1989 में अपना करियर शुरू करने के बाद पूरी दुनिया को अपनी बल्लेबाजी से चमत्कृत करने वाले और क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज सचिन घरेलू टेस्ट सीरीज में अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। इसलिए उनके चाहने वालों के मन में यह जिज्ञासा होना स्वाभाविक है कि सचिन अपने आखिरी यानी कि 200वें मैंच में कैसा प्रदर्शन करेंगे। लेकिन उससे पहले होने वाले मैच यानि कि 199वें मैच में सचिन कैसा प्रदर्शन करेंगे, यह जानने कि इच्छा भी आपके मन में होगी। आपकी इसी जिज्ञासा के समाधान के लिए हमने एस्ट्रोसेज की ज्योतिषीय टीम से सम्पर्क किया और जानना चाहा कि ज्योतिष इस बारे में क्या नजरिया रखता है। तो कुछ इस तरह का भविष्य कथन सामने आया।
24 अप्रैल 1973 को सिंह लग्न और मिथुन के नवांश में जन्में सचिन तेंदुलकर पर वर्तमान में राहुअ की महादशा और चंद्रमा की अंतरदशा का प्रभाव है। यद्यपि राहु और चंद्रमा के योग को ज्योतिष के जानकार बहुत शुभ नहीं मानते अत: एक उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सचिन को बहुत ही मेहनत करनी पडे़गी लेकिन राहु और शनि दोनों ही कुन्डली के पाचवें भाव में बैठे हुए है। पांचवां शुभ भाव माना गया है अत: सचिन के प्रदर्शन को निराशाजनक भी नहीं कहा जाएगा। यानी महादशा और अंतरदशा के अनुसार सचिन के प्रदर्शन को औसत कहा जाएगा लेकिन मैच खेले जाने की अवधि में चंद्रमा की ही प्रत्यंतर दशा का प्रभाव रहेगा। चंद्रमा शुक्र के नक्षत्र में स्थित है और शुक्र तृतीयेश और दशमेश होकर भाग्य स्थान में स्थित है अत: यहां पर शुभता में और भी इजाफ़ा हो रहा है। मैच खेले जाने की अवधि में बृहस्पति और शनि की सूक्ष्मदशा का प्रभाव रहेगा।
बृहस्पति कुण्डली के छठे भाव में है जो कम्पटीशन के लिए तो शुभ है लेकिन कुछ अस्वस्थता भी दे सकता है। जबकि शनि दसम में स्थित है और बड़े मान सम्मान का कारक है। यानी सचिन को दशाओं का काफी हद तक सपोर्ट मिल रहा है। आइए अब गोचर पर भी एक नजर डाल ली जाय।
6 तारीख से 10 तारीख के बीच चंद्रमा चतुर्थ भाव से लेकर छठे भाव के बीच गोचर करेगा। यानी यदि 6-7 तारीख के दौरान सचिन खेलते हैं तों उनका प्रदर्शन बहुत बेहतरीन नहीं रह पाएगा लेकिन 8-9-10 तारीख के दौरान यदि सचिन खेलते हैं तों उनका प्रदर्शन बहुत बेहतर रहने की उम्मीद है। यादि इस भविष्य कथन को परसेन्टेज के हिसाब से देखा जाय तो सचिन के 75% अच्छा खेलने की उम्मीद है।
पं. हनुमान मिश्रा
पं. हनुमान मिश्रा
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