कार्टूनिस्ट प्राण ने कैसे फूँका चाचा चौधरी में प्राण – जानें अंक शास्त्र से

हर घर में मशहूर और बच्चे बच्चे के पसंदीदा कार्टून हैं चाचा चौधरी और साबू। इन काल्पनिक किरदारों में जान डालने वाले कार्टूनिस्ट 'प्राण'आज हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी ये रचनायें हमेशा उन्हें हमारे बीच रखेंगी। आइये न्यूमरोलॉजी के द्वारा जानते हैं इन किरदारों की सफलता का राज़।

 
आइये जानते हैं कि कार्टूनिस्ट प्राण ने कैसे फूँका चाचा चौधरी में प्राण।
प्राण कुमार शर्मा उर्फ़ कार्टूनिस्ट प्राण के नाम से मशहूर और चाचा चौधरी और साबू के चर्चित कार्टून के जरिए घर-घर में लोकप्रिय हुए कार्टूनिस्ट प्राण 5 अगस्त 2014 की रात्रि में दुनिया छोड़ गए। 76 साल की उम्र वाले कार्टूनिस्ट प्राण पिछले कुछ सालों से कैंसर से पीड़ित थे। पिछले 10 दिनों से वह अस्पताल के इंटेशिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती थे अंतत: वो कैंसर जंग हार गए और 5 अगस्त 2014 दिन मंगलवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।

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प्राण कुमार शर्मा का जन्म 15 अगस्त 1938 को हुआ था। वो राजनीति विषय से स्नातकोत्तर थे। कालेज के दिनों से ही उनके कार्टून अखबार और मैग्जीन में छपने लगे थे। हालांकि बतौर कार्टूनिस्ट अपने करियर की शुरुआत प्राण ने 1960 में दिल्ली से छपने वाले अखबार 'मिलाप' में की थी। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि उनका प्रसिद्ध किरदार चाचा चौधरी "चाणक्य" से प्रभावित किरदार था। यद्यपि उन्होंने कई किरदारों का सृजन किया लेकिन "चाचा चौधरी" नामक किरदार सर्वाधिक प्रसिद्ध हुआ। इसके पीछे किन अंको या ग्रहों का प्रभाव था आइए जानते हैं।

प्राण कुमार शर्मा उर्फ कार्टूनिस्ट प्राण का जन्म 15 अगस्त 1938 को हुआ था। अत: उनका मूलांक 6 और भाग्यांक 8 था। सबसे विशेष बात ये है कि इनके मूलांक 6 और भाग्यांक 8 आपस में मित्र हैं अत: जीवन में कोई बड़ी अड़चने न आने का संकेत मिल रहा है और जीवन में अड़चने न हों तथा व्यक्ति महत्वाकांक्षी हो तो कुछ विशेष ही करता है। आइए अब इनके जन्म तारीख के अंको की भाषा को समझा जाय। उनकी जन्म तारीख में अंक इस प्रकार हैं - 15-08-1938 यानी 1, 5, 8, 1, 9, 3, 8 जहां 1 और 8 अंक की 2 बार पुनरावृत्ति हुई है 5, 9 और 3 एक-एक बार हैं। यानी इनकी जन्म तारीख में सूर्य, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि का प्रभाव है जिस पर सूर्य और शनि का सर्वाधिक प्रभाव है। अब केवल तीन ग्रह बच रहे हैं जिनका प्रत्यक्ष प्रभाव प्राण जी की जन्म तारीख में नहीं है। आइए इनके नाम में उन ग्रहों का प्रभाव ढूंढ़ने की कोशिश की जाय। क्योंकि अंक ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति में अधिक से अधिक ग्रहों का प्रभाव रहता है उसके लोकप्रिय और सफल होने के योग उतने ही मजबूत होते हैं। Pran Kumar Sharma का नामांक 2 है जिसका स्वामी चंद्रमा है। वहीं इन्हें कार्टून की दुनिया अधिकांशत: “प्राण" के नाम से जाना गया जिसका नामांक 7 है। अत: अंक 4 को छोड़कर लगभग सभी अंको का प्रभाव इन पर रहा। लेकिन जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि इनकी जन्म तारीख इस बात का संकेत कर रही है कि इन पर सर्वाधिक प्रभाव 1 और 8 अंक का रहा है अत: जिस पात्र या कॉमिक्स के नाम की वैल्यू 1 या 8 होगी उसके सफल होने की अधिक उम्मीद रहेगी। यद्यपि ये दोनों आपने में श्त्रु अंक हैं लेकिन जो भी हो प्रभाव तो इन्हीं अंको का पड़ना है। 1 अंक का स्वामी होता है सूर्य जो कि प्रसिद्धि का कारक ग्रह है अत: 8 की तुलना में 1 का अंक अधिक प्रसिद्धि दिलाएगा। आइए अब इनके द्वारा सृजन किए गए सभी किरदारों का अंक ज्योतिषीय विश्लेषण कर लिया जाय, उनमें से प्रमुख किरदार हैं:-

Chacha Chaudhary   नामांक 1
Shrimatiji नामांक 5
Pinki नामांक 8
Billoo नामांक 5
Raman नामांक 4
Channi Chachi नामांक 2

यहां पर हमने देखा कि नामांक 1 वाला केवल एक किरदार है वो है "चाचा चौधरी" जबकि नामांक 8 वाला किरदार है "पिंकी"। जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि 8 अंक अपेक्षाकृत कम प्रसिद्धि देगा लेकिन सामान्य दृषिकोण से देखें तो भी अंक ज्योतिष के अनुसार इन्हीं दोनों में से किसी एक को सबसे प्रसिद्ध किरदार होना चाहिए। सबको पता है "चाचा चौधरी" सबसे अधिक प्रसिद्ध है। पिंकी और बिल्लू का नम्बर इसके बाद आता है लेकिन "चाचा चौधरी" ने बाजी मारी तो कैसे? देखते हैं अंक ज्योतिष के चश्में से।

Chacha Chaudhary

c h a c h a c h a u d h a r y

3 5 1 3 5 1 3 5 1 6 4 5 1 2 1

यहां पर हमने देखा की 1का अंक 5 बार है यानी इस नाम का न केवल नामांक 1 है बल्कि 1 के अंक का प्रभाव भी सर्वाधिक है। अब ये देख लिया जाय कि इसमें अंक 1 के शत्रु अंक कितनी बार हैं। अंक 1 के शत्रु अंक 4,6,7 और 8हैं। इनमें से केवल 6 का अंक आया है वो भी एक बार अत: इससे अंक 1 को अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। आइए अब पिंकी को देख लेते हैं:-

Pinki

p i n k i
8 1 5 2 1

पिंकी का नामांक 8 है और इस विश्लेषण में 8 एक बार आया है वहीं उसका मित्र अंक 5 भी एक बार आया है। जबकि शत्रु अंक 1 और 2 में से 1 की पुनरावृत्ति दो बार हुई है। यहां हमने देखा की शत्रु अंकों की अधिकता है अत: रेस में पिंकी पीछे रह गई और चाचा चौधरी आगे निकल गए।

तो इस तरह हम देखा कि अंकों और ग्रहों के प्रभाव नें "चाचा चौधरी" नामक काल्पनिक किरदार को अमर बना दिया। आज "प्राण" साहब भले हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्होने इन किरदारों में जो प्राण फूंके हैं वो तो अमर हैं।

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