बृहस्पति का कर्क राशि में गोचर: क्या होंगे जीवन पर प्रभाव?

19 जून, 2014 को बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करने वाला है। यह गोचर 14 जुलाई, 2015 तक बृहस्पति इसी राशि में रहेगा। बृहस्पति को नवग्रहों में सबसे शुभ ग्रह माना गया है। इस गोचर के परिवर्तन से आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा, आइए जानते हैं।

Guru Ka Karka Rashi Mein Gochar 2014 Mein, Badal Dega Aapka Jeevan.

ज्‍योतिषीय ग्रंथों के अनुसार बृहस्पति को नवग्रहों में सबसे शुभ ग्रह माना गया है। शायद इसका कारण यह भी है कि गोचर में अधिकांश समय बृहस्पति की स्थिति लोगों के लिए शुभ ही बनी रहती है। सामान्यत: बृहस्पति ग्रह लोगों के लिए कष्टकारी नहीं होता। ऊपर से जब बृहस्पति अपनी उच्चावस्था यानी कि कर्क राशि में हो तो लोगों को और भी शुभफल देता है। 19 जून 2014 को देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में प्रवेश करने वाला है और यह 14 जुलाई 2015 तक इसी राशि में रहेगा। बृहस्पति के इस राशि परिवर्तन से आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा, आइए जानते हैं। सबसे पहले चर्चा मेष राशि की-


मेष: देवगुरु बृहस्पति के इस राशि परिवर्तन के कारण आपको सुख सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने का मौका मिलने वाला है। नई गाड़ी या फ़िर नए घर में रहने का मौका मिलने वाला है, यानी कि यदि आप इस वर्ष कोई जमीन जायदाद खरीदने के मूड में हैं या फ़िर घर या वाहन खरीदने की सोच रहें है तो यकीन माने आपकी कोशिश जरूर रंग लाएगी। घरेलू जीवन की जिन परेशानियों से आप दुखी हो चुके थे उनसे निजात मिलने का समय आ चुका है। यानी कि घर परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। आपको न केवल आम के आम बल्कि गुठलियों के दाम भी मिलने वाले हैं यानि कि इस गोचर की वजह से न केवल आप बड़े अधिकारियों और शक्ति सम्पन्न व्यक्तियों के सम्पर्क में आएंगे बल्कि आपके मान सम्मान में इजाफ़ा भी होगा। और यदि आप नौकरी या व्यापार में कुछ बदलाव लाने की सोच रहे हैं तो यकीन मानें आपकी मेहनत न केवल रंग लाएगी बल्कि तरक्की भी दिलाएगी। अब ऐसा भी नहीं कि इतनी सारी खुशियां मिलने के कारण आप ईश्वर को भूल जाएंगे इस गोचर की वजह से आप धार्मिकता भी अपनाएंगे। इसके बाबजूद भी आगर आप किसी भी प्रकार के कष्ट का अनुभव करते हैं तो अपने चरित्र को पवित्र बनाए रखते हुए मंदिर में जाकर चने की दाल का दान करें। सब मंगल होगा। अब बात वृष राशि की।


वृषभ: बृहस्पति का गोचर आपके तीसरे भाव में हो रहा है तो आपके भीतर एक नए आत्मविश्वास, नई ऊर्जा का होना लाजमी है। और क्योंकि यहा ऊर्जा बृहस्पति के द्वारा दी जा रही है अत: आप कुछ ऐसे काम करेंगे कि लोग, वाह वाह कर उठेंगे। आपका सामाजिक दायरा तो बढ़ेगा ही साथ ही प्रचुर मात्रा में मान सम्मान भी मिलने वाला है। और यदि आप कहीं घूमने फिरने की सोच रहे है या फिर कुछ छोटी दूरी की यात्राएं करने की सोच रहे हैं तो जरूर कीजिए उनसे आपका मनोरंजन तो होगा ही कुछ काम भी बनेंगे। यानी पीजा के साथ कोल्ड्रिंक मुफ़्त जैसी बात होगी। लेकिन हकीकत में आपको पीजा और कोल्ड्रिंक जैसी चीजों से करना होगा परहेज अन्यथा सेहत हो सकती है कमजोर। आप घर परिवार को लेकर कोई महत्वपूर्ण कार्य करना चाहेंगे। वैवाहिक जीवन की बात करें तो वैवाहिक जीवन सुखद रहने के सुंदर संयोग हैं। सहयोगियों और भागीदारों से भी सहयोग मिलेगा। बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलता रहेगा। कष्ट की स्थिति में देवी दुर्गा की पूजा करें और कन्याओं अर्थात छोटी लड़कियों को मिठाई और फल देते हुए उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। सब मंगल होगा। आइए, अब चर्चा कर ली जाय मिथुन राशि की।

मिथुन: बृहस्पति का यह गोचर आपके धन संचय के लिए बहुत अनुकूल रहेगा। आप खूब धन इकट्ठा करेंगे साथ ही आप घर परिवार के हित में खर्चे भी करेंगे। इस साल परिवार में कोई शुभ कृत्य सम्भव हैं। यानी आप बैंड बाजा बारात के लिए तैयार रहें। परिवार में किलकारियां गूंजने के योगायोग भी प्रतीत हो रहे हैं। और एक बात और वो है कि मैं कहीं कवी न बन जाऊं तेरे प्यार में ऐ कवीता जी जिनकी उमर किशोरावस्था की है वो प्यार में पड़ के कवी बन सकते हैं और जो मैच्योर हैं वो भी कला और साहित्य के प्रति रुचि ले सकते हैं। इस गोचर के कारण आपकी लोकप्रियता में भी इजाफ़ा होगा। इसी के कारण आप विरोधियों और प्रतिस्पर्धियों को परास्त कर अपने क्षेत्र में बेहतर करते नजर आएंगे। इसके बाद भी यदि कोई कष्ट हो तो पुजारी को पीले कपड़ों का दान करें। सब मंगल होगा। अब बारी है कर्क राशि की।

कर्क: देव गुरु बृहस्पति आपकें लग्न भाव में आ रहे हैं अत: आपका दिमाग पूरी तरह चैतन्य और सकारात्मक सोच वाला रहेगा। यानि की आप पूरे पंडित बनने वाले हैं। यहां पंडित का मतलब किसी जाति से नहीं ज्ञानी बाबा से है। तो ज्ञानी बाबा जी आपकी योग्यता का और विकास होने वाला है और अपनी योग्यता के कारण आप विपरीत परिस्थितियों का सामना करने में समर्थ होंगे। आपका मन प्रसन्न रहेगा। और मन चंगा तो कठौती में गंगा। और गंगा का मतलब सब पवित्तर कर देंगे। यानी कि घर परिवार में पहले की अपेक्षा अधिक सुख शांति आएगी। साथ ही परिवार में कोई शुभ संस्कार भी हो सकता है। इस गोचर के कारण आपकी आमदनी बढ़ने के योग मजबूत हो रहे हैं। उच्चाधिकारियों से आपके सम्बंध सुधरेंगे। नौकरी में तरक्की भी सम्भव है। इस गोचर के कारण आपके स्वभाव में दार्शनिकता का भाव भी जागेगा। फिर भी कष्ट हो तो गायों की सेवा करें और अछूतों की मदद करें। सब मंगल होगा। अब बात सिंह राशि की।

सिंह: क्योंकि बारहवें भाव में बृहस्पति के गोचर को अधिक अनुकूल नहीं कहा गया है अत: यह गोचर आपके लिए आपके त्रिकोण यानी कि पंचम भाव का स्वामी होने के बावजूद भी बृहस्पति आपका अधिक फ़ेवर नहीं कर पाएगा। और यही कारण है कि आपके मन में कुछ असुरक्षा की भावना रह सकती है। लेकिन याद रखें कि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत। तो अगर आपको जीतना है तो मन में आ रही असुरक्षा की भावना को अपने होशयुक्त जोश के माध्यम से दूर भगाएं, जीत आपकी होगी। फ़ालतू कामों में न उलझें और सही दिशा का चयन सावधानी पूर्वक करें। विरोधियों के षडयंत्र को पहचाने और समस्याओं का डट कर सामना करें। ईश्वर की शरण में जाएं, क्योंकि दुश्मन क्या मारेगा जब दोस्त हो ऊपर वाला। और साथ ही साथ जहां तक सम्भव हो बेकार की यात्राओं से बचें। आर्थिक, सामाजिक और निजी सभी मामलों में संयम से काम लें। कष्ट की स्थिति में साधुओं और गुरुओं की सेवा करें। सब मंगल होगा। अब बात कन्या राशि की। 

कन्या: बृहस्पति का गोचर आपके लाभ भाव में हो रहा है और ऐसे में मैं आपको यही कहना चाहूंगा कि हाथ कंगन को आरसी क्या और पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या। इस गोचर की खुशबू को आप खुद अनुभव कर पाएंगें। इसके कारण आप उत्साह से भरकर कोई नया प्रयास कर सकते हैं जो आपके करिअर को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। आपके मित्र और भाई बन्धु भी खुशहाल रहेंगे। यदि आप किसी कम्पटीशन में भाग ले रहे हैं तो यकीन मानें सफलता आपके पाले में आती प्रतीत हो रही है। इस अवधि में आपके भीतर दार्शनिकता के भाव जाग सकते हैं। बृहस्पति के इस गोचर के कारण आप कोई साधना आदि करने का विचार भी बना सकते हैं। यानी इस गोचर के कारण आपकी पांचों उगलियां घी में रहने वाली हैं। फ़िर भी यदि कष्ट हो तो में पीपल के पेड़ में जल चढाएं। सब मंगल होगा। अब चर्चा तुला राशि की।

तुला: बृहस्पति का गोचर आपके दशम भाव यानी कि कर्म भाव में हो रहा है। जिससे आपके कर्मों में शुद्धता आएगी। आप अच्छे कर्म करेंगे। और कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करै सो तस फल चाखा। अत: अपने अच्छे कर्मों के कारण बड़ी उपलब्धि पाएंगे। आप आपने व्यापार व्यवसाय में बहुत अच्छा करेंगे। यदि आप पिछले दिनों से अपने काम धंधें को विस्तार देने की सोच रहे हैं तो आपके सपनों को साकार करने में बृहस्पति का आशिर्वाद आपके कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है। और यदि आप नौकरीपेशा हैं तो भी नौकरी में तरक्की होने के योगायोग मजबूत हो रहे हैं। साथ ही साथ इस गोचर के कारण आपको व्यापार और नौकरी के सिलसिले में घूमने फिरने के खूब मौके मिलेंगे। और आपका पारिवारिक जीवन भी खुशहाल रहेगा। कष्ट की स्थिति में धार्मिक स्थानों में बादाम बाटें। सब मंगल होगा। अब बात भचक्र की आठवीं राशि यानि कि वृश्चिक राशि की।

वृश्चिक: बृहस्पति का गोचर आपके भाग्य स्थान पर हो रहा है यह गोचर अपने पैरों पे खड़े होना का जज्बा देता हैं भाग्योदय में सहायक होता है इसलिए आपके भीतर प्रचुर उत्साह और विश्वास जागेगा, जिसके कारण एक तीर से दो शिकार वाली कहावत को चरितार्थ कर पाएंगे यानि की आप अपने काम धंधे में तो सफलता पाएंगे ही साथ ही साथ आपके सम्मान में भी बढ़ोत्तरी करने के इन्तेजाम कर लेंगे। घर परिवार का माहौल शांत और सुखद रहेगा। घर परिवार में किलकारियों के गूंजने के भी योग दिख रहे हैं। इस गोचर के कारण लम्बी यात्राओं के माध्यम से भी फ़ायदा होता नजर आ रहा है। धर्म स्थान में बृहस्पति के कारण आप किसी धार्मिक या सामाजिक क्षेत्र के मुखिया या संत के सम्पर्क में भी आ सकते हैं और कहा गया है कि बिनु हरि कृपा मिलहिं नहीं संता यानी ईश्वर की कृपा भी आप पर बनी रहेगी। आपका मन योग क्रिया में भी लग सकता है। कष्ट की स्थिति में मांस मदिरा से बचें और बहते पानी में चावल बहाएं। सब मंगल होगा। अब चर्चा धनु राशि की।

धनु: बृहस्पति का गोचर आपके अष्टम भाव में हो रहा है और बृहस्पति का अष्टम भाव में गोचर अनुकूल नहीं माना गया है अत: मन कुछ हद तक अशांत रह सकता है। अत: मन को संयमित करें इसके बाद ही किसी भी तरह का प्रयास करें क्योंकि संयमेन कृतो अभ्यास: शीघ्रम सिद्धिम प्रयच्छति। इस अवधि में कुछ हद तक अस्वस्थता का अनुभव हो सकता है। लेकिन बृहस्पति आपका राशि स्वामी है अत: इसके शुभ फल भी आपको मिलेंगे। आपका मन कुछ गूढ़ विद्याओं को जानने और उन पर अमल करने की ओर आकृष्ट हो सकता है। साथ ही कहीं से अचानक धन की प्राप्ति भी हो सकती लेकिन फिर भी इस समय पूंजी निवेश करना ठीक नहीं होगा। क्योंकि एक कहावत है कि गधे को खिलाने से न पुण्य होता न पाप वैसे ही इस निवेश का कोई फायदा नहीं होगा। इस समय किसी भी मामले में किसी और के भरोसे रहना भी ठीक नहीं होगा बल्कि आत्मनिर्भर रहना ही उचित होगा। कष्ट की स्थिति में घी, आलू और कपूर मंदिर में दान करें। सब मंगल होगा। अब बात मकर राशि की।

मकर: बृहस्पति आपके सप्तम भाव में गोचर कर रहा है और बृहस्पति का सप्तम भाव में गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है अत: आपकी आकांक्षाओं की पूर्ति होगी। लेकिन ऐसा कब होगा, भई कर ले सो काम, भज ले सो राम यानी अवसर को पहचान कर काम पर लग जाओ तो निश्चित है काम धंधा बेहतर होगा। यदि आप नौकरी करते हैं तो उसमें तरक्की होने के योग मजबूत हो रहे हैं। घर परिवार का माहौल काफी बेहतर होने वाला है। जीवन में जो भी कठिनाइयां चली आ रही थीं अब उनके जाने का समय आ चुका है। आप की संगति विद्वानों से होने वाली है अत: जीवन में और भी सहजता आएगी। यदि आप विवाह योग्य हैं तो शहनाइयां बजने का समय आ चुका है यानी विवाह होने की सम्भावनाएं प्रबल हो रही हैं। विवाहित लोगों का वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा। आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी साथ ही आपकी प्रसिद्धि के योग प्रबल होंगे। यदि इतने पर भी कष्ट का अनुभव हो तो कष्ट की स्थिति में भगवान शिव की पूजा करें। सब मंगल होगा। अब बात कुम्भ राशि की।

कुम्भ: आपके छठे भाव में बृहस्पति का गोचर इस बात का संकेत कर रहा है कि खरी मजूरी, चोखा काम यानी यदि जिसप्रकार किसी मजदूर को नकद मजदूरी देने पर वह बढिया काम करता है ठीक वैसे ही यदि आप कड़ी मेहनत करेंगें तो आपको अनुकूल परिणाम जरूर मिलेंगे। नौकरी पेशा को और अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। बेहतर होगा कि आप विवादों से दूर रहें और विरोधियों की रणनीति को बारीकी से समझें। हालांकि मुकदमाबाजी और न्यायालयों के मामलों के लिये यह समय अच्छा है। फैसले आपके फेवर में हो सकते हैं। लेकिन फ़िर भी अन्य मामलों में आत्मनिर्भरता जरूरी होगी। यदि कोई ऐसा व्यक्ति आपका हितैषी बनने का दिखावा करे तो उससे सावधान रहें क्योंकि खाल ओढ़ाए सिंग की स्यार सिंह नहीं होय। यानी कि शेर की खाल ओढ़ ले ने सियार शेर नहीं हो जाता अत: बारीकी से जांच कर ही उसे मित्र बनाएं। कष्ट की स्थिति में पुजारी को कपड़े और चंदन भेंट करें। सब मंगल होगा। अब बात भचक्र की अंतिम राशि मीन राशि की।

मीन: देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके पंचम भाव में होने जा रहा है अत: बृहस्पति आपको लाभ पहुंचाने का वादा कर रहे हैं। इस कारण आपके घर परिवार में किसी शुभ कृत्य का आयोजन हो सकता है। इस समय आपकी प्रज्ञा प्रबल रहेगी और आपका सही निर्णय आपको सफलता दिलाता रहेगा। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। बेकार के सौदों को आप टका सा जबाब देने के मूड में रहेंगे। सही भी है घड़ी भर की बेशर्मी, दिन भर का आराम। यदि आप नौकरी पेशा हैं तो नौकरी में सुखद परिवर्तन सम्भव है या आपने परिवर्तन नहीं किया तो प्रमोसन हो सकता है यानी चिट भी आपकी और पट भी आपकी। आपके मित्र व हितैषी आपका पूरा सहयोग करेंगे। इस गोचर के कारण धार्मिकक्रिया कलापों से आपका जुड़ाव होगा और आपका सामाजिक दायरा बढे़गा। कष्ट की स्थिति में पुजारियों और साधुओं की सेवा करें। सब मंगल होगा।

आशा है बृहस्पति के गोचर के फल और उपायों को जानकर आप लाभान्वित जरूर होंगे, ईश्वर सबका भला करे। 

नमस्कार!

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2 comments:

  1. Pandit ji mera present bohot kharab chal raga hai. Business me partner ne dhokha diya, bina vajah kalank bhi lagane KI koshish KI gae. Jara meri kundli dekhke samadhan bataiye. Mera date of birth hai 19/10/1984 place mathura time 4:35 pm

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  2. Panditji mera nam Bhavesh he or dob 03.01.1984 time 9:00pm he place vallabhipur, Gujarat he.

    Me business karna chahta hu, pls. mere liye a66a business bataye.

    Yours faithfully

    Bhavesh

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