पंडित हनुमान मिश्रा
मोदी चौथी बार मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं। क्या उनकी यह मनोकामना पूर्ण हो पाएगी? आइए जानते हैं उनकी कुण्डली के माध्यम से। उपलब्ध जानकारियों के अनुसार नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 की दोपहर 11:00 बजे वादनगर गुजरात में हुआ।
कुण्डली में कई राजयोग उपस्थित हैं। उन योगों में कुछ योगों के नाम इस प्रकार हैं:- मुसल योग, केदार योग, रूचक योग, गजकेसरी योग, वरिष्ठ योग, वोशि योग, पर्वत योग, कालह योग, शंख योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीचभंग राजयोग, अमर योग, केन्द्र त्रिकोण राज योग, अखण्ड सम्राज्य योग आदि। नि:संदेह इन योगों की उपस्थिति नरेन्द्र मोदी को छोटे से बहुत बडा बनने का संकेत कर रही है।
वर्तमान में जब गुजरात में भाजपा के पुराने लोग ही भाजपा से अलग होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव में हैं, ऐसे में भाजपा का प्रभावित होना स्वाभाविक है। पूरे देश की नजर इस वक्त गुजरात के विधान सभा चुनाव पर टिकी है। देश के कई बड़े दिग्गज विश्लेषक इस चुनाव को लोकसभा चुनाव का रिहर्सल मान रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि यह चुनाव देश की राजनीतिक दिशा भी तय करेगा। आइए नरेन्द्र मोदी की दशाओं की मदद ली जाय और उनसे जाना जाय कि उनका इशारा क्या है। वर्तमान में मोदी पर चन्द्रमा की महादशा, मंगल की अंतरदशा और बृहस्पति की प्रत्यंतर दशा का प्रभाव है। यहां महादशा नाथ चंद्रमा भाग्येश होकर लग्न पर अपनी नीच राशि में स्थित है साथ ही वह लग्नेश मंगल के साथ है। चंद्रमा चतुर्थ भाव का कारक है, मंगल चतुर्थ भाव को देख रहा है और बृहस्पति चतुर्थ भाव में स्थित है। क्योंकि चतुर्थ भाव जनता का है अत: यह इस बात का संकेत है कि कुछ तो ऐसा है जिससे जनता मोदी से कुछ हद तक असंतुष्ट है। चतुर्थ भाव घर या पार्टी का भी है जो यह दर्शा रहा है कि मोदी की पार्टी यानी की भाजपा के लोगों में भी मोदी को लेकर कुछ असंतोष है। चतुर्थ भाव मनोभावों का भी माना गया है अत: यह कहा जा सकता है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठो के मनभेद का सामना मोदी को करना पड रहा है। वर्तमान में साढे साती का प्रभाव भी है अत: गुजरात के पश्चिमी और दक्षणी इलाकों में संघर्ष की स्थितियां बनने के भी संकेत हैं। हांलाकि जो ग्रह चतुर्थ भाव को पीडा पहुंचा रहे हैं वो मोदी के लिए लाभकारी ग्रह हैं। अत: इन विसंगतियों के वावजूद भी जनता का इतना प्यार और वोट मोदी को जरूर मिल जाएगा कि वह एक बार पुन: मुख्यमंत्री बन जाएं। यदि इनके जन्म का विवरण पूर्णरूपेण सही हुआ तो इन्हें इस बार 128 तक सीटें मिल सकती हैं।
ऐसे में शक्तिमान नामक धारावाहिक के एक किरदार तमराजकिलविष का एक डायलाग याद आ रहा है। शायद आपको भी याद हो, "अंधेरा कायम रहे"। ठीक उसी तर्ज पर मोदी की कुण्डली में चल रही मंगल की अंतरदशा उनके साम्राज्य को कायम रहने का संकेत कर रही है। ऐसा लगता है मानो कह रही हो "मोदी राज कायम रहे"।
मोदी चौथी बार मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं। क्या उनकी यह मनोकामना पूर्ण हो पाएगी? आइए जानते हैं उनकी कुण्डली के माध्यम से। उपलब्ध जानकारियों के अनुसार नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 की दोपहर 11:00 बजे वादनगर गुजरात में हुआ।
कुण्डली में कई राजयोग उपस्थित हैं। उन योगों में कुछ योगों के नाम इस प्रकार हैं:- मुसल योग, केदार योग, रूचक योग, गजकेसरी योग, वरिष्ठ योग, वोशि योग, पर्वत योग, कालह योग, शंख योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीचभंग राजयोग, अमर योग, केन्द्र त्रिकोण राज योग, अखण्ड सम्राज्य योग आदि। नि:संदेह इन योगों की उपस्थिति नरेन्द्र मोदी को छोटे से बहुत बडा बनने का संकेत कर रही है।
वर्तमान में जब गुजरात में भाजपा के पुराने लोग ही भाजपा से अलग होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव में हैं, ऐसे में भाजपा का प्रभावित होना स्वाभाविक है। पूरे देश की नजर इस वक्त गुजरात के विधान सभा चुनाव पर टिकी है। देश के कई बड़े दिग्गज विश्लेषक इस चुनाव को लोकसभा चुनाव का रिहर्सल मान रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि यह चुनाव देश की राजनीतिक दिशा भी तय करेगा। आइए नरेन्द्र मोदी की दशाओं की मदद ली जाय और उनसे जाना जाय कि उनका इशारा क्या है। वर्तमान में मोदी पर चन्द्रमा की महादशा, मंगल की अंतरदशा और बृहस्पति की प्रत्यंतर दशा का प्रभाव है। यहां महादशा नाथ चंद्रमा भाग्येश होकर लग्न पर अपनी नीच राशि में स्थित है साथ ही वह लग्नेश मंगल के साथ है। चंद्रमा चतुर्थ भाव का कारक है, मंगल चतुर्थ भाव को देख रहा है और बृहस्पति चतुर्थ भाव में स्थित है। क्योंकि चतुर्थ भाव जनता का है अत: यह इस बात का संकेत है कि कुछ तो ऐसा है जिससे जनता मोदी से कुछ हद तक असंतुष्ट है। चतुर्थ भाव घर या पार्टी का भी है जो यह दर्शा रहा है कि मोदी की पार्टी यानी की भाजपा के लोगों में भी मोदी को लेकर कुछ असंतोष है। चतुर्थ भाव मनोभावों का भी माना गया है अत: यह कहा जा सकता है कि पार्टी के कुछ वरिष्ठो के मनभेद का सामना मोदी को करना पड रहा है। वर्तमान में साढे साती का प्रभाव भी है अत: गुजरात के पश्चिमी और दक्षणी इलाकों में संघर्ष की स्थितियां बनने के भी संकेत हैं। हांलाकि जो ग्रह चतुर्थ भाव को पीडा पहुंचा रहे हैं वो मोदी के लिए लाभकारी ग्रह हैं। अत: इन विसंगतियों के वावजूद भी जनता का इतना प्यार और वोट मोदी को जरूर मिल जाएगा कि वह एक बार पुन: मुख्यमंत्री बन जाएं। यदि इनके जन्म का विवरण पूर्णरूपेण सही हुआ तो इन्हें इस बार 128 तक सीटें मिल सकती हैं।
ऐसे में शक्तिमान नामक धारावाहिक के एक किरदार तमराजकिलविष का एक डायलाग याद आ रहा है। शायद आपको भी याद हो, "अंधेरा कायम रहे"। ठीक उसी तर्ज पर मोदी की कुण्डली में चल रही मंगल की अंतरदशा उनके साम्राज्य को कायम रहने का संकेत कर रही है। ऐसा लगता है मानो कह रही हो "मोदी राज कायम रहे"।
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