm पर। 
  2. चंद्रोदय का समय है 11:32 am और चन्द्रास्त होगा 10:33 pm पर। 
  3. षष्ठी तिथि 03:00 pm तक है , अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं ज्येष्ठ नक्षत्र (11:44 pm) है।  
  4. राहुकाल शुरू हो रहा है 03:07pm पर और खत्म हो रहा है 04:35 pm पर। 
  5. अमृत काल शुरू होगा 02:59 pm पर और खत्म होगा 04:35 pm पर।
  6. पूजा मुहूर्त: 06:12 am से 07:42 am

देवी कात्यायनी का रूप-विवरण 


माँ कात्यायनी को तीन नेत्र और चार हस्त के साथ चित्रित किया गया है। उन्होंने ऊपर बाएँ हाथ में तलवार धारण की हुई है और निचले बाएँ हाथ में कमल का फ़ूल है। अब उनके दाएँ हाथ की बात करते हैं। माँ कात्यायनी का दायाँ आधा भाग शांत स्थिति को दर्शाता है। उनका ऊपरी दायाँ और निचला दायाँ हाथ क्रमशः रक्षा और अनुमति की मुद्रा में हैं। संत कात्यायन ने माँ दुर्गा को अपनी पुत्री के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, जिसके फलस्वरूप माँ कात्यायनी ने उनके घर जन्म लिया। इसीलिए उन्हें माँ कात्यायनी कहा जाता है। नवरात्रि का छठा दिन साधकों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह दिन साधना करने के लिए विशेष माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कुँवारी कन्यायों द्वारा कठोर तप करने से उनके विवाह में आने वाली बाधाएँ मिट जाती हैं।  

मंत्र 


चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना |
कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानव घातिनि ||

पूजा विधि 


नवरात्रि के छठे दिन की बात करें तो इस दिन अन्य नवरात्रि के प्रकार ही अनुष्ठान किए जाएंगे। कहा जाता है कि इस दिन कात्यायनी देवी की आराधना करने से धर्म, कर्म, मोक्ष और अर्थ की प्राप्ति होती है। रस्मों की शुरुआत करने से पहले कलश पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कलश में वास करते हैं, इसीलिए, कलश की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। इसके पश्चात देवी के परिवार के सदस्यों की पूजा की जाती है। 

देवी कात्यायनी की पूजा विधि और संस्कार नवरात्र पर नव दुर्गा के अन्य रूपों की पूजा करने के लगभग समान है। 

दुर्गा पूजा का दूसरा दिन 


आज दुर्गा पूजा का दूसरा दिन है जिसे महा षष्ठी भी कहते हैं। इस दिन बोधन संस्कार आयोजित किए जाते हैं। बोधन संस्कार के अनुसार, भक्तों के सामने देवी दुर्गा का चेहरा अनावरण करते हैं। इस दिन माँ दुर्गा औपचारिक रूप से अपने माता पिता के घर में प्रस्थान करती हैं। 

  • महा षष्ठी संस्कार चार चरणों में होता हैं :
  • कलपरम्बा: यह पूजा का शुरूआती चरण है। 
  • बोधन: इस चरण में देवी दुर्गा को दुर्गा पूजा के दौरान पवित्र किया जाता है। 
  • आमंत्रण: इस चरण में देवी दुर्गा को पृथ्वी पर आमंत्रित किया जाता है। 
  • अधिवास: दुर्गा माँ की मूर्तियों को पवित्र किया जाता है और देवी की मूर्तियों को अलग-अलग पंडालों में सजाया जाता है। 

दुर्गा पूजा मंत्र 


आगच्छा तवं महादेवी 
स्थाने छत्र स्थिरा भव 
यावता पूजां करिस्यामी त्वता तवं स्निधोभाव 
श्री जगदम्बये दुर्गा देव्यै नमः दुर्गा देवी माँ वाहयामी, आवाहन अर्थये पुष्पांजलि समर्पयामि

दुर्गा माँ को अपने साथ रखने के लिए अपने मोबाइल फ़ोन में आज ही दुर्गा चालीसा डाउनलोड करें: दुर्गा चालीसा ई-बुक FREE डाउनलोड


आज का पर्व!


आज की सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स

आज से शुक्र वृन्ध्त्व दोष शुरू हो रहे हैं। इस खगोलीय परिवर्तन को अनुभव करने के लिए तैयार रहिए।

आपका दिन मंगलमय हो !

Read More »

नवरात्रि पंचमी - दुर्गा पूजा का पहला दिन - मुहूर्त एवं पूजा विधि

आज, 29 सितम्बर 2014, को नवरात्रि का पांचवां दिन है, जो देवी स्कंदमाता को समर्पित है। दुर्गा पूजा की षष्ठी भी आज ही शाम को है। बंगाल में बहुत धूम-धाम से माँ दुर्गा का आगमन होगा। आइए जानें इस दिन की महत्वपूर्ण बातें। 


माँ स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। सीधे हाथ की पहली भुजा में उनके पुत्र कार्तिके विराजमान हैं। बाएँ हाथ की पहली भुजा वरदान देने की अवस्था में है। दोनों हाथों की दूसरी भुजा में कमल का फूल धारण करे हुए हैं। 

इसके अतिरिक्त, दिन की शुभता बढ़ाती है उपंग ललिता की पूजा। इस कारण से यह दिन ललिता पंचमी के नाम से भी प्रचलित है। देवी ललिता षोडशी एवं त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यह 10 महाविद्याओं में से एक हैं। 

Click here to read in English...

FREE matrimony & marriage website


आज का पंचांग 

(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज 29 सितम्बर 2014 है और सोमवार का दिन है।
  2. सूर्योदय 06:12 am पर है और सूर्यास्त 06:10 am पर। 
  3. अश्विन माह का शुक्ल पक्ष चल रहा है। 
  4. राहुकाल 07:42 am से 09:12 am तक है। 
  5. पूजा मुहूर्त कुछ इस प्रकार है:
    06:11 am से 07:41 am
    09:12 am से 10:42 am

देवी स्कंदमाता 


माता स्कंदमाता हिमालय की देवी हैं और भगवान शिव की पत्नी हैं। इन्हे हम कई और नामों से जानते हैं जैसे: माँ पार्वती, माँ गौरी, और माहेश्वरी। इनको स्कंदमाता का नाम पुत्र कार्तिकेय के कारण मिला जिनका नाम स्कन्द भी है । कहा जाता है कि इन्हे अपने पुत्र से इतना स्नेह है कि स्कंदमाता नाम इन्हे बहुत ही पसंद आता है। माँ स्कंदमाता वात्सल्य की मूरत हैं। इनकी पूजा-अर्चना से सभी पापों से मुक्ती मिल जाती है। 

स्कंदमाता पूजा मन्त्र 


सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

दुर्गा पूजा का पहला दिन 


आज दुर्गा पूजा का पहला दिन भी है। जिसे महालया भी कहा जाता है। यह त्यौहार बंगाल का त्यौहार है। माना जाता है कि इस दिन देवी दुर्गा धरती पर आती हैं अपने भक्तों का उद्धार करने हेतु। माँ दुर्गा का स्वागत बहुत ही खूबसूरत पंडाल सजाकर धूम-धाम से किया जाता है; नाच-गाना होता है और बहुत ही स्वादिष्ट और कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। 

माँ दुर्गा स्तुति 


रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र |
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम् ||

आशा है आप इस महत्वपूर्ण दिन का सही उपयोग कर पाएंगे। हमें अतयंत प्रसन्नता होगी यदि आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट, शेयर, या लाइक करके दिखाएंगे। 

माँ दुर्गा आप सभी पर अपनी कृपा बरसाएं!

दुर्गा माँ को अपने साथ रखने के लिए अपने मोबाइल फ़ोन में आज ही दुर्गा चालीसा डाउनलोड करें: दुर्गा चालीसा ई-बुक FREE डाउनलोड


आज का पर्व!


आज की सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स

उपंग ललिता पंचमी भी कल मनाया जाएगा। भविष्य में आनंदमयी जीवन के लिए देवी ललिता का पूजन कीजिये। 

आपका दिन मंगलमय हो!

Read More »

साप्ताहिक प्रेम सम्बन्ध राशिफल (29.09.2014 - 05.10.2014)

एक व्यक्ति का ह्रदय सबसे नाज़ुक अंगे हैं, जिसका केवल प्रेम एवं देखभाल के साथ इलाज किया जा सकता है। इसीलिए हम आपके सामने लेकर आये हैं प्यार का डॉक्टर! पढ़िये साप्ताहिक प्रेम राशिफल पं हनुमान मिश्रा के साथ और प्यार के रहस्यों का अनावरण कीजिये। 

जानियें अपना साप्ताहिक प्रेम राशिफल इस सप्ताह हमारे साथ।


FREE matrimony & marriage website

मेष
इस सप्ताह पंचमेश सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र और मंगल के उप-नक्षत्र में रहेगा, अत: आपका इमोश्नल होना स्वाभाविक है। लेकिन भावनाओं में बहकर कुछ ऐसा न करें जिससे आपकी अथवा आपके लव पार्टनर की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचे। शुरुआती दिनों में तो आपको निराश होने से भी बचना होगा लेकिन यदि आप मर्यादित आचरण करते हैं तो शेष सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा। आप प्रेमानुभूति का आनंद लेते रहेंगे।

भाग्यस्टार: 3/5

वृष
पंचमेश बुध मंगल के नक्षत्र और चंद्रमा के उप-नक्षत्र में होकर छठे भाव में शनि के साथ स्थित है, अत: प्रेम में स्थायित्व का आना स्वाभाविक है। यदि आप किसी सहकर्मी से प्रेम करते हैं और प्रपोज़ करने के मूड में है तो सप्ताह के शुरुआती दिनों में करना ही ठीक रहेगा, क्योंकि सप्ताह के मध्य में किसी कारण से आप अपनी बात ठीक से नहीं रख पाएंगे और इस समय कुछ अन्य परेशानियाँ भी रह सकती हैं। वहीं सप्ताहांत प्रेम प्रसंग के लिए अनुकूल रहने वाली है।

भाग्यस्टार: 3/5

मिथुन
इस सप्ताह पंचमेश शुक्र की स्थिति ठीक नहीं है, अत: प्रेम संबंधों को लेकर मन का असंतुष्ट रहना स्वाभाविक है। अत: आपको अपने प्रेम संबंधों को बड़ी ही सावधानी से सहेजना होगा। सप्ताह की शुरुआत में कोई ऐसा व्यक्ति है जो प्रेम संबंधों में आपका कॉम्पिटीटर हो, आपके खिलाफ़ षड़यंत्र रच सकता है। अत: सावधान रहें। सप्ताह के मध्य में स्थितियाँ बेहतर रहेंगी और आप अपने संबंधों को समय दे पाएंगे, लेकिन सप्ताह में किसी परेशानी या कठिनाई के चलते प्रेम के लिए समय कम मिलेगा।

भाग्यस्टार: 2.5/5

कर्क
सामान्य तौर पर यह सप्ताह प्रेम संबंधों के लिए अनुकूल रहेगा। शुरुआती दिनों में आपस में कुछ कहा सुनी या नाराज़गी तो हो सकती है लेकिन फिर भी कुछ ऐसे घटनाक्रम भी होंगे जो प्रेम में प्रगाढ़ता लाएंगे। अगर आपको ऐसा लगता है कि कोई तो ऐसा है जो आपको आपके प्यार से छीन सकता है तो सप्ताह के मध्य में आपका यह डर दूर हो जाएगा। वहीं सप्ताह के अंतिम दिनों में प्यार में और भी प्रगाढ़ता आने के योग बन रहे हैं।

भाग्यस्टार: 4.5/5

सिंह
सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा आपके चौथे भाव में है लेकिन नीचावस्था में है, अत: कुछ घरेलू परेशानियों के कारण आप चिड़चिड़े रह सकते हैं। माना कि काम करना अच्छी बात है लेकिन काम के कारण अपने निजी जीवन को समय न दे पाना ठीक नहीं होगा। सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। आप लोग आपस में मिल पाएंगे। एक दूसरे की पूरी केअर करेंगे। वहीं सप्ताह के अंतिम दिनों में आप अपने लव पार्टनर के ज़रूरी काम को निबटाने में उसकी मदद करेंगे।

भाग्यस्टार: 3.5/5

कन्या
यह सप्ताह आपके लिए सामान्य तौर पर अनुकूल रहने वाला है। अगर आप साथ में कहीं घूमने जाने के मूड में है तो सप्ताह के शुरुआती दिनों में घूमने फिरने या मनोरंजन के लिए जाना ठीक रहेगा। इस समय फ़िल्म देखना भी बेहतर होगा। सप्ताह के मध्य में आप कुछ तनाव या दुविधा में रह सकते हैं। हालांकि आपका लव पार्टनर इससे निकलने में मददगार हो सकता है। सप्ताह के अंत में प्रेम में और भी प्रगाढ़ता आएगी।

भाग्यस्टार: 3/5

तुला
इस सप्ताह की शुरुआत आपको किसी उपहार के आदान-प्रदान से करनी चाहिए। हो सके तो एक दूसरे की तारीफ़ करना भी न भूलें। किसी आर्थिक मामले को लेकर बहस न करें। कम बोलें लेकिन मीठा बोलें। वहीं सप्ताह के मध्य में आपको किसी नज़दीकी पर्यटन स्थल पर साथ में घूमने जाना चाहिए लेकिन यदि आपका प्यार किसी पड़ोसी से है तो इसकी आवश्यकता नहीं रहेगी। सप्ताह थोड़ा सा कमज़ोर रह सकता है, अत: अपने मूड को ठीक रखें।

भाग्यस्टार: 3/5

वृश्चिक
सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके दिल को आराम देने वाला रहेगा। बस सप्ताह की शुरुआत में आपको अधिक जज़्बाती होकर काम नहीं करना है। न तो किसी बात पर अधिक भड़किये और न ही अपनी भावनाओं को दबाए रखिए। मर्यादित तरीके से अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति करनी है। सप्ताह के मध्य में किसी आर्थिक खोज के कारण आप समय कम दे पाएंगे लेकिन जो भी समय साथ गुजरेगा अच्छा रहेगा। सप्ताहांत भी अनुकूल परिणाम देने वाला रहेगा।

भाग्यस्टार: 3/5

धनु
पंचमेश मंगल शनि के नक्षत्र और गुरु के उप-नक्षत्र में है, अत: इस समय आप आपस में आध्यात्म या नैसर्गिक बातें कर सकते हैं। हालांकि सप्ताह की शुरुआत में आप अपने लव पार्टनर से दूर रह सकते हैं। फिर भी फोन आदि के माध्यम से निरंतर जुड़े रहने का प्रयास करें। सप्ताह के मध्य में आप भावनाओं से भरे रह सकते हैं जबकि सप्ताहांत में लव पार्टनर के साथ किसी रेस्टोरेंट में भोजन करना एक बेहतर कदम होगा।

भाग्यस्टार: 3.5/5

मकर
सप्ताह की शुरुआत प्रेम प्रसंग के लिए अनकूल है। आपने मन में अपने प्रियतम से मिलने का उल्लास कमाल का रहेगा। उनसे मिलने की आपकी कोशिश कामयाब होगी। वहीं सप्ताह के मध्य में कुछ विसंगतियाँ सामने आ सकती हैं। हालांकि अगर आप साथ में कोई दूर की यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो यह एक अच्छा विचार हो सकता है। अगर सप्ताहांत की बात करें तो वह आपकी खोई हुई खुशियों को खोज कर आपके पास लाने का वादा करता नज़र आ रहा है।

भाग्यस्टार: 3/5

कुम्भ
पंचमेश बुध वर्तमान में मंगल के नक्षत्र और चंद्रमा के उप-नक्षत्र में है। स्वाभाविक है यह सप्ताह इमोशन्स और गर्मजोशी से भरा रहने वाला है। सप्ताह की शुरुआत उन लोगों के लिए विशेष अच्छी रहने वाली है जिन्हें किसी सहकर्मी से प्यार है, अन्य लोगों को काम की अधिकता के कारण प्यार के लिए समय कम मिलेगा। सप्ताह के मध्य में आप कहीं मिलने का प्रोग्राम बना सकते हैं। इस समय आपको उपहार भी मिल सकता है। लेकिन सप्ताहांत कुछ कमज़ोर रह सकता है।

भाग्यस्टार: 3.5/5

मीन
सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको प्रेम की अच्छी अनुभूतियाँ करवाएगा। शुरुआती दिनों में आप साथ में कहीं घूमने जा सकते हैं या फिर किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। अगर आपको अपनी कोचिंग में किसी से प्यार है तो उससे दिल की बात कह सकते हैं। सप्ताह के मध्य में आप प्यार को कम और काम को अधिक समय देने के मूड में रहेंगे। जबकि सप्ताहांत में अन्य मामलों को छोड़ अपने प्यार को अधिक से अधिक समय देने के मूड में रहेंगे।

भाग्यस्टार: 4.5/5



आने वाले पर्व!


कल दुर्गा पूजा का पहला दिन है। दुर्गा देवी का उत्साह के साथ पृथ्वी पर स्वागत कीजिये।

उपंग ललिता पंचमी भी कल मनाया जाएगा। भविष्य में आनंदमयी जीवन के लिए देवी ललिता का पूजन कीजिये।

Read More »

नवरात्रि चतुर्थी आज - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

आज यानी सितम्बर 28, 2014 को नवरात्रि का चौथा दिन है। आज का दिन ब्रह्माण्ड की रचनाकार, देवी कूष्माण्डा को समर्पित है। आज का दिन आपको दे रहा है मौका अपनी परेशानियों को विदा करने का और एक नए और सुनहरे भविष्य की रचना करने का। 

माँ कूष्माण्डा को प्रसन्न करें और प्राप्त करें आशीर्वाद।

माँ कूष्माण्डा इस सृष्टि की रचयिता हैं और वे ही हैं जो सम्पूर्ण जगत को ऊर्जा प्रदान करती हैं। अपनी सौम्य मुस्कान और स्वर्ण रूपी चमक से कूष्माण्डा ने एक अंडे के रूप में इस ब्रह्माण्ड का निर्माण किया।


FREE matrimony & marriage website

माँ कूष्माण्डा 


जैसे हमने पहले भी कहा कि माँ कूष्माण्डा की चमक सोने के समान है और मुस्कान दिव्य है। आठ भुजाएँ होने के कारण कूष्माण्डा को अष्टभुजाओं वाली माँ भी कहा जाता है। माँ कूष्माण्डा की सवारी सिंह है और उनके हाथों में शस्त्र सजे हैं। न केवल देवी कूष्माण्डा इस जगत के प्रत्येक प्राणी को ऊर्जा प्रदान करती हैं बल्कि अपने भक्तों को कामयाब और समृद्ध जीवन जीने का आशीर्वाद भी प्रदान करती हैं। अगर आप किसी भी तरह की समस्या में हैं या फिर बुरे दौर से गुज़र रहे हैं तो इस पवित्र दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा करें और देखें कैसे माँ कूष्माण्डा आप के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं। 

शरद नवरात्रि 2014: चौथे दिन का पंचांग


(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज सूर्योदय का समय है 06:12 am और सूर्यास्त होगा 06:11 pm पर। 
  2. चतुर्थी तिथि 03:48 pm तक है, अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं विशाखा नक्षत्र (11:33 pm) है। 
  3. राहुकाल शुरू हो रहा है 16:41 am पर और खत्म हो रहा है 18:11 pm पर। 
  4. अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:47am से 12:34 pm। 
  5. अमृत काल शुरू होगा 02:26 pm पर और खत्म होगा 04:05 pm पर।
  6. पूजा मुहूर्त: 7:42 am से 12:11 pm

माँ कूष्मांडा का जप मंत्र 


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थात: मैं उस देवी के समक्ष शीष झुकाता/झुकाती हुँ जिसने समस्त ब्रह्माण्ड की रचना की है और जो हम सबके दिलों में बस्ती हैं। 

नवरात्रि चौथी दिन की पूजा


नवरात्रि के इस दिन का अत्यधिक लाभ उठाने के लिए आपको सभी पूजा विधियाँ सही रूप से करनी चाहिए। यदि आपको इस दिन की विधियाँ ज्ञात नहीं हैं तो नीचे दिए गए पूजा विधि आपके लिए मददगार साबित होंगी :
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ सुथरे कपड़े पहनें
  • पूजा के स्थान पर माँ कूष्माण्डा की प्रतिमा रखें और धुप-बत्ती, फल, फ़ूल इत्यादि से पूजा करें 
  • अब देवी कूष्माण्डा की आरती करें और मालपुए का भोग लगाएँ
तो यह था नवरात्री के चौथे दिन का संपूर्ण वर्णन। इस दिन की देवी से लेकर इस दिन की विधियों तक हमने सब पढ़ा। इस दिन को सच्चे मन से मनाने से आप अपने जीवन में स्वास्थ, यश और समृद्धि ला सकते हैं। अपने दिन की शुरुआत देवी कूष्माण्डा की पूजा के साथ कीजिये, खुशियों का आगमन अपने आप हो जाएगा। हो सके तो इस दिन व्रत भी रखें। 

दुर्गा चालीसा इ- बुक डाउनलोड करें और माँ दुर्गा की उपस्थिति का आह्वान करें ।


आज का पर्व!


आज ‘विनायका श्री गणेश चतुर्थी’ का पावन दिन है। आज के दिन सच्चे मन और श्रद्धा से ‘विघ्नहर्ता’ का स्वागत अपने घर में करने से आप अपनी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

आपका दिन मंगलमय हो !

Read More »

साप्ताहिक राशिफल (सितम्बर 29 - अक्टूबर 05) - आपके आने वाले सप्ताह का भाग्य यहाँ जानें !

अगला सप्ताह आने वाला है। कितनी शुभता लाएगा यह आने वाला सप्ताह ?जानिए क्या-क्या होने वाला है आपके व्यक्तिगत, कार्यक्षेत्र और आर्थिक जीवन में। जानने के लिए पढ़िए ज्योतिष 'हनुमान मिश्रा' द्वारा लिखा गया साप्ताहिक राशिफल और लाभ उठाएँ।

जानिए सभी राशियों के लिए सितम्बर 29 - अक्टूबर 05, 2014 तक का साप्ताहिक राशिफल।


FREE matrimony & marriage website

मेष
सप्ताह की शुरुआत आपसे कुछ अधिक मेहनत करवा सकती है। हो सकता है कि कड़ी मेहनत के बाद भी आशातीत नतीजे न मिल पाएँ। इस समय आप आर्थिक मामलों को लेकर भी असंतुष्ट रह सकते हैं। हालांकि सप्ताह के मध्य में स्थितियाँ बेहतर होंगी लेकिन फ़िर भी संतोषजनक परिणामों के लिए आपको लगातार मेहनत करनी होगी। हालांकि सप्ताहांत में स्थितियाँ पूर्ण रूप से सुधर जाएंगी। न केवल काम बनेंगे, बल्कि मान सम्मान में भी बढ़ोत्तरी होगी।

वृषभ
यह सप्ताह आपके लिए मिले जुले फल देने वाला रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में आपको अपने निजी जीवन पर ध्यान देने की आवश्यकता बनी रहेगी। साझेदारी के कामों में भी विवाद करने से बचें। यदि आप सावधानी से काम लेंगें तो सप्ताह के शुरुआती दिनों में स्थितियाँ नियंत्रण में रहेंगी। जबकि सप्ताह के मध्य में बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता रहेगी। बेहतर होगा इस समय कोई नया निर्णय न लें। हालांकि सप्ताहांत में स्थितियाँ सुधरेंगी।

मिथुन
सप्ताह की शुरुआत उत्साहवर्धक रह सकती है, क्योंकि इस समय आपके भीतर भी अच्छा उत्साह रहेगा। इस समय कोई भी प्रतिस्पर्धी आपके सामने टिकने वाला नहीं है। आपके द्वारा की गई मेहनत का परिणाम आपको देखने को मिलेगा। सप्ताह के मध्य में किसी अज़ीज़ के साथ समय बीतेगा। आप मनोरंजन के लिए कहीं जा सकते हैं। लेकिन सप्ताह के अंतिम दिनों में किसी भी निर्णय में जल्दबाज़ी ठीक नहीं होगी। इस समय स्वास्थ्य का भी ख़्याल रखना होगा।

कर्क
सप्ताह की शुरुआत में आप थोड़े से मनमौजी रह सकते हैं। हालांकि इस समय आपको संतान या शिक्षा को लेकर कुछ चिंताएँ भी रह सकती हैं। यह समय अपने प्रेमी या प्रेमिका से झगड़ने का नहीं है। सप्ताह का मध्य भाग काम धंधे के लिए अनुकूल है। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने जा रहे हैं तो भी आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे। लेकिन सप्ताह के अंतिम दिनों में संयम और समझदारी से काम लेना होगा।

सिंह
सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा। फिर भी सप्ताह के शुरुआती दिनों में कुछ घरेलू समस्याएँ रह सकती हैं। इस समय आपके वाहन में भी कुछ ख़राबी आ सकती है। इस समय अपनी माँ का ख़्याल रखना और उनका आशीर्वाद लेना बिल्कुल न भूलें। सप्ताह के मध्य में मन में प्रेम के अंकुर फूटते रहेंगे। विद्यार्थियों को भी अनुकूल परिणाम मिलेंगे लेकिन सप्ताह के अंतिम दिनों में अपने जोश का सदुपयोग करना न भूलें क्योंकि समय अनुकूल रहेगा।

कन्या
इस सप्ताह के आरंभिक दिन वैसे तो अनुकूल हैं लेकिन जोश में होश खोने से बचना होगा। अगर मित्रों की कोई बात बुरी लगे तो शालीनता से जबाब दें, न कि विवाद की स्थिति निर्मित करें। सप्ताह मध्य में गृहस्थ जीवन को लेकर कुछ चिंताएँ रह सकती हैं। इस समय कम दूरी की यात्राएँ भी संभव हैं। वहीं सप्ताह के अंतिम दिनों को इंज्वाय करना बिल्कुल न भूलें। यदि मौका लगे तो किसी मित्र से मिल आएँ। इससे आपको आत्मिक संतोष तो मिलेगा ही, कुछ काम की बातें भी हो जाएंगी।

तुला
इस सप्ताह की शुरुआत थोड़ी सी कमज़ोर रह सकती है। इस समय कुछ आर्थिक चिंताएँ आपको परेशान कर सकती हैं। बेहतर होगा व्यर्थ खर्चा करने से बचें। इस समय अप्रिय भाषा का प्रयोग बिल्कुल न करें। हालांकि सप्ताह के मध्य में समस्याएँ बहुत हद तक ठीक हो जाएंगी। आपका आत्मविश्वास आपको विजय दिलाएगा, हर एक परेशानी से। मित्र और भाई बन्धु भी मददगार होंगे। सप्ताहांत कुछ चिंताएँ दे सकता है लेकिन इस चिंताओं में चिंतन के भाव भी समाहित रहेंगे।

वृश्चिक
सप्ताह सामान्य तौर पर अनुकूल है। लेकिन सप्ताह की शुरुआत में अत्यधिक क्रोध या अत्यधिक उत्साह से बचें। यदि आपने संयम से काम लिया तो यह अवधि आपको काफी सुख सुविधाएँ दिलाने वाली है। हालांकि सप्ताह के मध्य में आपको कुछ आर्थिक विसंगतियाँ देखने को मिल सकती हैं लेकिन संयम से ख़र्चे करके आप उन पर नियंत्रण पा सकते हैं। सप्ताहांत में काफी अनुकूल परिणाम देखने को मिलेंगे। भाई बंधुओं का सपोर्ट और आपका आत्मविश्वास आपके लिए मददगार होगा।

धनु
सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूल नहीं है। इस समय आप किसी कारण से तनावग्रस्त रह सकते हैं। यह तनाव अचानक आए किसी ख़र्चे की वजह से हो सकता है। इस समय आपकी नींद में भी कुछ व्यवधान रह सकता है। हालांकि सप्ताह के मध्य में किसी शुभ समाचार के मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। विपरीत परिस्थितियाँ भी अपने पाँव समेट लेंगी। लेकिन सप्ताह के अंत को शुभ और अनुकूल तभी बनाया जा सकता है जब आप अपनी वाणी और ख़र्चों पर नियंत्रण पा सकेंगे।

मकर
सप्ताह के शुरुआत में आपको अनुकूल परिणाम मिलने की अच्छी उम्मीद है। पिछले दिनों किए गए कामों का परिणाम आपको मिलेगा, भले ही कुछ रुकावटें रहें लेकिन लाभ के योग मजबूत हैं। सप्ताह के मध्य में सावधानी ज़रूरी होगी क्योंकि कुछ बेवजह के ख़र्चे सामने आ सकते हैं। बेहतर होगा आप उन पर अंकुश लगाएँ। जबकि सप्ताहांत आपके लिए अनुकूल परिणाम देने का वादा कर रहा है। इस समय न केवल आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे बल्कि आप जीवन का आनंद ले पाएंगे।

कुम्भ
सामान्यत: इस सप्ताह आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे। सप्ताह की शुरुआत मे कुछ अड़चनों के बाद काम बनेंगे। वरिष्ठों का सहयोग भी मिलेगा। अगर आपने अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर काम किया तो आपके मान सम्मान में वृद्धि भी होगी। सप्ताह के मध्य में आपको कई तरह से लाभ मिल सकते हैं। इस अवधि में की गई यात्राएँ लाभकारी सिद्ध होंगी। लेकिन सप्ताह के अंतिम दिनों में आप अपने हाथ आई सफलता से संतुष्ट नहीं रह पाएंगे।

मीन
सामान्य तौर पर इस सप्ताह मिलने वाले परिणामों से आप संतुष्ट रहेंगे। सप्ताह की शुरूआत अनुकूल रहेगी और आप धर्म या समाज से जुड़े कामों को अंजाम देंगे। यह समय यात्राओं के लिए भी अनुकूल है। सप्ताह के मध्य में आपके मान सम्मान में इजाफ़ा होगा। आपके रुके हुए काम बनेंगे। सप्ताहांत आर्थिक मामलों के लिए शुभ रहेगा लेकिन यदि इस समय कोई व्यापारिक यात्रा कर रहे हैं तो उससे मिलने वाले फायदे की एक बार पुन: समीक्षा कर लें।



आने वाले पर्व!


आज विनायक श्री गणेश चतुर्थी का पवित्र दिन है। आज विघ्नहर्ता का अपने घर में स्वागत करें और अपने जीवन और आसपास से सारे दुखों का नाश करें।
Read More »

नवरात्री तृतीया आज - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

शरद नवरात्री का तीसरा दिन, 27 सितम्बर 2014, उस देवी के लिए जाना जाता है जो सुनहरी हैं और जिनके सर पर आधा चाँद विराजमान है। वह आती हैं शक्तिरूपा शेरनी पर विराजमान होकर। क्या आप जानते हैं कि वे आपको समस्त संसार की शक्तियों से विभूषित कर सकती हैं?


नवरात्री का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा को समर्पित है। इनको माता पार्वती का विवाहित रूप माना जाता है। भोलेनाथ से विवाह के पश्चात इन्होंने अपने माथे पर अर्ध-चन्द्र धारण कर लिया था, जो एक घंटे की तरह विराजमान हो गया। इसी कारण से इनको ‘चंद्रघंटा’ नाम दिया गया। 


मान्यताओं के अनुसार देवी चंद्रघंटा शुक्र ग्रह को दर्शाती हैं। इनके दस हाथ हैं। सीधे हाथ के चार हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार, एवं कमंडल हैं। पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है। बाईं ओर के चार हाथों में कमल का फूल, तीर, कमान, एवं जप की माला है। पांचवा हाथ अभया मुद्रा में रहता है। 

देवी चंद्रघंटा माता पार्वती का वो रूप हैं जिसमें वह युद्ध के लिए तैयार रहती हैं। मान्यताओं के अनुसार माता के माथे पर लगा अर्ध चन्द्र सभी बुरी शक्तियों को दूर कर वातावरण को पवित्र बनाता है। 

शरद नवरात्री 2014: तीसरे दिन का पंचांग 


(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज सूर्योदय का समय है 06:11 am और सूर्यास्त होगा 06:12 pm पर। 
  2. चंद्रोदय का समय है 08:44 am और चन्द्रास्त होगा 08:09 pm पर। 
  3. तृतीया तिथि है (03:27 pm), अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं स्वाति नक्षत्र है। 
  4. राहुकाल शुरू हो रहा है 09:13 am पर और खत्म हो रहा है 10:42 am पर। 
  5. अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:48 am से 12:35 pm। 
  6. अमृत काल शुरू होगा 01:25 pm पर और खत्म होगा 03:06 pm पर। 
  7. पूजा मुहूर्त: 07:41 am से 09:12 am

देवी चंद्रघंटा की पूजा-विधि 


देवी चंद्रघंटा के लिए की जाने वाली पूजन विधि नवरात्री के बाकी सभी शुभ दिनों के समान होती है। अंतर सिर्फ मन्त्रों का होता है। देवी चंद्रघंटा की पूजा के लिए नीचे दिए गए मन्त्रों का उच्चारण करें:

ध्यान मंत्र 

पिण्डज प्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता | 
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्र घंष्टेति विश्रुता ||

स्तुति 

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से आप ब्रह्माण्ड की समस्त शक्तियों को महसूस कर पाएँगे। माँ चंद्रघंटा जीवन की सभी परिस्थितयों का सामना करने के लिए अपने बच्चों को साहस देती हैं। आइए हम सब उस अनंत माँ के समक्ष अपना शीश झुकाएँ। 

उम्मीद करते हैं कि इस छोटे से लेख के माध्यम से आप अपने भविष्य को और भी सुखमय बना पाएँगे। आपके विचार हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। कृपया हमें और भी बेहतर होने में मदद करें और हमारे प्रयासों का पूरा फ़ायदा उठाकर हमारी मेहनत को सफल बनाएँ। 

माँ देवी चंद्रघंटा अपनी अपार कृपा आप पर बरसाएँ!


आज का पर्व!

शरद नवरात्री का तीसरा दिन ‘सिन्दूर तृतीया’ के नाम से भी जाना जाता है।

जैसा की आज 27 सितम्बर 2014 है, आज का दिन ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

आपका दिन मंगलमय हो!

Read More »

नवरात्रि द्वितीया आज - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

नवरात्रि का दूसरा दिन सितम्बर 26, 2014, देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। माँ ब्रह्मचारिणी साहस, शांति और सफलता का प्रतीक हैं। उनके हाथ में कमल का फ़ूल सुशोभित है और उन्हें कठोर तप की देवी माना जाता है। आप उनकी आराधना से सभी अप्रत्याशित घटनाओं से उबरने का सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। 

नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है।

देवी ब्रह्मचारिणी माँ पार्वती का दूसरा अवतार हैं । देवी ब्रह्मचारिणी हमारे अंदर एक ऐसी शक्ति का संचार करती हैं जिससे हम अप्रत्याशित दुःख, घटनाओं और यातनाओं पर काबू पा सकते हैं। देवी ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद और महिमा से भक्तों को शांति का अनुभव होता है और वे हमेशा सही पथ पर चलते हैं। 


FREE matrimony & marriage website

उनके नाम, ब्रह्मचारिणी, के अनुसार, वह ‘ब्रह्म’ को दर्शाती हैं, जिसका तात्पर्य है ‘कठोर तप’। उन्हें कठोर तप करने वाली देवी के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मचारिणी प्रेम, ज्ञान और स्वामिभक्ति की प्रतीक हैं। उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। उनके रूप की बात की जाये तो, वह सफ़ेद रंग की साड़ी पहनती हैं जिसमें नारंगी रंग की किनारी है। वो अपने आप को रुद्राक्ष से सजाती हैं। माँ ब्रह्मचारिणी के दो हाथ हैं, जिनमें से बाएँ हाथ में कमंडल है और दाएँ हाथ में जप माला है। माँ ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को जीवन के हर चरण में विजयी होने का वरदान देती हैं। 

शरद नवरात्रि 2014: दूसरे दिन का पंचांग


(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज सूर्योदय का समय है 06:11 am और सूर्यास्त होगा 06:13 pm पर। 
  2. चंद्रोदय का समय है 07:49 am और चन्द्रास्त होगा 07:28 pm पर। 
  3. द्वितीया तिथि 02:37 pm तक है , अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं चित्रा नक्षत्र (09:23 pm) है। 
  4. राहुकाल शुरू हो रहा है 10:42 am पर और खत्म हो रहा है 12:11 pm पर। 
  5. अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:48 am से 12:35 pm। 
  6. अमृत काल शुरू होगा 02:31 am पर और खत्म होगा 04:14 pm पर।
  7. पूजा मुहूर्त: 06:11 am से 10:42 am

देवी ब्रह्मचारिणी का जप मंत्र 


दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

अर्थात: जिनके हाथ में कमल पुष्प, रुद्राक्ष माला और कमंडल है, वो ब्रह्मचारिणी देवी मुझ पर कृपा करें। 

नवरात्रि दूसरे दिन की पूजा 


देवी ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दूसरे दिन से जुड़ी सारी रस्में पूरी करें। इस दिन नीचे दी गई रस्मों का पालन करें-
  • प्रातः स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
  • देवी ब्रह्मचारिणी की मूर्ति को दूध, दही और शहद के मिश्रण से नहलाएँ।
  • उनको पान और सुपारी अर्पित करें।
  • अब देवी को लाल फ़ूलो की माला पहनाएँ।
  • माता की आरती करें और उन्हें प्रसाद का भोग लगाएँ।
इस तरह आराधना करके आप देवी ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पा सकते हैं ताकि वह आपको अपार शक्ति प्रदान करें और आप आने वाले दुःख और यातनाओं पर विजयी हो सकें। 


आज का पर्व!


आज की सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स

आपका दिन मंगलमय हो! 

Read More »

नवरात्रि प्रतिपदा आज - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

नवरात्रि का पहला दिन है आज, यानि सितम्बर 25, 2014। क्या आप अपने जीवन में आने वाली सभी दुविधाओं से मुक्त होना चाहेंगे? क्या आप भौतिकवादी सुख से अपने जीवन में छुटकारा पाना चाहेंगे? सम्पूर्ण भक्ति से शैलपुत्री माता को पूजें और आगे एक आनंदमय जीवन के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें। 


बहुप्रतीक्षित नवरात्री का अंततः आगमन हो चूका है। आज शरद नवरात्री का पहला दिन हैं। जैसे की हम जानते हैं कि नवरात्री की नौं रातें देवो दुर्गा की नौं अवतारों को अर्पित किया जाता हैं । यहां हम देवी शैलपुत्री के बारे में बात करेंगे। 


विशेष

इसबार माँ का आगमन झूले पर हो रहा है जो प्रजा के लिए हितकर नहीं है, प्राकृतिक आपदा, तथा आपसी तनाव बढ़ सकता है। परन्तु माँ का प्रस्थान हाथी पर हो रहा है, अतः नवरात्री के बाद आने वाला समय सबके लिए सुखद स्थिति बनेगी। विषम परिस्थितियों में भी अपनी पूजा - अर्चना जारी रखें, माँ कल्याण करेगी। - पं दीपक दूबे
माता शैलपुत्री देवी दुर्गा की पहली अवतार है। ‘शैलपुत्री’ संस्कृत भाषा से उत्पन्न एक नाम जिसका अर्थ है ‘पहाड़ों की बेटी’। ऐसा माना जाता हैं की देवी शैलपुत्री हिमालय देव की पुत्री थी, जिन्हें पहाड़ों का राजा कहा जाता हैं। 

शैलपुत्री माता की सवारी वृष है। वो अपने दाहिने हाथ में त्रिशूल धारण करती है, जो की सुरक्षा का प्रतीक हैं एवं उनके बाएं हाथ में कमल फूल रहता है। मूलाधार चक्र जुड़ा हुआ हैं; मूलाधार चक्र एक व्यक्ति की आध्यात्मिक जागृति तक पहुँचने की यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। जब तक यह चक्र सक्रिय न हो, एक व्यक्ति अपने जीवन में सार्थक कार्य करने में सफल नहीं हो पाता। 

नवरात्री का पहला दिन: पंचांग


(निचे दिया गया पंचांग दिल्ली क्षेत्र के आधार पर है।)
  • आज सूर्योदय का समय है 06:14 IST और सूर्यास्त होगा 18:10 IST पर। 
  • चंद्रोदय का समय है 06:55 IST और चन्द्रास्त होगा 18:50 IST पर। 
  • द्वितीय तिथि प्रारम्भ होगी (13:22 IST), अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं हस्त नक्षत्र है। 
  • राहुकाल शुरू हो रहा है 13:41 IST पर और खत्म हो रहा है 15:11 IST पर। 
  • अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:48 IST से 12:36 IST। 
  • अमृत काल शुरू होगा 13:07 IST पर और खत्म होगा 14:51 IST पर।
  • कलश स्थापन :स्थिर लग्न प्रातः १०:२० से लेकर मध्यान्ह १२:३० तक है 

देवी शैलपुत्री का जप मंत्र 


वंदे वाद्द्रिछतलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम |
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम्‌ |

नवरात्री पहले दिन की पूजा 


देवी शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए नवरात्री के पहले दिन से जुड़ी सारी रस्में पूरी करें। इस दिन नीचे दी गई रस्मों का पालन करें-
  • किसी भी अनुष्ठान के शुरू से पहले, आपको प्रातः काल स्नान लेना चाहिए।
  • शैलपुत्री माता की मूर्तियों को स्वच्छ करके पूजा स्थान में रखा जाता हैं। 
  • इसके पश्चात, शैलपुत्री माता की आरती उतारी जाती है। 
  • इसके अलावा शैलपुत्री देवी को फूल और पान के पत्तें चढ़ाया जाता हैं। 
  • सभी रश्मों के ख़त्म होने पर भक्तों में प्रसाद बांटा जाता हैं। 
आशा है की अभी आप इस बात से परिचित है की किस तरह देवी शैलपुत्री को प्रसन्न करना है। शैलपुत्री माता को सम्पूर्ण भक्ति से पूजें और आगे एक आनंदमय जीवन के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त करें।


आज का पर्व!


आज की सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स जानने के लिए यहाँ क्लिक करें: सेंसेक्स निफ़्टी प्रिडिक्शन्स

आज से अश्विन शुक्ल पक्ष प्रारम्भ हो रहा है। आज के दिन से शारदीय नवरात्री आरम्भ है। आज के दिन घटस्थापना की जाती है।

आज महाराजा अग्रसेन जयंती है। यह राजा अग्रसेन की महानता की स्मृति में मनाया जाता है। 

आज शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेगा। जानिए इस गोचर से अपने जीवन में प्रभाव।

आज अंतर्राष्ट्रीय फार्मेसी दिवस है।
आपका दिन मंगलमय हो !

Read More »

शुक्र का कन्या राशि में गोचर - बुध के छुपे हुए परिणाम लाएंगे परिवर्तन

शुक्र प्यार, सौंदर्य एवं भोग-विलास के देवता; और बुध, बुद्धिमत्ता के देव; दोनों ही अपनी जगह एक अनूठे ढंग से बदल रहे हैं। शुक्र कन्या राशि में गोचर कर रहा है और बुध शुक्र की राशि में है। अब क्योंकि कन्या बुध की ही राशि है, देखते हैं यह योग क्या परिवर्तन लाता है।


शुक्र 25 सितम्बर 2014 को प्रातः 07:49:50 AM पर कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। कन्या राशि शुक्र की नीच राशि भी है। एक ओर जहाँ कन्या राशि शुष्क, भावना रहित तथा व्यापारिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण राशि है तो वहीं दूसरी ओर शुक्र सौंदर्य प्रेमी, कला से परिपूर्ण तथा भावनायुक्त ग्रह है, वैसे तो बुध और शुक्र मित्र हैं परन्तु शुक्र का बुध की राशि में जाना शुक्र से प्रभावित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद नहीं होता है।


वैसे यह युति ऐसे समय हो रही है जब बुध शुक्र की राशि में हैं और शुक्र बुध की राशि में प्रवेश कर रहे हैं। बहुत से जातकों के लिए इसका बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा, परन्तु बहुत से जातकों के लिए यह राशि परिवर्तन तथा बुध और शुक्र का आपस में स्थान परिवर्तन बहुत सी मुसीबतें पैदा करने वाला होगा। इस परिवर्तन को हम केवल शुक्र के परिवर्तन से ही नहीं देख सकते बल्कि सभी राशियों के लिए बुध और शुक्र दोनों की स्थिति को ध्यान में रखना होगा। 

तो अब बात करते हैं शुक्र के कन्या राशि में गोचर से पढ़ने वाले प्रभावों की इस राशिफल के ज़रिए: शुक्र का कन्या राशि में गोचर


आने वाले पर्व!


कल से साल के सबसे शुभ 9 दिन शुरू हो जाएंगे। जी हाँ, शारदीय नवरात्री का पहला दिन है कल। क्या अभी तक आपने तैयारी नहीं की है? कोई बात नहीं, अब भी हो सकती है पूरी तैयारी। क्योंकि कल पहला दिन है, इसलिए घट स्थापना की आवश्यकता भी होगी। उसके लिए शुभ मुहूर्त है सुबह 10:20 से दोपहर 12:30 तक। 

यह दिन इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इस दिन ‘महाराज अग्रसेन की जयंती’ भी है। कल से भाद्रपद माह का शुक्ल पक्ष प्रारम्भ हो रहा है। 

यह तो हो गई धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों की बातें, अब आपको बताते हैं कि और क्या ख़ास है इस दिन में। यह दिन ‘वर्ल्ड्स फ़ार्मासिस्ट्स डे’ के नाम से प्रतिवर्ष अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार मनाया जाता है। हम उन सब लोगों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत से औषधि की दुनिया में संसार की भलाई हेतु कार्य किया। 

आपका दिन मंगलमय हो!


Read More »

श्राद्ध अमावस्या - अपने पितरों की आत्माओं को शांति दिलाने का अति महत्वपूर्ण दिन

मानसिक दुविधाएँ, परेशानियाँ, कामों में रुकावटें, कोर्ट-कचहरी के चक्कर, ये सब कर्मों के फल हैं। चाहे ये कर्म हमारे हों या हमारे पूर्वजों के, हर एक गलती आने वाली पीढ़ियों पर बोझ बन जाती है। एक आसान संस्कार के द्वारा उस गलती से मुक्त हुआ जा सकता है। साल में श्राद्ध पक्ष के ये 15 दिन पितरों की आत्मा शांति के लिए ही समर्पित हैं जिसमे श्राद्ध अमावस्या का दिन सबसे महत्वपूर्ण है। इस मौके को हाथ से ना जाने दें। 

श्राद्ध अमावस्या, श्राद्ध पक्ष का अंतिम तथा सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

श्राद्ध अमावस्या भाद्रपद महीने के पन्द्रहवें दिन, यानि अमावस्या के दिन मनाई जाती है। श्राद्ध की 15 दिनों की अवधि में यह श्राद्ध का अंतिम तथा सबसे शुभ दिन माना जाता है। इसको सर्व पितृ अमावस्या और सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के नामों से भी जाना जाता है। इसके बारे में अधिक विस्तार से बात करने से पहले आइये इससे जुड़े कुछ तथ्यों पर नज़र डाल लेते हैं। 


FREE matrimony & marriage website

श्राद्ध अमावस्या के दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु नीचे दी गयी स्थितियों पर हुई हो:
  • अमावस्या तिथि, चतुर्दशी तिथि, और पूर्णिमा तिथि 
  • जिनकी मरण तिथि मालूम ना हो या याद ना रहे 
  • जिनके श्राद्ध संस्कार किसी कारणवश उनके मरण तिथि पर ना किया जा सके हो 

श्राद्ध संस्कार क्यों आवश्यक हैं?


श्राद्ध अमावस्या के संस्कारों को श्रृद्धापूर्वक करने से पितरों का आशीर्वाद तथा उनकी कृपा प्राप्त होती है। उनकी कृपा से हम सारे सांसारिक सुखों का आनंद ले सकते हैं। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती तथा जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन हम अपने पितरों के लिए जो भी दान करते हैं वो सीधा हमारे पितरों को प्राप्त होता है। 

जानें कि श्राद्ध अमावस्या संस्कार कैसे करें


आज श्राद्ध अमावस्या है, श्राद्ध का अंतिम तथा सबसे महत्वपूर्ण दिन। आइये इस दिन में किये जाने वाले संस्कारों के बारे में विस्तार से पढ़ें:
  1. जो भी अपने पितरों के लिए श्राद्ध करता है उसे अपने सीधे हाथ के कंधे में एक पवित्र धागा बांधना होता है। उसके बाद वो चन्दन, फूल और ज्वार पंडित को दान करता है। 
  2. पितरों की पूजा करने के लिए अगरबत्ती तथा दियों से उनकी आरती की जाती है।
  3. पंडित सुपारी, तिल तथा दुर्वा (घास) का दान पितरों के लिए देता है। इसके साथ ही श्राद्ध के संस्कार पूरे हो जाते हैं। 
  4. श्राद्धकर्ता अपने पितरों से अपने द्वारा किये गए पापों के लिए माफ़ी माँगता है तथा उसके परिवार पर अपनी कृपा बनाये रखने के लिए भी विनती करता है। 
  5. एक पानी से भरा लोटा लें जिसमे तिल तथा फूल मिला दें। इस लोटे को श्राद्ध संस्कार कर रहे पंडित के आगे रख दें। 
  6. श्राद्ध के संस्कारों को आगे बढ़ाने के लिए मन्त्रों का उच्चारण करें। 
  7. इसके बाद मृत पितरों की आत्मा की शांति के लिए उन्हें अर्घ्य अर्पण करें। 
श्राद्ध के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमारा श्राद्ध पर लिखा गया विशेष लेख अवश्य पढ़ें: श्राद्ध करेगा पितर ऋणों से मुक्त आपको

आशा है यह छोटा सा लेख आपके काम आएगा और जीवन को पहले से भी ज़्यादा सुखमय बनाने में मदद करेगा।


आज का पर्व!


आज की स्टॉक मार्किट प्रेडिक्शन्स जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें: सेंसेक्स निफ़्टी प्रेडिक्शन्स 

आपका दिन मंगलमय हो! 
Read More »

साप्ताहिक राशिफल (सितम्बर 22 - सितम्बर 28) - क्या आने वाला सप्ताह होगा शुभता से भरा?

आने वाला समय कैसे परिणाम लाने वाला है, आपके लिए ? कैसे आप समय को नियोजित करके, अधिक से अधिक लाभ उठा सकेंगे? यह सब आपको पता चलेगा ज्योतिष 'हनुमान मिश्रा' द्वारा लिखा गया साप्ताहिक राशिफल पढ़कर। तो पढ़ें और लाभ उठाएँ।




FREE matrimony & marriage website

मेष

सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में संतान को लेकर कुछ चिंताएँ रह सकती हैं। विद्यार्थी अपनी शिक्षा को लेकर चिंतन-मंथन पर ज़ोर देंगे, वहीं युवा जनों का मन अपने प्रेम प्रसंग को लेकर कोई योजना बनाएगा। सप्ताह मध्य आपको अपने काम में मन लगाने का संदेश दे रहा है। इस समय आपकी मेहनत रंग लाएगी। सप्ताहांत में जीवन साथी या प्रेम पात्र के साथ आनंददायी समय बीतेगा, लेकिन कुछ विवादास्पद घटनाक्रम भी सामने आ सकते हैं।

वृषभ

सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अनुकूलता ला रहा है। सप्ताह की शुरुआत में आप अपने घरेलू जीवन का आनंद लेना चाहेंगे। हालांकि कुछ घरेलू मुद्दों को लेकर आप चिंतन भी कर सकते हैं। वहीं सप्ताह के मध्य में भी आपका मन प्रसन्न रहेगा और आप बुद्धिमत्तापूर्ण कुछ निर्णय ले सकते हैं। जबकि सप्ताहांत आपके लिए काफी अनुकूल रहेगा। कोशिश करें कि आप इस समय अपने रुके हुए कामों को पूरा कर डालें। इस समय आने वाली अड़चनों पर आप सहजता से विजय पा सकेंगे।

मिथुन

इस सप्ताह के आरंभिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। इस समय आप मनोरंजन के मूड में रहेंगे। लेकिन मनोरंजन के लिए देर रात तक जागना ठीक नहीं होगा, आपकी फिटनेस प्रभावित हो सकती है। सप्ताह के मध्य में घर गृहस्थी को लेकर चिंतन करें। घर की साज-सज्जा या सफ़ाई करने का प्रयास करें। जबकि सप्ताह के अंतिम दिनों को आप उन लोगों को समर्पित करें जिन्हें आप दिल से चाहते हैं। दिमागी कसरत करने के लिए भी सप्ताहांत अनुकूल रहेगा।

कर्क

यह सप्ताह आपके लिए मिला जुला रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में आर्थिक मामलों पर ध्यान देने की ज़रूरत रहेगी, हालांकि आप अपने प्रियजन के लिए कुछ ख़र्चे कर सकते हैं। इस समय आप जो भी बोलें सोच समझ कर बोलें। सप्ताह के मध्य में आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे। आपका उत्साह और ऊर्जा सफलता में सहायक होंगे। सप्ताहांत में घर से दूर जाना हो सकता है। इस समय लाभदायक यात्राएँ भी हो सकती हैं। इस समय मन में तनाव को घर न करने दें।

सिंह

यह सप्ताह आपके लिए सामान्यत: अच्छा रहेगा। कर्म स्थान के स्वामी शुक्र के लग्न पर स्थित होने के कारण आप अपने कामों पर पूरा ध्यान देंगे, लेकिन यदि किसी सहकर्मी से प्रेम है तो ऑफिस में पूरा ध्यान नहीं लगा पाएंगे। सप्ताह के मध्य में ख़र्चे होने के योग बन रहे हैं। इस समय किसी की चुगली करने से बचें। सप्ताह के अंतिम दिनों में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। इसके बावजूद भी अगर मन उदास हो तो आप कोई मूवी देख सकते हैं।

कन्या

सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपको कुछ असंतुष्ट रख सकता है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में खर्चों पर अंकुश लगाने की कोशिश करें। अगर इस समय नींद में कुछ व्यवधान हो तो सिरहाने पानी रख कर सोएँ। सप्ताह के मध्य में आपको कुछ शुभ समाचार सुनने को मिलेंगे, लेकिन फिर भी मन में एक अनजाना भय व्याप्त रहेगा। सप्ताहांत में आपको वाणी पर संयम रखते हुए पारिवारिक मसलों का हल खोजने की कोशिश करनी होगी।

तुला

सप्ताह के शुरुआत में लाभ की अच्छी सम्भावनाएँ दिख रही हैं। यह समय प्रेम प्रसंगों के लिए भी अनुकूल रहेगा। संतान या शिक्षा को लेकर किए गए प्रयास सफल होंगे। जबकि सप्ताह के मध्य में कुछ बेवजह के ख़र्चे सामने आ सकते हैं। इस समय यात्राओं से बचना बेहतर रहेगा। सप्ताहांत में परिस्थितियाँ बेहतर होंगी, फ़िर भी संयम से काम लेना ज़रुरी रहेगा। इस समय भावुकता में बहकर कोई निर्णय न लें।

वृश्चिक

सप्ताह की शुरुआत अनुकूलता युक्त है। इस समय आपके काम न केवल सफल होंगे बल्कि आपकी कार्यशैली लोगों की प्रशंसा भी प्राप्त कर सकेगी। वरिष्ठों का सहयोग मिलने के भी योग बन रहे हैं। सप्ताह के मध्य में लाभ की सम्भावनाएँ तो हैं, लेकिन आपको कुछ संदेहास्पद स्थितियों से भी रू-ब-रू होना पड़ सकता है। जबकि सप्ताहांत में आपको हर मामले में सावधानी रखनी होगी। इस समय आर्थिक मामलों के लिए सतर्कता ज़रूरी होगी।

धनु

सामान्यत: यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहेगा। आप किसी धार्मिक या सामाजिक आयोजन में भाग ले सकते हैं। सप्ताह के मध्य में भी आपको सामाजिक सम्मान मिलेगा। आपके वरिष्ठ आपके मददगार बनेंगे। आपके काम सफ़ल होंगे। लेकिन कार्यालय में कुछ ऐसा न करें जिससे आपको संदेह के घेरे में रख दिया जाए। वहीं सप्ताह के अंत में आपके कर्मों का फल आपको मिलेगा। आप लाभान्वित होंगे। इस समय की जाने वाली यात्रा लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

मकर

सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा आपके अष्टम भाव में है, जो कि चंद्र गोचर की अच्छी स्थिति नहीं मानी गई है। अत: किसी कारण से मन असंतुष्ट रह सकता है। इस समय वाहन में ख़राबी संभव है। जबकि सप्ताह के मध्य में चीज़ें बेहतर होंगी। इस समय कोई यात्रा भी संभव है। हालांकि इस समय माता पिता के स्वास्थ्य का ख़याल रखना ज़रूरी होगा। लेकिन सप्ताहांत आपकी परेशानियों को दूर करने वाला रहेगा। आपके काम बनेंगे और वरिष्ठों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

कुम्भ

यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। सप्ताह की शुरुआत आपके निजी जीवन के लिए काफी अच्छी रह सकती है। शादीशुदा लोगों के बीच का मनमुटाव दूर होगा। यदि किसी महिला के साथ साझेदारी का काम है तो लाभ मिलेगा। लेकिन सप्ताह के मध्य में आपको बड़ी सावधानी से काम लेना होगा। वाहन सावधानी से चलाएँ। किसी नए काम को हाथ में न लें। हालांकि सप्ताहांत आपकी परेशानियों को दूर करने वाला रहेगा। फिर भी संयमित दिनचर्या ज़रूरी होगी।

मीन

सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। विरोधियों को परास्त करने की आपकी कला कामयाब रहेगी। आपकी योजनाएँ सफल रहेंगी। रुके हुए कामों के दोबारा शुरू होने की भी संभावनाएँ हैं। सप्ताह के मध्य में आपको अपने निजी जीवन पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। अत:, घरेलू मामलों में सावधानी से काम लें। सप्ताहांत में प्रत्येक कार्य को बड़ी सावधानी से करना ठीक रहेगा।



आने वाले पर्व!


कल दुभारण श्राद्ध है, जिसे हम श्राद्ध का चौदहवाँ दिन भी कहते हैं। यह श्राद्ध उन लोगों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु दुर्घटना में हुई हो।

Read More »

साप्ताहिक प्रेम सम्बन्ध राशिफल (सितम्बर 22 - सितम्बर 28) - प्रेम की दुनिया में आपका स्वागत है!

आप सभी को लगता होगा कि पृथ्वी का आकार गोलाकार हैं! अब हम आपको एक ऐसी पृथ्वी पर लेकर जाने वाले हैं, जिसका आकार एक ह्रदय के जैसा है और जहाँ सिर्फ प्यार ही एकमात्र भावना है। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए पं. हनुमान मिश्रा द्वारा दिए गए साप्ताहिक प्रेम सम्बन्ध राशिफल को पढ़िये। 

साप्ताहिक प्रेम राशिफल के द्वारा जानिये यह सप्ताह आपके लिए क्या लेकर आया है।


FREE matrimony & marriage website

मेष

सामान्य तौर पर यह सप्ताह दिली मामलों में अनुकूल रहेगा। सप्तमेश शुक्र पंचम में है, जो कि प्रेम प्रसंग के लिए एक शुभ संकेत है। सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा कुण्डली के पंचम भाव में है। यह एक अच्छी बात है। पंचमेश सूर्य छ्ठे भाव में है। इस भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा कहा गया है, अत: सामान्य तौर पर आपको अनुकूल फल मिलेंगे। इस समय प्रेम में और भी प्रगाढ़ता आएगी।

भाग्यस्टार: 4.5/5

वृषभ

सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा आपके चौथे भाव में है, अत: आप प्रेम को लेकर उत्साहित रहेंगे। हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि किसी चिंता के चलते आप प्रेम संबंधों के प्रति पूरी तरह से समर्पित न रह पाएँ। फिर अनुकूलता का प्रतिशत अधिक रहेगा। सप्ताह के मध्य में आप अपने लव पार्टनर को खुश रखने के प्रयास में कामयाब रहेंगे। वहीं सप्ताहांत में किसी बात से मन निराश रह सकता है।

भाग्यस्टार: 4/5

मिथुन

सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अनुकूल रहने वाला है। सप्ताह के शुरुआती दिनों में आप मनोरंजन करने या घूमने जा सकते हैं। शुक्र चंद्र की युति को देखते हुए इस समय साथ में कोई भावना प्रधान फ़िल्म देखना बेहतर रहेगा। सप्ताह के मध्य में यदि मन अप्रसन्न हो तो न मिलना ही बेहतर रहेगा। यदि मिलें तो शालीनता के साथ मिलें। सप्ताहांत बेहतर रहेगा।

भाग्यस्टार: 3.5/5

कर्क

यह सप्ताह प्रेम प्रसंग के लिए अधिक अनुकूल नहीं है, अत: इसे अपनी तरफ़ से बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश करें। सप्ताह की शुरुआत में आपको आपस में किसी भी तरह का अप्रिय सम्भाषण नहीं करना है। सप्ताह के मध्य में यदि सम्भव हो तो कोई फिल्म देख आएँ । यदि कहीं घूमने फिरने का समय मिलता है तो यह भी ठीक रहेगा। जबकि सप्ताहांत में घरेलू मामलों को प्यार के बीच न लाएँ।

भाग्यस्टार: 3/5

सिंह

सप्ताह की शुरुआत में आप रोमांटिक मूड में रहेंगे। प्रथम भाव में स्थित शुक्र तो आपको प्रेमानुभूति करवाएगा ही, ऊपर से चन्द्रमा के साथ युति होने से सप्ताह के शुरुआत बहुत बढ़िया रहने वाली है। हालांकि सप्ताह का मध्य भाग भी ठीक ठाक रहेगा लेकिन आर्थिक मामलों को लेकर या फिर किसी अन्य कारण से थोड़ी सी नोंक-झोंक हो सकती है। जबकि सप्ताहांत में कहीं घूमने फिरने जाना ठीक रहेगा।

भाग्यस्टार: 3.5/5

कन्या

शायद यह सप्ताह आपको प्रेम प्रसंग के मामले में अधिक संतुष्ट न कर पाए। सप्ताह के आरम्भ में दूर होने के कारण या फिर अधिक भाग दौड़ के कारण एक दूसरे को अधिक समय दे पाना संभव नहीं होगा। हालांकि सप्ताह का मध्य बेहतर रहेगा लेकिन स्वास्थ्य की कमज़ोरी या चिड़चिड़ेपन के कारण सही गर्मजोशी नहीं रहेगी। वहीं सप्ताह के अंत में कुछ पारिवारिक मामलों के चलते प्रेम में बाधा आ सकती है।

भाग्यस्टार: 2.5/5

तुला

सामान्य तौर पर यह सप्ताह प्रेम प्रसंगों के लिए अनुकूल रहेगा। पंचम भाव पर शुक्र की दृष्टि इस बात का संकेत कर रही है कि आपके निजी जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक रहने वाला है। सप्ताह की शुरुआत में तो चन्द्रमा भी शुक्र के साथ एकादश भाव में रहेगा, जो कि आपके प्रेम प्रसंग को सुगंधित करने का काम करेगा। सप्ताह के मध्य भाग को छोड़ कर लगभग पूरा सप्ताह ही अनुकूल रहने वाला है।

भाग्यस्टार: 3/5

वृश्चिक

यह सप्ताह इस बात का संकेत कर रहा है कि प्रेम संबंध को लेकर आप जैसी कोशिश करेंगे, परिणाम भी वैसे ही मिलेंगे। यदि आपको किसी सहकर्मी से प्रेम है तो सप्ताह बहुत अच्छा रहने वाला है। विशेषकर सप्ताह का मध्य भाग काफी अनुकूल रहने वाला है। यदि आप किसी को प्रपोज़ करने के मूड में हैं तो समय अनुकूल है। सप्ताह के अंतिम दिनों में होने वाले थोड़े से असंतोष को छोड़ दिया जाए तो लगभग पूरा सप्ताह अनुकूल रहेगा।

भाग्यस्टार: 3.5/5

धनु

पंचमेश के द्वादश भाव में चले जाने के कारण आपके निजी जीवन में कुछ उथल-पुथल का होना स्वाभाविक है, लेकिन यह सप्ताह आपकी परेशानियों को काफी हद तक कम करेगा। बेहतर होगा सप्ताह के शुरुआती दिनों में साथ में कहीं घूमने जाएँ। सप्ताह के मध्य में कार्य संबंधी समस्याओं को मुहब्बत के बीच न लाएँ। जबकि सप्ताहांत खोई हुई खुशी को वापस लाएगा।

भाग्यस्टार: 3/5

मकर

सप्ताह की शुरुआत प्रेम संबंध के लिए अच्छी नहीं कही जाएगी। इस समय रिश्तों को बड़ी सावधानी से निभाएँ। आपस में संदेह करने से भी बचें। सप्ताह के मध्य में कुछ बेहतरी का अनुभव होगा। लेकिन किसी गलफ़हमी के शिकार होने से बचें। सप्ताहांत में काम की अधिकता के कारण संबंधों को अधिक समय नहीं दे पाएँगे। लेकिन सहकर्मी से प्रेम होने की स्थिति में सब ठीक रहेगा।

भाग्यस्टार: 2.5/5

कुम्भ

सप्तम में शुक्र की उपस्थिति को देखते हुए यही कहना उचित रहेगा कि यह सप्ताह आपके निजी जीवन के लिए अच्छा रहने वाला है। समय उनके लिए और अच्छा रहेगा जो विवाहित हैं। हालांकि सप्ताह के मध्य में कुछ विसंगतियाँ रह सकती हैं लेकिन सप्ताह की शुरुआत बहुत ही बेहतर रहने वाली है। सप्ताह के अंतिम दिनों में संभव हो तो साथ में किसी धार्मिक स्थान पर जाएँ, इससे मन में पवित्रता के भाव जागेंगे।

भाग्यस्टार: 3.5/5

मीन

सप्ताह प्रेम प्रसंग के लिए मिला जुला रहेगा। शुरुआती दिनों में अहंकार से दूर रहने की स्थिति में प्रेम में अनुकूलता रहेगी। वहीं सप्ताह के मध्य में आपस में शंका न करने पर प्रेम संबंध मधुर रहेंगे। जबकि सप्ताह के अंतिम दिनों में संयम से काम लेने व जज़्बाती न होनें की स्थिति में सबकुछ ठीक रहेगा। कुल मिलाकर सप्ताह इस बात का इशारा कर रहा है कि भले ही प्यार में दिल से काम लिया जाता है लेकिन इस हफ्ते दिल के साथ-साथ दिमाग का भी सहारा लेना ठीक रहेगा।

भाग्यस्टार: 2.5/5



आज का पर्व!


आज श्राद्ध का तेरहवाँ दिन है। आज के दिन माघ श्राद्ध किया जाता है, यह उन लोगों के लिए है जिनका निधन त्रयोदशी तिथि को हुआ था।

आज प्रदोष व्रत है। आज के दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्ध जीवन की प्राप्ति होती है।

आज बुध ग्रह तुला राशि में गोचर कर रहा है। इसके प्रभावों को विस्तार से जानने के लिए हमारा यह लेख पढ़ें: बुध का तुला राशि में गोचर

आज इंटरनेशनल डे ऑफ़ पीस है। अपने जीवन को शांतिपूर्वक व्यतीत करने के लिए इस दिन को मनायें।

आपका दिन मंगलमय हो!

Read More »

एस्ट्रोलॉजी क्विज़ 19 - अपने ज्योतिषीय ज्ञान का परिणाम जानिये !

एस्ट्रोलॉजी क्विज़ 19 का सही जवाब देकर आप बन सकते हैं ज्योतिष के शहंशाह I नए एस्ट्रोलॉजी क्विज 19 में भाग लीजिये और अपनी ज्योतिषीय क्षमताओं को परखिये और हाँ, एस्ट्रोलॉजी क्विज 18 का जवाब देखना भी ना भूलें I

एस्ट्रोलॉजी एस्ट्रोसेज क्विज़ एक अच्छा तरीका है एस्ट्रोलॉजी सीखने काI
एस्ट्रोसेज ज्योतिष प्रश्नोत्तरी अपने अगले चरण की ओर अग्रसर है। आज एस्ट्रोसेज ज्योतिष प्रश्नोत्तरी संख्या 19 आपके समक्ष है। 


एस्ट्रोसेज ज्योतिष प्रश्नोत्तरी संख्या 19 का प्रश्न है: प्रश्न: अगस्त 2013 में एक बीमारी के चलते जातिका दुनिया छोड़ गई। कृपया कारण सहित बताएं कि मृत्यु किस बीमारी के कारण हुई?

FREE matrimony & marriage website


उत्तर विकल्प:

(A) यकृत की खराबी
(B) स्तन कैंसर
(C) मस्तिष्क ज्वर
(D) एड्स

सम्पूर्ण जानकारी आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं: एस्ट्रोसेज क्विज़ 19 का प्रश्न

कृपया भाग लेने से पहले, 'हमारे नियम और शर्तों ' को अच्छी तरह से (प्रश्न के अंत में उल्लेख किया है) पढ़ लें। कारण सहित दिए गए सही उत्तर वाले व्यक्ति को विजेता के रूप में विचार किया जाएगा और उन में से किसी एक को एस्ट्रोसेज के द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।

सभी विजेताओं के नाम AstroSage Hall Of Fame में पंजीकृत किये जाते हैं !

आइए अब हमारे पिछले प्रश्न के बारे में बात कर ली जाय। 

एस्ट्रोसेज ज्योतिष प्रश्नोत्तरी संख्या 18 का प्रश्न है: जातक का कार्यक्षेत्र क्या होना चाहिए? कारण सहित बताएं !

उत्तर विकल्प:

(A) धर्म उपदेशक
(B) बैंक मैनेजर
(C) शिक्षक
(D) धारावाहिक निर्देशक

सही उत्तर: (D) धारावाहिक निर्देशक

हालांकि हमें बहुत सारे सही उत्तर मिले, परन्तु हमें एक विजेता का नाम बताना होता है, जिन्होंने सटीक उत्तर दिया हो। इस बार के विजेता का नाम है "ओमप्रकाश मांदे"। बाकी सभी सही उत्तर देने वाले प्रतियोगियों के बारे में और सही उत्तर जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर जाएँ: एस्ट्रोसेज ज्योतिष क्विज़ 18 का परिणाम

एस्ट्रोसेज अपने विजेताओं के नाम को विशेष रूप से दर्शाता है। इसके अलावा यदि आपकी प्रोफाइल हमारे "एस्ट्रोसेज ऑनलाइन एस्ट्रोलोजर डायरेक्टरी" में है तो उसे भी हम आपके नाम के साथ जोड़ देते हैं। "एस्ट्रोसेज ऑनलाइन एस्ट्रोलोजर डायरेक्टरी" अपने तरह की पहली डायरेक्टरी है जिससे किसी भी एस्ट्रोलोजर के बारे में कहीं से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यदि आप अपने को यहाँ रजिस्टर करते हैं तो लोंगो को आप से संपर्क करना बहुत आसान हो जायेगा।
Read More »