मई २०, २०१४ को मंगल ग्रह कन्या राशि में मार्गी हो रहे है। मंगल का मार्गी होना सबके जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव डालने वाला होगा। यह प्रभाव किस प्रकार के होंगे, आइये जानते है पंडित श्री दीपक दूबे जी से ।
२० मई, २०१४ को प्रातः ६.३७ मिनट पर (दिल्ली के समयानुसार) मंगलकन्या राशि में मार्गी हो रहे हैं। अपनी राशियों मेष, वृश्चिक और अपनी उच्च राशि मकर के अलावा मंगल की उपस्थिति या दृष्टि नुकसान दायक ही होती है। मित्र राशियों जैसे बृहस्पति और सूर्य की राशि पर भी उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यदि इनके स्वामियों के साथ दृष्टि हो तो प्रभाव अच्छा ही पड़ेगा। चन्द्रमा के साथ भी मंगल के प्रभाव में शुभता आ जाती है, परन्तु शनि, राहु, और केतु के साथ या एक साथ दृष्टि काफी नुकसानदायक और मारक हो जाती है। विशेषकर यदि किसी राशि पर एक साथ सूर्य, केतु, और मंगल का प्रभाव पड़ जाये तो। जातक का लग्न यदि मंगल की शत्रु राशि हो और यह दृष्टि या योग अष्टम पर पड़ जाये या लग्न पर पड़ जाये, केतु या मंगल की दशा भी हो तो यह अत्यंत खतरनाक स्थिति हो सकती है।
परन्तु मंगल केवल खतरनाक हो ऐसा भी नहीं है, मंगल का स्वभाव थोड़ी उग्रता भरा है अतः यह जातक के पराक्रम और आत्म बल में भी अप्रत्याशित वृद्धि करता है। वृद्धि सकारात्मक होगी या नकारात्मक यह मंगल के साथ अन्य ग्रहों की दृष्टि और युति पर निर्भर करता है। जैसे मंगल के साथ यदि बृहस्पति, चन्द्रमा, या सूर्य हो तो यह वृद्धि अत्यंत सकारात्मक होगी, विशेषकर बृहस्पति और चन्द्रमा के साथ, परन्तु यदि यह युति राहु के साथ हो जाये तो यह आत्मबल और पराक्रम अत्यंत ही नकारात्मक दिशा में कार्य करने वाला हो जायेगा।
आइये देखते है मंगल के कन्या राशि में मार्गी होने का विभिन्न लग्न के जातकों पर क्या होगा प्रभाव -
मेष: मंगल का मार्गी होना मेष लग्न वालों के लिए अच्छा नहीं होगा। जातक के कार्यों में रुकावट, स्वास्थय की समस्या, घटना दुर्घटना का योग, कर्ज की स्थिति तथा आगे बढ़ने के लिए अत्यधिक संघर्ष करना पड़ेगा। परन्तु मेष लग्न में मंगल अष्टमेष भी है जो छठे भाव में जाने के कारण विमल नामक राजयोग भी बनाता है। मंगल का मार्गी होना सभी परेशानियों के बावजूद भौतिक सुखो में वृद्धि करेगा।
वृषभ: वृषभ लग्न में कन्या का मंगल पंचम भाव में होगा जो जातक के बुद्धि बल को अत्यंत तीव्र करेगा, परीक्षा प्रतियोगिता में लाभ करायेगा, बुद्धि के बल पर धन अर्जित होगा। यदि व्यवसाय में हैं तो नए कार्य के अवसर मिल सकते है, शत्रु परास्त होंगे, रोग से निजात मिलेगा, परन्तु किसी स्त्री से हानि या भय हो सकता है।
मिथुन: मंगल का मार्गी होना मिथुन लग्न के जातकों के लिए अत्यधिक लाभ की स्थिति पैदा करेगा। शत्रुओं के लिए यह मंगल अत्यंत घातक साबित होगा विशेषकर यदि मंगल की ही दशा भी हो। परिवार और सगे संबंधियों के लिए जातक अत्यंत सहयोगी साबित होगा, व्यापर में लाभ तथा नए कार्य की सम्भावना बनेगी। माता के लिए थोड़ा कष्टकारक हो सकता है।
कर्क: कर्क लग्न के जातक जो सामान्यतया सौम्य होते है थोड़े दुःसाहसी हो सकते हैं। इस समय भाई बहनो से मनमुटाव हो सकता है अतः वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। संतान पर धन खर्च हो सकता है, नौकरी या व्यापर में सफलता तो मिलेगी परन्तु परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है। किसी स्त्री के कारण भाग्य प्रबल हो सकता है, पिता और राज्य पक्ष का भरपूर सहयोग मिलेगा।
सिंह: भाग्य में जबरदस्त वृद्धि होगी, पूरे समय भाग्य का भरपूर साथ रहेगा। शत्रु परास्त होंगे, परन्तु संतान पक्ष से थोड़ी चिंता हो सकती है। यदि पढाई के क्षेत्र में हैं तो सफलता मिलने में समस्या आ सकती है। ज़मीन - जायदाद सम्बन्धी मामलो में सफलता मिलेगी, यदि मंगल की दशा या अंतर दशा हो तो और जन्म समय में मंगल अच्छे स्थान में हो तो सिंह लग्न के जातको के लिए यह समय काफी बेहतर साबित होगा।
कन्या: कन्या लग्न के जातकों के लिए यह परिवर्तन बहुत अच्छा नहीं है, नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी। विपरीत लिंगियों के प्रति आकर्षण अत्यधिक बढ़ेगा, कामुकता चरम पर हो सकती है। स्वभाव में उग्रता, जिद्द और झगडे - झंझट की सम्भावना बढ़ेगी, माता पिता के सुख में कमी या किसी के बीमार पड़ने की सम्भावना होगी। मंगल की यह स्थिति केवल ज़मीन - जायदाद के मामलो में अच्छी साबित होगी। अपनी उग्रता और कामुकता पर नियंत्रण रखें, विशेषकर यदि राहु की दशा अंतर-प्रत्यंतर हो तो प्रतिष्ठा को हानी हो सकती है।
तुला: तुला लग्न के जातकों के लिए भी मंगल का यह परिवर्तन अच्छा साबित नहीं होगा, धन और कार्य क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि विवाहित हैं तो पत्नी / पति से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, प्रेम सम्बन्ध में हैं तो टूटने की सम्भावना बढ़ेगी, अतः अपनी उग्रता, वाणी, और जिद्द पर नियंत्रण रखें। इस समय यदि समझौता वादी रहंगे तो अच्छा रहेगा। किसी भी गलत कार्य से बचें अन्यथा अत्यधिक हानि उठानी पड़ सकती है।
वृश्चिक: वृश्चिक लग्न वालों के लिए यह काफी सुखद स्थिति हो सकती है, धन - पद - प्रतिष्ठा में वृद्धि, शत्रुओं को जबरदस्त हानि, कर्ज यदि है तो मुक्ति की पूरी सम्भावना, आय में वृद्धि। पराक्रम और पुरषार्थ चरम पर होगा, काम में मन लगेगा, इस दौरान आय के स्रोत भी एक से अधिक हो सकते हैं। वृश्चिक लग्न के लिए संतान पक्ष से थोड़ी परेशानी हो सकती है विशेषकर संतान यदि पुत्र है तो उसके कारन मानसिक चिंता बढ़ सकती है।
धनु: राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्रों में कार्य के लिए यह बहुत अच्छी स्थिति है, पद और प्रतिष्ठा में प्रचुर वृद्धि का योग बनेगा। संतान पक्ष से भी शुभ समाचार, जमीं जायदाद के मामलो में सफलता, राज पक्ष से मान - सम्मान, भौतिक सुखों में वृद्धि, परिश्रम का लाभ, तो कुल मिलाकर धनु लग्न के जातको के लिए कन्या में मार्गी हुआ मंगल सुखद है।
मकर: मकर लग्न के जातकों के लिए भाग्य स्थान में मार्गी हुआ मंगल जहाँ राज पक्ष, सामाजिक पक्ष से सम्मान और फायदा दिलाने वाला होगा, वहीं भाई - बहनो तथा माता-पिता से अनबन, मित्रों से भी विवाद की स्थिति उत्पन्न करेगा। शत्रुओं के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है, चालाकी और चतुराई में खूब वृद्धि होगी, अर्थात जातक बुद्धि बल पर कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। जमीन - जायदाद का रुका हुआ कार्य अवश्य बनेगा या नयी संपत्ति का भी योग बन सकता है।
कुम्भ: बहुत संभलने की आवश्यकता होगी १३ जुलाई तक, हर जगह नुकसान की सम्भावना बनेगी। आपके व्यवहार के कारण आपको अत्यधिक हानि उठानी पड़ सकती है, भाई - बहन, मित्र, सहकर्मी अर्थात हर जगह मनमुटाव या झगड़ा होने की सम्भावना बहुत ज़्यादा होगी। कार्य व्यापर में हानि उठानी पड़ सकती है अतः सावधानी अपेक्षित है, कोर्ट - कचहरी के मामलो से जितना बचा सके उतना अच्छा।
मीन: अच्छी और सुखद स्थिति बनाएगा मार्गी मंगल, राजनीती, समाज, कार्य, व्यापार, धन इत्यादि के मामलों में आशातीत सफलता मिलेगी, ससुराल पक्ष से भी लाभ मिल सकता है या कोई जबरदस्त सहयोग मिल सकता है, पिता और राज्य से भी सहयोग मिलेगा। विपरीत सेक्स के प्रति अत्यधिक रुझान बढ़ेगा, विपरीत लिंग से नए सम्बन्ध बन सकते हैं, यदि राहु का प्रभाव वर्तमान में हो तो कामुकता पर नियंत्रण रखना बेहतर होगा अन्यथा प्रतिष्ठा को हानि हो सकती है।
विशेष: ऊपर लिखी भविष्वाणी सामान्य आधार पर की गयी है, आपकी अपनी कुंडली पर मंगल का प्रभाव कितना अधिक या कम होगा, यह दशा, अंतर - दशा और जन्म लग्न में बैठे मंगल की स्थिति और युति पर भी निर्भर करेगा। जन्म के समय भी मंगल ख़राब है और वर्तमान समय में भी यदि ख़राब बताया जा रहा है साथ ही दशा भी ठीक न हो तो अत्यधिक सावधानी बरतें। कुम्भ लग्न के जातक हानि से बचने के लिए महामृत्युंजय, रुद्रगायत्री, रुद्राभिषेक या वनदुर्गा के अनुष्ठान या जप का सहारा लें।
ॐ नमः शिवाय
ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे
परन्तु मंगल केवल खतरनाक हो ऐसा भी नहीं है, मंगल का स्वभाव थोड़ी उग्रता भरा है अतः यह जातक के पराक्रम और आत्म बल में भी अप्रत्याशित वृद्धि करता है। वृद्धि सकारात्मक होगी या नकारात्मक यह मंगल के साथ अन्य ग्रहों की दृष्टि और युति पर निर्भर करता है। जैसे मंगल के साथ यदि बृहस्पति, चन्द्रमा, या सूर्य हो तो यह वृद्धि अत्यंत सकारात्मक होगी, विशेषकर बृहस्पति और चन्द्रमा के साथ, परन्तु यदि यह युति राहु के साथ हो जाये तो यह आत्मबल और पराक्रम अत्यंत ही नकारात्मक दिशा में कार्य करने वाला हो जायेगा।
आइये देखते है मंगल के कन्या राशि में मार्गी होने का विभिन्न लग्न के जातकों पर क्या होगा प्रभाव -
मेष: मंगल का मार्गी होना मेष लग्न वालों के लिए अच्छा नहीं होगा। जातक के कार्यों में रुकावट, स्वास्थय की समस्या, घटना दुर्घटना का योग, कर्ज की स्थिति तथा आगे बढ़ने के लिए अत्यधिक संघर्ष करना पड़ेगा। परन्तु मेष लग्न में मंगल अष्टमेष भी है जो छठे भाव में जाने के कारण विमल नामक राजयोग भी बनाता है। मंगल का मार्गी होना सभी परेशानियों के बावजूद भौतिक सुखो में वृद्धि करेगा।
वृषभ: वृषभ लग्न में कन्या का मंगल पंचम भाव में होगा जो जातक के बुद्धि बल को अत्यंत तीव्र करेगा, परीक्षा प्रतियोगिता में लाभ करायेगा, बुद्धि के बल पर धन अर्जित होगा। यदि व्यवसाय में हैं तो नए कार्य के अवसर मिल सकते है, शत्रु परास्त होंगे, रोग से निजात मिलेगा, परन्तु किसी स्त्री से हानि या भय हो सकता है।
मिथुन: मंगल का मार्गी होना मिथुन लग्न के जातकों के लिए अत्यधिक लाभ की स्थिति पैदा करेगा। शत्रुओं के लिए यह मंगल अत्यंत घातक साबित होगा विशेषकर यदि मंगल की ही दशा भी हो। परिवार और सगे संबंधियों के लिए जातक अत्यंत सहयोगी साबित होगा, व्यापर में लाभ तथा नए कार्य की सम्भावना बनेगी। माता के लिए थोड़ा कष्टकारक हो सकता है।
कर्क: कर्क लग्न के जातक जो सामान्यतया सौम्य होते है थोड़े दुःसाहसी हो सकते हैं। इस समय भाई बहनो से मनमुटाव हो सकता है अतः वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। संतान पर धन खर्च हो सकता है, नौकरी या व्यापर में सफलता तो मिलेगी परन्तु परिश्रम अधिक करना पड़ सकता है। किसी स्त्री के कारण भाग्य प्रबल हो सकता है, पिता और राज्य पक्ष का भरपूर सहयोग मिलेगा।
सिंह: भाग्य में जबरदस्त वृद्धि होगी, पूरे समय भाग्य का भरपूर साथ रहेगा। शत्रु परास्त होंगे, परन्तु संतान पक्ष से थोड़ी चिंता हो सकती है। यदि पढाई के क्षेत्र में हैं तो सफलता मिलने में समस्या आ सकती है। ज़मीन - जायदाद सम्बन्धी मामलो में सफलता मिलेगी, यदि मंगल की दशा या अंतर दशा हो तो और जन्म समय में मंगल अच्छे स्थान में हो तो सिंह लग्न के जातको के लिए यह समय काफी बेहतर साबित होगा।
कन्या: कन्या लग्न के जातकों के लिए यह परिवर्तन बहुत अच्छा नहीं है, नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होगी। विपरीत लिंगियों के प्रति आकर्षण अत्यधिक बढ़ेगा, कामुकता चरम पर हो सकती है। स्वभाव में उग्रता, जिद्द और झगडे - झंझट की सम्भावना बढ़ेगी, माता पिता के सुख में कमी या किसी के बीमार पड़ने की सम्भावना होगी। मंगल की यह स्थिति केवल ज़मीन - जायदाद के मामलो में अच्छी साबित होगी। अपनी उग्रता और कामुकता पर नियंत्रण रखें, विशेषकर यदि राहु की दशा अंतर-प्रत्यंतर हो तो प्रतिष्ठा को हानी हो सकती है।
तुला: तुला लग्न के जातकों के लिए भी मंगल का यह परिवर्तन अच्छा साबित नहीं होगा, धन और कार्य क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि विवाहित हैं तो पत्नी / पति से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, प्रेम सम्बन्ध में हैं तो टूटने की सम्भावना बढ़ेगी, अतः अपनी उग्रता, वाणी, और जिद्द पर नियंत्रण रखें। इस समय यदि समझौता वादी रहंगे तो अच्छा रहेगा। किसी भी गलत कार्य से बचें अन्यथा अत्यधिक हानि उठानी पड़ सकती है।
वृश्चिक: वृश्चिक लग्न वालों के लिए यह काफी सुखद स्थिति हो सकती है, धन - पद - प्रतिष्ठा में वृद्धि, शत्रुओं को जबरदस्त हानि, कर्ज यदि है तो मुक्ति की पूरी सम्भावना, आय में वृद्धि। पराक्रम और पुरषार्थ चरम पर होगा, काम में मन लगेगा, इस दौरान आय के स्रोत भी एक से अधिक हो सकते हैं। वृश्चिक लग्न के लिए संतान पक्ष से थोड़ी परेशानी हो सकती है विशेषकर संतान यदि पुत्र है तो उसके कारन मानसिक चिंता बढ़ सकती है।
धनु: राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्रों में कार्य के लिए यह बहुत अच्छी स्थिति है, पद और प्रतिष्ठा में प्रचुर वृद्धि का योग बनेगा। संतान पक्ष से भी शुभ समाचार, जमीं जायदाद के मामलो में सफलता, राज पक्ष से मान - सम्मान, भौतिक सुखों में वृद्धि, परिश्रम का लाभ, तो कुल मिलाकर धनु लग्न के जातको के लिए कन्या में मार्गी हुआ मंगल सुखद है।
मकर: मकर लग्न के जातकों के लिए भाग्य स्थान में मार्गी हुआ मंगल जहाँ राज पक्ष, सामाजिक पक्ष से सम्मान और फायदा दिलाने वाला होगा, वहीं भाई - बहनो तथा माता-पिता से अनबन, मित्रों से भी विवाद की स्थिति उत्पन्न करेगा। शत्रुओं के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है, चालाकी और चतुराई में खूब वृद्धि होगी, अर्थात जातक बुद्धि बल पर कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। जमीन - जायदाद का रुका हुआ कार्य अवश्य बनेगा या नयी संपत्ति का भी योग बन सकता है।
कुम्भ: बहुत संभलने की आवश्यकता होगी १३ जुलाई तक, हर जगह नुकसान की सम्भावना बनेगी। आपके व्यवहार के कारण आपको अत्यधिक हानि उठानी पड़ सकती है, भाई - बहन, मित्र, सहकर्मी अर्थात हर जगह मनमुटाव या झगड़ा होने की सम्भावना बहुत ज़्यादा होगी। कार्य व्यापर में हानि उठानी पड़ सकती है अतः सावधानी अपेक्षित है, कोर्ट - कचहरी के मामलो से जितना बचा सके उतना अच्छा।
मीन: अच्छी और सुखद स्थिति बनाएगा मार्गी मंगल, राजनीती, समाज, कार्य, व्यापार, धन इत्यादि के मामलों में आशातीत सफलता मिलेगी, ससुराल पक्ष से भी लाभ मिल सकता है या कोई जबरदस्त सहयोग मिल सकता है, पिता और राज्य से भी सहयोग मिलेगा। विपरीत सेक्स के प्रति अत्यधिक रुझान बढ़ेगा, विपरीत लिंग से नए सम्बन्ध बन सकते हैं, यदि राहु का प्रभाव वर्तमान में हो तो कामुकता पर नियंत्रण रखना बेहतर होगा अन्यथा प्रतिष्ठा को हानि हो सकती है।
विशेष: ऊपर लिखी भविष्वाणी सामान्य आधार पर की गयी है, आपकी अपनी कुंडली पर मंगल का प्रभाव कितना अधिक या कम होगा, यह दशा, अंतर - दशा और जन्म लग्न में बैठे मंगल की स्थिति और युति पर भी निर्भर करेगा। जन्म के समय भी मंगल ख़राब है और वर्तमान समय में भी यदि ख़राब बताया जा रहा है साथ ही दशा भी ठीक न हो तो अत्यधिक सावधानी बरतें। कुम्भ लग्न के जातक हानि से बचने के लिए महामृत्युंजय, रुद्रगायत्री, रुद्राभिषेक या वनदुर्गा के अनुष्ठान या जप का सहारा लें।
ॐ नमः शिवाय
ज्योतिषविद पं. दीपक दूबे
Mangal kb tk margi rahenge Kanya raashi me
ReplyDeleteJuly 14th2014 tak kanya Rashi me margi he . fir Tula rashi me pravesh hogs
ReplyDeleteMera janam 30 march 56. Me hua hai. Meri ab ki DASA KONSI CHAL RAHI HE. MUJE KONSI RASI DEKHNI HOGI.
ReplyDeleteMera janam 09/06/1984 ko rat m 07:40pm par hua h to kripya merabhavishya batane ka kast kare pls reply
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