मार्च 2014 राशिफल

मार्च का महीना  आ गया है और लाया है कुछ नए सवाल। कैसा रहेगा मार्च का महीना? कैसे रहेंगे ये नए दिन? आईए जानते हैं आपके सभी सवालों के जवाब पं हनुमान मिश्रा के मार्च माह के राशिफल के साथ।

March mahine ka Rashifal 2014 ke liye AstroSage par ab uplabdh


मार्च 2014 के मासिक राशिफल के साथ आप जान पाएंगे कि मार्च का महीना आपके लिए कैसा रहेगा। इसे जानकर आप अनुकूल समय का लाभ उठा पाएंगे और जो समय आपके लिए प्रतिकूल है उस समय सावधानी से काम लेकर परेशानियों से बच पाएंगे।

यह राशिफल आपकी चन्द्र राशि पर आधारित है। अपनी चन्द्र राशि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें - चन्द्र रशि कैलकुलेटर

मेष मार्च २०१४ राशिफल

महीने का पहला भाग आपके लिए बहुत अनुकूल रहेगा। इस समय आपके लगभग सभी महत्त्वपूर्ण कामों के पूर्ण होने के योग बन रहे हैं। आपके चाहने वाले आपकी मदद के लिए तैयार रहेंगे। इस माह आप कुछ ऐसे अनुबंध कर सकते हैं जो आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे। प्रेम प्रसंगों के लिए भी समय काफ़ी अनुकूल रहेगा। आमदनी में इजाफ़ा होगा। यात्राओं के माध्यम से भी लाभ होगा। लेकिन महीने का दूसरा भाग खर्चों से भरा रह सकता है। इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का भी खयाल रखना जरूरी होगा।

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वृषभ मार्च २०१४ राशिफल

ये पूरा महीना ही आपके लिए अनुकूल रहेगा। महीने के प्रथम भाग में आप अपने कार्य व्यापार में बहुत अच्छा करेंगे। आपको वरिष्ठ जनों का सहयोग मिलेगा। इस समय आप कुछ व्यापारिक यात्राएं कर सकते हैं। आर्थिक मामलों के लिए भी समय बहुत अनुकूल रहेगा। वहीं महीने के दूसरे भाग में लाभ की स्थितियां सुदृढ़ बनी रहेंगी। कुछ फायदा दिलाने वाले प्रस्ताव मिलने की भी सम्भावना हैं। दाम्पत्य जीवन के लिए भी समय काफ़ी अनुकूल रहेगा। यात्राओं से भी आनंद और धन प्राप्त होगा।

मिथुन मार्च २०१४ राशिफल

इस महीने की शुरुआत आपके लिए मिली जुली रहेगी। कुछ दूर की यात्रांएं हो सकती हैं लेकिन उनके विशेष सफल रहने की उम्मीद कम है। हालांकि इस समय बड़े पदों में बैठे लोगों से आपका मिलना होगा और इससे आपको फायदा भी होगा, लेकिन इस समय माता पिता के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। आर्थिक मामलों के लिए समय अनुकूल है। वहीं महीने का दूसरा भाग आपके कार्य व्यापार के लिए बहुत अच्छा रहेगा। यात्राएं सफल होंगी। आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।

कर्क मार्च २०१४ राशिफल

महीने के पहले पक्ष वाले दिन आपके लिए ज्यादा अनुकूलता लिए हुए नहीं हैं। कुछ समस्याएं अचानक से आ सकती हैं। जहां तक हो सके अपने सम्बंधियों से अच्छे सम्बंध बना कर रखें। अपने स्वास्थ्य का खयाल रखें। अनैतिक कामों से खुद को दूर रखें। सन्देहास्पद सौदों से बचें। बहुत विचार-विमर्श करके ही कोई निर्णय लें। लेकिन महीने के दूसरे पक्ष में आपकी समस्याएं काफ़ी कम होंगी। कामों में सफलताएं मिलेंगी। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और आप किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं।

सिंह मार्च २०१४ राशिफल

इस पूरे महीने आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यदि इस समय आप कोई व्यपारिक निर्णय करने जा रहे हैं तो इस समय आपको थोडा संयम बरतने की आवश्तकता है। कुछ घरेलू परेशानियों के कारण भी आप व्यथित रह सकते हैं। यह समय मानसिक रूप से तनावग्रस्त और बीमार करने वाला है। अत: उचित आचरण करते हुए अपना खयाल रखें। महीने का दूसरा भाग भी अनुकूलता लिए हुए नहीं है। अत: इस समय भी संयम से काम लेने की आवश्यकता है।

कन्या मार्च २०१४ राशिफल


महीने की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। पुरानी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। विरोधियों को परास्त करने में आप सफ़ल रहेंगे। कामों में सफलता मिलेगी। नौकरी करने के हालातों में सुधार भी होगा। मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पदोन्नति की सम्भावनाएं बन रही हैं। यानी कि महीने का प्रथम भाग आपके लिए काफ़ी अनुकूलता लिए हुए है। जबकि महीने के दूसरे भाग में आपको सावधानी से काम लेने की जरूरत है। कार्य-व्यापार के साथ-साथ अपने पारिवारिक जीवन और स्वास्थ्य का खयाल रखें।

तुला मार्च २०१४ राशिफल

आपके लिए लगभग यह पूरा महीना ही शुभकर रहेगा। इस अवधि में आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत करेंगे। आप अचानक किसी यात्रा पर भी जा सकते हैं। लेकिन प्रेम संबंधों के लिये यह समय अनुकूल नहीं है। वहीं माह का दूसरा भाग आपकी सारी समस्याओं का समाधान करने वाला रहेगा और आप सफलता पायेंगे। समस्याओं से निजात मिलेगा। आपके मान सम्मान में इजाफ़ा होगा। नौकरी के हालातों में सुधार होगा अथवा पदोन्नति की सम्भावनाएं बनेंगी।

वृश्चिक मार्च २०१४ राशिफल

इस महीने आपको अधिक अनुकूल परिणाम नहीं मिल पाएंगे। महीने के पहले पक्ष में आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी जिससे आप स्वयं को थका हुआ अनुभव कर सकते हैं। कार्य क्षमता की कमी का अनुभव भी आप कर सकते हैं। किसी गलत कार्य को करने के लिए भी आप उद्यत होंगे। कुछ घरेलू समस्याएं भी आपको चिंतित कर सकती हैं। इस समय आपको वाहनादि चलाने में सावधानी की आवश्यकता है। महीने के दूसरे भाग में स्थितियां कुछ बेहतर होंगी फ़िर भी सावधानी की आवश्यकता बनी रहेगी।

धनु मार्च २०१४ राशिफल

महीने के पहले भाग में आपको अनुकूल परिणाम मिलेंगे। आपके काम बनेंगे। आप कुछ छोटी यात्राएं कर सकते हैं। ये यात्राएं आपके कार्यक्षेत्र में सहायक बनेंगी। धन लाभ के अवसर मिलेंगे। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा। जबकि महीने का दूसरा भाग आपसे मेहनत करवाने वाला रहेगा। इस मेहनत से आप खुद को थका हुआ महसूस करेंगे। कुछ घरेलू चिंताएं भी सामने आ सकती हैं। कोशिश करें कि इस समय आप किसी गलत कार्य में संलग्न न हों और वाहन आदि सावधानी से चलाएं।

मकर मार्च २०१४ राशिफल

महीने की शुरुआत अपेक्षाकृत कम अनुकूल रहेगी। पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। यह समय आर्थिक मामलों को लेकर सावधानी बरतने का है। कोई भी निवेश करने से पहने एक गंभीर और बृहद मंथन जरूरी होगा। आंखों और मुख से सम्बंधित कुछ तकलीफ़े भी सामने आ सकती हैं। लेकिन महीने का दूसरा पक्ष आपकी समस्याओं को दूर करने वाला रहेगा। किसी यात्रा के माध्यम से आप लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक मामलों में भी अनुकूलता आएगी। स्वास्थ्य भी अनुकूल रहेगा।

कुम्भ मार्च २०१४ राशिफल

महीने का पहला भाग आपके लिए मिलेजुले फल देने वाला रहेगा। इस समय आप आत्मविश्वास से ओत प्रोत रहेंगे। आपको सरकार या किसी संगठन के द्वारा सम्मानित किया जा सकता है। इस समय आप कम दूरी की यात्राएं भी कर सकते हैं, थोड़ी सी मेहनत के बाद ये यात्राएं सफलता दायक सिद्ध होंगी लेकिन इस समय अपना तथा अपने परिवार के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा। महीने के दूसरे भाग में भी घरेलू और आर्थिक मामलों को सावधानी से काम करने की जरूरत रहेगी। स्वास्थ्य संबंधित कुछ समस्याएं इस समय भी रह सकती हैं।

मीन मार्च २०१४ राशिफल

महीने की शुरुआत में लगभग सभी कामों में सावधानी बरतने की सलाह मैं आप को देना चाहूंगा। इस समय कोई भी काम उन्मादी होकर न करें। कार्य व्यापार में संयमित व्यवहार करें। सबसे विनम्रता और समझदारी के साथ व्यवहार करें। व्यर्थ के खर्चों से बचें। वहीं महीने के दूसरे भाग में आपकी समस्याएं काफ़ी हद तक कम होंगी। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। किसी लाभदायक यात्रा पर जाना हो सकता है। लेकिन इस समय भी अपना तथा घर परिवार के स्वास्थ्य का खयाल रखना जरूरी होगा।

आशा है, इस राशिफल के माध्यम से आप अपने अच्छे और बुरे समय को जानकर उस समय उचित व्यवहार कर अपने मार्च माह को शुभ बनाएंगें।
नमस्कार!
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शुक्र का कुम्भ राशि में प्रवेश और आप (मार्च 31, 2014)

शुक्र मार्च 31 को मकर राशि को छोड़कर कुम्भ राशि में प्रवेश कर रहा है। शुक्र का यह गोचर आपके जीवन में क्या बदलाव लाएगा, आइए जानते हैं ‘पं. हनुमान मिश्रा जी’ से।

Transit Of Venus In Aquarius and its effect on all zodiac signs.


विलासिता का कारक ग्रह शुक्र 31 मार्च 2014 को मकर को छोड़कर कुम्भ में प्रवेश कर रहा है। यद्यपि दोनों ही राशियां शनि की हैं जो कि शुक्र के मित्र की राशियां हैं। लेकिन पृथ्वी तत्त्व से वायु तत्त्व में जाने के कारण कई मामलों में यह बेहतर परिणाम देगा। जिनके दाम्पत्य जीवन में परेशानियां चल रही थी उन्हें शांति मिलेगी। महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों में कमी आएगी। फ़िल्म उद्योग और कास्मेटिक्स उत्पादकों को भी फायदा होगा लेकिन इसका आपकी राशि पर क्या असर होगा आइए जानते हैं।

इसका विभिन्न राशियों पर क्या असर पड़ेगा आइए जानते हैं:

मेष राशि:इस अवधि में आपको उच्च कोटि का पारिवारिक सुख मिलेगा। परिवार में सदस्यों की बढो़त्तरी होने की संभावना है। भाई बहिन भी अपने अपने क्षेत्र में अच्छा करेंगे। बहु प्रतीक्षित अभिलाषाओं और इच्छाओं की सम्पूर्ति होगी। हर प्रयास में सफलता मिलेगी। मित्र और सहयोगी आपको पूरा सहयोग देंगे। यात्राओं से लाभ होगा। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में मिलने वाले मित्रों और सहयोगियों से सम्बंध अच्छे रहेंगे। यद्यपि खर्चे अधिक होंगे लेकिन आमदनी भी होती रहेगी।

वृषभ राशि:इस अवधि में आपकी प्रतिष्ठा और सम्मान में प्रचुर वृद्धि होगी। परिवार जनों का बर्ताव बहुत अच्छा रहेगा। व्यापारिक यात्राओं की संभावना है। अपने कार्य क्षेत्र में आप महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करेंगे। व्यापारी सहयोगियों या व्यवसायकि लोगों व ग्राहकों के साथ आपके संबंध सुधरेंगे। समय के साथ साथ आप संग्रहशील होते जायेंगे और विलास सामग्री पर भी व्यय करेंगे। इस अवधि में विपरीत परिस्थितियों से भी आप कुशलता से निपट सकेंगे।

मिथुन राशि
:इस अवधि में आपके थोड़े प्रयत्न करने पर भी आपकी आमदनी बढ जायेगी। पारिवारिक जीवन आपके लिये सुखद एवम् अनुकूल रहेगा। अगर आपकी पदोन्नति होने ही वाली है तो यह आपकी इच्छा के अनुरूप हो सकती है। उच्च पदस्थ लोगों से आप सम्मान और उनकी कृपा प्राप्त करेंगे। माता पिता और गुरूजनों से संबंध मधुर रहेंगे। इस अवधि के दौरान आप सुदूर प्रदेशों की यात्रा भी कर सकते हैं। आपका दिमाग धार्मिक क्रियाकलापों एवम् जीवन संबंधी उच्च दर्शन की ओर भी आकृष्ट हो सकता है।

कर्क राशि:इस अवधि में परिजनों का सहयोग मिलता रहेगा। अचानक धन प्राप्ति की संभावना बन रही है। फिर भी खर्चे पर नियंत्रण रखना होगा। आपको कुछ सावधान रहने की जरूरत है। कोई ऐसा काम न करें जिससे आपकी प्रतिष्ठा पर आंच आए। वासनात्मक विचारों को अपने पर हावी न होनें दें और अपने स्वास्थ्य का खयाल रखें। व्यर्थ की यात्राओं से बचने का प्रयास करें।

सिंह राशि:इस अवधि में आमदनी में बढोत्तरी होगी। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। आपका मिलनसार स्वभाव आपको बहुत सारे लोगों से जोडने में मददगार सिद्द होगा। संगीत व अन्य ललित कलाओं सुगंध एवम् सौन्दर्य की वस्तुओं की ओर आपका झुकाव रहेगा। कोई आनन्द दायक यात्रा हो सकती है।
स्त्री वर्ग की संगति से लाभ मिलेगा। अपने व्यवसाय और व्यापार में आप बहुत अच्छा करेंगे। लेकिन छोटी मोटी बीमारियां रह सकती हैं।

कन्या राशि:इस अवधि में यद्यपि काम का बोझ थकाने वाला रह सकता है लेकिन नौकरी के हालात अच्छे रहेंगे। विरोधी प्रबल हो सकते हैं अत: अपने बचाव को लेकर चिंतन करते रहें। इस समय खर्चों पर नियंत्रण रखते हुए स्त्री वर्ग से संबंध बिगडने न दें। इस समय आपको वासनात्मक विचारों से बचना चाहिए साथ ही अपने स्वास्थ्य का खयाल भी रखना चाहिए।

तुला राशि:इस अवधि में आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा और खुशहाली बढे़गी। सामाजिक क्षेत्र बढे़गा और पुराने मित्रों सहयोगियों से मुलाकात होगी। संचार के माध्यम से भी आपको कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आप स्त्रीवर्ग की ओर आकर्षित रहेंगे। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। बहु प्रतीक्षित अभिलाषाओं की सम्पूर्ति होगी। कला संगीत इत्यादि में भी रुचि जागेगी।

वृश्चिक राशि:इस अवधि में परिवार में सदस्यों की संख्या में बढोत्तरी की संभावना है। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। परिवार में कोई आयोजन हो सकता है। यात्राओं से भी लाभ मिलेगा। विरोधी नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे। आपके पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और आमदनी भी बढे़गी। कोई फायदे का सौदा हाथ लग सकता है। प्रयत्नों में सफलता मिलेगी। यानी कि यह समय हर लिहाज से अच्छा है।

धनु राशि:इस अवधि में लोगों से आपके सम्पर्क बढेंगे। छोटी यात्राओं एवं पारिवारिक जीवन में सब सुखद होगा। नौकरी के हालात में भी इजाफा होगा। सौभाग्यशाली समय होने के कारण मनचाहा काम होता रहेगा। आप अत्यधिक उत्साही और स्फूर्तिवान बनें रहेंगे।

मकर राशि:इस अवधि में परिवार में किसी शुभ कृत्य का आयोजन होगा। घरेलू चीजों के लिये भी आप खर्च कर सकते हैं। परिवारजनों के साथ आप अच्छा निबाह कर सकेंगे। आय में वृद्धि होगी। किसी संक्षिप्त मार्ग से भी आपके पास पैसा आ सकता है। स्त्री वर्ग का साथ आपको रूचिकर लगेगा। महंगे और स्वादिष्ट भोजन के लिये आपका स्वाद जागृत होगा। आप परिस्थितियों का बड़ी चतुरता से सामना करेंगे।

कुम्भ राशि:इस अवधि में आपके चारों ओर का वातावरण सुखद होगा। आप भी सुखी व सानन्द रहेंगे। ललितकला, संगीत व साहित्य में आपकी रूचि रहेगी। स्त्री वर्ग की ओर आपका झुकाव रहेगा। वैवाहिक या प्रणय सुख के लिए भी समय अनुकूल रहेगा। अगर थोड़ी मेहनत करें तो अपनी आय को आप काफी बढ़ा सकते हैं।

मीन राशि:इस अवधि में आप उच्च कोटि का वैवाहिक या प्रणय सुख भोगेंगे। आप सुविधा और विलास के साधनों पर खर्च करेंगे। लेकिन अच्छा होगा कि आप अपनी भोग वृती पर अंकुश लगायें, अन्यथा इस वजह से कुछ परेशानियां भी हो सकती हैं। विरोधीयों और प्रतिद्वन्दीयों से सावधान रहने की जरूरत है, आर्थिक रूप से समय सामान्य रहेगा।

पं. हनुमान मिश्रा

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वक्री मंगल का कन्या राशि में प्रवेश और आप (मार्च 25, 2014)

वक्री मंगल मार्च 25 को कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है। यद्यपि मंगल इस वर्ष पहले ही यानी 4 फ़रवरी 2014 तक कन्या राशि में रह चुका है। मंगल का यह गोचर आपके जीवन बदलाव लाएगा, आइए जानते हैं ‘पं. हनुमान मिश्रा जी’ से।

Transit Of Retrograde Mars In Virgo and its effect on all zodiac signs.

यद्यपि मंगल इस वर्ष पहले ही यानी 4 फ़रवरी 2014 तक कन्या राशि में रह चुका है। इसके बाद यह तुला राशि में आया था लेकिन 1 मार्च 2014 को वक्री होने के कारण यह अपने अंशों में घटता हुआ 25 मार्च 2014 को पुन: कन्या राशि में वापस जा रहा है। मंगल के कन्या राशि में जाने को लेकर ज्योतिषीय जानकारों का कहना है कि इसके प्रभाव से लाल रंग की वस्तुओं के भाव में तेज़ी आएगी। रेशमी और ऊनी वस्त्र महंगे होंगे। वर्षा में कमी आ सकती है और अनाज महंगे हो सकते हैं। दक्षिण के किसी राज्य में राजनैतिक उथल पुथल सम्भव है। कोई राजनेता दुर्घटना ग्रस्त हो सकता है। बच्चों की मृत्युदर बढ़ सकती है लेकिन पिछले दिनों से राजनेताओं का जो शारीरिक बल प्रदर्शन का कार्यक्रम देखने को मिलता रहा है उसमें कभी आने के आसार बनेंगे।

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इसका विभिन्न राशियों पर क्या असर पड़ेगा आइए जानते हैं:

मेष:इस अवधि में आप काफी सुखी रहेंगे। नौकरी के हालात सुधरेंगे। प्रचुर लाभ होने की संभावना है। पारिवारिक वातावरण भी सुखद रहेगा। आप अपनी अड़चनें और बाधाएं दूर करने और शत्रुओं का दमन करने के लिये चेष्टारत रहेंगे। कार इत्यादि चलाते समय सावधानी बरतें।

वृषभ:आप सावधान रहें क्योंकि आपकी विवेक बुद्धि में ह्रास संभावित है। स्वास्थ्य एवम् पारिवारिक सदस्यों के कारण परेशानी पैदा होगी। सट्टेबाजी से बचें। कुछ ऐसे खर्चे भी करने पड़ेंगे जिनके कारण आपके नियंत्रण से बाहर होंगे। मित्र एवम् सहयोगियों से निराशा पायेंगे। यात्रा से थकान होगी।

मिथुन:इस अवधि में आप मानसिक तनावों और चावों से ग्रसित रहेंगे। सुख अचल सम्पती, वाहन सुख एवम् स्त्रीयों तथा मित्रों के साथ से वंचित रहेंगे। आर्थिक रूप से यह समय अच्छा नहीं है। इसलिये व्यय भी अधिक होगा। कुछ गुप्त गतिविधियों के लिये भी खर्च करना पड़ेगा। अचानक हानि होने की भी संभावना है।

कर्क:इस अवधि के दौरान आपकी वृती साहसी रहेगी। यात्राएं सफलदायक रहेंगी। संचार माध्यमों से शुभ समाचार प्राप्त करेंगे। आपके रिश्तेदार, खास तौर पर भाई इस अवधि के दौरान खुशहाल रहेंगे। पार्थिव वस्तुओं की प्राप्ति भी संभव है। विरोधी आपका सामना भी नहीं कर पायेंगे। प्रयत्नों में सफलता सुनिश्चित रहेगी।

सिंह
:आर्थिक लाभ के लिये यह समय अच्छा नहीं है। परिवार के सदस्यों के कारण तनाव पैदा हो सकते हैं। छोटी छोटी बातों पर भी झगड़े हो सकते हैं। वाणी पर नियंत्रण रखें वरना परेशानी भुगतेंगे। अवांछित लोगों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। व्यापार में घाटे या चोरी के कारण आर्थिक हानि होने की संभावना है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

कन्या:इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। आपकी इच्छाओं के विपरीत परिणाम हो सकते हैं इसलिये फल के प्रति अधिक उत्साह दिखाने वाली प्रवृति पर नियंत्रण रखें। छोटी मोटी बीमारी या हल्की दुर्घटना होने की संभावना भी है। जोखिम उठाने या सट्टेबाजी के लिये यह समय श्रेयस्कर नहीं है। पारिवारिक झंझटों के कारण मानसिक शांति भंग हो सकती है।

तुला:इस अवधि में आपको कई प्रतिकूल परिस्थितियों और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और इस कारण दुख उठायेंगे। कुछ दुख इसलिये भी बढेंगे कि आप झुकना नहीं जानते और अपने घमण्ड के कारण परिस्थितियों को और खराब करेंगे। स्वास्थ्य से भी परेशान रहेंगे। खर्चा बढ़ता ही जायेगा। यद्यपि साथी के स्वास्थ्य में सुधार के लक्षण दिखाई पड़ेंगे। परन्तु पूर्ण सुधार में समय लगेगा। आपकी मानसिक शांति भंग रहेगी।

वृश्चिक:मित्रों और सहयोगियों से आपको लाभ मिलेगा। बहु प्रतीक्षित इच्छाओं और आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और लम्बी यात्राएं सफलदायक रहेंगी। आमदनी में काफी बढोत्तरी होना सुनिश्चित है। विलास सामग्री एवम् अन्य चीजों पर आप व्यय करेंगे। पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा।

धनु
:आपको लेन देन के व्यवसाय। सार्वजनिक क्षेत्र या सरकार द्वारा फायदा मिलेगा। उच्च पदस्थ और महत्वपूर्ण व्यक्तियों से आपकी मित्रता रहेगी जिनसे आप लाभावत होंगे। व्यापार का विस्तार भी शीघ्र होगा। विपरीत परिस्थितियों को कुशलता से झेलने के लिये आपमें प्रचुर आत्मविश्वास रहेगा। शत्रु आपको नुकसान नहीं पहुंचा पायेंगे।

मकर:बड़े बूढों से सहयोग प्राप्त करेंगे। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएं सफलदायक सिद्ध होंगी। आमदनी बढ़ेगी और आय के नये स्त्रोत प्राप्त होंगे। यद्यापि खर्चे भी बढेंगे लेकिन आमदनी से अधिक नहीं होंगे। सट्टे के द्वारा आय होने की भी संभावना है। इस समय का पूरा सदुपयोग करें।

कुम्भ:यह बिल्कुल भी अच्छा समय नहीं है। ध्यान रखें। आर्थिक हानि की पूरी संभावना है। इस अवधि में कोई जोखिम न उठायें और सट्टेबाजी से बचें। स्वास्थ्य के कारण परेशानियां शुरू हो जायेंगी। अपने परिवार के सदस्यों से संबंधों में बिगाड़ होने की संभावना है। किसी परिचित की मृत्यु की खबर भी मिल सकती है।

मीन:दैनिक कामों में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। शत्रु छवि बिगाड़ने का प्रयत्न करेंगे। सहयोगियों तथा भागीदारों से विवाद होने की संभावना है। पारिवारिक जीवन भी सुखद नहीं रहेगा। अपनी तन्दुरस्ती का ख्याल रखें। यात्राओं से निराशा मिलेगी। साथी के स्वास्थ्य के कारण चिन्तित रहेंगे। इस दौरान आपका जीवन समस्याओं एवम् परेशानियों से आक्रान्त रहेगा।
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सूर्य का मीन राशि में प्रवेश और आप (मार्च 14, 2014)

ग्रहों का राजा ‘सूर्य’ मार्च 14, 2014 को मीन राशि में प्रवेश कर रहा है। 14 अप्रैल 2014 तक सूर्य यहीं रहेगा। सूर्य के इस राशि परिवर्तन से किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आइए जानते हैं पं. हनुमान मिश्रा जी से।

Transit of Sun In Pisces and its effect on all zodiac signs.

ग्रहों का राजा ‘सूर्य’ 14 मार्च 2014 को मीन राशि में प्रवेश करने जा रहा है, जो 14 अप्रैल 2014 तक यहीं रहेगा। जिसका देश और दुनिया पर अधिक अनुकूल प्रभाव नहीं नजर आ रहा है। किसी धार्मिक व्यक्ति को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म हो सकता है। देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में शासको के लिर भी समय ठीक नहीं रहेगा। राजनैतिक उथल-पुथल भी देखने को मिल सकती है। किसी राजनैतिक मामले में अदालती दखल से स्थितियों में बदलाव संभव है। विद्वानों और बच्चों के लिए भी समय ठीक नहीं है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन से किस राशि पर क्या प्रभाव पडेगा, आइए जानते हैं-

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राशि परिवर्तन से विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव:

मेष राशि: मेष राशि वालों इस अवधि में आपको मेहनत करनी पड़ेगी और लगातार किया गया कड़ा परिश्रम आपको थका सकता है। ऐसे में आपको बुरी संगति से बचना चाहिए और वाहन इत्यादि सावधानी से चलाना चाहिए।

वृषभ राशि: वृषभ राशि वालों का घरेलु जीवन सुखी रहेगा और बहु प्रतीक्षित इच्छाएं पूरी होंगी। भ्रमण व छोटी यात्राएं भाग्यशाली व सुखद रहेंगी। धन लाभ के समाचार मिलेंगे। पारिवारिक मित्रों और रिश्तेदारों से सामाजिक संबंध और अच्छे होंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के घरेलू जीवन में कुछ परशानियां रह सकती हैं। कुछ पारिवरिक समस्याएं भी रह सकती हैं। आर्थिक मामलों में सचेत रहना भी जरूरी होगा। व्यर्थ के खर्चों पर नियंत्रण ज़रूरी होगा।

कर्क राशि: इस अवधि में जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण सकारात्मक रहेगा। आपका आत्मविश्वास बढ़ा रहेगा। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। छोटी यात्राएं आपकी कड़ी मेहनत के कारण सफल होंगी। लेकिन घर-परिवार के लोगों व अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना ज़रूरी होगा।

सिंह राशि: सूर्य का मीन राशि में जाना आपके लिए बहुत अनुकूल नहीं है अत: आपको चाहिए कि क्षणिक उन्माद में कोई काम न करें। सोच विचार कर निर्णय लें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मित्रों और रिश्तेदारों से संबंध मधुर बनाए रखें। पैसे कमाने का छोटा रास्ता न अपनाएं।

कन्या राशि: आपकी इच्छाएं व महत्वाकांक्षायें पूरी होंगी। मित्रों और रिश्तेदारों से सहयोग मिलेगा। अनुबन्धों और समझौतों से आपको लाभ मिलेगा। प्रेम संबंधों के लिये समय अच्छा है। आमदनी में वृद्धि होगी। लम्बी यात्राएं सुखद व सफलदायक सिद्ध होगी।

तुला राशि: इस अवधि में आप बहुत क्रियाशील एवम् व्यस्त रहेंगे। व्यापार या नौकरी में सफलता और वरिष्ठों
का सहयोग मिलने के योग हैं। इस समय में आप अपनी सारी आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पा जायेंगे। यानी कि सब लिहाज से यह समय काफी संतोषप्रद रहेगा।

वृश्चिक राशि: इस अवधि में लम्बी यात्राएं अधिक फायदेमंद नहीं रहेंगी। हांलाकि उच्च पद प्रतिष्ठा वाले लोगों की कृपा आप पर रहेगी। धार्मिक यात्राएं हो सकती हैं। कार्यक्षेत्र औए आर्थिक मामलों के लिए भी समय अच्छा है। लेकिन माता पिता के स्वास्थ्य का खयाल रखना ज़रूरी होगा।

धनु राशि: धनु राशि वालों के सामने कुछ समस्यायें आ सकतीं हैं। संबंधियों से व्यवहार अच्छा रखें नहीं तो बेवजह झगड़े होंगे। स्वास्थ्य का ख्याल रखें। अनैतिक कार्यों व सन्देहास्पद सौदों से बचें। महत्वपूर्ण कागजों पर दस्तखत करने से पहले अच्छी तरह जांच परख कर लें।

मकर राशि: मकर राशि वालों को अधिक मेहनत का कम फल मिलेगा। व्यवसायिक या व्यापार के साथी नुकसान करने का प्रयास करेंगे। आप तनावग्रस्त या अस्वस्थ्य भी रह सकते हैं। अत: 14 अप्रैल 2014 तक अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना ज़रूरी होगा।

कुम्भ राशि: कुम्भ राशि वालों पर सूर्य का वृश्चिक राशि में जाना शुभ प्रभाव डालेगा। इस अवधि में आप जो भी करेंगे उसमें सफल रहेंगें। सारी समस्याओं का समाधान होता रहेगा और आप सफलता पायेंगे। शत्रु परास्त होंगे। पद, प्रतिष्ठा एवम् सम्मान की प्राप्ति होगी।

मीन राशि: मीन राशि वालों इस अवधि में आप जीवन का बड़े उत्साह और उल्लास से स्वागत करेंगे लेकिन प्रणय प्रेम संबंधों के लिये समय कम ठीक है। अचानक यात्रा की संभावना भी बन रही है।
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साप्ताहिक राशिफल (24 फ़रवरी से 02 मार्च 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh
मेष:सप्ताह की शुरुआत में अधिक अनुकूल परिणाम पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। आर्थिक मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। हालांकि सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। इस समय की गई यात्राएँ फ़ायदेमंद रहेंगी। कामों में सफलता मिलेगी। पिछले दिनों की गई मेहनत का फल मिलने के अच्छे योग हैं। सप्ताह के अंतिम दिनों में लाभप्रद सौदे हाथ लग सकते हैं।

वृषभ:यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। इस सप्ताह की शुरुआत में वैवाहिक जीवन को लेकर चिंतन करने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही साझेदारी के कामों को भी सावधानी से निबटाने की ज़रूरत रहेगी। सप्ताह के मध्य भाग में भी सावधानी से काम लेना होगा। क्रोध और चिड़चिड़ेपन से बचना होगा हालांकि सप्ताहांत अनुकूल परिणाम देने वाला रहेगा।

मिथुन:सप्ताह की शुरुआत उत्साहवर्धक रहेगी। आपकी योजनाओं को सफलता मिलेगी। यानी आपकी मेहनत रंग लाएगी। सप्ताह के मध्य में आप कहीं घूमने फिरने के लिए जा सकते हैं। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी के साथ सुखद समय बिताने के अच्छे योग हैं। दैनिक रोज़गार के मामलों में भी सुधार होगा। सप्ताहांत में सावधानी आपेक्षित है, विशेषकर वाहन संयम से चलाएँ।

कर्क:सप्ताह की शुरुआत में आप अपनी या संतान की शिक्षा को लेकर कुछ हद तक चिंतित रह सकते हैं। स्वजनों पर क्रोध करने से बचें। यदि पहले से कोई मनमुटाव रहा हो तो विवाद को और बढ़ने से रोकना ही फ़ायदेमंद रहेगा। सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। किसी आनंददायी काम से जुड़ाव या सुखद यात्रा सम्भव। सप्ताहांत में विवादास्पद घटनाक्रम से बचें और सावधानी से आचरण करें।

सिंह: सप्ताह की शुरुआत कुछ कठिनाई भरी रह सकती है। कुछ घरेलू सामानों में ख़राबी आ सकती है अथवा घरेलू समस्याओं को लेकर मन व्यथित रह सकता है। इस समय मित्रों और भाइयों से विवाद करना उचित नहीं रहेगा साथ ही वाहन आदि सावधानी पूर्वक चलाना उचित रहेगा। हालांकि सप्ताह मध्य बेहतर रहेगा। इस समय आपको कामों में सफलता मिलेगी। सप्ताहांत में आनंददायी समय बीतेगा।

कन्या: इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। इस समय छोटी मोटी यात्राएँ भी सम्भव हैं। लेकिन जोश में होश खोने से इस समय बचना होगा। बेहतर होगा इस समय जो भी बोलें बहुत सोच समझ कर बोलें। सप्ताह मध्य में आप घर गृहस्थ जीवन को लेकर कुछ चिंताएँ रह सकती हैं। हालांकि ये बड़ी चिंताएँ नहीं होंगी। लेकिन सप्ताहांत आपके लिए अच्छा रहेगा।

तुला:सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। इस समय आपको अपने क्रोध और अपनी वाणी पर संयम रखना होगा। आर्थिक मामलों में भी संयम से काम लेना ही उचित रहेगा। हालांकि आमदनी निरंतर बनी हुई है इसलिए बजट बिगड़ेगा नहीं। सप्ताह मध्य में कुछ लाभदायक यात्राएँ सम्भव। सप्ताहांत में कुछ चिंताएँ सम्भव हैं हालांकि प्रेम प्रसंगों के लिए सप्ताहांत शुभ रहेगा।

वृश्चिक: सप्ताह सामान्य तौर पर अनुकूल है। आपको सुख सुविधाओं का लाभ मिलेगा। कामों में सफलता मिलेगी। लेकिन क्रोध करने से बचना ज़रूरी होगा साथ ही दूर की यात्राओं को करने से पहले उससे होने वाले फ़ायदे और नुकसान पर विचार-विमर्श ज़रूरी होगा। सप्ताह मध्य में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। सप्ताह के अंतिम दिनों में आप मनोरंजन के लिए कहीं घूमने जा सकते हैं।

धनु:सप्ताह सामान्यत: अच्छा रहेगा लेकिन सप्ताह के शुरुआत में ख़र्चों पर अंकुश लगाना ज़रूरी होगा। इस समय स्वास्थ्य चिंतन भी ज़रूरी होगा। किसी चिंता के कारण मन परेशान रह सकता है या नींद में व्यवधान रह सकता है। सप्ताह के मध्य में शुभ समाचार मिल सकता है। सप्ताहांत में कामों में सफलता व मनोरंजक कार्यकलाप संभव है। इस समय कोई छोटी यात्रा भी सम्भव है।

मकर: सप्ताह के शुरुआत में चन्द्रमा लाभ देने का संकेत कर रहा है। अत: पहले किए गए कामों से फ़ायदा मिल सकता है अथवा आपकी आमदनी में इज़ाफ़ा हो सकता है। कहीं से अचानक धन लाभ या उपहार मिल सकता है। लेकिन सप्ताह मध्य में ख़र्चों पर नियंत्रण रखना होगा। अधिक जोश में आकर किसी काम में लग जाने से पहले उसके बारे में जांच कर लें। सप्ताहांत में परिस्थितियाँ आपके पक्ष में होंगी।

कुम्भ: सप्ताह की शुरुआत में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। कार्यों में आपको सफलता के योग हैं। आपके कामों की प्रशंसा होगी। वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। लेकिन सप्ताह के मध्य में ग्रह लाभ देने का संकेत कर रहे हैं लेकिन इस समय धन और स्वास्थ्य का ख़याल ज़रूरी होगा। हालांकि सप्ताहांत आते आते परिस्थितियां नियंत्रण में होंगी और सुफल मिलने लगेंगे।

मीन:सप्ताह की शुरूआत अनुकूल रहेगी। आप धर्म या समाज से कामों से जुड़ेंगे। सप्ताह के मध्य भाग में आप अपने काम में सफ़ल होंगे। आपके मान सम्मान में इज़ाफ़ा होगा। आर्थिक मामलों के लिए भी समय शुभ है। कई तरह के लाभ मिलने के भी योगायोग हैं। प्रेम प्रसंग व दाम्पत्य जीवन के लिए समय अनुकूल है। जबकि सप्ताहांत में अनावश्यक ख़र्चे सामने आ सकते हैं अत: उन पर नियंत्रण रखें।

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क्या कहते हैं आपके होंठ आपके बारे में? (भाग २)

क्या आपको पता है कि आपके चेहरे का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा यानि आपके होंठ आपके भाग्य और चरित्र के बारे में बहुत कुछ बताते हैं ? हमने अपने पहले भाग में अलग अलग प्रकार के होठों के बारे में आपको बताया। होंठ द्वारा कैसे जाने किसी के स्व्भाव के बारे में आइये जानें पं. हनुमान मिश्रा से।

आइए होंठों के संदर्भ में सामुद्रिक शास्त्र में वर्णित कुछ अन्य तथ्यों को भी जान लिया जाय:

Know your personality through prediction based on your lips

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सौभाग्यशाली होंठों के लक्षण:
  • यदि किसी व्यक्ति के होंठ पर तिल हो तो ऐसे लोग दूसरों को बहुत जल्दी प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। लेकिन इनमें भोग-विलास की इच्छा तुलनात्मक रूप से अधिक हो सकती हैं। जिस व्यक्ति के होंठ लाल हों, उसे भोग-विलास तथा ऐशोआराम भोगने के मौके मिलते रहते हैं।
  • एक दूसरे पर अच्छी तरह बैठने वाले होंठ सौंदर्य तथा भाग्य के प्रतीक माने गए हैं।
  • परस्पर चिपकने की हद तक कसे हुए होंठों को भी भाग्यशाली कहा गया है।
  • सपुष्ट होंठ अच्छे भाग्य की निशानी है।
  • लंबे होंठ वाले व्यक्तियों में सुख भोगने की वृत्ति रहती है तथा भाग्य उन्हें सुख देता भी है।
  • उपरी होंठ के दोनों सिरे नीचे को झुक कर यदि कमान सी बनाते हों, तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है।
  • गुलाब की पंखुडियों के समान लाल रंग के होंठ सौभाग्यसूचक होते हैं।
  • यदि होंठ के ठीक नीचे तिल हो तो ऐसे लोग कठिन परिश्रम करते हैं। उन्हें सहजता से धन लाभ नहीं हो पाता। हालांकि कठिन मेहनत के बाद इन्हें लाभ हो जाता है।
  • होठों का फड़कना प्रिय वस्तु या व्यक्ति के मिलन का संकेतक होता है।
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सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार कम अच्छे कहे गए होंठों के लक्षण:
  • जिनका ऊपर वाला होंठ नीचे वाले होंठ पर कुछ इस तरह आच्छादित रहता है, मानो वह मुंह बंद रखने का प्रयास कर रहा हो, उनका स्वभाव और भाग्य, दोनों ही रहस्यमय हो सकते हैं।
  • यदि दोनों होंठ एक-दूसरे से दूर-दूर तथा ऊपर का होंठ बाहर को निकला हुआ हो, तो ऐसे होंठ भाग्य के कमजोर होने के संकेतक कहे गए हैं।
  • ठोड़ी की सतह से बाहर निकले होठों पर यदि काले धब्बे हों तथा होंठ मोटे हों, तो यह भी भाग्य के कमजोर होने के संकेतक है।
  • होठों पर विद्यमान खड़ी रेखा भी भाग्य अवरोधक मानी गई है।
  • छोटे होंठ दुःख तथा दुर्भाग्य देने वाले कहे गए हैं।
  • काले, खुरदुरे होंठ भाग्यहीनता दर्शाते हैं।
  • सूखे हुए, काले, धब्बेदार, कटे-फटे तथा मोटे होंठ वाला व्यक्ति धन के अभाव से ग्रस्त रहता है।
  • जिस व्यक्ति के नीचे का होंठ एक ओर को कुछ इस तरह झुका हो, मानों तराजू का भारी पलड़ा झुका रहता है, तो सामुद्रिक शास्त्र ऐसे व्यक्ति को विश्वासघाती, चोर, अपराधी या पापी की श्रेणी में रखता है।
 दाम्पत्य जीवन के संदर्भ में होठों के संकेत:
  • लाल, पतले चिकने और अच्छी आकृति वाले होंठ सुखद दाम्पत्य के द्योतक होते हैं।
  • अगर निचला होठ लाल, गोल व एक पतली रेखा वाला है तो यह भाग्यशाली तथा धनवान होने का संकेतक है।
  • मोटे, भारी तथा चौड़े होंठ चरित्र को संदिग्ध बनाते है, विशेषकर स्त्री जातक के लिए।
  • यदि निचला होठ मोटा तथा रंग मे काला है तो यह स्वभाव व चरित्र में संदिग्धता व जीवनसाथी से विछोह दे सकता है।
  • यदि निचला होठ सूखा लंबा व पतला हो तो यह बीमारी का संकेत है।
ध्यान रखें, व्यक्ति के पूरे शरीर की बनावट के अध्ययन के आधार पर ही सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। सभी अंगों का अलग महत्व होता है। यहां होंठों के अनुसार स्वभाव की जो बातें बताई गई हैं, उन फलों में अन्य अंगों के प्रभाव के अनुसार बदलाव भी हो सकता है अत: किसी एक विन्दु के आधार पर व्यक्ति को अच्छे या बुरे का प्रमाण पत्र देने से बचें।  
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क्या कहते हैं आपके होंठ आपके बारे में?

होंठ आपके स्वभाव व्यक्तित्त्व व्यक्तित्त्वके बारे में बताते हैं। किसी भी व्यक्ति के होंठों को देखकर उसके व्यवहार, आचार-विचार और कार्यक्षेत्र में ये आसानी से बताया जा सकता है। होंठ द्वारा कैसे जाने किसी के स्व्भाव के बारे में आइये जानें पं. हनुमान मिश्रा से।

जिस प्रकार ये कहा गया है कि “लाख छुपाओ छुप न सकेगा राज हो कितना गहरा, दिल का हाल बता देता है असली नकली चेहरा” ठीक उसी प्रकार ये कहना भी उतना ही सही है कि उसी चेहरे के एक हिस्से यानी कि होंठ भी दिल का हाल चेहरे से पीछे नहीं हैं। होंठ न केवल दिल का हाल बता देते हैं बल्कि आपके स्वभाव के बारे में भी बताते हैं। यानी अगर आप हमारे इस लेख को ध्यान से पढ़कर थोड़ा सा खोजी बनने की कोशिश करेंगे तो कोई भी आप से ये नहीं कह सकेगा कि “होठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आई/आया। यानी आप इस लेख को पढ़ने के बाद किसी के होंठों को देखकर उसके स्वभाव के बारे में आसानी से जान पाएंगे।
मैं ऐसा केवल ज्योतिष के आधार पर नहीं कह रहा हूं बल्कि मनौवैज्ञानिकों का दावा है कि किसी मनुष्य के चेहरे के विन्यास से उसके व्यक्तिगत लक्षणों, मसलन अपराध में किसी के शामिल होने के प्रति झुकाव या किसी नौकरी विशेष के प्रति रवैया आदि का पता चल जाता है। अत: यदि आप ज्योतिष, सामुद्रिक या फिर अंग लक्षण शास्त्र में रुचि रखते हैं तो भी आपके लिए यह लेख उपयोगी हो सकता है।

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जब आप पहली बार किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो उसके बारे में कोई भी जानकारी न होने के कारण आपको उनके साथ घुलने-मिलने में परेशानी या असहजता होती है लेकिन यदि उसके विषय में खास बातें मालूम हो जाएं तो आपको उसके साथ घुलने मिलने में आसानी रहेगी। ज्योतिष की सामुद्रिक विद्या के अनुसार कुछ ऐसे संकेत बताए गए हैं, जिनसे व्यक्ति का स्वभाव और खास बातें मालूम हो जाती हैं।

किसी भी व्यक्ति से मिलते समय सबसे पहले हमारी नजर उसके चेहरे पर पड़ती है उस व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर हमें प्रसन्नता होती है। इस मुस्कुराहट में अहं भूमिका निभाते हैं होंठ, इन्हीं होंठों को ध्यान से देखकर किसी भी स्त्री या पुरुष के स्वभाव को समझा जा सकता है। किसी भी व्यक्ति के होंठों को देखकर ये आसानी से बताया जा सकता है कि वह व्यवहार, आचार-विचार और कार्यक्षेत्र में कैसा होगा। होंठों को ध्यान से देखा जाए तो कुछ बातें आसानी से समझ में आ जाती हैं। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि सभी लोगों के होंठ अलग-अलग प्रकार के होते हैं। अलग-अलग प्रकार के होंठों से ही उस व्यक्ति के व्यक्तित्त्व के बारे में जाना जा सकता है। तो आइए जाना जाय होंठों के आकार और बनावट के अनुसार उस व्यक्ति के स्वभाव की खासियतों को...

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गुलाबी होंठ- गुलाबी होंठों वाले व्यक्ति व्यवहार कुशल, उदार और बुद्धिमान होते हैं। ये इतने व्यवहार कुशल होते हैं कि अपने व्यवहार के बल पर सभी का मन मोह लेते हैं। यही कारण है कि इनके मित्रों की संख्या अधिक देखी गई है।

बड़े होंठ- कुछ लोगों के होंठ सामान्य स्थिति से अधिक बड़े दिखाई देते हैं या मुंह तुलानात्मक रूप से अधिक फैला दिखाई देता है। उनके बारे में कहा गया है कि ये लोग अच्छे खाने के शौकीन होते हैं। इन्हें तरह-तरह के व्यंजन बहुत पसंद होते हैं। हालांकि ऐसे लोग आवेशी भी होते हैं लेकिन इनका गुस्सा जल्दी ही दूर हो जाता है।
संकुचित होंठ- संकुचित होंठ यानी कि जो होंठ छोटे और पतले हों साथ ही बेरंग भी हों तो

वे संकुचित होंठ की श्रेणी में आते हैं। ऐसे होंठों वाले व्यक्ति के बारे में कहा गया है कि ऐसा व्यक्ति दिखावा-पसंद होता है। हालांकि ये अन्य लोगों पर अपना प्रभाव बनाने की चेष्टा करते रहते हैं।
रसिक होंठ- इस प्रकार के होठों के लक्षण के बारे में सामुद्रिक शास्त्र कें कहा गया है कि ये लाल रंग के चिकने व मृदुल होते हैं। ऐसे होठों से कलात्मक का भाव परिलक्षित होता है। ऐसे होंठ वाला व्यक्ति सुंदर, कला प्रिय और अच्छे स्वभाव का होता है। ये लोग समाज और घर-परिवार में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। कार्य क्षेत्र में उच्च शिखर तक जाना व जीवन में कई उपलब्धियां हासिल करना इनका उद्देश्य होता है।

मोटे होंठ- जिस व्यक्ति के होंठ सामान्य से अधिक मोटे दिखाई देते हैं, वे क्रोधी स्वभाव के होते हैं। ये लोग बहुत आवेशी होते हैं। इन्हें प्यार भी जल्दी आता है और गुस्सा भी। यानी कि ये लोग भावना प्रधान और जिद्दी होते हैं। ये लोग छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा हो जाते हैं। कई बार इन्हें अपने क्रोध के कारण ही परेशानी में पड़ते देखा जा सकता है। स्त्रियों के लिए इस प्रकार के होठों को अधिक ठीक नहीं माना गया है क्योंकि इनकी जिद की वजह से गृहस्थ जीवन में बाधाएं बनी ही रहती हैं।

उभरे हुए होंठ- उभरे हुए यानी जिन लोगों के होंठ सामान्य स्थिति से अधिक उभरे हुए होते हैं, उनमें साहस की कमी होती है। ऐसे लोग किसी भी कठिन परिस्थिति को हल करने का रास्ता आसानी से खोज नहीं पाते हैं। कई बार इन्हीं छोटे मुद्दे में भी डरते हुए देखा जा सकता है।

अंदर की ओर धंसे हुए होंठ- जिस व्यक्ति के होंठ सामान्य स्थिति से अधिक अंदर की ओर धंसे हुए होते हैं उनके मन की बात समझना काफी मुश्किल होता है। यानी कि ये लोग रहस्यमय स्वभाव वाले होते हैं। हालांकि ऐसे लोग बहुत अच्छे योजनाकार हो सकते हैं लेकिन यहां भी ये अपने रहस्य को बरकरार रखते हुए अपनी योजना को गुप्त ही रखते हैं।

पं. हनुमान मिश्रा
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2 मिनट ज्योतिष कोर्स: युति एवं दृष्टि (भाग १०)

आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं । आज का विषय है ‘युति एवं दृष्टि’।

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-



ग्रह एक दूसरे को कई प्रकार से प्रभावित करते हैं। दो मुख्‍य प्रकार हैं - युति व दृष्टि।

युति को अंग्रेजी में कंजंक्‍शन (conjunction) कहा जाता है। युति का मतलब है एक साथ बैठना। अगर दो ग्रह एक ही राशि में स्थित हों तो उन्‍हें ग्रह युति कहा जाता है।


इसी प्रकार इस कुण्‍डली में चंद्र और मंगल कर्क राशि में स्थित हैं अत: ज्‍योतिषीय भाषा में हम कहेंगे कि चंद्र और मंगल की कुण्‍डली में युति है। चुंकि चंद्र और मंगल की युति है अत: वे एक दूसरे के परिणाम को प्रभावित करेंगे। मंगल स्‍वाभावत: क्रूर ग्रह है और कर्क में मंगल नीच का होता है। छठा भाव भी नकारात्‍मक भाव होता है जहां ग्रहों की स्थिति अमूमन अच्‍छी नहीं होती है। अत: हम कह सकते हैं कि मंगल चंद्र को नकारात्‍मक रूप से प्रभावित करेगा। ग्रह कारकत्‍व वाले वीडियो से हम जानते हैं कि चंद्र माता, मन, नेत्र इत्‍यादि का कारक होता है। मन पर मंगल के नकारात्‍मक प्रभाव से उदाहरण कुण्‍डली वाला व्‍यक्ति जिद्दी होगा। चंद्र (मन) + मंगल (जिद) = जिद्दी।

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उसकी माता का स्‍वास्‍थ्‍य भी ठीक नहीं होगा। चंद्र (माता) + छठा भाव (रोग) + मंगल का नकारात्‍मक स्‍वाभाव।
जातक की आंखें भी कमज़ोर हो सकती हैं। चंद्र (आंखें) + छठा भाव (रोग) + मंगल का नकारात्‍मक स्‍वाभाव।
युति के बाद हम दृष्टि को समझते हैं। दृष्टि को अंग्रेजी में एसपैक्‍ट (aspect) कहा जाता है। दृष्टि का मतलब देखना। ग्रह दृष्टि के द्वारा भी दूसरे ग्रहों के असर को प्रभावित करते हैं।

प्रत्‍येक ग्रह अपने स्‍थान से सातवें स्‍थान को पूर्ण दृष्टि से देखता है। इसके अलावा मंगल चौथे एवं आठवें स्‍थान को भी देखता है। गुरु पांचवे एवं नौवे स्‍थान को भी देखता है। शनि तीसरे एवं दसवें स्‍थान को भी देखता है। निचे दिए गए टेबल में आप हर ग्रह कि दृष्टि देख सकते हैं:

ग्रह पूर्ण दृष्‍ट स्‍थान
सूर्य 7
चंद्र 7
बुध 7
शुक्र 7
मंगल 4, 7, 8
गुरू 5, 7, 9
शनि 3, 7, 10

राहु और केतु के लिए फिलहाल ये मानें की उनकी दृष्टि नहीं होती।

पुनीत पाण्डे
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डॉक्टर या इंजीनियर बनने के योग

हम सब अपनी पसंद के कार्यक्षेत्र में जाना चाहते हैं, परन्तु बहुत बार हमारी यह इच्छा अधूरी रह जाती है। ज्योतिष एक ऐसा विषय है जिसके माध्यम से इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि कौन सा क्षेत्र हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ है। आइये इस विषय पर चर्चा करें श्री राम हरि शर्मा जी से.…


प्रत्येक युवक / युवती की यह अभिलाषा होती है कि वह जो भी कार्य करे वह उसकी रुचि के अनुसार हो, क्योंकि रुचि के अनुसार कार्य करने में सफलता शतप्रतिशत मिलती है परन्तु कभी ऐसा भी होता है कि अपनी रुचि वाला क्षेत्र चुन कर भी असफ़लता हाथ लगती है। ऐसा विशेष कर होता है, अतः यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि कौन सा कार्य हमारे अनुकूल होगा जिससे सफलता मिले।

हर व्यक्ति में अलग-अलग क्षमता होती है लेकिन स्वयं यह तय करना कठिन होता है कि हममें क्या क्षमता है इसलिये कभी कभी गलत निर्णय लेने से असफलता हाथ लगती है, परन्तु ज्योतिष एक ऐसा विषय है जिसके द्वारा उचित व्यवसाय/क्षेत्र चुनने में मार्गदर्शन लिया जा सकता है।
आजकल हाईस्कूल करने के बाद एक दुविधा यह रहती है कि कौन से विषय चुने जाए जिससे डॉक्टर या इन्जीनियर का व्यवसाय चुनने मे सहायता मिल सके इसके लिये कुन्डली के ज्योतिषीय योग हमारी सहायता कर सकते हैं तो आइये इस पर चर्चा करें कि ज्योतिेष के द्वारा कैसे जाना जाय कि किस क्षेत्र मे सफलता मिलेगी।

जातक की जन्म पत्रिका में लग्न, लग्नेश, दशम भाव, दशमेश इन पर विभिन्न ग्रहों का प्रभाव, जातक को उचित व्यव्साय जैसे कि डॉक्टर या इन्जीनियर के क्षेत्र का चयन करने मे सहयता करता है। ग्रहों का विभिन्न राशियों में स्थित होना भी व्यव्साय का चयन करने में मदद करता है। यदि चर राशियों में अधिक ग्रह हों तो जातक को चतुराई, युक्ति निपुणता से सम्बधित व्यवसाय में सफलता मिलती है। वह ऐसा व्यव्साय करता है जिसमें निरंतर घूमना पड़ता हो। और यदि स्थिर राशि में ज्यादा ग्रह होते हैं तो एक स्थान वाला कार्य करता है जिसमे डॉक्टरी मुख्य है तथा द्विस्वभाव राशि में अधिक ग्रह हों तो जातक अध्यापन आदि कार्य करता है जिसमे एक स्थान पर भी तथा काम के सिलसिले मे आना जाना भी आवश्यक होता है।

अब मै कुन्डली में डॉक्टर बनने के योगों पर अलग अलग प्रकाश डालता हूँ:

डॉक्टर बनने के योग ज्योतिष रत्न के पाठ 24 के अनुसार:
  1. यदि सूर्य, मंगल,गुरु शनि एवं राहु कुन्डली में बली हों और इनका दशम , एकादश, द्वितीय व सप्तम भाव से सम्बध हो तो जातक डॉक्टर बनता है।
  2. दशम भाव में सूर्य-मंगल की युति जातक को शल्य चिकित्सक बनाती है।
  3. चतुर्थेश दसमस्थ हो तो जातक औषधि चिकित्सक होता है।
  4. डॉक्टर बनने के योगों में सूर्य मुख्य भूमिका निभाता है अतः सूर्य का सम्बध उपर्युक्त भावों से तथा ग्रहों से डॉक्टर बनने मे मदद करता है।
  5. पंचम तथा षष्ट भाव का परस्पर सम्बध भी जातक को रोग दूर करने की बुद्धि प्रदान करता है।
  6. दशम भाव या दसमेश से मंगल या केतु का दृष्टि या युति राशि गत सम्बध हो तो जातक शल्य चिकित्सक होता है।
  7. दशम भाव में शनि तथा सूर्य की युति जातक को दंत चिकित्सक बनाती है।
आइये अब एक उदाहरण देकर समझते हैं:

निम्न कुंडली एक जातिका की है जोकि भारतीय वायुसेना मे एक सफल डॉक्टर के रूप में कार्यरत है। इनका जन्म 2-7-1963 को 8 बज कर 05 मिनट पर मुंबई में हुआ था। इनकी जन्म कुंडली और नवांश कुंडली नीचे दे रहे हैं ।

 Know your profession possibilities with the help of astrology

कुंडली मे सूर्य, राहु और गुरु बलवान हैं। और इनका संबंध क्रमशः द्वितीय दशम एवं एकादश से है जो की उपर्युक्त योगों मे योग नंबर 1 पर दिया है। ऊपर योग संख्या 5 के अनुसार मंगल पंचमेश होकर गुरु पर दृष्टि डाल रहा है। इस प्रकार पंचम और षष्ट का संबंध हो जाता है जो की जातिका को रोगनिदान करने की उत्तम बुद्धि प्रदान करता है। वास्तव में यह जातिका बहुत ही अच्छा रोग निदान करती है उपर्युक्त नवांश कुंडली में भी चिकित्सक के योग स्पष्ट हैं। अतः हम इस प्रकार किसी की भी कुंडली का आध्ययन करके हम इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि जातक डाक्टर बन कर सफल हो सकता है या नहीं।

राम हरि शर्मा





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साप्ताहिक राशिफल (17 फ़रवरी से 23 फ़रवरी 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh;
मेष:इस सप्ताह की शुरुआत में आपकी योजनाएं सफल होंगी। आपकी सुख सुविधाओं की वृद्धि होगी। आप उत्साह से भरे रहेंगे। आपका यही उत्साह आपके विरोधियों को धराशायी करता रहेगा। घरेलू जीवन सुखी रहेगा लेकिन सप्ताह मध्य में चन्द्र, मंगल, शनि, राहु की युति सप्तम भाव में होने वाली है अत: निजी जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। सप्ताहांत में संयमित दिनचर्या अपनाना ठीक रहेगा। वाहन आदि सावधानी से चलाना होगा।

वृषभ:सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में घरेलू तनावों से मुक्ति मिलने वाली है। प्रेम प्रसंग के लिए भी समय अनुकूल रहेगा। आप मौज मस्ती के लिए समय निकाल पाएंगे। सप्ताह मध्य में आपकी मेहनत रंग लाएगी। जीवन साथी या प्रेम पात्र के साथ आनंददायी समय बीतेगा। विरोधियों पर विजय पाने का ये अच्छा मौका है। सप्ताहांत निजी जीवन में संयम से काम लेने का संदेश दे रहा है।

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मिथुन: सप्ताह के शुरुआत में आपका उत्साह कुछ घरेलू चिंताओं के चलते कुछ कम हो सकता है। अगर ध्यान से देखें तो इनमें से अधिंकांश चिंताएं व्यर्थ की ही हैं। यह समय भावुक होकर कोई निर्णय लेने का नहीं है। दिल के साथ-दिमाग का भी सहारा लें। सप्ताह के मध्य में प्रियजनों के मामलों में शीघ्र उत्तेजित होने से बचें। सप्ताह का अंतिम भाग आपके लिए बेहतर रहेगा। कामों में सफ़लता मिलेगी। कठिनाइयों पर आप आसानी से विजय प्राप्त कर पाएंगे।

कर्क: इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं। रुपए पैसों को लेकर चिंतित करने वाले मामलों के निबटने का वक्त आ चुका है। छोटी दूरी की यात्राएँ भी इस अवधि में आप कर सकते हैं। लेकिन अधीनस्थ लोगों या छोटे भाई बहनों से विवाद करने से बचना होगा। सप्ताह के मध्य भाग में आपको कुछ घरेलू चिंताएँ रह सकती हैं। माता पिता को लेकर कुछ सकारात्मक चिंतन ज़रूरी होगा। सप्ताहांत आपके लिए बेहतर परिणाम लिए हुए है।

सिंह
:यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। मनोरंजन के साथ-साथ अब आप अपने आर्थिक पहलू पर भी ध्यान देने की कोशिश करेंगे। धन स्थान का स्वामी बुध, अस्त और वक्री है अत: इस समय आप बचत करने को लेकर चिंतित भी हो सकते हैं। वाणी पर विशेष संयम रखना होगा, व्यर्थ के ख़र्चों से बचें। सप्ताह का मध्य भाग वैसे आपके लिए अनुकूल रहेगा, अधीनस्थ लोगों और भाई बन्धुओं से नाराज़गी उचित नहीं होगी। सप्ताहांत बेहतर रहेगा।

कन्या: यह सप्ताह आपके लिए सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। हालाँकि सप्ताह की शुरुआत में संयमित खान पान करना उचित रहेगा। फिर भी आप सुख सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे। कामों में सफलता मिलेगी। सप्ताह मे मध्य भाग में सब प्रकार से अनुकूल परिणाम मिलेंगे लेकिन अप्रिय सम्भाषण से आपको बचना होगा। सप्ताह के अंतिम दिनों में मनोरंजन के अवसर मिलेंगे। बहुत सम्भव है कि मनोरंजन को लेकर थोड़ी भाग-दौड़ भी करनी पड़े।

तुला: सामान्य तौर पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहेगा लेकिन मानसिक खिन्नता रह सकती है। कुछ ख़र्चे भी बेवजह हो सकते हैं। इस समय नींद में भी कुछ व्यवधान रह सकता है। शुक्र तीसरे भाव में है अत: भाई-बन्धुओं और मित्रों के साथ समय बिताने के मौके मिलेंगे। सप्ताह मध्य में स्वास्थ्य का ख़याल रखना बहुत ज़रूरी होगा। हालांकि सप्ताहांत में बेहतरी आएगी लेकिन कुछ आर्थिक चिंताएँ उस समय भी रह सकती हैं।

वृश्चिक: सप्ताह के शुरुआत में आपकी मेहनत रंग लाती नजर आएगी। चंद्रमा लाभ भाव की ओर बढ़ रहा अत: आपकी मेहनत का फल मिलने वाला है। लाभ की संभावनाएं मज़बूत रहेंगी। लेकिन अगले तीन दिन बाद जब चन्द्रमा बारहवें भाव में होगा तब बेवजह के ख़र्चों और यात्राओं से बचना होगा। इस समय किसी भी यात्रा को करने से पहले उससे होने वाले फ़ायदे और नुकसान के बारे में जांच ज़रूर कर लें। हालाँकि सप्ताहांत में परिस्थितियां आपके पक्ष में होंगी।

धनु: सप्ताह की शुरुआत आपके लिए अनुकूलता लिए हुए है। मन में धार्मिक भावनाओं को लिए हुए आप अपने कार्यों पर ध्यान देने की सोच रहे हैं। इस समय आप अपनी कार्यशैली में नया प्रयोग कर सकते हैं। आप अधिकांश कार्यों में सफ़ल होंगे। वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। लोग आपके कामों की प्रशंसा करेंगे। पंचमेश लाभ भाव में है अत: मित्रों से भी सहयोग मिल सकता है। सप्ताह के अंत में हर मामले में थोड़ी सी सावधानी ज़रूरी होगी।

मकर:सप्ताह की शुरूआत आपके लिए शुभ है। चन्द्रमा नवम भाव में जा रहा है अत: पिछले दिनों जो परेशानियां थी वो कम होना शुरू हो जाएंगी। आर्थिक मामलों के लिहाज से भी सप्ताह शुभ हैं। इस समय आप धर्म या समाज से जुड़ा कोई कार्य कर सकते हैं। सप्ताह के मध्य भाग में आपके कार्यों को प्रशंसा मिलेगी। आपके काम सफ़ल होंगे। सप्ताहांत में लाभ की प्रबल सम्भावनाएं हैं।

कुम्भ:सप्ताह की शुरुआत में आपको सावधानी से काम लेने की सलाह है। इस समय स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है फलस्वरूप अपने कामों को सही ढ़ंग से करने में आप स्वयं को थका हुआ महसूस कर सकते हैं। सप्ताह का मध्य भाग अनुकूल रहेगा। इस समय आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। सप्ताहांत में कामों सफलता मिलेगी। लाभ के अवसर मज़बूत होंगे। लेकिन मित्रों की भावनाओं का ख़याल रखना जरूरी होगा।

मीन
:यह सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। किसी पुरानी बात को लेकर सहयोगियों से बहस हो सकती है अत: सावधानी से काम लेकर विवादों को टालें। जहां तक हो सके अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। निजी जीवन में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। कभी आप निजी संबंधों को लेकर बहुत भावुक हो जाएंगे तो कभी बहुत कठोर। इसलिए बेहतर होगा अपने पार्टनर के साथ कहीं मनोरंजन के लिए जाएँ। सप्ताहांत बेहतर परिणाम देने वाला और परेशानी मुक्त रहेगा।

पं. हनुमान मिश्रा
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ज्योतिष का परामर्श हमारे जीवन को प्रभावित कर सकता है: उषा सक्सेना

ऍस्ट्रोसेज प्रस्तुत करता है हमारी ज्योतिषी 'उषा सक्सेना' जी का इंटरव्यू। उषा सक्सेना जी विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञ हैं जैसे कि- नौकरी, विवाह, पढ़ाई, स्वास्थ, रत्न एवं मुहूर्त आदि। आइये जानते हैं कैसे ज्योतिष विद्या में इनको दिलचस्पी बढ़ी...

 
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1.  ज्योतिष में दिलचस्पी कैसे पैदा हुई? पेशे के तौर पर इस क्षेत्र में आना कैसे हुआ?

ज्योतिष अनदेखी स्तिथिओं के अबूझ प्रश्नों का शास्त्र है। ऐसा क्यों है, कल क्या होगा? यह प्रश्न हर व्यक्ति बूझना चाहता है। जहाँ तक मेरे बारे में प्रश्न की ''ज्योतिष में रूचि कैसे पैदा हुई? ''' काफी पीछे जाना होगा, मेरे बारे में एक शब्द ''किताबी कीड़ा '' काफी हद तक सही है (पंचम भाव में गुरु, लग्न में शनि महाराज) आयु बढ़ने के साथ साथ पढ़ने के विषयों की रूचि बदलती गयी, दर्शन शास्त्र, होम्योपैथी, ज्योतिष पर अधिक ध्यान हुआ (पंचम भाव में गुरु, सब गुरु द्वारा सूचित विषय)। धीरे -धीरे लोगो को ज्योतिष में मेरी रूचि के बारे में पता होने पर लोग परामर्श लेने आने लगे, जब यह संख्या बढ़ गयी और भविष्य कथन सही जाने लगा तो स्वाभाविक है कि आत्मविश्वास बढ़ने लगा। अतः इस कार्य को सुचारू रूप से करने के लिए एक नियम व्यवस्था आवश्यक थी, सो इसे अपने कार्य के रूप में व्यवस्थित कर दिया।

2.  आप कौन-सी ज्योतिषीय पद्धति का उपयोग करते हैं और क्यों?

मै वैदिक ज्योतिषीय पद्धतिका उपयोग करती हूँ, क्योंकि यह सारी ज्योतिषीय पद्धतियों की जननी है।

3.  आपके जीवन में ज्योतिष से जुड़ी कोई घटना या आपकी कोई ऐसी भविष्यवाणी जिसका ख़ासा असर रहा  हो और जिसे आप यहाँ हमारे पाठकों से साझा करना चाहें? 

मेरे सम्बन्ध में ज्योतिष से जुड़ी एक घटनाका उल्लेख करना चाहूंगी, करीब 30 वर्ष पहले आगरा के एक पंडित जी ने मेरी पत्रिका देख कर कहा था, यह ज्योतिष के क्षेत्र में क्यों नहीं आयीं,यदि आतीं तो बहुत नाम कमातीं। सच है कि उसके बाद से मेरे प्रयास एस क्षेत्र में अधिक हो गए।

अपनी सही निकली भविष्यवाणी के बारे में कहना, आत्म प्रशंसा होगी, पर में साझा कर सकती हूँ, 2008 में अमेरिका जाते समय, अमेरिका में बहुत लोकप्रिय एक महिला से भेंट हुई, वे पूरे सफ़र के दौरान मुझसे वार्तालाप करती रहीं। वे अपने बेटे को लेकर बहुत परेशान थी जो अपनी महिला मित्र के कारण घर छोड़ गया था, उन्होंने बेटे की जन्म तिथि आदि मुझे दी। 3 -4 दिन बाद पत्रिका देख कर मैंने उन्हें बताया कि आप का बेटा आप के पास वापस आयेगा, इस प्रेम सम्बन्ध का कोई भविष्य नहीं है। कुछ दिन के बाद उन्होंने फोन पर बताया कि बेटे की प्रेमिका की अचानक बीमार होने के बाद मृत्यु हो गयी है, मैंने लड़की की कुंडली नहीं देखी थी। उन महिला ने वायस ऑफ़ अमेरिका रेडिओ पर मेरा इन्टरव्यू प्रसारित कराया।

4.  उभरते हुए ज्योतिषियों या फिर जिन लोगों की इस विषय में रुचि है उनके लिए आपकी क्या सलाह है? 

उभरते हुए ज्योतिषियों या फिर जिन लोगों की इस विषय में रुचि है उनके लिए मेरी सलाह है कि इस विषय को बहुत ही गहन अध्ययन अपेक्षित है, जिस से आप लोगो को सही सलाह दे पाये, आप का परामर्श किसी के जीवन को प्रभावित कर सकता है। ज्योतिषी अपने श्रम व् समय का मानदेय अवश्य ले पर, उपाय आदि के नाम पर धन कमाने की गलत राह पर न जाये, लोगो को जानबूझ कर भ्रमित न करे, अन्धविश्वास न फैलायें।

5.  आपके मुताबिक़ ऐसी कौन-सी ज्योतिषीय पुस्तकें हैं जिन्हें पढ़ना ही चाहिए?

फलदीपिका, सारावली जैसी प्राचीन पुस्तकें ऐसी ज्योतिषीय पुस्तकें हैं जिन्हें पढ़ना ही चाहिए, नींव -आधार मजबूत -स्पष्ट हो तो आगे की राह सही होगी।

6.  ऍस्ट्रोसेज.कॉम के पाठकों से आप क्या कहना चाहेंगी?

ऍस्ट्रोसेज.कॉम के पाठकों से कहना चाहूंगी की बदले हुए समय की आवश्यकता के अनुसार ज्योतिष के क्षेत्र में बहुत अनुसंधान हो रहे है और भी अनुसंधान की आवश्यकता है, ज्योतिष को वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से देखें -अपनाएं, अन्धविश्वास की तरह नहीं।

वेदस्य चक्षु: किल शास्त्रवेतत प्रधानत अंगेषुयुक्ता। 
अंगेंन्यर्तोन्येरपि पूर्णमूर्ति, चक्षु:विर्ना क: पुरुषत्वमेति॥

यह थीं ज्योतिषी उषा सक्सेना जी के जीवन की कुछ बातें। हमें आशा है इस इंटरव्यू ने आपको ज्योतिष विद्या को और करीब से जानने के लिए प्रेरित किया होगा।
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वेलेंटाइन्स डे - क्या करें, क्या न करें

आजकल के व्यस्त जीवन में हम अपने प्रेम पात्र के लिए समय नहीं निकाल पाते। इसका समाधान है वेलेन्टाइन डे। यदि इस वेलेन्टाइन डे पर आप किसी को प्रपोज़ करने की भी सोच रहे हैं, तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि इस वेलेन्टाइन डे क्या करें, क्या न करें।

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हम अपने हर एक रिश्ते को हर रोज़ ऐसे निभाते हैं या निभाना चाहते हैं मानों हर रोज़ वेलेन्टाइन डे हो। लेकिन दिन ब दिन व्यस्तता इस कदर हावी होती जा रही है कि हम अब अपने प्रेम पात्र को उतना समय नहीं दे पाते जितना आवश्यक है। विदेशों में इसी समस्या को दूर करने का दिन हुआ करता है वेलेन्टाइन डे। अब क्योंकि हमारे देश में भी विदेशों के जैसी व्यस्तता हावी होती जा रही है अत: यहाँ भी वेलेन्टाइन डे का महत्तव बढ़ता जा रहा है। यह परम्परा किसी को अच्छी तो किसी को बुरी भी लग रही है। लेकिन हमें तो सभी कि चिंता है चाहे वो वेलेन्टाइन डे के पक्षधर हो या फिर विरोधी। सभी प्रसन्न रहें, प्रेम से रहें यही हमारी कामना है।

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इस वेलेन्टाइन डे यानी कि 14 फरवरी 2014 को आप किसी नए व्यक्ति को प्रपोज़ करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि इस दिन का चयन या प्रपोज़ल आपके दिलो दिमाग के लिए कैसा रहेगा और इस दिन आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दिन अगर आपने सही निर्णय नहीं लिया तो आप शायद आप श्रीराम सेना और बजरंग दल वालों के डंडों से बच जाएं लेकिन पूरे साल आपके दिलो दिमाग पर जो तनाव या कहर बरपेगा उससे आप नहीं बच पाएंगे। और यदि आपने सही निर्णय लिया तो आप अपने प्रेम पात्र के साथ प्रसन्न रहेंगे।

मेष: इस वेलेन्टाइन डे, चंद्रमा आपके चतुर्थ भाव में है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को प्रपोज़ करने का सोच रहे हैं जिससे आपके घरेलू सम्बंध भी हैं तो यह एक अच्छा निर्णय होगा। लेकिन लग्नेश सप्तम भाव में शनि व राहु के साथ है अत: यह सुनिश्चित करलें कि आपके निर्णय से कोई विवाद तो नहीं पनपेगा। आपका पंचमेश लाभ भाव में है अत: प्रपोज़ करने को लेकर आपका आत्मविश्वास बेहतर रहेगा। अन्य उपहारों के साथ लाल रंग व पीले रंग के फूल ज़रूर दें।

वृषभ: चंद्रमा आपके तीसरे भाव में है। आप अपने वेलेन्टाइन से मिलने के लिए बड़े उत्साहित रहेंगे। लेकिन अष्टम भाव में स्थित शुक्र आपके मन में ये भ्रम दे सकता है कि आज आप कम आकर्षक दिख रहे हैं। आज के दिन चयनित वेलेन्टाइन एक अच्छा जीवन साथी भी हो सकता है। ये वेलेन्टाइन आपको आपके कार्यक्षेत्र में भी मदद करेगा। लेकिन शनि की चन्द्रमा पर दृष्टि कुछ मानसिक तनाव भी दे सकती है। पंचमेश के वक्री व अस्त होने के कारण अपनी बात को स्पष्ट तरीके से समझाने की बेहतर कोशिश ज़रूरी होगी। मजाक में भी कोई ऐसी बात न करें जिससे सामने वाले को ठेस पहुंचे। अन्य उपहारों के साथ हरे रंग की बोतल में बंद हो इत्र ज़रूर भेंट करें।

मिथुन: यदि आपका इरादा किसी ऐसे प्रेम पात्र को तलाश करने का है जिसे आप अपना जीवन साथी भी बनाना चाह रहे हैं तो इस प्रयास में आप काफी हद तक सफल हो सकते हैं। चंद्रमा का दूसरे भाव में होना इस बात का संकेत कर रहा है कि आप अपने वेलेन्टाइन को कोई मंहगा उपहार देने की सोच रहे हैं। पंचमेश शुक्र अपने ही नक्षत्र में है अत: आप अपने वेलेन्टाइन को इम्प्रेस करने में सफल रहेंगे। लेकिन पंचम भाव में पाप ग्रहों की उपस्थिति को देखते हुए अप्रिय संभाषण और क्रोध से बचना होगा। अन्य उपहारों के साथ नीले रंग की बोतल में बंद हो इत्र ज़रूर भेंट करें।

कर्क: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा आपके प्रथम भाव में है अत: आपको प्रसन्नता मिलेगी। लेकिन पंचमेश का चतुर्थ भाव में पाप ग्रहों के साथ होना इस बात का संकेत भी हो सकता है कि आपके वेलेन्टाइन का मन अशांत है वह किसी गलत व्यक्ति से मित्रता करने का इच्छुक हो सकता है। हालांकि यदि आप उसे जीवन साथी बनाने के इच्छुक हैं तो पंचमेश और सप्तमेश की युति उपरोक्त फल न देकर विवाह कराने में सहायक हो सकती है। यानी संयम से काम लेंगे तो सब शुभ होगा। अन्य उपहारों के साथ लाल वस्त्र का उपहार जरूर दें।

सिंह: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा आपके बारहवें भाव में है। यह एक अच्छी स्थिति नहीं है। यदि आप मौज मस्ती के इरादे से एक नया रिश्ता जोड़ने जा रहे हैं तो यह इरादा बदल दें। क्योंकि इस वेलेन्टाइन डे यदि आपने दिल के साथ-साथ विवेक से भी काम लिया तो आपको एक बेहतर जीवन साथी भी मिल सकता है। पंचमेश बृहस्पति लाभ भाव से पंचम को देख रहा है और पंचम में शुक्र स्थित है अत: शुभ परिणाम मिलने के योग मजबूत हैं लेकिन शनि की दृष्टि के कारण आपकी ज़रा सी भी मस्ती आपको किसी गलत व्यक्ति से जोड़ सकती है। अत: विवेकपूर्ण निर्णय लें। इस वेलेन्टाइन डे पर अपने वेलेन्टाइन को पीले रंग का कपड़ा ज़रूर गिफ्ट करें।

कन्या: यह वेलेन्टाइन डे आपके लिए यादगार रहेगा। यदि आपके प्रेम का आंगन अभी तक सूना है और आप किसी को प्रपोज़ करने जा रहे हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा निर्णय साबित होगा। आप जिसे पाने के लिए बहुत भावुक हैं उसकी भावनाएं भी आपके लिए कुछ ऐसी हैं। आपका वेलेन्टाइन आपके लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा। लेकिन ध्यान रहे यदि आपका वेलेन्टाइन जहां आप काम करते हैं उस स्थान से सम्बंध रखता है या परिवार की किसी रिश्तेदारी का है तो इसे लेकर कभी कोई विवाद भी सम्भव है। अन्य उपहारों के साथ नीले रंग का कोई चमकदार पहनावा भेंट करें।

तुला: इस वेलेन्टाइन डे, चंद्रमा आपके दशम भाव में है साथ ही उस पर पंचमेश शनि की दृष्टि भी है इसलिए यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति को प्रपोज करने का रहे हैं जिसका सम्बंध आपके कार्यक्षेत्र से हैं तो यह एक अच्छा निर्णय होगा। लेकिन फिर भी एक से अधिक प्रेम संबंधों को चुपचाप निभाने का इरादा यदि आपके मन में है तो यह अच्छा नहीं होगा। ऐसे में आप एक सच्चे प्रेम को खो देंगे और गलत व्यक्ति का चयन कर बैठेंगे। यदि आप किसी लालचवश कोई रिश्ता जोड़ रहे हैं तो यह भी आपके लिए ठीक नहीं रहेगा। अन्य उपहारों के साथ नीले रंग की बोतल में बंद हो इत्र जरूर भेंट करें।

वृश्चिक: चंद्रमा आपके भाग्य स्थान पर है। यदि आपका वेलेन्टाइन आप से दूर रह रहा है तो आपको उसके मिलने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप अपने वेलेन्टाइन से मिलने के लिए कोई यात्रा करने वाले हैं तो यह आपके लिए अच्छा भी रहेगा। कोई नया प्रस्ताव आपके लिए भाग्योदय कारी सिद्ध होगा। लेकिन यदि आपका कोई पुराना प्रेम प्रसंग रहा है और उसकी तरफ से कुछ अडचने रह सकती हैं। बेहतर होगा कि आप अपने पुराने प्रेम सम्बंध को या तो पूरी तरह से अपना लें या फिर हमेशा के लिए उसे छोड दें। आज के दिन चयनित वेलेन्टाइन न केवल आपके लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा बल्कि एक अच्छा जीवन साथी भी हो सकता है। अन्य उपहारों के साथ इस वेलेन्टाइन डे पर लाल और पीले रंग का गुलदस्ता भेंट करना अच्छा रहेगा।

धनु: यदि आपका इरादा किसी ऐसे प्रेम पात्र को तलाश करने का है जिसे आप अपना जीवन साथी भी बनाना चाह रहे हैं तो इस प्रयास में आप काफी हद तक सफल हो सकते हैं लेकिन चंद्रमा के अष्टम में होने की वजह से मन में कुछ भय या असुरक्षा की भावना व्याप्त रह सकती है। अगर किसी कारणवश आपका अपने वेलेन्टाइन से विवाद चल रहा है तो उसे प्यार से दूर करने की कोशिश कामयाब हो सकती है। अपने वेलेन्टाइन की भावनाओं का खयाल रखना जरूरी होगा। इस वेलेन्टाइन डे पर अपने वेलेन्टाइन को अन्य उपहारों के साथ लाल रंग का कोई कपड़ा पीले रंग के पैकेट में बंद कर जरूर भेंट करें।

मकर: इस वेलेन्टाइन डे पर आपको प्रसन्नता मिलेगी। आपके वेलेन्टाइन का व्यक्तित्त्व बडा आकर्षक होगा लेकिन वो थोड़ा सा जिद्दी हो सकता है। भाग्य स्थान का स्वामी दूसरे भाव में होने के कारण परिवार के लोग भी उसे आसानी से अपना लेंगे। यदि आप अपने गुस्से पर नियंत्रण पाकर मीठा बोलने का संकल्प लेते हैं तो पिछले दिनों से अपने प्रेम पात्र से जो मनमुटाव चला आ रहा था वह दूर हो सकता है। इस तमाम बातों को मद्देनजर रखते हुए आपको आचरण करना चाहिए। अपने वेलेन्टाइन को नीले रंग की बोतल वाला इत्र जरूर गिफ्ट करें, संबंधों में बेहतरी आएगी।

कुम्भ: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा छठे भाव में है। पंचमेश बुध लग्न पर स्थित है। पंचम भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव है अत: आपको अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। आपको मनोनुकूल साथी की प्राप्ति होगी। उसे आपकी भावनाओं का बडा खयाल रहेगा। लेकिन उसके आचरण पर संदेह करना, प्रेम में कमी ला सकता है। यदि आप एक से अधिक लोगों से जुड़ाव रखते हैं तो यह अहितकर हो सकता है। शुभ ग्रहों के प्रभाव के कारण आप उनमें से कोई एक जो सबसे बेहतर हो उसके साथ जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाने का संकल्प लें। यकीन माने जीवन में शुभता आएगी। यदि आप हरे रंग की बोतल वाला कोई इत्र अपने वेलेन्टाइन को भेंट करेंगे तो यह कार्य आपके प्रेम को मजबूत करने वाला सिद्ध होगा।

मीन: इस वेलेन्टाइन डे पर चंद्रमा पांचवें भाव में है। जो इस बात का इशारा कर रहा है कि या तो आपके मन में अपने वेलेन्टाइन को लेकर एक से अधिक विकल्प हैं अथवा आपको एक से अधिक प्रपोजल मिल सकते हैं। बेहतर होगा कि आप एक सही निर्णय लें। अगर आपने सहीं निर्णय लिया तो इस वेलेन्टाइन डे आपके साथ जो वेलेन्टाइन होगा वह आपका लम्बे समय तक साथ निभा सकता है। यदि आप अपने वेलेन्टाइन के साथ कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपकी मनोकामना पूर्ण हो सकती है। इस वेलेन्टाइन डे पर अन्य उपहारों के साथ लाल पीले रंग का कोई कपड़ा सफेद रंग के पैकेट में बंद कर जरूर भेंट करें।

पं. हनुमान मिश्रा

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2 मिनट ज्योतिष कोर्स: मित्र और शत्रु ग्रह (भाग ९)

आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं आज का विषय है ‘मित्र और शत्रु ग्रह’

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-



नमस्‍कार। उच्‍च, नीच राशि के अलावा फलित के लिए ग्रहों की मित्रता एवं शत्रुता को भी जानना आवश्‍यक है। सूर्यादि ग्रह दूसरे ग्रहों के प्रति सम, मित्र, एवं शत्रु होते हैं। मित्र शत्रु तालिका को टेबल में देखें।


ग्रह मित्र शत्रु सम
सूर्य चन्द्र, मंगल, गुरू शनि, शुक्र बुध
चन्द्रमा सूर्य, बुध कोई नहीं शेष ग्रह
मंगल सूर्य, चन्द्र, गुरू बुध शेष ग्रह
बुध सूर्य, शुक्र चंद्र शुक्र, शनि
गुरू सुर्य, चंन्‍द्र, मंगल शुक्र, बुध शनि
शुक्र शनि, बुध शेष ग्रह गुरू, बुध
शनि बुध, शुक्र शेष ग्रह गुरू
राहु, केतु शुक्र, शनि सूर्य, चन्‍द्र, मंगल गुरू, बुध

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यह तालिका बहुत महत्‍वपूर्ण है और इसे भी याद करने की कोशिश करनी चाहिए। यदि यह तालिका बहुत बड़ी लगे तो डरने की कोई ज़रुरत नहीं। तालिका समय एवं अभ्‍यास के साथ खुद व खुद याद हो जाती है। मोटे तौर पर वैसे हम ग्रहो हो दो भागों में विभाजित कर सकते हैं जो कि एक दूसरे के शत्रु हैं -

भाग 1 - सूर्य, चंद्र, मंगल और गुरु
भाग 2 - बुध, शुक्र, शनि, राहु, केतु

यह याद रखने का आसान तरीका है परन्‍तु हर बार सही नहीं है। ऊपर वाली तालिका याद रखें तो ज्‍यादा बेहतर है।

मित्र-शत्रु का मतलब यह है कि जो ग्रह अपनी मित्र ग्रहों की राशि में हो एवं मित्र ग्रहों के साथ हो वह ग्रह अपन शुभ फल देगा। इसके विपरीत कोई ग्रह अपने शत्रु ग्रह की राशि में हो या शत्रु ग्रह के साथ हो तो उसके शुभ फल में कमी आ जाएगी।

इस वीडियो में इतना ही। नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे
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2 मिनट ज्योतिष कोर्स: उच्‍च और नीच ग्रह (भाग ८)

आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं  आज का विषय है ‘उच्‍च और नीच ग्रह

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-


नमस्‍कार। जैसा कि मैंने पहले बताया है एक ग्रह का अच्‍छा या बुरा फल कई अन्‍य बातों पर निर्भर करता है। 6, 8, 12 भावों में ग्रहों के कारकत्‍व को नुकसान पहुंचता है। उसी तरह एक और महत्‍वपूर्ण बात है ग्रह की राशि में स्थिति। कोई भी ग्रह सामान्‍यत अपनी उच्‍च राशि, मित्र राशि, एवं खुद की राशि में अच्‍छा फल देते हैं। इसके विपरीत ग्रह अपनी नीच राशि और शत्रु राशि में बुरा फल देते हैं।

ग्रहों की उच्‍च और नीच राशियाँ निचे दिए गए टेबल में देखें।

क्रम ग्रह उच्च राशि नीच राशि
1 सूर्य मेष तुला
2 चन्द्रमा वृषभ वृश्चिक
3 मंगल मकर कर्क
4 बुध कन्या मीन
5 गुरू कर्क मकर
6 शुक्र मीन कन्या
7 शनि तुला मेष
8 राहु धनु मिथुन
9 केतु मिथुनु धनु

तालिका में कुछ ध्‍यान देने वाली बाते हैं। पहली ग्रह की उच्‍च राशि और नीच राशि एक दूसरे से सातवीं होती हैं। जैसे सूर्य मेष में उच्‍च का होता है जो कि राशि चक्र की पहली राशि है और तुला में नीच होता है जो कि राशि चक्र की सातवीं राशि है।

ग्रह उच्‍च राशि में सबसे बलवान होता है। अपनी राशि में दूसरी श्रेणी का बलवान, मित्र राशि में तीसरी श्रेणी का बलवान, सम राशि में चौथी श्रेणी का, शत्रु राशि में पांचवी श्रेणी और नीच राशि में छठी श्रेणी का यानि सबसे कमजोर होता है।

कुण्‍डली देखना शुरु करें उससे पहले यह नोट करें की कौन कौन से ग्रह अपनी उच्‍च और नीच राशियों में स्थित हैं। जो ग्रह उच्‍च राशि में होते हैं तो अपना फल दे पाते हैं। अगर ग्रह नीच या शत्रु राशि में होकर कमजोर हो तो अपना फल नहीं दे पाते। अपना फल यानि अपने कारकत्‍व और उन भावों के कारकत्‍व जिनका वह ग्रह स्‍वामी हो।

इस वीडियो में इतना ही। नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे


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साप्ताहिक राशिफल (10 फ़रवरी से 16 फ़रवरी 2014)

Saptahik Rashifal of Mesh,Saptahik Rashifal of Vrishabha
 मेष:सप्ताह के शुरुआती दिन आपके लिए स्फूर्ति भरे रहेंगे। आपका उत्साह और आत्मविश्वास बहुत बेहतर रहेगा। फलस्वरूप आप काम में औरों से आगे निकलते नज़र आएंगे। लेकिन ध्यान ये रखना है कि शनि, मंगल और राहु तीनों की दृष्टि लग्न पर है अत: उत्साह और आत्मविश्वास को अनियंत्रित होने से बचाना होगा। सप्ताह के मध्य भाग में आप कुछ मामलों को लेकर चिंतित रह सकते हैं। सप्ताह का अंतिम भाग आपके लिए बेहतर रहेगा। कामों में सफलता मिलेगी। कठिनाइयों पर आप आसानी से विजय प्राप्त कर पाएंगे।

वृषभ: इस सप्ताह के आरम्भिक दिन आपके लिए अनुकूल हैं लेकिन किसी महत्वपूर्ण योजना पर धन का व्यय हो सकता है। शुक्र के अष्टम भाव में होने से आप कुछ चिड़चिड़े हो सकते हैं और अप्रिय सम्भाषण कर सकते हैं। बेहतर होगा शालीनता से काम लेकर हर मामले को सुलझाएं। सप्ताह के मध्य में छोटी दूरी की यात्राएँ सम्भव हैं लेकिन अधीनस्थ लोगों या छोटे भाई बहनों से विवाद करने से बचना होगा। विरोधी परास्त होंगे। सप्ताहांत में कुछ घरेलू चिंताएँ रह सकती हैं। अथवा आप माता-पिता को लेकर कुछ चिंतन कर सकते हैं।
मिथुन:यह सप्ताह आपके लिए मिश्रित फलदायी रहेगा। शुरुआती दिन प्रसन्नता भरा रहेगा। आप मनोरंजन को वरीयता देना चाहेंगे। लेकिन सूर्य के अष्टम भाव में मंगल के दृष्ट होने के कारण अपनी ऊर्जा को विवादों में लगाने से बचें। सप्ताह के मध्य में चंद्रमा स्वगृही होगा जो आपको धन लाभ करवा सकता है। इस समय आप किसी मित्र से आर्थिक मामलों को लेकर अप्रिय सम्भाषण न करें। सप्ताह का अंतिम भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। अष्टम में मंगल के प्रभाव को देखते हुए वाहन सावधानी से चलाना होगा।

कर्क:सप्ताह की शुरुआत में चंद्रमा आपके बारहवें भाव में है अत: सप्ताह के शुरुआती दिनों में आप अपने-आपको शारीरिक रूप से थका हुआ महसूस कर सकते हैं। चतुर्थ में पाप ग्रहों की उपस्थिति और शुक्र की छठे भाव में स्थिति, घरेलू जीवन के लिए ठीक नहीं है। अत: इस समय न केवल घरेलू वातावरण बल्कि घरेलू सामग्रियों के बारे में चिंतन ज़रूरी होगा। सप्ताह के अन्य दिनों में सुख सुविधाओं का लाभ मिलेगा। मित्रों और स्वजनों का सहयोग मिलेगा, लेकिन कुछ ख़र्चे बेवजह हो सकते हैं अत: उन पर नियंत्रण पाएँ।

सिंह:सप्ताह की शुरुआत चन्द्रमा के लाभ भाव में स्थिति होने से हो रही है अत: आवश्यकताओं की आपूर्ति के योग मज़बूत हो रहे हैं, लेकिन धन स्थान के स्वामी बुध का वक्री होने और राहु के नक्षत्र में होने से आमदनी का सदुपयोग ज़रूरी होगा, क्योंकि कुछ बेवजह ख़र्चे रह सकते हैं। सप्ताह के मध्य में कुछ चिंताएँ भी रह सकती हैं। इस समय चंद्रमा बारहवें भाव में शनि से दृष्ट होगा अत: मन में निराशा को घर न करने दें। सप्ताहांत में धन की स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर होगी।

कन्या: सप्ताह के शुरुआत में कामों में सफलता मिलने के अच्छे योग हैं। अधूरे पड़े काम पूरे हो सकते हैं। वरिष्ठ व्यक्तियों का सहयोग व आशिर्वाद मिलने के योग हैं। मान सम्मान में इज़ाफ़ा होगा लेकिन अप्रिय बोलने से बचें अन्यथा सम्मान में कटौती भी हो सकती है। सप्ताह मध्य में लाभ की स्थितियाँ मज़बूत होंगी। फिर भी किसी भी यात्रा को करने से पहले उससे होने वाले फ़ायदे और नुकसान के बारे में जांच ज़रूर कर लें। सप्ताहांत में धैर्य व सावधानी की आवश्यकता रहेगी। साथ ही ख़र्चों पर नियंत्रण भी ज़रूरी होगा।

तुला:सप्ताह की शुरूआत में चंद्रमा भाग्य स्थान पर है और भाग्येश बुध पंचम में, अत: भाग्य साथ होगा। स्थितियाँ पहले से बेहतर होंगी लेकिन स्वास्थ्य के में कमज़ोरी या अन्य कमियों के चलते आप शुरुआती दिनों में ज्यादा बेहतर नहीं कर पाएंगे। हालांकि बाद के दिनों में बेहतर परिणाम मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं। सप्ताह के मध्य भाग में आपके किए कार्य फल देने का संकेत कर रहे हैं। लाभ की प्रबल संभावनाएं हैं। यह सप्ताह प्रेम प्रसंग और निजी जीवन के लिए भी अनुकूल है। लेकिन लापरवाही या अहंकार से बचना होगा।

वृश्चिक
:सप्ताह की शुरुआत में चन्द्रमा अष्टम भाव में है, अत: शुरुआती दिन कुछ कम ठीक रह सकते हैं। लग्नेश भी बारहवें भाव में है अत: स्वास्थ्य का भी ख़याल रखना होगा। खान पान पर संयम भी ज़रूरी होगा। हालाँकि आप जल्द ही स्थितियों पर काबू पा लेंगे। सप्ताह का मध्य भाग में अनुकूलता का आगमन होना शुरु हो जाएगा। इस समय आप किसी दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। संतान या प्रेम सम्बंधों को लेकर सुखद समाचार मिल सकते हैं वहीं सप्ताहांत आपके कामों को सफलता देने वाला रहेगा।

धनु: यह सप्ताह मिश्रित फलदायी रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में आपका घरेलू जीवन विशेषकर दाम्पत्य जीवन सुखमय रहेगा। साझेदारी के कामों में भी तरक्की होने के योग हैं। आपके सहकर्मी, मित्र और जीवनसाथी से भी आपको ढ़ेर सारा प्यार और सहयोग मिलेगा। सप्ताह के मध्य भाग में व्यर्थ की यात्राओं से बचना होगा। मौसम जनित बीमारी का भय रहेगा। जहां तक हो सके अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। वाहन की गति पर नियंत्रण बनाये रखें। सप्ताहांत बेहतर परिणाम देने वाला रहेगा। काम बनेंगे और लाभ के अवसर मज़बूत होंगे।

मकर: सप्ताह के अधिकांश दिन आपके लिए अनुकूल रहेंगे। शुरुआती दिन आपके लिए अनुकूलता लिए हुए हैं। यदि पिछले दिनों से किसी परेशानी से घिरे हुए थे तो उनसे मुक्ति मिलने की उम्मीद है। विरोधियों की योजनाएँ असफल रहेंगी। आपके द्वारा कुछ ऐसे कार्य होंगे जिसकी वजह से लोग आपकी प्रशंसा करेंगे। सप्ताह के मध्य में साझेदारी या महिलाओं के माध्यम से लाभ संभव है। जीवन साथी के स्वभाव में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। सप्ताहांत में विरोधी अहित करने का प्रयास कर सकते हैं।

कुम्भ:इस सप्ताह की शुरुआत में आपकी योजनाएँ सफल होंगी। यद्यपि शुक्र की पंचम में दृष्टि प्रेम प्रसंगों के लिए अनुकूल है, लेकिन पंचमेश बुध के अस्त होने कारण कुछ ग़लतफ़हमियाँ हो सकती हैं अत: संदेह करने से बचें। संतान से संबंधी परेशानी से छुटकारा मिलेगा। सप्ताह के मध्य भाग में प्रतीक्षारत कार्यो में प्रगति होगी । घरेलू जीवन भी सुखी रहेगा। लेकिन सप्ताहांत में निजी जीवन से जुड़े मामलों में सावधानी से काम लेना होगा। अनजाने लोगों पर अधिक विश्वास करना हितकर नहीं होगा।

मीन: सप्ताह का अधिकांश भाग आपके लिए अनुकूल रहेगा। सप्ताह की शुरुआत में घरेलू जीवन को लेकर चली आ रही चिंताओं को दूर करने का विकल्प मिल सकता है। सप्ताह का मध्य भाग प्रेम प्रसंगों के लिए समय अनुकूल रहेगा। लेकिन प्रेम प्रसंग में संयम और साफ़गोई की ज़रूरत बनी रहेगी। सप्ताह के अंत में आपकी मेहनत रंग लाएगी। अदालती मामलों में बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है। यह समय आपके भीतर विरोधियों को परास्त करने की योग्यता को विस्तार देगा। बदलते मौसम का ख़याल रखकर अस्वस्थ होने से बचा जा सकता है।
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हंसी तो फंसी: दर्शकों को कितना हंसा पाएगी?

सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की चर्चित फ़िल्म ‘हंसी तो फंसी’ फ़रवरी 7, 2014 को रिलीज़ हो रही है। दर्शकों में इस नई जोड़ी को देखने का उत्साह देखा जा रहा है। आइये जानें अंकज्योतिषाचार्य पं. हनुमान मिश्रा से इस फ़िल्म की सफलता तथा असफ़लता के बारे में।

Hasee Toh Phasee Astrology


विज्ञापन की दुनिया में अपना हाथ आज़मा चुके विनील मैथ्यू फिल्म 'हंसी तो फंसी' के माध्यम को हसानें के लिए तैयार हैं। फिल्म में ‘स्टुडेंट ऑफ द ईयर’ फेम सिद्धार्थ मल्होत्रा और चुलबुली परिणीति चोपड़ा लीड रोल में हैं। परिणीति ने फिल्म 'लेडीज वर्सेज रिकी बहल' से अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। फिल्म 7 फरवरी 2014 को रिलीज हो रही है। खास बात यह है कि सिद्धार्थ की यह दूसरी फिल्म है और परिणीति के साथ उनकी जोड़ी पर सबकी नजर है। करण जौहर के अलावा अग्निपथ फेम डायरेक्टर करण मल्होत्रा भी इसके प्रॉड्यूसर हैं। उन्होंने फिल्म को अनुराग कश्यप के प्रोडक्शन हाउस ‘फैंटम फिल्म्स’ के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया है। फिल्म को एकदम फ्रेश कहानी वाला बताया जा रहा है और इस फ़िल्म को लेकर अनुराग भी काफी उत्साहित हैं। कहा जा रहा है कि यह एक हास्य फ़िल्म है, लेकिन यह फ़िल्म दर्शको को हंसाने व उनका मनोरंजन करने में कितनी सफल रहेगी इस संदर्भ में हमने प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और अंकशास्त्री पं. हनुमान मिश्रा से बात की और फ़िल्म के रिलीज होने से पहले जानना चाहा कि रिलीज होने के बाद फ़िल्म का और फ़िल्म में काम करने वालों का क्या भविष्य रहेगा?

पंडित जी ने इस फ़िल्म को लेकर जो भविष्यवाणियां की हैं वो इस तरह हैं:

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हंसी तो फसी नाम शनि ग्रह से प्रभावित नाम है। आइए इस बात को थोड़ा विस्तार से समझा जाय। कीरो की अंक गणना शैली के अनुसार हंसी तो फसी शब्द का नामांक 8 है| फ़िल्म इंडस्ट्री का अधिपति शुक्र ग्रह को कहा जाता है और शनि को शुक्र का मित्र कहा गया है इस दृष्टिकोण से तो मामला ठीक है लेकिन यदि यह फ़िल्म एक हास्य फ़िल्म है तो हंसाने के मामलें में शनि से अधिक बेहतर परिणाम की उम्मीद तो नहीं की जा सकती।

आइए अब ये जान लेते हैं कि फ़िल्म में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कलाकारों के लिए फ़िल्म के नामांक और फ़िल्म की रिलीजिंग डेट कैसी रहेगी।

फ़िल्म 7 फरवरी को रिलीज़ हो रही है, जिसका मूलांक 7 है। साथ ही रिलीजिंग डेट का कुल टोटल भी 7 है यानी कि रिलीज़िंग डेट का अंक 7 और फ़िल्म का नामांक 8 है। 7 का 8 से बहुत अच्छा सम्बंध नहीं माना गया है अत: यहां से फ़िल्म को अधिक अनुकूलता मिलती नजर नहीं आ रही है।

फ़िल्म के हीरो सिद्धार्थ मल्होत्रा का मूलांक 7, भाग्यांक 4 और नामांक 7 है। फ़िल्म का नामांक 8 जो इनके मूलांक और नामांक दोनो के लिए ठीक नहीं है जबकि भाग्यांक 4 के लिए शुभ है। रिलीजिंग डेट 7 जरूर इनके लिए बहुत अनुकूल है। अत: फ़िल्म की सफ़लता का श्रेय इनके हिस्से में भी आएगा।

फ़िल्म की नायिका परिणीति चोपड़ा का मूलांक , भाग्यांक और नामांक 4 है अत: फ़िल्म का नामांक 8 हर दृष्टिकोण से इनके लिए अनुकूल है। हालांकि रिलीजिंग डेट इनके लिए अधिक अनुकूल नहीं है। अत: यह कहना ज्यादा उचित रहेगा कि इस फ़िल्म की सफलता का सबसे बड़ा दारोमदार परिणीति चोपड़ा पर रहेगा। ये इस जिम्मेदारी में काफ़ी हद तक खरी उतरेंगी।

कुल मिलाकर देखा जाय तो इस फ़िल्म के लगभग सभी किरदार अच्छा अभिनय करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन सबसे अधिक परिणीति के काम को प्रसंशा मिलेगी। फ़िल्म पहले दिन अधिक कमाई करती नजर नहीं आ रही है। हालांकि दूसरा दिन फ़िल्म के लिए बढ़िया रहेगा।

यह फ़िल्म उत्कृष्ट व्यवसाय तो नहीं कर पाएगी लेकिन लम्बे समय तक सिनेमा घरों में बनी रहने के कारण सम्मानजनक कमाई करने में सफल रहेगी। रिलीज होने से पहले मैं इस फ़िल्म को पांच में से ढाई अंक देना चाहूंगा।

पं. हनुमान मिश्रा
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2 Minute Jyotish Course : भाव के कारकत्‍व (भाग ७)

आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं । आज का विषय है ‘भाव के कारकत्‍व’

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-


भाव के कारकत्‍व कुण्‍डली देखने में बहुत महत्‍वपूर्ण हैं। हर भाव किसी न किसी विषय वस्‍तु के बारे में बताता है। दुनिया की सारी बातों कि जानकारी इन बारह भावों में छिपी हुई है। दुनिया की सारी वस्‍तुओं की बात तो दो मिनट में नहीं की जा सकती पर कुछ महत्‍वपूर्ण कारकत्‍व बताता हूं।


  1. सम्‍पूर्ण कुण्‍डली के बारे में, जन्‍म और व्‍यक्ति का स्‍वाभाव पहले भाव से देखा जाता है।
  2. धन, नेत्र, मुख, वाणी, परिवार दूसरे भाव से
  3. साहस, छोटे भाई बहन, मानसिक संतुलन आदि तीसरे भाव से
  4. मां, सुख, वाहन, प्रापर्टी, घर आदि चौथे भाव से
  5. बच्‍चे, बुद्धि पांचवे घर से
  6. रोग, शत्रु और ऋण छठे भाव से
  7. विवाह, जीवन साथी, पार्टनर सातवें भाव से
  8. आयु, खतरा, दुर्घटना आठवें भाव से
  9. भाग्‍य, पिता, गुरु, धर्म नवें भाव से
  10. कर्म, व्यवसाय, पद, ख्‍याति दसवें घर से
  11. लाभ, अभिलाषा पूर्ति ग्‍यारहवें भाव से
  12. खर्चा, नुकसान, मोक्ष बारहवें भाव से

सामान्‍यत: 6, 8, 12 भाव में किसी ग्रह का बैठना खराब माना जाता है। यह एक सामान्‍य नियम है और इसके कुछ अपवाद भी हैं जिसकी चर्चा बाद में करेंगे। सामान्‍यत: 6, 8, 12 भाव में बैठा हुआ ग्रह न केवल अपने कारकत्‍व को खराब करता है परन्‍तु उस भाव के कारकत्‍व को भी खराब करता है जिस भाव का वह स्‍वामी हो।हमारी उदाहरण कुण्‍डली में मंगल तीसरे और दसवें घर का स्‍वामी है और छठवें घर में बैठा है। मंगल भाई बहन का कारक होता है इसलिए भाई बहन के लिए यह स्थिति अच्‍छी नहीं है। दसवें भाव से व्‍यवसाय देखते हैं इस लिए यह स्थिति व्‍यक्ति के व्‍यवसाय के लिए भी अच्‍छी नहीं है।

पुनीत पाण्डे
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