नवरात्रि चतुर्थी आज - मुहूर्त एवं पूजा-विधि

आज यानी सितम्बर 28, 2014 को नवरात्रि का चौथा दिन है। आज का दिन ब्रह्माण्ड की रचनाकार, देवी कूष्माण्डा को समर्पित है। आज का दिन आपको दे रहा है मौका अपनी परेशानियों को विदा करने का और एक नए और सुनहरे भविष्य की रचना करने का। 

माँ कूष्माण्डा को प्रसन्न करें और प्राप्त करें आशीर्वाद।

माँ कूष्माण्डा इस सृष्टि की रचयिता हैं और वे ही हैं जो सम्पूर्ण जगत को ऊर्जा प्रदान करती हैं। अपनी सौम्य मुस्कान और स्वर्ण रूपी चमक से कूष्माण्डा ने एक अंडे के रूप में इस ब्रह्माण्ड का निर्माण किया।


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माँ कूष्माण्डा 


जैसे हमने पहले भी कहा कि माँ कूष्माण्डा की चमक सोने के समान है और मुस्कान दिव्य है। आठ भुजाएँ होने के कारण कूष्माण्डा को अष्टभुजाओं वाली माँ भी कहा जाता है। माँ कूष्माण्डा की सवारी सिंह है और उनके हाथों में शस्त्र सजे हैं। न केवल देवी कूष्माण्डा इस जगत के प्रत्येक प्राणी को ऊर्जा प्रदान करती हैं बल्कि अपने भक्तों को कामयाब और समृद्ध जीवन जीने का आशीर्वाद भी प्रदान करती हैं। अगर आप किसी भी तरह की समस्या में हैं या फिर बुरे दौर से गुज़र रहे हैं तो इस पवित्र दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा करें और देखें कैसे माँ कूष्माण्डा आप के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं। 

शरद नवरात्रि 2014: चौथे दिन का पंचांग


(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)
  1. आज सूर्योदय का समय है 06:12 am और सूर्यास्त होगा 06:11 pm पर। 
  2. चतुर्थी तिथि 03:48 pm तक है, अश्विन माह, शुक्ल पक्ष, एवं विशाखा नक्षत्र (11:33 pm) है। 
  3. राहुकाल शुरू हो रहा है 16:41 am पर और खत्म हो रहा है 18:11 pm पर। 
  4. अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:47am से 12:34 pm। 
  5. अमृत काल शुरू होगा 02:26 pm पर और खत्म होगा 04:05 pm पर।
  6. पूजा मुहूर्त: 7:42 am से 12:11 pm

माँ कूष्मांडा का जप मंत्र 


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थात: मैं उस देवी के समक्ष शीष झुकाता/झुकाती हुँ जिसने समस्त ब्रह्माण्ड की रचना की है और जो हम सबके दिलों में बस्ती हैं। 

नवरात्रि चौथी दिन की पूजा


नवरात्रि के इस दिन का अत्यधिक लाभ उठाने के लिए आपको सभी पूजा विधियाँ सही रूप से करनी चाहिए। यदि आपको इस दिन की विधियाँ ज्ञात नहीं हैं तो नीचे दिए गए पूजा विधि आपके लिए मददगार साबित होंगी :
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ सुथरे कपड़े पहनें
  • पूजा के स्थान पर माँ कूष्माण्डा की प्रतिमा रखें और धुप-बत्ती, फल, फ़ूल इत्यादि से पूजा करें 
  • अब देवी कूष्माण्डा की आरती करें और मालपुए का भोग लगाएँ
तो यह था नवरात्री के चौथे दिन का संपूर्ण वर्णन। इस दिन की देवी से लेकर इस दिन की विधियों तक हमने सब पढ़ा। इस दिन को सच्चे मन से मनाने से आप अपने जीवन में स्वास्थ, यश और समृद्धि ला सकते हैं। अपने दिन की शुरुआत देवी कूष्माण्डा की पूजा के साथ कीजिये, खुशियों का आगमन अपने आप हो जाएगा। हो सके तो इस दिन व्रत भी रखें। 

दुर्गा चालीसा इ- बुक डाउनलोड करें और माँ दुर्गा की उपस्थिति का आह्वान करें ।


आज का पर्व!


आज ‘विनायका श्री गणेश चतुर्थी’ का पावन दिन है। आज के दिन सच्चे मन और श्रद्धा से ‘विघ्नहर्ता’ का स्वागत अपने घर में करने से आप अपनी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

आपका दिन मंगलमय हो !

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