मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर (५ सितम्बर २०१४) - शुभ या अशुभ?

मंगल, सितम्बर ५, २०१४, को वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहा है। मंगल का यह गोचर आपके जीवन में किस प्रकार के बदलाव लाएगा? आइये जाने मंगल के वृश्चिक राशि में गोचर के आप के जीवन पर होने वाले प्रभाव निपुण ज्योतिषी ‘रेखा कल्पदेव’ द्वारा।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर और उसके प्रभाव।

एक छात्र के लिए कॉलेज का पहला दिन उत्साह के साथ-साथ ढेर सारी शंकाओं से भरा होता है। हज़ार तरह के सवाल उसके मन-मस्तिष्क में आ-जा रहे होते हैं। ठीक ऐसी ही स्थिति एक किसान की उस वक्त होती होगी, जब वह भूमि के आँचल पर उम्मीदों के बीज बिखेरता होगा। बीज अंकुरित होंगे या नहीं यह उस किसान की चिंता का मुख्य विषय होता होगा। अपना खून पसीना बहाकर किया गया यह कार्य किस हद तक सफल रहेगा, यह भविष्य में समाहित रहता है। कुछ इसी तरह की एक घटना आकाशीय भचक्र में घटित होने वाली है। ५ सितम्बर २०१४, चित्रा नक्षत्र में मंगल अपने शत्रु शुक्र की राशि को छोड़कर स्वराशि वृश्चिक में जा रहे हैं। मंगल की वृश्चिक राशि की यात्रा सभी राशि के व्यक्तियों के लिए सुखद न भी रहे परन्तु यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यह यात्रा जोश, उत्साह, रोमांच और साहस से भरपूर रहेगी। क्योंकि ये सभी मंगल के स्वाभाविक गुण हैं। मंगल गोचर में चन्द्र से ३,६ व ११वें भाव में शुभ फल देते हैं। शेष भावों में अनुकूलता में कमी रहती है। आइये आपको बताते हैं कि यह यात्रा आपके लिए क्या सौगात लेकर आ रही है। 


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यह राशिफल आपकी जन्मराशि को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है।

मेष
जन्म राशि से अष्टम भाव पर मंगल गोचर कर रहा है। इस अवधि में शारीरिक ऊर्जा शक्ति का दुरूपयोग करने से बचें। वाद-विवाद, लड़ाई-झगड़ों के मामलों से स्वयं को अलग रखना हितकारी रहेगा। पारिवारिक शांति को बनाये रखने के लिए, जोश-उत्तेजना में आकर अपना आपा न खोयें। क्रोध की जगह शांति-संयम से काम लें। राहु छठे भाव में आपको चतुराई और नीतियों के द्वारा विरोधी मसलों का हल निकालने की सलाह दे रहे हैं। वैवाहिक जीवन के लिए समय शुभ बना हुआ है। यही स्थिति आजीविका क्षेत्रों के लिए भी बनी हुई है। रोग-ऋण आपकी परेशानियों में वृद्धि कर सकते हैं। कला-कौशल और संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को अपने ज्ञान को आगे बढ़ाने के अवसर मिलेंगे। इन विषयों की विधिवत शिक्षा अारम्भ करने के लिए भी समय शुभ बना हुआ है।

वृषभ
मंगल सप्तम भाव अर्थात विवाह भाव पर अपने सभी शुभ फल देने में असमर्थ रहता है। मंगल ७ वें भाव से जन्मराशि पर प्रभाव डाल रहा है। इस अवधि विशेष में आपके स्वभाव में क्रोध और उत्तेजना अधिक रहेगी। इससे आपसी सम्बन्ध जल्दी तनाव में आ सकते हैं। वैवाहिक जीवन की कड़वाहट को शयन कक्ष के बाहर ही छोड़ देना श्रेयकर रहेगा। विवादों को कोर्ट-कचहरी के बाहर ही सुलझाना सही होगा। प्रॉपर्टी से जुड़े पारिवारिक विवाद खड़े हो सकते हैं। तथा माता के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से बचें। व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए समय की शुभता बनी हुई है। 

मिथुन:
छठे भाव पर मंगल गोचर में शुभफल प्रदान करता है। रोग-ऋण पर नियंत्रण बनाये रखने में सफलता प्राप्त होगी। साहसी कदम उठाने से शत्रु पक्ष शांत रह सकता है। व्ययों का विस्तार हो रहा है। छुपाई गई बातें प्रेम संबंधों में उजागर हो सकती हैं। रिश्तों में पारदर्शिता बनाये रखें, गुप्त रखी बातें सामने आएंगी। आपकी योग्यता और मेहनत में किसी प्रकार की कमी नहीं है, इसलिए आर्थिक पक्ष बल प्राप्त कर रहा है। ऋण वापसी से धन संचय में कमी हो रही है। नौकरी पेशा व्यक्तियों को काम-काज में भाग्य का सहयोग प्राप्त होगा।

कर्क
मंगल आपकी जन्मराशि से पंचम भाव पर रहेंगे। यहाँ मंगल बहुत अच्छे नहीं रहते हैं। प्रेम संबंधों के लिए यह समय मानसिक आघात और तकलीफ़देह हो सकता है। प्रत्येक स्थिति में क्रोध पर नियंत्रण बनाये रखने से विपरीत समय को टाला जा सकता है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों के लिए जोश में होश न खोने की सलाह काम आएगी। स्वास्थ्य में सामान्य उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। सिर दर्द और आँखों के रोग प्रभावी होंगे। मित्रों से विचारों में समरूपता की कमी दृष्टिगोचर हो रही है। भाग्य के सहयोग से स्थिति को अपने नियंत्रण में करने में सहयोग मिलेगा। नौकरी पेशा व्यक्तियों को नौकरी परिवर्तन में समय की शुभता प्राप्त होगी।

सिंह
सुख भाव पर मंगल की स्थिति सुखों का हरण करेगी। मातृ सुख भी इस समय प्रभावित रहेगा। कुछ समय के लिए जन्मस्थान या निवास स्थान से दूर जाना पड़ सकता है। व्यावसायिक कार्यों में आपका नेतृत्व अपना रंग नहीं दिखा पायेगा। नेतृत्व की कमी सफलता में बाधक बन रही है। गृहस्थ जीवन में शुभता का स्तर मध्यम बना हुआ है। प्रेम-परिणय में अस्थिरता के योग हैं। प्यार की ख़ुशूब ग्रहों के आशीर्वाद से आपके जीवन में बिखर सकती है। बशर्ते की आप सकारात्मक बने रहें। जीवन साथी से कुछ विषयों पर अनबन, पारिवारिक माहौल को तनावग्रस्त कर सकती है।

कन्या:
मंगल गोचर काल में लगन और पराक्रम से किये गए सभी कार्यों में आपको सफलता प्राप्त होगी। समय विशेष में मंगल का विशेष प्रभाव प्राप्त होने से आप जोश और ऊर्जा से ओत-प्रोत नज़र आयेँगे। आपके नेतृत्व गुण में निखार आयेगा। तथा अपनी टीम को निर्धारित लक्ष्यों तक ले जाने में आपको सफलता प्राप्त होगी। वैवाहिक जीवन में कटु या व्यंग्यात्मक भाषा का प्रयोग आपसी रिश्तों की मिठास को कम कर सकता है। समय पर कार्यों को अंजाम तक पहुँचाने में आपका समर्पण और लगन सराहनीय बनी हुई है। लाभ मंद गति से आप तक पहुंचेंगे। परन्तु आप प्राप्तियों से संतुष्ट रहेंगे। 

तुला:
पैतृक सम्पति के विवाद पारिवारिक शांति को भंग करने का कार्य कर सकते हैं। मित्रों के साथ समय व्यतीत करने में आनंद की प्राप्ति होगी। आर्थिक सुख समृद्धि प्रबल रहेगी। यह आपके धन-संचय को भी बढ़ाएगी। इस अवधि में आपकी एकाग्रता आय क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगी। पारिवारिक जीवन और दाम्पत्य जीवन में बनी उलझने सुलझने में वक्त ले सकती हैं। इन विषयों को महत्व देते हुए पर्याप्त समय दें। रोग नियंत्रण में रहेंगे। तथा ऋणों से धन आगमन संभावित है। हो सकता है कि प्यार-मोहब्बत के विषयों को चाहकर भी आप समय न दे पायें। 

वृश्चिक:
जन्मराशि पर मंगल के फल आपके पक्ष में जाते नज़र नहीं आ रहे हैं। अत्यधिक जोश और उत्साह से काम लेने के स्थान पर बुद्धिमता और अनुभव के उपयोग से मामलों को संभालें। साहस और जोखिम से भरे क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का धन लगाने से बचें। आर्थिक पक्ष मज़बूत बना हुआ है। प्रेम-संबंधों में बाधाएँ रहेंगी। कार्यों का भार अधिक होने से आप व्यक्तिगत रिश्तों को आवश्यक समय नहीं दे पाएंगे। इसके परिणामस्वरूप रिश्तों में कुछ समय के लिए शिथिलता आ सकती है। माता के स्वास्थ्य में कमी हो सकती है। कार्यक्षेत्र में प्रथम कदम रखने वाले व्यक्तियों का नौकरी प्राप्ति का सफ़र पूरा होगा। पहली आय से आत्मविश्वास बुलंद रहेगा।

धनु:
मंगल गोचर में बारहवें भाव में वैवाहिक जीवन के लिए दुखदायी रहता है। इसके प्रभाव से आपके गृहस्थ जीवन और शयन कक्ष में सुख-शांति की कमी हो सकती है। शत्रु पक्ष और प्रतियोगिताओं में सफलता पाने के लिए इस समय में अनुकूलता बनी हुई है। प्रयासों में भी सफलता प्राप्त होगी। परन्तु घर और कार्यक्षेत्र में आपके सम्बन्ध सुखद नहीं रहेंगे। बढ़ते हुए कार्यभार के कारण आराम की कमी से थकावट का अनुभव आपको हो सकता है। मान -सम्मान के लिए भी यह समय बहुत अच्छा नहीं है। आजीविका क्षेत्र में आपको झूठे आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। इससे मान-सम्मान की चिंता आपको विशेष रूप से हो सकती है।

मकर:
आर्थिक और पारिवारिक क्षेत्र से जुडी सभी समस्याओं का निवारण इस अवधि में हो जाएगा। इससे आय-लाभ के नये स्त्रोत खुलेंगे। व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आपको इस समय में कुछ महत्वपूर्ण यात्राएँ भी करनी पड़ सकती हैं। इस समय में बन रही शुभता आपको अपनी योग्यता और अनुभव दोनों दिखाने का पूरा समय देगी। विदेशी संपर्कों से सहयोग प्राप्त हो सकता है। व्यर्थ के व्ययों पर आपके नियंत्रण का शिकंजा कसा रहेगा। प्रेम सम्बन्धों में समापन के योग बन रहे है। मंगल गोचर आपकी भावुकता में कमी कर आपके व्यवहारिक गुणों को सबके सामने लायेगा। धार्मिक विषयों में आस्था और विश्वास कुछ कमजोर बना हुआ है। 

कुम्भ:
कर्मक्षेत्र में बेवजह किसी से उलझने से बचें। आजीविका क्षेत्र में विवादित विषयों पर अपना मौन बनाये रखें। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण आपके प्रेम संबंधों पर भारी पड़ेगा। किसी गुप्त प्रेम सम्बन्ध की शुरुआत भी इस समय हो सकती है। कार्यभार अधिक और प्राप्तियाँ काम होने से स्थानांतरण और परिवर्तन आपके मन में आ सकता है। माता-पिता के स्वास्थ्य की गिरावट को अनदेखा न करें। उनके स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। मंगल के अनुकूल न रहने से आप जल्दी क्रोधित होंगे। और गुस्सा भी देर में शांत होगा। क्रोध में कोई बड़ा निर्णय गलत न लें। सुसराल पक्ष से उपहार प्राप्त होने के शुभ योग बन रहे हैं। किसी को धन उधार देना पड़ सकता है।

मीन:
आपके द्वारा कोई धार्मिक अनुष्ठान संम्पन्न हो सकता है। कार्यक्षेत्र में आपको लम्बे समय तक कार्य करना पड़ सकता है। आय क्षेत्रों के बाधित होने के कारण आपकी सकारात्मकता प्रभावित होगी। फिर भी इस समय में आपका अनुभव बहुत काम आयेगा। वरिष्ठजनों का पूर्ण सहयोग आपके साथ बना हुआ है। सरकरी नौकरी के लिए प्रयासरत व्यक्तियों के लिए इस समय में विशेष शुभता बनी हुई है। साझेदारी कार्यों में अन्धविश्वास घातक हो सकता है। परिवार और वैवाहिक रिश्तों के लिए समय मिश्रित बना हुआ है। कायर्क्षेत्र की बाधाओं को दूर करने के लिए आप कोई नया प्रशिक्षण लेने का सोच सकते हैं।

मंगल ग्रह के दोषों को शांत करने के लिए मंगल दोष निवारण उपाय किये जाते हैं। यदि मंगल का गोचर अशुभ भावों में हो रहा हो या फिर कुंडली में मांगलिक दोष बना हुआ हो। दोनों ही स्थितियों में मंगल उपाय लाभ देते हैं। इसके आलावा जिन जातकों को मंगल की महादशा/अन्तर्दशा विपरीत फल दे रही हो, उन जातकों को भी उपाय करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यहाँ आपको मंगल की कुछ अचूक उपायों की जानकारी दी जा रही है, आशा है कि आप इनके द्वारा मंगल की शुभता पाने में सफल रहेंगे। 

१. मंगलवार के व्रत का पालन करें, जिस मंगलवार को व्रत करें, उस दिन नमक का सेवन बिलकुल न करें। 
२. हनुमान जी के नित्य दर्शन से भी मंगल देव प्रसन्न होते हैं । 
३. हनुमान चालीसा या महामृत्युन्जय मंत्र की रोजाना कम से कम एक माला का जाप करें। 
४. हनुमान जी के मन्दिर में दीपदान करें तथा बजरंग बाण का प्रत्येक मंगलवार को पाठ करें।
५ . मंगलवार को गुड़ व मसूर की दाल का सेवन करें। 

रेखा कल्पदेव 

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