कल, यानि सितम्बर 5, 2014 को देश भर में पद्मा एकादशी का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। क्या आप भी एक खुशहाल ज़िन्दगी पाना चाहते हैं जिसमे किसी भी समस्या का कोई स्थान न हो? केवल भगवान विष्णु ही आपको ऐसी ज़िन्दगी दे सकते हैं। पद्मा एकादशी के दिन उनकी पूजा करें और अपनी सारी इच्छाएँ पूरी करें।
पद्मा एकादशी का त्यौहार सितम्बर 5, 2014 को देश भर में मनाया जाएगा। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पद्मा एकादशी, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से युक्त होने के कारण, पद्मा एकादशी की शुभता अत्यधिक बढ़ जाती है।
पद्मा एकादशी: पूजा मुहूर्त
शुभ मुहूर्त पर पूजा करना हमेशा ही अच्छा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस समय ब्रह्माण्ड में प्रस्तुत शक्तियाँ आपके हित में काम करती हैं, जिससे पूजा के फल की शुभता और अधिक बढ़ जाती है।
आइये आपको बताते हैं पद्मा एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त (दिल्ली के समयानुसार):
- पद्मा एकादशी पूजा मुहूर्त सुबह के समय: 5.00 से 7:00 बजे तक
- पद्मा एकादशी पूजा मुहूर्त शाम के समय: 5.40 से 7:05 तक
पद्मा एकादशी: महत्व
पद्मा एकादशी व्रत करने से पुराने जन्मों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन जो भी भक्त व्रत का पालन करता है और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना पूरे विश्वास के साथ करता है, वह उनकी कृपा का पात्र होता है। भगवान विष्णु उसके पिछले जन्मों में किये गए सारे पापों को स्वयं ही नष्ट कर देते हैं।
माता लक्ष्मी भी इस दिन भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं। माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में आयी सभी कमियाँ दूर हो जाती हैं और भक्त एक ख़ुशहाल जीवन व्यतीत करता है।
पद्मा एकादशी: पौराणिक कथा
एक बार एक मान्धाता नाम का राजा हुआ करता था। वह बहुत ही उदार एवं दयालु था। ख़ुशहाली और शुभता उसके राज्य के अभिन्न अंग थे। लेकिन एक बार उसके राज्य को समस्याओं ने घेर लिया। लगभग 3 सालों से ज़्यादा तक बारिश ना होने के कारण, उसका राज्य भयानक सूखे की चपेट में आ गया था। इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए राजा ने एक संत से संपर्क किया और उपाय पूछा। संत ने उसे पद्मा एकादशी का व्रत रखने को कहा, जिससे उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो और सारी समस्याओं का समाधान हो सके।
राजा ने पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ पद्मा एकादशी का व्रत किया। इसके परिणाम स्वरुप उसकी सारी परेशानियाँ दूर हुई और उसके राज्य में ख़ुशहाली और शुभता फ़िर से वापस आगयी।
पद्मा एकादशी: पूजा विधि और संस्कार
किसी भी हिन्दू त्यौहार की पूजा विधि और संस्कार उस दिन की शुभता का पूरा लाभ उठाने में मददगार होते हैं। आइये अब पद्मा एकादशी की पूजा विधि की विस्तार से चर्चा करते हैं।
- सुबह जल्दी उठ कर सारे संस्कारों का पालन करें, जैसे नहाना और साफ़ कपडे पहनना।
- भक्त भगवान विष्णु की पूजा करने हेतु मंदिर जा सकते हैं या अपने घर में ही भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना कर पूजा कर सकते हैं।
- भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
- इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना भी विशेष महत्व रखता है।
- पूजा करते समय भगवान की मूर्ति के आगे पूरे दिन व्रत करने का प्रण लें।
- घर पर शुद्ध सात्विक भोजन बनाएँ और ब्राह्मणों को दान करें।
ऊपर दी गयी पूजा विधि द्वारा आप पद्मा एकादशी की पूर्ण शुभता प्राप्त कर सकते हैं। पद्मा एकादशी व्रत का रखें और अपने जीवन की सभी कमियों को दूर करें।
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