सूर्य, सितम्बर १७, २०१४ को कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है। जानें कि सूर्य का यह प्रवेश आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालेगा? आइये जाने सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश का आप के जीवन पर होने वाले प्रभाव निपुण ज्योतिष ‘दीपक दूबे’ द्वारा।
सूर्य 17 सितम्बर, 2014 को प्रातः लगभग 6 बजे (दिल्ली के समयानुसार) सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। पृथ्वी के वायुमंडल तथा जनजीवन पर सूर्य का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। वैसे तो सूर्य को आत्मा का कारक और ग्रहों का राजा माना जाता है, परन्तु यह पाप ग्रह की श्रेणी में आता है। यह अपनी स्वराशि अर्थात सिंह और अपनी उच्च राशि अर्थात मेष के अलावा बहुत अच्छा परिणाम नहीं देता है। किसी जातक की कुंडली में तुला राशि में गया हुआ सूर्य तो एक हज़ार राजयोग नष्ट कर देता है।
सूर्य के अच्छे प्रभाव से व्यक्ति का सामाजिक दायरा और प्रशानिक क्षमता बहुत अच्छी होती है। परन्तु यदि सूर्य का प्रभाव अच्छा नहीं हो तो व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कारण यह है कि सूर्य के कारण मनोबल की कमी और उच्च अधिकारियों या प्रशासन से असहयोग मिलता ही रहता है।
सूर्य १७ सितम्बर को बुध की कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है, बुध और सूर्य का सम्बन्ध सम है। जिस समय सूर्य कन्या में प्रवेश कर रहे हैं उस समय कन्या में ही उच्च का बुध और राहु भी विद्यमान है। तुला में शनि हैं और वृश्चिक का मंगल, शुक्र भी सिंह राशिस्थ है अतः जब तक सूर्य कन्या में रहेंगे, प्राकृतिक आपदाओं की भरमार रहेगी। तूफान, कहीं अति वृष्टि तो कहीं सुखा, बाढ़ तथा भूकम्प जैसी घटनाएँ संभावित हैं। प्रजा भी अशांत रहेगी, प्रशासन कानून व्यवस्था बनाये रखने में असफल होगा। सीमा पर विवाद बढ़ सकता है। सरकार के लिए भी अत्यधिक परेशानियों भरा समय रहेगा।
सूर्य के इस परिवर्तन से सभी राशि के जातकों के जीवन में भी कुछ ना कुछ परिवर्तन आएगा। यह परिवर्तन जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति तथा वर्तमान में ग्रहों की दशा तथा उससे सूर्य के सम्बन्ध पर भी निर्भर करती है। राशियों के ऊपर पड़ने वाले परिणामों की भविष्यवाणी लग्न के आधार पर है अर्थात यह आपकी नाम, चन्द्र या सूर्य राशि पर आधारित नहीं है, और सामान्य है। विशेष परिस्थिति में विशेषज्ञों की सलाह लें।
आइये जानते हैं क्या होगा इस परिवर्तन का प्रभाव भिन्न - भिन्न राशियों पर:
विशेष: यहाँ राशि अर्थात लग्न
मेष:
मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य का यह परिवर्तन छठे भाव में हो रहा है, अतः मानसिक उलझने बढ़ेंगी। संतान तथा पिता से मतभेद या किसी कारण से परेशानी हो सकती है। शिक्षा प्रतियोगिता में भी सफलता कठिन परिश्रम से मिलेगी। धन सम्बंधित जोखिम ना उठायें। प्रयास करें कि उच्च अधिकारियों से मतभेद ना हो।
वृषभ:
आपके लिए सूर्य पंचम भाव में होंगे, बुध, राहु तथा सूर्य की यह युति आपसे गलत निर्णय करा सकती है। परिवार में वाद-विवाद संभव है। बच्चे की सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है। यात्रा में सावधानी आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होगी।
मिथुन:
चौथे भाव में आये हुए सूर्य, राहु के साथ पूरे माह रहेंगे, अतः पारिवारिक सुख में कमी महसूस करेंगे। वाहन से परेशानी हो सकती है। माता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। कार्य-व्यापार में हानि के संकेत हैं, अतः सावधानी बरतें। अनिद्रा तथा बेचैनी बढ़ेगी। तनाव से दूर रहने का प्रयास करें।
कर्क:
सूर्य आपकी लग्न से तीसरे भाव में होंगे, अतः पराक्रम और उत्साह बढ़ा - चढ़ा रहेगा। जन संपर्क तेज़ी से बढ़ेगा। संचार माध्यमों से कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। दूसरों को दबाने की प्रवृत्ति हावी रहेगी। आत्म प्रसंशा, अति उत्साह तथा अहंकार से बचें।
सिंह:
सिंह राशि के जातकों के लिए दूसरे भाव में सूर्य का प्रवेश धन हानि का संकेत दे रहा है। आवेश में लिए गए निर्णय नुकसानदेह साबित होंगे। वाणी तथा क्रोध पर नियंत्रण रखें। यात्रा कष्टकारी होगी। सेवकों तथा मित्रों से सावधान रहें। सिर, आँख तथा दांतों में दर्द या इससे सम्बंधित कोई परेशानी हो सकती है।
कन्या:
लग्न में एक साथ सूर्य, बुध और राहु का होना आपको मानसिक रूप से विचलित कर सकता है। शारीरिक कष्ट तथा व्यर्थ के भ्रमण की सम्भावना बन रही है। व्यापार में साझेदारों से विवाद हो सकता है। वैसे परेशानियों में गूढ़ निति से काम लेने की क्षमता भी अद्भुत रहेगी, फिर भी कार्य - व्यवहार में सावधानी बरतें। अपने जीवन साथी के साथ सम्बन्ध ठीक रखने का प्रयास करें।
तुला:
आपके लिए सूर्य का यह गोचर परिवर्तन द्वादश भाव में हो रहा है। आय में कमी महसूस करेंगे। सुदूर यात्रा के योग बन रहे हैं। बुद्धि के बल पर शत्रुओं को परास्त करने में सफल होंगे। बाहरी संबंधों से लाभ का योग बन रहा है। पिता तथा उच्च अधिकारियों से सम्बन्ध बेहतर बनाने का प्रयास करें। वीरान जगहों पर अकेले ना जाएँ।
वृश्चिक:
पैत्रिक संपत्ति मिलने के आसार बनेगे, परन्तु विवाद भी होगा, अतः सावधानी बरतें। अचानक धन लाभ और हानि दोनों का ही योग बन रहा है अतः आर्थिक निर्णय लेते समय बहुत सावधानी बरतें। गर्भवती महिलाओं को बहुत ध्यान रखने की ज़रुरत होगी। संतान के कारण कुछ परेशानी पैदा हो सकती है।
धनु:
धनु राशि वालों के लिए सूर्य का यह गोचर परिवर्तन दसम भाव में होगा। गोचर के समय राहु और बुध दोनों ही दसम भाव में विराजमान हैं, सूर्य अपनी राशि से यहाँ दुसरे भाव में होंगे अतः भाग्य वश आय होने की सम्भावना रहेगी। परन्तु पिता और उच्च अधिकारीयों से विवाद भी हो सकता है, अतः सावधानी बरतें। माता और पिता को कष्ट का योग बन रहा है, अतः उनके साथ समय बताएँ। निरर्थक यात्रा का योग बन रहा है।
मकर:
भाग्य स्थान में अष्टमेश सूर्य के आने से तथा राहु के यहाँ पहले से ही उपस्थित होने से भाग्य बिलकुल साथ नहीं देगी। जुआ-सट्टा से दूर रहें, केवल भाग्य के भरोसे कोई भी कार्य ना करें। भाई - बहनों तथा किसी करीबी मित्र से बिना वजह विवाद उत्पन्न हो सकता है। आर्थिक हानि तथा कार्यस्थल पर परेशानी का योग है, अतः सावधानी बरतें।
कुम्भ:
अष्टम भाव में राहु तथा सूर्य की यह युति वैवाहिक जीवन के लिए बिलकुल ही अच्छी नहीं है। अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति बेहद सचेत रहें। आपके लिए भी वाहन से दुर्घटना का योग बन रहा है, अतः वाहन चलते समय तथा यात्रा के दौरान सतर्क रहें। कमर तथा कमर के निचले हिस्से में कष्ट का योग है। आर्थिक मामलों में भी सतर्कता अपेक्षित है।
मीन:
सप्तम भाव में पूरे एक माह तक राहु और सूर्य की यह युति दांपत्य जीवन के लिए बिलकुल ही अच्छी नहीं है। जीवन साथी से बिना वजह के विवाद उत्पन्न हो सकता है। कार्य-व्यापार में साझेदारों से सतर्क रहें, धोखा मिल सकता है। आर्थिक मामलों में जोखिम उठाने के लिए बिलकुल ही अच्छा समय नहीं है। पेट सम्बन्धी परेशानी भी उत्पन्न हो सकती है, अतः खान-पान में सावधानी बरतें।
सप्तम भाव में पूरे एक माह तक राहु और सूर्य की यह युति दांपत्य जीवन के लिए बिलकुल ही अच्छी नहीं है। जीवन साथी से बिना वजह के विवाद उत्पन्न हो सकता है। कार्य-व्यापार में साझेदारों से सतर्क रहें, धोखा मिल सकता है। आर्थिक मामलों में जोखिम उठाने के लिए बिलकुल ही अच्छा समय नहीं है। पेट सम्बन्धी परेशानी भी उत्पन्न हो सकती है, अतः खान-पान में सावधानी बरतें।
विशेष
अपने कन्या राशि में गोचर के दौरान पूरे समय तक सूर्य राहु के साथ रहेंगे। प्रारंभ में कुछ दिनों तक यहाँ बुध रहेंगे तो कुछ दिनों बाद ही शुक्र का प्रवेश हो जायेगा। मन-वाणी तथा अपनी इन्द्रियों पर अत्यधिक नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी। सूर्य ग्रहण योग में होंगे, अतः कहीं मनोबल बहुत अधिक होगा तो किसी के मनोबल में भारी कमी आएगी, दोनों ही स्थिति अच्छी नहीं होगी, अतः संयमित रहने का प्रयास करें।
|
पं. दीपक दूबे
No comments:
Post a Comment