नवरात्रि पंचमी - दुर्गा पूजा का पहला दिन - मुहूर्त एवं पूजा विधि

आज, 29 सितम्बर 2014, को नवरात्रि का पांचवां दिन है, जो देवी स्कंदमाता को समर्पित है। दुर्गा पूजा की षष्ठी भी आज ही शाम को है। बंगाल में बहुत धूम-धाम से माँ दुर्गा का आगमन होगा। आइए जानें इस दिन की महत्वपूर्ण बातें। 


माँ स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। सीधे हाथ की पहली भुजा में उनके पुत्र कार्तिके विराजमान हैं। बाएँ हाथ की पहली भुजा वरदान देने की अवस्था में है। दोनों हाथों की दूसरी भुजा में कमल का फूल धारण करे हुए हैं। 

इसके अतिरिक्त, दिन की शुभता बढ़ाती है उपंग ललिता की पूजा। इस कारण से यह दिन ललिता पंचमी के नाम से भी प्रचलित है। देवी ललिता षोडशी एवं त्रिपुरा सुंदरी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। यह 10 महाविद्याओं में से एक हैं। 

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आज का पंचांग 

(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज 29 सितम्बर 2014 है और सोमवार का दिन है।
  2. सूर्योदय 06:12 am पर है और सूर्यास्त 06:10 am पर। 
  3. अश्विन माह का शुक्ल पक्ष चल रहा है। 
  4. राहुकाल 07:42 am से 09:12 am तक है। 
  5. पूजा मुहूर्त कुछ इस प्रकार है:
    06:11 am से 07:41 am
    09:12 am से 10:42 am

देवी स्कंदमाता 


माता स्कंदमाता हिमालय की देवी हैं और भगवान शिव की पत्नी हैं। इन्हे हम कई और नामों से जानते हैं जैसे: माँ पार्वती, माँ गौरी, और माहेश्वरी। इनको स्कंदमाता का नाम पुत्र कार्तिकेय के कारण मिला जिनका नाम स्कन्द भी है । कहा जाता है कि इन्हे अपने पुत्र से इतना स्नेह है कि स्कंदमाता नाम इन्हे बहुत ही पसंद आता है। माँ स्कंदमाता वात्सल्य की मूरत हैं। इनकी पूजा-अर्चना से सभी पापों से मुक्ती मिल जाती है। 

स्कंदमाता पूजा मन्त्र 


सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। 
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

दुर्गा पूजा का पहला दिन 


आज दुर्गा पूजा का पहला दिन भी है। जिसे महालया भी कहा जाता है। यह त्यौहार बंगाल का त्यौहार है। माना जाता है कि इस दिन देवी दुर्गा धरती पर आती हैं अपने भक्तों का उद्धार करने हेतु। माँ दुर्गा का स्वागत बहुत ही खूबसूरत पंडाल सजाकर धूम-धाम से किया जाता है; नाच-गाना होता है और बहुत ही स्वादिष्ट और कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। 

माँ दुर्गा स्तुति 


रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र |
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम् ||

आशा है आप इस महत्वपूर्ण दिन का सही उपयोग कर पाएंगे। हमें अतयंत प्रसन्नता होगी यदि आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट, शेयर, या लाइक करके दिखाएंगे। 

माँ दुर्गा आप सभी पर अपनी कृपा बरसाएं!

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उपंग ललिता पंचमी भी कल मनाया जाएगा। भविष्य में आनंदमयी जीवन के लिए देवी ललिता का पूजन कीजिये। 

आपका दिन मंगलमय हो!

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