नवरात्रि का दूसरा दिन सितम्बर 26, 2014, देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। माँ ब्रह्मचारिणी साहस, शांति और सफलता का प्रतीक हैं। उनके हाथ में कमल का फ़ूल सुशोभित है और उन्हें कठोर तप की देवी माना जाता है। आप उनकी आराधना से सभी अप्रत्याशित घटनाओं से उबरने का सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं।
देवी ब्रह्मचारिणी माँ पार्वती का दूसरा अवतार हैं । देवी ब्रह्मचारिणी हमारे अंदर एक ऐसी शक्ति का संचार करती हैं जिससे हम अप्रत्याशित दुःख, घटनाओं और यातनाओं पर काबू पा सकते हैं। देवी ब्रह्मचारिणी के आशीर्वाद और महिमा से भक्तों को शांति का अनुभव होता है और वे हमेशा सही पथ पर चलते हैं।
उनके नाम, ब्रह्मचारिणी, के अनुसार, वह ‘ब्रह्म’ को दर्शाती हैं, जिसका तात्पर्य है ‘कठोर तप’। उन्हें कठोर तप करने वाली देवी के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मचारिणी प्रेम, ज्ञान और स्वामिभक्ति की प्रतीक हैं। उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। उनके रूप की बात की जाये तो, वह सफ़ेद रंग की साड़ी पहनती हैं जिसमें नारंगी रंग की किनारी है। वो अपने आप को रुद्राक्ष से सजाती हैं। माँ ब्रह्मचारिणी के दो हाथ हैं, जिनमें से बाएँ हाथ में कमंडल है और दाएँ हाथ में जप माला है। माँ ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को जीवन के हर चरण में विजयी होने का वरदान देती हैं।
शरद नवरात्रि 2014: दूसरे दिन का पंचांग
(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
- आज सूर्योदय का समय है 06:11 am और सूर्यास्त होगा 06:13 pm पर।
- चंद्रोदय का समय है 07:49 am और चन्द्रास्त होगा 07:28 pm पर।
- द्वितीया तिथि 02:37 pm तक है , अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं चित्रा नक्षत्र (09:23 pm) है।
- राहुकाल शुरू हो रहा है 10:42 am पर और खत्म हो रहा है 12:11 pm पर।
- अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:48 am से 12:35 pm।
- अमृत काल शुरू होगा 02:31 am पर और खत्म होगा 04:14 pm पर।
- पूजा मुहूर्त: 06:11 am से 10:42 am
देवी ब्रह्मचारिणी का जप मंत्र
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।
अर्थात: जिनके हाथ में कमल पुष्प, रुद्राक्ष माला और कमंडल है, वो ब्रह्मचारिणी देवी मुझ पर कृपा करें।
नवरात्रि दूसरे दिन की पूजा
देवी ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दूसरे दिन से जुड़ी सारी रस्में पूरी करें। इस दिन नीचे दी गई रस्मों का पालन करें-
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें।
- देवी ब्रह्मचारिणी की मूर्ति को दूध, दही और शहद के मिश्रण से नहलाएँ।
- उनको पान और सुपारी अर्पित करें।
- अब देवी को लाल फ़ूलो की माला पहनाएँ।
- माता की आरती करें और उन्हें प्रसाद का भोग लगाएँ।
इस तरह आराधना करके आप देवी ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद पा सकते हैं ताकि वह आपको अपार शक्ति प्रदान करें और आप आने वाले दुःख और यातनाओं पर विजयी हो सकें।
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आपका दिन मंगलमय हो!
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