पढ़ें हनुमान जी को प्रसन्न करने के महाउपाय! आज 31 मार्च 2018 को चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हनुमान जन्मोत्सव मनाई जा रहा है। इस लेख में पढ़ें महावीर हनुमान की पूजा विधि और नियम।
हनुमान जी की आराधना के लिए आज का दिन बेहद शुभ है। क्योंकि आज पवन पुत्र हनुमान जी का जन्मोत्सव है। राम भक्त हनुमान भगवान शिव के रुद्र अवतार हैं। इनकी कृपा मात्र से भक्तों के समस्त दुःख-दर्द पलभर में दूर हो जाते हैं। विशेषकर उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया है। वहीं दक्षिण भारत में हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। पौराणिक ग्रंथों में भी दोनों तिथियों का उल्लेख मिलता है लेकिन एक तिथि को जन्मदिवस के रुप में तो दूसरी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रुप में मनाया जाता है।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समय
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ | पूर्णिमा तिथि समापन |
30 मार्च 2018 को 19:36:38 | 31 मार्च 2018 को 18:08:29 |
नोट: उपरोक्त समय नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में पूर्णिमा तिथि का समय: हनुमान जन्मोत्सव 2018
महावीर हनुमान की भक्ति से जीवन में सुख और समृद्धि आती है व समस्त दुःखों का नाश होता है। हनुमान जी की पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिनका पालन अवश्य करना चाहिए।
- हनुमान जन्मोत्सव के दिन बजरंग बली को चोला अवश्य चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- यदि आप हनुमान जन्मोत्सव पर व्रत रखते हैं तो इस दिन नमक का सेवन न करें।
- इस दिन हनुमान जी का स्मरण करें और ब्रह्मचार्य व्रत का पालन करें।
- हनुमान जी की पूजा में काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। बल्कि लाल रंग या पीले रंग के कपड़े पहनकर करनी चाहिए।
विस्तार से जानें: हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा की विधि और नियम
इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष ज्योतिषीय संयोग भी बन रहा है। क्योंकि शनि और मंगल दोनों धनु राशि में स्थित हैं। इस वजह से शनि और मंगल का खास द्विग्रही योग भी बना है और इसी दिन चन्द्रमा का हस्त नक्षत्र भी है। ऐसे में यह ज्योतिषीय योग कल्याणकारी सिद्ध हो सकता है।
मंगल और शनि के बुरे प्रभाव से बचने के लिए स्थापित करें: हनुमान यंत्र
अब जानें अपनी राशि के अनुसार हनुमान जन्मोत्सव पर केसरी नंदन को प्रसन्न करने के उपाय…
मेष
मंगल ही इस राशि का स्वामी है। मंगल से संबंधित सिंदूर यदि श्री हनुमान जी को लगाया जाए तो इस राशि के लोगों की मनोवांछित मनोकामना की पूर्ति होती है।
वृष
इस राशि का स्वामी है शुक्र। हनुमान मंदिर में सुगंधित अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
मिथुन
इस राशि का स्वामी है बुध। लाल पुष्प के साथ अपराजिता का पुष्प हनुमान जो को चढ़ाएं और उनको वस्त्र अर्पित करें।
कर्क
इस राशि का स्वामी है चंद्रमा। चंद्रमा का संबंध भगवान शिव से भी है। इसलिए रुद्रावतार श्री हनुमान जी को शिवपुराण अर्पित करें तथा उसका पाठ करें।
सिंह
इस राशि का स्वामी है सूर्य। सूर्य श्री हनुमान जी के गुरु भी हैं। श्री सुन्दरकाण्ड के साथ-साथ श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का भी पाठ करें।
कन्या
इस राशि का स्वामी है बुध। श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। श्री रामरक्षा स्तोत्र का भी पाठ करें।
तुला
इस राशि का स्वामी है शुक्र। सुगंधित अगरबत्ती जलाकर घी का दीपक प्रज्जवलित करें और लाल पुष्प और सिंदूर बजरंगबली को चढ़ाएं।
वृश्चिक
इस राशि का स्वामी है मंगल। शनि के प्रकोप से बचने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं और श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करने के पश्चात मंदिर में प्रसाद बांटें।
धनु
इस राशि का स्वामी है बृहस्पति। श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। श्री हनुमान जी को श्री राम कथा का कोई प्रिय प्रसंग सुनाएं और मंदिर में श्री रामचरितमानस का दान करें।
समस्त संकटों से मुक्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव पर धारण करें: हनुमान कवच
मकर
इस राशि का स्वामी है शनि। शनि की साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी का सम्मुख तिल के तेल का दीपक जलाके श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।
कुंभ
इस राशि का स्वामी है शनि। इस राशि के लोग राम नाम की माला हनुमान जी को पहनाएं। श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें।
मीन
इस राशि का स्वामी है बृहस्पति। हनुमान जयंती के दिन सुन्दरकाण्ड के साथ साथ श्री रामचरितमानस के अरण्यकांड का पाठ भी करें।
एस्ट्रोसेज की ओर से सभी पाठकों को हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ!
Aap ko tahe dil se dhanyabad
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