2 मिनट ज्योतिष कोर्स: राशि चक्र (भाग ५)

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आएँ, ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में। अब आप ज्योतिष और भी आसानी से सीख सकते हैं, क्योंकि हम आपको ज्योतिष सीखने की एक शृंखला दे रहे हैं I आज का विषय है ‘राशि चक्र’I 

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-



ज्‍योतिष के 2 मिनट कोर्स में फिर से आपका स्‍वागत है। जन्‍म समय पर जन्‍म स्‍थान से अगर आकाश को देखें तो उस समय की ग्रह स्थिति को कुण्‍डली कहते हैं। पृथ्‍वी से देखने से ग्रह एक गोले में घूमते हुए से प्रतीत होते हैं इस गोले को राशिचक्र कहते हैं। इस राशिचक्र को अगर बारह बराबर भागों में बांटा जाये, तो हर एक भाग को एक राशि कहते हैं। इन बारह राशियों के नाम हैं- 1 मेष, 2 वृषभ, 3 मिथुन, 4 कर्क, 5 सिंह, 6 कन्‍या, 7 तुला, 8 वृश्चिक, 9 धनु, 10 मकर, 11 कुंभ और 12 मीन। राशियों का क्रम याद रखना बहुत जरूरी है क्‍योंकि कुण्‍डली में राशियों नम्‍बर ही लिखे जाते हैं।

एक गोले को गणित में 360 अंश यानि कि डिग्री में नापा जाता है। इसलिए एक राशि, जो राशिचक्र का बारहवाँ भाग है 360 भागित 12 यानि ि‍क 30 अंश की हुई। फ़िलहाल ज़्यादा गणित में जाने की बजाय बस इतना जानना काफी होगा कि हर राशि 30 अंशों की होती है।

हर राशि का मालिक निश्चित है और उसे याद रखना जरूरी है। राशि के मालिक या स्‍वामियों को जान लेते हैं।

पहली राशि मेष का स्‍वामी है मंगल। वृषभ का शुक्र, मिथुन का बुध, कर्क का चंद्र, सिंह का सूर्य, कन्‍या का फिर से बुध यानि मिथुन और कन्‍या दो राशियों का मालिक बुध, तुला का फिर से शुक्र, वृश्चिक का फिर से मंगल, धनु का गुरु, मकर और कुंभ शनि और मीन का गुरु।

सूर्य और चंद्र एक एक राशि के ही स्‍वामी होते हैं। राहु केतु किसी भी राशि के स्‍वामी नहीं हैं। बाकि के ग्रह यानि मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि दो दो राशियों के स्‍वामी होते हैं।

इस वीडियो में इतना ही। नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे

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2 comments:

  1. Pandit Punit Pandey ji ka hardik dhanyavaad,aapne jyotish ke prati aam insaan ki jigyaasa ko samjha.Ek baar punah dhanyavaad.Aage bhi aapka lagataar maargadarshan milta rahe,isii aasha ke saath......

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  2. Pandit Punit Pandey ji aap ka hardik dhanyavad.Aap ke grahadi vishleshan se jyotish gyan ke prati jigyasa uttarottar badhti hi jaati hai.Ek samasya ko suljhane mei aapka gyan apekshit hai.Lagna dhanu rikt ho,8vein ghar-kark rashi mei mangal,rahu aur guru hon to isko kaise samjha jaaye?Margadarshan keejiyga to ati kripa hogi.

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