इंदिरा एकादशी व्रत 2014 - अपने पितरों की आत्मा को मुक्ति दिलाइए!

आज यानि सितम्बर 19, 2014 को इंदिरा एकादशी का पवित्र दिन है। क्या आप अपने पितरों की आत्मा को मुक्ति दिलाना चाहते हैं या खुद पाप मुक्त होना चाहते हैं? तो आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी व्रत के बारे में जो आपको यह सब प्राप्त करने में मदद करेगा। अधिक जानने के लिए इंदिरा एकादशी पर आधारित यह विशेष लेख पढ़िए। 

इंदिरा एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है।


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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इंदिरा एकादशी अश्विन माह में कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है। सभी एकादशियों की तरह इंदिरा एकादशी भी भगवान विष्णु को समर्पित है। इंदिरा एकादशी, पितृ पक्ष की अवधि में आती है इसीलिए इंदिरा एकादशी को एकादशी श्राद्ध भी कहते हैं। इस दिन लोग श्राद्ध का अनुष्ठान करते हैं। 

इंदिरा एकादशी पितरों की आत्मा को मुक्ति दिलाती है और उन्हें नरक में जाने से भी बचाती है। तो इंदिरा एकादशी का व्रत रखिए, अपने पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति दिलाइए और अपने पाप कर्मों को नष्ट कीजिए। 

आइये अब एक नज़र डालें इंदिरा एकादशी व्रत 2014 के पूजा मुहूर्त पर:

इंदिरा एकादशी 2014 - पूजा मुहूर्त 


प्रातः कालीन पूजा : प्रातः 5:00 बजे से 6:00 बजे तक 
सायंकालीन पूजा : रात्रि 9:30 से 11:00 बजे तक 
श्राद्ध कर्म : मध्यान्ह काल में (राहु काल को छोड़कर) अपनी जगह का राहु काल का समय छोड़कर 

इंदिरा एकादशी 2014 - व्रत कथा 


पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन्द्रसेन नामक एक राजा था जो महिष्मति में राज करता था। उसके पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी। एक खुशहाल परिवार, बहुत आदर और सम्मान देने वाली प्रजा, उसके पास सब कुछ था। एक बार राजा इन्द्रसेन अपनी प्रजा के साथ बैठे थे, तभी वहाँ नारद मुनि आए। इन्द्रसेन ने उनका स्वागत किया और उनसे आने का कारण पूछा। 

नारद मुनि ने बताया कि वह एक दिन यमलोक गए थे और इन्द्रसेन के पिताजी को वहाँ देखकर उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ। इन्द्रसेन के पिताजी बहुत उदार थे लेकिन इंदिरा एकादशी व्रत ना रखने के कारण उन्हें नरक में जाना पड़ा। नारद मुनि ने उन्हें बताया कि यह संदेश उनके पिताजी ने अपने पुत्र (राजा इन्द्रसेन) द्वारा इंदिरा एकादशी व्रत रखने के लिए भिजवाया है। नारद मुनि ने उन्हें व्रत के सारी रस्में समझाई। इन्द्रसेन ने वह व्रत बहुत ही श्रद्धापूर्वक रखा और श्राद्ध के सारे संस्कार भी पूरे किए। जिसके फलस्वरूप इन्द्रसेन के पिताजी की आत्मा को मुक्ति मिली और उन्हें स्वर्ग में स्थान मिला। 

इंदिरा एकादशी 2014 - पूजा विधान 


अगर आप इंदिरा एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन भगवान विष्णु को खुश करने के लिए व्रत की सारी रस्मों का श्रद्धापूर्वक पालन करें। आइए देखते हैं इंदिरा एकादशी व्रत की रस्में जो आपको अधिक से अधिक लाभ पहुचाएँगी - 

  • सुबह जल्दी उठकर सिर धोकर नहाएँ और इंदिरा एकादशी व्रत रखने का संकल्प करें
  • श्राद्ध की सारी विधियाँ श्रद्धापूर्वक पूरी करें 
  • पूरे दिन का व्रत रखें 
  • विधि अनुसार, इंदिरा एकादशी से एक दिन पहले व्रत का प्रारंभ करें 
  • पूरी रात भगवान विष्णु के मंत्र और श्लोकों का जप करें 
  • द्वादशी के दिन किसी ब्राह्मण को खाना खिलाएँ और बाद में अपना व्रत खोलें
आशा करते हैं आप भी इंदिरा एकादशी का व्रत रखकर अपने सारे पापों को मिटा सकेंगे और अपने पितरों की आत्मा को भी मुक्ति दिला सकेंगे।

आज का पर्व


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आज श्राद्ध का ग्यारवाह दिन है। इस दिन को एकादशी श्राद्ध के नाम से जाना जाता है।

आज इंटरनेशनल टॉक लाइक अ पाइरेट डे है। हर साल सितम्बर 19 का दिन इस तरह मनाया जाता है कि इस दिन सबको पाइरेट्स की तरह बात करनी चाहिए। इस दिन का निर्माण साल 1995 में जॉन बॉर और मार्क समर्स द्वारा किया गया था।

आपका दिन मंगलमय हो!

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