ओणम आज: मुहूर्तम् एवं पंचांगम

आज 6 सितम्बर 2014 को ओणम का त्यौहार प्रारंभ होगा। केरल की परम्पराओं के अनुसार, ओणम दस दिनों का उल्लासमय उत्सव है। मनमोहक पूकलम, नौका-दौड़, और मुँह में पानी लाने वाला ओणमसाद्य ; यह 10 दिनों का महोत्सव पूरी दुनिया में मशहूर है। 

ओणम त्यौहार के शुभ अवसर पर नौका-दौड़ की प्रतियोगिता में भाग लेते लोग।

ओणम मुख्य रूप से केरल के लोगों द्वारा मनाया जाता है। हालाँकि ओणम एक क्षेत्रीय त्यौहार है, पर इसकी गरिमा पूरे भारत-वर्ष में फैली हुई है। चंद्र पंचांग के हिसाब से, ओणम चिंगम माह में मनाया जाती है। 

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ओणम 2014 - पंचांग


(नीचे दिया गया पंचांग नई दिल्ली के अनुसार है।)

  1. आज सूर्योदय का समय है 06:01 IST और सूर्यास्त होगा 18:38 IST पर। 
  2. द्वादशी तिथि है (18:06 IST), भाद्रपद माह, शुक्ल पक्ष है। 
  3. राहुकाल शुरू हो रहा है 06:04 IST पर और खत्म हो रहा है 07:38 IST पर। 
  4. अभिजीत मुहूर्त का समय है 11:53 IST से 12:43 IST। 
  5. अमृत काल शुरू होगा 06:15 IST पर और खत्म होगा 07:42 IST पर।


इस दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है। महिलाएँ और लड़कियाँ इस दिन ख़ूब नाच-गाना करती हैं, और पुरुष नौका-दौड़ और तैराकी में सम्मिलित होते हैं। ओणम मुख्यतः केरल में चावल की फसल का त्यौहार है। माना जाता है कि राजा महाबली हर साल अपना आशीर्वाद देने इस दिन पाताल लोक से आते हैं। 

ओणम की रस्में 


ओणम का त्यौहार 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें बहुत सी गतिविधियाँ शामिल हैं। महिलाएँ घरों को सजाने के लिए रंग बिरंगे फूलों से रंगोली बनाती हैं, और पुरुष तैराकी और नौका-दौड़ जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। केरल के लोग ओणम त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। ओणम त्यौहार के दस दिन इस प्रकार हैं:

  1. अथम - इस दिन बहुत ही शानदार फ़ूलों की रंगोली बनाई जाती है क्योंकि माना जाता है कि इस दिन राजा महाबली पाताल लोक से धरती पर ओणम के अवसर पर आते हैं। इस दिन हस्त नक्षत्र होता है। 
  2. चिथिरा - ओणम के दूसरे दिन सारी पुरानी चीज़ों को निकाल दिया जाता है और अपने घर को हर तरह सुंदर बनाया जाता है। आज चिथिरा नक्षत्र होता है।
  3. चोढ़ी - इस दिन का विशेष महत्व महिलाओं के लिए है क्योंकि इस दिन महिलाएँ अपने आप को सजाने के लिए नए कपड़े और गहनों की खरीददारी करती हैं। इस दिन स्वाति नक्षत्र होता है। 
  4. विसकम - इस दिन सभी गतिविधियाँ और प्रतियोगिताएँ शुरू होती हैं। नौका-दौड़ और पूकलम इस दिन की प्रमुख विशेषताएँ हैं। इस दिन विसकम नक्षत्र होता है। 
  5. अनिज़्हम - ओणम के पाँचवे दिन नौक-दौड़ का अभ्यास प्रारंभ हो जाता है। वल्लमकली नामक नौका-दौड़ बहुत ही प्रसिद्ध खेल है जो कि अब पर्यटन आकर्षण केंद्र बन चुका है। इस दिन अनिज़्हम नक्षत्र होता है। 
  6. थ्रिकेटा - ओणम के छठें दिन बहुत ही बड़ा उत्सव मनाया जाता है। जो लोग घर से दूर काम करते हैं, वे सब इस दिन को अपने परिवार के साथ मनाते हैं। ओणम के छठें दिन थ्रिकेटा नक्षत्र प्रबल होता है। 
  7. मूलम - यह वो दिन है जब केरल के मंदिरों में ओणसाद्य का आयोजन किया जाता है जो कि एक भव्य दावत मानी जाती है। इस दिन बहुत सी नृत्य कलाओं का आयोजन भी होता है जैसे कि पुलीकली और कैकोट्टी। मूलम नक्षत्र इस दिन होता है। 
  8. पुरदम - इस दिन ओणम का उत्सव अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है। भगवान वामन और राजा महाबली की मिट्टी की मूर्तियाँ बनाई जाती हैं और पूकलम की रचनाएँ अपनी जटिलता तक पहुँच जाती हैं। इस दिन पुरदम नक्षत्र प्रबल होता है। 
  9. उतरदम - इस दिन फूलों का एक विशाल गलीचा राजा महाबली के स्वागत के लिए तैयार किया जाता है। नौवें दिन की गतिविधियाँ अपने शीर्ष पर आ जाती हैं। इस दिन उत्तरदम नक्षत्र प्रबल होता है। 
  10. थिरुवोणम - यह दिन परम उत्सव का दिन है। सारी गतिविधियाँ जैसे कि लोक नृत्य, कथकली नृत्य, पूकलम प्रतियोगिता, नौका-दौड़, और ओणसाद्य मनाई जाती हैं। उसके बाद, केरल के लोग अपने प्रिय राजा महाबली को अलविदा करते हैं। 

वल्लमकली - प्रसिद्ध नौका-दौड़ 


नौका-दौड़ की गतिविधि केरल के लोगों के बीच ही नहीं, बल्कि पर्यटकों की भी पसंदीदा है। नौका-दौड़ में भाग लेने वाली नाव विशेष होती है। यह लगभग 100 फ़ीट लंबी है और 140-150 लोगों के बैठने की क्षमता रखती है। इसकी आकृति कोबरा जैसी है। इस नाव को बनाने में बहुत ही मेहनत लगती है, इसलिए मछुआरों के लिए इस नाव का भावनात्मक मूल्य है। यह एक ऐसी गतिविधि है जिससे कोई चूकना नही चाहेगा। 

ओणसद्या - एक भव्य भोज 


यह एक ऐसी दावत है जो कोई भी छोड़ना नहीं चाहेगा। यह एक नौं प्रकार का भोज है जो मुँह में अपना स्वाद छोड़ जाता है। केरल के लोग इस भोज को इतना पसंद करते हैं कि एक ओणसद्या भोज के लिए वह अपना सब कुछ बेच सकते हैं। परंपरा के अनुसार, ओणसद्या भोज केले के पत्ते पर परोसा जाता है। भोज में 60 तरह के व्यंजन और 20 तरह के मिष्ठान शामिल हैं जो पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। 

पूकलम - फ़ूलों का गलीचा 


पूकलम अनेक रंगों के फ़ूलों से तैयार किया हुआ गलीचा होता है। यह एक कलात्मक स्पर्श वाली कला है। हर घर के आँगन में सुंदर और रंगीन रंगोली बनाई जाती हैं जो कि बहुत ही आकर्षक होती हैं। लोग पूकलम के दिन रंगोली बनाना प्रारंभ करते हैं जो कि ओणम के अंतिम दिन तक चलती है। रंगोली की गोल आकृति केरल के लोगों की संस्कृति और सामाजिकता को दर्शाता है। 

आशा करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आप इस दिन की महत्वत्ता जान पाएंगे। 

ओणम की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

आज का पर्व!


आज श्रावण द्वादशी है। अपनी इच्छा पूरी करने के लिए इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है।

आज भुवनेश्वरी जयंती है। देवी भुवनेश्वरी की आराधना कर के अपने पूर्वजन्म के पापों को मिटाइए और आर्थिक समृद्धि प्राप्त कीजिए।

आज शनि प्रदोष व्रत है। अपने ऊपर से शनि देव की क्रूर दृष्टि हटाने के लिए यह व्रत रखें।

आपका दिन मंगलमय हो!

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