कार्तिक पूर्णिमा - मुहूर्त एवं पूजा विधि

आज यानि 6 नवंबर 2014 को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से जानी जाने वाली यह पूर्णिमा शिव तथा वैष्णव सम्प्रदायों के लोगों द्वारा मनाई जाती है। पढ़िए पं. दीपक दूबे जी द्वारा रचित यह लेख और जानिए आज के दिन का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि।

6 नवंबर, 2014, को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी

महत्वपूर्ण राशिफल:

कार्तिक पूर्णिमा 2014: पूजा मुहूर्त


पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 06 नवंबर, 2014, 05:36 am 
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 07 नवंबर, 2014, 03:52 am 
चंद्रोदय: 06 नवंबर, 2014, 05:16:27 pm 


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हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। इस वर्ष, अर्थात 2014 में यह 6 नवंबर, गुरुवार के दिन पड़ रही है। कार्तिक पूर्णिमा शिव तथा विष्णु दोनों ही सम्प्रदायों के लोगों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण होती है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। सिख संप्रदाय के लोग आज गुरु नानक की जयंती के उपलक्ष्य में प्रकाशोत्सव मनाते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा 2014: शास्त्रों के अनुसार 


पुराणों के अनुसार आज के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अपना पहला अवतार लिया था। भगवान विष्णु ने पृथ्वी को बचाने के लिए मत्स्य अवतार लिया था। साथ ही आज के ही दिन त्रिपुर नाम के महा भयंकर असुर का संहार भगवान शिव ने किया, अतः सभी देवताओं तथा स्वयं श्री विष्णु ने उन्हें त्रिपुरारी की संज्ञा दी और इसी कारण इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा 2014: स्नान - दान 


ऐसी मान्यता है कि आज के दिन गंगा या किसी पवित्र नदी अथवा तीर्थ स्थान में स्नान और उसके उपरांत दान करने से ऐश्वर्य, आयु तथा आरोग्य की वृद्धि होती है। शिव संप्रदाय के लोग आज शिव की तो वैष्णो संप्रदाय के लोग श्री विष्णु की आराधना करते हैं। आज बछड़े के दान का भी बहुत अधिक महत्त्व है। 

ऐसी मान्यता है कि यदि आज भरणी नक्षत्र हो तो इसका महत्त्व और बढ़ जाता है, और इस पूर्णिमा को चंद्रोदय के समय भरणी नक्षत्र हो रही है, अतः इस कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व कई गुना अधिक है। 



आज का पर्व!


आज दादरी मेला है। कार्तिक पूर्णिमा से आरम्भ होने वाला यह मेला लगभग दो सप्ताह तक चलता है, जिसमें बछड़ों को बेचा एवं खरीदा जाता है।

गुरु नानक जयंती का शुभ दिन भी आज है। आज के दिन सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्म दिन मनाया जाता है।

आज वाराणसी में देव दीपावली मनाई जाती है। वैदिक मन्त्रों के उच्चारण से प्रारम्भ होने वाले इस दिवस में श्रद्धालु भगवान को याद करते हुए हज़ारों दिए गंगा में प्रवाहित करते हैं।

भीष्म पंचक आज समाप्त है। अपने दुःख-दर्द से मुक्ति पाने का और जीवन में खुशियों का आगमन करने के लिए यह अति उत्तम दिन है।

तुलसी विवाह महोत्सव आज समाप्त है।

आज से पुष्कर मेला आरम्भ है। पांच दिन तक चलने वाला यह मेला प्रत्येक वर्ष देश-विदेश से हज़ारों पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
आपका दिन मंगलमय हो! 

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