ऍस्ट्रोसेज प्रस्तुत करता है हमारी ज्योतिषी 'उषा सक्सेना' जी का इंटरव्यू। उषा सक्सेना जी विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञ हैं जैसे कि- नौकरी, विवाह, पढ़ाई, स्वास्थ, रत्न एवं मुहूर्त आदि। आइये जानते हैं कैसे ज्योतिष विद्या में इनको दिलचस्पी बढ़ी...
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1. ज्योतिष में दिलचस्पी कैसे पैदा हुई? पेशे के तौर पर इस क्षेत्र में आना कैसे हुआ?
1. ज्योतिष में दिलचस्पी कैसे पैदा हुई? पेशे के तौर पर इस क्षेत्र में आना कैसे हुआ?
ज्योतिष अनदेखी स्तिथिओं के अबूझ प्रश्नों का शास्त्र है। ऐसा क्यों है, कल क्या होगा? यह प्रश्न हर व्यक्ति बूझना चाहता है। जहाँ तक मेरे बारे में प्रश्न की ''ज्योतिष में रूचि कैसे पैदा हुई? ''' काफी पीछे जाना होगा, मेरे बारे में एक शब्द ''किताबी कीड़ा '' काफी हद तक सही है (पंचम भाव में गुरु, लग्न में शनि महाराज) आयु बढ़ने के साथ साथ पढ़ने के विषयों की रूचि बदलती गयी, दर्शन शास्त्र, होम्योपैथी, ज्योतिष पर अधिक ध्यान हुआ (पंचम भाव में गुरु, सब गुरु द्वारा सूचित विषय)। धीरे -धीरे लोगो को ज्योतिष में मेरी रूचि के बारे में पता होने पर लोग परामर्श लेने आने लगे, जब यह संख्या बढ़ गयी और भविष्य कथन सही जाने लगा तो स्वाभाविक है कि आत्मविश्वास बढ़ने लगा। अतः इस कार्य को सुचारू रूप से करने के लिए एक नियम व्यवस्था आवश्यक थी, सो इसे अपने कार्य के रूप में व्यवस्थित कर दिया।
2. आप कौन-सी ज्योतिषीय पद्धति का उपयोग करते हैं और क्यों?
मै वैदिक ज्योतिषीय पद्धतिका उपयोग करती हूँ, क्योंकि यह सारी ज्योतिषीय पद्धतियों की जननी है।
3. आपके जीवन में ज्योतिष से जुड़ी कोई घटना या आपकी कोई ऐसी भविष्यवाणी जिसका ख़ासा असर रहा हो और जिसे आप यहाँ हमारे पाठकों से साझा करना चाहें?
मेरे सम्बन्ध में ज्योतिष से जुड़ी एक घटनाका उल्लेख करना चाहूंगी, करीब 30 वर्ष पहले आगरा के एक पंडित जी ने मेरी पत्रिका देख कर कहा था, यह ज्योतिष के क्षेत्र में क्यों नहीं आयीं,यदि आतीं तो बहुत नाम कमातीं। सच है कि उसके बाद से मेरे प्रयास एस क्षेत्र में अधिक हो गए।
अपनी सही निकली भविष्यवाणी के बारे में कहना, आत्म प्रशंसा होगी, पर में साझा कर सकती हूँ, 2008 में अमेरिका जाते समय, अमेरिका में बहुत लोकप्रिय एक महिला से भेंट हुई, वे पूरे सफ़र के दौरान मुझसे वार्तालाप करती रहीं। वे अपने बेटे को लेकर बहुत परेशान थी जो अपनी महिला मित्र के कारण घर छोड़ गया था, उन्होंने बेटे की जन्म तिथि आदि मुझे दी। 3 -4 दिन बाद पत्रिका देख कर मैंने उन्हें बताया कि आप का बेटा आप के पास वापस आयेगा, इस प्रेम सम्बन्ध का कोई भविष्य नहीं है। कुछ दिन के बाद उन्होंने फोन पर बताया कि बेटे की प्रेमिका की अचानक बीमार होने के बाद मृत्यु हो गयी है, मैंने लड़की की कुंडली नहीं देखी थी। उन महिला ने वायस ऑफ़ अमेरिका रेडिओ पर मेरा इन्टरव्यू प्रसारित कराया।
4. उभरते हुए ज्योतिषियों या फिर जिन लोगों की इस विषय में रुचि है उनके लिए आपकी क्या सलाह है?
उभरते हुए ज्योतिषियों या फिर जिन लोगों की इस विषय में रुचि है उनके लिए मेरी सलाह है कि इस विषय को बहुत ही गहन अध्ययन अपेक्षित है, जिस से आप लोगो को सही सलाह दे पाये, आप का परामर्श किसी के जीवन को प्रभावित कर सकता है। ज्योतिषी अपने श्रम व् समय का मानदेय अवश्य ले पर, उपाय आदि के नाम पर धन कमाने की गलत राह पर न जाये, लोगो को जानबूझ कर भ्रमित न करे, अन्धविश्वास न फैलायें।
5. आपके मुताबिक़ ऐसी कौन-सी ज्योतिषीय पुस्तकें हैं जिन्हें पढ़ना ही चाहिए?
फलदीपिका, सारावली जैसी प्राचीन पुस्तकें ऐसी ज्योतिषीय पुस्तकें हैं जिन्हें पढ़ना ही चाहिए, नींव -आधार मजबूत -स्पष्ट हो तो आगे की राह सही होगी।
6. ऍस्ट्रोसेज.कॉम के पाठकों से आप क्या कहना चाहेंगी?
ऍस्ट्रोसेज.कॉम के पाठकों से कहना चाहूंगी की बदले हुए समय की आवश्यकता के अनुसार ज्योतिष के क्षेत्र में बहुत अनुसंधान हो रहे है और भी अनुसंधान की आवश्यकता है, ज्योतिष को वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से देखें -अपनाएं, अन्धविश्वास की तरह नहीं।
वेदस्य चक्षु: किल शास्त्रवेतत प्रधानत अंगेषुयुक्ता।
अंगेंन्यर्तोन्येरपि पूर्णमूर्ति, चक्षु:विर्ना क: पुरुषत्वमेति॥
यह थीं ज्योतिषी उषा सक्सेना जी के जीवन की कुछ बातें। हमें आशा है इस इंटरव्यू ने आपको ज्योतिष विद्या को और करीब से जानने के लिए प्रेरित किया होगा।
Mam,agar hum aapse kuch apne future se related puchna chahe to aapse kaise consult kare......
ReplyDeleteFuture keep bare me puchna chahta hi kaise
ReplyDeleteMam kya main kuch puch sakta hun. Please reply me
ReplyDeleteRahul Jain
rahulcool_1984@yahoo.co.in
Mam main kafi time se problem main chal raha hu kiya main aap se apni problem share kar sakta hu.
ReplyDeleteThankyou
please reply
praveen_saxena1979@yahoo.com
Contact on 9826241974 shri bhupendra nigam ji jyotish, bhopal m.p.
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