2 मिनट ज्योतिष कोर्स - घटना के कालनिर्धारण का रहस्य

आएँ, सीखें ज्योतिष सिर्फ़ २ मिनट में ज्योतिषी पुनीत पाण्डे के साथ। हमारी 2 मिनट ज्योतिष कोर्स की शृंखला द्वारा आप आसानी से ज्योतिष के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। आज हम जिस विषय की चर्चा करने जा रहे हैं वो है ‘दशाफल’।

आप इस पाठ की वीडियो नीचे देख सकते हैं-



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ज्‍योतिष के माध्‍यम से ज्‍यादातर समय हम यह जानना चाहते हैं कि कोई घटना कब होगी। मेरा विवाह कब होगा, मेरी नौकरी कब लगेगी ऐसे ही कुछ सामान्‍य प्रश्‍न हैं और उन्हें कैसे देखा जाय आज यह बताता हूँ। ऐसे प्रश्‍नों का उत्‍तर जानने के लिए दशा को समझना ज़रूरी है। ज्‍योतिष में कई तरह की दशाओं के बारे में बताया गया है और मैं सबसे महत्‍वपूर्ण विंशोत्‍तरी दशा के बारे में बताता हूँ।

विंशोत्‍तरी दशा नक्षत्र पर आधारित है। जन्‍म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में बैठा होता है उस नक्षत्र के स्‍वामी की सबसे पहली दशा होती है। जैसे अगर जन्‍म के समय चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में है तो केतु की पहली दशा होगी, भरणी में है तो शुक्र की पहली दशा होगी। दशा में ग्रहों का क्रम नक्षत्र स्‍वामी ग्रहों के क्रम के जैसा ही होता है यानि कि - केतु, शुक्र, सूर्य, चंद्र, मंगल, राहु, गुरु, शनि, और बुध। कुल दशा का समय 120 वर्ष का होती है। जिस प्रकार ग्रहों का दशा क्रम निश्चित है उसी प्रकार हर ग्रह की दशा की अवधि यानि कि दशा कितने साल रहेगी वह भी निश्चित है जैसे केतु की 7 वर्ष, शुक्र की 20 वर्ष, सूर्य की 6 वर्ष आदि। हर ग्रह की महादशा का निश्चित समय ब्‍लैकबोर्ड पर देख सकते हैं।


हर ग्रह की महादशा में फिर से इन्‍हीं नौ ग्रहों की अन्‍तर्दशा इसी अनुपात में होती है। इसी प्रकार हर अन्‍तर्दशा में फिर से नौ ग्रहों की प्रत्‍यन्‍तर्दशा इसी अनुपात में होती हैं और प्रत्‍यन्‍तर्दशा के अन्‍दर सूक्ष्‍म दशाएँ होती हैं आदि। सटीक गणना के लिए आप एस्‍ट्रोसेज डॉट कॉम का मुफ्त साफ्टवेयर इस्‍तमाल कर सकते हैं।

ग्रह अपनी दशा में क्‍या फल देगा यह जानने के लिए तीन बातों को समझें -
  1.  ग्रह मुख्‍य तौर पर जहां बैठा होता है और जिन भावों का स्‍वामी होता है उन भावों का फल देता है।
  2. ग्रह अपने स्‍वाभाव और कारकत्‍व के अनुसार भी फल देता है। अगर कोई ग्रह हमारे 15 नियमों के अनुसार कमजोर जो तो वह अपना फल नहीं दे पाएगा।
  3. साथ ही जैसा नक्षत्र वाले एपीसोड में बताया गया है ग्रह अपने नक्षत्र स्‍वामी के कार्यकत्‍व का भी फल देता है।
अगर आप इन बातों का ध्‍यान रखें तो शादी और नौकरी आदि घटनाओं का सही सही समय निकाल पाएंगे। अपने मित्रों और रिश्‍तेदारों की कुण्‍डलियों पर दशा का अभ्‍यास करें।

आज के एपीसोड में इतना ही। नमस्‍कार।

पुनीत पाण्डे

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